इंडियन सेक्सी कॉलेज गर्ल कहानी में एक नादान कॉलेज गर्ल की गांड में उसके क्लासमेट ने नारियल का तेल लगाकर उंगली घुसा दी उसे मजा आया तो उसने अपनी गांड मरवा ली मेरा नाम निहारिका है मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ।
मेरी शादी भोपाल में हुई है लेकिन फ़िलहाल इंदौर में अपने पति के साथ रहती हूँ मेरे पति एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर हैं और वे महीने में 15 से 20 दिन बाहर ही रहते हैं मेरी उम्र 35 वर्ष है मैं इस अन्तर्वासना क्लब में बिल्कुल नयी हूँ।
मैं अभी अभी पिछले 6 माह से इसमें प्रकाशित कहानियां पढ़ रही हूँ तो मुझे भी अपनी कहानियां लिखने का मन हुआ चूंकि एक तो मैं दिन भर फ्री रहती हूँ दूसरा ये कि अपने जीवन में बचपन से लेकर आज तक जो भी हुआ।
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वह कहानियों के माध्यम से एक जगह एकत्र हो जाएगा और आप पाठकों को भी कुछ नयी किस्म की सेक्स कहानियों की सौगात मिलेगी दोस्तो मैं इतनी ज्यादा कामुक और सुन्दर हूँ कि हर कोई मुझे पकड़कर चोदना चाहता है।
हर इंसान मुझे बुरी तरह से जंगली बन कर चोदना चाहता है मैं भी अपनी पसंद के मर्द से लग जाती हूँ अभी तक मैं कितनी बार और कितने मर्दों से चुद चुकी हूँ ये मुझे खुद याद नहीं है पर बहुत सी चुदाई मुझे अच्छे से याद हैं।
उन्हीं में से एक को आज आपके सामने रख रही हूँ इस इंडियन सेक्सी कॉलेज गर्ल कहानी के रूप में जैसा कि मैंने लिखा है कि मुझे खुद भी अलग अलग मर्दों से चुदना बहुत भाता है और मोटे व काले लंबे लंड मुझे प्रिय हैं।
उस पर भी लौड़े पर खोपरे का तेल लगा हो तो कहना ही क्या मैं दिखने में बिल्कुल तब्बू की ट्रू-कापी हूँ मेरा सीना 34 कमर 32 और नितम्ब 38 के हैं स्कूल और कालेज लाइफ में लड़के मुझे तब्बू ही बुलाते थे उस समय विजयपथ फिल्म रिलीज हुई थी।
तब उस फिल्म के सभी गाने लड़के मुझे देखकर गाया करते थे मुझे बड़ा मजा आता था मैंने अपने आपको बिल्कुल फिट रखा है शुरू से ही मेरा मानना है कि फिट बॉडी को हर कोई सेक्सी निगाहों से देखता है मुझे मर्दों की कामुक नजरों से घूरा जाना बहुत अच्छा लगता है।
स्कूल में पहला अनुभव जब हुआ था जब एक सहपाठी द्वारा मुझ पर यौन आक्रमण हुआ था मैं उस समय पढ़ने में सबसे तेज थी तो सभी लड़के और लड़कियां मेरे आस-पास ही मंडराते थे उनमें एक मेरा सहपाठी भी था जिसका नाम सुजीत था।
वह पढ़ने में ठीक-ठाक ही था लेकिन था खूब मस्तीखोर हर समय उसे मस्ती ही सूझती थी दूसरी बात ये कि वह मुझे हमेशा घूरता रहता था उस समय मुझे इन सब चीजों की आदत नहीं थी तो मैं उससे डर गई मैंने उससे बात करना बंद कर दी।
उसने भी मुझे देखना बंद कर दिया जिससे मुझे डर लगना बंद हो गया बात दिसंबर में क्रिसमस की छुट्टियों की है स्कूल से हमें एक टूर पर ले जाया जा रहा था यह जगह ओखला पक्षी अभ्यारण्य था जो कि दिल्ली से 22 किलोमीटर की दूरी पर है।
पापा से अनुमति लेकर मैं भी टूर पर जाने के लिए तैयार हो गई वह तीन दिनों का टूर था जो मुझे एक नया अनुभव देने वाला था उसके बारे में मुझे आज तक कुछ भी पता नहीं था हम सभी लोग सुबह स्कूल में इकट्ठा होकर सुबह 7 बजे बस से निकले।
दिन भर हमने पक्षियों और अन्य जीवों की जानकारी हासिल की शाम को रुकने की व्यवस्था डाक बंगले पर रखी गई थी यहीं पर वह समय प्रारम्भ हो गया जिसने मुझे नया अनुभव दिलाया डाक बंगले पर कमरों की कमी थी।
तो अल्फाबेटिकली 10-10 का ग्रुप बनाकर हम कमरों में शिफ्ट हो गए उस समय लड़के लड़कियां सब एक साथ ही रहते थे और सेक्स जैसी कोई भी बात किसी के दिमाग में नहीं आई मुझे सबसे आखिर में कोने में कमरे के गलियारे में जगह मिली।
