नमस्ते दोस्तो मेरा नाम नीना है मैं बेंगलुरु से हूं मेरी उम्र 25 साल है और मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती हूं मेरी हाइट 5’6″ है रंग गोरा है और फिगर 34-29-36 है मैं अभी तक सिंगल हूं।
सिंगल मतलब मेरी शादी नहीं हुई लेकिन मेरे अब तक काफ़ी बॉयफ्रेंड रह रहे हैं उनसे कितनों से साथ मैंने चुदाई भी करवाई है लेकिन मैं हर किसी के साथ इतनी आसानी से चुदाई नहीं करती जो मुझे पसंद आता है उसके नीचे लेट-ती हूं बाकी लोगों को दूर से ही टाटा-बाय-बाय कह देती हूं।
मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे पापा और एक छोटा भाई है छोटा भाई अभी 10वीं में पढ़ता है और वो हॉस्टल में ही रहता है तो घर पर सिर्फ मैं और पापा रहते हैं मेरी मां का देहांत 2 साल पहले हुआ है और उससे संबंधित ये कहानी है।
2 साल पहले मेरी मां की तबीयत काफी खराब हो गई थी वो पिछले डेढ़ महीने से लगता है बीमार रह रही थी हमने हर डॉक्टर को दिखाया हर किसी ने अपने-अपने हिसाब से इलाज भी किया लेकिन वो फिर से बीमार हो जाती थी। पापा मम्मी से बहुत प्यार करते थे और बहुत टेंशन में थे।
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फिर एक दिन जब मैं सुबह उठी तो पापा अपने कमरे में ज़ोर-ज़ोर से रो रहे थे जब मैं उनके कमरे में गई तो वो मम्मी के पास बैठीं मम्मी की सांसे रुक चुकी थी मैंने उनकी छाती दबा कर उनकी सांसे वापस लाने की कोशिश की लेकिन कोई फ़ैदा नहीं हुआ मम्मी मर चुकी थी
हम सब बहुत दुखी थे कुछ दिनों तक रोना-धोना चलता रहा फिर भाई को मैंने हॉस्टल भेज दिया और खुद काम पर जाने लगी लेकिन पापा इस हादसे से उबर नहीं पाए मेरे पापा की किराने की दुकान है जैसे-तैसे करके मैंने उनको दुकान पर जाने के लिए मनाया ताकी उनका मूड बदल सके।
फ़िर वो भी ठीक होने लगे। लेकिन अभी भी वो खुश नहीं लग रहे। खुश होते भी कैसे मम्मी जो चली गई थी। फिर 2 महीने बाद पापा बीमार पड़ गए। जब मैंने डॉक्टर को बुलाया तो उसने कहा डॉक्टर: इनका ब्लड प्रेशर बहुत लो है और ये डिप्रेशन में है।
अभी तो हालात काबू में हैं लेकिन अगर ये ऐसे ही चलता रहा तो ये कोमा में जा सकता है मैं: डॉक्टर इसको ठीक कैसे किया जा सकता है डॉक्टर: इनका ब्लड प्रेशर बढ़ाओ किसी तरह से। और खुश करो इन्हें ताकि इनका माइंड रिलैक्स हो मैं: डॉक्टर आप कोई दवा दो जिसका ब्लड प्रेशर बढ़ता है इनका।
डॉक्टर: ऐसी दवा नहीं दे सकते। इनका सिस्टम इतना कम है दवा बर्बाद नहीं करेगी ये आपको नेचुरल तरीके से करना होगा फिर मैंने इंटरनेट पर सर्च किया तो वहां पर ब्लड प्रेशर बढ़ाने के कई तरीके थे जैसे ज़ोर से हंसना व्यायाम करना खुश होना गुस्सा होना आदि लेकिन पापा से ये सब करना संभव नहीं था।
उसी दिन मैं अपने बॉयफ्रेंड से बात कर रही थी। वो सेक्स का बहुत भूखा था। मैंने उससे पूछा मैं: यार तुम ब्लड प्रेशर बढ़ाना हो तो क्या कर सकते हो वो बोला: पलंग तोड़ सेक्स करो ब्लड प्रेशर अपना आप बढ़ जाएगा मैं: यार तुम कभी तो सीरियस हो जाओ।
