मैं एक अच्छे स्कूल में भी पढ़ना चाहता था लेकिन पिता जी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इस वजह से मैं एक सरकारी स्कूल में पढ़ा और उसके बाद मैं जब 12वीं पास हो गया तो मैं अपने सपने पूरे करने के लिए निकल पड़ा मेरी उम्र महज 19 वर्ष थी और मैं पहली बार ही घर से बाहर आया था मेरे अंदर बहुत जोश और जुनून था जो मुझे आगे बढ़ाने में मदद करता, मैं मेहनत करने से कभी कतराता नहीं था।
मैंने दिल्ली में पहुंचकर एक गैराज में काम किया मुझे शुरुआत में कुछ काम नहीं आता था लेकिन धीरे-धीरे मैं काम सीखने लगा मैं वहां पर काम करने लगा मुझे वहां काम करते हुए अब करीब तीन वर्ष हो चुके थे और इन तीन वर्षों में मैं गाड़ी का पूरा काम सीख चुका था।
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दीदी के ससुराल में जीजा के लंड से मजे-Jija Sali Ki Chudai
मैंने सोचा कि अब कुछ समय बाद मुझे अपना ही काम कर लेना चाहिए क्योंकि मैं काम तो पूरी तरीके से सीख ही चुका था और कुछ समय बाद मैंने एक छोटी सी दुकान किराए पर ले ली मैंने अपने जीवन में बहुत ज्यादा मेहनत की थी मैं चाहता था कि जल्द से जल्द मैं पैसे कमाऊँ और एक बड़ा आदमी बनूं लेकिन अभी शायद मुझे और मेहनत करनी थी.
इसलिए जब मैंने दुकान खोली तो पहले मैं अकेले ही काम किया करता था क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं किसी और को काम पर रख पाता। मेरे पास काफी काम आने लगा था तभी मेरे पास एक लड़का आया मैंने जब उससे बात की तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे यह मेरी तरह ही सपने देखता है।
मैंने उसे कहा तुम मेरे पास काम करोगे तो वह कहने लगा लेकिन मुझे कुछ काम नहीं आता मैंने उसे कहा कोई बात नहीं मैं तुम्हें काम सिखा दूंगा मैं तुम्हें अभी ज्यादा पैसे नहीं दे सकता लेकिन तुम्हें थोड़े बहुत पैसे दे सकता हूं और तुम्हारे रहने और खाने का बंदोबस्त कर सकता हूं।
वह लड़का मान गया और कहने लगा ठीक है मैं आपके साथ रहने को तैयार हूं उसका नाम लड्डू है लड्डू ने मुझे कहा कि आप मुझे काम सिखा दीजिए। मैंने लड्डू को काम सिखाना शुरू किया वह अच्छे से काम सीखने लगा और बड़ी मेहनत से वह काम किया करता जब वह पूरी तरीके से काम सिख गया तो मैंने सोचा अब लड्डू को ही काम संभालने देना चाहिए।
लड्डू ज्यादातर काम संभाला करता था और मैं दुकान में थोड़ा कम आता था क्योंकि मैं अब अपने बाहर के कुछ कस्टमर देखा करता था मैंने अब अपनी दुकान में कार वॉशिंग का काम भी शुरू कर दिया लेकिन कार वॉशिंग के लिए वहां पर जगह काफी छोटी थी इसलिए मैंने सोचा कि मुझे थोड़ी बड़ी जगह देखनी चाहिए। मैंने एक बड़ी किराए पर ली वह जगह मेरी कार वॉशिंग के लिए बिल्कुल ठीक थी।
लड्डू अब काम संभाला करता और मैं भी उसके साथ काम किया करता लड्डू की तनख्वाह भी मैंने बढ़ा दी थी और वह बड़े अच्छे से काम कर रहा था अपने काम के प्रति वह बहुत ही ईमानदार था।
बड़े ध्यान से वह काम करता सब कुछ ठीक चल रहा था। एक दिन मेरे पास एक बड़ी सी गाड़ी आई और जब उस गाड़ी से वह नीचे उतरे तो मैंने देखा उसमें एक लड़की बैठी हुई थी उसने काले रंग का चश्मा पहना हुआ था और उसके साथ में उसके कुछ दोस्त भी थे उसने मुझसे पूछा क्या तुम कार वॉश कर दोगे? मैंने उसे कहा हां क्यों नहीं।
वह मुझे कहने लगी कि लेकिन मुझे जल्दी से गाड़ी चाहिए क्योंकि मुझे किसी काम के सिलसिले में जाना है मैंने उसे कहा बस आप मुझे कुछ टाइम दीजिए मैं जल्दी से आपकी कार वॉश कर देता हूं।
वह लोग मेरे दुकान के अंदर बैठ गए और आपस में बात करने लगे मैंने और लड्डू ने जल्दी से कार वॉश की उसके बाद उसने मुझे कुछ पैसे दिए और वह चली गई। अब अक्सर वह मेरे पास ही कार वॉश करने के लिए आया करती थी उसका नाम महिमा है महिमा अच्छे घराने से है और जब भी वह मेरे पास कार वॉशिंग के लिए आती तो मैं उसे देखकर मुस्कुरा दिया करता।
अब हम दोनों एक दूसरे को पहचानने लगे थे पहले उसे लगता था कि मैं शायद दुकान में काम करता हूं लेकिन जब बाद में उसे पता चला कि यह मेरी शॉप है तो वह मुझे कहने लगी तुम बहुत मेहनती हो।
महिमा अक्सर मेरे पास आया करती थी तो मेरी उससे अच्छी बातचीत होने लगी थी और वह मुझे कहती कि तुमने काफी मेहनत की है। लड्डू अब यह काम संभाल रहा था मुझे दूसरी जगह अपनी शॉप खोलने थी लेकिन शॉप खोलने से ही कुछ होने वाला नहीं था मैं जो बड़े सपने देखा करता था वह शायद कभी पूरे ही नहीं होने वाले थे मैं दिन-रात यही सोचता रहता कि मैं कैसे एक बड़ा आदमी बनूं लेकिन मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था।
मुझे ऐसा लगता कि जैसे मैं सिर्फ किसी चीज में उलझ कर रह गया हूं और मैं सिर्फ बड़े सपने ही देखता रहूंगा शायद मेरे सपने कभी साकार नहीं होंगे। दिल्ली में मेरी अब कुछ लोगों से दोस्ती भी हो गई थी और हम लोग शाम के वक्त साथ में बैठा करते जब शाम को हम लोग बैठते तो हम लोग अपने बारे में बात किया करते।
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बहन की चुदाई का सपना हुआ साकार-Bhai Behan Sex Story
मेरा एक दोस्त है उसका नाम मुकेश है मुकेश से मैं अपने दिल की बात किया करता और उसे मेरे बारे में सब कुछ पता था मुकेश को यह मालूम है कि मैं बहुत ज्यादा मेहनती हूं और मैं एक बड़ा आदमी बनना चाहता हूं शायद मेरा सपना कभी पूरा नहीं होने वाला था मुकेश मुझे हमेशा समझाया करता और कहता तुम जरूर एक दिन बड़े आदमी बनोगे मुकेश भाई मेरा सबसे अच्छा दोस्त था और वह मुझे हमेशा समझाया करता था।
सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था लेकिन मेरे सपने पूरे नहीं हुए थे मेरी दुकान में मेरे पास काफी कस्टमर आते थे मैंने अब दूसरी जगह भी अपना गैराज खोल लिया था वहां पर भी मैंने कार वॉशिंग का काम शुरू कर दिया लेकिन वहां पर इतना अच्छा काम नहीं चल रहा था परंतु फिर भी मैंने धैर्य रखा और अपने काम के मैं पूरा ध्यान देता रहा।
एक दिन मुझे महिमा का फोन आया और वह कहने लगी मुझे आज कार वॉश करवानी है मुझे शाम को किसी फंक्शन में जाना है मैंने उसे कहा आप कार छुड़वा दीजिएगा मैं आपकी कार वॉश करवा दूंगा। वह जब मेरी दुकान में गई तो वहां उसने मेरी बात लड्डू से करवाई लड्डू कहने लगा भैया यह मशीन तो आज खराब है और शायद कार वॉश ही नहीं हो पाएगी।
