बेटी हुई पापा की हवस का शिकार-Baap Beti Ki Chudai

बेटी हुई पापा की हवस का शिकार

मैं हूं नित्या. मेरी उम्र 20 साल है. मेरे परिवार में मेरे पापा रविशंकर (52 वर्ष) और मेरी मम्मी सुषमा (50 वर्ष) रहते हैं हम महाराष्ट्र के एक छोटे शहर में रहते हैं ये कहानी तब की है जब 3 साल पहले मम्मी के गर्भाशय का ऑपरेशन हुआ था डॉक्टरों की गलती से मम्मी का शरीर लकवाग्रस्त हो गया पापा ने डॉक्टर्स और हॉस्पिटल पे केस भी किया था और हम कोर्ट से जीत भी गए पर मम्मी की हालत में कोई सुधार नहीं आया था तो पापा और मैं मम्मी की हालत देख कर बहुत दुखी थे।

पापा ने मम्मी के सभी काम के लिए एक नौकरानी रख ली थी वो मम्मी का सारा काम करती थी मम्मी अब बिस्तर पर से हिल भी नहीं पाती थी ये सब मुझे पापा की हालत बहुत खराब थी उनको ऑफिस का काम और घर का काम दोनों देखना पड़ता था और ये सब की वजह से पापा की सेक्शुअल लाइफ तो बिल्कुल ख़त्म हो गई थी।

क्योंकि डॉक्टरों ने सख्ती से मना किया था कि मम्मी को कमर में कोई झटके या दबाव नहीं आना चाहिए नहीं तो ये उनकी जिंदगी की बात हो जाएगी और ऐसे भी मम्मी की कमर के कुछ हिस्सों को लकवा मार गया था तो उन्हें वहां कोई एहसास भी नहीं था ऐसा ही टाइम निकलता है मैं भी बड़ी हो रही थी मेरे शरीर में बहुत बदलाव आ गया है पापा भी बहुत बार मुझे अपने बदन से लगा देते थे पहले पहले मुझे अच्छा नहीं लगता था मगर टाइम जाते में भी उनके टच का आनंद लेने लगी थी।

मामी की चूत में दिया लंड साड़ी उठा के-Mami Ki Chudai

पापा मुझे प्यार करने का बहाना करके अपने बच्चे मुझे ले लेते और उनके ऐसे करते ही मेरे नए, बड़े हुए चुचिया उनके सीने में दब जाती ऐसे ही धीरे-धीरे पापा की हिम्मत बढ़ती गई वो अब कभी मेरे पीछे आ कर खड़े हो जाते और अपने लंड को मेरे चूतडो से सता कर सहलाने लगते।

कभी मेरे झुकने पर मेरी चाटी को देखने लग जाते। कभी मुझे अपनी बहो में इतना जोर से भीख लेते और पेठ पर हाथ घुमा कर सहलाने लगते। उनके ये सब करने से मुझे भी मजा आने लगा था क्योंकि जवानी तो मुझमें भी फूट रही थी मगर उस उमर में जब कोई अपनी नई नई आई, उसे दबा दे तो कितना दर्द महसूस होता है ये तो कोई लड़की ही समझ सकती है। टाइम जाते-जाते मुझे ये भी एहसास हुआ कि पापा मुझे नहाते हुए भी देख रहे थे लेकिन कोशिश करते हुए मगर मैंने कभी उन्हें ऐसे करते हुए पकड़ नहीं पाई थी।

पापा जब भी ऐसी हरकत करते तो पता नहीं मुझे क्या हो जाता था मैं चाह कर भी उन्हें मन नहीं कर पाती थी पर बाद में जब एहसास होता तो मुझे खुद पर और पापा पर बहुत गुस्सा आता फिर मैंने एक दिन ये सारी बाते मम्मी से शेयर की और उन्हें बताया नित्या मम्मी पापा मुझे बहुत गंदी तारीख से छूटते हैं मुझे वो अच्छा नहीं लगता।

मम्मी बेटी तू उनसे नफ़रत मत कर। देख वो हम दोनों के लिए कितना कुछ करते हैं। सोचिए अगर उन्हें दूसरी शादी कर ली जाए तो हम दोनों का क्या होगा हम कहां जाएंगे और क्या करेंगे। वो एक मर्द है उनका मन भी बेचैन होता होगा। मगर में तो अब उनकी कोई इच्छा पूरी नहीं कर पाती हूं। जल्दी तेरी भी शादी हो जाएगी और तू भी चली जाएगी पर तब तक ऐसा कुछ नहीं कर सकता ना कि हमारी कोई बदनामी हो जाएगी।

मम्मी की बातों का नतीजा ये हुआ कि अब चुप चाप पापा की हरकतों का मजा लेने लगी। पापा की भी हिम्मत बढ़ती जा रही थी। अब वो मुझे अपने भगवान में बिठाए और मुझे उनका खड़ा लंड जो मुझे चूत के पास से छुबता वो बहुत अच्छा लगता था। अब मैं भी हिम्मत करके उनका लंड दबा देती जैसे मैंने गलती से चू लिया हो।

