फैमिली सेक्स कहानिया हिंदी में परिवार में गर्म चालू लड़की अपनी वासना में, हवस में क्या क्या कर बैठती है, वो सब पढ़ें. उसने अपनी जवान बेटी को पहले एक नीग्रो से चुदवाया और फिर …
मेरी पिछली कहानी
माँ बेटी की एक साथ घमासान चुदाई
में आपने पढ़ा कि मेरी शादी के बाद मेरे पति का लंड नाकारा रहा, मेरी चूत चुद नहीं पायी. मैंने एक दिन अपनी मम्मी को पापा के दोस्त के लंड से चुदते देखा.
तो मैंने मम्मी से बात की और मम्मी ने मुझे पापा से चुदवा कर मजा दिया.
थ्रीसम की यह चुदाई मेरी यादगार चुदाई बन गयी।
हम तीनों के बीच कोई शर्म संकोच या झिझक नहीं रही।
अब आगे फैमिली Xxx कहानिया हिंदी में:
हम एक दूसरे से गन्दी गन्दी बातें करने लगी और प्यार से गालियां भी देने लगीं।
मम्मी ने कहा- बुर चोदी सजनी, रंडी की औलाद … सच बता चुदाई में मज़ा आया या नहीं?
मैंने जवाब दिया- हां मेरी भोसड़ी वाली सुनीता … तू तो बहुत बड़ी रंडी बन चुकी है. बहन की लौड़ी बेटी की चूत में लण्ड पेलती है। तू बहुत बड़ी छिनार है।
बीमार पापा को ठीक किया सेक्स की मदद से-Baap Beti Ki Chudai
पापा ने कहा- मैं बेटी नहीं एक रंडी चोद रहा हूँ। इसकी चूत मुझे पसंद आ गयी है।
एक दिन मैं घर में अकेली थी, मम्मी बाहर गयी थीं।
इतने में पापा आ गए।
वे अपने कमरे में गये और आवाज़ लगाई- बेटी सजनी, ज़रा यहाँ आना।
मैं जब पहुंची तो देखा कि पापा एकदम नंगे बिस्तर पर लेटे हैं।
मुझे देखकर वे बोले- बेटी सजनी, आओ और मेरे लण्ड पे बैठ जाओ।
मैं भी गर्म हो गयी और कपड़े उतार कर नंगी नंगी उसके लण्ड पर बैठ गई तो लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया।
उछल उछल कर मैं लण्ड चोदने लगी।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से लण्ड मेरी गांड में पेल दिया।
मैंने कहा- अरे यार, बहन के लौड़े … ये क्या कर रहा है तू मादरचोद?
वह बोला- मैं इस हरामजादी सजनी की गांड मार रहा हूँ। अभी इसकी गांड मारूंगा फिर इसकी माँ की गांड मारूंगा। इन दोनों की गांड बहन चोद बड़ी मस्त है।
फिर तो पापा ने मेरी गांड मार मार मेरी गांड में दम कर दिया।
मुझे गांड में लण्ड पेलवाने में उतना ही मज़ा आया जितना की चूत में पेलवाने में!
इस तरह पापा कभी हम दोनों माँ बेटी को एक साथ चोदते कभी अलग अलग चोदते।
मैं पूरी तरह इस चुदाई में लिप्त हो गयी और एन्जॉय करने लगी।
सिर्फ पापा से ही नहीं बल्कि मम्मी मुझे पापा के दोस्तों से भी चुदवाने लगीं, गांड में भी लण्ड ठुकवाने लगी।
मैं मम्मी के साथ नए नए लण्ड का मज़ा लूटने लगी।
मुझे मम्मी की चुदाई देख कर बड़ा मज़ा आने लगा तो मम्मी को मेरी चुदाई देख कर मज़ा आने लगा।
कभी पापा का लण्ड, कभी उनके दोस्तों के लण्ड और कभी अपने रिश्तेदारों के लण्ड का मज़ा लेते लेते कई साल गुज़र गए।
एक दिन मैं सज धज कर एक शॉपिंग हाल में घूम रही थी।
मैंने बड़े टाइट कपड़े पहन रखे थे।
मेरी बड़ी बड़ी चूचियों का साइज लोगों को साफ़ साफ़ दिख रहा था।
मेरे चूतड़ भी उभरे हुए थे तो लोग पीछे से मेरी मटकती हुई गांड देख रहे थे।
जो मुझे देखता, वही अपना लण्ड सहलाने लगता।
तभी मेरी नज़र एक मस्त जवान नीग्रो पर पड़ी।
वह काला जरूर था लेकिन था बड़ा हैंडसम और स्मार्ट!