वो बोला: बेबी मैं सही कह रहा हूं अगर यकीन नहीं आता तो इंटरनेट पर सर्च कर लो मैं: तुम ना रहने दो बस और मेरी उससे बात ख़त्म हो गयी फिर मैंने इंटरनेट पर सर्च किया शायद वो सही कह रहा हो और हाँ वो सही था सेक्स से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और आदमी रिलैक्स हो जाता है।
अब समस्या ये है कि पापा सेक्स करेंगे किस्से? कोई महिला नहीं थी जिसके पापा से बात-चीत हो कोई कॉलगर्ल को बुला नहीं सकती थी इसके पापा को और शॉक लग जाना था फिर मैंने सोचा कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा लड़कों को उत्तेजित करने में मैं वैसे माहिर थी और पापा भी तो एक मर्द ही थे।
तो मैंने सोचा कि मैं उनको उत्तेजित करुंगी ताकि उनमें सेक्स की इच्छा जाग जाए मुझे यकीन था कि पापा मेरे साथ तो सेक्स करेंगे नहीं और मेरी भी कोई ऐसी इच्छा नहीं थी लेकिन उत्तेजित होने पर वो कुछ तो करेंगे फिर चाहे मुथ ही मार कर रिलैक्स हो जाए।
फिर अगले दिन से मैंने पापा को उत्साहित करने के मिशन पर लग गई अभी पापा बेडरेस्ट पर थे और मैं रोज़ सुबह उनके कमरे की सफ़ाई करती थी उस दिन मैंने जान-बूझ कर गहरी गले वाली टी-शर्ट पहनी और उसकी नीचे ब्रा नहीं पहनी नीचे मैंने एक पतला अर्ध-पारदर्शी पायजामा पहना और पैंटी नहीं पहनी वो पायजामा ऐसा था कि उसमें से 60% आर-पार दिखता था।
आगे जब भी मैं उनके कमरे में सफाई करने जाती थी तो धीरे से दरवाजा खोलती थी लेकिन आज मुझे उनको अपना जिस्म दिखा कर गरम करना था उनको जगना जरूरी था लेकिन मैं डायरेक्ट भी उनको जगा नहीं सकती थी क्या कह सकती है तो मैंने ऐसी हरकतें की जिसे वो अपने आप ही जगा ले।
सबसे पहले मैं जब रूम में एंटर हुई तो मैंने ज़ोर से दरवाजे को धक्का दिया इस दरवाज़ा दीवार पर लगा जिसकी ज़ोर की आवाज़ हुई पापा हमसे जाग गए और मुझे आगे कुछ करना नहीं पड़ा पापा ने मेरा हाल-चाल पूछा और मैंने उनका पूछा।
फिर मैंने नीचे बैठ कर पोचा लगाने लगी पापा मेरी तरफ ही देख रहे थे मैं खादी होके झुक गई और वैसी ही सफाई करने लगी मेरे सेक्सी स्तन टी-शर्ट के अंदर लटक रहे थे और ध्यान से देखा जाता था निपल्स भी दिख रहे थे।
फिर मैं घूम गई और मैंने अपने गांड पापा के सामने कर दी पीछे से मेरी गांड और जाँघें साफ दिख रही थी उनके कमरे में जाने से पहले मैंने शीशे के आगे खड़े होके सब चेक किया था मेरी चूत पर काले-काले बाल भी थे जो मैंने काफी दिन से शेव नहीं किये थे वो बाल भी साफ दिख रहे थे पापा को।
फिर अचानक से जब मैंने पापा की तरफ देखा तो पापा मुझे ही देख रहे थे उन्हें देखते ही अपनी नज़र घुमा ली फिर मैं बाहर आ गई बाहर आके मैंने खिड़की से अंदर देखा पापा का हाथ उनके लंड पर था मैंने वैसा ही किया जब मैं रोज़ की तरह उनके कमरे में सफाई करने गई तो मैंने ऐसे कपड़े पहन लिए जिसे वो मेरे सेक्सी जिस्म को देख कर उत्साहित हो जाए। और हुआ भी कुछ वैसा ही अब आगे बढ़ते हैं
सुबह की सफाई के दौरान मैंने पिता जी को थोड़ा उत्साहित कर दिया था जब मैं उनके कमरे से बाहर आई तो मैंने खिड़की से देखा कि उनका हाथ उनके लंड पर था ये देख कर मुझे ख़ुशी हुई कि मैं अपने प्लान में कामयाब हो रही थी।
सफ़ाई करने के बाद अब बारी थी उनको कहने की मैं वही कपड़े पहने हुए उनके कमरे में चली गई और उनको नहाने के लिए बाथरूम ले जाने लगी उन दिनों पापा को कामजोरी आई हुई थी तो मैं बाथरूम में उनको बिठा कर परेशान करती थी अन्होन सिर्फ अंडरवियर पहनना होता था।
मैंने उनको बिस्तर से उठाया और उनका दया हाथ अपने कंधे पर घुमा लिया फिर मैंने अपना बाया हाथ उनकी कमर पर रखा और दये हाथ से उनके दये हाथ को पकड़ लिया जो मेरे कंधे पर था उसके बाद हमने बाथरूम की तरफ जाना शुरू किया।
जाते-जाते मेरे दिमाग में एक खुराफात आई। मैंने अपने दया हाथ से जो उनका दया हाथ पकड़ा हुआ था उसको मैं अपने उल्लू पर दबाने लग गई। पापा ने भी हाथ पीछे नहीं किया और मेरे बूब को छूने का मजा लेने लगे।
फिर हम बाथरूम पाहुंच गए मैंने पापा को स्टूल पर बिठाया और उनके कपड़े उतारने लगी। अब पापा सिर्फ काले रंग के अंडरवियर में थे। उनका लंड थोड़ा-थोड़ा खड़ा हुआ लग रहा था। लेकिन मुझे वह पूरी तरह उत्तेजित करना था।
फिर मैंने उनकी बॉडी पर पानी डालना शुरू किया। उसके बाद मैं उनको सबुन लगाने लगी। सबुन लगते हुए मैं झुकी हुई थी और मेरे सेक्सी स्तन का नजारा दिख रहा था। मैं देख रही थी कि पापा मेरे स्तनों को ही देख रहे थे।
मैं खुश थी क्योंकि मेरा मिशन सफल हो रहा था। लेकिन उनका लंड अभी भी पूरा खड़ा नहीं हुआ था मतलब वो पूरे जोश में नहीं आये थे। तभी मैंने कुछ ऐसा किया जिसे वो पूरे जोश में आ गए।
जैसा कि मैंने आपको बताया था कि मेरा पायजामा काफी ट्रांसपेरेंट टाइप का था। मैंने जब उनको नहलाने के लिए पानी डिब्बे में भरा तो जान-बूझ कर दिब्बा अपने ऊपर गिरा लिया। डिब्बा सीधा जाके मेरे पेट पर गिरा जिसका मेरा नीचे का हिस्सा पूरा भीग कर दिखने लगा। अब मेरी जाँघें पूरी दिख रही थी और मेरी बालों वाली चूत भी दिख रही थी। तभी मैं बोली मैं: ओहो ये क्या हो गया अब आपको नहलाने के बाद मुझे फिर से नहाना पड़ेगा।
ये बोल कर मैंने पापा को बुलाना जारी रखा। मैं देख सकती थी कि पापा का लंड मुझे देख कर पूरा खड़ा हो गया था। होता भी कैसे नहीं मेरी मस्त जाँघें और चूत को देख कर तो किसी भी मर्द का खड़ा हो जाये। ऐसे ही करते हुए मैंने पापा को परेशान कर दिया।
फिर मैं 2 मिनट के लिए बाथरूम से बाहर चली गई ताकि वो अपना अंडरवियर उतार कर बदल सके। उसके बाद मैंने उनके कपड़े पहनने में मदद की और हम फिर उनके कमरे की तरफ चल पड़े। मैंने फिर उनको वैसे ही पकड़ा था। लेकिन इस बार मैंने उनके दये हाथ पर अपना हाथ नहीं रखा।
मैं देखना चाहती थी कि क्या पापा अपनी तरफ से कुछ करेंगे या नहीं। और हुआ भी वैसा ही इस बार पापा ने खुद से मेरे बूब पर अपना हाथ रख लिया और उसको हल्के-हल्के प्रेस करने लगे। मैंने इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया और पापा भी अंजान बन कर मेरा उल्लू दबा रहे। फिर मैंने जाके पापा को बिस्तर पर बिठा दिया। जब मैं कमरे से बाहर जाने लगी तो पापा बोले-