पापा भी कभी नाहा कर बिना तौलिया ही बाहर आ जाते जैसे उनका लंड दिखता और उन्हें देखते ही मैं वहां से भाग जाती थी पर बाद में मुझे वही उनके झूलते लंड की याद सताती थी। जैसे मैंने बताया मम्मी तो पूरे दिन बिस्तर पर ही रहती थी तो अब मैं और पापा इस बात का पूरा फायदा उठाते थे।

टाइम गुज़रते गुज़रते मेरा 18वां जन्मदिन आ गया। पापा ने मुझसे ग्रैंड पार्टी का वादा किया था उस दिन ऐसे ही कुछ हुआ कि मेरी पूरी जिंदगी ही बदल गई मैं उस दिन पापा का बेसबरी से इंतजार कर रही थी करीब 8 बजे पापा औए और एते ही मुझसे लिपट गए। मैं पापा से लिपट कर नखरे करते हुए बोली नित्या आज आप इतनी देर कैसे हुए मेरे जन्मदिन पर जाइये अब मैं आपसे बात नहीं करती पापा मेरी चूत पर थप्पड़ मारते हुए बोले पापा ओह्ह हू मेरी प्यारी बेटियां। तो पापा से नाराज़ हो गए पर मैं अभी उसकी नाराज़गी दूर कर देता हूँ।

पापा के हाथ में एक गिफ्ट बैग था जो उसने मुझे दिया। मैं वो देख कर बहुत खुश हो गई और जोर से पापा लिपट गई नित्या धन्यवाद पापा, आप कितने अच्छे हो मैं बैग खोल कर देखने लगी तब पापा ने मुझसे रोका और कहा पापा ये बैग अभी नहीं खोल ना, इसमें तेरा बर्थडे ड्रेस है जो पहन कर हम बर्थडे सेलिब्रेशन करेंगे और हां ये ड्रेस जा कर अपनी मम्मी को नहीं दिखाना नित्या पापा आप सिर्फ ड्रेस लाये और कोई गिफ्ट नहीं। कोई गेम या कोई गुड़िया कुछ नहीं।

पापा मेरी तरफ देखने लगे और मेरे चुदातो पर हाथ घुमाते हुए मुझे खुद की तरफ खींच लिया और मैं उनसे चिपक गयी। मेरी चूत पापा के लंड के पास जा के टकरायी और पापा बोले पापा बेटा कुछ ही देर में तुम 18 साल की हो जाओगी अब जवान हो गई हो तो गुड़िया से तो बचपन में खेलते हैं ना।

मैं चिड़ कर बोली नित्या तो अब मैं किस्से खेलूंगी पापा मेरी गांड पर थपकी लगते हुए बोले पापा मैं हूं ना तू चिंता क्यों करती है चलो अब जल्दी से खाना बना लो फिर केक काटना है मैं किचन में चली गई और अपना काम करने लग गई। कुछ 10-15 मिनट बाद पापा भी किचन में आ गए और मेरे पीछे चिपक कर खड़े हो गए। 

मैं तभी सब्जी काट रही थी तो थोड़ी झुकी हुई थी जिस वजह से मेरी गांड उभरी हुई थी तो मुझे पापा का लंड गांड की दरार में महसूस हो रहा था ये पहली बार का नहीं था ऐसा अक्सर होता था जब भी मुझे लगता है कि पापा अभी किचन में आएंगे तो मैं कहां बुज कर पहले से झुक जाती ताकि पापा को असानी हो अपना लंड मेरी गांड में सताने लगे। मुझे भी बहुत मजा आता था जब पापा का मोटा लंड जो रोटी बेलने वाले बेलन जैसा मोटा था तो चुउ जाता पापा अपना लंड मेरी गांड में लगा कर बोले।

पापा मैं नहाने जा रही हूं तुम आराम से खाना बना कर लगा देना मुझे थोड़ी देर लगेगी जब वो नहाने जा रहे थे तब उनके हाथ में तौलिया के साथ एक छोटा सा दिब्बा जैसा भी कुछ था पर मुझे समझ नहीं आया 1 घंटे बाद जब वो नहाकर बाहर आये तो मुझसे कहने लगे पापा बेटा जाओ अब जल्दी से जा कर तुम भी नहा लो और मेरी दी हुई नई ड्रेस भी पहन लो।

मैं कमरे में आई और पापा वाला बैग खोल कर देखने लगी उसमें एक मिनी स्कर्ट थी, एक क्रॉप टॉप था और साथ में लाल रंग वाली इनर भी ये सब देख कर मुझे बहुत शर्म भी आई और पापा का प्यार भी महसुस हुआ मैं जब नहाने शॉवर के पास गई तो मुझे वही दिब्बा नज़र आया।

