मामी को खेल खेल में नंगी कर के चोदा- Mami Ki Chudai    

हैलो दोस्तों! कैसे हो आप सब? उम्मीद है दबाकर घपाघप कर रहे होंगे। आज मै आपके लिए एक मस्त सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ। ये कहानी मेरी मामी की चुदाई की है। तो दोस्तो आपका ज्यादा वेट ना करवाते हुए मै सीधा अपनी स्टोरी पर चलता हूँ।

मेरा नाम नामिन है. हम और मेरे मामू एक ही मोहल्ले मे रहते हैं और हमारा घर साथ साथ है। इसलिए उनके घर मेरा आना जाना लगा ही रहता है. मेरे मामू की शादी को 4 साल हो गए हैं लेकिन उनकी एक ही बेटी है. मैं अपनी मामी साथ बहुत फ्रैंक हूँ और उनका दीवाना भी. मामी की उम्र 27-30 साल है और हाइट 5 फ़ीट 4 इंच. मामी का रंग दूध की तरह सफेद है। मामी का जिस्म स्लिम और कमर पतली और करवी है. अब उस चीज़ की बात करते हैं जिसका मैं दीवाना हूँ मतलब उनकी गांड और बूब्स. मामी की गांड राउंड शेप की है बाकि बॉडी की से कम्पेर मे मोटी है और बड़े बड़े बूब्स हमेशा ब्रा के अंदर कसे हुए रहते है. मैं हमेशा ही हसरत से मामी को देखता और दिल ही दिल मे मामी के गोरे गोरे गोल बूब्स चाटने का सोचता. अक्सर मै बाइक पे मामी को बाजार ले के जाता तो उनके मोटे मोटे बूब्स को अपनी कमर पे टच होता महसूस करता. और सोचता के काश कभी यह बूब्स मुझे नंगे मिल जाएं तो सारी प्यास बुझा लू और इनको काट काट के लाल कर दूँ|

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मामू का ज़्यादा टाइम ऑफिस मे गुज़रता था और उनकी बेटी का स्कूल मे. मैं अक्सर उनके घर जाता तो मामी अकेली घर होती तो मैं मामी की गांड और बूब्स को टच करने का सोचता. मामी शर्मीली है किसी को नहीं बताएँगी. लेकिन मैं अपने ऊपर कण्ट्रोल रख लेता. मामी मेरे साथ काफी फ्रैंक थी और हम एक दूसरे से काफी मज़ाक भी करते थे. लेकिन मैंने कभी उनको ऐसा नहीं लगने दिया के मैं उनके नरम जिसम का मज़ा लेना चाहता हूँ. एक दिन मैं मामी के घर गया तो मामी अकेली थी और किचन में काम कर रही थी. उन्होने टाइट शलवार-कमीज पहनी थी और दुपट्टा नहीं लिया था. जिससे उनके मम्मे बड़े साफ़ दिख रहे थे. जैसे ही वो सामान उठाने के लिए हिलती तो उनकी गोल गोल गांड भी हिलने लग जाती. जिसको देख के मेरा दिल मचल पड़ा. और मैंने फैसला कर लिया के आज मामी की गांड मे अपना लंड पेल की ही रहूँगा चाहे जो मर्ज़ी हो जाये|

थोड़ी देर बाद मामी किचन से फारिग हो के आई तो मैंने उनको लूडो खेलने का कहा और मामी मान गई. हम 35-45 मिनट तक खेलते रहे मैं मौके की तलाश मैं था के कब मामी कोई मस्ती करे और मुझे उनकी नरम गांड को टच करने का मौका मिले. मैंने जान बूझके लूडो मे घपला किया. मामी ने उसका विरोध किया और बहस करने लगी क्यूंकी इस तरह वो हार रही थी. 3-4 मिनट की बहस के बाद मामी ने पास पड़ा हुवा तकिया उठाया और मज़ाक से मुझे मार दिया. मैं इसी मौके की तलाश मे था मैंने भी तकिया उठाया और मामी को मारा. अब हम दोनों एक दूसरे को तकिया से मारने लगे. तकिया मारते हुए मामी के बूब्स उछल रहे थे और मेरी नज़र बार बार उनके मोटे मम्मों पे जा रही थी. जिसकी वजह से मेरा लंड फूल के टाइट हो गया. मामी का तकिया नीचे गिर गया और अब उन्होने मेरा तकिया छीन लिया. मैं अपना तकिया वापिस छीनने की कोशिश करने लगा. लेकिन मामी उस तकिये के ऊपर उल्टा लेट गई. मामी की नरम गांड मेरे सामने थी लेकिन अफ़सोस अभी वो नंगी नहीं थी|

