आंटी की प्यासी चूत को पिलाया लंड का पानी-Aunty Ki Chudai

आंटी की प्यासी चूत को पिलाया लंड का पानी

सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। topcityescort.com के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

मेरा नाम जतिन अग्रवाल है। मैं गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ। मैं हीरे का व्यापार करता हूँ। मेरा बड़ा सा शोरूम है जिसमे हीरे की सेल्स भी होती है और तराशने का काम भी होता है। 

मेरे शोरूम में रोज लाखो की सेल्स होती है। इस वजह से कई बार चोर, लुटेरे भी शोरूम को लूटने की कोशिश करते रहते है। मेरे यहाँ कुल 20 लोगो का स्टाफ है जिसमे 12 जेट्स स्टाफ है और 8 लड़कियाँ है। मैं सिर्फ खूबसूरत लड़कियों को ही जॉब पर रखता हूँ।

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जब मैं उनका इंटरव्यू लेता हूँ तो पहले ही चूत की सेटिंग कर लेता हूँ। जो लड़की चुदने को तैयार हो जाती है उसे ही नौकरी देता हूँ। दोस्तों मैं क्या करूं हर समय मेरा लंड खड़ा ही रहता है। जितनी बुर चोदता हूँ उतनी ही मेरी प्यास बढ़ जाती है। 

मैं अपने यहाँ काम करने वाली आठो लड़कियों की बुर चोद चूका हूँ। कुछ दिन पहले मेरे यहाँ एक लड़की नौकरी छोड़ कर चली गयी थी। मैंने न्यूसपेपर में विज्ञापन दे दिया और एक मस्त 30 साल की आंटी नौकरी करने आ गयी। 

वो मुझसे उम्र में बड़ी थी इसलिए मैं उसको आंटी बोल रहा था। उसका इंटरव्यू मैंने लिया। वो सेल्स का काम जानती थी। उनकेपति गुजर चुके थे और वो विधवा औरत थी। उनका नाम कमलेश था। आंटी अंत में सबसे जरूरी सवाल की क्या आप मुझे खुश करोगी मैंने पूछा।

वो कुछ नही बोली। मैंने उसे नौकरी दे दी। आंटी जी मेहनत से नौकरी करने लगी। वो सुबह 9 बजे शोरूम खुलने से पहले आ जाती और रात में 9 बजे ही जाती थी। उनकी मेहनत देखकर मैं बहुत खुश था। दोस्तों मेरे शोरुम में मेरे पिता जी भी बैठते थे। 

उनके सामने मैं किसी लड़की को लाइन नही देता था क्यूंकि वो बड़े सख्त मिजाज आदमी थे। पर उनके जाने के बाद मैं सीटियाबाजी में लग जाता था। अब मुझे कैसे भी करके आंटी को चोदना था। सोमवार वाले दिन मेरे पिताजी को डॉक्टर से मिलने जाना था। 

वो कार में बैठकर चले गये। मैं सीधा कमलेश आंटी के पास चला गया और उनसे मीठी मीठी बात करने लगा। मेरे स्टाफ में कुछ लड़के मेरी तरह ही चोदू टाइप के थे। उनको भी मैं सेल्स गर्ल्स की चूत दिलवा देता था। वो लोग मुझे देखकर मुस्की मारने लगे। वो इस बात पर हंस रहे थे की आज कमलेश आंटी की चूत चुदाई होने वाली थी।

आइये स्टाफ रूम में चले मैं कमलेश आंटी से बोला वो मेरे पीछे पीछे चली आई। क्या बात है जतिन बेटा वो कहने लगी मैं हीरे का शोरुम चलाता था इसलिए मेरे पास हीरे की ज्वेलरी की कोई कमी नही थी। मैंने हीरे का एक छोटा सा डाईमंड पेंडेंट अपनी जेब से निकाला। आंटी मुझे लगता है ये आपका है मैंने पेंडेंट को दिखाते हुए कहा।

वो खुश हो गयी क्यूंकि ऐसे ही कोई मर्द किसी औरत को इतनी महंगी जेवेलरी नही दे देगा। डायमंड पेंडेंट को ले ली और देखने लगी। फिर मैंने उनको खुद ही गले में पहना दिया। वो समझ गयी की मेरा कोई स्वार्थ जरुर है। जतिन बेटा इतनी मेहरबानी क्यों कुछ चाहिये तो नही मुझसे वो हँसकर कहने लगी।

आंटी भी समझ गयी थी की आखिर मुझे क्या चाहिये। वो जान गयी थी की मैं उनके गदराये बदन को भोग लगाना चाहता हूँ। उनकेबाद वो खुद ही मेरे से आकर चिपक गयी। किस चालु कर दी। मुझे चुम्मा लेने लगी। वो साड़ी ब्लाउस में बहुत जँच रही थी। 

उन्होंने गोल्डन कलर के कपड़े वाला ब्लाउस पहना था जो आगे से काफी खुला हुआ था। मैं उनके 36 के मस्त मस्त बूब्स देख सकता था। कमलेश आंटी का फिगर काफी सेक्सी और सुडौल था। 36 32 36 का ऐसा फिगर था की किसी भी मर्द का लंड खड़ा करवा दे। मैं भी देखकर पागल हो गया। मैं भी उनको बाहों में भरके किस करने लगा।

जतिन बेटा मैं तो विधवा हूँ। मेरे लिए इस तरह की जेवेलरी का कोई काम नही वो बोली और डायमंड पेंडेंट मुझे लौटाने लगी। मैं उसी वक्त उनकी मांग में ऊँगली से झूठ मूठ सिंदूर भर दिया प्रतीकात्मक रूप में। लो अब आप विधवा नही हो आप की शादी अब मुझसे हो गयी मैंने कहा।

उसके बाद वो इमोशनल हो गयी और मेरे गले लग गयी। मुझे सही मौका मिल गया था। मैंने कमलेश आंटी को कसके दोनों हाथों से जकड़ लिया और उनके ओंठ पर ओंठ रख दिया और जल्दी जल्दी चुम्बन लेने लगा। वो भी मुझे चूसने लगी। 

हमारा प्यार मोह्बब्ब्त इस तरह से चालू हो गया। हम दोनों अच्छे से किस करने लगे। दोस्तों कमलेश आंटी अभी भी अच्छी माल लगती थी। बस थोड़ी सी ऐज जादा लगती थी। पर उसके बावजूद भी सेक्सी औरत थी। मैं उनकी गर्म गर्म साँसों को पीने लगा।

कमलेश आंटी भी मेरे होठो को चूसने लगी। कुछ देर बाद हम दोनों का चुदाई वाला मौसम बन गया था। स्टाफ रूम में टेबल कुर्सी लगी हुई थी जिस पर लोग बैठकर अपना लंच करते थे। मैं उसी बेंच पर बैठ गया और आंटी को भी बिठा दिया। 

मै फ़ौरन ही उनकी कड़ी कड़ी 36 की शानदार चूचियों पर हाथ लगा दिया और ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा। कमलेश आंटी ओह्ह माँ ओह्ह माँ उ उ उ उ उ अअअअअ आआआआ करने लगी। उनको भी मजा आने लगा।

जतिन बेटा तेरा इरादा क्या है वो चिहुक कर पूछने लगी। मेरा इरादा तो आपकी मस्त मस्त बुर को चूसने का है आंटी जी मैं बोला वो कुछ नही बोली और ब्लाउस खोलने लगी। अपना ब्लाउस उतार डाली। 

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उन्होंने काली रंग की ब्रा पहनी थी। दोस्तों कमलेश आंटी की 36 की चूचियां बड़े हिफाजत से उनकी ब्रा में कैद थी। मैं हाथ से दबाने लगा। उन्होंने ब्रा भी खोल डाली और साइड रख दी। जैसे ही मैंने उनके बड़े बड़े कबूतर को देखा तो मौज आ गयी। 

इतने बड़े बड़े दूध मैंने आजतक नही देखे थे। फिर मैंने उनको बैठने वाली बेंच पर लिटा दिया। बेंच काफी लम्बी थी जिसपर कमलेश आंटी आराम से लेट सकती थी।

