चचेरे भाई की गांड मारी – Antarvasna Sex Story

Antarvasna Sex Story

देसी बॉय गांड सेक्स कहानी में मैं अपने रिश्ते में चाचा के घर गया. उनके बच्चों के लिए मियन महंगे गिफ्ट ले गया. उनका लड़का मुझे खेत घुमाने ले गया. वह मुझसे चिपका जा रहा था.

नमस्ते दोस्तो, आज मैं एक ऐसे घर की कहानी लाया हूँ जिसमें मैंने एक घर के हर एक सदस्य की चूत और गांड मारी थी.
लेकिन आज की सेक्स कहानी में मैं आपको उस परिवार के भाई बहन की चुदाई के बारे में लिख रहा हूँ।

दोस्तो, ये सिर्फ सेक्स कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है.

Antarvasna Sex Story

यह मसला तब का है जब मैं किसी काम से अपने रिश्तेदार के घर उसके गांव में गया था.
मैं वहां 3 से 4 दिन तक रुकने वाला था.

पहले मैं उस घर के सदस्यों से आपको मिलवा देता हूँ.

मेरी कसी चूत में भाई का मोटा लंड-Bhai Behan Sex Story

घर के मुखिया रिश्ते में मेरे चाचा लगते थे, पर दूर के थे.
उनकी उम्र 48 साल के आस-पास की रही होगी, उनका नाम संतोष था.

चाची, उनकी पत्नी का नाम सरोज था. चाची की उम्र 41 साल की रही होगी लेकिन वे माल लगती थीं.

मैं अक्सर उनसे नजरें मिलाया करता था कि किसी तरह से सैटिंग जम जाए.
चाची की दो संतानें थीं.
पहली लड़की थी, उसका नाम साधना था.
उसकी उम्र 20 साल के आस-पास की रही होगी.
साधना दिखने में निहायत ही खूबसूरत और जवान थी.

लड़की के बाद एक लड़का था.
उसका नाम जय था. उसकी उम्र 19 साल की होगी.
दिखने में ये साहब भी खूबसूरत थे और अपनी बहन व मां की तरह चिकने और गदराए हुए थे.

यह देसी बॉय गांड सेक्स कहानी इसी लड़के की है.

मैं सुबह वहां पहुंचा और चाचा को नमस्ते की, चाची के पैर छुए.
उन्हें भी नमस्ते कर सकता था. पर पैर छूने का अवसर मैं कैसे जाने दे सकता था.

मैंने दोनों हाथों से चाची के पैरों को दबाते हुए सहलाया.
फिर जब उनके बच्चे निकट आए, तो दोनों को गले से लगाया.

साधना को सीने से लगाते ही मैंने जान लिया था कि लड़की जवान हो चुकी है. उसके अमरूद जैसे मम्मे मेरे सीने में दब रहे थे.
कुछ देर तक मैंने उसको अपने गले से लगाए रखा … मजा आ गया.

उसके बाद मैं नहाने चला गया.
नहाकर आने के बाद चाची ने चाय दी.

चाय खत्म करके मैंने बैग खोला जिसमें से मैंने गिफ्ट निकाले … जो मैं इनके घर के हर सदस्य के लिए लाया था.

लड़की के लिए मोबाइल था, लड़के के लिए वीडियो गेम था.
चाची के लिए एक साड़ी और दो मैक्सी लाया था … और चाचा के लिए शर्ट व पतलून लाया था.

महंगे उपहार देख कर सब बहुत खुश हुए.
फिर मैं बोला कि जरा, गांव में घूम आता हूँ.

तो लड़का मेरे साथ चल दिया.
हम लोग घर से काफी दूर खेतों में आ गए जहां ट्यूबवेल लगा था, वहां आ गए.
वहां एक झोपड़ी बनी थी.

मैं बोला- जय पानी तो पिला!
वह मेरे लिए पानी ले आया.

मैंने पानी के बर्तन को मुँह से लगा कर पानी पिया और बचा हुआ पानी जय ने भी अपने मुँह को लगा कर पिया.

मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था.
अब हम दोनों खेतों में घूम रहे थे.

