ब्लू फिल्म दिखाकर साली की वासना जगाई-Jija Sali Ki Chudai

ब्लू फिल्म दिखाकर साली की वासना जगाई

मैं दिनेश मेरी शादी बेगूसराय के एक गांव में हुई है मेरी साली ममता गोरी चिट्टी 5 फीट 6 इंच लंबी स्पोर्ट में अव्वल रहने वाली पर अति क्रोधी है शायद भगवान उसे फुर्सत के क्षणों में बनाया था एक बार जाड़े के मौसम में मैं ससुराल में था।

सुबह के समय सभी रजाई में दुबके हुए थे ममता भी नाईटी पहने रजाई में थी उसके पैर बाहर निकले हुए थे उसकी नाईटी सरक कर ऊपर चढ़ गई थी जिससे उसकी काले रंग की पैन्टी मुझे साफ दिख रही थी मैंने भी मौका देखा और उसके साथ रजाई में घुस गया।

 मेरे लंड ने सीधे उसकी गांड पर धक्का दिया फिर क्या था उसने पूरा घर अपने सर उठा लिया था किसी तरह मामला शांत हुआ मेरी तो जान हलक में आ गई थी एक दिन मैं जाड़े का धूप सेंकने छत पर टहल रहा था नीचे सभी औरतें आंगन में नहा रही थीं।

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एकाएक साली की तेज आवाज सुनाई दी- दीदी ज़रा ऊपर तो देखना कहीं जीजा जी देख नहीं रहे हैं न मेरी बीवी ने कहा- नहीं देख रहे हैं बिंदास नहाओ मैंने थोड़ा इंतजार किया जब पानी गिरने की आवाज आई तो मैं बैठे-बैठे पंजों पर सरकते हुए दीवार की ओट से देखने लगा।

उफ्फ भगवान ने क्या बॉडी दी थी उसकी 34 इंच की उठी हुई गठीली चूचियां और उनके ऊपर काले-काले चूचक हल्का स्लोप लिए हुए पेट में गहरी नाभि आज साली लाल पैंटी में गजब सुंदर लग रही थी उसके दोनों नंगे पैर एकदम सुडौल केले के तने की तरह चिकने और नर्म लग रहे थे।

रात में बीवी को दो बार चोदने के बाद भी लंड खड़ा हो गया मैं वहीं पर मुठ मारने लगा ममता भी कनखियों से देख रही थी मेरा लंड स्खलित होने के साथ ही फिर उसने हल्ला मचा दिया खैर किसी तरह से यह मामला भी शांत हुआ बीवी सुगंधा की डांट खाई सो अलग। 

कुछ महीने के बाद मेरी साली और सास मेरे यहाँ रेणुकूट आईं सुबह में सासू माँ सुबह-शाम घंटों पूजा किया करती थीं मैं अपनी साली ममता के लिए स्टार मूवी की फिल्म लगा दिया करता था उस समय रात की मूवी पर बहुत ज्यादा पाबंदी नहीं थी चुम्मा चाटी वाले सीन काफी हुआ करते थे।

कभी कभी रशियन फिल्म रात में लगा कर मैं दूसरे रूम में सोने का नाटक किया करता था इन फिल्मों में चोदा चोदी का हरकतें कपड़े के ऊपर से दिखाई जाती थीं मैंने देखा कि इस दौरान साली का एक हाथ पैंटी के अन्दर चला जाया करता था।

मैं समझ गया कि साली अब गरम होना शुरू हो गई है बस मौके की तलाश में था संयोग से मौका भी जल्दी आ गया सासू माँ को बेगूसराय जाना पड़ा मैं जानबूझ कर वीडियो प्लेयर खरीद कर ले आया बीवी सुगंधा के बिगड़ने पर कहा कि दोपहर में तुम किचन क्लासेस में चली जाती हो मैं फैक्ट्री चला जाता हूँ बच्चे स्कूल चले जाते हैं बेचारी ममता बोर हो जाती होगी कहो तो लौटा दूँ।

भला बहन कैसे मना कर सकती थी शुरु में हिन्दी और अंग्रेजी फिल्म ला कर दिया करता था एक दिन जानबूझ कर मैंने चायनीज फिल्म लाकर दे दी जिसमें नंगा करके चोदना छोड़कर सभी कुछ दिखाते हैं ये तो मैं जान गया था कि स्टार मूवी की ए श्रेणी की फिल्म देखने वाली साली अब हल्ला नहीं करेगी पर अपनी गांड फटी हुई थी।