मैंने उसे उठा कर देखा तो पापा चला वो बाल साफ करने का क्रीम था जो आधा खाली हो गया था अब मैं समझ गई थी कि आज पापा को नहने में इतनी देर कैसे लगी थी फिर मैंने सोचा मेरी चूत पर भी बाल उग्ग ऐ थे जो मैंने आज तक कभी साफ नहीं किये थे तो सोचा आज क्यों ना मैं भी उन्हें साफ कर लूं।

जब पूरी चूत के बाल साफ हो गए तब मेरी चूत पूरी खिल उठी थी। मैंने पहली बार मेरी चूत को इतना फूला हुआ देखा था क्योंकि आज तक घने बालो की वजह से कभी देखा ही नहीं पाया था। जब नहा कर और चूत साफ करने के बाद में पैंटी पहन ने लगी तो देखा कि पैंटी बहुत ही ज्यादा छोटी थी मतलब बिल्कुल एक पेटी की तरह थी।

मुझे लगा सैय्यद पापा पहली बार लाए हैं इसलिए उन्हें साइज मालूम नहीं होगा ब्रा भी वैसी ही थी बिल्कुल टाइट और पूरी पारदर्शी जैसी। पर मैंने वो ब्रा पैंटी दोनों पहन ली और साथ में टॉप और स्कर्ट भी तभी पापा ने मुझे आवाज लगाई और पूछा पापा बेटा और कितना टाइम लगेगा नित्या हो गया पापा अभी बाहर बहुत है पापा ठीक है बेटा सीधा ऊपर वाले कमरे में आ जाना जहां तुम्हारा केक रखा है और तुम्हारी मम्मी को नींद आ रही थी इसलिए वो सो गई है नित्या ठीक है पापा।

मैं सीधे ऊपर छत वाले कमरे में गई पर वहां लाइट ही नहीं थी बस के कमरे में एक मोमबत्ती जल रही थी मुझे समझ आया कि इस कमरे की लाइट ख़राब है इसलिए पापा ने मोमबत्ती जला रखी है रोशनी इतनी कम थी कि कुछ दिखाया ही नहीं दे रहा था पर पापा ने सारे इंतजाम कर रखे थे। टेबल पर केक और उसपे 18 लिखा हुआ कैंडल भी रखा था तभी पापा भी वाहा रूम में आ गये मैंने उन्हें मोमबत्ती की रोशनी में देखने की कोशिश की तो देखा कि पापा तो शुद्ध नंगे थे उनके शरीर पर बस एक बस एक कपड़ा सा गमछा लपेट रखा था।

वो भी सामने से देखने में उठा हुआ दिख रहा था। कोई भी देखता तो समझ जाता कि वो पापा का प्यारा लंड था जिसका तनाव आ रहा था। पापा मुझे अजीब नज़रों से देखे जा रहे थे और मेरे पास आ कर बोले पापा ओह होउ मेरी नित्या तो आज दुनिया की सब से सुंदर लड़की लग रही है। मैं एकदुम से शर्मा गई और उनसे लिपट कर बोली नित्या मेरे पापा भी तो सबसे अच्छे हैं।

पापा का हाथ भी अपनी जगह पूछ चुका था। वो मेरी चुचिया मसलने लगे. उनके ऐसे करते ही मेरे मुँह से आहाहाहा जैसी सिस्कारिया निकल गई जिसको पापा ने सुन लिया। वो बहुत खुश हो गए क्योंकि वो जान चुके थे कि अब उनके चूने से उत्तेजित हो जाती हूं। पर पापा ने इस बार अपनी हद पर कर ली और उम्र बढ़ने लगी।

अनहोन एकदुम से ही मेरी स्कर्ट में हाथ डाला और सीधी पैंटी में हाथ घुसा दिया जैसे ही पापा का हाथ मेरी पैंटी के नीचे खुली छुट्टो पे लगा में सिहर उठी जिसे पापा ने महसुस कर लिया उम्र से पापा का लंड जो मेरी चूत पर लगा हुआ था उसमें भी हरकत होने लगी थी। तभी पापा ने पैंटी पे हाथ डाला और बोल ने लगे।

लंड की चाह में भटकती प्यासी औरत-Hindi Sex Story

पापा अरे लगता है ये पैंटी तो छोटी हो गई। नित्य तुमने बताया क्यों नहीं मुझसे कि ये पैंटी छोटी हो रही है। चलो कोई बात नहीं अभी उतर दो कल बदलाव कर देंगे नित्या नहीं पापा रहने दीजिए अब ये कल ही उतर दूंगी तो पापा पैंटी के अंदर गांड की दरार में हाथ घुसे हुए बोले।