पापा: बेटी वो सामने दराज से मेरी किताब निकल जाएगी मैं: जी पापा दराज में कौन सी पड़ी है पापा: वो नीचे वाले में पड़ी है।
मैं समझ गई थी कि पापा मेरे पीछे से मेरी गांड का नजारा देखना चाहते थे। जब मैं नीचे झुकी तो मैंने सामने लागे एक छोटे से शीशे में देखा। मैं बिल्कुल सही थी पापा हवस भारी नज़रो से मेरी गांड ताड़ रहे थे। मैं खुश हो गई क्योंकि अगर ऐसा चलता रहता तो पापा कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते।
फिर मैंने किताब निकाल के पापा को दी और कमरे से बाहर चली गई। मैंने फिर खिड़की में से पापा को देखा। आज भी उनका हाथ उनके लंड पर था मुझे पूरा विश्वास था कि मैं अपने पापा को जल्दी ही ठीक कर दूंगी।
उसके बाद मैंने कपड़े बदल लिए और सामान्य जींस और टी-शर्ट पहन ली। जब मैंने पापा को खाना खिलाया तो मैंने नोटिस किया कि पापा मेरी टी-शर्ट में से मेरी क्लीवेज देखने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इस टी-शर्ट में से उनको ज्यादा कुछ मिलने वाला नहीं था। मैं देख रही थी कि पापा सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे थे।
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ऐसे ही करते हुए शाम हो गई। अब मैं सोच रही थी कि मैं ऐसा क्या करूँ कि पापा और उत्साहित हो जाएँ। मैं ध्यान भी रख रही थी कि कहीं पापा को ऐसा न लगे कि मैं जान-बूझकर ऐसा कर रही थी। फिर मेरे दिमाग में एक धांसू आइडिया आया जिसके मैं पापा को काफी उत्साहित कर सकती थी।
रात को पापा को उत्साहित करने के लिए मेरे दिमाग में एक धांसू आइडिया आया था। मैं रेगुलर 9 बजे सोती थी और पापा को सोने में 11 बजे जाते थे। मैंने आज सोने से पहले एक पतली टी-शर्ट और साथ में शॉर्ट्स पहन ली। मेरा प्लान ये था कि अगर मैं पापा के साथ सो जाऊं तो इसे पापा सबसे ज्यादा उत्साहित हो जाएंगे। क्योंकि औरत को सिर्फ देखना और उसके जिस्म की गर्मी को महसूस करने में बहुत फर्क होता है।
9 बज चुके थे लेकिन मैं अभी तक सोई नहीं थी। मैं 9:30 बजे बजने की प्रतीक्षा कर रही थी। फ़िर जैसे ही 9:30 बजे मैं अपने बिस्तर से उठी और पापा के कमरे का दरवाज़ा खटखटया।
मैं: पापा मैं आ सकती हूं (दरवाज़ा खटखटते हुए) पापा: हाँ बेटा आ जाओ फिर मैं अंदर गई और पापा को बोला मैं: पापा मुझे बहुत बुरा सपना आया है आप ठीक हैं पापा: हां बेटा मैं बिल्कुल ठीक हूं। तुम्हारी सेवा से मेरी हालत में बहुत सुधार है मैं: पापा मुझे अपने कमरे में डर लग रहा है। क्या मैं आपके साथ आज इतनी सक्षम हूं।
पापा: हां बेटा बिल्कुल इतनी अच्छी हो ये बोल कर पापा ने अपने साथ जगह बनाई और मैं पापा के साथ लेट गई। फ़िर मैंने चादर ओढ़ ली। मैंने मुंह दूसरी तरफ कर लिया ताकि पापा को मेरी गांड के दर्शन हो सकें। कुछ देर में पापा ने लाइट बंद कर दी और खुद भी सो गए।
