बीवी की जुदाई में कामवाली की कर दी चुदाई – Kamwali ki Chudai

Kamwali ki Chudai

देसी Kamwali ki Chudai सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी नयी नयी शादी हुई पर बीवी मायके चली गयी। मैंने अपने लंड की प्यास कामवाली की चूत मारकर शांत की। कैसे?

दोस्तो, मेरा नाम आर्यन सिंह है।

कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस हिन्दी सेक्स स्टोरी वेबसाइट के बारे में बताया था।

तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढ़ता हूँ और मजे लेता हूँ।

मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढ़ने को कहता हूँ।

मगर दोस्तो, आज मैं इस वेबसाइट पर स्टोरी पढ़ने नहीं, बल्कि अपनी सेक्स स्टोरी सुनाने के लिए हाजिर हुआ हूँ।

आशा करता हूँ कि यह कहानी सभी पाठकों को जरूर पसंद आएगी।

ये मेरी सच्ची देसी मेड सेक्स कहानी है।

पहले आप मेरे बारे में थोड़ा जान लें।

मैं आगरा का रहने वाला हूँ।

मेरी नयी नयी शादी हुई थी और मैं अपनी बीवी की मस्त चूत मारता था।

सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था कि कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आ गया।

Kamwali ki Chudai-1

मेरा साला आया और मेरी बीवी को ले गया।

लगभग 10 दिन बीतने के बाद मैं चूत के लिए तड़पने लगा।

मैं बार बार यही सोच रहा था कि काश कोई लड़की मुझे मिल जाए तो मैं उसे चोदकर अपने लंड की प्यास को शांत कर लूँ।

फिर मेरी 30 साल की कामवाली पर मेरी नज़र पड़ गयी।

दोस्तो, मेरी कामवाली हमारे घर में कई साल से काम कर रही थी।

उसकी शादी हो चुकी थी और 2 बच्चे भी थे।

मैंने इससे पहले अपनी कामवाली को बुरी नियत से नहीं देखा था लेकिन अब जब मेरी बीवी मेरे पास नहीं थी तो मैं अपनी नौकरानी की चूत चुदाई के बारे में सोच रहा था।

एक दिन मैं अपने घर के हॉल में बैठकर अखबार पढ़ रहा था तो कामवाली वहां पौंछा लगा रही थी।

वो बार बार कपड़े को बाल्टी के पानी में डुबाती थी और फिर पानी निचोड़कर फर्श पर झुक झुककर अच्छे से फर्श पौंछ रही थी।

उसका भरा हुआ जिस्म मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा था।

मेरा 7 इंच का लौड़ा बार बार खड़ा हो जाता था, मन करता था कि इसे कसकर यहीं घर में चोद लूँ, कौन सा किसी को पता चलेगा?

उसका फिगर 36-30-34 का था।

दोस्तो, इसी से आप समझ सकते हैं कि उसका जिस्म कितना भरा हुआ, सेक्सी और सुडौल होगा।

जब जब वो झुककर पौंछा मारती थी तो उसके 36 इंच के मम्में मुझे उसके ब्लाउज से दिख जाते थे और ब्लाउज के बाहर ही निकलने को हो जाते थे।

मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था; मैं लगातार उसे ताड़ रहा था।

उसने मुझे देख लिया और बोली- क्या साहेब, ऐसे मेरे को आप क्यों घूर रहे हैं?

एक बार तो मैं थोड़ा सकपका गया, मगर फिर कह दिया- ऐसे ही बस।

वो मुस्कराने लगी, शायद वो समझ गई थी।

उसके बाद मैंने नजर हटा ली।

मगर फिर वो जहां जहां जाती मैं उसके इर्द गिर्द चक्कर काटता रहता।

मेरा लंड मेरी लोअर में मुंह उठाये रहता।

वो भी देख रही थी कि मेरा लौड़ा गर्म हो रहा है।

फिर उसने पूछा- साहेब, मेमसाब कब वापस आएंगी?

मैंने कहा- अभी एक हफ्ते के बाद लौटेगी वो!

वो मेरी तरफ घूमकर बोली- इसलिए आप इतने परेशान हो रहे हो?

अब मैंने भी हिम्मत की और उसके सामने ही अपने लोअर के ऊपर से लंड को सहलाते हुए बोला- हां, नयी नयी शादी है, याद तो आएगी ही।

Kamwali ki Chudai-2

अब तुम तो मेरी कुछ मदद कर नहीं सकती हो।

वो बोली- मैं कैसी मदद करेगी साहेब, हम तो गरीब आदमी हैं।

मैं फिर से लंड को सहलाते हुए बोला- देख लो, कुछ जुगाड़ करवा सको तो अपने साहेब के लिए?

