मैने दोस्त की माँ को चोदा- Maa Ki Chudai

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अभी है और में अमृतसर से हूँ। में इस साईट की देशी कहानियों का काफ़ी पुराना फैन हूँ और आज में आपको अपनी सच्ची स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूँ। मुझे आशा है कि ये कहानी आपको जरुर पसंद आयेंगी। में ग्रेजुयेशन पूरी कर चुका हूँ और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ, मेरी बॉडी ठीक-ठाक है और थोड़ा स्मार्ट भी हूँ, चलो अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ।

ये स्टोरी मेरी और मेरे दोस्त की माँ सविता के बीच की है, आंटी के पति ज्यादातर बीमार और कमज़ोर रहते थे और दवा खाते रहते थे। अब जब से में सेक्स के बारे में जानने लगा हूँ, मेरा सविता आंटी की तरफ झुकाव बढ़ गया था। आंटी भी बहुत सेक्सी थी और उनका फिगर 29-30-33 होगा। मेरा दोस्त जिससे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती थी, जो कि सविता आंटी का बेटा था और हम दोनों एक साथ खेलते थे, हमारा एक दूसरे के घर आना जाना भी बहुत था। अब जब भी में उनके घर जाता तो आंटी की सेक्सी बॉडी को देखता रहता था और आंटी घर पर ज्यादातर नाइटी या सलवार कमीज में होती थी और आंटी ने ब्रा नहीं पहनी होती थी। अब में कई बार जब आंटी के घर जाता तो पानी पीने के बहाने किचन में जाकर किसी ना किसी बहाने आंटी की गांड को टच कर देता था। कई बार तो जब वो बर्तन साफ करती रहती थी तो में उनके पीछे जाकर खड़ा हो जाता था और मटके से पानी लेता था। इससे मेरा लंड आंटी की गांड को टच हो जाता था, लेकिन वो कुछ नहीं कहती थी और शायद मजे भी लेती थी।

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अब मेरी कहानी शुरू होती है। उन गर्मियों के एक दिन जैसे कि आपको पता हो अमृतसर में गर्मी काफ़ी पड़ती है तो जून का महिना था और मेरे दोस्त की मुंबई में जॉब लग गई थी और अंकल काम पर गये हुए थे। अब दोपहर को में घर पर बोर हो रहा था तो सोचा क्यों ना आंटी के घर जाकर ट्राई मारी जाए? फिर में आंटी के घर गया तो आंटी ने दरवाजा खोला और में अन्दर चला गया। जब आंटी ने बिल्कुल पतला सा सूट पहना हुआ था और अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी। अब मुझे उनके बूब्स आराम से दिख रहे थे और अब मेरा ध्यान बार-बार उनके बूब्स पर ही जा रहा था। अब में और आंटी बातें कर रहे थे और इतने में लाईट चली गई। अब आंटी और मुझे दोनों को पसीना आने लगा तो मैंने अपनी टी-शर्ट उतार ली और बनियान में ही बैठ गया, फिर इतने में आंटी और में बातें करने लगे।

आंटी – अभी, कितनी गर्मी हो गई है।

में – हाँ आंटी, काफ़ी गर्मी हो चुकी है।

आंटी – तू तो टी-शर्ट उतार कर बैठ गया तो बच गया है।

में – आंटी मेरे लिए तो अच्छा है मुझे गर्मी लगी तो टी-शर्ट उतार दी और ज्यादा गर्मी लग़ेगी तो बनियान भी उतार दूँगा, लेकिन आपको जितनी मर्जी गर्मी लगे लेकिन आप कुछ नहीं उतार सकते हो और ये कह कर हंसने लगा।

आंटी – तू बड़ा शैतान हो गया है और हंसने लगी।

में – आंटी ऐसे ही है। (फिर मैंने आँख मारकर स्माइल दी)

आंटी – वैसे ऐसी बात नहीं है, मुझे भी गर्मी लग रही थी तो मैंने भी कुछ तेरे आने से पहले उतार दिया था। (ये कह कर आंटी ने नॉटी सी स्माइल दी)

में – हाँ आंटी, मुझे पता है आपने क्या उतारा है?

आंटी – शैतान, क्या बात है अपनी आंटी को काफ़ी गौर से देखता है?

में – क्या करूँ आंटी? आप हो ही इतनी खूबसूरत कि खुद आपके ऊपर नजरें चली जाती है।

फिर इतने में आंटी किचन में पानी लाने चली गई और अब में भी आंटी के पीछे-पीछे गया। अब आंटी पानी पीकर ग्लास को धो रही थी, तो में जाकर आंटी के पीछे खड़ा हो गया और अब आंटी की गांड को मेरा लंड टच हो रहा था। अब आंटी ग्लास के साथ और भी बर्तन साफ करने लगी। अब में आंटी से चिपका हुआ था और अब मेरा लंड भी अपने आप खड़ा हो गया था। फिर में आंटी के और करीब हो गया और आंटी को हग कर लिया तो आंटी ने कुछ नहीं कहा, तो मैंने आंटी से पूछा।

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में – आंटी क्या में आपको किस कर सकता हूँ?

आंटी – एम्म्म।

फिर मैंने आंटी को पीछे से ही गर्दन और गालों पर किस किया तो अब आंटी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने आंटी को सीधा किया और अब उनके होंठो पर किस करने लगा। अब आंटी भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने ऊपर से ही आंटी के बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा। अब आंटी के मुँह से आआआआहह अभी, ये क्या कर रहे हो? तो में कुछ नहीं बोला और किस और बूब्स दबाता रहा। अब आंटी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, फिर आंटी ने कहा कि चलो बेडरूम में चलते है। फिर में आंटी को उठाकर बेडरूम में ले आया, फिर मैंने आंटी का सूट उतार दिया और बूब्स चूसने लगा, क्या टेस्ट था उनके बूब्स का? आअहह।

फिर मैंने उनकी सलवार भी उतार दी और अब उनकी क्लीन शेव चूत मेरे सामने थी। फिर मैंने अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाला, तो आंटी उसे देखकर खुश हो गई और मेरे लंड को चूसने लगी आआअहह, क्या मजा आ रहा था? अब आंटी ने कहा कि चल जल्दी से लंड मेरे अन्दर डाल दे अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, में काफ़ी महीने से चुदी नहीं हूँ। फिर मैंने आंटी की चूत के ऊपर अपना लंड रखा और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर डाल दिया। फिर आंटी ने कहा कि आआआआआहह अभी, इतना बड़ा लंड है। अब में ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रहा था और अब आंटी भी मेरा साथ दे रही थी। अब आंटी भी अहह अभी और तेज मुझे तो स्वर्ग मिल गया कह रही थी।

फिर मैंने आंटी को 30 मिनट तक चोदा और फिर मेरा पानी निकल गया। अब में आंटी के ऊपर ही लेट गया। फिर मैंने आंटी से कहा कि मुझे आपकी गांड मारनी है तो आंटी ने पहले तो मना किया और फिर मेरे ज्यादा जोर देने पर वो मान गई। उनकी गांड बहुत टाईट थी और इससे उनको बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन वो मजे भी ले रही थी। फिर हम दोनों एक साथ नहाये और अब मैंने गर्मियों में रोज जाकर आंटी की चुदाई की और अब भी जब मौका मिलता है तो में आंटी की चुदाई करता हूँ ।।

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