मैं अपने गाँव रहने गया तो मैं अपनी भाभी की बहन की जवान बेटी से मिला वो मुझे देखते ही मुझ पर मर मिटी थी मैंने उस देसी लड़की की कुंवारी बुर की चुदाई कैसे की मैं प्रेम शर्मा जब कॉलेज गया तो देखा कि मेरे सभी दोस्त के पास एक गर्ल फ्रेंड है।
मैं भी सोचता कि मेरी भी एक गर्ल फ्रेंड होती लेकिन मेरी शरीर की बनावट इस तरह की थी कि लगता ही नहीं था मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ इसलिए लड़कियाँ मुझमें ज्यादा भाव नहीं देती थी खैर मुझे ज्यादा दिन इंतज़ार नहीं करना पड़ा गर्मी की छुट्टी में गांव जाने का मौका मिला।
गाँव पहुँचने में मुझे शाम हो गयी गाँव में खाना शाम को ही बन जाता है और 8 बजे तक सब खाना खाकर सोने चल जाते हैं मैं जब घर पहुँचा तब खाना बनाने की तैयारी हो रही थी गाँव में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनता है।
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जब मैं पहुँचा तो भाभी आँगन में खाना बनाने की तैयारी कर रहीं थीं उन्हीं की बगल में एक लड़की बैठी थी गांव में मेरा आना जाना बहुत कम होता था इसलिए मैं बहुत कम लोगों को ही जानता था मैंने भाभी को प्रणाम किया और रूम की ओर बढ़ गया।
वो लड़की मुझे गौर से देख कर मुस्कुरा रही थी मैं भी उसे देख कर मुस्कुरा दिया थोड़ी देर बाद मैं फ्रेश होकर वापस आया तो वो वहीं बैठी थी वो मुझे मुस्कुराते हुए देखी और पूछने लगी हमको पहचाने मैंने गौर से देखा उसे और शर्माते हुए बोला नहीं नहीं पहचान पा रहे हैं।
वो बोली- गांव आइयेगा तब पहचानियेगा न शहर में रह कर आप लोगों को गाँव पसंद ही नहीं आती है तभी मेरे मुँह से निकल गया आप जैसी दोस्त मिल जाय तो गाँव भी पसंद आने लगेगा वो कुछ बोली नहीं लेकिन मुझे तिरछी नज़र से देखते हुए मुस्कुराई।
उसको गौर से देखा मैंने हल्की सांवली रंग और भूरी आँखें कन्धे तक बाल उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे चूचियाँ मीडियम आकार की थी देखने में उसकी उम्र भी ज्यादा नहीं थी मैंने बात को आगे बढ़ाया- आपका नाम क्या है।
उसने बोला- गुड़िया मैं बोला- नाम तो आप ही तरह सुंदर है आप तो गुड़िया की तरह लगती भी हैं स्मार्ट तो आप भी है प्रेम जी उसने मुस्कुराते हुए बोला अरे आप मेरा नाम भी जानती हैं मैंने आश्चर्य से पूछा मैं आपके बारे में सब जानती हूँ मौसी ने मुझे सब बता दिया है वो हँसते हुए बोली।
उसके बाद उसने अपने बारे में बताया कि वो मेरी भाभी की बड़ी बहन की बेटी है भाभी की बड़ी बहन की शादी भी मेरे गाँव में ही हुई है काफी देर तक हम लोगों में बातें हुईं फिर अगले दिन आने का बोल वो अपने घर चली गई।
उसका घर हमारे घर के एकदम सामने ही था मैं बहुत खुश था कि एकदम ताज़ा माल फँस रही थी रात में उसको चोदने का सपना देखते हुए मैंने मुठ मारी और अगले दिन का इतंजार करने लगा अगले दिन मैं सुबह में बगीचे में घूमने गया और आने में देर हो गयी घर पहुँचा तो गुड़िया घर आई हुई थी।
हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराये भाभी के सामने हम ज्यादा बात नहीं करते थे भाभी बोली- प्रेम बाबू जल्दी से नहा लीजिये नाश्ता तैयार है आँगन में ही चापा नल था मैंने कपड़े उतारे और गमछा पहन कर नल से पानी भरने लगा गुड़िया मेरे शरीर को बहुत गौर से देख रही थी।
