भाभी की लंड लेने की चाहत पूरी की-Bhabhi Ki Chudai

भाभी की लंड लेने की चाहत पूरी की

भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि भाई बाहर जॉब करते थे तो मुझे भाभी के साथ रहने का मौक़ा मिला भाभी को मैं चोदना चाहता था यह कैसे संभव हुआ दोस्तो मेरी उम्र 21 वर्ष है मेरे शरीर की लंबाई 5.7 है मेरे लंड का आकार 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।

मैं उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद का रहने वाला हूं मेरा नाम विनय है, मैं एलएलबी का स्टूडेंट हूं आज मैं आप लोगों को अपनी इस भाभी सेक्स कहानी में बताना चाहता हूं कि कैसे मैंने अपनी ही भाभी की प्यार से चुदाई की मेरे भाई की शादी हुए 2 साल हो चुके थे।

तब तक मैं अपने कालेज की पढ़ाई पूरी करके घर में कुछ दिन के लिए रहने आ गया मेरे भाई की तबीयत कुछ गड़बड़ रहती है उनको पेट में गैस बनने की समस्या है। उनका कद भी काफी छोटा है मेरी भाभी का गेंहुआ रंग बड़ी चूचियां यही कोई 34 साइज की हैं।

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वो खुद अपने ब्लाउज और बाकी कपड़े सिलती हैं बड़ी गांड के साथ जब वो इधर उधर काम करती हैं तो उनका बदन देखकर कोई भी उन्हें चोदने का सपना देखने लगेगा मैं कई बार अपनी भाभी को याद करके मुठ मार चुका हूं मेरे घर में हम चार भाई हैं साथ में मां और बाबू जी भी रहते हैं।

भाई मेरे कानपुर में प्राइवेट जॉब करते हैं। वो भगवान को बहुत मानते हैं साधारण जीवन जीना उन्हें अच्छा लगता है जबकि मैं हमेशा लड़कियों और भाभियों को चोदने के फिराक में रहता हूं भाई चले गए नौकरी पे तो मैं भाभी को पेलने का तरकीब सोचने लगा भाभी थी ही ऐसी कि लंड से लार टपक जाए।

अब मैं भाभी से मौका मिलते ही हंसी मजाक करने लगा भाभी भी काफी मजाकिया थी उन्हें मैं रोजाना बाजार से लाकर कुछ न कुछ खाने की चीज देता रहता था वे भी मेरे लाए हुए चावमीन समोसे, गोलगप्पे को बड़े चाव से खा लेती थी एक दिन मैंने मजाक में ही कह दिया- खा रही हो फ्री में मत समझना इसके बदले आपको भी कुछ देना पड़ सकता है।

भाभी मुस्कुराते हुए बोली- ले लेना पैसे ही तो लोगे मैंने कहा- पैसे किसको चाहियें मुझे तो आपका प्यार मिल जाए वही काफी है भाभी मुस्कुरा के वहां से चली गई जब भाभी छत पर बर्तन मांजती थी तो मैं रोज उनके पास बैठ कर उनसे बातें किया करता था।

वो बर्तन मांजती थी तो उनका बड़े चूचे झलकने लगते थे, मैं उन्हें देखकर रोजाना गर्म हो जाता था और मेरा लंड पैंट के अंदर ही गुर्राता रहता था एक दिन मैंने जानबूझकर भाभी से कहा- आपका साड़ी का पल्लू नीचे खिसक गया है, पूरा अंदर का सामान दिख रहा है भाभी तुरंत अपने पल्लू को ऊपर करते हुए बोली- यहीं देखने के लिए बैठे रहते हो क्या।

मैंने कहा- देखना होता तो आराम से देखता बताता क्यों भाभी शर्मा गई भाभी जी अब मजाक में बोली- मेरा क्या देखते हो जाओ किसी लड़की का देखो शायद कुछ फायदा ही हो जाए मैंने कहा- मन जहां देखने का करेगा इंसान को वहीं देखना चाहिए भाभी बोली- अच्छा।

अब मैं हमेशा भाभी को हवस भरी नजरों से देखने लगा था भाभी भी मेरी तरफ देखकर कभी कभी हंस देती थी ये प्यारी मुस्कान देखकर कसम से मेरा तो लंड अंदर ही फूल कर बड़ा हो जाता था मैं भाभी से चुदाई की बात कैसे बोलूं मुझे समझ नहीं आ रहा था एक दिन घर पर कोई नहीं था।

तो मैं भाभी भाभी’ की आवाज करते हुए भाभी के कमरे में जा घुसा गर्मी का महीना था और लाइट भी नहीं थी भाभी गर्मी से बचने के लिए ब्लाउज़ पहने बगैर ही बेड में सो रही थी मैं जैसे ही अंदर गया तो मैंने देखा कि भाभी के बड़े बड़े स्तन साड़ी से आधे अधूरे ढके हुए थे दरवाजे की आवाज खुलने की आवाज सुनकर भाभी जाग गई।

मुझे देखकर वो हड़बड़ा के उठी तो उनकी साड़ी कंधे से नीचे सरक गई और उनका पूरा ऊपर का शरीर बिना कपड़ों के हो गया उनके बड़े आम जैसे दूध हवा में झूल गए वाह क्या नजारा था वो जल्दी से अपने साड़ी के पल्लू को कंधे पे ले गई और बोली- क्या हुआ कुछ चाहिए क्या मैंने कहा- भूख लगी थी भाभी खाना दे दीजिए।

भाभी मुझको खाना देने के लिए उठी हाथ धुलकर वो मुझे खाना दिया और मैं खाने लग गया वे मेरे सामने ही बैठी मेरी तरफ देख रही थी मैं आज उनसे नजरें नहीं मिला पा रहा था उन्होंने कहा- क्या हुआ आज बहुत शांत हो कुछ अलग चीज दिख गयी क्या मैं शर्मा गया मैंने कहा- नहीं कुछ नहीं देखा बस ऐसे ही थोड़ा गर्मी लग रही है।

भाभी वहीं पास रखे पंखे से हवा हांकने लगी और मैं खाना खा रहा था तभी भाभी बोली- मैंने आज सुबह से कुछ नहीं खाया तुम खा लो फिर मैं भी खा लेती हूं मैंने कहा- भाभी लो खा लो मेरे हाथ से ही भाभी बोली- क्या कह रहे हो कुछ समझ भी आ रहा है मैंने कहा- तो क्या हुआ आप को अगर मैंने अपने हाथों से खिला दिया तो कोई आसमान तो गिर नहीं जाएगा।

भाभी मेरी आंखो मे सीधे देख रही थी अब मेरी हिम्मत भी बढ़ती गई और मैं भी एकटक भाभी को देखते हुए खाना खा रहा था अचानक से मेरे गले में खाना फंस गया तो भाभी जल्दी से पानी लाकर पिलाने लगीं और एक हाथ से मेरे सिर पे सहलाने लगीं इस बीच उनके बड़े बूब्स मेरी आंखों के एकदम पास आ गए और मैं बड़ी बड़ी आंखों से उन्हें घूरने लगा।

ऐसा लग रहा था जैसे भाभी के स्तन रोज बड़े होते जा रहे हों मैंने भाभी को कहा- भाभी भैया कब आयेंगे भाभी बोली- अभी तो दो महीने ही हुए हैं अभी कुछ दिन बाद आयेंगे कुछ दिन ऐसे ही बीत गये मैं भाभी को एक दिन बाजार लेकर गया घर वालों ने मुझे ही साथ जाने के लिए कहा मैं उन्हें बाइक पर बैठा कर चल दिया।

भाभी जैसे ही घर से कुछ दूरी पर पंहुची तो सरकते हुए मेरे से एकदम सट के बैठ गई अब उनका एक पूरा दूध मेरे पीठ पर रगड़ने लगा मैं गर्म हो रहा था और भाभी भी शायद मस्ती के मूड में थी इसी लिए वो जरा से ब्रेक मारने पर पूरी शरीर का जोर मेरे ऊपर दे मारती मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कुछ ही देर में हम बाजार पंहुच चुके थे।

भाभी को मैं एक कपड़े की दुकान पे ले गया जहां सभी प्रकार के लेडीज कपड़े मिलते थे वहां भाभी ने कुछ साड़ी देखी और उनमें से तीन को उन्होंने पसंद कर लिया पैसे की बात हुई तो मैंने साड़ी का दाम बताने वाले से कहा- भइया साड़ी का सही रेट लगा लो दुकानदार बोला- जब ये साड़ी आपकी मैडम पहनेंगी तो लोग आपका नाम लेकर कहेंगे कि क्या साड़ी खरीदी है आपके हसबैंड ने।

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भाभी धीरे से बोली- ये तुम्हें मेरा पति समझ रहा है और कहते हुए मुस्कुरा दी मैं कुछ नहीं बोला क्योंकि मैं तो कब से भाभी का पति बनने की चाह रखे हुए था दिल में फिर भाभी कुछ अंडर गारमेंट दिखाने के लिए बोली लेडी दुकानदार ने कई तरह के स्टाइलिश ब्रा और पैंटी लाकर दिखाना शुरू कर दिया साइज भाभी ने जो बताया उसे सुनकर मेरे तो होश उड़ गए 38 साइज चेस्ट।

मैंने मन ही मन सोचा कि इसी लिए इतने बड़े दिखते हैं भाभी सबको देख रही थी तो लेडी दुकानदार बोली- भैया आप भी कुछ मदद कर दीजिए पसंद करने में इस पर भाभी बोली- हां विनय तुम भी कुछ बताओ कौन सी लेना है मैंने कहा- कोई भी ले लो सभी तो अच्छी हैं भाभी ने दो पैंटी और दो ही ब्रा ले ली।

हम पैसे देकर वहां से चलते बने जब हम घर पहुंचे तो घर वालों ने कहा- शाम को भाभी को लेकर उनके गांव चले जाना भाभी की चचेरी बहन पूनम की शादी है मैं नहा खाकर कुछ देर आराम करने के लिए चारपाई पे लेट गया नींद आ गई और मैं सो गया शाम होने को थी तो भाभी ने कहा- चलना नहीं है क्या।

मैं उठा और मुंह धोकर तैयार होने चला गया कुछ देर में हम चलने के लिए रेडी हो गए हम घर से निकले और भाभी अपनी बड़ी चूचियों को मेरी पीठ पे रगड़ती हुई अपने घर पंहुच गई भाभी गाड़ी से उतरी और मुस्कुराते हुए गाड़ी खड़ी करके मुझे भी उतरने के लिए कहा मैं गया तो वहां भाभी की मां और बाबू थे और भाभी के दोनों भाई चाचा के घर में काम काज करवा रहे थे।

पानी पीकर हम और भाभी चाचा चाची के घर गए और उनसे मिले कुछ देर बैठने के बाद मैं भाभी के साथ उनके घर आ गया घर में भाभी की मां ही थी, इस समय बाकी सब शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे खाना खा पीकर सोने की तैयारी शुरू हुई भाभी ने मेरा बिस्तर छत पे बने कमरे में लगा दिया।

मैं लेट गया कुछ देर में भाभी आई और बोली- कुछ चाहिए तो पानी वगैरह मैंने कहा- कुछ नहीं चाहिए बस पैर में न जाने क्यों दर्द हो रहा है भाभी बोली- कहां पैर में दर्द हो रहा है और पैर पकड़ कर दबाने लगीं फिर भाभी ने कहा- पैन्ट उतार दो मैंने पैंट उतार दी अब मैं अंडरवीयर में था भाभी मेरे पैर को दबा रही थी।

जब वो पैर दबाने हुए झुकती तो मुझे उनके बड़े खरबूजे जैसे बूब्स साफ दिख रहे थे मैं देखकर गर्म हो गया और फिर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया अंडरवीयर में अचानक से उभार आ गया और लंड अंडरवीयर से बाहर आने को व्याकुल था भाभी मंद मंद मुस्कुरा रही थी पैर दबाते हुए कभी कभी वो अपना हाथ का स्पर्श मेरे लंड पे पंहुचा देती थी।

मेरा लंड अब अंदर ही हिलने लगा भाभी बोली- ये तंबू क्यों लगा दिया मैंने कहा- ये आपकी ही देन है उन्होंने कहा- अच्छा और हंस दी मैं बहुत ही हल्के से अपने चूतड़ को कभी कभी थोड़ा सा ऊपर कर देता था बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था भाभी समझ चुकी थी कि चूत की हवस जाग गई है।

वो बोली- मैं कुछ हेल्प कर दूं क्या इस तंबू को और ऊंचा करने में मैंने कहा- जो मन करे करो भाभी बोली- इसे बाहर निकाल दूं क्या मैंने कहा- निकाल दो जैसे ही मैंने कहा भाभी तुरंत मेरे बड़े से लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया वो मेरे लंड को बाहर निकालते हुए बोली- देखूं तो कितना बड़ा कीड़ा घुसा बैठा है निक्कर के अंदर।

जैसे ही निकला मेरा लंड भाभी के मुंह से आह निकल गई बोली- इतना बड़ा और मोटा सांप पाल के रखे हो मैं मुस्कुरा दिया मैंने कहा- आपके लिए ही ये आज खड़ा हुआ है भाभी उसे पागलों की तरह मसलने लगी जोर जोर से कुछ देर में ही मेरे लंड को भाभी ने अपने मुंह में ठूंस लिया और चूसने लगी।

मैं चूतड़ उठा उठा के भाभी को अपना लंड चुसवाने लगा सच में भाभी की गर्म जीभ से चाटने पे मेरे लंड में लोहे के रॉड जैसे सख्ती आ गई भाभी पूरा लंड अपने हलक तक उतार लेना चाहती थी मैंने कहा- भाभी कोई आएगा तो नहीं भाभी बोली- दरवाजा बंद है ऊपर आने का कोई नहीं आयेगा फिर मैं उठा और भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और चूमने लगा।

मैंने उनके बड़े स्तनों को जब हाथों में लिया तो मेरे हाथों में वो आ नहीं रहे थे गुलगुल मुलायम दूध मैं दबाता रहा भाभी भी गर्म हो रही थी मैं धीरे से अपना हाथ उनके चूत तक ले गया और चूत को सहलाने लगा भाभी ने अपने कपड़े उतारने को कहा।

मैंने उनकी साड़ी उतार फेंकी और ब्रा को भी एक हाथ से निकाल दिया लाइट में भाभी के बूब और भी खिल रहे थे भाभी के बड़े बड़े मम्मे मैं कभी दबाता और कभी मुंह में लेकर चूसने लगा वे भी पूरी ताकत से अपने बड़े मम्मों को मेरे मुंह में ठूंस देना चाहती थीं अब मैं भाभी की फूली हुई चूत में एक उंगली से अंदर बाहर करने लगा।

भाभी वहीं पास मेरे ऐंठने लगीं चूतड़ उठा उठा के मेरी उंगली अपने चूत में ले रही थी भाभी बोली- आह विनय तुमने तो मार ही डाला मेरी चूत चाटो मैं तुरंत नीचे सरक कर अपना मुंह चूत पर लगा के मजे से चाटने लगा भाभी मेरे सिर को पकड़ कर चूत में घुसेड़ रही थी पूरे कमरे में भाभी की आह की धीमी आवाज गूंज रही थी। 

वो चूतड़ को उठा के अपने पैरों में मेरे सिर को फंसा कर मजे लेती हुई चूत चटा रही थी मैं भी पीछे खिसक कर एक उंगली चूत में डालकर चूत चूसने लगा अब तो भाभी जैसे पागल सी हो गई उन्होंने मुझे 69 पोजीशन में आने को कहा मैं तुरंत अपना लंड उनकी तरफ करके उनकी पावरोटी जैसी चूत को चाटने लगा।

भाभी मेरा लंबा लंड पूरा का पूरा अपने हलक तक उतार रही थी 69 पोजीशन सेक्स मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मानो मैं जन्नत में पहुंच गया था मेरी भाभी की गदराई काया, फूली हुई चूत लगातार रस छोड़ रही थी मैं चूत का सारा रस चाट जाता भाभी अब गर्म हो चुकी थी। 

मेरी चूत चटाई से उनका पूरा शरीर अकड़ रहा था अब वो बोली- मेरे राजा डाल दो अपना लंड अब मेरी गर्म चूत में मिटा दो इसकी सारी खुजली मैं अभी भाभी को लंड के लिए और तरसाना चाहता था लेकिन भाभी ने मुझे ताकत के साथ नीचे सरका दिया और खुद ऊपर आ गई मेरा लंड हाथ में लिया और चूत में खुद ही घुसाने लगी।

मेरा लंड लोहे की सरिया की तरह टाइट हो गया था इसलिए भाभी चूत में लंड डालने में कामयाब हो गई अब वो मेरे लंड में तेज रफ्तार से उछलने लगीं धीरे धीरे उनकी लंड लेने की स्पीड बढ़ती ही गई, मानो आज मेरा लंड तोड़ के रख देंगी मैंने भाभी से कहा- थोड़ा धीरे धीरे करो।

भाभी बोली- भोसड़ी के चुपचाप पड़ा रह अब तेरे लंड को तोड़ डालूंगी तभी रुकूंगी मेरी भाभी लंड के लिए इतना व्याकुल हो जाएंगी, मुझे जरा सा भी अहसास नहीं था वो मुझे जैसे खुद चोद रही हों पहली बार इतनी गर्म औरत से पाला पड़ा था मैंने कहा- भाभी भइया के साथ भी ऐसा ही करती हो।

वो बोली- तेरे भइया के लंड में दम ही कहां मेरे चूत में जैसे ही लंड डालते हैं दो झटके में झड़ जाते हैं लेकिन तेरे लंड की सख्ती की वजह से आज मैं चुदाई का पूरा मजा ले रही हूं मैंने कहा- भाभी आप नीचे हो जाओ मैं अच्छे से आपकी चूत चोद देता हूं भाभी बोली- मादरचोद मुझे तो ऐसे ही मजा आ रहा है।

उनकी रफ्तार इतनी तेज हो गई कि मेरे लंड में हल्का हल्का दर्द हो रहा था क्योंकि वो इतना झटके के साथ चूत में लंड ले रही थी कि क्या बताऊं पूरा लंड सहित शरीर भी मेरा उनके चिपचिपे पानी से भीग गया और वो थी कि लंड से उतरने का नाम ही नहीं ले रही थी।

मैं झड़ने के करीब था तो मैंने जोरदार झटके देना शुरू किया भाभी भी पूरी ताकत झोंक रही थी अचानक से भाभी पानी की तेज रफ्तार छोड़ते हुए मेरे ऊपर लेट गई उनका शरीर पूरी तरह से हिल रहा था जैसे उनको मिर्गी का दौरा पड़ा हो भाभी की चूत का पानी इतना गर्म था कि जल्द ही मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया।

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मैंने भाभी की चूत में ही सारा पानी डाल दिया काफी दिनों का माल इकट्ठा होने की वजह से चूत में मैंने ढेर सारा वीर्य छोड़ा अब भाभी हांफ रही थी मेरे ऊपर लेटे लेटे फिर अचानक से उन्होंने मुझे एक तप्पड़ मारा और बोली- भोसड़ी के पानी चूत में क्यों छोड़ दिया मैं तेरे बच्चे की मां बन गई तो क्या होगा।

मैंने कहा- आपने मुझे इतना जोर से जकड़ रखा था मैं बाहर पानी कैसे निकालता भाभी ने कहा- कल सुबह मुझे गोली लाकर दे देना जिससे मैं प्रेगनेंट ना होऊं कुछ देर बाद भाभी उठी और पेशाब करने चली गई मैं भी उठा और पानी पीकर पेशाब किया।

भाभी मेरे पास बैठ गई और मुस्कुराती हुई मेरे कंधे पे हाथ रख के बोली- मजा आ गया आज तुम्हारी शादी जिससे होगी. उस लड़की की किस्मत बहुत अच्छी है उस रात मैंने और भाभी ने कुल तीन बार सेक्स किया दोस्तो, बताइएगा जरूर मेरे साथ जैसी चुदाई हुई, वैसी ही आपके साथ हुई है क्या इस भाभी सेक्स कहानी में आपको कितना मजा आया।

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