मैं सोयी नहीं थी बस सोने का नाटक कर रही थी। तकरीबन एक घंटे के बाद मुझे अपनी गांड पर पापा का हाथ महसूस हुआ। पापा मेरी गांड पर धीरे-धीरे हाथ फिर रहे थे। मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया ताकि पापा को लगे कि मैं गहरी नींद में थी। फ़िर पापा ने मुझे हल्की सी आवाज़ लगाई।
पापा: बेटा बेटा लेकिन मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अब पापा को कन्फर्म हो गया था कि मैं गहरी नींद में थी। फ़िर उन्हें मेरे चोटद दबाने शुरू कर दिए। मैं खुश थी क्योंकि पापा ठीक होने वाले थे मेरी वजह से। फिर पापा ने मेरी टी-शर्ट पीछे से उठाई और अपना हाथ मेरी पीठ पर फेरने लगे।
साथ में ही मुझे अपनी गांड पर कुछ और भी महसूस हुआ। शायद वो पापा का लंड था वो बिल्कुल हार्ड लग रहा था मुझसे उम्मीद नहीं थी कि पापा मुझे साथ लेते हुए देख कर इतना आगे बढ़ जायेंगे। लेकिन इस बात की ख़ुशी थी कि वो ठीक हो रहे थे किसी तरह।
पीठ पर हाथ फेरते-फरते पापा अपना हाथ धीरे-धीरे आगे की तरफ आने लगे। मैंने आज ब्रा नहीं पहनी थी तो पापा जिस चीज़ को महसूस करना चाहते थे उसका रास्ता बहुत आसान था अगले कुछ ही सेकंड में पापा का हाथ मेरे स्तन पर पड़ा मेरी सिस्की निकलने वाली थी लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया।
फिर पापा हल्के हाथों से मेरे बूब को दबाने लगे। वो अपनी उंगली को मेरे निपल के चारो तरफ घुमाने लग गए। इसे मुझे भी मजा आ रहा था जो भी हो पापा को औरत को उत्साहित करना अच्छे से आता था। धीरे-धीरे वो ज़ोर से मेरे बूब को दबाने लगे। शायद वो ये भूल गए थे कि अगर मैं जाग गई तो वो क्या बोलेंगे।
हां ये भी हो सकता है कि उन्हें कोई बहाना पहले से सोच रखा हो। मैं अभी भी सोने का नाटक कर रही थी। अब पापा के ठीक होने से ज्यादा मैं जानना चाहती थी कि वो कितनी आगे बढ़ सकती थी।
कुछ देर उल्लू को दबाने के बाद वो हाथ नीचे ले गए और मेरे पेट को सहलाने लगे। फिर वो खुद भी नीचे हुए और चादर के अंदर घुस गए। मैं समझ नहीं पा रही थी कि वो आगे क्या करने वाले थे। फिर मुझे मेरी पीठ पर कुछ एहसास हुआ।
अरे बाप रे! ये मेरे पापा के होंथ थे और वो मेरी पीठ पर किस कर रहे थे। उनके हौंथ जैसे ही मेरी पीठ पर पड़ते मैं सिहर जाति। लेकिन मैं आवाज़ नहीं कर सकती थी। क्योंकि उनकी नज़र में मैं सोई हुई थी। वो मेरी पीठ को प्यार कर रहे थे और उनका ऐसा करने से मेरी चूत गीली हो रही थी।
पापा का हाथ अब मेरे पेट से नीचे मेरी शॉर्ट्स पर चला गया वो अपना हाथ मेरी टैंगो के बीच में ले गए और शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चूत को हल्के-हल्के से दबाने लग गए मैं तो जैसा पागल हो रही थी और मेरी चूत धड़ाधड़ पानी छोड़ रही थी।
फिर अपने हाथ से मेरी शॉर्ट्स का बटन खोला और फिर धीरे-धीरे ज़िप भी नीचे कर दी मेरी शॉर्ट्स टाइट थी ज़िप खोलने के लिए शॉर्ट्स आगे से खुल गई फिर पापा ने मेरी शॉर्ट्स के अंदर अपना हाथ डाला और उनका हाथ सीधा पैंटी के ऊपर से मेरी चूत पर गया।
जैसा ही उन्हें मेरी चूत को छुआ मैं तो कांप गई। इस बार मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाई थी तो शायद मेरा सपना पापा ने भी महसूस किया होगा लेकिन वो रुके फिर भी नहीं फिर पापा ने धीरे-धीरे अपना हाथ मेरी पैंटी में डाल दिया। मैं सोच रही थी कि पापा कितनी आगे बढ़ रहे थे और कितनी हिम्मत थी उन्हें जो अपनी बेटी की पैंटी में हाथ डाल रहे थे।
फ़िर वो और नीचे हैं और शॉर्ट्स पीछे से थोड़ी और नीचे की उसके बाद उन्हें अपने होठों से मेरे चुटद को चूमा उनका हाथ जो मेरी पैंटी में था मेरी चूत तक पहन चुका था। फ़िर जैसा ही उनको मेरी चूत पर हाथ लग गया मैं पीछे मुड़ गई और बोली मैं: पापा आप क्या कर रहे हो।
फिर मैं रात को अपने पापा के साथ सो गयी मैंने शॉर्ट्स और बिना ब्रा के टी-शर्ट पहनी थी फिर पापा ने मेरे स्तन दबाये और मुझे चुनना शुरू कर दिया जब उन्हें मेरी चूत पर हाथ लग गया तो मैं जाग गई और मैंने उनसे पूछा कि वो क्या कर रहे थे अब आगे बढ़ते हैं।
पापा: बेटी मुझे तुमसे प्यार करना है कृपया मुझे रोको मत मैं: पापा मैं आपकी बेटी हूं आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते पापा: ये जो सुबह से लेके शाम तक तुम मुझे अपना बदन दिखा कर पागल कर रही हो वो एक बेटी की हरकत तो नहीं है मैं: पापा डॉक्टर ने कहा था कि आपका इलाज कराना जरूरी है इसलिए मैं ये सब कर रही थी।
पापा: तो चल अब मेरा इलाज पूरा कर ये बोलते ही पापा ने मेरे होठों से अपने होठों को चिपका दिया मैं अलग होने की कोशिश कर रही थी लेकिन पापा की पकड़ मजबूत थी वो पागलों की तरह मेरे होंठ चुनने लगे और एक हाथ मेरी पैंटी में डाल कर मेरी चूत मसलने लगे 10 मिनट लगातार किस करने से मैं गरम होने लगी अब मैंने अलग होने की कोशिश छोड़ दी मैं अपने पापा के लिए सब कुछ करने को तैयार थी।
जब पापा ने देखा कि मैंने उनको दूर करने की कोशिश बंद कर दी थी तो उन्हें मेरे होठों से दूर कर दिया। फिर मुझे सीधा करके वो मेरे ऊपर आ गये और मेरी टी-शर्ट स्तन के ऊपर कर दी। मेरे रस से भरे स्तनों को देख कर उनकी आंखें चमक उठीं।
उन्हें मेरे दोनों स्तनों को पकड़ा और उन्हें मसलना शुरू कर दिया। मैं आह्ह आह्ह करने लग गयी वो बड़ी ज़ोर से मेरे स्तनों को मसल रहे थे जैसे किसी रंडी को पैसे दिए हो और पैसे पूरे कर रहे हो। फिर वो आगे बढ़े और एक-एक करके मेरे निपल्स को ज़ोर-ज़ोर से चुनने लगे। मुझे कामुकता चढ़ती जा रही थी और मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी।
कुछ देर जी भर का अनहोन मात्र स्तन चुनें। फिर वो मेरे पालतू जानवर को चुनने लगे और नाभि में जीभ डाल-डाल कर चुनने लगे। मैं कामुकता भरी सिसकियाँ ले रही थी। फिर वो नीचे आये और मेरी शॉर्ट्स को कमर से पकड़ कर नीचे खींचने लगे।
मेरी शॉर्ट्स उतार दी और साथ ही मेरी पैंटी भी निकाल दी अब मैं अपने पापा के सामने पूरी नंगी थी मेरी चूत को देख कर पापा बोले पापा: तू बिल्कुल अपनी माँ जैसी खूबसूरत और खूबसूरत है।