मैंने महिमा से कहा आप एक काम कीजिए आप मेरी दूसरी दुकान में कार ले आइये वह मुझे कहने लगे लेकिन मुझे तो वहां का पता ही नहीं है। मैंने उसे कहा बस कुछ ही दूरी पर मेरी दुकान है मैंने उसे एड्रेस भेज दिया और कुछ देर बाद वह कार ले आई जब उसने मुझे कहा कि आप जल्दी से कार वॉश कर दीजिए तो मैंने महिमा से कहा आप बैठिये मैं जल्दी से कार वॉश कर के आपको दे देता हूं।
मैंने दुकान में काम करने वाले लड़के से कहा जल्दी से तुम कार वॉश कर दो, मैंने एक छोटा सा ऑफिस भी बना लिया था वहां पर मैंने महिमा को बैठने के लिए कहा गर्मी भी काफी हो रही थी तो मैंने अपना कुलर ऑन किया महिमा अंदर बैठी हुई थी मैं जब बाहर गया तो मैंने देखा कार वॉश नहीं हुई थी मैंने लड़कों से कहा जल्दी से तुम कार को वॉश कर दो।
मैं अपने ऑफिस में आ गया मै महिमा के साथ बैठा था वह मुझसे कहने लगी कितने देर में कार वाँश हो जाएगी मैंने कहा बस 15, 20 मिनट में हो जाएंगे वह मेरे साथ बात कर रही थी लेकिन उसके स्तनों की लकीर मुझे दिखाई दे रही थी उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने महिमा से कहा आपके स्तनों की लकीर दिखाई दे रही है उसने ढकने की कोशिश की लेकिन जब उसकी नजर मेरे खड़े लंड पर गई तो वह भी अपने आप को काबू में ना रख पाई।
उसने अपने हाथ से मेरे लंड को दबाने लगी, मेरा लंड बाहर आने की कोशिश करने लगा। मने महिमा से कहा तुम्हारे स्तन वाकई में लाजवाब है वह मुझे कहने लगी तो मजे ले लो ना।
मैंने भी उसके स्तनों को बाहर निकाला और अपने मुंह में ले लिया उस गर्मी में उसके स्तनों की गर्मी और भी लाजवाब थी। मैंने उसके स्तनों का बहुत देर तक मजा लिया और जब मैंने उसकी गांड को अपने हाथ से दबाना शुरू किया तो वह मजे लेनी लगी मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत पर सटा दिया।
उसकी चूत से गिला पदार्थ बाहर की तरफ निकल रहा था मैंने जैसे ही अपने मोटे लंड को उसकी योनि के अंदर डाला तो वह चिल्लाने लगी मैंने धक्का देते हुए उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया वह मचलने लगी थी लेकिन मुझे उसकी चूत मारने में मजा आता।
उसकी चूतडो का रंग लाल हो चुका था वह अपनी चूतडो को मेरे लंड से टकरा रही थी वह मुझे कहने लगी मुझे तो बड़ा मजा आ रहा है। मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्का देना शुरू कर दिया हम दोनों के अंदर से जो गर्मी निकलने लगी उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पाए।
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पढाई का वो पल भूले भूला नहीं जाता-Teacher Sex Story
जैसे ही मेरे वीर्य की धार महिमा की योनि के अंदर गिरी तो उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। उसने मेरे वीर्य को पूरी तरीके से चाट लिया था, मुझे बड़ा मजा आ रहा था मुझे नहीं पता था कि महिमा सेक्स की भूखी है।
मैंने उसे कई बार चोदा वह मुझे उसके बदले अच्छे खासे पैसे दे दिया करती थी अब भी मैं उसके साथ सेक्स के मजे लेता हूं और वह मेरे पास ही कार वॉशिंग करने आती है और उस बहाने हम दोनों के बीच सेक्स हो जाता है, वह मुझे उसके बदले अच्छे पैसे देती है। मैंने अपने लिए घर खरीद लिया है और मैं अपने जीवन से बहुत खुश हूं मैंने जो बड़े सपने देखे थे वह तो पूरे नहीं हो पाए लेकिन सब कुछ ठीक चल रहा है।