दीदी है कमाल चूत चोदकर करदी लाल-Bhai Behan Sex Story

दीदी है कमाल चूत चोदकर करदी लाल

भाई ने चोदा सगी बहन को इस कहानी में मैं अपनी शादीशुदा बहन की चूत का मजा लेना चाहता था लंड की जरूरत उसे भी थी क्योंकि जीजू कई कई दिन बाद घर आते थे आप सभी पाठकों का अंतर्वासना वेबसाइट पर स्वागत है।

मैं कोई लेखक नहीं हूं और ना ही यह कोई कहानी है यह मेरे जीवन में घटित एक घटना है जिसे मैं शब्दों में बयां करने की कोशिश कर रहा हूँ कि कैसे भाई ने चोदा सगी बहन को मेरा नाम दीपक है मैं इन्दौर का रहने वाला हूँ पर पढ़ाई के चलते दिल्ली होस्टल में रहता हूँ मेरी उम्र 22 साल, कद 5 फुट 6 इंच है।

मेरे परिवार में मम्मी पापा बड़ा भाई और दो बड़ी बहन हैं दोनों बहनों की शादी हो गई है और बड़ा भाई पढ़ाई के सिलसिले में बाहर रहता है बड़ी बहन का नाम मानसी है उसका कद 5 फुट 4 इंच और उम्र 30 वर्ष है, रंग गोरा और फिगर 34 28 34 है और छोटी बहन का नाम करीना है कद 5 फुट 5 इंच उम्र 27 वर्ष रंग गोरा और फिगर 34-30-36 इंच है।

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मेरी दोनों बहनें ऐसी हैं कि जिन्हें देखकर बूढ़े से बूढ़े व्यक्ति का लंड खड़ा हो जाए बात 1 साल पहले की है जब त्यौहार के चलते सब लोग घर पर इकट्ठा हुए थे पर बड़े जीजा जी काम के चलते और भाई अपने इंटरव्यू के चलते नहीं आ पा रहे थे सुबह की बात है बड़ी दीदी नहा कर हॉल में तैयार होने लगी जहां पर मैं पहले से ही मौजूद था।

लाइट के सामने खड़े होने के कारण पेटीकोट में उसकी सफेद जांघें और टाइट गांड साफ साफ दिखाई दे रही थी और उनके बड़े और गोल गोल मम्मे मुझे अपनी ओर आकर्षित किए जा रहे थे इसी घटना के चलते मेरा नजरिया मेरी बहन के लिए बदल गया और मैं अपनी बहन को चोदने के बारे में सोचने लगा पर भाई बहन के रिश्ते की वजह से मैं कुछ भी नहीं कर सकता था।

फिर मैंने सोचा कि क्यों नहीं अपनी बहन को ही चुदने के लिए तैयार किया जाए तो मैंने अपनी बहन की सहेली मिताशी के नाम से एक फेक फेसबुक अकाउंट बनाया और उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी कुछ समय बाद बहन ने फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की और मैसेज किया और कहा- मिताशी कैसी हो मैं (मिताशी)- बस अच्छी हूं और तुम कैसी हो और कहां हो।

मेरी बहन मानसी- बस कट रही है अभी तो गांव में घर पर हूं मैं (मिताशी)- क्या फट रही है किसने फाड़ दी तेरी मानसी- अरे फट नहीं कट रही है फाड़ने वाला कौन है मैं (मिताशी)- क्यों फाड़ने वाले जीजा जी कहां चले गए मानसी- अरे यार वे तो काम के चलते बाहर ही रहते हैं दो-तीन महीने में ही घर पर आना होता है।

मैं (मिताशी)- अरे तभी तो तुम्हारी बातों में मिठास नजर नहीं आ रही मानसी- अरे ऐसा कुछ नहीं है यार वह तो बस यूं ही और तुम अपना सुनाओ हमारे जीजा जी कहां हैं वे तुझे खुश रखते हैं या नहीं मैं (मिताशी)- अरे अब मुझसे भी क्या छुपाती हो मैं तुम्हारे बचपन की सहेली हूं तुम्हारी बातों में सेक्स की कमी अलग झलक रही है। 

जहाँ तक मेरी बात रही तो मेरे पति भी तो बाहर ही रहते हैं पर मैं उनकी कमी खलने नहीं देती हूँ मानसी- अरे सेक्स नहीं बस समय कम बिता पाते हैं और तुम्हारे पति बाहर रहते हैं तो तुम कैसे उनकी कमी खलने नहीं देती हो मैं (मिताशी)- है एक सीक्रेट पर एक बात पूछूं तुमसे सच-सच बताना बहन- हां पूछो।

मैं (मिताशी)- सच-सच बताओ तुम्हारा चुदने का मन नहीं करता है क्या मानसी- हां करता तो है पर कर भी क्या सकती हूँ मैं (मिताशी)- किसी और से चुद लो मानसी- कैसी बातें कर रही हो किसी और से कैसे मैं (मिताशी)- क्यों तुम्हारा पति या फिर मेरा पति 2- 3 महीने बिना किसी को चोदे रह सकते हैं क्या तुम ही बताओ।

मानसी- हां मर्द तो होते ही हैं कुत्ते की पूंछ इतना समय बिना चोदे तो रह नहीं सकते मैं (मिताशी)- तो सोचो जब वे और किसी को चोद सकते हैं तो हम भी तो किसी और से चुद सकती हैं मानसी- हां, बात तो तुम सही कह रही हो पर किसी और से किससे मैं (मिताशी)- किसी बाहर के लड़के को पटा लो मानसी- नहीं यार उसमें पकड़े जाने और ब्लैकमेल का डर होता है।

मैं (मिताशी)- वह तो तुम सही कह रही हो मानसी- कोई और उपाय बताओ ना जिससे कि मेरी भूख शांत हो जाए मैं (मिताशी)- एक उपाय तो है जिसका उपयोग मैं खुद के लिए भी करती हूं पर तुम शायद कर नहीं पाओगी मानसी- बता ना यार मैं सब करने की कोशिश करूंगी मैं (मिताशी)- लगता है चुदने की कुछ ज्यादा ही खुजली मची हुई है तेरी चूत में।

मानसी- सच बताऊं तो हां अभी बिना चुदे रहा नहीं जाता बता ना और यार तू क्या करती है मैं (मिताशी)- पहले एक वादा कर कि मैं जो बताऊंगी तू उसे करने की पूरी कोशिश करेगी मानसी- हां, बता यार मैं हर संभव प्रयास करूंगी मैं (मिताशी)- तो सुन तू अपने भाई से चुदाई करवा ले मानसी- क्या बात कर रही है तू पागल तो नहीं हो गई भाई के साथ कोई ऐसा करता है क्या।

मैं (मिताशी)- मैं तो करती हूं देख इसमें कई फायदे हैं एक तो तेरा भाई किसी को बताएगा नहीं और ब्लैकमेल करने कभी कोई डर नहीं है और साथ ही साथ पकड़े जाने का भी नहीं और तो और वह तेरी हर बात मानेगा मानसी- हां बात तो तेरी सही है पर भाई के साथ तू पागल है कोई और उपाय हो तो बता।

मैं (मिताशी)- देख मेरे पास तो यही एक उपाय है जिसे मैं भी काफी समय से आजमा रही हूं और यह सुरक्षित भी है और रही बात तेरी ना करने की तो तड़पती रह चुदने के लिए देख एक तो तेरा भाई जवान भी है और वह भाई होने से पहले एक जवान लड़का है जिसकी भी कुछ जरूरतें होती हैं।

मानसी- हां वह तो सब ठीक है पर भाई के साथ कैसे मैं (मिताशी)- देख तूने वादा किया था और अब तू अपना वादा तोड़ रही है मानसी- चल ठीक है मैं कोशिश करके देखती हूं और ठीक लगा तो ही करूंगी वरना नहीं पर कैसे देखूँ कि वह भी मुझे चोदना चाहता है मैं (मिताशी)- अपने भाई को रिझा उसे अपनी ओर आकर्षित कर अपने मम्मे हिला उसके सामने और देख क्या वह भी तुझे चोदना चाहता है।

मानसी- अच्छा मैं प्रयास करके देखती हूं चल ठीक है मैं बाद में बात करती हूं फिर मैं अपने रूम में सोफे पर बैठ कर मोबाइल चलाने लगा तभी दीदी रूम में आकर झाड़ू लगाने लगी और अचानक से उनकी साड़ी नीचे फर्श पर जा गिरी जिससे उनके 34 के दूध साफ साफ नजर आने लगे जिन्हें देख कर मैं स्तब्ध रह गया।

इसकी वजह से मेरा लंड खड़ा होने लगा फिर अचानक से दीदी मेरे पास आई और कहने लगी- सोफे के पीछे काफी धूल हो गई है और वह झुक कर पीछे धूल साफ करने लगी जिसकी वजह से उनकी चूचियां मेरे मुंह से लगने लगी मैंने कहा- क्या कर रही हो दीदी जरा मुझे तो देखो तो उन्होंने कहा- रुक जा जरा धूल साफ करने दे।

मैंने भी जोश में आकर उनकी दोनों चूचियां पकड़कर भींच दी तो उसके मुंह से आह निकल गई पर उसने कुछ नहीं कहा जिस्मानी गर्मी की वजह से मेरा लंड पूरा आकार ले चुका था जब दीदी जाने को हुई तो उनकी साड़ी सोफे में फंस जाने से वह अचानक से मेरी गोद में आ गिरी जिसकी वजह से मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी गांड की दरार फंस गया।

मैंने कहा- दीदी, क्या कर रही हो मेरे ऊपर से उठो तो कहने लगी- बस अभी साड़ी निकाल लूं जरा और जोर-जोर से बैठे-बैठे गांड को मटकाने लगी जिसकी वजह से मैं वासना के रस में भीग गया मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कमर को पकड़ कर नीचे से एक जोरदार झटका दे मारा जिसकी वजह से लंड गांड से जा टकराया जिसकी वजह से उसका मुंह खुल गया और सिसकारी निकल गई।

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पर मैंने उसे सॉरी कहा तो उन्होंने कोई नहीं’ कहते हुए एक प्यारी सी स्माइल पास की और वहां से चली गई उसके कुछ समय बाद दीदी का मैसेज आया- यार मिताशी मेरा छोटा भाई तो बड़ा ठरकी है वह तो अपनी बड़ी बहन को ही चोदना चाहता है वह तो अच्छा हुआ घर पर सब थे नहीं तो वरना आज ही पटक कर वह मेरी चुदाई करता।

मैं (मिताशी)- अच्छा अब तू ही सोच ले कि तुझे भाई से चुदना है या फिर जीजा जी का इंतजार करना है दीदी- नहीं यार अब नहीं रहा जाएगा. उसका लंड तो मेरी गांड में आज घुस ही गया था अगर घर पर कोई नहीं होता तो शायद मैं भी खुशी खुशी चुदवा लेती बस अब तो तू यह बता कि उससे कैसे चुदवाया जाये कि उससे कहना ना पड़े।

मैं (मिताशी)- जब कोई घर पर ना हो तब कुछ ऐसा करना कि वह ना चाह कर भी तुझे चोद दे और तू ना चाह कर भी चुद जाए उसके बाद मैं शाम को खाना खाकर दिन की सब बातों को याद करते करते ना जाने कब सो गया सुबह उठकर देखा तो छोटी दीदी जा चुकी थी, घर पर केवल मम्मी पापा और बड़ी दीदी ही थे।

उसके बाद मैं नाश्ता करके दोस्तों के साथ बाहर घूमने चला गया जब शाम को मैं आया तो देखा मम्मी पापा कहीं जा रहे थे मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि नानी की तबीयत खराब है तो उन्हीं से मिलने जा रहे हैं. जल्दी ही वापस आ जाएंगे और मुझे कहा कि घर पर ही दीदी के साथ रहना शाम को दीदी ने खाना बनाया और हमने साथ में खाया।

उसके बाद मैं टीवी देखने लगा तभी फेसबुक पर मैसेज आया- यार मिताशी, आज घर पर कोई नहीं है. कुछ बता जिससे कि चुदाई हो सके मैं (मिताशी)- देख चुदाई तुझे करवानी है तो तू जाने तुझे क्या करना है बस यही कहूंगी कि मौका अच्छा है हाथ से मत जाने देना बेस्ट ऑफ लक कुछ समय बाद दीदी हॉल में आई और वहां पर पडे बेड पर बैठ गई और टीवी देखने लगी।

थोड़ी देर के बाद उसने कहा- दीपक आज शरीर ज्यादा काम करने की वजह से कुछ ज्यादा ही दर्द कर रहा है क्या तुम मेरे पैर दबा दोगे मैंने कहा- क्यों नहीं दीदी आप पेट के बल लेट जाओ मैं दबा दूंगा उसके बाद दीदी पेट के बल लेट गई और मैंने धीमे-धीमे हाथों से पैरों को दबाना चालू कर दिया और साथ ही साथ हल्के हाथों से सहलाने लगा जिसका दीदी प्रतिक्रियात्मक मजा लेने लगी।

कुछ समय इसी तरह चलने के बाद दीदी बोली- मैंने सुना है कि मसाज कराने से दर्द बहुत जल्दी सही हो जाता है. तेरा क्या ख्याल है मैं- हां सुना तो मैंने भी यही है दीदी- तो ऐसा कर मेज पर रखे हुए तेल से मालिश कर दे जरा मैं- ठीक है दीदी अभी करता हूं उसके बाद मैंने तुरंत पैरों तेल लगा कर हल्के हाथों से मालिश करना शुरू कर दी।

दीदी- जरा घुटनों के ऊपर भी कर देना काफी दर्द हो रहा है उसके बाद में घुटनों के ऊपर कोमल हाथों से मालिश करने लगा जिसका दीदी बखूबी मजा उठा रही थी दीदी- अरे कहीं नाइटी तेल से खराब खराब तो नहीं हो रही है मैं- हां बिगड़ तो रही है थोड़ी बहुत दीदी- तो ऐसा कर नाइटी को निकाल दे मैं- क्या निकाल दूं।

दीदी- हां निकाल दे जिससे सही से मालिश हो जाए फिर मैंने नाइटी को एक झटके में निकाल दिया अब दीदी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में लेटी हुई थी और मैं मालिश करने लगा तभी दीदी बोली- जरा कमर पर भी कर देना उसके बाद हल्के हाथों से कमर पर मालिश करने लगा दीदी- अरे जरा पीठ और गर्दन पर भी मालिश कर देना बहुत दर्द हो रहा है आज पूरे शरीर में।

मैं- ठीक है दीदी करता हूं उसके बाद मैं पीठ और गर्दन पर मालिश करने लगा जिससे दीदी धीमी आवाज में मदहोशी में आवाजें निकालने लगी कुछ समय इसी तरह चलने के बाद दीदी बोली– ब्रा का हुक भी खोल देना. कहीं तेल से ना खराब हो जाए मैंने दीदी की बात को अनसुना कर दिया तभी दीदी बोली- सुना नहीं तूने ब्रा को निकाल दे नहीं तो तेल से खराब हो जाएगी।

मैं- पर दीदी इससे तो आप ऊपर से नंगी हो जाओगी दीदी- तो क्या हुआ कोई देख थोड़ी रहा है यहां पर और फिर मालिश भी अच्छे से कर सकता है तू उसके बाद मैंने दीदी की ब्रा को निकाल फेंका अब दीदी मेरे सामने ऊपर से पूरी तरह नंगी और नीचे सिर्फ पेंटी में लेटी हुई थी जिसे देखकर मैं अपना आपा खोने लगा।

मेरा लंड पैंट फाड़ने के लिए तैयार था जो उनकी गांड से लगातार रगड़ खा रहा था जिसका दीदी गांड उठा कर बखूबी मजा उठा रही थी तभी दीदी बोली- मेरा एक काम करेगा मैंने कहा- हां दीदी कहो तो आप दीदी- मेरे चूतड़ों की मालिश कर देगा क्या प्लीज मैं- क्या चूतड़ों की पर मैं कैसे कर सकता हूं।

दीदी- जैसे अभी कर रहा है बहुत दर्द हो रहा है पिछवाड़े में कर दे ना प्लीज अब तो बस यही दर्द रह गया है मैं- ठीक है दीदी अभी कर देता हूं तभी दीदी ने अपनी पेंटी को भी निकाल दिया और पैरों को फैलाकर आंखें बंद करके लेट गई मैंने भी समय के मिजाज को देखते हुए अपने सारे कपड़े निकाल दिये और नंगा होकर मालिश करने लगा।

मेरे सामने दीदी की गोरी चूत खुलकर सामने थी चूत रस से अभी तक पूरी भीग चुकी थी जो मुझे अपनी ओर चाटने के लिए लालायित कर कर रही थी पर मैंने अपने आप को संभाला और गांड पर मालिश करना जारी रखा अब दीदी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी मुंह से आह आह उई माँ की आवाजें निकालने लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी तो बोली- कुछ नहीं दर्द काफी है ना इसलिए थोड़ा आराम मिला है कुछ समय तक यूं ही दीदी की गांड को टटोलने के बाद मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी जिससे दीदी की आह निकल गई पर उसने कुछ नहीं कहा अब हम दोनों के लिए अपने आप को संभाल पाना मुश्किल था।

मैंने उंगली को चूत के अंदर बाहर करना चालू कर दिया जिससे दीदी मजे के सातवें आसमान पर सवार होने लगी अब मैंने अपनी दो उंगली चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा कुछ समय बाद मैंने जीभ चूत में डाल दी जिससे दीदी सिसकारने लगी और कहने लगी- उई मां मर गई और अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुंह को चूत पर दबाने लगी।

कुछ समय बाद दीदी ने उठकर अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिए और चूमने लगी मैंने भी उनकी दोनों चूचियां को मसलते हुए होठों को चूमने लगा 10 मिनट जोरदार चुसाई के बाद दीदी बोली- अब रहने दे, होठों में दर्द होने लगा है फिर दीदी बोली- अब जैसे पीछे की मालिश की थी वैसे ही आगे की भी कर दे तो संतुष्टि मिल जाएगी।

मैंने भी कह दिया- दीदी हाथों से करूं या लंड से दीदी- पहली बात तो ये कि अब दीदी मत बोल मैं- तो क्या बोलूं दीदी दीदी- जब काम रानी वाले कर रहा है तो रानी बोल या डार्लिंग पर दीदी ना बोल और रही मसाज की बात तो अब तो तू मेरा राजा है लंड से मुंह से हाथों से जैसे भी करना है वैसे कर बस जल्दी से कर अब रहा नहीं जाता मेरे राजा।

फिर मैं दीदी की दोनों चूचियों को एक-एक करके चूसने और काटने लगा उसकी चूचियां एकदम लाल हो गई दीदी- ओ मेरे राजा, अब बजा दे मेरी चूत का बाजा मैंने- हां डार्लिंग अभी लो पहले मेरे लंड को चूसो तो दीदी ने चूसने से मना कर दिया पर मेरे ज्यादा कहने पर उसने लंड मुंह में ले लिया।

अब मैं पूरे जोश के साथ उसके मुंह को चोदने लगा जिससे गफ्प गफ्प की आवाज आने लगी लंड गले मे टकराने से उसकी सांसें थम गई और आंसू बहने लगे तो मैंने तुरंत लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी चूत को सहलाने लग गया, चाटने और काटने लगा जिससे उसकी आवाजें तेज होती जा रही थी- अब घुसा दे चूत में लंड बहनचोद कुत्ता।

मैं- हां कुतिया रंडी अभी ले तेरी चूत का बुरा हाल ना किया तो देखना और मैं उसकी चूत को पीने लगा कुछ देर बाद मैंने लंड को सेट कर एक जोरदार झटका दे दिया जिससे आधा लंड दीदी की चूत में घुस गया जिससे दीदी की चीख़ निकल गयी- उईई ईई माँ आहह हह मार डाला बहनचोद मैं- क्यों तुम तो पहले भी कई बार चुदी हो तो चिल्ला क्यों रही हो।

दीदी- बहनचोद बहुत दिनों बाद चुद रही हूं और तेरे जीजा का लंड काफी छोटा है मैं- अब ले कुत्तिया रंडी चूतचोदी बड़े लंड का मजा और मैंने एक और झटका चूत में दे दिया जिससे पूरा लंड घुस गया और वो चीखने चिल्लाने लगी मैं कुछ समय उसके ऊपर यूं ही लेटा रहा दीदी का दर्द कम होने के बाद मैंने लंड को धीमे धीमे चूत में चलाना शुरू कर दिया।

कुछ समय यूं ही चलाने के बाद मैंने झटकों को तेज कर दिया जिसका दीदी गालियां और दे दे चिल्लाकर मजा उठाने लगी दीदी- मादरचोद कुत्ता चोद और तेज आज अपनी बहन की चूत की प्यास बुझा दे और तेज भरता बना दे अपनी बहन की चूत का ईईई ईईई ह्म्म्म घघ् आआह हहह् ईईई कहती हुई दीदी झड़ गई।

जिससे मेरा लंड दीदी की चूत के रस से सन चुका था अब दीदी निढाल होकर बिस्तर पर ही लेट गई और मुझे किस करने लगी मैंने दीदी की चूचियों को सहलाने और चूसना शुरू कर दिया, साथ ही साथ दीदी की चूत में उंगली चलाना शुरू कर दिया. बाद में मुंह से चाट चाट कर चूत को साफ कर दिया अब दीदी फिर से गर्म हो चुकी थी और लंड लेने के लिए तैयार थी।

मैंने कहा- मेरे लंड की रानी अब पंजाबी कुतिया बनाकर चोदूंगा तुझे दीदी- जैसे चोदना है वैसे चोद मादरचोद अब जल्दी डाल लंड चूत में अब मैंने गीली चूत में लंड डाल दिया और पूरे जोश के साथ चोदने लगा दीदी गांड उठा उठा कर और चिल्ला चिल्ला कर चुद रही थी जोरदार और जबरदस्त 20 मिनट की जुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था।

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तो मैंने दीदी से पूछा- दीदी अपने भाई के लंड का रस को कहां पर लेना पसंद करोगी दीदी- डाल दे लंड रस को चूत में ही और बुझा दे इसकी प्यास उसके बाद मैं दीदी की चूत में झड़ गया और निढाल होकर उनके ऊपर ही लेट गया कुछ समय बाद दीदी बाथरूम में गई तो मैं भी उसकी गांड के पीछे पीछे चला गया और पीछे से जाकर पकड़ लिया।

दीदी- अरे क्या कर रहा है तू अब तो छोड़ दे और कितना करेगा मन नहीं भरा तेरा मेरी तो चूत दर्द करने लगी है मैं- अरे आप जैसी माल को भी कहीं छोड़ा जाता है क्या अगर तुम मेरी पत्नी होती तो दिन रात चोदता और तेरी चूत का भोसडा बना देता अभी तक तो दीदी- अच्छा अब बना लेना पर अभी छोड़ दे दर्द हो रहा है काफी दिनों के बाद चुदी हूँ ना इसलिए।

मै- अरे कोई अप्सरा को छोड़ता है क्या कहते हुए मैंने लंड चूत में डाल दिया और खूब चोदा अगले दिन पापा मम्मी के आ जाने से पहले दीदी को दो बार और चोदा पर शाम को पापा मम्मी के आ जाने के कारण दीदी की फूली गांड की चुदाई और चुसाई नहीं कर पाया पर दीदी के अगली बार घर आने पर वह सपना भी पूरा हुआ।

अब जब भी मुझे और दीदी को मौका मिलता तो खूब चुदाई का आनंद उठाते हैं यह कहानी जिसमें भाई ने चोदा सगी बहन को अच्छी लगी होगी मैसेज करके बताएं।

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