नशे की हालत में मामी की करदी चुदाई-Mami Ki Chudai

नशे की हालत में मामी की करदी चुदाई

दोस्तों यह कोई कहानी नहीं बल्कि मेरी एक सच्ची घटना है और जैसा जैसा मेरे साथ हुआ मैंने वैसा वैसा ही लिखकर आप सभी के सामने बड़ी मेहनत करके लाकर रख दिया है। दोस्तों मेरा नाम प्रचंड है और मैं नई दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 38 साल है। मैं गठीले बदन का नौजवान हूं। नाम के अनुसार प्रचंड के लंड में बहुत दम है दोस्तो।

मेरे मोटे और लंबे 8 इंच के लंड का जो एक बार स्वाद चख ले वो ताउम्र उसकी दिये गये मजे को भूलती नहीं है। मुझे यह बात अपनी पहली चुदाई के समय ही पता चल गयी थी। जब चूदने वाली रंडी ने मेरी चुदाई की प्रशंसा में कसीदे गढे थे। उसने बताया था कि इस तरह की मजेदार चुदाई उसकी इसके पहले कभी किसी ने नहीं की थी।

रंडी अगर प्रशंसा करे तो आप सोच सकते हो कि मुझमें कोई बात तो होगी। दोस्तो आज जो मैं आपको कहानी सुनाने जा रहा हूं वो मेरे मामी से संबंधित है। दोस्तों मैं आप सभी को बता दूं कि मैंने अपनी जिस मामी को चोदा, वो मेरी अपनी सगी मामी नहीं थी बल्कि वो मेरे अपने चचेरे भाई की सगी मामी की है। यानी वो रिश्ते में मामी लगती थी।

फिजिक्स वाली मैम के साथ चुदाई का समागम-Teacher Ki Chudai

दोस्तों हमलोगों का संयुक्त परिवार है। हमारे तीन चाचा हैं वे सभी साथ रहते हैं। सभी शादीशुदा हैं और सभी के ससुराल के अपने रिश्तेदार। मेरे मंझले अंकल के साले की नौकरी दिल्ली में ही थी। वे यहां अपने परिवार के साथ रहते थे। वे मेरे चचेरे भाई दिनेश के सगे मामा थे तो इस वजह से वे भी मेरे मामा हुए।

यहीं लोकल रहने के कारण उनलोगों का आना जाना अंकल के यहां हमेशा होता था। हमलोंग चूकिं संयुक्त परिवार थे तो जिनके भी रिश्तेदार आते थे उनके साथ सभी लोगो का अच्छा मेलजोल था। कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ था कि हमलोग किसी तरह से अलग हैं। किसी तरह की कोई फिलिंग नहीं थी। मामा अक्सर हमलोगों के यहां आना जाना करते थे।

उनके साथ उनकी पत्नी जिनका नाम गीता था वो भी आती थी। मामी हंसमुख मिजाज की थी। मेरे पापा और अंकल का मजाक का रिश्ता बनता था तो वे उनसे खुलकर मजाक करते थे। कभी-कभी वे लोग सबो के सामने नॉन वेज द्वीर्थी मजाक भी कर लेते थे। मामी देखने में कातिलाना थी। मैने आज तक उनके जैसे खुबसूरत महिला जिंदगी में नहीं देखी है। कहर थी बस।

वो जब भी घर आती थी तो पूरा घर का माहौल ही बदल जाता था। मेरे पापा और मेरे दोनो अंकल तो उनके लिये बेताब रहते थे। सब के लंड में खजली होते रहती थी। मेरा बाप तो एक नंबर का अय्याश था और मेरे दोनो अंकल एक नंबर के रंडीबाज थे। इन लोगों ने ना जाने कितने मुहल्ले की औरतों को चोदकर उनके चूत का भोसड़ा बना दिया था।

ये किसी भी तरह मामी को अकेले में पाकर उनकी चूत का मर्दन करना चाहते थे। अब इसमें वे लोग कितने कामयाब हुए ये मुझे पता नहीं लेकिन मैं मामी को चोदने में कामयाब हो गया। आज उसकी वृतांत गाथा आपलोगों को सुनाऊंगा। बात 9 साल पूरानी है। मामी देखने में कातिल थी। उनकी काली चोटी एकदम नागीन जैसी थी।

