मैं बनी बॉस की रंडी-Office Sex Story

मैं बनी बॉस की रंडी

नमस्कार दोस्तो मैं एक बार फिर से अपनी यानि फातिमा खान की ऑफिस सेक्स स्टोरी लेकर हाज़िर हूँ अब फातिमा की ऑफिस सेक्स स्टोरीज उसी की जुबानी सुनिए मैं फातिमा खान उम्र 35 साल फिगर 36-32-36 का है। 

मेरा तलाक हो जाने के बाद मैं अपने मायके में ही रहती थी लेकिन मायके वाले भी कब तक रखते एक औरत का मायका तब तक ही होता है जब जब तक उसके माता पिता जिन्दा होते हैं उनके गुजरने के बाद मायका मायका नहीं होता। 

यही हाल मेरे साथ भी हुआ तीन साल लगातार मायके में रहने के कारण भैया भाभी का बर्ताव बदल गया था मुझे रॉयल लाइफ पसन्द है शायद इसलिए वो मुझे अपने से दूर करना चाहते थे मैं भी अपने जीवन यापन के लिए जॉब ढूंढ रही थी।

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रांची में हमारे एक रिश्तेदार रहते हैं उन्होंने बोला- एक कन्सट्रूक्शन कंपनी में बॉस को पीए की जरूरत है अगर काम करना है तो आ जाओ मैं भी अपनी जिन्दगी अकेले जीने की चाह में 4 दिन बाद रांची गयी।

लेकिन उस कंपनी ने एक पीए पहले ही रख लिया था कुछ दिन रांची में रुक कर एक छोटी सी जॉब करने लगी ये जॉब कॉल सेंटर में दिन की शिफ्ट थी मैं अपने रिश्तेदार से दूर हट कर एक बैचलर रूम ले रहने लगी। 

ऐसे करते करते 6 महीने बीत गए मै चुदक्कड़ हु मुझे चुदाई का मन करने लगा लेकिन यहां रांची में 6 महीने से कुछ नहीं मिला था बस हाथ की उंगली गाजर आदि से ही चुत का काम चला रही थी तभी मुझे फिर पता चला कि फिर से उस कंपनी के बॉस को पीए की जरूरत है। 

मैंने तुरंत अपने सारे कागजात तैयार किए और इंटरव्यू के लिए आ गयी ऑफिस पहुंचने के बाद रिसेप्शन पर बताया कि मैं इंटरव्यू देने आयी हूँ उन्होंने मुझसे बोला- ओके आप बैठो थोड़ी देर में बॉस बुलाएंगे तो आप अन्दर चली जाना।

उस दिन मैं बैकलेस ब्लाउज और काले रंग की साड़ी पहन कर गयी थी काफी हॉट लग रही थी थोड़ी देर में मुझे अन्दर बुलाया गया मैं अन्दर गयी तो सामने बॉस बैठे हुए थे उनकी उम्र करीब 40 साल से ज्यादा की नहीं थी वो हट्टे-कट्टे मर्द थे उन्होंने मुझे बिठाया।

मैंने उनको गुड मॉर्निंग बोला और बैठ गयी उन्होंने मेरे कागजात देखे और कहा- आपका नाम मैंने उन्होंने अपना नाम फातिमा बताया फिर उन्होंने बोला- ठीक है आप बाहर बैठो मैं थोड़ा डरी कि कहीं ये नौकरी हाथ से न निकल जाए मैं बाहर सोफे पर बैठ गयी।

थोड़ी देर बाद रिसेप्शनिस्ट आया और उसने मुझे एक लेटर दिया वो बोला- आज से आपकी नौकरी पक्की आपको बॉस की पीए बन कर रहना है अगले दिन से आप काम शुरू कर सकती हो मैं बहुत खुश हुई वेतन की बात हुई 40000 रुपए इतना पैसे की वेतन सुन कर मैं तो हवा में उड़ने लगी।

मैं अगले दिन ऑफिस आयी बॉस के बगल वाले रूम में मेरा केबिन था लेकिन मेरे केबिन में दो गेट थे एक जो बाहर खुलता था और दूसरा जो सीधे बॉस के चैम्बर में जाता था शायद ये इसलिए था कि कोई काम जल्दी निपटाना हो तो यहीं हो जाए।

पहला दिन ठीक-ठाक गया बॉस एक बिल्डर थे बहुत से लोगों से मिलते जुलते पेमेंट करते उन सबका ध्यान मुझे रखना पड़ता एक हफ्ते में मुझे बॉस ने एक गाड़ी दे दी उन्होंने पूछा- कहां रहती हो तो मैंने बताया कि एक छोटा सा रूम लेकर रहती हूं।

उन्होंने तुरंत मुझे एक चाभी दी और बोले- यहां बगल में मेरा एक फ्लैट है तुम वहां रह लो क्योंकि तुम दूर से आती हो और तुम जैसी खूबसूरत महिला एक छोटी सी खोली में रहे ये मुझे अच्छा नहीं लगेगा मुझे थोड़ा अजीब सा लगा मैं- थैंक्स सर मेरा काम तो उधर भी चल ही जाता है।

फिर उन्होंने अपनी बात बदलते हुए कहा- तुम एक नामी कंपनी में काम करती हो न कि किसी छोटी कंपनी में कोई देखेगा तो क्या कहेगा! आज से तुम यहीं रहना तुम अपना सामान यहां शिफ्ट कर लो मैं गाड़ी भिजवा देता हूं।

इन सब चीजों से मैं समझ गयी कि कुछ गड़बड़ है मुझे समझ में क्यों न आता मैं भी तो खेली खायी हुई हूँ मैंने उस दिन नोटिस किया कि वो मेरे उभारों को बहुत गौर से देखते हैं शाम को जब मैं ऑफिस से निकलने लगी तो बॉस ने मुझे रोक लिया।

वे बोले- कुछ अपॉइंटमेंट कैंसिल करने हैं उनकी लिस्ट दो मैं बताता हूं मैं रुक गयी उन्होंने पूरे लिस्ट पर क्रॉस लगा दिया और बोले- कल किसी से कोई मुलाकात नहीं होगी मैंने ओके बोल दिया फिर उन्होंने कहा- बैठो मैं बॉस के सामने वाली चेयर पर बैठ गयी मैं ऑफिस में अक्सर साड़ी पहन कर ही जाती थी।

बॉस ने कहा कि तुम मुझे बहुत पसंद हो मैंने तुम्हें नौकरी तुम्हारी स्किल को देख कर नहीं बल्कि तुम्हारे हुस्न को देख कर दी है इस तरह की सीधी बात से मैं चौंक गयी मैं बॉस से बोली- सर आप क्या बोल रहे हैं बॉस बोलते ही जा रहे थे वो मुझे बोलने का मौका तक नहीं दे रहे थे।

बॉस ने कहा कि तुम्हें मैं सब कुछ दूंगा तुम जो चाहोगी वो मिलेगा बस तुम एक बार हां कर दो मैं बॉस से बोली- सर ये गलत है आप शादीशुदा इंसान हैं बॉस बोले- क्या शादीशुदा इंसान को अपने तरीके से प्यार करने का कोई हक़ नहीं होता तुम तलाकशुदा हो तुम्हें भी एक सहारे की जरूरत है।

बॉस की इस बात ने मुझे झकझोर कर रख दिया मैं सोचने लगी कि लंड की जरूरत तो मुझे भी होती है किसी दूसरे के लंड से अच्छा है कि बॉस का लंड ले लूं इन्होने मुझे आसरा दिया है और इनका हक भी बनता है बॉस बोले- सोचो मत अपने लिए भी कुछ सोच लो।

मेरे अन्दर की वासना से तप्त आत्मा बोली कि सोच क्या रही है तेरे लिए लंड इंतजाम हो गया है जल्दी से चुत खोल कर लेट जा मैं बॉस से बोली- सर मुझे सोचने का मौका दीजिये सर बोले- मौका तुम्हें एक ही हफ्ते में घर गाड़ी और इतनी सैलरी दे रहा हूँ तुम्हें यकीन नहीं है क्या! इतना मत सोचो  ये लो  अगर हां है तो इसे मंजूर कर लेना  मैं शाम को आऊंगा वरना कल से नौकरी पर मत आना।

सर ने मुझे एक गिफ्ट पैक दिया मैं सोच में पड़ गयी कि अगर मैं न बोलती हूँ तो ये नौकरी घर और ऐशो आराम सब निकल जाएगा जिसके लिए में हमेशा के लिए तरसती रही हूँ रास्ते में यही सोचते मैं घर आई फिर मैंने सोच लिया कि वैसे भी एक तलाकशुदा औरत को कोई पूछता नहीं है। 

ऊपर से कोई पूछ भी रहा है तो क्या दिक्कत है जिस्म की आग भी ठंडी हो जाएगी और आराम से रहूंगी भी जहां मुझे कोई रोकने टोकने वाला नहीं सर ने बोला था कि मैं शाम को तुम्हारे घर आऊंगा उधर नयी शुरुवात के लिए या आखिरी मुलाकात के लिए।

मैंने गिफ्ट पैक खोल कर देखा उसमें एक लॉन्ग सूट था और बस एक थोंग पैंटी थी मैं समझ चुकी थी कि मुझे क्या करना है मैं फ्लैट में गई और वो ड्रेस पहन तैयार हो गयी सर गाड़ी से अपार्टमेंट के नीचे आए उन्होंने मुझे कॉल किया मैं तुरंत नीचे गयी और उनको देख कर मुस्कुरा दी।

सर ने काला चश्मा लगाया हुआ था कार की शीशा नीचे करके चश्मा निकाल बॉस मुझे देखने लगे उफ्फ्फ उनके देखने का स्टाइल भी मस्त था मैं उनके पास बिना कुछ बोले खड़ी थी उन्होंने मुझे गाड़ी में बैठने को बोला मैं गाड़ी में बैठ गई।

मैं चुप थी वो गाड़ी को लॉन्ग ड्राइव पर लेकर चल दिए गाड़ी चलाते हुए सर ने मुझसे कहा- इस ड्रेस में बड़ी मस्त माल लग रही हो मैं हंस दी मेरे हंसते ही सर ने बहुत सी रोमांटिक बातें की मैं आपलोगों को क्या क्या बताऊं कि उन्होंने मुझसे कितनी गंदी गंदी बातें की मैं वो सब बताउंगी तो आप बोर हो जाएंगे।

हम लोगों ने एक रेस्टोरेंट में खाना खाया मैं उनकी बातों में हां में हां मिला रही थी फिर वापस घर आने के क्रम में उन्होंने मेरा हाथ गाड़ी में पकड़ा और मुझे अपनी तरफ खींचा मैं भी बिना कोई उज्र किये उनका साथ दे रही थी मानो उनसे मुझे प्यार हो गया हो मैं कुछ समझ पाती इससे पहले वो मेरे होंठों को चूमने लगे।

अब तक रात घिर आई थी रात के अंधेरे में सुनसान सड़क पर गाड़ी में दोनों चुम्बन का मजा ले रहे थे मैं भी उनका साथ दे रही थी क्योंकि बहुत दिनों के बाद मेरे तन की प्यास मिटने वाली थी बॉस मेरे शरीर के हर हिस्से को ऐसे सहला रहे थे मानो मेरे हर अंग का माप ले रहे हों। 

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उनकी इन हरकतों से मेरी चुत गीली हो गयी थी मैं बिल्कुल गर्म हो गयी थी फिर सर ने मुझे मेरे अपार्टमेंट के ठीक कुछ दूरी सुनसान जगह देख कर गाड़ी रोकी और कहा- ये हमारा शुरुआत है आगे तुम वो मिलेगा जो तुमने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

मेरे दिमाग ये चल रहा था कि अब मुझे रूम पर ले जाकर मुझे मसल देंगे लेकिन उन्होंने मुझे गाड़ी से उतरने को बोला मैं गाड़ी से उतर गयी फिर उन्होंने बोला- अपनी पैंटी उतार कर मुझे दे दो मैं ये सुनकर थोड़ी सी हैरान हुई फिर समझ गयी कि आज से मैं इनकी रखैल हूँ।

मैंने इधर उधर देखा और पैंटी निकाल कर सर को दे दी वो मुझे आंख मार कर बोले- कल तैयार रहना दुल्हन की तरह सजना कल हम लोगों का मिलन का दिन है फिर पैंटी सूघते हुए सर चल दिए मैं अपने रूम में आकर उंगली करके कल के बारे सोचती रही अगले दिन जब ऑफिस गयी तो वहां से बॉस मुझे गाड़ी में बैठा कर अपने फार्म हाउस पर ले कर गए।

वहां 2 मेकअप करने वाली लड़कियां थीं बॉस ने उन दोनों से बोला- आज हम दोनों शादी कर रहे हैं इसे दुल्हन की तरह तैयार करो उन दोनों ने मुझे दुल्हन की तरह तैयार किया मुझे लाल लहंगा लाल चोली पहना कर तैयार कर दिया मुझे वो दिन याद आ गए जब मेरी शादी हुई थी फिर वो लड़कियां चली गईं।

बॉस ने मुझे अपने बेडरूम में जाने को कहा जहां वो रूम बिल्कुल सुहागरात होने वाली हो वैसे सजा हुआ था मैं बेड पर दुल्हन की तरह घूंघट निकाल कर बैठ गई और उनका इंतजार करने लगी मेरे दिल में एक डर और उत्सुकता भी थी थोड़ी देर में सर आए और मेरे घूंघट को उठाते हुए बोले- आज से तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा हम दोनों में शादीशुदा जैसा रिश्ता रहेगा पर मंगलसूत्र और सिंदूर की दूरी रहेगी।

मैं सर झुकाए रखा फिर उन्होंने मेरी नथ उतारी और मेरे होंठों को चूसने लगे मैं भी वासना के वशीभूत थी क्योंकि मैं भी बहुत दिनों से चुदी नहीं थी मैं उनका साथ दे रही थी वो मेरे होंठों को चूमते काटते अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा कर मेरी जीभ को चूसने लगे थे मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी।

धीरे धीरे वो मेरी चूचियों के साथ खेलने लगे मेरे मुँह से सीत्कार निकलने लगी लेकिन मैं अपने आपको समेट कर रखना चाह रही थी जिससे उनको भनक न लगे कि मैं एक चुदक्कड़ माल हूँ उन्होंने मेरी चोली को उतार कर फेंक दी  एक हाथ से मेरी एक चूची को मसलते हुए बॉस मेरी दूसरी चूची को चूस रहे थे।

मेरी सांसें तो अभी से फूलने लगी थीं फिर उन्होंने अपनी कमीज उतार कर हटा दी जब उनका मन मेरी चूचियों से खेलने से भर गया तब सर ने मेरे लहंगे की डोरी खोल दी और एक झटके में लंहगा उतार कर दूर फ़ेंक दिया मैं उस दिन बिना ब्रा पैंटी के थी मेरे दोनों हाथ चुत पर चले गए जिससे चुत ढक गयी।

फिर उन्होंने मेरे हाथ हटा कर मुझे चित लिटा दिया और मेरी चुत को चाटना काटना शुरू कर दिया मेरे मुँह से बस ‘इस्स उफ्फ हाईई दैया की कामुक सिसकारियों के अलावा कुछ नहीं निकल रहा था मैं बस अपने एक हाथ से चूचियां दबा रही थी और दूसरे हाथ से उनका सिर पकड़ कर अपनी चुत पर दबा रही थी। 

सर ने 10 मिनट तक मेरी चुत चाट चाट कर मुझे झाड़ दिया फिर उन्होंने अपना पैंट उतार कर लंड निकाला सर का लंड 8 इंच लंबा और 3 उंगलियों के जितना मोटा लंड था उनका मूसल देख कर मेरी आंखें फैल गईं।

वो अपने लंड को हाथ में लेकर मुझसे बोलने लगे- देख लो फातिमा आज से इसको जन्नत की सैर तुम्हें करवानी है मैं तो बस सर के बड़े लंड को देख कर मस्त हुई जा रही थी अन्दर से कुछ डर भी था कि कहीं चुत फट न जाए फिर वो मेरे मम्मों के पास लंड लाते हुए बोले- अब इसे चूस लो जान।

मैं नाटक करते हुए बोली- मुझे अच्छा नहीं लगता सर बोले- एक बार चूसो आज से सब अच्छा लगेगा मैंने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने बोला- लॉलीपॉप चूसी है न वैसे ही इस लंड को लॉलीपॉप समझ कर चूस लो यह कहते हुए उन्होंने अपना लंड मेरे होंठों पर रख दिया मुझे लंड की मस्त महक आ गई।

फिर में लंड पर हल्का हल्का किस करते हुए जीभ से सुपारा चूसने लगी उनके लंड का स्वाद मेरी वासना को और भड़काने लगा सर अब तक मेरे मुँह में लंड घुसेड़ कर उसको आगे पीछे कर रहे थे साथ ही वे अपने एक हाथ से मेरी चुत को मसल रहे थे।

थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद सर ने मेरी टांगों को उठाया और अपना मोटा लंड चुत पर लगा दिया मैं एकदम से सिहर उठी सर के मोटे लंड का दहकता सुपारा मेरी चुत को फाड़ने के लिए फांकों में रगड़ने लगा था सर ने धीरे धीरे करते हुए मेरी चुत में अपना लंड घुसाया आप ये समझिये कि चुत में जब लंड गया तो काफी दर्द हुआ।

लेकिन ऐसी वासना और इतने इत्मीनान से लंड चुत के अन्दर गया कि मुझे दर्द का अहसास तक नहीं हुआ मगर तब भी मैंने सर को मजा देने के लिए ड्रामा किया और चिल्लाई उधर सर ने अपना पूरा लंड पेल कर ही दम ली फिर वो आराम से मेरे ऊपर झुक अपने लंड को मेरी चुत में अन्दर बाहर करने लगे।