ये बोल कर उन्हें मेरी तरफ देखा तो मैंने मुंह साइड में कर लिया। फिर पापा ने मेरी चूत में मुँह लगा दिया और उसको अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे उनकी जीभ मेरी चूत पर पड़ती मेरी बॉडी में करंट सा लगता। वो नीचे से ऊपर मेरी चूत पर अपनी जीभ फिरा रहे थे।
मैं इतनी गरम हो गई थी कि मैंने अपना हाथ उनको सर पर रख दिया और उनके सर को अपनी चूत में दबाने लगी। साथ में मेरे मुँह से आह आह की आवाज निकलती जा रही थी। फिर पापा अपने पेट को मेरी चूत के अंदर डालने लगे। इसे तो मानो मैं पागल ही होने लग गई।
मैं गांड उठा-उठा कर अपनी चूत चटवाने लगी। कुछ देर ऐसे ही मुझे तड़पाने के बाद पापा ने अपने सारे कपड़े उतार दिये। उनका लंड काफी तगड़ा था फ़िर पापा मेरे ऊपर आके मेरी ब्रेस्ट पर बैठ गये। वो अपना लंड मेरे होठों पर रगड़ने लगे जिसे मैं समझ गई कि वो अपना लंड चुसवाना चाहता था।
फिर जैसे ही मैंने अपना मुँह खोला पापा ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। पापा ज़ोर-ज़ोर के धक्के मेरे मुँह में देने लगे। मैं सांस नहीं ले पा रही थी लेकिन उनको इसमें कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। कुछ देर उन्हें जबरदस्त तरीके से मुझे लंड चुसवाया। फ़िर वो नीचे मेरी टैंगो के बीच आ गई।
उन्हें अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और उसको रगड़ने लगे। मेरी गांड अपने आप ही उत्तेजना में हिलने लगी फिर उन्हें लंड चुत के मुँह पर टिकाया और ज़ोर का धक्का मार कर लंड अंदर घुसा दिया चूत बहुत गीली थी तो पूरा लंड फिसला हुआ अंदर चला गया। मेरी आह्ह निकल गयी और साथ ही पापा की भी आह्ह निकल गयी।
फ़िर वो लंड अंदर-बाहर करके मुझे चोदने लग गये क्या मजा आ रहा था मैं अपने बाप से चुद रही थी मुझे ख़ुशी भी थी क्योंकि मेरे पापा ठीक होने वाले थे। फिर क्या था अगर मुझे इसके लिए उनकी रंडी बनना पड़ा तो।
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पापा ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत चोद रहे थे। साथ में वो मेरी चूत के दाने को भी मसल रहे थे। मैं तो जैसी जन्नत में थी मुझे इतना मजा आ रहा था। फ़िर पापा मेरे ऊपर लेट गये और मेरे स्तन चूसते हुए मुझे चोदने लगे। कुछ देर ऐसे ही हमारी चुदाई चली मैं एक बार झड़ चुकी थी लेकिन पापा अभी नहीं झड़े थे।
फिर पापा ने मेरी चूत में से लंड निकाला और मुझे उलट दिया। उसके बाद वो मेरी गांड पर बैठ गये और मेरे चूतड खोल कर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। फिर वो मेरे ऊपर लेट गए और उसकी पोजीशन में मुझे चोदने लगे। हमारी स्थिति में मुझे फिर से दर्द होने लगा। शायद इस पोजीशन में चूत कस जाती है इसलिए।
15 मिनट पापा ने मुझे और चोदा। इस दौरन वो मेरी पीठ चूमते रहे और उस पर अपने दांतों के निशान डाल दिए। फिर पापा ने अपना लंड चूत में से निकाला और पूरा माल मेरी गांड पर ही डाल दिया। उसके बाद वो मेरे ऊपर ही सो गए दोस्तों उस दिन से आज तक हमारी रोज़ चुदाई होती है। अब तो मैं उनकी बीवी ही बन चुकी हूं बस शादी करने की देरी है कहानी का मजा आया हो तो दोस्तों के साथ भी शेयर करें।