जय बार बार मुझसे चिपका जा रहा था.
उसकी इसी बात से मुझे उसकी नियत पर शक हुआ.

तो मैंने उससे पूछा- अच्छा एक बात बता जय, तुझसे कोई लड़की पटी की नहीं … गर्लफ्रेंड है या नहीं?
इस बात पर वह शर्मा गया और बोला- भैया, मुझे लड़की पटाने में इंट्रेस्ट नहीं है!

उसकी यह बात सुनते ही मेरा दिमाग चलने लगा.

मैंने उससे पूछा- अच्छा एक बात बता, तेरे सामने जंगल में एक लड़का और एक लड़की आ जाएं और वे दोनों तुम्हें बुलाएं, तो तुम किसके पास जाओगे?
वह बोला- मैं लड़के के पास जाऊंगा. लड़के अच्छे होते हैं.

मैं समझ गया कि लौंडा माशूक किस्म का मीठा बालक है.
फिर मैं उससे बोला- तू मुझे कोई ऐसी जगह दिखा, जहां कोई जल्दी जाता ना हो … मतलब एकांत हो. तू जानता है न ऐसी जगह?

वह हां बोला और मुझे गन्ने के खेत में ले गया.
उधर बीच खेत में एक जगह ऐसी बनी थी, जैसे वहां चुदाई चलती हो. मस्त घास बिछी थी.

मैंने उससे पूछा- अब सच सच बता, तुझे यह जगह कैसे मालूम है?
वह बिना डरे बोला- पहली बार मैं यहां आया था तो यहां बाजू वाले भैया अपनी गांव की कुसुम दीदी को यहां नंगी करके उस पर चढ़े हुए थे.

Antarvasna Sex Story

मैं बोला- अच्छा … और किसे किसे देखा यहां?
तो वह धीरे से बोला- पप्पा को.

मैं बोला- उनके साथ कौन थी?
तो वह बोला- थी नहीं, था … अपने बगल वाले गोवर्धन चाचा!
मैं बोला- वे क्या कर रहे थे?

इस पर वह चुप हो गया था.
मैंने उससे फिर से पूछा- मुझे नहीं बताएगा?

तो वह बोला- भैया आप किसी से कहेंगे तो नहीं ना?
मैंने कहा- जय मुझ पर भरोसा रख और बता!

वह बोला- भैया, यहां पप्पा नंगे सोये थे. वे अपने पैर ऊपर किए हुए थे और चाचा उनके अन्दर अपना लं …
बस इतना बोल कर वह चुप हो गया.

भतीजे का लंड देखकर चाची हुई बावली-Chachi Ki Chudai

मैं बोला- बोल दे जय, हम दोस्त हैं. दोस्ती में सब चलता है यार!
तब वह बोला- चाचा नंगे होकर अपना लंड पप्पा के पिछवाड़े में डाल कर पप्पा को ठोक रहे थे.

मैं बोला- उस समय तेरे साथ कोई था क्या?
इस बात पर वह चुप रहा.

मैं फिर से बोला- यार हम दोस्त है ना … बता न … मैं किसी को नहीं बताऊंगा.
यह कह कर मैंने उसको अपने पास खींचा और गले में हाथ डाल कर अपने आप से सटा लिया.

मैं उसके कान के पास अपने होंठ ले जाकर गर्म हवा छोड़ते हुए बोला- बता दे न कौन था!
तो वह बोला- गोवर्धन चाचा का लड़का साथ में आया था. मैं उसे राजू भैया बुलाता हूँ. वही मुझे यह सब दिखाने के लिए लाया था.

“फिर क्या हुआ?”
वह बोला- भैया ने मुझे वह सब दिखाया और चुप रहने को बोला … और यह भी बोला कि हम लोग ऐसा मजा लेकर देखते हैं.

मैंने पूछा- फिर?
“फिर उसकी बात खत्म हुई तो वह मेरे पीछे हो गया. मुझे लगा वह मुझे सही से दिखाना चाहता होगा इसलिए पीछे गया है, पर उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा. मेरे नजदीक आया और मुझसे पीछे से चिपक कर खड़ा हो गया.”

मैंने उसे टोका- अरे … फिर?

वह- फिर उसने मेरे कंधे का हाथ थोड़ा नीचे सरकाया और वह मेरे एक दूध को दबाने लगा. उसने अपने हाथ की दो उंगलियों की चुटकी में मेरे दूध की नोक को पकड़ा और मसलने लगा. मुझे भी कुछ कुछ होने लगा. वहां सामने पप्पा चुद रहे थे और यहां भैया मुझ पर हाथ साफ कर रहे थे. मुझे अजीब सा लगा … पर अच्छा लग रहा था.

मैंने कहा- फिर?
“फिर भैया ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरे पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा. मुझे गुदगुदी हुई, पर मैं खड़ा रहा. मेरी नुन्नू कड़क हो गयी थी. मुझे पीछे भी कुछ चुभने लगा था.”

“इसके बाद क्या हुआ?”
“फिर मैंने अपना हाथ पीछे ले जाकर देखा तो वह भैया का लंड था. उनका लंड एकदम कड़क हो गया था. मैं डर गया और अपना हाथ खींच लिया. भैया ने फिर से मेरा हाथ पकड़ कर पीछे अपने लंड पर रख दिया.”

“फिर?”
“अब मैं चुपचाप भैया का लंड हाथ में पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगा. इससे भैया की हिम्मत बढ़ गयी. उन्होंने मेरी चड्डी उतार दी. मैं अजीब सी नजरों से भैया को देखने लगा.”

“अरे … फिर?”
“फिर वे मुझे खा जाने वाली नजरों से देखने लगे थे. उनकी आंखें लाल हो गयी थीं. मुझे डर लगने लगा था. तब तक सामने चाचा ने अपना पानी पप्पा की गांड में गिरा दिया था. अब वे दोनों उठे और चले गए.”

“और भैया ने क्या किया?”
“फिर भैया ने मुझे उठाया और उसी जगह पर ले गया, जहां पप्पा चुद रहे थे. मैं समझ गया कि अब मेरी बारी है. तब तक भैया ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और वे खुद भी नंगे हो गए.”
“हम्म …!”

“भैया का लंड था तो पतला, पर बहुत कड़क हो गया था. उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से मेरी गांड के छेद को चाटने लगे. मुझे बड़ा मजा आया, ऐसे लगा जैसे भैया बस मेरे छेद को यूं ही चाटते रहें.”

“हूँ … मतलब तुझे मजा आ रहा था?”
“हां … फिर उन्होंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और मेरी गांड के छेद पर अपना लंड टिका दिया. मुझे बड़ा अजीब लगा, पर अच्छा भी लगा. मेरी गांड भी खुजलाने लगी थी. फिर उन्होंने मेरी कमर पकड़ ली और एक जोर का धक्का लगा दिया. उनके इस धक्के से मेरी सांसें अटक गईं. मुझे बहुत दर्द हुआ.”

“फिर?”
“फिर क्या … पहली बार मेरी गांड में कुछ घुसा था. मैं चिल्ला दिया ‘ऊई मां भैया निकालो’ मगर तब तक भैया ने एक और धक्का दे मारा और इस बार उनका पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर तक घुस चुका था. मैं रोने लगा और छटपटाने लगा. पर भैया के चंगुल से नहीं छूट सका. ना ही भैया रुके … उन्होंने मेरा मुँह बंद कर दिया और मुझे चोदने लगे. कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा. मैं भी साथ देने लगा.”

“फिर क्या हुआ?”
“फिर भैया ने मुझे सीधा किया, पर लंड बाहर निकाले बिना … और वे मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे दोनों पैर ऊपर करके मुझे चोदने लगे. कुछ देर बाद मेरे लंड में से मेरा पानी निकल गया. भैया फिर भी नहीं रुके. उन पर तो जैसे कोई और सवार था बस … वे मुझे चोदे जा रहे थे. मेरा पानी दोनों के बदन से चिपक गया था. कुछ देर बाद भैया का लंड मेरे अन्दर ही फूलने लगा और उन्होंने मेरे अन्दर ही अपना पानी निकाल कर मेरे ऊपर ही सो गए.”

Antarvasna Sex Story

एक पल रुकने के बाद जय आगे बताने लगा.

“भैया से गांड मरवा कर बड़ा मजा आया था. हां थोड़ा दर्द हुआ, पर गांड की खुजली मिट गयी.”

फिर मैं उससे बोला- आज अपने इस भैया से नहीं चुदेगा क्या जय?
वह शर्माया, पर मेरे नजदीक ही खड़ा रहा.

मैंने उसे नीचे बिठाया और अपना लंड बाहर निकाल कर उसके सामने लहरा दिया.
उसने हाथ से लंड को छुआ और हिलाने लगा.

मैं बोला- जय, कभी मुँह में नहीं लिया क्या किसी का?
वह हंस दिया और लंड मुँह में लेकर चूसने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उसके कपड़े उतार दिए.
एकदम चिकना लौंडा लग ऱहा था.
उसे देख कर मैं भी नंगा हो गया.

तब तक जय मेरा लंड मुँह में लेकर चूसता रहा था.
मैं समझ गया कि इसने बहुतों का लंड लिया है.

मैंने उसे उठाकर अपनी कमर पर ले लिया.

ये मेरा स्टाईल है. औरों की तरह करना मेरा शौक नहीं.
उसे उठा कर नीचे से अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर सैट किया और उसे लंड पर दबाता गया. जैसे जैसे वह नीचे जाता, लंड उसकी गांड के अन्दर घुसता जाता.
वह दर्द के मारे ऊपर को उठता, मैं फिर से उसे दाब देता.

अब दर्द तो होना ही था. मेरा लंड भी तो बड़ा और मोटा था.
उसका मुँह रोने जैसा हुआ, आखिरकार जय ने पूरा लंड अपने अन्दर समा लिया.
गांड का छेद अभी भी कसा हुआ ही था. मैं उसे हवा में ही झुलाता हुआ चोदे जा रहा था.

वह भी अपनी दोनों बांहें मेरे गले में डाल मेरे लंड पर झूला झूल रहा था. साथ साथ मीठे दर्द के मारे आह आह भी कर रहा था … पर चुदवाए जा रहा था.
मुझे भी मजा आया.

कुछ देर बाद मैंने उसे घास पर लिटाया और चोदने लगा.
फिर घोड़ी बना कर उसके ऊपर चढ़ गया.

गांड मारने के साथ साथ मैं उसका लंड भी सहला रहा था.
उसका लंड सिकुड़ गया था, पर कुछ मिनट बाद उसके लंड ने पानी छोड़ दिया.

सब मिलाकर करीब 35 मिनट तक मैंने उसकी गांड की चुदाई की.
बाद में मैं उसी की गांड में ही झड़ गया.

लंड का पानी निकलता रहा और मैं लंबी लंबी सांसें लेते हुए लौड़े को अन्दर पेले उसके ऊपर चढ़ा रहा.

झड़ने के बाद मेरा लंड अपने आप बाहर आ गया और उसी के साथ मेरा माल भी बहने लगा.
मैंने उससे पूछा- जय, मजा आया या नहीं?

तो वह बोला- भैया बहुत मजा आया … आपका लंड बहुत बड़ा और मजबूत है. आपने तो मेरे आंसू निकाल दिए. सबसे बढ़िया यह लगा कि आपने मुझे हवा में ही चोद दिया. पहली बार ऐसे चुदा हूँ मैं. बड़ा मजा आया भैया सच में बहुत मजा आया.
मैं बोला- मुझे भी बहुत मजा आया जय. अब से तुम मेरे हुए. मेरी डार्लिंग हुए समझे!

जय मुस्कुराने लगा.
हम दोनों अब घर की तरफ निकल गए.

दोस्तो, सेक्स कहानी के इस भाग में मैं आपको लड़के की गांड मारने कर मजा दे चुका हूँ.
इसके अगले भाग में आपको कमसिन लड़की की चूत चुदाई की कहानी का मजा पढ़ने को मिलेगा.

मेरे साथ बने रहें और मुझे मेल से जरूर बताएं कि आपको यह देसी बॉय गांड सेक्स कहानी कैसी लगी.
मेरी कई सेक्स कहानियां आ चुकी हैं, तो आप मुझे मेल करते समय कहानी का विवरण जरूर दें.

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Delhi Escorts Service