पापा नहीं, इस पैंटी में कुछ लग जाएगा तो दिक्कत हो जाएगी चेंज करवा लो पापा अब पैंटी का इलास्टिक खिंचते हुए बोले  पापा अब बस इसे उतार ही दो मैंने भी उनकी बात मानते हुए पैंटी निकाल दी तो पापा, वो पैंटी अपने हाथ में लेके चूत के पास के पास के उसके वाहा देखने लगे कि कुछ दाग तो नहीं लगा या पैंटी वाहा से भीगी हुई तो नहीं वो पैंटी को सूंघने लगे और बोले।

पापा ये यहाँ वाला हिसा गीला कैसे हो गया मेरी प्यारी बेटिया रानी मैं ये सुनते ही शर्म से एक दम लाल लाल हो गई मेरी शर्म देख पापा मुझे टेबल पर राखी केक के पास ले गए और खुद मेरी पिच खड़े हो कर बोले पापा चलो अब मोमबत्तियाँ जलाओ मैं भी झुक झुक कर एक मोमबत्ती जलाने लगी पापा को भी अब बस इसका इंतज़ार था मेरे झुकते ही स्कर्ट के पीछे से पूरा ऊपर हो गया और मेरे चूतड पूरे नंगे उनके सामने आ गए पापा भी मेरी गांड से बिल्कुल चिपक गए और अब पापा के लंड और मेरी चूत के बीच बस एक पेटला सा गमछा बचा हुआ था।

मुझे एहसास होने लगा कि जैसे मेरी चूत से कुछ रिस कर बहार आने लगा है मेरे हाथ जोड़ी कंप ने लगे थे मेने जैसे करके सब 18 मोमबत्तियाँ जलायी और तब जा कर कमरे में कुछ अच्छी रोशनी हुई पापा मुझे चाकू देते हुए बोले पापा नित्या मेरी गुड़िया अब तुम कुछ ही समय में 18 साल की जवान लड़की हो जाओगी चलो अब मोमबत्तियों को जल्दी से बुझा दो जैसे ही मोमबत्तियों को झुका कर बुझाने लगे मेरा रम रम सिहर उठा ये सोचा कर की पता नहीं अब उम्र क्या होगी। मान कर रहा था कि वहां से भाग जाउ पर जोड़ी थी जो वही जा गए उठ ही नहीं रहे थे।

ये सब उधेड़ बन में जंबुझ कर थोड़े जोड़े को फेला कर खड़ी हो गई और झुक गई। मैंने ये इसलिए किया कि पापा को पूरी जगह देना चाहती थी। और पापा भी कोई बचे तो उन्हें भी पता चल गया था कि मैं क्या चाहती थी। पापा अपने खड़ा लंड को झुका कर मेरी खुली चूत पर लगा कर बोले पापा आराम से एक-एक कार बुझाओ मोमबत्तियाँ को।

मैं भी एक करके मोमबत्तियाँ जलाने लगी। उधर पापा उनके लंड पे से गमछे को धीरे धीरे सरकाने लगे। मेरी तो जैसे सास ही रुकी जा रही थी। एकदम से मुझे एहसास हुआ कि मेरी चूत पर एक गरम लोहा चिपक गया। मेरी चूत एकदुम से सिहर उठी. तभी पापा लंड को चूत की दरार में सेट करते हुए बोले –

पापा क्या हुआ नित्या जल्दी से सारी मोमबत्तियाँ बुझा दो मेरी तो सासे ही उखाड़ने लगी थी और मैं हफ्ते हुए चूतड को लंड पर रख कर बोली नित्या पर पापा ये तो भुज ही नहीं रही पापा ओह अच्छा चलो मैं ही बुझा देता हूं पापा मेरी चूत के पास झांगो पर हाथ रख कर पीछे से मुझ पर झुक गए और मोमबत्तियाँ बुझाने लगे। उस वक्त फिर से लगा जैसे किसी ने मेरी चूत पर गरम गरम रॉड रख दिया हो। मैंने ये भी कहा कि पापा का लंड चूत के मुँह पर आ गया था।

लगा जैसा मेरी चूत का मुँह अपने आप धीरे से खुल रहा है और ये सच में हो भी रहा था क्योंकि पापा की दोनों हाथों की उँगलिया चूत के किनारे पर थी जैसे वो फेल रहे थे मैं अपने आप से बाहर हो रही थी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी पापा भी अपनी हद से बाहर हो रहे थे मुझे लगा अगर मैंने उन्हें अभी नहीं रोका तो मामला बहुत आगे बढ़ जाएगा मैं अभी भी चुडवा कर चूत की सील तोड़ना नहीं चाहती थी कम से कम मेरी शादी होने तक तो नहीं। मगर आज मेरा शरीर भी मेरा साथ नहीं दे रहा था। मेरी चूत अपना पानी बहाने लगा था।

मान रोके जा रहा था पर सरीर कुछ और ही चाहता था तब मान किआ जोर से चिल्ला दूं और मम्मी को बुलाउ पर मुंह से कुछ भी नहीं निकल रहा था। मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी. पापा ने मोमबत्तियाँ तो बुझा दी थी पर मेरी कुंवारी चूत में आग लगा दी थी। तब पापा अपने कपड़े ठीक करते हुए बोले।

पापा अब केक भी काट लो मेने कांपते हुए हाथो से केक काटा तब पापा मुझे उनके हाथो से केक खिलाने लगे और मैंने भी खिलाया तब वो बोले पापा ये क्या मैं तो हमेशा तुम्हें मेरी गॉड में बिठा कर खिलाता हूं तो गॉड में बिठा कर ही खाऊंगा। इतना कहते ही वो बिस्तर पर जा कर बैठ गए।

पापा तब अपना लंड झुका कर अपने दोनों झंगो के बीच दबा कर रखा था और जो गमछा अब तक उनके कमर में लपेटा हुआ था उसने उन्हें अपने झंगो पर डाल दिया था उनके ये कहते ही मैं समझ गई थी कि अब उन्हें जब भी लंड नंगा करना होगा तो आसान से हो जाएगा। मैं केक लेकर उनके सामने आ गई और वहां खादी हो कर बोल ने लगी।

नित्या क्या पापा आप तो ऐसे बैठे हो अब मैं आपके भगवान में कैसे बैठूंगी पापा अभी बताता हूं कैसे वो मेरे बगल हाथ डाल कर मुझे हल्का सा उठे हुए बोले  पापा मेरी प्यारी गुड़िया यहाँ मेरे सामने बैठेगी जब वो मुझे उठाने लगे तब मैंने जन्भुज कर पापा के झांगो वाला कपड़ा जोड़ी के अंगुठे में फ़ैसा लिया था। जब मैं मेरे टैंगो को पापा के कमर में फेल कर बैठी वो तो कपड़ा वहां से हट गया और पापा बिल्कुल नंगे हो गए।

तब में भी फटाक से मेरी नंगी चूतड़ को उनके झांगो पर रख कर बैठ गई। मेरे ऐसे ही उनके मुँह से पागल भारी आहहाआह आह ऐसी सिस्कारी निकल गई। मैं एकदुम अंजान बनते हुए पूछने लगी नित्या क्या हुआ पापा क्या मैं इतनी भारी हूँ पापा स्कर्ट के अंदर नंगे छुतड़ पर हाथ घुमाते हुए उनके पास खिसक कर बोले।

पापा नहीं गुड़िया तुम तो एकदम फुल जैसी हल्की हो अब मुझे केक तो खिलाओ मैं उनको केक तो खिला रही थी पर मेरा पूरा ध्यान उनके लंड पे था जो मैं झंगो में छुपाये बैठी थी केक खाने के बाद पापा बोल न लगे पापा नित्या मेरी गुड़िया अब तो तुम कुछ ही दिनों की मेहमान हो इस घर में नित्या वो क्यों पापा।

पापा अब तुम जवान हो गई तो अब तुम शादी कर के कुछ ही दिनों में अपने घर चली जाओगी इतना सुनते ही मैं उनसे जोर से लिपट गई और रोने वाली आवाज में बोली नित्या नहीं पापा मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी किसी के साथ अपना घर नहीं बसाऊंगी ये सब मैं पापा ने मेरी टैंगो को जो उनके कमर में लिपटा कर पकड़े हुए उन्हें दोनों तरफ फेला दिया। 

ऐसे करते ही मेरी चूत का मुँह खुल गया और अंदर से निकल रहा पानी टपक कर गिर गया पापा मेरा चेहरा पका कर मेरी मदहोश भरी आँखों में देखने लगे और अचानक से पापा ने अपनी झांगो को एक झटका दिया। ऐसे करते ही मुझ पर तो मानो बिजली गिर गई थी। मेरी गीली चूत पर लंड ने ऐसी ठोकर मारी थप्पड़ से कि मैं सिहर उठी और तभी पापा बोलने लगे –

पापा तो फिर तुम किसके साथ घर बसाना चाहोगे मैं गंगा गई और उसके एहसास में उछल कर पापा से चिपक गई और चूत जो जोर से मजबूत कर बोली नित्या पापा मैं किसी और के साथ नहीं सिर्फ आपके साथ घर बसाऊंगी उस समय में इतनी गरम हो चुकी थी कि खुले शब्दों में उन्हें निमंत्रण देते हुए कह रही थी कि मैं उनके साथ घर बसाऊंगी। ये सुनते ही पहले तो पापा कुछ समय के लिए चुप रहे फिर एकदुम से मेरी कमर में हाथ डाल कर अपने झंग पर पीछे सरका दिया।

ओह्ह्ह भगवान में तो मर गई थी क्योंकि मेरी चूत लंड पर रगड़ गई थी। पापा के लंड का सुपारा चूत के मुँह पर आ गया था। तो पापा अपना हाथ चूत पर लगा कर खुश हो गए और बोले पापा मेरी बेटी तो सच में जवान हो गई है। और हां अब इसी तरह इसे साफ रखा करो। किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बता देना। वैसे इसे इतना चिकना कैसे किया मेरी बेटी ने। 

अब पापा पूरे खुल कर बोल रहे थे और साथ में मुझे भी उसका कह रहे थे। मैं शर्मा कर पापा से लिपटने लगी तो उन्हें रोक कर कहा पापा मुझसे इतनी शर्मोगी तो मेरे साथ अपना घर कैसे बसाओगी तुम?? बोलो रानी अपने पापा को बताओ कि चूत को इतना चिकना कैसे किया मैं शर्मा कर अकेले बंद कर के बोलने जा रही थी तो उन्हें मेरे गालों पर थप थपा कर कहा।

पापा अब अकेले बंद करोगी तो मैं यहां से चल जाऊंगी ये सुनते ही मैं डर गई क्यों कि पापा को एक दोस्त के लिए भी डर नहीं लगता था और बोली नित्या वो पापा क्रीम से पापा कहां से लाई थी क्रीम नित्या (शर्माते हुए नज़र झुका कर) वो आपका बचाया हुआ क्रीम था उसी से पापा ये बिल्कुल ठीक किया मेरी रानी पापा ने अपने हाथों को नीचे चुचियों पे घुमाया और बोले पापा ये क्या ब्रा भी टाइट है।

नित्या जी हा पापा टॉप हटा कर बताओ तो साइज पता लगेगी तो कल नई ला दूंगा पापा मेरी नंगी चूचियों को हाथ लगाने के लिए बेताब थे तबी में अपने लंड पर रगड़ते हुए सिस्कारिया लेते हुए आहाहाहा आहा करने लगी. तो पापा समझ गए कि मैं उनके लंड पर चूत रगड़ना चाहती हूँ तो पापा ने मेरी कमर पकड़ कर मुझे ठीक से बिठाया कि मैं आराम रगड़ पाउ और ब्रा खोलते हुए बोले।

पापा खुल गयी क्या नित्या जी हां मैं भी अब पापा को चुचिया मसलवाने के लिए बेताब थी। पापा भी अब मुझे पूरी नंगी करने के चक्कर में। टॉप और ब्रा तो उतार ही दिया था अब स्कर्ट के बटन भी खोले हुए बोले पापा अब इसे भी अलग ही कर देता हूं नित्या पापा पूरा क्यों खोल दिया मुझे नंगी क्यों कर रहे हो आप।

ऑफिस के लड़के के साथ हो गई चुदाई-Office Sex Story

पापा पूरे नंगे बदन पर हाथ घुमाते हुए बोले पापा नित्या अंदर मुझे कुछ पता नहीं लग रहा है जाओ लाइट जला लाओ तो अच्छे से साइज माप लूंगा ताकि अच्छी साइज के कपड़े ले आऊ तुम्हारे लिए मैं उनकी झांगो से उठना नहीं चाहती थी पर मन बुझा कर उठी और लाइट ऑन कर दिया जैसे ही लाइट ऑन हुई पूरा कमरा चमक उठा और मेरी आखे चौंदिया गई। 

तज़ुब भी ये हुआ सोच कर कि पहले तो यहाँ ये बल्ब नहीं था मैं समझ गई थी कि ये पापा ने ही किया होगा। तब में पापा की तरफ घूमी और जो मैंने देखा वो देख कर मेरा पूरा शरीर सिहर उठा पापा वाहा पूरे नंगे खड़े थे और उनके लंड में तनाव आ गया था जिसे वो खड़ा हो गया था मैंने पहली बार खुली आँखों से ऐसा बड़ा खड़ा लंड देखा था। ये सब देख मेरे कदम वही रुक गए तो पापा अपनी बहन को फेल कर बोले।

पापा रुक क्यों गई रानी आ जाओ यहां अपने पापा के पास मैं धीरे-धीरे कदम उठाने लगी और मेरे दोनो हाथो से मैंने चूची और चूत दोनो को धक दिया। मैं थोड़ी इनकी तरफ चलने लगी तो पापा ने कहा पापा ऐसे नहीं जरा हाथो को फेला कर दिखाओ अपने पापा को।

मुझे बहुत शर्म आ रही थी मैंने हाथो को थोड़ा फेलाया और पापा की तरफ देखा तो पापा अपने लंड को अपने हाथ से सहलाये जा रहे थे। मैं लाज सेहें नहीं कर पाई और भाग कर पापा की बहो मैं लिपट गई पापा क्या हुआ रानी नित्या मुझे बहुत शर्म आ रही है आप प्लीज लाइट बंद कर दीजिए ना।