जो उनके चूतड़ो के ऊपर लगटकर उसे सहलाती रहती थी। उनके बूब्स का आकार करीब 36-32-36 होगा और वो भरी-पूरी शरीर की लंबे कद की सुंदर, गोरी,आकर्षक महिला थी। दोस्तों उनके दो छोटे-छोटे बच्चे थे जो प्राइमेरी स्कूल में पढते थे। उनके पति का कोयला का कारोबार था। वो हमेशा अपने काम की वजह से बाहर ही रहते थे।

शायद इस वजह से वो अपनी पत्नी की चुदाई ठीक तरह से नहीं कर रहे थे। मेरी नजर उनपर कबसे लगी हुई थी। मैं भी मामी से अक्सर मजाक कर लेता था। रिश्ता भी ऐसा था कि किसी को कुछ फील भी नहीं होता था। मैं एक नंबर का रंडीबाज था। संगत भी गंदी थी। मेरी आदत जीबी रोड स्थित रंडीपाड़ा जाने का हो गया था।

मैं अगर दो दिन नहीं चोदता था तो मुझे बेचैनी महसूस होने लगती थी। साथ ही मुझे नशे की लत लग गयी थी। मैं काफी नशा करता था। अफीमची हो गया था। चुदाई और नशा का कॉकटेल बहुत खतरनाक होता है। लेकिन एक बात थी मेरी डाइट जबरदस्त थी और शरीर मजबूत था। मैं किसी भी लड़की या औरत चाहे वो कोई भी हो अगर देखता तो बस मेरा दिल करता था कि उसे वहीं पटक कर चोद दूं।

मेरे दिल दिमाग में नशा औ चुदाई का भूत सवार रहता था। ऐसे में गीता मामी की जवानी मेरे अंदर की शैतान को हमेशा ललकारती रहती थी। मैने तय कर लिया था कि मामी ने अगर प्यार से नहीं दिया तो जबरदस्ती उसे पटक कर चोदूंगा। पर चोदूंगा जरूर। ऐसी रसरसाई माल को छोड़ने मेरे लंड पर अत्याचार होता। मैं ये अत्याचार कैसे होने देता।

बस मैं भी अपने बाप व चाचाओं की तरह मौके की तलाश में था। मेरी दो बहने हैं। मेरी बड़ी बहन की शादि पापा ने दिल्ली में ही फिक्स कर दी थी। शादि की कार्ड बांटने की जिम्मेवारी मुझे दी गयी थी। मैं सुबह अफीम खाता और दिन भर कार्ड बांट कर घर आता और शाम को दोस्तों के साथ पाड़ा जाकर अपने लंड की गर्मी को निकालता। 

दो दिन कार्ड बांटते हो गये थे। एक रोज शाम को पाड़ा नहीं जा पाया था। मेरा मूड आॅफ था। ऐसे में पापा घर में घूसे और मुझे आवाज दी। मैं उनकी आवाज सुनकर उनके पास पहूंचा। उन्होने मुझसे पूछा कि कार्ड बांटना हो गया। मैं कहा कि बस अब सिर्फ कुछ लोगों को देना बाकी है। उन्होने पूछा गीता मामी को दिया। मैने कहा नहीं अभी तक नहीं दी है।

इतना सुनते ही वे मुझे डांटने लगे और खरी-खोटी सुना दिये। मैं मन ही मन सोचा देख साले ठर्की बुढठे को। साला दुनियां जहान का चिंता नहीं। साले को चूत मराई का चिंता है। मैने मन ही खीजते हुए कहा कि कल मैं उनके यहां कार्ड दे दूंगा। आप गुस्सा मत करिये। ये बात सुनने के बाद बुढवु शांत हुआ। खैर दूसरे दिन मैने अफीम की दो गोली गटकी और कार्ड देने निकल पड़ा।

सबसे पहले गीता मामी के घर पहुंचा। जानता था कि आज अगर मैने कार्ड नहीं दी तो मेरा बुढवु मुझे पागल कुत्ते की तरह नोच डालेगा। इधर अफीम की दो गोली असर कर रही थी। एक की जगह मैने आज दो खा ली थी। माथा सन्न था। मैंने गीता मामी के घर पहुंचकर उनका डोरबेल बजाया।

गीता अपने घर से बाहर आई और चौकते हुए बोली- अरे प्रचंड तुम। क्या बात हैं। अचानक कैसे आना हुआ। मैने कहा- अब आपके यहां पूछ के आना होगा। ये दिन आ गये मेरे। गीता- अरे नहीं बाबू। आओ अंदर आओ। अंदर बैठ के बाते करते हैं। तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी।

वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी और मुझसे बातें करनी लगी। उसने बताया कि वे घर पर अकेली हैं। बच्चे स्कूल गये हुए हैं। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। ये देखकर ही मेरा शैतान जाग गया।

मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो टन कर खड़ा हो गया। इतने में मामी उठी और कहा कि मैं तेरे लिये चाय बनाती हूं तुम बैठो, मैं बस आई। इतना कहकर वो अपने कुल्हों को मटकाते हुए मेरे पास से चली गयी। घर में कोई था नहीं और मेरे ऊपर सेक्स सवार हो चूका था। मैने सोचा प्रचंड आज मामी को खिला दो लंड। ऐसा मौका फिर नहीं मिलने वाला है। जो होगा सा देखा जाएगा।

नशे में मेरा दिमाग ऐसे ही सन्न था। अफीम असर कर रहा था। मेरी आंखे वासना में लाल हो चूकी थी। मैं बिना कुछ सोचे समझे उठा और मामी के पास पहूंच गया। मैंने देखा कि मामी किचन में थी और चाय बना रही थी। मैंने मन ही मन में सोचा कि मुझे इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता, क्योंकि उस समय उनके घर में और कोई भ नहीं था।

पापा की हवस का शिकार बनी बेटी-Baap Beti Ki Chudai

मैंने चुपके से मामी को पीछे से पकड़ा और में उनके चूचियों को पकड़कर निचोड़ दिया। मेरे इस हरकत पर वो हैरान थी। अचानक किये गये इस कार्य से वो हतप्रभ थी। वे मेरे जकड़न से छूटने का प्रयास करने लगी। हम दोनों मे खींचा तानी शुरू हो गयी थी। इस खींचा-तानी में मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा लंड उनकी जांघो के बीच जा लगा.

लेकिन मुझे उस समय एक अजीब सा एहसास होने लगा था। मुझसे छूटने के लिये वो थोड़ा सा पीछे सरक गयी, जिसकी वजह से मेरा खड़ा लंड अब उनकी जांघो के बीच चुभने लगा था। इस तरह से मैं उनके गांड पर अपना लंड रगड़ता रहा। करीब दस मिनट तक ऐसा होता रहा। वे मुझसे छूटने की मिन्नते करने लगी। कहा कि प्रचंड ये सही नहीं होगा। ये गलत है।

तरह-तरह की धमकियां भी दी। लेकिन नशे की शुरूर में कहां सुनने वाला था। मैने उनसे साफ कह दिया या तो प्यार से दो या जबरदस्ती मैं तुम्हे बीना चोदे नहीं जाऊंगा। अब जो होगा सो होगा। मैं वादा करता हूं कि ये बात किसी को पता नहीं चलेगा। उससे भी बड़ी बात कि मैं जैसा तुम्हे चोदूंगा और जो तुम अनुभव करोगी वैसा चुदाई का अनुभव तुमने कभी नहीं किया होगा।

मुझे पता है कि उम्रदराज मामा तुम्हारे जैसी सेक्सी औरत को संतुष्ट नहीं कर पाता होगा। इतना कहकर मैंने उन्हे सीधा करके अपने करीब किया और फिर बिना देर किए उनकी नाइटी के ऊपर से अपने एक हाथ को अंदर डाल दिया। आंखों में आखे मिलाकर कहा मान जाओ। उसने मुझसे कहा कि नहीं मानोगे।

मैंने कहा किसी कीमत पर नहीं। इसके साथ ही मैने उनके गोलमटोल बूब्स को सहलाते हुए जोर दबा दिया। इतना सब करके अब उनकी बैचेनी बहुत बढ़ गयी थी। तभी मैंने मौका देखकर उनकी गांड में चिकोटी काटी और उनकी गांड में नाइटी के ऊपर से ही अपनी एक उंगली को भी डाल दिया। इस बार उन्होने विरोध नहीं किया। वो तैयार हो चूकी थी।

मैने उन्हे गोद में उठाया और बेडरूम ले गया। अब मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उन्हे बिस्तर पर लिटाकर उनके रसभरे होंठो को चूसने लगा और उनकी लिपस्टिक का वो स्वाद मुझे अच्छे लगने लगा था। वो भी पूरी तरह से मेरा साथ देते हुए मेरे मुंह में अपनी जीभ को डालने लगी थी। मेरी जीभ को चूसने लगी थी।

अब तक मैं यह सब करते हुए बेड के नजदीक आ चुका था। मैंने उनके होंठो को चूसते हुए उन्हे बेड पर लिटा दिया और फिर उनकी नाइटी को उतार दिया। वो पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। ना उन्होने ब्रा पहन रखा था और न ही पेंटी। ये देखकर मेरा दीमाग खराब हो गया। अब मैंने पागलों की तरह उनके दोनों बूब्स को जोर जोर से दबा दबाकर सेब की तरह एकदम लाल कर दिए।

उतने देर से मामी को लगातार आलिंगन में लिये हुए था। मेरे शरीर की गर्मी और मेरे लंड की कसावट उन्हें महसूस होने लगी थी। औरत कितनी भी सति-सावित्रि हो अगर वो लंड खाई हुई है और लगातर उसके उफान को महसूस कर रही है तो वो अंतत: पिघल ही जाती है। और फिर मामी समझ चूकी थी कि मैं आज उनको बिना चोदे उनके घर से जाने वाला नहीं था।

तो उन्होने मेरा साथ देना ही बेहतर समझा। मेरे साथ वो भी एक्टिव हो गयी। उन्होंने मेरे निक्कर में अपने एक हाथ को डाल दिया और मुझे बिस्तर पर लेटने का इशारा किया। फिर मैं भी वैसा ही करने लगा और अब मामी ने बिना देर किए मेरे भी सारे कपड़े तुरंत ही उतार दिए और फिर वो मेरे लंड को अपने दोनों बूब्स के बीच में रखकर रगड़ने लगी थी.

और मैं उनके होंठो को दबा रहा था, साथ ही अपने एक हाथ से उनके बूब्स को सहला रहा था। फिर वो कुछ देर बाद नीचे जाकर अब मेरे लंड को चूमने लगी थी मेरे लंड के आसपास के हिस्से को चूमकर सहलाकर मामी ने मेरे लंड को अब अपने मुंह में भरकर लोलीपोप की तरह चूसना शुरू किया।

वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को पूरा अंदर बाहर बीच बीच में टोपे पर अपनी जीभ को भी घुमाकर चूस रही थी। दोस्तों यह सब करीब दस मिनट तक करने के बाद में झड़ गया और मैंने उनके मुंह में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया। अब मामी ने मेरे लंड के टोपे को आईसक्रीम की तरह मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया.

और फिर अपनी चूत को मेरे मुह के सामने रख दिया। अब मेरी बारी थी अपना कुछ कमाल दिखाने की। फिर मैंने भी उनकी गीली जोश से भरी चूत के होंठो पर अपना मुंह लगाया और में अपनी जीभ से ही कुछ देर चूत को चूसने के बाद चुदाई करने लगा था। फिर कुछ देर बाद मामी ने भी अपना पानी मेरे मुह में निकाल दिया और अब मैं उनके बूब्स से खेलने लगा था.

और वो मुझे अपनी बड़ी ही मादक नजरों से देख रही थी। फिर मामी ने मेरे लंड को अपने मुलायम हाथ से पकड़ा और इशारा करके मेरे लंड को अपनी पावरोटी जैसी चूत के अंदर डालने के लिए कहा। फिर में तुरंत खुश होकर वो काम करने के लिए तैयार हो गया. लेकिन जब में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डालने लगा.

तब मुझे देखकर महसूस हुआ कि मेरा लंड का टोपा उनकी चूत के छेद की अपेक्षा बहुत मोटा था और इसलिए लंड को अंदर डालने से उनको दर्द बड़ा तेज हो रहा था। लेकिन मामी पूरी तरह से कसमसा रही थी। अब उसे लंड के तीव्र झटकों की जरूरत महसूस हो रही थी। खेली खाई औरत अपनी जात दिखा ही देती है। मामी अब अपने पूरे शबाब में थी।

अब उसका असली चेहरा सामने आ गया था। इधर मेरा लंड उसकी चूत की ओर मुंह उठाए खड़ा था। मामी मेरी ओर देखते हुए बोली- आजा मेरे राजा, खा जा मेरी इस जवानी को। तेरा बुढठा मामा से कोई काम नहीं होता। साले ने मेरी जवानी बर्बाद कर दी है। आज रौद दे इसे अपने रौंदे से। इतना सुनते ही मैं मामी के ऊपर चढ़ गया और उनकी चूचियों को दबाने और चूसने में लग गया।

मामी मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोल रही थीं- आह चोद ले मरे राजा। खा जा इसको, आह और चूस। मामी सिसकारियां लेते हुए बोलीं- प्रचंड अब इतना मत तड़पाओ। खा जाओ मेरे चूत को। ये मुझे बहुत परेशान करती है। साली को लंड ही नहीं मिलता है। इतना सूनते ही मैने अपने काले नाग के ऊपर पूरा भरपूर थूक लगा दिया और चूत के मुंह पर रखकर पूरे जोर से झटका दे मारा।

