मेरी चुदने की चाह ने जीजा का लंड लिया-Jija Sali Ki Chudai

मेरी चुदने की चाह ने जीजा का लंड लिया

जब से मुझे पर जवानी आई है मन चुदने को करने लगा है रंगीन सपने आने लगे हैं हाय मुझे पहले की तरह फिर से कोई ऊपर चढ़ कर चोद डाले मेरी चूचियाँ मसल डाले मेरे नरम नरम होंठों को चूस डाले मैं जैसे ही मूतने जाती हूँ तो मूतने के अलावा मुझे वहाँ बड़ी नरमी से मीठी मीठी खुजली चलने लगती है फिर तो बस मुझे लण्ड की तलब भी जोरों से होने लगती है। 

कभी कभी तो मुझे गाण्ड चुदवाने की इच्छा भी होने लगती है फिर हाय रे मैं तो अपनी ही सोच पर शर्म से पानी पानी होने लगती है जब मेरे इस छोटे से दिल में इस तरह की बातें जब घर करने लगी तो मैं रात में अकेले में जाने क्या क्या सोचने लगने लगती थी।

मैं बाहरवी कक्षा में आ चुकी थी मेरे अंगों में अब तक काफ़ी उभार आ चुका था कुछ मौसमी के आकार की मेरी चूचियाँ हो चुकी थी सहेलियाँ भी अब कभी कभी मस्ती में आकर मेरी मौसमी जैसी चूचियों को दबा देती थी फिर हंसती भी थी- अरे ये तो अभी और बड़े होंगेजरा बड़े होने दे फिर दबाने में और भी आयेगा मजा। 

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पहले तो उनके ऐसे दबाने से जलन होने लगती थी पर आजकल तो दिल में एक मीठी सी टीस उठने लगती है सपनों में या मन की सोच में कभी कभी लण्डों को मैं अजीब आजीब से आकार में देखने लगती थी कोई तो मोटा होता था तो कोई लम्बा कोई काला तो कोई गोरा।

फिर मैं उन्हें पकड़ कर दबाने लगती थी उन्हें चूसने की कोशिश करने लगती थी उफ़यह लण्ड कैसा मोहक होता हैकाश मेरी चूत में मुझे कोई जानदार लण्ड घुसा देता तो मैं निहाल हो जाती उन्हीं दिनों मेरे जीजू और दीदी घर आये हुये थे मैंने दीदी को देखा तो सन्न सी रह गई।

दीदी की चूचियाँ कितनी बड़ी हो गई थी जिस्म भरा भरा सा लगने लगा था गर्दन लम्बी और सुन्दर सी हो गई थी चाल में लचक आ गई थी चूतड़ मांसल हो गये थे मैंने अपनी चूचियाँ देखी दीदी की तो बहुत ही बड़ी चूचियाँ थी क्या जीजू ने दीदी को चोद दिया होगा कैसे चोदा होगा लण्ड को चूत में घुसा दिया होगा इस्स्स्स्स कितना मजा आया होगा।

जीजू तो कितने अच्छे लगते हैं प्यार से बातें करते हैं लण्ड चूत की बातें कितनी दिल को छू लेने वाली होती हैं जीजू सिर्फ़ दीदी को चोदने के लिये ही हैं क्या मुझे नहीं चोद सकते मेरे पास वाला कमरा दीदी का था मेरे दिल में कसक सी उठती और फिर रात को मैं छुप कर उनकी बातें सुनने का प्रयत्न करती थी।

पर अधिकतर तो मुझे तो दीदी की सिसकारियाँ या हल्की चीखें ही सुनाई पड़ती थी जरूर दीदी चुद रही होगी चुदने के बाद सवेरे दीदी बहुत खुश नजर आती थी मेरे मन में भी चुदने की उत्सुकता बढ़ने लगी मैंने बगीचे में जीजू को अखबार पढ़ते देखा तो सोचा दीदी तो भीतर काम कर रही है क्यों ना एक बार जीजू पर ट्राई मार ली जाये हिम्मत करके मैंने जीजू से पूछ ही लिया- जीजू एक बात कहूँ हूंअ कहो।

दीदी को आप रात को मारा मत करो आपसे दीदी ने कहा क्या नहीं पर दीदी के चीखने की आवाजें जो आती हैं ना उसे जब मजा आता है ना तभी तो वो चिल्लाती है जीजू ने शरारत से कहा अरे जीजू मारने से मजा आता है क्या तनिषा जी एक बार मरवा कर तो देखो जीजू ने अपना तीर चला दिया मेरा दिल अन्दर तक घायल हो गया।

मैंने शरमा कर जीजू को तिरछी निगाह से देखा जीजू ने मुझे आँख मार दी। मैं शरमा कर अन्दर भाग गई दिल जोर जोर से धड़कने लगा था आहये जीजू ने क्या कह दिया  क्या जीजू ने मेरे दिल की बात पहचान ली थी मेरा दिल मचल उठा।

रात के लगभग ग्यारह बज रहे थे और दीदी की सिसकारियो और मस्त चीखों की आवाजें उभरने लगी थी मेरा दिल मचल उठा मैं जल्दी से उठी और उनके कमरे के दरवाजे की दरार में से झांकने लगी जीजू दीदी की मोटी मोटी चूचियाँ दबा रहे थे दीदी सिसकारियाँ भर रही थी।

मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये अरे मर गई मेरे राम जी  जीजू का लण्ड है या कोई लोहे का डण्डा यह तोइतना बड़ा उईईई फिर जीजू ये क्या कर रहे हैवो तो दीदी के बोबे दबा दबा कर उसकी गाण्ड में वही लोहे जैसा लण्ड डाल उसकी गाण्ड मार रहे थे।

मुझे बहुत जोर से शरम आने लगी। पर देखे बिना रहा भी नहीं जा रहा था दिल जैसे उछल कर गले में आ गया था मैं बस मंत्र मुग्ध सी आँखें फ़ाड़े देखती रह गई मेरी चूत पनियाने लगी थी बिना पैन्टी के मेरी जांघें भीगने लगी थी मैं भी अपनी चूत दबा दबा कर मस्त सी होने लगी थी।

मुझे जब होश आया तो वो दोनो झड़ चुके थे और एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर चूमा-चाटी कर रहे थे मैं धीरे से अपने कमरे में लौट आई पर मेरी आँखों में नींद कहाँ थी बस जीजू और दीदी की गाण्ड मारने का दृष्य आँखों में घूम रहा था मेरी नरम सी चूत की हालत बड़ी नाजुक हो रही थी।

तेज खुजली सी मची हुई थी मैंने धीरे से अपनी गाण्ड के छेद में अंगुली घुसाई तो आनन्द के मारे मेरे मुख से सिसकी निकल गई दूसरे हाथ से मैंने अपनी चूत को दबा लिया चूत को मसलते मसलते मैं दबी हुई सिसकारी के साथ मैं जोर से झड़ गई।

अब तो जीजू मुझे किसी सेक्सी फ़िल्मी हीरो जैसे लगने लगे थे वो तो मेरे लिये कामदेव की तरह हो चुके थे दिन को भी मैंने अन्जाने में दो बार हाथ से चूत को घिस घिस कर जीजू के नाम से अपना पानी निकाल दिया था मेरी नजरें बदल गई थी जीजू ने भी मेरी हालत जान ली थी। 

वो इस मामले में बहुत तेज थे उनकी मस्त निगाहें मुझे बार बार चुदने का निमंत्रण देने लगी थी उनकी नजरें भी प्यार बरसाने लग गई थी मेरी नजरों में भी वो चुदाई का आमंत्रण वो पढ़ चुके थे अब तो जीजू मुझे किसी सेक्सी फ़िल्मी हीरो जैसे लगने लगे थे। 

वो तो मेरे लिये कामदेव की तरह हो चुके थे दिन को भी मैंने अन्जाने में दो बार हाथ से चूत को घिस घिस कर जीजू के नाम से अपना पानी निकाल दिया था मेरी नजरें बदल गई थी जीजू ने भी मेरी हालत जान ली थी।

वो इस मामले में बहुत तेज थे उनकी मस्त निगाहें मुझे बार बार चुदने का निमंत्रण देने लगी थी उनकी नजरें भी प्यार बरसाने लग गई थी मेरी नजरों में भी वो चुदाई का आमंत्रण वो पढ़ चुके थे आज मम्मी दीदी को लेकर चाचा जी से मिलवाने ले जा रही थी।