वो मेरे लंड की ओर देखकर शर्मा गई और नीचे मुंह करके मुस्कराने लगी।

मुझे लगा कि ये चूत देने के लिए तैयार हो जाएगी।

अब मैंने सीधे शब्दों में बात करने की सोची और बोला- हरीदा! (मेरी कामवाली का नाम) क्या तुम मुझे चूत मारने दे सकती हो?

वो बार बार शर्मा रही थी और उसका चेहरा लाल हो गया था।

मैं समझ गया कि मामला गर्म है, ये पट जाएगी।

वो पौंछा लगाती रही और मैं उसके सामने ही अपना तना हुआ लंड लिए घूमता रहा।

हरीदा लंड को देखती और नजर नीचे कर लेती।

जब वो बाल्टी उठाकर चलने लगी तो मैंने उसे पकड़ लिया।

उसकी चूत पर लंड लगाकर उसको बांहों में भींचते हुए मैं उसे किस करने लगा।

वो शर्माकर भागने लगी और पौंछे वाली बाल्टी गिर गयी और कमरे में सब तरफ पानी फैल गया।

मेरी कामवाली का पैर फिसल गया और वो गिर गई।

मैं उसे उठाने लगा तो मेरा पैर भी फिसल गया और मैंने उसके ऊपर ही गिर गया।

हम दोनों गंदे पानी में लोट पोट हो गये।

इतने में ही हम दोनों पूरी तरह से भीग गये थे।

मेरी कामवाली हरीदा की पूरी साड़ी भीग गयी और उसका ब्लाउज भी भीग गया था।

जैसे ही हम दोनों उठने की कोशिश करते हम फिर से फिसल जाते।

शायद ऊपर वाला भी चाह रहा था कि आज हम चुदाई का काण्ड कर दें।

मैंने हरीदा को पकड़ लिया और उसके होंठों को किस करने लगा।

शुरू शुरू में वो मना करने लगी और कहती रही- ऐसा मत करो साहेब … कोई देख लेगा तो क्या होगा!

मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा और किस करता रहा।

कुछ देर बाद उसका भी चुदने का मन करने लगा और उसने विरोध बंद कर दिया।

हम दोनों वैसे ही भीग चुके थे।

मैंने उसे जमीन पर ही लिटा दिया और खुद उसके उपर आ गया।

दोस्तो, किसी भी खूबसूरत औरत को अगर पटाना हो तो उसके होंठों पर गर्मा गर्म चुम्बन ले लो।

वो अपने आप तैयार हो जाएगी और आपको अपनी रसीली चूत मारने को दे देगी।

यही सोचकर मैंने अपनी कामवाली को कसकर पकड़ लिया और उसके होंठ पीने लगा।

कुछ ही देर में वो सरेंडर हो गयी और मुझे पूरा सहयोग करने लगी।

वो मेरे होंठों को मजे से चूस रही थी।

कमरे में जो पानी फ़ैल गया था उससे हम दोनों भीग चुके थे।

Kamwali ki ChudaI-3

मैंने धीरे धीरे करके हरीदा की साड़ी निकाल दी और अब वो मेरे सामने सिर्फ पेटीकोट ब्लाउज में रह गयी थी।

उसका फिगर देख देखकर मेरा लंड फुंफकार मारने लग जाता था।

मेरे हाथ हरीदा के ब्लाउज पर आ गये और मैं उसके दूध दबाने लगा।

वो “ओह्ह माँ … ओह्ह माँ … आह आह उ … उ … आआ …” करने लगी।

हरीदा का ब्लाउज पूरी तरह से भीग गया था।

उसके लाल रंग के हल्के कपड़े वाले ब्लाउज से उसकी मस्त मस्त रसीली चूचियां मुझे साफ साफ दिख रही थीं।

उसकी काली काली निप्पल्स की छाप मैं ब्लाउज के ऊपर से देख सकता था।

इतना ही नहीं उसका ब्लाउज भीगकर उसके मम्मों से चिपक गया था और उसकी घुंडियाँ यानि निप्पल्स मुझे ब्लाउज के उपर से ही दिख रही थी।

मैं जोर जोर से उसके मम्में ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और मजा लेने लगा।

आज मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था क्यूंकि पूरे 10 दिन हो गये थे, मैंने किसी औरत की चूत नहीं मारी थी।

मेरे हाथ जल्दी जल्दी उसकी रसीली छातियों को दबा रहे थे।

हरीदा “ओह … ओह्ह … आह … अई … अई … बोलकर सिसकारियाँ ले रही थी क्यूंकि उसे भी अपनी चूचियां दबवाने में बहुत मजा मिल रहा था।

धीरे धीरे मैंने उसके गीले ब्लाउज को खोल डाला और निकाल दिया।

फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल कर हटा दिया और चूचियों को मैं हाथ से मसलने लगा।