मैं तकिया वापिस लेने की एक्टिंग करते हुए मामी के ऊपर आ गया और मामी को कस के पकड़ लिया. जैसे ही मैंने मामी को पकड़ा मेरा लंड मामी की नरम गांड के बीच जा लगा. मामी जो पहले हंस रही थी अब थोड़ी सीरियस हो गई और खुद को छुड़ाने लगी. मेरा लंड मामी की गांड मे लगने से और टाइट हो गया और मेरा कॉन्फिडेंस भी आसमान पे पहुँच गया. मैंने दोबारा लंड मामी की गांड के अंदर घुसा दिया और मामी को और ज़ोर से कस लिया. 9  इंच का लंड अपनी गांड मे महसूस कर के मामी बेचैन हो गई और खुद को छुड़ाने की कोशिश लगी. मामी समझ चुकी थी के यह जान बोझ के लंड अंदर घुसा रहा है|

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मामी बोली नामिन  क्या कर रहा है? मैं तेरी मामी हूँ|

मैं उस टाइम मामी की गांड के नशे मे बोला मामी जी भांजे का भी कुछ हक़ है ना|

यह कहते ही मैंने एक हाथ से ज़िप खोली और लंड बाहर निकाल के मामी की गांड मे तेज़ तेज़ रगड़ने लगा. अब मेरा मिशन मामी की शलवार उतारना था. मैंने मामी को चूमना शुरू कर दिया जिस की वजह से मामी थोड़ी मस्त हो गई और एन्जॉय करने लगी. मैंने मामी के नरम होंठों मे अपने होंठ डाल के उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए। अब मामी भी मेरा साथ देने लगी. 10  मिनट तक होंठों का मज़ा लेने के बाद मैंने मामी की शलवार पकड़ कर नीचे की तरफ खींची|

लेकिन मामी बोली जो करना है शलवार के ऊपर से ही कर|

मैं किसी मजबूर की तरह मामी से मिन्नतें (रिक्वेस्ट) करने लगा के 10 मिनट के लिए गांड नंगी कर दो बस लंड का टोपा गांड मे रगडूंगा. मामी इस शर्त पे मान गई के मैं उनके अंदर नहीं डालूँगा. मैंने जल्दी से वह्शी दरिंदे की तरह मामी की शलवार पकड़ी और उतार दी. बस क्या बताऊँ दोस्तों मामी की फुल गोरी और नरम गांड मेरे सामने थी. मुझे यक़ीन नहीं आ रहा था के मामी ने अपनी सेक्सी गांड मेरे लिए नंगी कर दी है. मैंने लंड पे थूक लगाई और मामी की गांड मे अपना मोटा लंड रगड़ना शुरू कर दिया. मामी की गोरी गांड मे अपना काला लंड देखने का मेरा सपना पूरा हो रहा था. मेरा लंड रगड़ता हुवा कभी गांड के अंदर गुम हो जाता और कभी बाहर आ जाता. मामी सिसकियाँ लेने लगी ऐसा लग रहा था जैसे उनको मज़ा आ रहा है. मामी ऊपर उठी और मेरा लंड पकड़ के मसलने लगी|

मैंने कभी सोचा भी नहीं था के मेरा लंड कभी मामी के गोरे हाथों मे होगा. 10 मिनट ऐसा करने के बाद मामी ने दराज़ से एक कंडोम निकाल लिया और मेरे लंड पे चढ़ा लिया. मैं समझ गया के अब मामी मेरा लंड अपनी चूत मे लेने वाली है. कंडोम लंड पे चढ़ा के मामी ने मुझे बेड के ऊपर वाले हिस्से के साथ टेक लगा के टांगें सीधी करने का कहा. और अपनी शलवार उतार के मेरी गोद मे आ के मेरे होंठ चूसने लगी. नीचे से लंड बार बार मामी की नंगी चूत को टच हो रहा था और चूत के अंदर अंदर घुसने के लिए बिलकुल तैयार था. मैंने मामी को कहा कमीज उतार के अपना जलवा दिखाओ ना|

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मामी ने हँसते हुए अपनी कमीज भी उतार दी. अब वो बस एक ब्रा मे थी. मामी के मोटे मोटे मम्मे ब्रा मे फुल टाइट थे. ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी जेल मे कैद हों और बाहर निकलने के लिए बेचैन हों|

मैंने मामी की ब्रा के ऊपर से मम्मों पे हाथ फेरते हुए कहा के मामी इनको आज़ाद कर दो ना इनको, इनहोने आपका क्या बिगाड़ा है|

यह सुनते ही मामी थोड़ी शरमाई और बोली के तुझे इनका बहुत एहसास है खुद ही आज़ाद कर दे न|

बस यह बात सुनते ही मैंने मामी की ब्रा के पीछे हाथ डाला और ब्रा खोल के बेड से नीचे फेंक दी. वह 2 गोल नरम मोटे और गोरे मम्मे मेरे सामने चमकने लगे. जिनको देख के मेरा खुद पे कण्ट्रोल ख़तम हो रहा था. मामी ने शरमा के दोनों हाथ मम्मों पे रख के अपने मस्त बूब्स छुपा लिए. लेकिन मैंने जल्दी से उनके दोनों हाथों को पकड़ा और हटा दिया. मामी ने शरमा के मुँह राइट साइड पे कर लिया. मामी की यह अदा देख के मैं फुल नशे मे आ गया और मामी के बूब्स पे टूट पड़ा. कभी राइट मम्मा मुँह मे ले के चूसता कभी लेफ्ट|

मामी बोली कमीने इनको आज़ाद कर के अपने कब्ज़े मे ले रहा है|

मैंने कहा मामी जी ऐसी चीज़ों को आज़ाद तो नहीं छोड़ सकते न|

मामी फुल मस्त हो चुकी थी और हाथ छुड़ा के नीचे से मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत पे सेट कर के ऊपर बैठने लगी. लेकिन इस से पहले के वो लंड अंदर लेती मैंने ज़ोर से ऊपर की तरफ झटका मारा और मोटा टोपा मामी की नरम चूत के अंदर घुस गया. चूत बहुत टाइट थी और टोपा अंदर जाते ही मामी की दर्द से चीख निकल आयी. और वह लंड बाहर निकालने के लिए ऊपर उठने लगी. लेकिन मैंने जल्दी से उनकी हिरन जैसी पतली कमर को जकड़ लिया. और एक और झटका मारा जिससे पूरा लंड मामी की टाइट चूत मे घुस गया. मामी पूरा लंड अंदर जाते ही ज़ोर से चीखी|

और बोली कमीने छोड़ मुझे और लंड बाहर निकाल तेरा लंड बहुत मोटा है जल्दी निकाल|

यह कहते हुए मामी ने हिरन की तरह ज़ोर लगा के अपनी पतली कमर छुड़ाना शुरू कर दी. कभी एक हाथ से ज़ोर लगाती और कभी दूसरे से. लेकिन मैं भूखे शेर की तरह मामी को कस के पकड़ के उनकी टाइट चूत मार रहा था. मामी की यह हालत देख के मैं बहुत मज़े ले रहा था. मैंने तो खवाबों मे ही मामी को फुल नंगा कर के उनकी चूत मारने का सोचा था. लेकिन आज वो सच मे मेरा लंड अंदर ले के तड़प रही थी. उनकी हालत देख के मुझे और जोश आ गया और मैंने कमर की ग्रिप और ज़्यादा कस ली और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. मामी बेचारी मेरे सामने अपनी चूत नंगी कर के पछता रही थी. क्यूंकी उनकी चूत मेरा मोटा लंड सह नहीं पा रही थी और वो आहह आहह आह्ह्ह्हह कर रही थी. और उनकी आवाज़ें सुनके लंड और ज़्यादा लोहा बन रहा था|

मैंने जटके और तेज़ कर दिए और मामी की आह्ह्ह्ह आह्ह्ह भी तेज़ हो गई. लंड कभी उनकी चूत से बाहर आता और कभी चूत को चीरता हुवा बच्चेदानी के अंदर घुस जाता. जैसे जैसे मामी को झटके लगते उनके मम्मे हवा मे उछल रहे थे. यह देख के मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दोबारा बूब्स पे हमला कर दिया. और वहशी कुत्ते की तरह कभी उनको चूसता और कभी चाटता. नीचे से लंड चूत का ग़ज़ब खेल भी जारी था. जिसमे लंड जीत रहा था और चूत बुरी तरह से चुद रही थी|

25 मिनट तक मस्त चुदाई करवाने के बाद मामी बोली के छोड़ दे कमीने देख मेरी क्या हालत हो गई है कमर भी दर्द हो रही है|

मैंने कहा मामी जी आपकी चूत लंड बाहर नहीं आने दे रही|

यह कहते ही मैंने आराम आराम से चुदाई करना स्टार्ट कर दी. मामी को अब मज़ा आ रहा था. लंड प्यार के साथ चूत के अंदर जाता और मामी चूत की ग्रिप कस के लंड का मज़ा लेती. मैं आहिस्ता से लंड बाहर निकालता और फिर इस तरह अंदर घुसता. 10 मिनट तक यही मस्ती चलती रही. अब मैं थक चुका था लेकिन न ही मेरा लंड थका था और न ही मामी की चूत. मैंने मामी की कमर छोड़ी तो वो मेरी गोद से उठ के बेड पे उल्टा लेट गई. मामी की कमर रेड हो चुकी थी और चूत सूज के लाल हो चुकी थी. मैंने मामी की गांड के नीचे 2 तकिये रख के चूत को लंड के बराबर कर लिया. और ज़ोर से झटका मार के पूरा लंड चूत के अंदर घुसा दिया और मामी के ऊपर लेट गया|

मामी बोली अब ज़ोर से चोद ना कमीने आज मौका मिला है तो फाड़ दे इसे|

यह सुनते ही मेरा जोश वापिस आ गया और मैं गांड उछाल उछाल के चूत मारने लगा. कमरे से फ़च फ़च की आवाज़ें आना शुरू हो गयीं और मामी भी आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह करने लगी और अपनी चूत कस के लंड को जकड़ लिया. मैं ऊपर उठा और मामी की गोरी चूत मे अपना काला लंड अंदर बाहर होने का नज़ारा देखने लगा. वाह क्या नज़ारा था. पतली कमर, गोरी गांड और टाइट चूत के अंदर लोहे जैसा 9 इंच का लंड कभी अंदर जाता और कभी बाहर निकल आता. मैंने दोनों हाथों से गांड को पकड़ा और इस नज़ारे को देखते ही देखते अंदर ही झड़ गया. कंडोम डालने की वजह से मामी को भी मेरे अंदर झड़ने से कोई प्रॉब्लम नहीं थी. और उन्होने अपनी चूत पूरी तरह कस के लंड का एक एक कतरा निकाल दिया. झड़ने के बाद मै 10 मिनट तक मामी के ऊपर लेटा रहा और फिर लंड बाहर निकाल के कंडोम उतार के उसी रूम की बास्केट मे डाल के पैंट पहन ली. और आखरी बार मामी की आँखों मे देखा. तो मामी ने शरमा के मुँह पे तकिया रख लिया और मैं भी हंस के वहां से निकल आया|

तो दोस्तों कहानी कैसी लगी एक बार ज़रूर कमेंट बताना।

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