मेरे अंदर भी कुलबुलाहट थी जिससे मेरा लण्ड थोड़ा तन गया और गमछी में उभार आ गया वो मेरा तना हुआ तम्बू देखकर मुस्कुराई नहाने के पूरे समय तक वो मुझे ही देखती रही नहाने के बाद मैं कमरे में गया और टी-शर्ट पहन ही रहा था कि वो कमरे में आई।
और मेरी चूची पर जोरदार दाँत काट कर भाग गई मैं हक्का बक्का रह गया मैंने सोचा भी नहीं था कि गांव की लड़की इतनी चालू होगी मैं अंदर से बहुत खुश था कि अब लण्ड को चूत मिल गयी है मैं नाश्ता करके छत वाले रूम में आराम करने गया और गुड़िया के चोदने का प्लान करने लगा।
फिर मुट्ठ मारी और सो गया मेरी नींद टूटी तो देखा गुड़िया एक बच्चे को गोद में लेकर मेरे रूम में आई है वो बोली मौसी खाने के लिए बुलाई है मैं तेजी से उठा और उसको अपनी बांहों में जकड़ कर उसकी चूची पर दाँत काट लिया उसके मुँह से सेक्सी आवाज़ इस्सस आह निकला और बच्चा गोद से छूट कर गिर गया।
हम दोनों हड़बड़ा गए वो बच्चा उठाकर तेजी से रूम से निकल गई थोड़ी देर में में भी नीचे गया भाभी बोली- गुड़िया प्रेम बाबू को खाना दे दो वो कुछ देर में खाना ले कर आई तो मैंने आँख मारते हुए धीरे से पूछा- कैसा लगा मेरा बदला।
वो बिना शर्माते हुए शरारती अंदाज़ में बोली- शाम को बताती हूँ खाना ख़त्म करने के बाद मैं खलिहान में चल गया और शाम का इंतज़ार करने लगा लेकिन समय कट ही नहीं रहा था शाम को मैंने कुछ टॉफ़ी ख़रीदी और गुड़िया का आने का इंतजार करने लगा।
7 बजे वो घर आई लेकिन उसके साथ दो बच्चे भी थे उसने बताया कि उसकी माँ नानी के घर गई है आज रात में वो यहीं रहेगी दोनों लड़के उसके भाई हैं एक 4 और दूसरा 6 क्लास में पढ़ता है मैन टॉफ़ी निकली और एक एक उन लड़कों को दे दी तुरंत ही उन लोगों से मैंने दोस्ती कर ली मैं कुछ देर उन लोगों के साथ खेला।
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अब हम लोग आपस में खुल गए थे खाना खाने के बाद मैं छत पर सोने के बहाना बना कर चला गया और गुड़िया को आने का इशारा किया हमारा गाँव का घर बहुत बड़ा है और गाँव में केवल भैया भाभी और चाचा ही रहते हैं।
बाकी सब बाहर जॉब में हैं खाना खाने के बाद भैया भाभी रूम में सोने चले गए थोड़ी देर बाद गुड़िया भी अपने भाई के साथ छत पर सोने आ गई हमने काफ़ी देर गप्पें मारी इसी बीच दोनों भाई सो गए रात के दस बज गए।
मैं गुड़िया को धीरे से बोला- चलो मेरे बेड पर यहाँ दोनों डिस्टर्ब होंगे मुझे कुछ जरूरी बात करनी है वो तैयार हो गई मैं पहले उठा और बिछावन कर के उसका इन्तजार करने लगा 5 मिनट बाद वो भी आ गई।
उसने आते ही पूछा- क्या बात करनी है मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और अपनी बांहों में ले लिया और उसके होंटों को चूसने लगा थोड़ी देर में वो भी साथ देने लगी उसने मेरा टीशर्ट खोला मैंने उसकी फ्रॉक को ऊपर किया।
उसकी मम्मे टाइट गोल थे और उस पर छोटा सा निप्पल था मैंने जैसे ही निप्पल को जीभ से छुआ वो आह उह इस की आवाज़ करने लगी मेरा जोश बढ़ गया मैं पूरी चूची मुँह में लेने का कोशिश कर रहा था लेकिन चूची बड़ी थी और मेरे मुँह में नहीं आ रही थी।