लंड चूत को फाड़ते हुए अंदर की ओर प्रस्थान कर गया। मामी की आंखे फटी की फटी रह गयी। उसने इस तरह के धक्के की उम्मीद नहीं की थी। मैं धीरे-धीरे उनके चूत के अंदर ही झटके देने लगा। मामी चूदते हुए बोल रही थीं- क्या मस्त लंड है तेरा प्रचंड। तेरे मामा का तो इसका आधा भी नहीं है। उसको चुदाई में मन ही नहीं लगता है, आज तो तू मेरी चूत फाड़ ही देगा।

मैं धक्के लगातार लगा रहा था। मेरी मस्तानी मामी मछली की तरह तड़पते हुए सिसकारियां लेते हुए बोलीं- आह और जोर चोद मुझको। हां ऐसे ही। तेरा लंड मेरी चूत की पूरी खुदाई कर रहा है। आह… अब मैने तेज झटके लगाने शुरू कर दिये। कभी लंड को पूरा बाहर निकलता कभी पूरा घूसा देता। इस तरह से पूरी ताकत से मामी को चोद रहा था।

मामी भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थीं और बोल रही थीं- ऐसा भी चुदाई होता है प्रचंड। ये आज मैने जाना। अच्छा हुआ तुमने जिद किया और मुझे ये मजा दिया। आज औरत का सुख मुझे मिला है। मैने जबरदस्त तरीके से उनकी 30 मिनट तक खुदाई की। उसके बाद मैं बोला- मामी मेरा आने वाला है, कहां निकालूं?

मामी बोलीं- मेरी चूत में ही झड़ जा, ये बहुत दिन से सूखी है। फिर 70/80 धक्कों के बाद मैं मामी की चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर लेट गया। जोरदार चुदाई के बाद वो दर्द में थी। दोस्तों कुछ देर बाद मामी ने अपना दर्द कम होते ही मेरे लंड को सहलाते हुए चूसने लगी। मैं समझ गया कि इस रंडी को एक और पानी की जरूरत है। 

मेरा भी लंड तनकर खड़ा हो गया। मैं उनकी गांड में अपनी एक उंगली को डाल दिया और अपने दूसरे हाथ से उनकी चूत में खुजली करने लगा। अब वो मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे पागल कुतिया की तरह नोचने लगी। वो खुद अपनी चूत में मेरे लंड को डालकर जोर-जोर से झटके देने लगी थी। वीर्य की वजह से उनका पूरा चूत गिला था।

पूरे कमरे में चुदाई की आवाज गूंजने लगी थी और अब वो सिसकियां लेते हुए मुझसे कहने लगी, वाह मेरी जान आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मजा मिला है। अक्सर मामा बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें मेरे यौवन की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना पड़ता है। आज तुम्हारी जिद के सामने मुझे भी कुछ हो गया।

दोस्त की बीवी को दिया चुदाई का सुख-Antarvasna Sex Story

कितना बड़ा लिंग है तुम्हारा। लगता है बड़ी ब्लू फिल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा लंबा कर लिया है। मैं रोज इसका स्वाद चखना चाहती हूं। फिर वो सिसकियां लेते हुए मेरे लंड पर ऊपर नीचे होकर मुझसे कहने लगी ऊफ्फ्फ्फ वाह तूने तो मेरा मन आज खुश करके मेरा दिल जीत लिया वाह रे मजा आ गया तूने तेरे इस दमदार लंड को अब तक कहां छुपा रखा था?

तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला। दोस्तों वो ऐसे ही बड़बड़ाती रही और जब तक हम दोनों का जोश ठंडा नहीं पड़ा वो तब तक मेरे लंड की सवारी करती ही रही। दोस्तों उस दिन मजे लेने के बाद अब जब भी हम दोनों को कोई भी अच्छा मौका मिलता था तो हम एक दूसरे के साथ खुश होकर यह काम जरूर करते थे।

कभी वो मेरे ऊपर तो कभी मैं उनके नीचे लेटकर बड़ा खुश होकर उनकी प्यासी चूत को चोदकर उसको पूरी तरह से संतुष्ट करता था। इसके कुछ दिनों बाद उनकी गांड मारने की ख्वाहिश भी जोर मारने लगी। मैंने मामी की गांड कैसे मारी, वो मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा। दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची घटना मुझे उम्मीद है सभी पढ़ने वालो को यह जरुर पसंद आएगी और अब में चलता हूं।

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *