कच्ची कली को चोदकर फूल बना दिया-First Time Sex Story

कच्ची कली को चोदकर फूल बना दिया

ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड रोमांस कहानी में मेरे दोस्त की शादी में दोस्त की किसी रिश्तेदार लड़की से मेरी दोस्ती हो गयी मैंने उसे प्रोपोज भी कर दिया पर वह कमसिन होने की वजह से डर रही थी सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार मेरा नाम अजय है मैं लखनऊ शहर का रहने वाला हूं मेरी लंबाई 5 फुट 6 इंच है रंग साफ़ और शरीर फिट है।

मेरा लिंग अच्छा लंबा और मोटा है जो किसी भी लड़की या औरत को खुश कर सकता है मैं topcityescort.com का बहुत ही पुराना पाठक रहा हूं मैं स्कूल के दिनों से ही यहाँ कहानियां पढ़ता आ रहा हूं मजे लेता रहा हूं फिर मेरे दिल में ख्याल आया कि क्यों ना मैं भी अपनी जिन्दगी के कुछ किस्से आप दोस्तों को बताऊं तो आप सबके बीच पेश है मेरी जिन्दगी की पहली चुदाई की सत्य घटना।

यह ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड रोमांस कहानी एकदम सच्ची है जो मेरे जीवन का पहला चरण था जब मैंने सेक्स का आनंद लिया लखनऊ से 100 किलोमीटर की दूर मेरा गाँव है जहां मैं छुट्टियों में घूमने जाया करता था बात 7 साल पहले की है जब मैं हमेशा की तरह लखनऊ से अपने गाँव गया था रहने मैं अपने परिवार के साथ और वहां जाकर दोस्तों से मिला सभी दोस्तों से काफी दिनों के बाद मुलाकात हो रही थी तो मैं बहुत ही खुश था।

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मैं उन्हीं के साथ हमेशा दिन में भी रात में भी घूमता रहता जो लोग गाँव गए हैं उन्हें पता ही होगा कि गाँव में घूमने का असली मजा रात को ही आता है लेकिन गाँव में एक ही दिक्कत हमेशा रहती है कि वहां लाइट कभी भी चली जाती है और कभी भी आ जाती है जिसका कोई भरोसा नहीं है इसी परेशानी की वजह से गाँव के लोग अपने घरों में सौर ऊर्जा लगवाते हैं। 

जिससे आंधी तूफान आने पर पेड़ गिरने पर जब लाइट के तार टूट जाती है तो उसे ठीक कराने में काफी दिन लगते हैं तो उस समय सौर ऊर्जा काफी मददगार साबित होता है क्योंकि गाँव में गर्मी बहुत होती है इसलिए गाँव के बच्चे नहरों में ज्यादातर नहाने जाते हैं मैं भी एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ दोपहर के समय नहर में नहाने गया वहाँ सभी दोस्त बात कर रहे थे अपनी अपनी कहानियां बता रहे थे।

तभी एक दोस्त ने मुझसे पूछा जिसका नाम रवि था- यार अजय भाई तुम इतने दिनों से शहर में रहते हो वहां कोई गर्लफ्रेंड बनाई या नहीं मैं- अरे नहीं भाई रवि पढ़ाई से समय ही नहीं मिल पाता है और तुम्हें तो पता है कि शहर में लड़की पटाने के लिए काफी समय देना पड़ता है तब कहीं जाकर लड़की मिलती है रवि- हाँ भाई बात तो सही है तो तुम एक काम करो यहीं गाँव में ही कोई पसंद कर लो और उसे पटा लो। 

तो जब भी तुम गाँव आओगे तो तुम्हारी चुदाई हो जाया करेगी मैं- भाई बात तो तुम सही कह रहे हो लेकिन मैंने अभी तक ऐसा कुछ किया नहीं है इसलिए मुझे डर लगता है. तुम ही कोई सेट करवा दो यार रवि- ठीक है फिर कुछ दिनों में असलम की शादी है वहीं कोई पसंद करना हम सब दोस्त तुम्हारी मदद करेंगे उसको पटाने में मैं- क्या असलम की शादी हो रही है।

मैंने सभी दोस्तों और असलम से जो हमारे साथ ही नहा रहा था उससे पूछा आप सभी को असलम के बारे में बताता हूं असलम भी मेरा दोस्त है वह अपने माता पिता की इकलौती संतान है इस वजह से उसकी शादी जल्दी हो रही है तभी सबने बताया कि इसकी शादी इसके मामू की लड़की से हो रही है और कुछ दिनों में बारात जाएगी खैर मैं भी असलम की शादी के दिन का इंतजार करने लगा।

उसके घर से हमारे घर से अच्छे रिश्ते थे जिससे हमारे घरों में खाना पीना भी था शादी का दिन आया मेरा इंतजार खात्म हुआ मैं भी बहुत उत्सुक था कि मेरे दोस्तों ने मेरे लिए गर्लफ्रेंड बनाने में मदद करने वाले थे मैं शादी में शामिल हुआ उनके घर पर बहुत से मेहमान आए थे और मेरे सभी दोस्त मिलकर उसके यहां काम में हाथ बटा रहे थे।