पापा धत्त पगली इसमें शरमाने की क्या बात है तुम अब सिर्फ मजा लो. आखे खोलो और अपने पापा के लंड को देखो तुम्हें डर नहीं मजा आने लगेगा पापा इतना कहते ही मुझे किस करने लगे मेरा तो जैसा दम घुटने लगा था पर बदन में आग लगी हुई थी फिर पापा ने एकदुम से हाय मेरी चूची को मुँह में भर दिया और चूसने लगे कभी चुचिओ को चूसो तो कभी उन्हें दबा देते।

तो फिर हाथ को पेठ पे ले जा कर मेरे चूतड दबा देते बाद में उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी नाभि चटने लगे। उनकी हर हरकत से मुझे लग रहा था जैसे मेरी तो जान ही निकल जाएगी। मैं भी जोर जोर से सिस्कारिया निकलने लगी नित्या आहाहाहाहा उईईईह्ह्ह्ह आअह्ह पापा मुझे चोर दो उउफुफुफु आआहाहा अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

पापा अब तक तो मैंने कुछ किया ही नहीं है अभी तो असली खेल शुरू होना बाकी है इतना कहते ही वो आला सरके और मेरी चूत पर चुम्बन कर दिया। मैं तो एकदम ही बिस्तर से उछल पड़ी तो पापा बोले पापा आज कितने दिनों बाद देख रहा हूँ तेरी कुंवारी चूत। मुझे तो मेरी शादी के रात वाली तेरी माँ की कुंवारी चूत याद आ गई। 

वो भी ऐसी ही चूत साफ करके आई थी और उसकी चूत भी बिल्कुल तुम्हारी तरह ही थी पर मेरी रानी का छेद बहुत छोटा है अभी उसका थोड़ा चौड़ा करना पड़ेगा पापा मेरे सामने बिस्तर पर बैठ गए और मेरे टैंगो को फ़ैला कर उन्हें मेरी चूत के मुँह पर खोला और अपनी उंगली अंदर डाल कर मेरी चूत में उंगली करने लगे। मुझे चूत में उनकी उंगली से दर्द होने लगा था। 

पापा की लगभग आधी ही उंगली में घुस रही थी क्योंकि मेरी कुंवारी चूत बहुत टाइट थी। तभी मेरा दर्द देख कर पापा ने उंगली निकाली और उस उंगली को चटने लगे और बोले पापा मेरी रानी नित्या तेरी चूत और उसका पानी तो बड़ा ही मीठा है मजा आ गया मुझे चाटने में।

फिर उन्हें अपना मुँह चूत के पास रख लिया और मेरी चूत के होठों को चूसने लगे। मेरे मुँह से तो उनके इस प्रवाह के करण चीख ही निकल गयी। मैं इतने जोर से चिल्लाती थी कि अगर मम्मी ने गोली नहीं खाई होती तो ऐसा हाल में भी वो दौड़ कर मेरे पास आ गई होती।

पापा बहुत मस्ती से मेरी चूत चाटते जा रहे थे मैं उन्हें बहुत मन कर रही थी पर चुसाई के साथ-साथ उन्हें अपनी दो उंगली में फिर से मेरी चूत में घुसा दी और में फिर से जोर से चीख उठी पापा इतने जोर से दोनों उंगली अंदर बाहर कर रहे थे कि मुझे चूत में दर्द होने लगा था लेकिन कुछ समय के बाद दर्द के साथ मजा भी आने लगा था। अचानक से पापा उठे और वाहा राखी आलमारी के पास गए और उसमें से कंडोम का पैकेट निकला और बोले

पापा आज रात तो तुम्हें बहुत चोदूंगा मेरी रानी उसके बाद पापा ने मेरी चूत के अंदर बहुत तेल लगाया और बोले पापा इस तेल की वजह से अब मेरा लंड इस चूत में आसानी से चला जाएगा मुजे होने वाले दर्द के बारे में सोच कर ही बदन में कम्पन हो रही थी। मान लीजिए कि अभी बिस्तर से उठ कर वहां से भाग जाउ मगर पापा ने मुझे अपना आला दबा कर रखा था। 

फिर पापा ने भी अपने लंड पर तेल लगाया और लंड चूत के मुँह के पास रख दिया। वो लंड को रगड़ने लगा और धीरे से चूत के मुँह में लंड को धका देने लगे लेकिन लंड इतने आसान से अंदर नहीं गया तो पापा ने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख लिया और एक इतना जोर का ढका मारा। मैं गाल तो नहीं पाई पर वही तड़प ने लगी क्यूकी वो एक धक्के से पापा का 7 इंच का मोड़ा रॉड जैसा लंड मेरी चूत में समा गया था।