शाम तक वो लौट आने वाले थे जीजू का घर में ही रहने का कार्यक्रम था शायद वो मुझे चोदना चाहते थे जीजू की मीठी नजरों को मैं समझ गई थी मैं चुदने के इस ख्याल से आनन्दित हो उठी थी घर वालों के जाते ही मेरा दिल धड़कने लगा था आज कुछ ना कुछ अनहोनी होने जैसा लगने लगा था। 

मुझे एकान्त चाहिये था अपने आपको सम्भालने के लिये मैं धीरे धीरे कमरे की ओर जाते हुये छुपी आंखों से जीजू को देखती हुई अन्दर आ गई दिल जोर जोर से धड़कने लगा था मैंने जल्दी से अपने कपड़े बदले ब्रा और पेन्टी भी उतार दी और मात्र शमीज पहन कर बिस्तर पर लेट गई शायद इस ख्याल से कि जीजू मुझे चोद डाले।

मेरी आँखें जैसे सपने देखने के लिये तड़पने लगी थी जीजू के लण्ड को पकड़ना उसे चूसना हाय आज मुझे ये क्या हो रहा है कैसा होगा जीजू का मस्त लण्ड पास से देखू तो मजा आ जाये इन्हीं ख्यालों में मेरी पलकें नींद से बोझिल होने लगी तभी जीजू ने धीरे से मेरे कमरे का दरवाजा खोल दिया। 

मैं जैसे होश में आ गई जीजू को कमरे में पाकर मेरी छातियाँ धड़क उठी हाय जीजू आप  मैंने जल्दी से चादर को अपने कंधे तक खींचने की कोशिश की पर जीजू ने मेरी भरी जवानी की एक झलक तो देख ही ली थी मैंने जानकर ही तो वो छोटी सी शमीज पहनी हुई थी।

लेटी रहो कम कपड़ों में तो तनिषा तुम कितनी अच्छी लग रही हो जीजू की आँखों में शरारत ही शरारत भरी थी आओ ना जीजू यहीं आ जाओ  मैंने मुस्करा कर जीजू को पास बुला लिया मेरी चूत उन्हें देख कर की पानी छोड़ने लग गई थी।

एक बात तो बताओ उस दिन तुम दीदी के बारे में क्या कह रही थी जीजू ने मुझे छेड़ा मैंने भी मौका देखा और जीजू को बातों में उलझाया वो दीदी रात को सी सी कर रही थी और फिर वो चीख भी रही थी बस मैं तो इसी बात की शिकायत कर रही थी मैंने जीजू को शरमा कर इशारा सा किया।

मेरा दिल अब जोर जोर से धड़कने लग गया था जीजू की आँखें गुलाबी सी हो गई थी उन्होंने शराबी सी आवाज में कहा- तुम्हारी दीदी को बहुत आनन्द आ रहा था ना इसीलिये वो सी सी रही थी उसने मुझे सेक्स का सा इशारा किया आप झूठ बोलते है मारने से आनन्द आता है क्या? मैंने शरमा कर कहा।

तनिषा जी आप भी एक बार मरवा कर देख लो जीजू ने एक कसा हुआ बाण चलाया क्या क्या मरवाऊँ मैं हंसते हुये बोली पर उनकी बातों से मैं तो मन ही मन में खिल सी गई मेरी सांसें तेज होने लगी जीजू को सब समझ में आ गया था मुझे लगा कि अब तो मैं गई काम से जीजू तो अब मुझे जरूर ही चोद डालेंगे मैं भी अपने आपको तैयार कर रही थी।

तनिषा जी वही जो आपके पास है देखो आप बेकार में ही परेशान हो रही हो मैं तो आपका जीजा जी हूँ घर की बात घर में ही रहेगी  जीजू मेरे और करीब आ गये जी हाँ घर की बात घर में  मैं मुस्कराई और मेरी नजरें झुक ही गई तनिषा अपने नींबू तो दिखा दो।

मैं समझ गई और शर्मा गई मेरे तो है ही नहींक्या देखोगे मैंने हिम्मत करके कह ही दिया जीजू ने मेरे निम्बुओं को अपने हाथ से टटोला। मुझे एक तेज गुदगुदी हुई अरेक्या करते होमत करो ऐसे। मैं उनका हाथ झटक झटक कर हटाती रही पर वो नहीं मानेवो उसे सहलाते रहे मेरी तो चूत पहले पानी से तर हो चुकी थी। 

वो पानी छोड़ने लगी थी शायद मुझे अभी तो जवानी का मजा दे रहे है मुझे भी नशा जैसा रंग चढ़ने लगा था मैं बिस्तर पर ही शरम से दूसरी ओर करवट बदल कर अपने पैर सीने की तरफ़ सिमटा लिये पर मैं ये भूल गई थी कि मैंने पैंटी तो पहनी ही नहीं थी। 

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मेरी छोटी शमीज चूतड़ों पर से ऊपर सरक गई थी और मेरे कोमल सुडौल चूतड़ नग्न हो गए थे जिसमें से मेरी गाण्ड का गुलाबी छेद उन्हें साफ़ नजर आने लगा था तभी मेरी गाण्ड के कोमल छेद में गीला सा अहसास हुआ उनकी जीभ ने मेरे छेद को चाट लिया था। मेरी छातियाँ धड़क उठी। 

मैं सिसक उठी मेरे गालों पर उन्होने हाथ फ़ेर दिया। मैं शरम से लाल हो उठी वो और नजदीक आते गये और मैं लाज से सिमटती सी चली गई वो मेरी गाण्ड के छेद को जोर जोर से चाटने लगे थे जीजू की गरम सांसें मेरी गाण्ड से टकरा रही थी मैं मस्ती से झूम उठी। 

अब उन्होंने अपने हाथों से मेरी चूचियाँ थाम ली और हौले से दबा दी उफ़्फ़ आह्ह्ह  और फिर मुझे अचानक लगा कि उनके होंठ मेरे होंठों से टकरा गये मैंने अपनी आँखें खोली तो उनका चेहरा मेरे होंठों के बहुत ही पास था मैं तो मदहोश हो उठी और मेरे नाजुक पत्तियों जैसे होंठ खुल गये जीजू के होंठों ने मेरे निचले होंठ को धीरे से दबा लिया।

जीजूहाय रेबस करो आह्ह्ह  मेरे मुख से निकल पड़ा मुझे अपनी छाती पर दबाव महसूस हुआ मैं जीजू के नीचे दब चुकी थी जीजू मेरे ऊपर चढ़ चुके थे। मैं हिल डुल कर कसमसाने की कोशिश करने लगी इससे वो अपने लण्ड को मेरी चूत पर सेट करने में सफ़ल हो गये थे मेरे मन में आनन्द की तरंगें उठने लगी थी।

आनन्द इतना अधिक आने लगा था कि मैंने फिर अपने आपको ढीला छोड़ दिया जीजू धीरे से मेरे ऊपर सेट हो गये थे मेरे तपते शरीर पर उनका भारी शरीर सवार हो चुका था मेरे गुप्त अंगों पर दबाव बढ़ता जा रहा था फिर मैं भी अपनी चूत को उनके भारी लण्ड पर दबाने लगी।

मेरी चूत लण्ड लेने के लिये बार बार ऊपर उठ कर उनके लण्ड को दबा रही थी मेरे मुख से आनन्द भरी सिसकारी निकलने लगी- ओह्ह मेरे जीजूमैं तो मर गई उनका लण्ड मेरी नाजुक सी चूत को धीरे धीरे घिसने लगा मेरा दिल पिघलता जा रहा था मैं तो चुदने के तड़पने लगी।

तनिषा लण्ड लोगी जीजू ने सीधे ही पूछ लिया क्क्क्याजीजू मेरा मुख खुला ही रह गया मेरी नशीली आँखें ऊपर उठ गई हाय अब तो चुद गई मैं तो चूत दोगी मुझे उन्होंने फिर से मुझे बड़े मोहक भरे अन्दाज में कहा उसके लिये तो दीदी है ना मैंने धीरे से मुस्करा कहा मैं तो शरम से पानी पानी हो रही थी।

दीदी की अब चूत कहाँ रही है वो तो भोसड़ा हो गई है तो क्या हुआ गाण्ड तो है ना मैंने दबी जबान से कहा वो भी अब तो खुल कर भोसड़े के समान हो चुकी है तो फिर मेरी मारोगे चलो हटो गुण्डे कहीं के जीजू मेरे ऊपर से धीरे से हट गये और बिस्तर पर ही बैठ गये जीजू का कड़क लण्ड पजामें में से तम्बू की तरह खड़ा हुआ था। 

मुझे बहुत खराब लगा सारी मस्ती चूर चूर हो गई थी उनके खड़े हुये लण्ड से चुदने को पूरी तैयार थी उनके इस तरह से हट जाने से मैं परेशान सी हो गई पर मुझे क्या पता था कि आगे के कार्यक्रम क्या है मैंने अपनी शमीज ठीक की पर वो छोटी बहुत थी।

जीजू मुझे वो अपनादिखाओ ना मैंने तिरछी निगाह से जीजू के लण्ड की ओर देखा क्या लण्ड देखोगी जीजू ने मुझे फिर भड़काया दिल तेजी से धाड़ धाड़ करने लगा हाय कैसे बोलते होहाँ वही  मेरा तो जिस्म ही कांपने लगा था पकड़ोगी मेरा लण्ड उन्होंने फिर मुझे शर्म से लाल कर दिया। 

मैंने शरमाते हुये हाँ कह दिया चूसोगी वो फिर मुझे बोल बोल कर दिल तक को हिलाते रहे धत्तइसे कौन चूसता है मेरी शर्म से भीगी आवाज निकली जीजू ने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया आह्ह्ह  सच में उसका लण्ड बहुत ही सुन्दर गोरा और बलिष्ठ लग रहा था। 

उसकी नसें उभरी हुई लाल सुर्ख सुपाड़ा बहुत ही अद्भुत और चमकदार था मैंने शरमाते हुये किसी मर्द का लाल सुर्ख लण्ड पहली बार बार थामा लण्ड थामा है तो साथ निभाना धत्त ऐसे क्या कहते हो मैंने जीजू का लण्ड दबाना और मसलना शुरू कर दिया जीजू आहें भरने लगे बहुत कड़क लण्ड था अचानक जीजू ने मेरे बाल पकड़े और मेरे सर को अपने लण्ड पर ले आये।

तनिषा चूस ले रे मेरे लौड़े कोस्स्स्सी सीईईइ चूस ले यार जीजू ने अपना मोटा लण्ड मेरे गाल पर रगड़ दिया फिर उसका गुदगुदा चमकता हुआ लाल सुपाड़ा मेरे मुख में समा गया फिर वो अपने कूल्हे हिला हिला कर मेरे मुख को जैसे चोदने लगा फिर मैंने उसे पूछा- इसमें बहुत मजा आता है क्या।

मैंने धीरे से पूछ लिया मेरी तनिषा बस पूछो मत चल अब लेट जा अपनी टांग उठा ले चुदा ले अब उफ़्फ़्फ़ जीजू कैसे बोलते है हाय रे मैंने अपनी दोनों टांगे चौड़ी करके ऊपर उठा ली। जीजू मेरी टांगों के बीच में फ़िट हो गये और अपने हाथों से मेरी भीगी हुई नंगी चूत में लण्ड को जमाने लगे। 

मुझे उनका भारी सा लण्ड का नरम सा अहसास लगा फिर मेरी छोटी सी तंग चूत में उसका लण्ड घुसने सा लगा मुझे लगा ओह्ह मेरी चूत तो अपना मुँह खोलती ही जा रही है जाने कितनी चौड़ी हो जायेगी येमुझे तेज मीठा सा आनन्द आया।

तभी जीजू ने मेरे होंठों को अपने होंठों पर रख कर उसे चूसने लगे और साथ ही कमर उठा कर अपने चूतड़ों से जोर लगा कर लण्ड को जोर से घुसड़ने लगे। मैंने भी तड़प कर जीजू को जोर से बाहों में दबा लिया और लण्ड को भीतर घुसेड़ने का सम्पूर्ण यत्न करने लगी कितना कसता सा अन्दर जा रहा था तेज आनन्द भरी खुजली बहुत मजा आ रहा था।

मेरे जीजूजरा कस करबहुत मजा आ रहा है मेरे मुख से आखिर निकल ही गया बहुत कसी है तनिषा जानम  जीजू ने मेरी तंग चूत पर जोर लगाते हुये कहा उह्ह्ह्हबस चोद दो अबहाय रे मर जाऊँगी रामऔर जोर से दम लगाओ ना 

जीजू ने धीरे धीरे जोर लगा कर लण्ड को बच्चेदानी के मुख तक पहुँचा दिया उसका लण्ड का योनि में इतना टाईट फ़िट होने से मुझे बहुत आनन्द आने लगा था हम दोनो के शरीर एक हो चुके थे लण्ड से जुड़ चुके थे अब जीजू धीरे से धीरे मेरी चूत पर अपना लण्ड घिस रहे थे मुझे बहुत तेज उत्तेजना लग रही थी।

अब जीजू थोड़े से ऊपर उठ गये थे और अपने शरीर को थोड़ा सा ऊपर उठा लिया था अब वो लण्ड अन्दर-बाहर करके मुझे चोद रहे थे लण्ड और चूत दोनो ही चूत के पानी से सरोबार हो चुके थे और थप थप की आवाजें आने लगी थी उनके इन्हीं प्यारे धक्कों से मुझे मस्ती का ज्वार चढ़ने लगा था और मैं अपनी चूत उछल उछल कर चुदाने लगी।

मस्ती भरी चुदाई मस्त नशामस्त खुमारइतना चढ़ा कि नहीं चाहते हुये भी मेरी चूत ने रस की धारा छोड़ दी मेरी चूत जोर जोर से अन्दर बाहर होकर मचक मचक करने लगी और अपना काम रस धीरे धीरे छोड़ने लगी जीजू कुछ कुछ हांफ़ते हुये दो मिनट के लिये रुक गये। 

मैंने भी झड़ने के बाद करवट ले ली और थोड़ी सी उल्टी हो कर लेट कर आनन्द के क्षण को महसूस करते हुये मुस्कराने लगी उससे जीजू पर उल्टा ही असर हुआ उन्होंने मेरे मस्त चूतड़ों को थपथापाया और मेरी गाण्ड के पटों को चीर दिया।

भीतर से मेरी कई बार की चुदी हुई गाण्ड मुस्कराने लगी जीजू ने उसे और खींच कर खोला और अपना लण्ड गाण्ड की छेद पर रख दिया और अपना सम्पूर्ण भार डालते हुये मुझ पर झुक गये उसका लण्ड मेरी गाण्ड के भीतर सहजता से उतर गया।

मैंने भी पेट के बल लेट कर अपनी पोजीशन ठीक कर ली और गाण्ड की ढीली करके लण्ड को उसमें घुसाने में सहायता की जीजू के दोनों हाथ मेरी पीठ से सरकते हुये मेरे सीने पर आ कर जम गये मेरी गेंद जैसी चूचियों को मसलने लगे।

पहले तो मुझे तेज मीठी सी जलन सी हुई फिर तेज मीठी सी कसक तन में भरती चली गई मजा बहुत आने लगा था मेरी चूचियों पर जीजू का हाथ भारी पड़ रहा था जीजू ने अपना पूरा जोर लगा दिया और उनका कठोर लण्ड मेरी गाण्ड में घुसता चला गया गाण्ड मराई में इतना मजा आता है मैंने तो कभी सोच ही ना था ये तो जीजू के मोटे लण्ड का कमाल था।

साली की माँ चोद दूँगा साली चिकनीगाण्ड मार कर फ़लूदा बना दूँगा ओह्ह मीठी मीठी गालियाँअच्छी लग रही हैं जीजूमार दे मेरी गाण्ड  हाय रे जीजू  जोर से मार दे यार ले छिनालचुद ले अब तू भीयाद करेगी कि तुझे तेरे जीजू ने चोदा था दीदी की तरह चोदो ना ओह तो तुम सब देखती हो।

यह कह कर वो जोर जोर से मेरी गाण्ड मारने लगा। इतनी देर में मेरी चूत फिर से उत्तेजित हो चुकी थी मुझे उसी वजह से बहुत मजा आने लगा था मैं अपनी टांगे बिस्तर पर फ़ैलाये उल्टी लेटी गाण्ड चुदवा रही थी हाय राम जीजू कितने अच्छे हैं मुझे कितना सुख दे रहे हैं।

यह सोचते हुये मैं चुद रही थी कि जीजू ने जोर हुंकार भरी और अपना लण्ड मेरी गाण्ड से बाहर निकाल लिया मैंने सीधे होकर उनका लण्ड अपने हाथ में ले लिया और जोर जोर से मुठ्ठ मारने लगी तभी उसके लण्ड के सुपाड़े के बीच में से जोर की धार निकल पड़ी मैं उस धार को ध्यान से देखती रही कैसा रुक रुक कर वो दूध छोड़ रहा था मेरी छातियों पर पेट पर और कुछ बूंदें मेरे मुख पर भी बरस रही थी।

अरे रेछिः छिः ये क्या कर दिया मुझे तो गीली कर दिया तनिषा रानी जरा चख कर तो देखो क्या ये देखो उन्होंने अपनी एक अंगुली से अपना वीर्य उठा कर चूस लिया मैंने उसे आश्चर्य से देखा फिर उसी अंगली से थोड़ा सा वीर्य और उठाया और मेरे मुँह में अंगुली डाल दी उसे बताने के लिये तो मैंने उसे ऐसे जताया कि जैसे वो बहुत स्वादिष्ट हो।

फिर मैं उठी और बाथरूम में चली आई मैंने झांक कर देखा वो बिस्तर पर लेटा हुआ सुस्ता रहा था मैंने अन्दर जाकर मेरी छाती पर पड़ा हुआ वीर्य फिर से चखा फिर और पूरा ही चाट लिया उह कोई खास तो नहीं बस यूँ ही चिकना सा फ़ीका फ़ीका सापर शायद मर्द इसी बात से खुश होते होंगे।

मैंने शावर खोला और स्नान करने लगी तभी जीजू ने पीछे से आकर मुझ गीली को ही दबोच लिया और मुझे चूमने लगे मैं जीजू की बाहों में तड़प उठी उनके लण्ड ने मेरी गीली चूत में ठोकर लगानी शुरू कर दी मैंने भी अपनी टांगें चौड़ा दी रास्ता साफ़ देख कर जीजू ने मेरी चूत में अपना लण्ड घुसा दिया अह्ह्हमजा आ गया हाय। 

मैंने अपनी एक टांग साईड में ऊंची कर दी लण्ड तो जैसे जन्म-जन्म का प्यासा था अन्दर-बाहर होता हुआ उनका लण्ड एक बार और चूत में उतर गया जीजू मुझे अब बहुत जोर से आनन्दित करके चोद रहे थे जीजू ने मुझ गीली जवानी को जी भर कर चूसा मुझे मस्ती से चोदा। 

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और मैंने भी उनका मस्त लण्ड खूब उछल उछल कर लिया अपनी प्यासी चूत को लण्ड का आनन्द दिया उनका मस्त लण्ड जी भर कर खूब चूसा उसका खूब रस निकाला शाम तक मैंने जीजू के लण्ड के साथ खूब मस्ती की उनके खूबसूरत सुपाड़े को खूब चूसा अपनी मस्त जवान चूत भी चुसवाई। 

उन्होंने मेरे चूत के मटर के समान मस्त दाने को अपने होंठों से खूब चूस चूस कर मुझे मस्त किया हाय राम उस दिन तो मैंने जीजू से खूब चुदवा चुदवा कर आनन्द लिया जीजू मेरी मस्त गाण्ड को भी कितनी ही बार बजाई उनके जाने के बाद भी यह कार्यक्रम बाद में भी बहुत महीनों तक चलता रहा। 

पर समय के साथ साथ यह सब कम होता चला गया पर क्या करूँ जवानी का नशा था वो भी पहला नशा कण्ट्रोल नहीं होता है ना किसी से अपना शरीर दबवाने की नुचवाने की इच्छा तो हो ही जाती है ना दिल मचलने लग जाता है जिसे सोचने से चड्डी तक गीली हो जाती है चलो अब देखते है मेरे नसीब आगे कौन लिखा है।

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