मेरा नाम अंजना कश्यप है मैं रांची की रहने वाली हूँ यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है और उस समय की है जब मेरी जवानी पूरे जोश पर थी और न चाहते हुए भी मैंने अपनी कुँवारी और छोटी सी चूत को फटवा कर भौसड़ा बनवा लिया।
पहले मैं अपने बारे में बता दूँ मरी लम्बाई 5.6 है और फिगर 36-28-34 रंग साफ लाल गाल गुलाबी होंठ और कंटीले नैन आप समझ ही गये होंगे कि मैं बहुत ही सुन्दर हूँ जब मैं घर से निकलती तो सारे लड़कों की नजर मुझ पर रहती और मेरी चूचियों और मटकती गाण्ड को देखकर उनका लण्ड खड़े हुए बिन नहीं रह पाता।
चाची की वासना को लंड से शांत किया-Chachi Ki Chudai
मैं निकल जाती और वो लण्ड दबाते रह जाते स्कूल में मेरा दो लड़कों से चक्कर था उन्होंने भी मुझे चोदने की कोशिश की पर वो असफल रहे मैंने उन्हें सिर्फ चूमाचाटी और चूचियाँ दबाने की इजाजत दे रखी थी हाँ मुझे चूमाचाटी करना बहुत पसन्द है।
वो ऐसे कि कोई मेरे गुलाबी होंठों को चूस चूस कर लाल कर दे मेरी बुआ का लड़का है जो मेरी हम उम्र है बचपन से ही वो हर बार छुट्टियों मैं हमारे घर आता है हम दोनों एक ही चादर में लिपट कर सोते थे पर जब हमारे दिल में कोई बुरा ख्याल नहीं था।
धीरे-धीरे हम जवानी की तरफ बढ़ने लगे मैं स्कूल से कालेज में आ गई दोस्तों ने मेरी चूचियाँ और गाण्ड खूब भींची जिससे वो भी अपने असली रूप में आ गई फिर एक बार भईया घर आये और मुझे देखा तो देखते रह गये उनकी नजर मेरी चूचियों और गाण्ड पर थी।
और उनका भी हाल वही हुआ जो और लड़कों का होता था यानि उनका भी लण्ड खड़ा हो गया अंजना तुम तो बड़ी हो गई हो यह तो है मेरी नजर उनके लण्ड की तरफ थी मैं मुस्कराते हुए बोली- आप भी तो बड़े हो गये और अन्दर आ गये।
रात को सब सोने की तैयारी करने लगे मैं और भाई बचपन की तरह एक ही चारपाई पर लेट गये पर अब हम जवान थे इसलिए महसूस होने लगा था कि एक जवान लड़का लड़की साथ लेटते हैं तो क्या होता है।
मेरा भी चुदने का मन करने लगा पर चुप लेटी रही थोड़ी देर बाद मुझे भाई के लण्ड के पास कुछ हिलता नजर आया शायद वो मुठ मार रहे थे मैं भी अपनी चूचियों को दबाने लगी और चूत को रगड़ कर शान्त किया और सो गई मैं सुबह उठी और नहा-धो कर कालेज चली गई।
दिन भर चूत में खुजली चलती रही जब मैं दो बजे कालेज से घर आई तो वो टीवी देख रहे थे उन्होंने बनियान और लोअर पहना था घर वाले बाहर गये हुए थे मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुराई और हाथ-मुँह धोने चली गई मन अब भी चुदने को कर रहा था।
मैंने फिर चूत को शाँत किया और पानी से साफ किया मैंने लाल रंग का कमीज़-सलवार पहन लिए जिनमें से मेरी चूचियाँ और गाण्ड का उभार साफ दिख रहा था कमीज़ के गले से चूचियों का कुछ हिस्सा बाहर था मैं भाई के पास आई वो अब भी टीवी देख रहे थे।
उन्होंने मेरी तरफ देखा तो देखते ही रह गये और उनका लण्ड खड़ा हो गया उन्होंने लण्ड छिपाने के लिए तकिया गोद में रख ली मैं सोफ़े पर उनके पास जाकर बैठ गई और बातें करने लगी पता नहीं कब हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर बैठ गये।
मेरी नजर उनके लण्ड पर थी तकिया बातों-बातों में अलग हो गया था भईया समझ गये कि मैं उनके लण्ड को देख रही हूँ क्या देख रही हो मैंने सिर नीचे कर लिया और बोली कुछ नहीं भाई ने हाथ मेरे कन्धे पर रखा और बोला- कुछ तो देख रही हो।
मैं बोली- तुम क्या देखते हो मेरी तरफ हम दोनों की साँसें और शरीर गर्म हो गये भईया समझ गये कि मैं चुदना चाहती हूँ उन्होंने मेरी चूची पर हाथ रखा और बोले- मैं तेरी इन्हें और मस्त गाण्ड को देखता हूँ तो आप बता देते मैं खुद अपनी चूचियाँ और गाण्ड आपके हाथों में दे देती।
मैं हँसी और हाथ उनके गले में डाल दिये और गाल पर चुम्बन कर दिया मैं तो यही चाहती थी कि वो आज मेरी चूत की खुजली मिटा दें उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने लगे मुझे जैसे कोई करेन्ट लगा हो मैं सिहर गई और उनका साथ देने लगी।
10-15 मिनट तक हम एक दूसरे के होंठ और जीभ को चूसते रहे मेरी चूत से पानी निकलने लगा मैंने उन्हें गेट बन्द करने को बोला और वो गेट बन्द करके आ गए और मेरी चूचियों को दबाने लगे मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।
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उन्होंने मेरे कमीज़ को उतार दिया और ब्रा के ऊपर से चूचियोँ को मसलने और होंठो पर चुम्बन करने लगे मेरा बुरा हाल था मैं भी उन्हें चूम रही थी फिर उन्होंने मेरी सलवार उतार दी और मैंने उनकी बनियान और लोअर उतार दिया।
अब मैं ब्रा और पेन्टी में थी और वो अन्डरवीयर में उनका लण्ड सीधा खड़ा था मैंने लण्ड पकडा और सहलाने लगी उन्होंने मेरी ब्रा निकाल दी और चूचियों को चूसने और मसलने लगे मेरे मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी।
अब मुझसे नहीं रुका जा रहा था दिल कर रहा था बस पकड़कर लण्ड चूत में डाल लूँ मैंने उनका अन्डरवीयर उतार दिया वाह क्या लण्ड था- 7-8 इन्च लम्बा और 1.5-2 इन्च मोटा मैं घुटनों पर बैठ गई और लण्ड की आगे की खाल पीछे करके चुम्बन कर दिया फिर मुँह में लेकर चूसने लगी भईया आहें भर रहे थे।
उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी पेन्टी उतार दी अब हम दोनों बिल्कुल नंगे खड़े थे भईया ने मुझे लिटा दिया और मेरे पैरों के बीच बैठकर मेरी चूत को सहलाने लगे फिर उन्होने मेरी चूत को खोलकर जीभ लगा दी और हिलाने लगे मुझे कितना मजा आ रहा था बता नहीं सकती।
मैं आँखे बन्द करके बस सिसकारियाँ ले रही थी भईया मेरी चूत में जीभ फिराने लगे मेरी तो जान ही निकलने लगी फिर हम 69 की अवस्था में आ गये और एक दूसरे के अंगों को चूसने लगे 15-20 मिनट बाद मेरा पानी निकल गया वो पूरा पानी चाट गये बोले- अंजना मेरा निकलने बाला है।
तुम सारा पी जाना मैंने लण्ड मुँह से निकाल दिया और वीर्य पीने मना कर दिया उन्होंने मुठ मारकर मेरी चूचियों पर डाल दिया और चाटने लगे मैं बोली- तुम रात को लण्ड के साथ क्या कर रहे थे भईया ने मेरी तरफ प्यार से देखा।
और बोले- अंजना जान अगर घर में तेरी जैसी मस्त और सेक्सी बहन हो तो मुठ मारे बगैर कैसे लण्ड शांत हो सकता है भईया मैंने भी तुम्हें देखकर चूत को रगड़ कर अपनी मुन्ऩी को चुप सुलाया मैं तो जान तुम्हें कब से चोदने की सोच रहा था और बाथरूम में तेरी पेन्टी पहन कर मुठ मारता हूँ।
धत्त तुम तो बहुत कमीने हो कमीना कमीना तो तेरी गाण्ड और चूचियों ने बनाया है जिन्हें देखकर लण्ड बगैर कुछ बोले खड़ा हो जाता है और आज तू मिली है तो बगैर तेरी चूत फाड़े नहीं छोडूँगा तेरी चूत का भौसड़ान बना दूँ तो कहना।
तो मना कौन कर रहा है लो चाहे भोसड़ा बनाओ या नाला बस माँ मत बनाना कहते हुए मैंने अपनी टागें फैला दी भईया फिर मेरी चूचियों और चूत को चाटने लगे अब मुझसे नहीं रुका गया मैं बोली- भईया अब तड़पाते ही रहोगे या चूत को फाड़ोगे भी।
जानू मैं तो फाडूँगा ही पर तुम्हें दर्द होगा दर्द को छोड़ो तुम बस अब चूत में अपना लण्ड डाल दो ठीक है उन्होंने मेरी गाण्ड के नीचे तकिया लगाया और लण्ड को चूत के छेद पर रखा मेरा दिल कर रहा था कि खुद ही लण्ड चूत में डाल लूँ और गाण्ड उपर उठाने लगी।
भईया समझ गये कि मैं तैयार हूँ और उन्होंने कमर पकडकर एक झटका मारा उनका लगभग 3 इन्च लण्ड चूत में चला गया मेरी न चाहते हुए भी चीख निकल गई- आ अ म मर गई ई भ भईया न निकालो ओ भईया ने मेरे हाथ पकड़े और होंठ अपने होंठों में दबा लिए मेरी आवाज मुँह में ही रह गई।
उन्होंने धीरे-धीरे पूरा लण्ड मेरी चूत में ठोक दिया मैं दर्द से तड़प रही थी और आँखों से आँसू निकल रहे थे भईया थोड़ी देर रुके और चूचियों को मसलने लगे 5 मिनट बाद मुझे कुछ राहत मिली और मैं गाण्ड हिलाने लगी फिर भईया ने कमर पकड़ी और झटके मारने लगे।
मेरे मुँह से पता नहीं क्या-क्या निकल रहा था- कमीने पेन्टी में मुठ मारता है ले अब मार ले फाड़ मेरी चूत को लगा गाण्ड तक का जोर देखती हूँ कितना दम है तेरे लौड़े में फ फाड़ ले बना भोसड़ा कुत्ते बहन मत समझ कुतिया समझ कर मार।
ले राण्ड झेल इसे कहते हुए तेज-तेज़ झटके मारने लगे बहुत उछल रही थी चुदने के लिए ये ले और कन्धे पकड़ कर लगातार झटके मारने लगे कुत्ते मार ओ और तेज ज् आ ऊ ई आ अ और तेज फ् फाड़ ब् भोसड़ा कम् आन फ् फक मी फास्ट ओ यस स् हाँ ऐसे ही ओ और तेज बस थ थोडी द देर और कम आन फास्ट कहते हुए गाण्ड उछाल-उछाल कर साथ दे रही थी।
15-20 मिनट बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैंने भईया को कस कर पकड़ लिया मैं तो क्या बताऊँ बस मेरी चूत से पानी निकलने लगा भईया ने मुझे अलग किया और 10-12 झटकों में मेरी चूत वीर्य से भर दी और निढाल होकर पीछे की ओर लेट गये मैं बैठ कर अपनी चूत को देखने लगी।
मामी हुई नंगी मेरी वासना भड़की-Mami Ki Chudai
मेरा पानी और वीर्य चूत से ऐसे निकल रहा था जैसे नदी बह रही हो आज पहली बार चूत से इतना पानी निकला कि धार लग गई मैं पूरी सन्तुष्ट और खुश थी और सोच रही थी कि पहले क्यूँ नहीं चुदी मैं मैं उठी और भईया के ऊपर लेट गई और सॉरी बोला।
किसलिए वो मैंने आपको गाली दी जान चुदाई में यह तो चलता ही है गालियों से चोदने का जोश बढ़ता है कहते हुए मुझे चूमने लगे घर वालों के आने का समय हो गया तो हम नहाकर तैयार हो गये उसके बाद जब भी मौका मिलता हम चुदाई का खेल खेलते।