मैं उसे ललचाई नज़रों से कुछ देर तक देखती रही.
और तभी अचानक वह मेरे पास आ गया।
वह मेरे पास आते ही बोला- मैडम आप बहुत खूबसूरत लग रहीं हैं।
मैंने कहा- हैंडसम तो तुम भी बहुत लग रहे हो। क्या नाम है तुम्हारा?
वह बोला- मैं एक नीग्रो हूँ नाम मेरा डेविड है मैं इसी शहर में रहता हूँ। मेरा घर पास में ही है।
फिर थोड़ी इधर उधर की बातें हुई और फिर बीच में वह बोला- मैडम, आप मेरे घर चलिए न प्लीज!
मैं भी रोमांटिक मूड में थी तो उसके साथ उसके घर पहुँच गयी।
उसने दरवाजा अंदर से बंद करके मुझे सोफ़ा पर बैठ दिया।
फिर बिना पूछे ही वह दो पैग ड्रिंक्स बना लाया और एक मुझे पकड़ा दिया।
मैं मना न कर सकी और उसके साथ दारू पीने लगी।
दारू का थोड़ा नशा चढ़ा तो वह खुलने लगा और मैं भी खुलने लगी।
मैंने पूछा- अकेले ही रहते हो क्या?
वह बोला- हां मैडम. अकेला ही रहता हूँ। बिज़नेस करता हूँ। मस्त रहता हूँ।
मैंने मुस्कराते हुए फिर पूछा- मस्त कैसे रहते हो?
वह बोला- अब आपसे क्या छुपाना … मुझे यहाँ कुछ लड़कियां मिल जातीं हैं तो मज़ा कर लेता हूँ।
मैंने कहा- बड़े छुपे रुस्तम हो।
फिर अचानक मैं बोली- यार, मुझे बाथरूम जाना है।
वह बोला- किसलिए?
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तो मैंने खुल कर कहा- मूतने के लिए यार और किसलिए?
वह बोला- तो यहीं मूत लो न मैडम!
मैंने कहा- यार, मजाक न करो … बाथरूम बताओ मुझे … कहाँ है?
उसने इशारा किया तो मैं सीधे बाथरूम में घुस गयी।
मुझे प्रेशर बहुत था तो मैं दरवाजा बंद नहीं कर पाई।
मैं मुड़ी तो देखा वह सामने खड़ा है।
मैं बोली- तुम यहाँ कैसे?
वह बोला- मुझे भी मूतना है मैडम!
वो आगे बढ़ा और अपना लण्ड निकाल कर मूतने लगा।
मैं बगल से झांक कर उसका लण्ड देखने लगी।
लण्ड उसका खड़ा था तो मुझे आसानी से दिख गया.
उसका लण्ड देख कर मेरी गांड फट गई।
मैंने मन में कहा कि लौड़ा तो इसका बड़ा शानदार है। टोपा साला बड़ा सेक्सी लग रहा है।
मेरी चूत साली गीली हो गयी।
मुझसे रहा न गया।
तो जब वह मूतने के बाद लण्ड हिलाने लगा तो मैंने बगल से उसका लण्ड पकड़ लिया।
मेरे लण्ड पकड़ते ही वह बोला- अरे मैडम, ये आप क्या कर रही हैं?
मैंने कहा- मैं कुछ नहीं कर रही हूँ यार!
जो कुछ हो रहा है, वो तेरा लण्ड कर रहा है। देख न कैसे खड़ा होकर मुझे सलामी दे रहा है। मुझे चिढ़ा रहा है। कहता है कि मैडम मुझे पकड़ कर देखो तो मैंने पकड़ लिया।
मेरे पकड़ते ही लण्ड साला कड़क हो गया।
मुझे पता चला की इसका लण्ड साला मेरे पापा के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी ज्यादा है।
मैं मस्ती से लण्ड हिलाने लगी.
काला काला बिना झांट का लण्ड बहनचोद अज़गर जैसा लग रहा था।
लण्ड का लाल लाल टोपा बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रहा था।
मैंने उसे बाथरूम में ही पूरा नंगा कर दिया।
तो उसने मुझे नंगी कर दिया।
फिर हम दोनों बाहर निकल आये।
बाहर आते ही वह मुझ पर टूट पड़ा।
उसने मुझे अपने नंगे बदन से चिपका लिया और मेरे नंगे जिस्म से खेलने लगा।
वह मुझे चूमने चाटने लगा और मेरी चूचियाँ मसलने लगा।
लेकिन मैंने उसका लण्ड नहीं छोड़ा, मैं लण्ड मुठ्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी।
फिर हम दोनों 69 बन गए।
वह मेरी बुर चाटने लगा और मैं उसका लण्ड चाटने लगी।
लण्ड से मेरी नज़र हट ही नहीं रही थी।
तब मुझे मालूम हुआ कि काला लण्ड कितना प्यारा और क्यूट होता है।
मेरी चूत भट्ठी की तरह जलने लगी और तब मैं बोली- यार डेविड, पेल दो अपना ये भोसड़ी का लण्ड मेरी चूत में! चोदो मुझे … मैं बहुत गरम हो गई हूँ। मैं अब रुक नहीं सकती यार … चोदो मुझे!
उसने लण्ड एक ही धक्के में पूरा घुसा दिया अंदर!
मुझे ज़न्नत का मज़ा आया और मैं रंडी की तरह धकाधक चुदवाने लगी, अपनी गांड हिला हिला के चुदवाने लगी।
पहली बार कोई नीग्रो मुझे चोद रहा था।
एक बात बताऊँ दोस्तो … मुझे पापा से ज्यादा नीग्रो से चुदवाने में मज़ा आ रहा था।
उसका लण्ड भी बेहतर था और चोदता भी बढ़िया था।
फिर मैंने उससे 2 बार चुदवाया।
दोनों बार उसने मुझे पहले खलास कर दिया और खुद बाद में खलास हुआ।
फिर मस्ती से चुद कर मैं अपने घर वापस आ गई।
दूसरे दिन फिर मुझे उससे चुदने की तलब लगी तो मैंने उसे फोन कर दिया।
वह बोला- जानेमन, जल्दी आ जाओ. मैं अकेला ही हूँ. खूब पेलूँगा. मज़ा आ जायेगा।
मैं फ़ौरन उठी और दौड़ कर चली गई।
इस बार उसने मुझे 2 बार चोदा और एक बार गांड भी मारी।
मैं मादरचोद उसके लण्ड की गुलाम हो गई।
चलते समय वह बोला- यार सजनी, मैं एक 19/20 साल की लड़की चोदना चाहता हूँ और एक बड़ी उम्र की औरत के भोसड़ा में लण्ड पेलना चाहता हूँ। तुम मेरी मदद करो प्लीज!
मैंने थोड़ा सोचा, फिर कहा- लड़की की चूत तो अभी मिल जाएगी. पर औरत का भोसड़ा बाद में मिलेगा।
वह बोला- ठीक है यार … मैं इंतज़ार करूँगा।
दोस्तो, मैं एक राज़ की बात बता रही हूँ आपको!
मेरी एक बेटी है माला।
वह 19 साल की है।
माला पापा के लण्ड से ही पैदा हुई थी।
इस तरह वह बुरचोदी मेरी बेटी भी है और बहन भी।
मैंने सोचा कि मैं उसी को पेश कर दूँ नीग्रो के आगे!
बेटी भी जवानी का मज़ा लेना शुरू कर दे।
उसको लण्ड के लिए वो परेशानी न झेलना पड़े जो मैंने झेला है।
वह मेरी तरह लण्ड के लिए कभी न तरसे।
फिर क्या … मैं उसे तैयार करने लगी।
उसी रात को 10 बजे मैंने माला को अपने कमरे में बुलाया।
जब वह आयी तो मैं बिलकुल नंगी नंगी लेटी थी।
वह मुझे देख कर बोली- मम्मी तुम नंगी क्यों हो?
मैंने कहा- इसका जवाब मैं तब दूंगी जब तुम भी मेरी तरह नंगी हो जाओगी।
उसने मेरी बात मानी और नंगी हो गयी मेरे आगे!
मैंने उसे अपने नजदीक बुलाया और उसकी चूत सहलाकर बोली- यही वो चीज है जो हमें नंगी होने के लिए मजबूर करती है।
वह बोली- ये तो चूत है मम्मी।
मैंने कहा- पर इसमें घुसता क्या है … जानती हो?
वह बोली- हां जानती हूँ मम्मी!
मैंने कहा- तो फिर बताओ न क्या घुसता है चूत में?
वह तपाक से बोली- लण्ड घुसता है मम्मी जी चूत में!
मैंने कहा- इसका मतलब तुझे लण्ड चाहिए।
वह मेरी बात सुनकर मुस्कराने लगी और मैं उसकी चूत में उंगली करने लगी।
वह भी मेरी चूत में उंगली करने लगी।
मैंने कहा- देख बुरचोदी माला, अब तेरी चूत मेरी चूत के बराबर हो गयी है। अगर मेरी चूत को लण्ड चाहिए तो तेरी चूत को भी लण्ड चाहिए।
वह बोली- तो क्या आज ही लण्ड दे दोगी मेरी चूत को मम्मी जी?