वो लेट गयी। मैं भी उनके उपर लेट गया। मैंने अपना मुंह उनकी बड़ी बड़ी चूची पर रख दिया और किस करने लगा। हाथ से दाबना चालू कर दिया। वो ओहह्ह्ह अह्हह्हह अई अई अई उ उ उ उ उ करने लगी। मैं हाथ में उनके आमो को लेकर कस कसके दबाने लगा। 

वो भी मजा पाने लगी। फिर मैंने चूसना चालू कर दिया। अब उनके गले में सिर्फ वही डायमंड पेंडेंट था जो मैंने उनको दिया था। मैं उनकी जवानी का आज पूरा का पूरा रस पीना चाहता था। इसलिए मैंने बिना समय गवाये उनके दूध को मुंह में लेकर चूसना चालू कर दिया। कमलेश आंटी सी सी ऊई उई करने लगी।

बेटा धीरे धीरे चूसो दर्द होता है मेरे दूध में आराम से वो बोली मैं चूसने लगा पर जल्दी ही मेरी स्पीड बढ़ गयी। आंटी के दूध की मैं क्या तारीफ़ क्यों। बहुत खूबसूरत और सुडौल थे। कड़ी कड़ी चूचियां थी और जरा भी लटकी हुई न थी। 

अच्छे से टाईट चूचियां थी। मैं दोनों हाथ से दोनों छाती को दबाता और मुंह में लेकर चूस रहा था। अपना मुंह और दांत चला चलाकर चूस रहा था। कमलेश आंटी पूरा सहयोग कर रही थी। मेरे सिर को पकड़कर चुदासी होकर सहलाती जा रही थी।

चूस ले जतिन बेटा आज तुम मेरे आशिक बन जाओ वो बोले जा रही थी आँख बंद करके मैं धकाधक उनकी जवानी का रस पी रहा था। मैंने उनकी एक चूची को जब अच्छे से चूस डाला तो दूसरी वाली चूसने लगा। बेटा तुम तो बड़ी मस्त चुसाईं करते हो वो बोली।

मैं अब उनके गुप्त अंगो को देखना चाहता था। उनकी चूत और गांड के दर्शन करना चाहता था। मैंने अब उनके पेट से खेलना शुरू कर दिया। उस पर किस करने लगा। हाथ से सहलाने लगा।

आंटी फिर से आआआअह्हह्हह ईईईईईईई ओह्ह्ह् अई अई अई अई मम्मी करने लगी। वो भी अपनी साड़ी खोलने लगी। उसे भी उतार डाली। कमलेश आंटी ने आसमानी रंग का पेटीकोट पहना हुआ था। उसकी डोरी खोलने लगी। 

मुझे बड़ी मौज गयी। उनके पेटीकोट के अंदर ही उनकी मस्त मस्त चूत छुपी हुई थी। पेटीकोट को आंटी जी उतार डाली। मैं उनकी काली पेंटी से खेलने लगा। अब उनकी पेंटी पर मैं हाथ से जल्दी जल्दी सहलाने और मलने लगा। आंटी को मजा आने लगा। अच्छा लग रहा है जतिन बेटा और करो आआआअह्हह्हह वो कहने लगी।

मैं उनकी चुस्त काली पेंटी के उपर से सहलाने लगा और उनको खूब मजा दिया। उनकी मस्त मस्त डबलरोटी जैसी चूत मुझे उपर से दिख रही थी। मैं काफी चुदासा हो गया था और उपर से ही जीभ निकालकर चाटने लगा। 

कमलेश आंटी मम्मी मम्मी सी सी सी सी हा हा हा ऊऊऊ ऊँ ऊँ ऊँ उनहूँ उनहूँ करने लगी। उसके बाद मेरी कामुकता बढ़ गयी और मुझे उनकी पेंटी उतारनी पड़ी। दोस्तों जब उनकी मस्त मस्त सावली सलोनी चूत के दर्शन हुए तो चूत अपने ही रस से नहा चुकी थी। 

मैं भी झुककर उनकी चूत पर जीभ लगाकर जोर जोर से चाटने लगा। वो अपनी गांड उठाने लगी। उनकी हालत किसी रंडी जैसी हो गयी थी। मैं तो किसी सेक्सी कुत्ते की तरह चाट रहा था जल्दी जल्दी। मैं आज उनका पूरा रस पी लेना चाहता था। कमलेश आंटी टांग खोलकर बड़े मजे से मुझे अपनी मस्त मस्त रसीली बुर पिला रही थी।