मेरे पीछे सुजीत था उस गलियारे में हम दोनों के अलावा बाकी 8 स्टूडेंट कमरे में थे रात में लगभग सभी सो गए थे ठण्ड का मौसम था तो सब दुबके हुए सो रहे थे मैं भी सो गई थी परन्तु सुजीत नहीं सोया था रात में करीब सवा बारह बजे सुजीत मेरे बिस्तर में आकर सो गया।
जगह कम होने से मैं कसमसाई लेकिन ठण्ड के कारण उठी नहीं फिर जल्द ही नींद के आगोश में चली गई यही वह रात थी जब मुझे खोपरे के तेल से प्यार हो गया था हालांकि इस बात का पता बहुत बाद में चला जब मैं कॉलेज में आ गई थी।
उस समय मेरी जबरदस्त चुदाई हुई थी सुजीत मुझसे पीछे से बिल्कुल सट कर सो रहा था उसने धीरे से मेरी मिड्डी ऊपर कर दी और मेरी चड्डी को खोल दिया तब तक भी मेरी नींद नहीं खुली थी उसने खोपरे के तेल में अपनी उंगली भिगो कर मेरी गांड के छेद पर लगाना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे उसने पूरी उंगली मेरी गांड में डाल दी चिकनाहट के कारण और गहरी नींद में सोई रहने के कारण मुझे कुछ अहसास ही नहीं हुआ वह तो जब उस कमीने ने उंगली से अन्दर हरकत करना शुरू की तब जाकर मेरी नींद खुली।
मुझे लगा कि कोई कीड़ा मेरी गांड में घुस गया है मैं जोर से चिल्ला दी मेरे कमरे के सर उठ कर आए और उन्होंने मुझसे पूछा- क्या हुआ मैंने अपने मुँह से कोई आवाज नहीं निकाली मैंने कहा- कुछ नहीं सर मैं नींद में डर गई थी।
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सर फिर सोने चले गए मैंने सर से इसलिए नहीं कहा क्योंकि सुजीत मेरे चिल्लाने पर अपने बिस्तर पर चला गया और हाथ जोड़कर माफ़ी मांगने लगा था तो मैंने भी रात में कोई बखेड़ा खड़ा करना उचित नहीं समझा और फिर हम सभी सो गए।
अगले दिन मैं दिन भर उस बारे में सोचती रही कि रात में गुदगुदी हुई तो कैसा लगा था फिर मैंने बड़ी कक्षा की सहेलियों से पूछना उचित समझा उधर सुजीत मेरी कक्षा में एक बार फेल हो चुका था तथा बड़ी कक्षा की लड़कियां उसकी दोस्त थीं तो वह उनसे बातें कर रहा था।
मुझे आती देखकर वह दूसरी ओर चला गया फिर मैं उन सीनियर लड़कियों के पास गई और रात में जो गुदगुदी हो रही थी उन्हें उसके बारे में बताया वे सभी हंसने लगीं उनको पता चल गया था कि मैं अभी इन सब बातों से अनजान हूँ।
उन्होंने कहा- ये सब इस उम्र में होता है फिर अगर कोई ऐसी गुदगुदी करे तो उसका मजा लो इस बात की किसी से शिकायत मत करो मैं समझ गई कि सुजीत ने मुझसे पहले ही उनको सब बता दिया है खैर फिर रात हुई तो मुझे थोड़ा डर सा लगने लगा।
तब हमारे सर ने उनके पास सोने का बोला तो मैंने ही मना कर दिया मैं फिर से उसी गलियारे में सुजीत के पास आकर सो गई उधर सुजीत की आंखों में शरारत के भाव थे और नींद तो नाम की नहीं थी जबकि मुझे डर के मारे नींद नहीं आ रही थी।
जैसे ही आधी रात हुई सुजीत के हाथ हरकत करने लगे और उसने खोपरा के तेल से लबालब अपनी उंगली मेरी गांड में डाल दी मैं एकदम चिहुंक उठी तो सुजीत बोला- आज चिल्लाई नहीं मैंने गुस्से में उसे देखकर उंगली निकालने को कहा।
तो उसने अपने एक हाथ को मेरे गले में डालकर मेरे दूध को दबा दिया फिर दो उंगलियों से मेरे चूचुक को मींजने लगा साथ ही वह अपनी उंगली को मेरी गांड में अन्दर बाहर करने लगा मुझे जो गुदगुदी उस समय हो रही थी उसका मजा अलग ही था।
मैंने भी ज्यादा विरोध नहीं किया जिससे सुजीत का हौसला बढ़ता ही गया और वह उंगली को तेजी से अन्दर बाहर डालने लगा अब रजाई के अन्दर पटपट सट सट की आवाज आने लगी थी अचानक उसने अपनी उंगली निकाल ली।
मैंने समझा कि वह फिर से तेल लगाकर पेलेगा मैं यही सोचकर आंख बंद करके ऐसे ही नंगी ही लेटी रही उधर सुजीत ने एक हाथ से ही अपने छह इंच के लंड पर तेल लगाकर उसे लबालब कर लिया था उसका दूसरा हाथ मेरे गले में लिपटा हुआ मेरे दूध सहला रहा था।
फिर वह धीरे से मेरे पीछे आया और अपना पतला लम्बा लेकिन कड़क लंड मेरी गांड में डाल दिया थोड़े से दर्द के साथ मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और वह भी मेरी गांड को फचफच फच फच करके चोदने लगा जल्दी ही उसने अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया लेकिन मुझे अधूरी छोड़ दिया।
अभी मेरी चूत से पानी तो निकला ही नहीं था जिसके बारे में मुझे कोई खास जानकारी भी नहीं थी गांड में उसका लिसलिसा पानी मुझे अजीब सा लग रहा था बड़ी मुश्किल से मुझे नींद आई सुबह मेरी गांड में जबरदस्त खुजली मची तो मुझे खूब मजा आया।
मैंने सोच लिया था कि आज गांड मरवाने की आखिरी रात है यही सोचकर मैं रात का इंतजार करने लगी आखिर रात हुई तो मैंने सर से कहा- मैं और सुजीत कमरे के बाहर वाले गलियारे में आखिरी में सो जाएं क्या क्योंकि यहां जगह नहीं है और खिड़की से ठंडी हवा भी आती है।
उस गलियारे के आखिरी में तीनों ओर से दीवारें थीं तो वह हिस्सा पैक था और सामने से कोई भी आता तो दिख जाता लेकिन सर ने मना कर दिया- नहीं ऐसे नहीं सोने दे सकता हूँ फिर खाने के बाद सर फिर रिक्वेस्ट की और उनको वह जगह बताई तो सर मान गए।
मैंने तुरंत सुजीत से बोला तो सुजीत को विश्वास नहीं हुआ और वह बोला- आज फिर से खेलेंगे क्या मैंने कहा- हां पूरी रात मस्ती से खेलेंगे फिर आधी रात को हम दोनों एक दूसरे के पास सट कर सो गए पर आज उसने उंगली नहीं डाली सीधे अपना लंड बिना तेल के डाल दिया।
मैं दर्द से चिल्लाऊं इतने में उसने मेरा मुँह दबा दिया दर्द से मैं रोने लगी और उसके हाथ को काट लिया उसने कहा- आज तेल ख़त्म हो गया है मैंने भी गांड मरवाने से मना कर दिया वह उठा और पता नहीं कहां चला गया।
लगभग दस मिनट बाद उसके हाथ में खोपरे का तेल था और वह जल्दी जल्दी आ रहा था नजदीक आकर उसने पहले मेरी गांड में तेल लगाया और फिर अपने लंड पर तेल लगाने के बाद उसने मुझे उल्टा लेटने को कहा तो मैं लेट गई।
मुझे नहीं पता था कि आज मेरी गांड की बैंड बजने वाली है वह मेरे ऊपर चढ़ गया और धीरे से अपना लंड मेरी गांड पर सैट करके रख दिया फिर धीरे से धक्का दिया तेल लगा लंड लहराता हुआ मेरी गांड में घुस गया।
मुझे आज तेल लगाने के बाद भी बहुत दर्द हो रहा था मैं रोने लगी तो अब सुजीत ने कुछ भी रहम नहीं दिखाया और जोर जोर से मेरी गांड को पेलने में लग गया गलियारे में रात के सन्नाटे में फचफच फचफच फच सटासट सटासट की आवाज आने लगी।
मुझे भी अब मजा आने लगा था आज मेरी चूत में अजीब सी खुजली मच रही थी मैं अपने हाथ से खुजली मिटाने के लिए चूत को जोर जोर से मसल ही रही थी कि अचानक मेरी चूत से चिकना सफ़ेद पानी निकलने लगा मुझे बहुत मजा आने लगा था।
मामी ने दिया चूत चोदने का मौका-Mami Ki Chudai
उधर सुजीत भी फचफच फचफच करते हुए गांड में झड़ गया उसने अपना सारा वीर्य गांड में टपका दिया हम दोनों ने चुदाई के बाद अपने अपने कपड़े पहने और उसी चिकनाहट के साथ सो गए आज मुझे बिल्कुल भी अजीब नहीं लग रहा था और मन बिल्कुल शांत था।
मैं पूरी तरह संतुष्ट भी थी दोस्तो, मेरा पहला अनुभव गांड चुदाई से शुरू हुआ था आपको यह इंडियन सेक्सी कॉलेज गर्ल कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं आपके मेल के आधार पर ही मैं अपनी दूसरी चुदाई की कहानी लिखने का मन बनाऊंगी।