शाम को साली ने केवल ये पूछी कि आप ये फिल्म देखे हैं मैंने सरल सा मुँह बना कर कहा- फुर्सत कहाँ है वीडियो फिल्म देखने की इस पर मेरी ममता ने एक संतोष भरी साँस ली फिर कुछ दिन बाद एक क्सक्सक्स ब्लू फिल्म के साथ हिन्दी फिल्म की वीडियो लाकर दे दी। 

शाम को फिर धड़कते दिल से घर गया घर का माहौल एक दम शांत था मैंने गहरी साँस ली समझ गया था बेगूसराय वाली ममता को अब लौड़ा पक्के में चाहिए अब तो मैं अक्सर क्सक्सक्स फिल्म लाकर दे दिया करता था एक दिन सुगंधा अपनी किचन क्लास चली गई थी। 

बच्चे सब स्कूल में थे मैं ऑफिस जाने के बहाने से घर से निकला और सबके जाने के बाद मैं वापस घर कर तरफ मुड़ गया साथ में मैंने एक बाम की शीशी खरीद ली घर पहुँचते ही उल्टी करने का नाटक करने लगा ममता भी पीछे पीछे बाथरूम आ गई। 

मैं देख चुका था कि वह ब्लू फिल्म देख रही थी इस वक्त गरम थी और अब उस मौके को भुनाने का वक्त था मैंने जानबूझ कर ऐसा नाटक किया कि वो आलिंगनबद्ध हो गई मैं उसके कंधे पर सर रखते हुए कहा कि सर में बहुत दर्द हो रहा है बाम लगा दो।

उसी तरह बेडरूम में चला गया बेड के पास आकर ममता को लिए बेड पर गिर गया इसी क्रम में उसकी नाइटी उठ गई और मेरा हाथ सीधे उसकी चूत पर चला गया ममता थोड़ा कसमसाई पर कहीं कुछ नहीं हुआ मैं धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा। 

ऊपर चढ़ते हुए उसकी चूची के पास पहुँच गया अरे ये क्या ममता तो ब्रा भी नहीं पहनी थी मैं उसकी नाइटी उठा कर चूची पीने लगा मैं जीभ उसकी चूची के चारों तरफ फिरा रहा था उस वक्त ममता भी आह उह कर रही थी मैं एक हाथ से चूची मसल रहा था। 

दूसरा हाथ उसकी चूत पर रख कर सहला रहा था बुर के चारों तरफ उग आई सुनहरी मखमली झाँटों को सहलाने का अपना ही मजा है मैं अपनी जीभ को धीरे धीरे नीचे लाते हुए उसकी गहरी नाभि को नापने लगा ममता का सिसकारियां बढ़ने लगी थीं साथ ही साली के चूतड़ भी तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे। 

वो अपने निचले होंठ को कस कर दांतों से भींचे हुए थी मैं जीभ को नीचे लाते हुए उसकी चूत की भग को चूसने लगा ममता की उह आह की सिसकारियां घर में गूँजने लगी थीं अंत में ममता इतना ही बोल सकी- जीजा जी अब सहन नहीं होता कुछ करो मेरी जान निकली जा रही है।

मैंने भी बिना देर किए लौड़े को उसकी बुर के छेद पर रखा एक हल्का धक्का दे मारा मेरा लंड आधे रास्ते पर जा कर अटक गया और एक तेज चीख ममता के मुँह से निकल पड़ी उम्म्ह अहह हय याह मर गई वो केवल इतना बोली- नहीं जीजा जी नहीं।

उसकी आँखों के किनारे से आँसू निकल रहे थे सील बंद साली की चूत की झिल्ली फट गई थी छोटी बुर अब बढ़ कर चूत बनने के तैयारी कर रही थी एक कली खिल कर फूल बन रही थी थोड़ी देर के बाद फिर एक धक्का और लगा और मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया। 

अब ममता की सीत्कार और चूत की फच्च फच्च पूरे रूम में गूँज रही थी अब ममता बोलने लगी थी- आह और जोर से और जोर से साला क्या खा कर पैदा किया है कि एक लड़की को खुश नहीं कर पा रहा है दिदिया तो प्यासी ही रह जाती होगी।