उनकी चूत की मैं क्या तारीफ़ करूँ बड़ी सेक्सी और गुलाबी दिखती थी। किसी परी की तरह दिख रही थी। चूत के लब बड़े बड़े साइड साइड को लटक रहे थे। आंटी के हसबैंड ने उनको चोद चोदकर चूत फाड़ डाली थी। 

मैंने भी अपनी ऊँगली उनके फटे हुए भोसड़े में डाल दी और जल्दी जल्दी चलाने लगा। कमलेश आंटी हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ऊँ ऊँ ऊँ सी सी सी हा हा ओ हो हो करने लगी। मेरी अंदर भी वासना और हवस का ज्वालामुखी फूट पड़ा। 

मैं आंटी की चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली चलाने लगा जिससे उनको बड़ी कामुकता मिलने लगी। अब वो और तेज तेज आवाज निकालने लगी। मैं भी जोश में आकर एक हाथ से ऊँगली उनकी मस्त मस्त रसीली चूत में दौड़ाने लगा। 

और जीभ लगाकर प्यासे कुत्ते की तरह चाटने लगा। कमलेश आंटी को बड़ा आनन्द मिलने लगा। करते रहो जतिन बेटा मेरी चूत में और ऊँगली करो वो अपनी कमर उठाकर कहने लगी।

मैं उनकी बात मानने लगा। मैंने 17 18 मिनट उनके फटे भोसड़े में ऊँगली चलाकर उनको मार डाला। अब चूत को अच्छी तरह से चाट भी चूका था। मैं भी कपड़े खोलने लगा। लंड हाथ में लेकर हिलाने लगा। दोस्तों मेरा लंड 9” का बड़ा सा खीरे जैसा था। 

मैं हाथ में लेकर जल्दी जल्दी मुठ देने लगा। कुछ ही देर में लंड लड़की जैसा मजबूत हो गया। आओ बेटा अब मेरी प्यास बुझा डालो जल्दी से मोटे लंड से मुझे चोद डालो कमलेश आंटी बोली और दोनों पैर खोल दी।

दोस्तों मेरे शोरुम के इस स्टाफ रूम की बेंच काफी पतली थी, इस वजह से ये डर था की कही आंटी काम लगवाते समय नीचे न गिर जाए। अब मुझे हिसाब से उनको चोदना था। मैंने बेंच के दोनों तरफ अपने पैर डाल दिए। 

फिर सामने कमलेश आंटी की गद्दीदार बड़ी सी उभरी हुई चूत मेरा इन्तजार कर रही थी। मैंने अपने लंड को पकड़ा और उनकी चूत की पिटाई करने लगा। वो उ उ उ उ उ अअअअअ आआआआ सी सी सी सी ऊँ ऊँ ऊँ करने लगी। 

मैंने काफी पिटाई की उनकी चूत की। अब लंड के सुपाडे से उनके छेद पर रगड़ने लगा। वो आनंदित होने लगी। 5 मिनट मैंने उनकी चूत पर अपना गुलाबी सुपाडा रगड़ा। फिर धक्का मारकर अंदर डाल दिया। आंटी आऊ कहने लगी। अब मैंने उनकी ठुकाई शुरू कर दी।

काम लगाना शुरू कर दिया। आंटी मुंह बनाने लगी जैसे सब औरते बनाती है। मैंने धक्को की स्पीड धीरे धीरे बनानी शुरू कर दी। आंटी बेंच पर उछलने लगी। मुझे लगा की कही गिर न जाए, इसलिए मैंने उनके कंधे पकड़ लिए।

उंह उंह उंह हूँ ohh yes yes मजा आ रहा है जतिन बेटा और करो अई कमलेश आंटी भी मुझे प्रोत्साहित करने लगी।

उनके हावभाव देककर मुझे जादा ख़ुशी मिल रही थी। दोस्तों वो भरे हुए खूबसूरत जिस्म वाली मालकिन थी। इसलिए उन जैसी संस्कारवान औरत को चोदना एक बड़े गर्व की बात थी। इसलिए मैं धकाधक उनका काम लगाने लगा। 

अब धीरे धीरे हम दोनों के बीच में बड़ी हवस वाला रिश्ता बन गया था। मैंने नीचे निगाह डाली तो मेरा लंड जल्दी जल्दी उनकी चूत के बिल में सटाक सटाक घुसकर तहलका मचा रहा था। आंटी जी आऊ आऊ हमममम अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा बोले जा रही थी।

मैं जल्दी नही झड़ना चाहता था। इसलिए कुछ देर बाद जब मुझे लगा की आउट हो जाऊँगा तो मैंने जल्दी से लंड हाथ से पकड़कर बाहर खींच लिया। कमलेश आंटी दोनों टांग खोलकर किसी कुतिया की तरह बेंच पर मचलने लगी।

जतिन बेटा मुझे अपना लंड चूसा दो वो कहने लगी मुझे भी उनका ऑफर अच्छा लगा। पर उससे पहले मैंने अपना मुंह उनकी बड़ी सी चूत पर लगा दिया और जल्दी जल्दी उसका खोया चाटने लगा। 

उनकी बुर अभी भी आग की तरह गर्म थी। मैं फिर से चाटने लगा। वो अई अई अई अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा करने लगी और अपनी 36 की बड़ी बड़ी दूध को मसलने लगी। अपनी निपल्स को पकड़कर खुद ही मरोड़ने लगी। 

उनके ऐसे चुदक्कड वाले रूप में देखकर मेरी वासना और जाग गयी। मैं जल्दी जल्दी उनकी चूत का खोया चाटने लगा। फिर अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया। वो चूसने लगी और हाथ में लेकर मुठ देने लगी। मुझे उस पतली की बेंच पर लेटना पड़ गया। 

कमलेश आंटी बैठ गयी। मेरे लंड को पकड़कर अच्छे से फेटने लगी। दोस्तों, एक बार फिर से मुझे आनन्द मिलने लगा। आंटी अब मेरे सुपाड़े को जीभ निकालकर चाटने लगी। उनको इतना मजा कभी नही आया था। कुछ देर गुलाबी सुपाडे को चाटी। फिर पूरा 9” लंड मुंह में उतार ली और मस्ती भरे अंदाज में चूसने लगी।

क्या बात है आंटी जी आप तो किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह चूसती हो जिसको पूरी ट्रेनिंग मिली होती है मैं बोला वो मेरी बात सुनकर और भी जोश में आ गयी और मस्ती से चूसने लगी। साथ में उनके हाथ बड़ी तीव्रता से फेटने लगी। दोस्तों एक बार फिर से मेरा लंड उनकी चूत फाड़ने को तैयार था।

कमलेश आंटी अब आप मेरे मोटे लंड की सवारी करो इसको घुडसवारी का मजा लो आओ बैठो इसपर मैंने कहा मैं पतली सी उस लड़की की बेंच पर सम्भल कर लेट गया। कमलेश आंटी आकर मेरे लंड को अपनी मस्त मस्त चूत में घुसाकर लेट गयी। 

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और झटके दे देकर सेक्स करने लगी। वो चुदाने लगी। मैं लेटे लेटे मजे लुटने लगा। धीरे धीरे कमलेश आंटी रफ्तार बना ली और लंड पर कूदने जैसी जैसे बच्चे रस्सी कूद वाला खेल खेलते है। मेरा 9 इंच का मजबूत लंड उनकी बुर को फाड़ फाड़कर उसका हलुआ बनाने लगा। 

आंटी जी अई अई अई इसस्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह करने लगी। उनका खुला हुआ भव्य स्वरुप मुझे दिख रहा था। वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी होकर लंड पर घुड़सवारी करने लगी। उनके सेक्सी गोरे जिस्म का एक एक अंग मुझे दिख रहा था। 

कुछ देर बाद धक्का देते देते आंटी झड़ गयी। उनका बदन ढीला पड़ गया। वो नीचे उतर गयी और बेंच पर लेट गयी। मैंने जल्दी जल्दी अपने लंड को फेटा और उनके मुंह पर माल की धार छोड़ दी। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए topcityescort.com पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।

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