पापा लंड को धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगे, जिसे मुझे दर्द हुआ तो कुछ कम होने लगा था। पर तभी पापा ने अपना पूरा लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा उसमें बहुत खून लगा हुआ था। लेकिन फिर पापा ने फिर से एक ही धक्के में अंदर पेल दिया मुझे बहुत दर्द हो रहा था इसलिए पापा को हटाने के लिए ढका मार रही थी। मेरी दर्द वाली तड़प देख कर पापा खुद ही रुक गये। कुछ समय बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो पापा मुझे चोदने लगे और अब तो मुझे भी मजा आ रहा था तो मैं भी चिल्लाने लगी थी

नित्या आहाहाहाहाहा उउउफुफुफुफुफ आआऐईईईईई आहाहाहाहा पापा आहाहाहाहा धीरे अहाहाहाहा धीरे चोदो आहाहाहाहाहा पापा उउउउफुफुफुफुफ में तो मर गई अहाहाहाहाहा आहाहाहाहा मैं चिल्लाती रही और पापा मुझे चोदते रहे पापा उफ़ुफ़ुफ़िफ़ुफ़ अहाहाहाहा मेरी रानी उफ़ुफ़िफ़ अहाहाहाहा चूत की रानी अहाहाहाहा अहाहाहाहा आज बहुत चोदूंगा अहाहाहाहा नित्या अहाहाहाहाहाहाहा आआआआआआआहहाहहाहह आहाहाहाहाहा अहहाहा इतना बड़ा लंड आआआईईईईईईईईईईईईईईई छोरो मुजे पापा अहहाहाहाहाहा आहाहाहाहा आआआईईईईईईईईईईईई आहाहाहाहा।

अन्होने मेरी एक नहीं सुनी और लंड पेल गए मेरी चूत में और उनका लंड अब मेरी एंटीम कॉर्ड पे टकरा रहा था और मैं फिर से चिल्ला उठा नित्या अहहाहाहाहाहाहा अहहाहाहाहाहा पापा धीरे आआआऐईईईई डालोओओ आहाहाहाहाहा अब पापा चूत में लंड पेल रहे थे और साथ ही उन्हें हाथो में मेरी चुचिया पकड़ ली थी जिसे वो खूब दबा रहे थे रगड़ रहे थे। मुझे बहुत दर्द हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था पर मैं फिर भी बोल उठी नित्या आहाहाहाहाहाहाहा पापा आहाहाहा अब बाहर आआआऐईई निकाल दो।

पापा अभी-अभी तो मजा आने लगा है आज कितने दिनों बाद मुझे एक कुंवारी टाइट चूत मिली है ये कहते ही वो बहुत जोर के धक्के मारने लगे जो मेरी बचदानी के अंतिम में लगे जा रही थी और मैं चिल्लाये जा रही थी सिसकारियाँ लेते हुए। मुझे भी धीरे-धीरे मजा आने लगा इसलिए बोलने लगी नित्या आआऐईई उफुफुफुफ पापा आहाहा आज तक आपने मुझे कभी क्यों नहीं चोदा अहाहाहाहाहा मेरी आहाहाहा चूत को क्यों आआआआऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई।

चुदाई का सफर नौकरानी की चूत पे खत्म-Nokrani Ki Chudai

पापा ने अपनी स्पीड बढ़ा ली और नीचे से भी अपनी चूत को उठा कर उनका साथ देने लगी थी और तभी मुझे एहसास हुआ कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है मैने तुरेंट पापा को बताया  नित्या आआहाहाहाहाहा पापा आआआआऐईईईई उफुफुफुफुफ मेरी चूत से कुछ निकलने वाला आअहहहाहाहाहा है पापा उउफुफुफुफ्फु रानी वो तो मेरी गुड़िया के चूत का रस है आहाहाहाहा हाहाहा और मैं भी अब झड़ गया हूँ।

अब मेरा और पापा दोनो का पानी निकलने वाला था क्योंकि हमें चुदाई करते हुए करीब 30 मिनट हो गए थे और तभी मैंने एक जोर की सिसकारी के साथ अपनी चूत का पानी चोद दिया और साथ ही पापा के लंड का पानी भी चूत में निकल गया उस रात पापा ने मुझे कुल 3 बार चोदा इस तरह मैंने अपना 18वां जन्मदिन मनाया उस दिन के बाद में और पापा रोज़ ही चुदाई करने लगे मैं तो पापा के लंड की दीवानी हो गयी थी।

हमने अपना वो घर बेच दिया और हम दूसरे राज्य में शिफ्ट हो गए। वाहा शिफ्ट होने के बाद मैंने और पापा ने शादी कर ली और उसके बाद हम पति पत्नी की तरह रहने लगे हैं मम्मी को जब हमारी शादी के बारे में पता चला तो पहले वो बहुत दुखी हुई बहुत रोई भी पर पापा के समझने पर और उनकी चिंता का ख्याल करके वो मान गई और मुझे अपनी सौतन भी मान ली।

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *