मालिस की बजह से कुंवारी चूत मिली-First Time Sex Story

मालिस की बजह से कुंवारी चूत मिली

टीन स्कूल गर्ल हॉट कहानी में पढ़ें कि मुझे मालिश करना आता है एक बार पड़ोस की एक आंटी मुझे अपने घर ले गयी उनकी युवा बेटी के पैर में मोच आ गयी थी मैं खुश हो गया था नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अंकित है मेरी लंबाई 5 फीट 10 इंच की है मेरा रंग सांवला है और खेल कूद करने व थोड़ा व्यायाम आदि करने की वजह से मेरा शरीर काफी गठीला है मेरी आयु 30 वर्ष है।

मैं भिलाई की एक प्राईवेट कम्पनी में जॉब करता हूं कोरोना की वजह से मुझे अपना काम छोड़कर अपने घर रायगढ़ आना पड़ गया था लॉकडाउन की वजह से कहीं जाने का मौका नहीं मिलता था बस घर में ही पड़ा रहता था कुछ जरूरी काम से ही बाहर निकल पाता था चारों ओर पुलिस का सख्त पहरा सा लगा रहता था एक महीना हो गया था जिंदगी काफी बोरियत भरी हो गई थी।

न कोई कमसिन लड़की दिखाई देती न ही कोई हॉट भाभी जिंदगी तो बस लंड हिला-हिला कर कट रही थी इसी बीच मेरे मोहल्ले की एक बूढ़ी अम्मा की मौत कोरोना से हो गई इस घटना से पूरे मुहल्ले में दहशत का माहौल पैदा हो गया था मुझे बड़ा दुख हुआ था क्योंकि अम्मा ने मेरी बहुत सेवा की थी खेलते-कूदते जब भी मांस-पेशी में खिंचाव होता था मैं उसी अम्मा के पास चला जाता।

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अम्मा बहुत ही अच्छे से मालिश कर देतीं लगभग पूरा शहर उनको मालिश के लिए जानता था खैर जो भी हुआ अम्मा जाते जाते अपना कुछ गुण मुझे दे गई थीं अम्मा के पास मालिश करा-करा कर मैं भी मालिश के कुछ बहुत गुण सीख गया था यह टीन स्कूल गर्ल हॉट कहानी भी इसी गुण के कारण बनी थी जब एक दिन दोस्त के शरीर में खिंचाव हुआ तो वह मेरे पास आया था।

मैंने उसकी अच्छे से मालिश की और दो चार दिन बाद वह ठीक हो गया था यह बात मोहल्ले में फैल गई थी कि अंकित भी अच्छी मालिश करता है अब अम्मा के मर जाने के बाद धीरे-धीरे और भी लोग आने लगे थे मुझे दूसरों की मालिश में बिल्कुल मन नहीं लगता पर क्या करें अम्मा तो अब रही नहीं थीं और लॉकडाउन में मेरे अलावा किसी के पास कोई चारा ही नहीं था।

दिन बीतते गए ऐसा ही चलता रहा फिर एक दिन ऐसा भी आया जब इसी हुनर के कारण मेरी किस्मत ही खुल गई उस दिन सुबह-सुबह मोहल्ले‍ की एक आंटी मेरे यहां आईं वह मेरी माता जी से कुछ बात कर रही थीं उनकी बातों से तो लगा कि वह काफी दुखी हैं तभी मैं वहां आ पहुंचा उन्होंने मुझसे कहा- मेरे बेटी नेहा कल रात से पैर में मोच के कारण परेशान है रात भर ठीक से सो नहीं पाई। 

बेटा क्या तुम घर आकर उसे देख सकते हो मैं आंटी की बातें सुनकर मना नहीं कर पाया और उनके साथ चल पड़ा उनका घर ज्यादा दूर नहीं था तो हम पैदल ही चल पड़े जाते-जाते मेरे मन में ख्याल आ रहा था कि नेहा कितनी बड़ी हो गई होगी कई सालों से मैंने उसे देखा नहीं है बचपन में तो बड़ी प्याीरी लगती थी अब कैसे होगी मैंने आंटी जी से पूछ ही लिया- आंटी नेहा क्या करती है।

आंटी- नेहा अभी 12 वीं कक्षा में है मैं मन ही मन सोचने लगा कि वाह क्या बात है मतलब नेहा जवान हो चली है वैसे भी लड़कियां तो जल्दी ही जवान हो जाती हैं उसके दूध कितने बड़े हो गए होंगे क्या साइज़ की ब्रा पहनती होगी चूत कैसी होगी उसकी चूत में झांटें कितनी घनी आ गई होंगी क्या उसने बॉयफ्रेंड बना लिया होगा क्या कभी सेक्स किया भी होगा या अभी भी कुंवारी होगी।

आंटी से बातें करते-करते और नेहा के बारे में सोचते-सोचते कब नेहा का घर आ गया पता ही नहीं चला नेहा अपने कमरे में लेटी थी आंटी नेहा का रूम दिखाते हुए साथ आ गई नेहा बेड पर लेटी हुई थी रूम में आते ही मेरी नजर सीधे नेहा की चूचियों पर गई और आंखें नेहा की मदमस्त जवानी का जायजा लेने लगीं उसने सफेद टी-शर्ट पहन रखी थी जिसके ऊपर से ही उसके उभरे हुए स्तन दिख रहे थे।

उसके स्तन लगभग पूरी तरह से गदरा गए थे उसकी चर्बी विहीन पतली कमर पतले पतले हा‍थ-पैर चौड़ी गांड मतलब नेहा अपने यौवन को पूरी तरह खिला चुकी थी मैं नेहा के पास जाकर उसके बेड पर ही बैठ गया और उससे सवाल किया- चोट कहां आई है उसने कहा- बाएं पैर में घुटने के नीचे मैंने आंटी से कहा- सरसों का तेल हो तो उसे गर्म करके ले आइए नहीं तो कोई भी तेल चलेगा। 

बस गर्म करके ले आइए आंटी तेल लेने गईं इधर मैंने नेहा से कहा- मोच वाली जगह दिखाओ उसने काले कलर का लोवर पहन रखा था उसने नीचे से ऊपर घुटने तक लोवर को खींचा हाय क्या चिकनी टांग थी उसकी मैंने पैर को हाथ में लिया और हल्के हाथों से दबा कर उसकी चोट का जायजा लिया इतने में आंटी तेल लेकर आ गईं नेहा सीधी लेटी हुई थी।

मैंने अपने हाथों में तेल लिया और नेहा के पैरों में ऊपर से नीचे लगाते हुए पैर के तलवे तक आ गया सच में बड़े ही चिकने पैर थे उसके बिल्कुल मखमली जवान लड़की के स्पर्श से मेरा लंड अब आकार लेने लगा था आखिर कई महीनों बाद किसी जवान लड़की का शरीर छूने का मौका मिला था बहुत मजा आ रहा था एक ओर संयम भी रखना जरूरी था क्यों कि आंटी भी बगल में बैठ मालिश देख रही थीं।

आंटी खड़ा लंड देख लेतीं तो कांड हो जाता कुछ देर सीधा मालिश करने के बाद मैंने नेहा को उलटा होने को कहा और पैर की दूसरी तरफ भी खूब मालिश की नेहा की नजरें दूसरी तरफ थीं शायद उसे दर्द महसूस हो रहा था आंटी यह सब बड़े गौर से देख थीं जैसे मैं उसकी बेटी को खा ही जाऊंगा इस तरह मालिश खत्म हुई आंटी ने कहा- नेहा कब तक ठीक हो जाएगी।

वैसे तो दो-तीन दिन की ही मालिश काफी होती है पर मैंने पांच-छह दिन बता दिए घर आकर मैं बस नेहा के ही बारे में सोचता रहा कि कैसे भी करके नेहा को चोदना ही है ऐसी जवानी बड़ी नसीब से ही मिलती है आखिर कितने दिन हो चले थे चुदाई का मौका ही नहीं मिल पा रहा था पहले कितनी चुदाई करता था पर जबसे लॉकडाउन हुआ है लंड तो जैसे खड़ा होना ही भूल गया है।

अब इस तेल मालिश को कैसे भी करके चुदाई मालिश में बदलना ही पड़ेगा जब नहाने गया तो बस नेहा के बारे में सोच-सोच कर लगातार दो बार मुठ मारी तब जाकर चैन मिला उसके बाद दिन भर बस तेल मालिश वाली पोर्न मूवी देखता रहा और नेहा को मेरे साथ चुदाई के लिए लेटे होने की कल्पना करता रहा शाम को मैं फिर से नेहा की मालिश करने गया। 

सुबह की ही तरह नेहा की मालिश शुरू कर दी बहुत मजा आ रहा था उस वक्त और भी मजा आ सकता था अगर आंटी बगल में न बैठी होतीं मैं इस बार भी सेक्स अपील वाला स्पर्श नहीं कर पाया बस सामान्य मालिश करके चला गया ऐसा ही दो दिन और चला मैं मन ही मन सोचता कि ऐसा ही चलता रहा तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा नेहा ठीक भी हो जाएगी और मैं बस हिलाता ही रह जाऊंगा। 

कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा चौथे दिन सुबह फिर मालिश के लिए गया और बेल बजाई आंटी ने दरवाजा खोला मैंने दरवाजे पर ही पूछ लिया- नेहा की तबियत कैसी है उन्होंने बताया कि नेहा कह रही है कि दर्द तो बिल्कुल भी कम नहीं हुआ मुझे शक हुआ कि कहीं कुछ तो गड़बड़ है नहीं तो इतनी मालिश में तो अच्छे अच्छे ठीक हो जाते हैं पर नेहा का दर्द कम क्यों नहीं हुआ।

रोज की तरह आंटी आज तेल लेकर आईं और वहां से चली गईं वे अपने काम में व्यस्त हो गईं शायद उनको अब मुझ पर भरोसा हो चला था कि लड़का मेरी बेटी के साथ कुछ गलत नहीं करेगा अब मेरी भी आंटी के साथ बनने लगी थी जब भी मैं मालिश के लिए आता आंटी चाय जरूर पिलातीं और हम दोनों इधर उधर की खूब बातें करते उस दिन कमरे में मैं और नेहा थे मैंने नेहा से पूछा- दर्द कैसा है।

उसने कहा- दर्द कम नहीं हो रहा है फिर मैंने दर्द वाले जगह पर हाथ से थोड़ा दबा कर चेक किया सब ठीक ही लग रहा था मैंने नेहा की आंखों में झांकते हुए कहा- सब तो ठीक लग रहा है फिर तुम्हारा दर्द अब तक कैसे नहीं गया उसने मेरी इस बात को सुनकर नजरें फेर लीं मैंने फिर से कहा- मुझे खुलकर बताओगी नहीं तो इलाज कैसे होगा उसने कहा- दर्द घुटने के नीचे नहीं घुटने के ऊपर है।

मैंने कहा- फिर मुझे पहले क्यों नहीं बताया उसने कहा- मम्मी बैठी थीं और मुझे अपनी जांघ दिखाने में थोड़ी शर्म भी आ रही थी मैंने उसका थोड़ा हौसला बढ़ाते हुए कहा- शर्माओगी तो दर्द कैसे जाएगा और फिर ये जांघ ही तो है कोई और ज्यादा अंदरूनी चोट थोड़ी ही लगी है वह समझ गई कि मैं चूत के लिए कह रहा हूँ वह कुछ नहीं बोली उस दिन मैंने उसे हल्की सी मसाज ही देकर काम खत्म कर दिया।

घर आकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि अब नेहा की जांघ को छूने का मौका मिलेगा मतलब कमसिन जवानी को भोगने में एक कदम और करीब फिर मन में ख्याल आया कि जब नेहा को घुटने के ऊपर दर्द था तो मेरे घुटने के नीचे मालिश करने पर नेहा अपना मुँह क्यों फेर ले रही थी और बेडशीट को क्यों पकड़ लेती थी क्या उसने ऐसा उत्तेजनावश किया था।

जरूर कभी किसी मर्द ने टच नहीं किया होगा तभी तो अपने आपको संभाल नहीं पा रही होगी आखिर खिलता हुआ यौवन था मर्द के स्पर्श को कैसे झेल पाता उस दिन शाम को नेहा कमाल की लग रही थी उसने आज हल्के गुलाबी कलर का शॉर्टस पहना हुआ था आज उसके हॉट और सेक्सी पैर मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रहे थे आंटी गर्म तेल लाईं और वहां से चली गईं।

आज फिर से मालिश के वक्ता नेहा के हाव-भाव परखने का मौका था मैंने जैसे ही नेहा की जांघ को छुआ नेहा सिहर गई मैंने उसकी जांघ में अच्छे से तेल लगाया और हल्कें हाथों से मालिश शुरू कर दी एक तो दर्द ऊपर से मेरा सेक्स अपील वाला टच मैं लगातार सेक्सी मालिश करता गया कभी-कभी तो मैं अपना हाथ नेहा के शॉर्टस के अन्दर तक ले जाता नेहा की आंखें बंद थीं।

जब-जब मैं अपने हाथ नेहा के शॉर्टस के अन्दर ऊपरी जांघ तक ले जाता वह गहरी सांस लेती और अपने होंठों को अपने ही दांत से काट लेती मैं ये सब बड़े गौर से देख रहा था मुझे नेहा की उत्तेजना भरी मालिश करने में बहुत मजा आ रहा था ऐसा लगा कि अभी चोद दूं पर आंटी भी घर में ही थीं तो कुछ नहीं किया नेहा में हवस की चिंगारी लग चुकी थी जो उसके चेहरे पर साफ दिखाई पड़ रही थी।

आधा घंटा बाद मालिश खत्म हुई मैंने हाल-चाल जानने के लिए नेहा से उसका मोबाईल नम्बर मांगा तो उसने कहा- मेरे पास मोबाईल नहीं है फिर उसने अपनी मम्मी का नम्बर दे दिया मैंने थोड़ा फ्रेंडली होने के लिए मालिश के बाद बातचीत शुरू की हमारे बीच अच्छें माहौल में बातें हुईं मैंने नेहा से स्कूल क्लास फ्रेंड्स और घर के बारे में पूछा फिर अपने घर आ गया।

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रात को लगभग 12 बजे जब मैं सोने जा रहा था तो आंटी के नम्बर से मैसेज आया- हैलो मैंने उत्तर दिया- हाय आंटी उधर से जबाव आया- मैं नेहा हूं अरे वाह लड़की खुद मैसेज कर रही है ये सोच कर मन में गुदगुदी होने लगी मैंने कहा- हाय नेहा अभी तक सोई नहीं उसने कहा- दिन में तो सोती ही रहती हूं रात को कहां से नींद आएगी मैंने हम्म कहा उसने कहा- सॉरी अगर डिस्टर्ब कर दिया हो तो।

मैंने कहा- कोई बात नहीं और बताओ नेहा कैसा लग रहा है उसने कहा- बहुत बढ़िया पर अभी भी थोड़ा दर्द है मैंने कहा- कोई बात नहीं जल्दी ही ठीक हो जाओगी वह कुछ नहीं बोली मैं- नेहा कुछ अपने बारे में बताओ उसने तुरंत ही बड़े प्यार से अपने बारे में सब कुछ बताना शुरू कर दिया मुझे ऐसा लगा कि ये खुद ही सब कुछ बताने के मूड में थी मैंने भी उसे कुरेद कुरेद कर गहराई तक पूछना शुरू किया।

कुछ ही देर में वह मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गई थी मैं- दिन कैसा रहा आज नेहा- मालिश को छोड़ कर पूरा दिन बोरिंग था मैं- क्यों मालिश में ऐसा क्या था जो तुम्हें इतना अच्छा लगा नेहा- पता नहीं जब आप मालिश कर रहे थे तो बहुत अच्छा लग रहा था लग रहा था जैसे ये मालिश खत्म ही ना हो मैं बस लेटी रहूं और आप मालिश करते जाओ।

नेहा की इन सब बातों को सुन मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि लड़की हवस के मायाजाल में फंसती जा रही है मैं- अच्छा तो कल तैयार रहना कल मैं और अच्छे से मालिश करूंगा नेहा- ठीक है मैं- तुम्हारे मम्मी पापा क्या करते हैं और हां तुम्हारे पापा तो अब तक दिखे ही नहीं नेहा- मम्मी सुबह घर का काम करती हैं फिर आपके जाने के बाद बाजार जाती हैं। 

बाजार से एक-दो घंटे में आकर खाना बनाती हैं फिर दिन भर टीवी देखती हैं शाम को आपके जाने के बाद खाना बना कर और खाकर सो जाती हैं पापा तो दूसरे शहर में हैं, उनकी उधर ड्यूटी है पूछने पर पता चला कि उसके पापा पुलिस में थे मैं- तो तुम अभी क्या कर रही थीं नेहा- बस फ्रेंड के साथ चैट कर रही थी मैंने जानने की इच्छा् से थोड़ी चुटकी लेते हुए पूछा- किससे फ्रेंड या बायफ्रेंड।

नेहा थोड़ा इठलाती हुई बोली- मेरा कोई बायफ्रेंड नहीं है ओके मैं इन सबमें नहीं पड़ती मैं हंस दिया नेहा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है मैं- नहीं नेहा- झूठ मत बोलो आप इतने हैंडसम हो कैसे नहीं होगी मैं- थी पर ब्रेकअप हो गया अभी सिंगल ही हूं इस प्रकार मैं अपनी प्रेम कहानी बताने लगा हम थोड़ा और फ्रेंडली हो चले थे उसने मुझसे एक-एक कर सब कुछ जानना चाहा। 

तो उसे मैं कॉल पर ही अपनी गर्लफ्रेंड के साथ हुई वासना की कहानी सुनाने लगा मैंने कहा- कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी उसने कुछ नहीं कहा फिर मैंने हैलो-हैलो नेहा नेहा हैलो काफी बार कहा पर शायद वह सो गई थी या सोने का नाटक कर रही थी पता नहीं उसने मेरी सेक्स स्टोरी सुनी या नहीं अगले दिन सुबह मैंने एक चाल चली मैंने आंटी को कॉल करके कह दिया कि मुझे थोड़ा काम है आज नहीं आऊंगा।

ये चाल इसलिए क्योंकि मैं जान गया था कि आंटी मेरे मालिश करके चले जाने के बाद रोज बाजार जाती हैं तो मैंने ऐसा कह दिया था मैं नेहा से अकेले में मिलना चाहता था तब मैं नेहा के घर के बाहर एक कोने में छुपकर देखता रहा कि आंटी कब बाजार के लिए निकलें और मुझे नेहा के साथ अकेला रहने का वक्त मिल जाए कुछ देर इंतजार करने के बाद नेहा की मम्मी बाजार के लिए निकल कर जाती दिखीं।

मैं बहुत खुश हुआ कि चाल कामयाब रही मैंने जाकर बेल बजाई अन्दर से आवाज आई- कौन मैं अंकित हूं नेहा ने धीमी गति से आकर दरवाजा खोला मेरी नजर उस पर पड़ते ही वह थोड़ा शर्मा गई और उसने नजरें झुका लीं उसने कहा- आप तो नहीं आने वाले थे मैंने कहा- काम हो गया तो बस आ गया तो क्या तुम मेरे आने से खुश नहीं हो नेहा- नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है बस यूं ही पूछ लिया।

मैंने जानबूझ कर कहा- आंटी कहां हैं नेहा- मम्मी बाजार गई हुई हैं फिर हम दोनों नेहा के कमरे की ओर चल पड़े नेहा लंगड़ा रही थी तो मैंने उसको सहारा दिया और हम दोनों कमरे में आ गए मैं किचन में गया और तेल गर्म कर लाया नेहा आज भी छोटी शॉर्टस और टॉप में थी वह लेट गई और मालिश के लिए तैयार हो गई।

मैंने सबसे पहले पैर के तलवे से मालिश करना शुरू की और धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ा आज आंटी नहीं थीं तो तेल मालिश के जरिए नेहा की कामवासना को और भड़काने का मौका अच्छा था मैंने मौका देख कर अपना हाथ नेहा की शॉर्टस के अन्दर पूरी जांघ में उसकी पैंटी तक ले गया नेहा ने अपने हाथ से बेडशीट को पकड़ लिया ऐसा मैंने बार-बार किया नेहा अब गर्म होने लगी थी।

मैंने नेहा से पूछा- कैसा लग रहा उसने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है मैंने कहा- क्या और मजे लेना चाहती हो उसने हां में सर हिला कर मुस्कुरा दिया और भी मजा आएगा बस तुम मेरा साथ दो नेहा ने कहा- ठीक है अब मैंने नेहा की दोनों हाथों में तेल लगाया और बड़े प्यार से नाजुक नाजुक दाब देते हुए मालिश की उसने भी अपनी जांघें फैला दीं।

फिर मैंने नेहा को उलटा लेटने को कहा और अपने हाथों में तेल लेकर नेहा की पीठ पर टॉप के अन्दर से ही मालिश शुरू की नेहा ने ब्रा पहनी हुई थी तो मैंने ब्रा की हुक खोल दी और पूरी गर्दन तक मालिश करता रहा वह बिल्कुल शांत पड़ गई थी और बस मालिश का मजा लेने लगी थी थोड़ी देर बाद मैंने नेहा को पलट कर सीधा कर दिया और हाथ में तेल लेकर नेहा के पेट में नाभि के चारों ओर लगा कर हल्के हाथों से मालिश शुरू कर दी।

नाभि के आस-पास मालिश करने की वजह से नेहा और उत्तेजित होने लगी बीच-बीच में वह अपने होंठों को दांत से चबाती रही मैं मौका देख कर अपने हाथ नेहा के स्तनों तक ले गया नेहा के ब्रा का हुक पीछे से खुला हुआ था तो नेहा के स्तनों में ब्रा की पकड़ ढीली पड़ गई थी मैं थोड़ी हिम्मत करके अपने हाथ को स्तनों के पास ले गया और अपनी उंगली से नेहा के एक स्तन को टच करके छेड़ दिया।

नेहा ने गहरी सांस ली और तुरंत अपनी आंख उठा कर मुझे देखा मैंने अपना हाथ तुरंत वहां से अलग कर लिया नेहा ने कुछ नहीं कहा थोड़ी देर बाद मैंने फिर से हिम्मत की अपने हाथ से नेहा के स्तन को छेड़ा इस बार उसने कुछ नहीं कहा मेरी हिम्मत और बढ़ गई अब मैं बार बार नेहा के स्तनों को छेड़ने लगा था मौका मिलते ही बीच बीच में हल्का सा दबा भी देता।

नेहा गर्म हो चली थी, उसकी सांसें तेज हो गई थीं ये सब देख मेरा 7 इंच का लंड भी पूरा तन गया था अब मुझसे रहा नहीं गया मैं दोनों हाथों को ब्रा के अन्दर ले गया और नेहा के दोनों स्तनों को तबियत से दबा दिया उसने कुछ नहीं कहा और एक लम्बी सांस ली उसके निप्पल खड़े हो गए थे जो इस बात का संकेत दे रहे कि नेहा पूरी तरह गर्म हो गई है।

अब मैं उस पर टूट पड़ा और नेहा के दोनों दूध जोर-जोर से दबाने लगा बीच-बीच में उसके निप्पलों को भी खूब छेड़ता मैंने स्तनों को ब्रा से आजाद कर दिया कुछ देर बाद मैं अपने हाथ नेहा की नाभि के पास मालिश करते करते नीचे तक खेलने का मन पक्का करने लगा जब उसकी तरफ से हरी झंडी दिखी तो मैं अपनी एक उंगली नेहा की पैंटी में अन्दर ले गया उसने अपने बाल पूरे शेव कर रखे थे।

उसकी चूत पूरी फूल गई थी नेहा ने कुछ नहीं कहा तो मैंने अपनी उंगली और अन्दर डाली और उसकी चूत के भगनासे को हल्के हाथों से सहला दिया उसने अपनी दोनों टांगों को आपस में कस कर जोड़ दिया इससे मेरी उंगली और नीचे नहीं जा पाई पर मैं चूत के दाने को ही रगड़ने लगा कुछ देर के रगड़ने के बाद नेहा की सांस तेज हो गई उसने अपनी टांगों को फैलाया और वह ढीली पड़ गई।

अब मैं अपने हाथ चूत के होंठों पर ऊपर से नीचे फेरने लगा नेहा बिन पानी मछली के जैसी तड़प उठी मैंने धीरे-धीरे उसकी शार्टस और पैंटी उतार दी नेहा अपने हाथों से चूत को छुपाने लगी कुछ देर बाद मैं नेहा की टांग के नीचे आ गया और दोनों टांगों के घुटने मोड़ते हुए टांगों को मोड़ दिया फिर नेहा के हाथ को चूत के ऊपर से हटाया दिया।

क्या कमाल की चूत थी उसकी हल्के भूरे रंग की चूत के नम होंठ एकदम गुलाबी रंग की चूत की पंखुड़ियां बिल्कुल छोटी सी फूली हुई बंद चूत बड़ी ही प्यारी सी लग रही थी मैं हाथ में तेल लेकर चूत के चारों ओर रगड़ने लगा नेहा आंखें बंद करके मालिश का मजा ले रही थी फिर मैं झुका और अपनी जीभ को नेहा की चूत में फेर दिया नेहा झट से आंखें खोल कर देखती हुई बोली- ये क्या कर रहे हो।

मैं बोला- मेरे हाथ थक गए हैं तो मैं जीभ से मालिश कर रहा हूं ये कह कर मैं नेहा की चूत में अपनी जीभ लगातार फेरता रहा नेहा लगातार अपनी कमर उठा-उठा मेरा साथ दे रही थी मैं बीच-बीच में अपनी जीभ नेहा की चूत में डालने का प्रयास करता कुछ देर ऐसा ही लगा रहा फिर जब नेहा अति चुदासी हो गई तो मैं रूक गया नेहा- रूक क्यों गए मैं- अब मेरी जीभ भी थक गई।

नेहा बहुत ही बेचैनी से कहने लगी- पर अभी तो सबसे ज्यादा मजा आ रहा था मैंने कहा- इससे भी ज्यादा मजा दे सकता हूँ पर तुम रोकना मत बस मजे लेती रहना नेहा- ठीक है पर जल्दी करो फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकाले मेरा लंड पूरी तरह तन गया था गहरे भूरे रंग के 7 इंच लम्बे और मोटे लंड के बार-बार झटके देख कर नेहा शर्मा गई।

उसने अपनी आंखें दूसरे तरफ कर लीं और चोर नजरों से लौड़े को देखती रही मैं नेहा की दोनों टांगों के बीच आ गया और अपना लंड का टोपा निकाल कर नेहा की चूत के होंठों पर ऊपर से नीचे तक रगड़ने लगा नेहा आ ई की आवाज निकालने लगी मेरा लंड और तन गया मैं लंड को बार-बार नेहा की चूत के भगनासे से चूत के छेद के पास ले जाकर हल्का अन्दर करके बाहर निकाल देता।

इस सब क्रिया से नेहा बहुत ही ज्यादा चुदासी हो गई और अपनी कमर ऊपर नीचे करती हुई उठाने लगी अब नेहा की चूत से चूत रस निकलने लगा था नेहा अपने मुँह से बेचैनी से कराहने वाली आवाज निकाल रही थी मैं नेहा की चूत में अपना लंड फंसा कर उसके ऊपर लेट गया उसकी गर्दन से होते हुए कान और गाल पर चूमना चालू कर दिया।

नेहा के होंठों में मैंने अपने होंठ रख दिए और बारी-बारी से दोनों होंठों को बेतहाशा चूमने लगा नेहा भी मेरा खूब साथ देने लगी उसने मुझे कसके पकड़ लिया और अपने नाखून गड़ाने लगी फिर मैंने अपने लंड को नेहा की चूत में अन्दर तक पेलने का सोचा पर डर था कि कहीं ऐसा करने से नेहा की चूत फट ना जाए क्योंकि नेहा की चूत बहुत छोटी और मेरा लंड बहुत बड़ा था।

पर मैं मंजिल से इतना पास आकर खाली हाथ जाना नहीं चाहता था मैं लंड को नेहा की चूत में ऊपर नीचे करते हुए रगड़ने लगा जिससे नेहा की चूत और खुल गई अब मैंने लंड का दबाव नेहा चूत पर बढ़ाया लंड थोड़ा अन्दर जाकर किसी चीज से जा टकराया मैं समझ गया कि ये क्या है यह नेहा की चूत की झिल्ली थी जो नेहा के कुंवारेपन का सबूत थी।

मैं बहुत खुश हुआ पर झिल्ली आसानी से लंड को अन्दर नहीं जाने देने वाली थी उसके लिए खून बहाना जरूरी था मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और एक गहरी सांस लेकर अपनी पूरी ताकत से लंड को नेहा की चूत में पूरी गहराई तक उतार दिया लंड पूरी तरह से चूत में समा चुका था लंड में टाईट चूत का दबाव और गर्म-गर्म खून का अहसास होने लगा था।

आखिरकार मिशन पूरा हुआ छोटी चूत की तंग गलियों में मेरा मोटा लंड अपनी जगह बना चुका था नेहा ने जोर की आवाज निकाली- आह आई ई मर गई इसे बाहर निकालो आई यह कहती हुई वह छटपटाने लगी और मुझे जोर का धक्का देकर कहने लगी- बाहर निकालो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है तुमने कहा था कि मजा आएगा पर तुमने मुझे दर्द दिया है झूठे आह।

पर मुझे मालूम था कि एक बार लंड बाहर निकाल लिया तो नेहा दुबारा लंड अन्दर नहीं डालने देगी मैं नेहा की सब बातों को अनसुना करके उसके ऊपर दबाव बनाए हुए लेटा रहा जब नेहा का विरोध थोड़ा कम हुआ तो मैं धीरे-धीरे झटके देने लगा अब नेहा का विरोध धीरे-धीरे खत्मे हो गया था उसने अपने आपको मेरे नीचे सरेंडर कर दिया था मैंने झटकों की गति बढ़ा दी थी।

नेहा को भी मजा आने लगा था उसने अपने दोनों पैरों से मुझे जकड़ लिया था मैं एक साईड से धक्का देता रहा और दूसरी ओर से नेहा को चूमता रहा थोड़ी देर की चुदाई के बाद हम दोनों अलग हुए मैंने देखा कि नेहा की चूत मेरा लंड खून और कामरस से सना हुआ था नेहा ये सब देख डर गई और बोल पड़ी- ये खून मैंने कहा- ये तुम्हारी चूत की झिल्ली के फटने के वजह से हुआ। 

अब तुम्हारी चूत पूरी तरह खुल गई है अब और खून नहीं निकलेगा फिर मैंने नेहा को डॉगी पोजिशन में लाकर अपना लंड उसकी चूत में सैट किया और अपने दोनों हाथों से नेहा की कमर पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए एक ही झटके में अपना पूरा लंड चूत में पेल दिया चूत अभी भी काफी टाईट थी पर काम रस के कारण लंड चूत में आसानी से चला गया।

नेहा ने आ उई मां करके आवाज निकालना शुरू कर दिया शुरू में धीरे-धीरे फिर बाद में गति बढ़ा दी अब मैं नेहा की चूत की तेजी से चुदाई करने लगा था बीच-बीच में मैं नेहा के स्तनों को भी खूब दबाता रहा कुछ देर बाद मैंने नेहा को उल्टा लेटा दिया और उसकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया इससे उसकी चूत उभर कर दिखने लगी।

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फिर मैंने लंड सैट किया और लंड अन्दर डाल दिया नेहा को अपने पूरे शरीर से दबोच कर बेतहाशा चुदाई करने लगा इसके बाद मैं लेट गया अब नेहा मेरे ऊपर आ गई और खूब कमर हिला-हिला कर चुदवाने लगी मैं भी नीचे से झटके देता और उसके स्तनों को दबाता कुछ देर बाद नेहा झड़ गई और मेरे बगल में तिरछी होकर लेट गई मेरा खेल अभी बाकी था।

मैंने लेटे लेटे ही नेहा के पीछे से ही लंड घुसाया और पूरी स्पीड से उसे चोदने लगा कुछ देर बाद मैं भी नेहा की चूत में ही झड़ गया इस तरह से मिअने टीन स्कूल गर्ल फर्स्ट सेक्स का मजा लिया मैंने जल्दी से कपड़े पहने और नेहा को प्यारा सा चुम्बन देकर वहां से निकल गया क्योंकि आंटी कभी आ सकती थीं शाम को जब नेहा से बात हुई तो उसने बताया कि बहुत जलन हो रही है और चूत सूज गई है। 

पर आज बहुत मजा आया मैं दो दिन गया ही नहीं बाद में नेहा ने बताया कि उसकी चूत दो दिन तक सूजी रही उस दिन चुदाई नहीं हुई मगर बाद में उसने खुल कर चूत पेश की अब जब जब आंटी घर में नहीं होती हैं नेहा खुद कॉल करके चुदवाने के लिए बुला लेती है।

इस तरह से लॉकडाउन में मेरे लिए चूत चुदाई का जुगाड़ हो गया था आपको मेरी ये सच्ची टीन स्कूल गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स में बताएं लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया गया है।

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