मैं भी काम वासना से भरपूर मादक सिसकारियां लेते हुए मजे ले रही थी वो कभी मेरी चूचियों को चूसते कभी उन्हें नौंचते  कभी मेरे होंठों को चूसते काटते  और लगातार कमर को हिलाते रहते जिससे मेरी चुत में उनका लंड किसी पिस्टन की तरह चल रहा था।

सर ने इसी पोजीशन लगभग 20 मिनट चोदा जिससे में 2 बार झड़ी फिर उन्होंने अपना लंड निकाल कर अपना सारा माल मेरी नाभि पर उड़ेल दिया और हांफते हुए एक साइड लेट गए  मैं भी वासना के वशीभूत होकर हांफने के बाद थक कर सो सी गई 

फिर दस मिनट बाद वो उठे और बोले- कभी गांड में लंड लिया है मैं बोली- नहीं गांड में भी कोई लंड लेता है क्या मैंने झूठ बोल दिया था वो घमंड से बोले- हां गांड में भी लंड पेला जाता है चलो आज तुम्हें सब बताता हूं कि औरतें कहां कहां लंड लेती हैं उन्होंने फिर अपना लंड मुझसे चुसवाया मैंने सर का लंड चूस कर फिर से खड़ा कर दिया।

अब उन्होंने मुझे पलंग पर ही घोड़ी बना दिया और खुद वो पलंग के नीचे खड़े होकर मेरी गांड के छेद पर तेल गिराने लगे तेल के बाद सर उंगली करने लगे  मेरी गांड में उंगली जाती तो मुझे हल्का सा दर्द और जलन होती मैं सिसकारियां ले कर सर से आनन्द ले रही थी।

फिर उन्होंने अपने लंड पर तेल लगा कर गांड के छेद में सुपारा घुसा दिया जिससे मुझे बेहद दर्द हुआ मैं चिल्लाते हुए आगे को हो गयी जिससे उनका सुपारा छेद में से निकल गया उन्होंने मुझे दबोच कर कहा- साली रंडी दर्द हो रहा है तो खुल कर चिल्ला यहां कोई नहीं है जो तेरी चीख सुनेगा लेकिन अगर दुबारा छेद से लंड बाहर निकाला तो तेरी खैर नहीं।

मेरी कमर को पकड़ कर उन्होंने मेरी गांड में लंड डाल दिया कुछ देर के लिए तो मेरी आँखों के सामने एकदम अंधेरा सा छा गया फिर धीरे धीरे वो लंड को आगे पीछे करने लगे लंड आगे पीछे होने दर्द के साथ गांड मरवाने की मस्ती आ रही थी फिर सर ने बोला- मेरी जानू को दर्द हो रहा है।

मैं मरी कुतिया सी बोली- हां तब उन्होंने हल्का सा गांड में से लंड निकाल लंड पर थूक गिराया और इससे पहले में कुछ समझ पाती वो सटा सट गांड में लंड पेलने लगे मैं दर्द से छटपटाने लगी और बिस्तर की चादर को मुट्ठी में भींच ली वो लगातार गांड मारे जा रहे थे और बोल रहे थे- आह लवली और ले साली आज से तू मेरी रखैल है जब तुझे चाहूंगा तब चोदूंगा।

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अब मैं भी खुल कर चुदाई का मजा लेने लगी थी वासना में आकर मैं भी बोलने लगी- हां सर आज से मैं आपकी रंडी हूँ अंन्हह चोदिये मुझे मैं अपनी गांड को मटका मटका कर चुदने लगी सर ने अपने लंड को गांड से निकाल कर मुझे बेड पर सीधा लेटाया और दोनों टांगों को ऊपर कर मेरी गांड में लंड डाल कर गांड मारने लगे।

आधा घंटा गांड मारने के बाद उन्होंने अपने लंड का सारा माल मेरी गांड में छोड़ दिया और लुड़क गए फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में जाकर नहाए वहां पर उन्होंने मुझे फिर से चोदा उस दिन ऑफिस टाइम तक उन्होंने मुझे खूब जम कर चोदा।

बाद में मुझे दर्द की दवा दिला कर मुझे मेरे फ्लैट पर छोड़ आए उस दिन के बाद से मैं उनकी रखैल हूँ सर मुझे अब किसी भी लैंड डील के लिए भी अधिकारियों की सेवा के लिए भेजने लगे थे मुझे अब सुख की कोई कमी नहीं थी मैं बॉस की पक्की रांड हो गई थी और मेरे पास किसी को आदेश देने का अधिकार आ गया था मेरी फातिमा की ऑफिस सेक्स स्टोरीज आपको कैसी लगी प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं।

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