दो मिनट बाद दोनों एक साथ स्खलित हुए थे मैं उठ कर अलग हुआ तो देख कर मेरा खून ही सूख गया पूरी चादर खून से सना हुआ था कोई भी औरत समझ जाती कि यहाँ पर किसी लड़की का शीलभंग हुआ है ममता तुरंत बोली- आप जल्दी ऑफिस जाइए मैं संभाल लूँगी।

बाद में ममता ने कहा कि दिदिया को शक हो गया था वो पूछ रही थी कि जीजा जी भी आए थे मैंने कही तो घुमा कर पूछी कि चादर क्यों धो कर रही हो चादर तो बाई धोती है तो मैंने कह दिया कि मन नहीं लग रहा था तो सोचा कि कुछ काम वगैरह ही कर दूँ।

बहन को शक न हो ममता बात बात पर मुझ पर इस लिए क्रोध किया करती थी अब मैं समझ गया था वो क्रोधित क्यों होती है अब तो मुझसे ज्यादा मेरी साली चुत की आग शांत करवाने का मौके का इंतजार करती थी लेकिन ऊपर से हमेशा गुस्सा होने का दिखावा किया करती थी।

एक बार सुगंधा को अस्पताल में दिखाने हेतु शनिवार को छुट्टी ले रखी थी संयोग से 12 बजे तक काम समाप्त हो गया लौटने पर ममता ने बताया कि पड़ोसन आई हुई थीं प्रसाद देकर गई हैं कह रही थीं कि पिपलेश्वर मंदिर से आ रही हैं।

अब ममता जिद करने लगी कि वो भी मंदिर जाएगी उसकी बहन ने सीधे मना कर दिया कि वह तो जाने से रही अलबत्ता तुम्हें जाना हो तो जा सकती हो तुम कहो तो तुम्हारे जीजा को कह देती हूँ ममता ने ऊपर से तो नानुकर की पर बाद में जाने को तैयार हो गई। 

ममता कहने लगी कि ड्रेस बदल कर आती हूँ कुछ देर बाद वो जो नया ड्रेस पहन कर आई उसे देख कर मैं चौंक गया मैंने कल ही देखा था कि उस ड्रेस को कल ही साफ करके आयरन करके तैयार की थी पर उसके पायजामा में कुछ लोचा था। 

दरअसल उसके पायजामा के चूत के नीचे के भाग की सिलाई हटी हुई थी इतना खुला हुआ था कि ऊपर से हाथ डाल कर चुत के साथ हस्तमैथुन किया जा सके ये तो बाद में पता चलेगा कि ममता ने वो पायजामा क्यों पहना पर पहना तो था ही।

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पिपलेश्वर मंदिर रेणुकूट शहर से दूर था मैं धीरे धीरे स्कूटर चला रहा था मेरी साली ममता पीछे काफी सतर्क हो कर बैठी थी जब वह सहज हो गई तो मैंने धीरे से ब्रेक लगाया वह हड़बड़ा कर मेरे ऊपर चिपक गई उसकी दोनों चूचियाँ मेरे पीठ पर रगड़ खाने लगीं। 

चिपकने के बाद ममता ने भी हटने का कोई प्रयास नहीं किया अब वह मुझसे चिपक कर बैठ गई और एक हाथ मेरी कमर के चारों तरफ डाल कर अच्छे से पकड़ लिया शहर के बाहर निकलते ही उसकी शरारत शुरू हो गई उसने कब मेरे पैंट की जिप खोल दी मुझे पता ही नहीं चला। 

जब उसने हाथ अन्दर घुसा कर मेरा लंड को सहलाया तो मैं होश में आया कि साली ये क्या कर रही है मैंने पलट कर पूछा- मंदिर नहीं जाना है क्या ममता ने न में सर हिलाया और शरारत पूर्ण मुस्कान के साथ बोली कि मंदिर वंदिर आप लोगों के लिए बना है मैं तो दोंगिया नाला वाले पिकनिक स्पॉट जाऊँगी।

लेकिन इस क्रम में उसने मेरा लंड सहलाना नहीं छोड़ा मेरा लंड खड़ा हो गया था स्कूटर चलाना मुश्किल हो रहा था साली का लंड सहलाने की स्पीड बढ़ रही थी मेरा लंड धीरे धीरे पानी छोड़ने लगा था और साली पीछे मुस्कुरा रही थी मैं काफी कोशिश कर रहा था कि मेरा ध्यान स्कूटर चलाने से न हटे। 