आज तो जैसे मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था।

मेरी कामवाली हरीदा की छातियां तो जैसे मेरी बीवी की छातियों से भी ज्यादा खूबसूरत थीं। मेरी तो नियत ही खराब हो गयी थी।

मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया।

मैं हरीदा पर लेट गया और उसकी चूचियों को फिर से मैं चूसने लगा।

फिर मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और निकाल दिया।

उसकी चड्डी पानी से पूरी तरह से भीग चुकी थी और गीली हो गयी थी।

मैंने वो निकाल दी।

अब हरीदा कामवाली मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी।

वो अच्छी तरह से जानती थी कि आज वो मुझसे चुदने वाली है।

इसीलिए उसका कलेजा धक धक कर रहा था।

मैंने हरीदा को पकड़ लिया और गलबहियां करने लगा।

हम दोनों अब पूरी तरह से नंगे हो गये थे।

मैंने उसे बांहों में भर लिया और फर्श पर करवट लेने लगा।

कभी हरीदा ऊपर हो जाती तो कभी मैं।

मैं उसे लेकर कमरे में पानी में करवटें लेने लगा।

मेरा लंड बार बार उसकी चूत से टकरा रहा था।

फिर मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया।

उसे पकड़कर एक बार फिर से मैं किस करने लगा।

हरीदा भी मेरे जिस्म को सहलाने लगा।

उसकी आँखें मुझसे चार हो गयी थीं।

मैंने फिर से उसके हसीन होंठों को चूसना शुरू कर दिया।

मैंने करवट ली और हरीदा कामवाली फिर से नीचे आ गयी और मैं उसके उपर आ गया था।

उसकी बेताब चूचियों को मैंने फिर से हाथों में ले लिया था।

हरीदा फिर से मजा लेने लगी।

मैं फिर से उसके दूध पीने लगा।

मैंने उस दिन सब ऐश कर ली और उसकी चूचियों को मैंने बहुत ज्यादा समय तक चूसा।

फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया।

“साब … इसका क्या करूं मैं?” वो बोली।

Kamwali ki Chudai-4

सेक्स को तरसी नई भाभी को अपने लंड का स्वाद चखाया – Bhabhi ki Chudai

“माँ की लौड़ी मुंह में लेकर चूस और क्या अपनी माँ चुदाने के लिए मैंने तुझे इसे दिया है!!” मैंने कहा।

उसे मेरी गाली बहुत अच्छी लगी।

वो हंसने लगी और जल्दी जल्दी मेरे खीरे जितने मोटे लंड को हाथ से फेंटने लगी।

बहुत मस्त तरह से जल्दी जल्दी वो मेरे 7 इंची लौड़े को फेंट रही थी।

मेरी बीवी तो बड़ी धीरे धीरे इसे फेंटती थी मगर हरीदा ने तो मुझे मजा दे दिया।

उसका हाथ जल्दी जल्दी मेरे लौड़े पर ऊपर नीचे जाने लगा।

मुझे वो जन्नत का मजा देने लगी।

कुछ देर में मुझे जोश चढ़ गया था।

मेरा लौड़ा तो बिल्कुल टन्न हो गया था।

पूरा लम्बा और कड़क हो गया था।

पत्थर जैसा हो गया था बिल्कुल।

फिर मैं नीचे फर्श पर लेट गया और हरीदा पर जैसे सेक्स का भूत सवार हो गया था।

वो मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूस रही थी।

उसके सारे बाल भीग गये थे और खुल गये थे।

खुले काले बालों में वो और ज्यादा सेक्सी और हॉट माल लग रही थी।

उसके बाल बार बार उसके मुंह पर गिर जाते थे इसलिए बार बार उसे अपने बालों को हटाना पड़ जाता था क्यूंकि इस वक़्त वो मेरा लौड़ा चूसने में मग्न थी।

धीरे धीरे हरीदा चुदने को बिल्कुल तैयार हो गयी थी।

उसका सिर, उसके होंठ जल्दी जल्दी मेरे लौड़े पर ऊपर नीचे हो रहे थे।

उसे लंड चूसने की मस्त ट्रेनिंग मिली थी।

मेरे सुपारे को वो बहुत देर तक चूसती रही।

मेरे लंड से माल की कुछ बूंद बाहर निकल आई थीं।

मुझे डर लग रहा था कि कहीं मेरा माल ना निकल जाए।

फिर से हरीदा कामवाली के हाथ मेरे लौड़े को जल्दी जल्दी फेंटने लगे और वो फिर से चूसने लगी।

मैं जन्नत में पहुंच गया था।

Kamwali ki Chudai-5

“माँ की लौड़ी … अब क्या लंड ही चूसती रहेगी या चूत भी चोदने को देगी?” मैंने कहा।
वो फिर से हंसने लगी।

“आओ चोद लो साब!!” हरीदा कामवाली बोली।

वो फर्श पर लेट गयी। मैं उसके ऊपर आ गया।

उसकी दोनों टाँगें बहुत खूबसूरत थीं।

दुबली पतली नहीं बिल्कुल भरी हुई टाँगें थीं उसकी!

उसकी चूत मस्त थी।

एक भी झांट का बाल मुझे उस पर नहीं दिखा; बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी उसकी!

मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा।

हरीदा कांपने लगी और उसका जिस्म थरथराने लगा।

मैं जोर जोर से उसकी चूत का दाना घिसने लगा और उसकी रसीली चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा।

हरीदा उतनी ही तेजी से मस्त होने लगी, वो अपनी कमर उठाने लगी; उसको जैसे मदहोशी छा रही थी.

वो अपने दूधों को खुद अपने हाथों से जोर जोर से दबाने लगी और अपने मम्में अपने मुँह की तरफ लाकर खुद जीभ से चाटने लगी।

ऐसा करते हुए वो एक परफेक्ट चुदासी कुतिया लग रही थी।

मैं जल्दी जल्दी हरीदा को चोद रहा था।

आह दोस्तो, बहुत मजा आ रहा था।

मैं इस समय जैसे जन्नत में पहुच गया था।

मेरी कामवाली मुझे अभूतपूर्व सुन्दरी लग रही थी।

उसने अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर में लपेट दीं और दोनों हाथ मेरी पीठ में डाल दिए और मस्ती से सिसकारते हुए चुदवाने लगी।

उसकी ये नशीली चीखें सुनकर मैं वासना का पुजारी बन बैठा था।

मेरे अंदर का शैतान जाग चुका था।

मेरी आँखें सेक्स और वासना से एकदम लाल हो गयी थी।

हम दोनों पानी में लेटकर काण्ड कर रहे थे।

उसकी चूत बड़ी भरी हुई थी लाल लाल थी।

जैसी कोई रसीली चाशनी वाली गुझिया मैं खा रहा था।

मेरा लंड जल्दी जल्दी उसकी फुद्दी में फिसल रहा था।

हरीदा की चूत की फांकें बहुत लाल लाल थीं।

वो नंबर 1 क्वालिटी की माल थी।

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि दो-दो बच्चे पैदा करने के बाद भी उसकी चूत कसी हुई थी और ज्यादा ढीली नहीं थी।

मुझे तो वो बिल्कुल फ्रेश माल लग रही थी।

जब मैं जल्दी जल्दी धक्के देने लगा तो वो उई … उई … उई माँ … ओह्ह माँ करके चिल्लाने लगी।

वो मेरे चेहरे को सहला रही थी, अब मैं उसकी चूत धीमे धीमे ले रहा था।

चुदते चुदते उसका मुँह खुल जाता था और बड़ा अजीब चेहरा बन जाता था।

मेरे धक्के धीरे धीरे तेज तथा और तेज होने लगे।

वो अपने होंठ दांतों से चबा रही थी जिसमें वो बेहद चुदासी और सेक्सी लग रही थी।

मेरी कमर ऊपर नीचे रही थी और हरीदा कामवाली की चूत चुद रही थी।

मैं जोर जोर से उसकी चूत में धक्के मारने लगा।

पच पच की आवाज कमरे में गूंजने लगी।

मैंने उसके गाल और मम्मों पर 2-4 चांटे कस कसकर मार दिए।

फिर मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा।

Kamwali ki Chudai-6

हरीदा की चूत अच्छे से चुदने लगी।

मेरा लंड और भी ज्यादा मोटा हो गया था और तेजी से अंदर तक उसकी चूत में पहुंच रहा था।

उसका कुछ गाढ़ा मक्खन जैसा माल मेरे लंड पर लगा गया था जिससे अंदर बाहर होने में मुझे और चिकनाई और फिसलन मिल रही थी।

मैंने अपनी गांड हवा में ऊपर उठा दी और उसकी चूत में पूरा लंड अंदर बाहर करने लगा।

अब मेरा होने वाला था और अचानक से ही मेरे लंड में वीर्य भर आया और पूरे वेग के साथ उसकी रसीली चूत में निकलने लगा।

मैं पूरा उसकी चूत में खाली हो गया और दोनों हांफते हुए फिर शांत हो गए।

अब जब भी मेरी बीवी मायके जाती है तो मैं कसकर उसकी चूत मारता हूं।

वो भी अपनी चूत खोलकर मुझसे चुदवाने के लिए तैयार रहती है।

मेरी देसी मेड सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करके बतायें।

अगली स्टोरी में मैं आपको अपनी साली की चुदाई की कहानी बताऊंगा।

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