असलम ने मुझे रेलवे स्टेशन से आ रहे मेहमानों को घर तक लाने की जिम्मेदारी सौम्प दी तो मैं और मेरे दो दोस्त स्टेशन के लिए अपनी अपनी बाइक लेकर निकल गए रास्ते में मैं एक पान की दुकान पर रुक गया और सभी दोस्तों को पान मसाला खाने के लिए पूछा सभी ने पान लगवाया और खाया मैं सिगरेट भी पीता था जो मेरे दोस्त नहीं पीते थे।

तो मैं बोला- तुम लोग चलो मैं अपनी सिगरेट खत्म करके आता हूं वे लोग स्टेशन पहुँच गए और उन्होंने जो मेहमान आए थे उनसे मिल लिए मेहमान असलम के पिता के दोस्त का परिवार था जो 4 लोग ही थे असलम के पिता जी के दोस्त और उनकी पत्नी और दो बच्चे जिनमें उनकी एक लड़की थी और एक लड़का मेरे एक दोस्त ने अपनी बाइक पर उनका सामान रखा और उनके बेटे को बिठाया और निकल लिया।

अब बचे थे 3 लोग अंकल आंटी और उनकी बेटी मैं थोड़ा देर से पहुँचा और पहुँचने के साथ उनको सलाम किया उन्होंने भी जवाब में सलाम किया और मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना बताया जिसके जवाब में उन्होंने बड़े ही उत्साह से बोला- मैं तुम्हारे पिता जी को जानता हूं तुम विकास चौधरी के बेटे हो ना जो लखनऊ में रहते हैं मैंने जवाब में हाँ बोला और हंसने लगा।

तभी मेरा दोस्त बोला- भाई जल्दी करो घर पर और भी काम है तो अंकल बोले- तुम मेरी बेटी को लेकर घर जाओ मुझे और तुम्हारी आंटी को पहले बाजार जाना है कुछ खरीदना है मैं वहां बहुत कम रहता था इसलिए उन्होंने मेरे दोस्त को साथ ले जाने को बोला तो मैंने उनकी लड़की जिसका नाम सपना था उसको बैठाया और घर की तरफ चल दिया मैं आपको सपना के बारे में बता दूँ।

सपना बहुत ही खूबसूरत और तहजीब से भरी हुई लड़की है जो अभी हाई स्कूल में थी और बहुत ही सुंदर दिख रही थी उसने काले रंग का सूट पहना हुआ था जिसके ऊपर उसने हिजाब लगाया हुआ था और सिर्फ उसकी आँखें ही दिख रही थी लेकिन दोस्तो कसम से बताऊं तो वह बहुत ही सुन्दर थी सपना इतनी गोरी थी कि दूध भी उसके सामने फीका पड़ रहा था।

मैंने उसके हाथों को देखा था और उसका फिगर 30 28 32 था जो मैंने बाद में जाना मैं सपना को लेकर घर आ रहा था तो रास्ते में मैंने उससे बात करने की सोची मैंने उससे पूछा- सपना आप यहां पहली बार आई है सपना- जी मैं पहली बार आई हूं मुझे काफी शौक था कि गाँव की शादी देखू इसलिए मैंने अब्बा से जिद करके यहां आने को बोला।

मैं- वैसे आपका घर कहाँ है सपना- जी मेरा घर कानपुर में है जो लखनऊ के पास है लेकिन मैं अपने मामा जी के साथ रहती हूं जो दिल्ली में रहते हैं मैं यहां स्कूल की छुट्टियों में घूमने आई हूं मेरे दिल में तो मानो खुशी की लहर जग गयी कि इसकी तो अपने जैसे ही जिंदगी है फिर मैं बोला- सपना जी मैं भी लखनऊ में रहता हूं और यहां मैं अपनी छुट्टियों में घूमने आया हूं।

इस पर उसने मुझे ज़ोर की एक चुटकी काटी और बोली- सेम पिन्च उसके अचानक चुटकी काटने से मेरा बाइक पर थोड़ा बैलेंस बिगड़ गया लेकिन मैंने सम्भाल लिया और थोड़ा गुस्से में बोला- ये क्या कर रही हो तो उसने सॉरी बोलते हुए बोला- अगर हम अपने दोस्तों के साथ एक साथ एक जैसा काम करते हैं तो ऐसे उसको विश करते हैं मैं हंस पड़ा।

मेरे हंसने पर उसने पूछा- अजय जी आप क्यों हंस रहे है मेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं मैं हँसते हुए बोला- आप बोल रही हो कि आप अपने दोस्तों के साथ ऐसा करती हो लेकिन मैं तो आपके लिए अनजान हूं इस पर उसने सॉरी बोलते हुए बोला- जी जी मैं भूल गयी थी फिर मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उससे पूछा- सपना क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगी।

सपना- आप मुझसे सिर्फ दोस्ती करना चाहते है या अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहते हैं उसके इस जवाब से मैं अचंभित नहीं था क्योंकि वह दिल्ली में रहती थी तो उसके लिए यह बहुत ही सामान्य बात थी लेकिन मेरे दिल में लड्डू फूटने लगे और मैंने अपने आप को संभालते हुए कहा- आप जो बनना चाहें वो बन सकती हैं मुझे ऐतराज नहीं है। 

लेकिन अगर आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी तो मुझे ज्यादा खुसही होगी क्योंकि मैंने अभी तक किसी लड़की से दोस्ती नहीं की है मैं समझदारी दिखाते हुए बोला क्योंकि मेरी एक भी गलती उससे दूर कर सकती थी और अभी तक मुझे सपना इतनी पसंद आ गयी थी कि मैं चाहता था कि यही मेरी गर्लफ्रेंड बने फिर उसने बोला- ठीक है मैं सोच कर बताऊँगी।

उसके बाद मैं घर आ गया और उसको असलम के घर पर उतार दिया और बाकी कामों के लिए असलम से पूछा तो उसने बताया- भाई मुझे तुम्हारी मदद चाहिए जो तुम ही कर सकते हो प्लीज भाई मना मत करना तुम्हारी बहुत मेहरबानी होगी मैं उसको डांट लगाते हुए बोला- अबे साले तू मेरा दोस्त है और तेरी शादी है तू सिर्फ हुकुम कर कि क्या चाहिए तुझे।

तो वह बोला- अंदर चल, बताता हूं जैसे ही मैं अंदर गया तो देखा कि सपना ने अपना हिजाब निकाल दिया था और मैं उसको देखता ही रह गया मैंने अपने जीवन में उससे सुन्दर लड़की नहीं देखी थी मैं उसको देखता रहा और सपनों में खो गया कि क्या सच में ये एक लड़की है तभी असलम मुझे टपली मारते हुए बोला- अबे जो सुनने आया है सुनेगा या सपना को घूरता रहेगा।

सपना अपना नाम सुनते ही मुझे देखने के लिए मुड़ी ही थी तब तक मैं असलम के साथ चलते चलते बोला- अबे यह लड़की है या बवाल है उसने पूछा- मतलब तुम कहना क्या चाहते हो मैंने कहा- अबे कितनी खूबसूरत है यार ये इस पर वह बोला- यह बात तो है यार अगर मुझे पहले पता होता तो मैं इससे ही शादी करता असलम मुझको चिढ़ाते हुए बोला।

मैंने उसको टपली मारते हुए कहा- बकवास बंद कर वह मेरी गर्लफ्रेंड है उसके बारे में मत सोचना जो तू बोलने आया था वो बोल इस पर असलम बोला- अबे तू अभी अभी उससे मिला और वह तेरी गर्लफ्रेंड भी बन गयी मैंने कहा- हाँ उसने पूछा- कैसे मैंने कहा- बाद में बताऊँगा पहले तुम्हारी समस्या का समाधान निकाला जाए।

तो वह बोला- भाई यहां कोई वीआईपी गाड़ी नहीं है और अब्बा ने सामान्य कार ही बुक करवायी है मेरे लिए मैंने कहा- मुझे क्या करना है ये बता तो उसने कहा- भाई मेरे लिए कोई वीआईपी गाड़ी का जुगाड़ कर दे तेरे पापा के पास तो बहुत सी होंगी मैं अपने पापा के बारे में बता दूँ मेरे पापा का नाम विकास चौधरी है और उनका टेक्सी और वीआईपी गाड़ियों का बिजनेस है। 

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जैसे जिसको जरूरत होती है वैसे उसको सर्विस देते हैं मैंने अपने दोस्त को बोला- बस इतनी छोटी सी बात के लिए तू इतनी मिन्नतें कर रहा था तो असलम बोला- हाँ भाई जुगाड़ हो जाएगा मैंने कहा- बिल्कुल वह बोला- सुबह बारात है पक्का बोल रहे हो दिल तो नहीं तोड़ोगे मैंने कहा- भाई रुक तेरे सामने अभी फोन करके बोलता हूं।

तो मैंने उससे पूछा कौन सी गाड़ी चाहिए उसने बोला- कोई भी चलेगी बस अच्छी हो और वीआईपी भी तब मेरे ध्यान में आया कि मेरे दोस्त के पास फॉर्च्यूनर आई थी अभी जल्दी ही मैं बोला- फॉर्च्यूनर चलेगी भाई तो उसने कहा- दौड़ेगी उस समय फॉर्च्यूनर गाड़ी की बहुत मांग थी अभी तो सामन्य गाड़ी हो गयी है तभी असलम को किसी ने आवाज लगायी तो उसने मुझसे कहा- भाई तुम गाड़ी का जुगाड़ करो मैं अभी आता हूं।

मैंने अपने दोस्त को लखनऊ फोन लगाया और उससे गाड़ी यहां भेजने को बोला उसने तुरंत हा बोला और बोला- रात तक गाड़ी आ जाएगी मैंने भी उसको बोला- गाड़ी कुछ दिन यहीं रहेगी इस पर उसने बोला- भाई आपकी गाड़ी है जब मर्जी हो तब भेजना बस ड्राइवर को भेज देना मैंने भी हँसते हुए हाँ बोल दिया मैंने फोन काटा ही था किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा।

जब मैं घूमा तो देखा सपना खड़ी थी उसने कहा- तुमने असलम से झूठ क्यों बोला कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूं मैंने भी आँख मारते हुए कहा- आज नहीं तो कल बन ही जाओगी इतनी जल्दी क्या है उसने हँसते हुए कहा फिर वह बोली- मैं लड़की नहीं बवाल हूं मैंने कहा- तुमको किसने बोला उसने कहा- अभी अभी तो थोड़ी देर पहले तुमने ही बोला था तब से मैं तुम दोनों की बातें सुन रही थी।

तब मैंने उसकी तारीफ करते हुए कहा- यार तुम सच में बहुत सुन्दर हो इस पर वह हंसी और हंसकर चली गयी सुबह सभी लोग बारात की तैयारी में लगे हुए थे और मैं सपना को ढूढने में लगा था तभी दूल्हे के साथ वह भी बाहर आई गोरे बदन पर गुलाबी रंग का लहंगा पहना हुआ था बिल्कुल गुलाब का फूल लग रही थी वह असलम के साथ बैठ गयी जो गाड़ी मैंने बुलायी थी उसमें ही असलम बैठा था।

बैठने के बाद असलम मुझे बुला कर बोला- यार अजय भाई तुम भी मेरे साथ चलो मेरा मतलब है कि गाड़ी तुम ही चलाओ तभी उसकी बात को काटते हुए सपना ने कहा- हाँ बिल्कुल. गाड़ी अपने बुलायी है और आप असलम के इतने खास दोस्त है तो आप ही चलायें तो बेहतर रहेगा मेरे मन को यह बात पसंद आई कि कहीं ना कहीं सपना भी मुझे पसंद कर रही है।

तभी मैंने ड्राइवर को बोला- भाई आप सवारी करके लखनऊ वापस चले जाओ और अभिषेक भाई को बोलना गाड़ी एक महीने बाद मैं ही लेकर आऊंगा मेरी बात सुनकर ड्राइवर चला गया असलम बोला- अबे साले गाड़ी एक महीने तक यही रहेगी तो खर्चा ज्यादा हो जाएगा मैंने कहा- दोस्तों के लिए कुछ भी कर सकता हूं तभी असलम बोला- मुझे तो सिर्फ आज के लिए ही चाहिए।

तभी मैंने असलम की बात काटते हुए कहा- अब जब तक सपना यहां रहेगी गाड़ी भी यहीं रहेगी इस पर सभी चुप हो गए सायद मैंने जोश जोश में कुछ ज्यादा बोल दिया खैर हम लोग बारात गए असलम भाई का निकाह हुआ सबने खाना खाया और जो शादी के रिवाज होते हैं, वे भी हुए फिर हम दुल्हन लेकर घर आए उधर से आते समय सपना मेरे बगल बैठी थी क्योंकि असलम अपनी दुल्हन के साथ बीच में बैठा था।

और उसका मैंने फायदा उठाया गियर बदलने के बहाने मैं बार बार सपना के हाथों को भी छू रहा था जिसका सपना कोई विरोध नहीं कर रही थी मतलब उसकी तरफ से हारी झंडी थी मैं अब और भी खुश था शाम होते ही काफी मेहमान अपने अपने घर चले गए थे सिर्फ कुछ ही लोग बचे थे तभी मुझे पता चला कि मेरे माता पिता भी लखनऊ निकल गए शायद उन्हें कोई काम आ गया था।

मैं घर पर अकेला था तो असलम बोला- अजय तुम मेरे घर पर ही सो जाओ वैसे भी अब कोई नहीं है यहां बस कुछ लोग ही हैं मेरे लिए तो बहुत ही अच्छा मौका था मैंने छत पर सोने का इंतजाम किया और रात को करीब 1 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि सपना घर के आंगन में टहल रही है शायद उसे नींद नहीं आ रही थी मैंने उससे पानी मांगा तो वह एक पानी का जग लेकर छत पर आई।

मैंने पानी पिया और उससे जागने की वजह पूछी तो उसने बताया कि उसको नींद नहीं आ रही है तभी मैंने पूछा- सपना तुमने कुछ बताया नहीं तो उसने पूछा- क्या मैंने कहा- मेरी गर्लफ्रेंड बनोगे तो उसने हंसते हुए कहा- मैंने कभी पढ़ाई के अलावा किसी और चीज़ पर ध्यान नहीं दिया है यह पहली बार है मेरा इसलिए मैं थोड़ा डर रही हूं।

मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और उसको बैठने को बोला वह मेरे साथ बैठ गयी मैंने उसको समझाया- मेरा भी यह पहली बार है कि मैं किसी लड़की से दोस्ती के लिये बोल रहा हूं और फिर हम बातें करने लगे तभी उसने बहुत ना नुकर के बाद हाँ बोल ही दिया फिर मैंने उसको धीरे से एक माथे पर किस किया वह मुझसे अलग हो गयी और उठ कर खड़ी हो गयी।

जिस पर मैंने उसको बताया- तुम डरना नहीं तुम जब तक हाँ नहीं करोगी मैं कुछ नहीं करूंगा इस बात पर उसको उसको थोड़ा अच्छा लगा फिर थोड़ी देर बाद वह नीचे चली गयी मैंने अपनी आँखें बंद की और उसको सोच कर मूठ मारी और फिर सो गया सुबह पता चला कि सपना का परिवार घर जा रहा है मैंने तुरंत असलम को बुला कर उससे बोला- भाई कुछ भी कर लेकिन सपना को रोक ले।

उसने कहा- मैं क्या कर सकता हूं मैंने कहा- कुछ भी कर तभी सपना आई उसके आते ही असलम चला गया सपना ने कहा- शायद हम दोनों का साथ यही तक था मैंने कहा- तुम कहीं नहीं जाओगी तो उसने कहा- अब्बा नहीं मानेंगे मेरा भी रुकने का मन है पर मैं कुछ नहीं कर सकती यह कहते हुए उसने मुझे जोर से गले लगाया और रोने लगी इससे मुझे यकीन हो गया कि इसका मन नहीं है जाने का।

फिर मैंने उसके कान में धीरे से बोला- अगर तुम्हें रोक लिया तो मुझे क्या मिलेगा उसने मुझसे दूर होते हुए पूछा- मतलब मैंने कहा- अगर मैं तुम्हें घर जाने से रोक लूं, यहीं रहो कुछ दिनों तक तो मुझे क्या मिलेगा उसने कहा- जो तुम चाहो फिर मैंने उसका चेहरा उठाते हुए उसे एक लिप किस किया जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया।

फिर मैंने असलम को बोला- क्या हुआ बात बनी तो उसने कहा- यार अजय अम्मी अब्बा ने बहुत रोका पर नहीं रुक रहे हैं मेरा दिल उदास हो गया तभी सपना के अब्बा ने बोला- बेटा हमें स्टेशन तक छोड़ने चलोगे मैं हाँ करते हुए गाड़ी लेकर आ गया रास्ते भर सपना रोते हुए जा रही थी तभी स्टेशन पहुँच कर सपना के अम्मी अब्बा एक कोने में गए और कुछ बात की।

फिर मुझसे बोले- बेटा अजय सपना का मन नहीं है जाने का तो मैंने कहा- फिर रुकने दीजिए कुछ दिन रहेगी घूमने के बाद चली जाएगी उनके अब्बा बोले- यही तो मुश्किल है यहां रुक गयी तो आयेगी कैसे मुझे ज्यादा छुट्टी नहीं मिलती है सपना के अब्बा रेलवे में सरकारी नौकरी करते थे तब मैंने थोड़ा हिम्मत करके कहा- अगर आप लोग बुरा ना माने तो मैं सपना को आपके घर छोड़ आऊंगा। 

आखिर कुछ दिनों बाद मैं लखनऊ वापस जा रहा हूँ लखनऊ पहुँच कर मैं इसको आपके घर कानपुर छोड़ आऊंगा मेरे इस जवाब पर सपना मुझे तिरछी नजर से देख रही थी फिर कुछ देर सोचने के बाद उनके अब्बा मान गए लेकिन मुझे बोला- इसका ध्यान रखना यह बहुत शैतान है मैंने हंसते हुए कहा- अंकल आप बिल्कुल चिंता ना करें मैं पूरा ध्यान रखूँगा सपना को आंख मारते हुए मैंने कहा।

अब सपना भी खुश थी उसकी खुसही उसकी आंखों में दिख रही थी तभी ट्रेन आई और सपना के अब्बा अम्मी और उसका भाई ट्रेन में बैठ गए हमने उन्हें सलाम किया और वहां से मैं सपना को लेकर वापस चल दिया गाड़ी में बैठते ही सपना ने अपना चेहरा खोला जो हिजाब से ढका हुआ था वह बहुत खुश थी उसने मुझे धन्यवाद बोला मैंने कहा- धन्यवाद किस बात का उसने कहा- मुझे यहां रोकने के लिए।

मैंने कहा- उसकी कोई आवश्यकता नहीं है बस मैंने अपना वादा पूरा किया अब तुम अपना करो उसने कहा- मैंने कोई वादा नहीं किया था सिर्फ हाँ किया था मैंने भी कहा- हाँ मेरा वही मतलब है फिर मैं सपना को किस करने के लिए उसके करीब जाने लगा तभी उसने मुझे रोका और कहा- यहां कुछ नहीं जो भी करना है, घर पर करना।

फिर मैं सपना को लेकर असलम के घर पहुँचा और सारी बात बतायी उसने मुझे धीरे से कहा- तेरी किस्मत साथ दे रही है मैंने भी हाँ बोला फिर मैं अपने घर आया और नहा कर बाहर निकला तो तभी दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई मैंने दरवाजा खोला तो सामने सपना खाड़ी थी और वह भी अकेली लेकिन मैंने संतुष्टि करने के लिए पूछा- अरे सपना तुम यहां इस गरीब के घर पर क्या कर रही हो।

उसने कहा- क्यों नहीं आ सकती तो मैंने कहा- घर तुम्हारा है कभी भी आ सकती हो और कोई है तुम्हारे साथ में उसने बताया- नहीं मैं अकेली आई थी एक लड़की के साथ जिसने तुम्हारा घर बताया है और वह चली गयी मैंने यह सुनते ही सपना को गोद में उठाया और अपने बेडरूम में ले जाने लगा दरवाजा बंद किया और उसको बेड पर लाकर पटक दिया।

सपना दिखने में जितनी दिखती थी हकीकत में वह काफी हेल्दी लड़की थी होती भी क्यों ना खाते पीते घर की जो थी मैंने उसको चिढ़ाते हुए कहा- यार तुमको देख कर लगता नहीं है कि तुम्हारा वजन ज्यादा होगा इस पर वह मुंह बनाते हुए बोली- क्या मैं मोटी हूं मैंने कहा- जी नहीं बिल्कुल नहीं इससे पहले वह कुछ कहती मैंने उसके ओठों पर अपने ओठ रख दिए और उनका रसपान करने लगा।

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सपना भी मेरा साथ दे रही थी. कभी वह मेरे ओठ चूसती, कभी मैं उसके ओठों को चूसता कुछ ही देर के बाद मेरा लिंग तन गया जिसका आभार सपना को हो गया क्योंकि मैं नहा के निकला था तो मैं सिर्फ तौलिया ही लपेटा हुआ था जो मेरे लिंग के टाईट होते ही बाहर निकलने के लिए बेकरार था इधर मैं सपना को किस करते करते उसकी चूचियां भी दबा रहा था लेकिन बहुत आराम से क्योंकि उसका भी पहली बार था और मेरा भी।

कुछ देर बाद सपना मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी मैंने पूछा- क्या हुआ तो उसने कहा- मुझे सुसु आई है मैं समझ गया कि इसका पानी निकलने लगा है मैंने उसको बताया कि सुसु नहीं आई है तुम्हारी बुर से पानी निकाल रहा है तब उसे मेरी बात पर यकीन नहीं हुआ तो मैंने उसको अपने फोन में एक पोर्न फिल्म लगा कर दे दिया और कहा- इसको देखो।

वह फिल्म देखने लगी और मैं उसकी चूचियों को कपड़ों के ऊपर से ही मुंह में लेकर चूसने लगा दबाने लगा करीब 10 मिनट के बाद मैंने उसके कपड़ों को उतारने के लिए कहा तो वह हाँ बोलकर कपड़े उतारने लगी पहले उसने अपना टॉप उतरा फिर नीचे का लोअर अब वह सिर्फ मेरे सामने स्पोर्ट ब्रा और पेन्टी में थी मैंने देर ना करते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी।

ब्रा निकालते ही मेरे सामने एकदम कड़क कटोरे जैसे दो सफेद रंग के संतरे थे जिनमें बीच में किसी ने भूरे रंग के एक एक चना रख दिया हो मैं तो देखते ही पागल हो गया और एक निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा मेरे मुंह लगाते ही सपना को जैसे करेंट लगा वह पूरी हिल गयी और मोबाइल फोन छोड़ के मुझे देखने लगी कि मैं क्या कर रहा हूँ।

उसने अपनी आँखें बंद कर ली और सिसकारी भरने लगी- स्स सश्सस स्स सस आराम से दर्द हो रहा है कहती हुई मजा लेने लगी कुछ देर बाद मैंने सपना की पेन्टी भी उतार दी जो पूरी भीग चुकी थी सामने से लेकिन जैसे ही मैंने उसकी पेन्टी को निकाला तो मैं क्या देखता हूं मेरे सामने एक ऐसी बुर थी जिसपर अभी पूरी तरीके से बाल भी नहीं आए थे कुछ बाल थे हल्के हल्के भूरे रंग के।

मैंने सपना से पूछा- तुम्हारी अभी झांट नहीं आई मेरी इस बात पर वह शर्मा गयी और हल्के से मुस्कराई और इशारे में उसने ना बोला यह मेरे लिए तो बहुत ही अच्छा मौका था मैं एक कच्ची कली को फूल बनाने वाला था मैंने उसकी बुर पर हाथ लगाया तो वह अपनी दोनों टांगों को सिकोड़ने लगी और मुझे गले लगा कर किस करने लगी।

लेकिन मेरे दोनों हाथ उसके बदन पर चल रहे थे एक हाथ से मैं उसके छोटे छोटे स्तनों को मसल रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी योनि को भी सहला रहा था कुछ देर उसके बदन से खेलने के बाद मैंने उसको अपना लंड थमा दिया और उसको सहलाने को बोला सपना मेरा लंड हाथ में लेते ही चौंक गयी और उसको आँखें फाड़ फाड़ के देखने लगी।

वह बोली- अजय यह क्या है तुम मुझे मारना चाहते हो क्या मैं इसको कैसे ले पाऊँगी यह बिल्कुल नामुमकिन है मैंने उसको किस करते हुए और बदन पर हाथ फेरते हुए कहा- सपना मेरी जान तुम्हें कुछ नहीं होगा चिंता मत करो मैं बहुत ही आराम से करूंगा और अपनी पूरी कोशिश करूंगा कि तुम्हें तकलीफ ना हो कुछ देर बाद मैंने सपना को अपना लंड मुंह में लेने को बोला।

उसने गुस्से से मना कर दिया फिर मैं उसकी चूचियों को जोर से दबाते हुए उन्हें अपने दांतों से काटने लगा जिससे उसको दर्द हुआ और वह जोर जोर से आहें भरने लगी- आह आराम से उसकी चूचियों को किस करते करते मैं उसकी बुर को मसलने लगा जिससे वह और भी उत्तेजित हो गयी और मेरे लंड को मसलने लगी हिलाने लगी फिर मैंने उसको घुटनों के बल बैठाया और मुंह में लंड देने लगा।

लेकिन उसने सिर्फ मेरे लंड के सुपारे को ही अपनी जीभ से चाटना शुरु किया जिससे मुझे एक अलग ही आनंद आ रहा था फिर मैं धीरे-धीरे उसके मुंह में अंदर अपने लंड को डालने लगा उसने भी मेरा साथ दिया और लंड मुंह में लेकर चूमना चाटना शुरु कर दिया मेरी भी साँसें तेज हो गयी और मैं बोलने लगा- ले मेरी जान मेरा लंड को पूरा ले आज तक तुमने इसका मजा नहीं लिया होगा। 

फिर कुछ समय के बाद पूरा कमरा उसके मुंह से निकलने वाली आवाज से गूँजने लगा तभी मैंने एक झटके में अपना लंड उसके हलक तक कर दिया जिससे उसको बहुत तकलीफ हुई और उसकी आँखें जैसे बाहर आ गयी उसकी आंखों से आंसू भी आ गए मेरा लंड उसके हलक तक चला गया ठा पर उसने गुस्से में मेरा लंड बाहर कर दिया और बोली- ऐसा करोगे तो मैं जा रही हूं।

मैंने उसको उठाया और बेड पर लेटा दिया और प्यार करते हुए उसके होठों को किस करने लगा किस करते करते मैं उसकी चूचियों तक आया उसको किस किया फिर उसकी नाभि को किस किया तब मैं उसकी छोटी सी फूल जैसी बुर पर आया और उसको चूमने लगा जैसे ही मैंने उसकी बुर को चूमा सपना एकदम मचल गयी।

और फिर मैंने उसके बुर को खोलना चाहा लेकिन सच बताऊं तो दोस्तो उसकी बुर में तो जैसे कोई छेद ही नहीं था एकदम चिपकी हुई थी फिर मैंने उसकी बुर की गुलाबी ओठों को खोला जिसमें बहुत ही बारीक सा छेद था मैंने अपनी जुबान को उसके अंदर डालना चाहा पर जगह ना होने के कारण नहीं गयी बस सिर्फ थोड़ा ही अंदर गयी जिस पर सपना का बदन अकड़ने लगा।

कुछ समय तक मैंने उसकी बुर को बहुत से चूमा जिससे उसकी बुर से पानी की तार गिरने लगी और मैंने उस पानी को अपने जीवन में पहली बार अनुभव किया था जिसका स्वाद थोड़ा सा नमकीन- नमकीन सा लग रहा था मुझे लेकिन मुझे वह पानी इतना पसंद आया कि मैं चाहता था कि मैं इसे खूब पीयूं मैंने सपना की तरफ देखा वह अपनी आँखें बंद किए वासना के नशे में चूर आहें भरे जा रही थी।

जब मैंने उसको सेक्स के लिए पूछा तो उसने कहा- यार इसमें जैसे चीटियां काट रही हैं कुछ करो तो मतलब वह राजी थी मैंने देर ना करते हुए उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा और अपना लंड डालने लगा पर लंड अंदर जाने के बजाय बाहर ही फिसल रहा था काफी देर कोशिश के बाद मैंने उसकी टांगों को चौड़ा किया और उसकी बुर को खोला फिर उसमें अपना लंड फंसाया और धक्का दिया।

इस बार मैं कामयाब हुआ लंड का सुपारा अंदर गया और मुझे हल्का दर्द हुआ जैसे मैंने अपना लंड किसी छोटे मुंह के बोतल में डाला हो और उधर सपना दर्द की वजह से छटपटाने लगी काफी जोर जोर से चिल्लाने लगी उसके इतनी तेज छटपटाने की वजह से लंड बाहर निकल गया मैंने सपना का चेहरा देखा तो डर गया मोटे मोटे आंसू उसकी आंखों में थे और वह काफी तेज रोये जा रही थी।

मैंने उसको शान्त किया और समझाया- पहली बार में थोड़ा दर्द होगा तो उसने मुझे जोर से धक्का दिया और बोली- मुझे कुछ नहीं करना है प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे जाने दो मैंने उसको समझाया और प्यार से किस किया फिर कुछ समय बाद उसका दर्द कम हुआ जब मैंने उसको किसी तरीके से दुबारा सेक्स के लिए राजी किया तो मैं नहीं चाहता था कि इस बार कोई गलती हो नहीं तो सपना मुझे कभी करने नहीं देगी।

मैंने अपने लंड पर देखा तो खून लगा हुआ था और सपना की बुरा से खून टपक रहा था सपना खून देखे उससे पहले मैंने एक कपड़ा लिया और उसकी बुर और अपना लंड जल्दी से साफ किया फिर मैंने सपना को बेड के नीचे खाड़ा किया और बेड पर झुकाया आप लोगों की भाषा में घोड़ी बनाया तब मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी बुर पर धक्का मारा। 

जिससे मेरा थोड़ा लंड सुपारे के साथ अंदर चला गया फिर से सपना चिल्लाने लगी और और जोर जोर रोने लगी- अजय प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे नहीं करना कुछ प्लीज मुझे जाने दो मैं मर जाऊँगी लेकिन इस बार मेरी पकड़ बहुत अच्छी थी जिससे वह छुट नहीं पायी और छटपटाती हुई बेड पर गिर गयी वह जोर जोर से रोने लगी।

फिर मैंने मौका देखते हुए दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया लेकिन इस बार तो जैसे उसकी आवाज ही नहीं निकल पायी और वह दर्द की वजह से बेहोश हो गयी पहले तो मैं डर गया फिर मुझे याद आया कि पहली बार में ऐसा होता है मैं उसके ऊपर लेट कर उसको किस करने लगा और उसके पीठ पर अपने दांतों से काटने लगा।

करीब 5 मिनट बाद उसने फिर से दर्द के वजह से रोना शुरु कर दिया और मुझसे बोलने लगी- अजय प्लीज मुझे अभी छोड़ दो मुझे अभी बहुत दर्द हो रहा है अपना लंड बाहर निकाल लो तुम बाद में जब मेरा दर्द कम हो जाएगा तो कर लेना लेकिन प्लीज अभी निकालो इसको मैंने उसकी एक बात नहीं सुनी और धक्का मारने लगा जिस पर वह बहुत जोर जोर से रोये जा रही थी।

कुछ समय बाद जब लंड ने बुर के अंदर अपनी जगह बना ली तब असानी से अंदर बाहर होने लगा लेकिन दर्द ज्यादा कम नहीं हुआ क्योंकि मुझे भी दर्द हो रहा था जिससे मैं सपना का दर्द महसूस कर सकता था मैंने धक्के लगाने नहीं बंद किया मैं बराबर धक्के मार रहा था कुछ समय बाद जब सपना को दर्द की आदत पड़ गयी तो उसने चिल्लाना और छटपटाना बंद कर दिया।

बस उसके मुंह से एक ही बात बार बार निकल रही थी- अजय इसको बाहर निकाल लो कुछ समय धक्के मारने के बाद जब सपना का पानी निकला तब सपना को थोड़ा दर्द से राहत मिली और वह भी लेटे लेटे मजा लेने लगी मेरा भी पानी निकलने वाला था मैंने उसकी बुर में ही पानी निकाला और जब लंड बाहर निकला तो पक्क से आवाज आई जैसे किसी ने बोतल खोली हो।

यंग गर्ल क्यूट सेक्स से मैंने सपना की बुर को अब चूत बना दिया था सपना का इतना बुरा हाल था कि वह खुद को पलट भी नहीं सकती थी उसको अभी भी बहुत दर्द हो रहा था उसकी चूत का निकला हुआ खून उसकी जांघों और टांगों तक बह आया था जिसको देख कर वह मुझसे बोली- तुमने बोला था कुछ नहीं होगा देखो कितना खून निकला है मेरा।

मैंने उसको अच्छे से साफ़ किया बाथरूम में ले जाकर अच्छे से नहलाया क्योंकि सपना सही से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी चलने को तो बहुत दूर की बात थी तब मैं बोला- पहली बार में होता है अब नहीं होगा उसने मुझे गुस्से से मारते हुए बोला- अब नहीं करने दूंगी फिर मैंने खुद को साफ़ किया और अपने लंड को साफ़ करने लगा तभी सपना बोली- इतना बड़ा है। 

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इसको इतनी छोटी सी जगह में डालोगे तो खून नहीं निकलेगा तो क्या होगा इस पर मैंने उसको बोला- अच्छा ज्यादा अक्ल ना बताओ और इसको साफ़ करो पहले उसने मना किया लेकिन बाद मैं उसने बैठे बैठे मेरे लंड को साफ़ किया और मुझे अच्छे से नहलाया फिर मैं उसको उठा कर कमरे में लाया और उसको सोफ़े पर बिठाया। 

फिर मैंने बेड शीट बदली जो सपना की चुत से निकले हुए खून से गंदी हो गयी थी फिर मैंने उसको बेड पर बिठाया और उसको मैगी खिलाई उसके बाद मैंने उसको काफी बार चोदा जब तक सपना थी मैंने उसको अपना गाँव घुमाया और फिर उसको उसके घर कानपुर छोड़ कर भी आया लेकिन वह मेरी अब बहुत अच्छी गर्लफ्रेंड बन चुकी थी मेरा उसके घर आना जाना भी चालू हो गया।

अब जब भी मौका मिलता है मैं उसकी चूत मारने पहुँच जाता हू मैंने सपना की गांड भी मारी है लेकिन वह कहानी फिर कभी लिखूँगा तो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी. मैंने अपने जीवन में पहली बार सम्भोग क्रिया का आनंद लिया आप लोग मुझे मेल करके बताना जरूर कि मेरी यह सच्ची यंग गर्ल क्यूट सेक्स कहानी आपको कैसी लगी अगर आप लोगों का मुझे प्यार मिला तो मैं अपने जीवन के सारे किस्से आप लोगों के बीच रखूँगा।

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