चूँकि सड़क पर ट्रेफिक नहीं था इसलिए मैं भी मना नहीं कर रहा था मुझे मजा जो आ रहा था कुछ पल बाद ममता को पता लग गया कि अब मैं स्खलित हो रहा हूँ तो उसने झट से मेरा लौड़ा चड्डी से बाहर करके जोर जोर से मुठ मारना शुरू कर दी। 

अचानक मेरे वीर्य का एक फव्वारा निकला जो स्कूटर के हेडलाइट को पार करते हुए सड़क पर जा गिरा उस समय क्या बताऊं किसी तरीके से स्कूटर से गिरने से बचा उसने झट से अपना रूमाल निकाल कर बचे वीर्य को रोका नहीं तो पैंट पर पूरा दाग लग जाता।

खैर राम राम करते पार्क में गया वहाँ नीरव सन्नाटा था स्कूटर को पार्किंग में खड़ा कर पार्क में गया पार्क क्या था मोटे मोटे शीशम के पेड़ और नदी किनारे बहुत दूर तक जंगल सा फैला हुआ था झाड़ियों के कारण प्रेमी युगलों के लिए सही जगह थीं।

मैंने देखा कि दूर एक झाड़ी हल्की हल्की हिल रही थी ममता ने इशारे से चुप रहने के लिए कहा फिर पैरों की तरफ इशारा करके आवाज नहीं निकालने की सलाह दी वो पांव दबा कर उसी झाड़ी की तरफ बढ़ चली मैं भी उसके पीछे हो लिया। 

झाड़ी के पीछे कॉलेज के बहाने निकला हुआ एक लड़का तथा स्कूल ड्रेस पहने एक लड़की आलिंगनबद्ध थे लड़का चूचियों को अपने जीभ से सहला रहा था कभी हल्के दांत से काट लेता और हर बार लड़की चिहुँक जाती थी एक हाथ दूसरी चूची के चूचुक को सहला रहा था तो दूसरा हाथ नाभि के चारों तरफ फिरा रहा था।

हम दोनों दम साधे कारनामा देख रहे थे लड़के ने धीरे से अपने दूसरे हाथ से लौंडिया की पैंटी को नीचे कर दिया लड़की का दिखावटी विरोध कोई काम नहीं आया उफ कितना सुन्दर नजारा था लड़की सांवली थी पर उसकी बुर क्षेत्र क्या मस्त था पूरा छेद का मैदान करीने से साफ सुथरा किया हुआ था एक भी बाल नहीं था।

लड़के ने उसके पैरों को फैला दिया जिससे चूत के बीच की दरार दूर से दृष्टिगोचर हो रही थी सांवली बुर के बीच से हल्की गुलाबी झलक का नजारा ऐसा लग रहा था मानो एक सुन्दर गुलाब खिल गया हो वह दो उंगलियों से बुर के साथ खिलवाड़ कर रहा था कभी उंगलियां अन्दर प्रवेश कर जातीं। 

तो कभी उसके भगनासे को झंकृत कर देतीं लड़की भी उसकी हर हरकत का जवाब बढ़ते हुए मादक सिसकारी से दे रही थी उसकी उन्हह आँह दूर दूर तक सुनाई दे रही थी लड़का अपना मुँह अब लड़की के चूत प्रदेश के पास ले आया और 69 के पोजीशन में आ गया। 

वो अपनी जीभ से नाभि के चारों तरफ चाटने लगा और धीरे धीरे अपनी जीभ को लड़की की बुर की फांकों में डाल दिया लड़की शायद इसके लिए तैयार नहीं थी वह एकदम से उठ कर बैठ गई लड़का चुत में जीभ चलाता रहा फिर लड़की को मजा आने लगा और लड़के के बाल पकड़ कर जोर से अपनी बुर में चिपका लिया। 

साथ ही वो अपने चूतड़ ऊपर नीचे करने लगी उसकी कामुक सीत्कार फिजाँ में चारों तरफ फैल रही थीं अब लड़के ने अपने दूसरे हाथ का अगूँठा लड़की की गांड में घुसा दिया लड़की कामुकता से सराबोर हो उठी थी उसकी मस्ती दुगुनी हो गई थी। 

उसकी आँखें मुंदी हुई थीं ऊपर के जबड़े से नीचे को होंठ को भींचे हुई थी और गजब की गूँ-गूँ की आवाज निकाल रही थी लड़का अब चोदना चाहता था उसने जैसे ही 69 की पोजीशन को बदला लड़की झट से उसे खींच कर उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। 