मैंने कहा- आज नहीं पर हां जल्दी ही मैं लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में!
वह यह सुनकर मुझसे नंगी नंगी चिपक गयी।
मैंने उसके कान में कहा- आज से तू मेरी बेस्ट फ्रेंड है।
फिर रात भर हम दोनों माँ बेटी ने मिलकर लेस्बियन किया।
मैंने उसे बेहद बेशर्म बना दिया, गाली देना सिखा दिया।
फिर क्या … उसने मेरी चूत चाटी और मैंने उसकी चूत चाटी।
मैंने उसकी गांड चाटी, उसने मेरी गांड चाटी।
मैं बोली- बहन की लौड़ी, रंडी की औलाद, बुर चोदी तेरी चूत तो बहुत गर्म है माला!
वह बोली- हाय मेरी हरामजादी भोसड़ी वाली सजनी … तेरी माँ की चूत, साली तू अपनी बिटिया की बुर चाट रही है। बहुत बड़ी बेशर्म है तू बहनचोद!
मैंने कहा- तो क्या हुआ? तू भी तो मादरचोद अपनी माँ का भोसड़ा चाट रही है माँ की लौड़ी!
इस तरह वह एक ही रात में लण्ड लेने के लिए तैयार हो गयी।
मैं उसे चुपचाप नीग्रो के पास ले गयी, उससे मिलवाया।
वह साला हैंडसम तो था ही!
माला बोली- मम्मी, ये बड़ा सेक्सी लगता है।
मैंने उसके कान में कहा- इसका लौड़ा भी बड़ा सेक्सी है माला!
वह मुस्करा पड़ी।
फिर मैंने डेविड से खुल कर कहा- ले तेरी इच्छा पूरी हो गयी. मैं एक लड़की तेरे लिए लेकर आयी हूँ. 19 साल की है; बड़ा मज़ा देगी तुझे!
उसने ड्रिंक्स ऑफर की और हम तीनों शराब पीने लगे।
वह एक ढीली नेकर पहने हुए था।
मैंने देखा कि उसका लण्ड अंदर से उछाल मार रहा है।
मैं समझ गयी कि उसका लण्ड खड़ा है।
तब मैंने माला का हाथ पकड़ कर उसके लण्ड पर रखा और कहा- ले माला, अब तू खुद बुरचोदी इसका लण्ड बाहर निकाल कर देख ले।
वह भी उत्तेजित थी।
उसने भी देर नहीं लगाई और नेकर खोल कर लण्ड बाहर निकाल लिया और बोली- मम्मी, लण्ड तो मादरचोद बड़ा जबरदस्त है।
ऐसा बोल कर उसने लण्ड कई बार चूमा और जबान से लण्ड का टोपा चाटा।
तब तक मैंने उसके कपड़े उतार दिये, उसे बिल्कुल नंगी कर दिया.
और फिर मैं भी नंगी हो गई।
डेविड तो नंगा था ही!
माला उसका लण्ड चाटने लगी, मैं उसकी चूत चाटने लगी और डेविड मेरी चूत चाटने लगा।
हमारे बीच थ्रीसम का खेल शुरू हो गया।
बिना झांट का काला लण्ड बेटी माला को बहुत पसंद आ गया।
उसकी जबान लण्ड पर बिना रुके घूम रही थी।
वह हर तरफ से लण्ड चाट रही थी, पेल्हड़ भी चाट रही थी।
मेरी बेटी एकदम मस्त होती जा रही थी.
वह बोली- लौड़ा तो मेरे मनपसन्द का है मम्मी!
मैंने कहा- ये लौड़ा तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ चुका है बेटी माला … और आज तेरी माँ की बिटिया की चूत फाड़ेगा.
वह बोली- तुम तो रंडी हो चुकी हो मम्मी. और मुझे भी रंडी बना रही हो।
तब तक माला की चूत बहुत गर्म हो चुकी थी।
मैं लण्ड उससे छीन कर उसी की चूत पर रगड़ने लगी।
उसकी सिसकारियां निकलने लगीं और फिर नीग्रो ने लण्ड गच्च से अंदर पेल दिया।
चीख निकल पड़ी उसके मुंह से!
मैंने कहा- डेविड, इस माँ की लौड़ी को चीखने दो। तुम इसे चोदो, पूरा लौड़ा पेल पेल के चोदो। जैसे तुम मुझे चोदते हो, वैसे ही मेरी बेटी चोदो।
डेविड जुट गया और माला दर्द बर्दाश्त करती हुई चुदवाये चली जा रही थी।
मैं भी हैरान थी कि माला इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा लण्ड पेलवाये जा रही है।
मुझे तो सच में अपनी बेटी की चूत पर गर्व होने लगा।
कुछ देर बाद वह उठी और लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया, बोली- अब तुम मेरी माँ मेरे सामने चोदो। इस सजनी भोसड़ी वाली ने अपनी बेटी अपने सामने चुदवाई है. तो मैं भी अपने सामने अपनी माँ चुदवाऊंगी।
डेविड ने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और चोदने लगा।
माला उसके पेल्हड़ चाटने लगी और बीच बीच में लण्ड मेरी चूत से निकाल निकाल कर चाटने लगी।
इस तरह हम दोनों माँ बेटी बारी बारी से खूब चुदी और तीन तीन बार चुदी।
उसके बाद चुदाई का सिलसिला खूब चलता रहा.
कभी हम दोनों उसके पास चली जातीं चुदवाने कभी उसे बुला लेती हम दोनों को चोदने के लिए।
माला बिल्कुल चुदी हुई खिलाड़ी की तरह चुदवाने लगी.
एक दिन मेरे मन में आया कि क्यों न मैं पापा का लण्ड इसकी चूत में पेलूं; इसे पापा के लण्ड का मज़ा दूँ।
पापा भोसड़ी का माला का नाना भी था और पापा भी था।
मेरा पापा उसका पापा एक ही है।
जब मैं पापा से चुदवाती हूँ तो वो क्यों न चुदवाये?
बस मौका पाते ही एक दिन मैं रात में खुल्लम खुल्ला पापा से चुदवा रही थी।
मैं चाहती थी कि माला मुझे चुदवाते हुए देखे।
हुआ भी कुछ ऐसा ही!
मैं चुद रही थी तो वह यहाँ से निकलते हुए देख लिया।
फिर मैं उठी और नंगी नंगी उसके पास पहुँच गई।
उसका हाथ पकड़ कर पापा के पास ले आयी।
उसने पापा को एकदम नंगा देखा, पापा का लण्ड देखा तो वह गर्म हो गई।
बस फिर मैंने उसके हाथ में थमा दिया पापा का लण्ड!
मैं पापा को पहले ही तैयार कर चुकी थी।
पापा माला को चोदने के लिए राज़ी हो गये थे।
माला मस्ती से पापा का लण्ड चूसने लगी और मैंने फिर उसके कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया।
पापा उसकी नंगी चूत देख कर मदहोश हो गए।
कुछ देर बाद जब पापा ने लण्ड माला की चूत में पेला तो माला से ज्यादा मज़ा मुझे आया।
मैं जो चाहती थी, वही हो रहा था।
माला तो एकदम खुल कर बड़ी बेशर्मी से चुदवाने लगी; लण्ड पूरा का पूरा पेलवाने लगी।
वह बोली- भोसड़ी के नाना … मुझे मालूम था कि तुम मेरी माँ चोदते हो। मुझे भी उसी तरह चोदो जैसे मेरी माँ चोदते हो। तेरा लौड़ा मुझे पसंद आ गया है। मेरी चूत का बाजा बज रहा है बहनचोद। हाय रे चोद डाल … मुझे फाड़ डाल मेरी चूत मेरी मम्मी के आगे! मेरी मम्मी भी बुरचोदी आजकल अपनी बेटी खूब चुदवा रही है।
मैं एक हाथ से पापा के पेल्हड़ थामे थी और दूसरे हाथ से उसकी जाँघे सहला रही थी.
मेरे बाप का जोश बढ़ता ही जा रहा था और वह माला की चूत फाड़ने में जुट गया।
इतनी बढ़िया मस्तानी और तरो ताज़ा चूत उसे बहुत दिनों के बाद मिली थी चोदने के लिए!
कुछ देर बाद माला की चूत से पानी की धार बहने लगी।
मैं समझ गयी उसकी चूत की गर्मी निकल गयी।
फिर हम दोनों ने झड़ता हुआ लण्ड बड़े मजे से चाटा।
दूसरी पारी में पापा ने माला के सामने ही मुझे चोदा और खूब चोदा।
हम दोनों माँ बेटी ने चुदवा चुदवा कर खूब मज़ा लिया।
उसके बाद हम दोनों की एक साथ चुदाई का सिलसिला चलने लगा और आज भी हम दोनों केवल पापा से ही नहीं बल्कि कई लोगों से खुल्लम खुल्ला चुदवाती हैं।