वो भी गर्म हो गयी थी और एक हाथ से मेरा लण्ड पकड़ने की कोशिश कर रही थी मैंने अपना नाड़ा खोल दिया मेरा तना हुआ लण्ड पकड़ वो ऊपर नीचे करने लगी हम हवस के सातवें आसमान में थे।
मैंने उसके पैंटी में हाथ डाला और उसकी बुर को उंगलियों से रगड़ने लगा उसकी बुर में झांट की जगह अभी रोएं ही हुए थे मैं समझ गया मुझे कच्ची कली मिली है उसकी बुर के छेद में मैं उंगली डालने की कोशिश करने लगा लेकिन सील के कारण अंदर नहीं जा रहा था शायद दर्द होने के कारण वो उंगली अंदर नहीं करने दे रही थी।
अब मैं अगले चरण का इंतज़ाम करने लगा उसकी पैंटी खोल कर उसको नंगी कर दिया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी बुर में जीभ डाल कर पूरी बुर चाटने लगा थोड़ी देर बाद वो कमर उचकाने लगी और ‘आह आह उह’ की आवाज़ करने लगी उसकी बुर का स्वाद मुझे पागल कर रहा था।
अचानक उसने कहा- जानू अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है अब चोदो मुझे मैं उठा और अपने लण्ड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसके बुर की कली पर रगड़ने लगा उसके बाद बुर के छेद पर लण्ड को रखा और हल्का जोर से धक्का मारा।
मेरा लण्ड उसकी बुर को चीरते हुए आधा घुस गया वो दर्द के मारे चिल्लाने वाली ही थी लेकिन मैंने उसके मुँह को हाथ से दबा दिया वो छुड़ाने के लिए अपना ताकत लगा रही थी लेकिन मैंने उसे कस के पकड़ा हुआ था।
मैंने लण्ड को अंदर ही डाले रखा मैं बोला- शांत रहो पहली बार चुदवाने पर दर्द होता है थोड़ी देर में दर्द ठीक हो जाएगा और उसको गर्म करने के लिए उसकी चुचियों को चूसने लगा उसकी बुर इतनी टाइट थी कि मेरे लण्ड में भी काफी दर्द हो रहा था शायद छिल गया था।
कुछ देर बाद वो फिर गर्म होने लगी और छटपटाना कम कर दिया मैंने पूछा- दर्द कम हुआ न उसने रोते हुए अपना सर हाँ में हिलाया वो लगातार ‘उम्म्ह अहह हय याह’ कर रही थी अब मैं धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर में उसकी बुर फिर से गीली हो गयी अब उसको भी मज़ा आने लगा और कमर हिला कर साथ देने लगी तभी मैंने उसके होटों को जोरदार चुसाई करते हुए मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा और पूरा लण्ड उसकी बुर में पेल दिया।
वो चाह कर भी चिल्ला नहीं पाई बस उसकी दोनों आँखों से आँसू निकल रहे थे मैं धीरे धीरे उसे चोदता रहा उसकी बुर इतना टाइट थी कि दर्द से मेरी भी हालत खराब हो गयी थी लेकिन बुर के नशे के कारण सब बर्दाश्त कर लिया।
थोड़ी देर में मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा उसने अपने पैरों को फैला दिया अब मैं अपनी कमर की स्पीड धीरे धीरे बढ़ा रहा था उसकी बुर से पानी निकलने के कारण फच फच की कामुक आवाज निकलने लगी जिससे मैंने अपना स्पीड और तेज़ कर दी।
उसने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और अपने होटों को जीभ से चाटने लगी और मुख से सेक्सी आवाज़ में आहें भरने लगी मैंने भी फुल स्पीड में उसकी चुदाई चालू रखी।
5 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ने लगा उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और आन्ह उन्ह आन्ह की मादक आवाज़ करते हुए झटका मारते हुए उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया उसकी बुर की गर्मी से मेरा लण्ड भी पिघल गया और ढेर सारा वीर्य उसकी बुर में ही छोड़ दिया।
वासना शांत होने के बाद मैंने अपना लण्ड उसके बुर से बाहर निकाला मेरे लण्ड में बहुत दर्द हो रहा था मैंने टोर्च जल के देखा तो ढेर सारा खून लगा हुआ था उसकी बुर से भी खून निकल रहा था जो उसकी जांघ और चूतड़ों पर लगा हुआ था।
मैंने तौलिये से सब पौंछ कर सब साफ किया दर्द से वो चल नहीं पा रही थी मैंने उसे गोद में उठाया और पेशाब कराया और उसको उसके बेड पर छोड़ दिया अगले दिन मैं लेट से उठा तो गुड़िया अपने घर जा चुकी थी।
मेरे लण्ड में अभी भी जलन थी बोरो प्लस लगाने से आराम मिला उस दिन मैंने उसका इंतज़ार किया लेकिन वो नहीं आयी मैं सोच कर उदास हो गया कि शायद कल रात के कांड के बाद कहीं गुस्सा तो नहीं हो गई।
लेकिन अगले दिन शाम को वो आयी तो मैंने उसे एक फ्लाइंग किस दिया उसने कोई जवाब नहीं दिया मैं उसके पास गया और पूछा- मुझसे गुस्सा हो उसने कहा- आपको क्या फर्क पड़ता है दर्द से मैं मर रही थी और आप बेदर्दी जैसा कर (चोद) रहे थे अभी भी मेरे पेट में दर्द है।
मैं बोला- पहली बार सबको ऐसा ही दर्द होता है लेकिन अब तो असली मज़ा लेना है मैंने उसे पटाने के लिए एक डेयरी मिल्क का टॉफ़ी और एक गुलाब का फूल दिया उसने मुस्कुराते हुए दोनों चीजें ले ली फिर मैंने उसे गालों पर चुम्मा लिया।
रात में फिर सब के सोने के बाद वो मेरे पास आई मैंने उसे गोद में बिठाया और बोला- अब तुम कली से फूल बन गई हो मेरी रानी उसने बोला- और आप इस फूल के भौंरा मेरे राजा।
मैंने उसके होठों को चूमते हुए उसके शर्ट में हाथ डाला और उसके चूचियों के निप्पल से खेलने लगा फिर मैंने उसकी पैंटी को खोल दिया उसने अपनी टाँगें खोल दी मैंने उंगली में थोड़ा थूक लगाया और उसकी चूत की कली को रगड़ने लगा।
उसकीचूत तुरंत गीली हो गया मैं उसमें उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा वो तुरंत गर्म हो गई और कमर हिलाने लगी मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और अपना नाड़ा खोल कर लण्ड पर थूक लगा कर अपना सुपारा उसकी चूत में पेल दिया।
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फिर मैंने उससे पूछा- अब दर्द नहीं कर रहा है न उसने बोला- नहीं अब मज़ा आ रहा है मैंने धीरे से धक्का मारा तो आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया वो चिहुँकी मैंने धीरे धीरे धक्का मारते हुए पूरा लण्ड अंदर डाल दिया और 30 मिनट तक उसे लगातार चोदते हुए उसके चूत में ही झड़ गया।
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा अगले दिन वो आयी और बोली- अब हम लोग में काम नहीं हो सकता मेरा एम सी चालू हो गया है मैं खुश भी था और दुखी भी; क्योंकि बिना कॉन्डम को चोदा था तो गर्भवती होने का डर भी था।
यह हमारी आखिरी चुदाई थी क्योंकि दो दिन बाद मैं वापस अपने शहर आ गया था दोस्तो यह मेरे पहले सेक्स की मेरी सच्ची चुदाई कहानी आपको कैसी लगी आप मेरे ईमेल पर रिप्लाई जरूर करें।