वो इतनी जोर से चूसने लगी थी कि लंड उसके धक्के को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था लड़का जल्दी ही स्खलित होने लगा और वो लंड का पूरा वीर्य पी गई उसने एकदम चूस चूस कर लंड को छोटा कर दिया इतने समय में लड़की ने भी अपना मधु रस लड़के के मुँह में उढ़ेल दिया। 

लड़के ने भी चूत की पूरी इज्जत करते हुए बुर प्रदेश को पोंछ पांछ के चाट लिया बाद में लड़की ने कहा कि चोदा चोदी शादी के बाद क्योंकि अगर बच्चा ठहर गया तो बदनामी हो जाएगी एकाएक हम लोगों को होश आया और पांव दबा कर वहाँ से हट गए।

मैंने गौर से देखा तो मेरी साली के गाल उस समय कश्मीरी सेब की तरह सुर्ख लाल हो गए थे जब वह चल रही थी तो उसके पैर थरथरा रहे थे आँखें मदमस्त शराबी की तरह चढ़ गई थीं वह चुदने के लिए एकदम तैयार थी अब बस समय का इंतजार था।

हम लोगों को भी एक झाड़ी मिल गई हम दोनों भी उसके पीछे छिप गए मैंने उलाहने भरे स्वर में पूछा कि साली जी आपने तो रास्ते में ही मेरा पूरा करंट ही निकाल दिया अब कैसे होगा इतना हॉट सीन देखने के बाद भी मेरा लंड आधा ही खड़ा हुआ है।

साली ने तुनकते हुए कहा- मुझे साली जी मत कहिए कुछ अलग कहिये मैंने कहा- तुम रसीली हो तुम्हारे चूचुक जामुन की तरह हैं तो तुम्हारी चूत खिला गुलाब है क्या मेरी गुलाब जामुन बनोगी वह उछल कर मेरे गर्दन में लटक गई मेरे होंठ उसके होंठ पर चिपक गए। 

उसका नीचे का होंठ थोड़ा मोटा होने के कारण चूसने में बड़ा मजा देता है मैं उसकी जीभ को खोज कर चूसता रहा इस तरह की चुसाई में उसकी जितनी भी लार निकलती मैं उसे अमृत समझ कर पीता चला गया मैं उसके पूरे रसों को पी जाना चाहता था।

एकाएक मेरी गुलाब जामुन ने धक्का मार कर मुझे गिरा दिया अपनी चूचियों को निकाल कर मेरे मुँह में घुसेड़ दिया आज वह मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी पूरी कमान अपने हाथ में रखे हुए थी मैं आज्ञाकारी गुलाम बन कर उसकी हर एक आज्ञा का पालन कर रहा था। 

उसकी छोटी छोटी जमुनियाँ चूचुकों को मैं चूसने लगा उसने अपने एक हाथ से मेरी पैंट का बेल्ट खोल दी और बटन व जिप खोलते हुए मेरे लंड को आजाद कर दिया मेरा लंड अभी भी मुरझाया हुआ था आखिर हो भी क्यों न रात में सुगंधा इस डर से तीन बार से चार बार चुदवाती है कि कहीं मैं उसकी बहन को न चोद दूँ।

मेरी उम्मीद के विपरीत उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया अभी उसने अपनी सलवार नहीं खोली और न खोलने दी मैं उसके इशारे पर यंत्रवत कामक्रीड़ा में मग्न था मैंने उसकी सलवार के फटे स्थान से उंगली अन्दर ले जाते हुए फांक में दो उंगलियां घुसा दीं। 

पूरा बुर क्षेत्र पानी पानी हुआ पड़ा था चुत पिघल कर फैल गई थी ममता ने अपनी पोजीशन बदलते हुए सलवार की फांक से अपनी पैंटी को थोड़ा हटाया और मेरे लंड को साधते हुए सीधे बुर के मुहाने पर ले गई और जोर देते हुए एक ही बार में लंड को सीधे अन्दर निगल लिया।

मेरे मुँह से चीख निकल गई उसने चिढ़ाते हुए पूछा- क्या सील टूट गई मेरे जानू की मैंने कहा- पता नहीं पर वैसा ही कुछ दर्द हुआ साली हंसने लगी मैंने पूछा- क्या यार साली जीआप तो पूरी एक्सपर्ट हो गई हैं वह तुरंत रुक गई मैंने पूछा- क्या हुआ मेरी गुलाब जामुन।

तो उसने हँस कर कहा- यह बात हुई न मेरे कामदेव पति आपने ही तो ब्लू फिल्म दिखा दिखा कर मुझे रंडी बना दिया है इसी तरह की बातों के साथ साथ चुदाई भी चल रही थी हम दोनों आह ऊह कर रहे थे रात में सुगंधा को चार बार चोदा था। 

उसके बाद साली ने पूरा वीर्य रास्ते में निकाल दिया था सो इस बार तो लौड़ा झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था मेरे गुलाबो की चूत से पिघल कर निकल रहा लावा गच्च फच्च गच्च फच्च का मधुर संगीत बिखेर रहा था हम दोनों प्रेमी के मुँह से ऊँ ऊँ का स्वर आज ऐसा लग रहा था कि मेरी गुलाबो मेरा पति हो और मैं उसकी पत्नी होऊं।

करीब दस मिनट तक वह मुझे चोदती चोदवाती रही उसकी चूचियाँ उछल उछल कर उसकी फ्राकनुमा कुर्ती से बाहर कूद कर आ जातीं तो मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें मसल कर चूस रहा था अब मेरा माल निकलने वाला था कि महसूस किया कि ममता की ज्वालामुखी से लावा निकल कर मेरे जाँघों पर फैल गया। 

मेरा माल भी उसी समय निकला और उसी लावा के साथ मिल कर मेरे ऊपर फैल चुका था कुछ पल हम दोनों यूं ही पड़े रहे फिर उसने अपने रूमाल से पूरा साफ किया फिर ममता दौड़ कर नदी किनारे गई रूमाल भिगो कर लाई और सुघड़ गृहिणी की तरह पौंछ कर साफ कर दिया उसने रूमाल को वहीं छोड़ दिया।

मैंने पूछा- कहीं बच्चा ठहर गया तो गुलाबो बोली- दिदिया का माला-डी चुरा कर खा रही हूँ वो एक बार पूछ रही थीं कि मेरी गोली कोई गायब कर देता है मैंने भी कह दिया कि काम वाली बाई को एक दिन देखा था कि रैक से कुछ निकाल कर अपने ब्लाउज में छुपा रही थी शायद माला-डी ही रख रही होगी। 

मेरी बहन सीधी है मान गई मैंने तारीफ करते हुए कहा- आप अपनी बहन से ज्यादा स्मार्ट हैं वह गुस्सा होते हुए बोली कि आप फिर मुझे आप बोले पति देव अगली बार से यह गलती नहीं होना चाहिए वह आज तक मुझे ही अपना पति मानती है अब भले ही एक अच्छे आदमी से उसकी शादी हो गई है। 

जो उसे दिलों जान से भी ज्यादा प्यार करता है और उसके दो बच्चे भी हैं वो कहती है कि औरतें जिसको अपना पहला शरीर देती हैं ताउम्र उसे ही अपना पति मानती हैं ममता आज भी मेरे नाम का सिंदूर लगाती है मेरे नाम से उपवास करती है कभी कभी तो उसके पति को देख मैं आत्मग्लानि से भर जाता हूँ।

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खैर रास्ते में हनुमान मंदिर से उसने प्रसाद लेकर बहन को दे दिया और कह दिया कि पूजा भी की और शिवलिंग का दर्शन भी किया वो लिंग पर थोड़ा ज्यादा जोर देकर बोली उसने सामने पड़े एक नैपकिन से हाथ पोंछा तो सुगंधा ने पूछा- तुम्हारा रूमाल किधर गया।

मेरी गुलाबो चौंकते हुए बोली- अरे लगता है कि प्रसाद खरीदते समय दुकान पर छूट गया है इतनी देर में सुगंधा की नजर मेरी शर्ट पर पड़ी जो पीछे से गंदी हो गई थी मेरी गुलाबो ने इसे भी अच्छे तरह से संभालते हुए कहा कि एक बंदर ने प्रसाद छीनने के लिए इनकी तरफ झपट्टा मारा था। 

ये उससे बचने के चक्कर में धड़ाम से गिर गए वहीं गंदगी लग गई थी सब लोग तो खूब हँस रहे थे फिर क्या था पत्नी प्रेम जाग गया उसने मुझे कमरे में ले जाकर खूब दुलार किया और मेरी शर्ट उतार कर पहनने के लिए कुरता दे दिया इस तरह दूसरी बार मेरी साली ने मुझे चोदा मेरी ट्रू सेक्स स्टोरी पर अपने विचार मुझे अवश्य मेल करें।

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