जवान स्टूडेंट को पटाकर चूत की सील तोड़ी-Teacher Sex Story

जवान स्टूडेंट को पटाकर चूत की सील तोड़ी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजन है और में एक कॉनवेंट स्कूल को चलाता हूँ। दोस्तों मुझे कुछ समय से सेक्सी कहानियों को पढ़ने का शौक लगा और फिर एक दिन मैंने अपनी भी उस सच्ची घटना को लिखकर आप सभी की सेवा में लाने का विचार बनाया और आज वो सभी पढ़ने वालो के सामने है। 

वैसे तो मुझे सेक्स करने का शौक बहुत पहले से था। आज में  पढ़ने वालों के लिए अपनी एक कुंवारी छात्रा जिसका नाम मंजू है उसके साथ मेरी चुदाई का वो अनुभव लिखकर भेज रहा हूँ। दोस्तों उस उम्र की उठान उनकी शर्ट से बाहर दिखने लगती है, छोटी स्कर्ट से झांकती हुई गोरी चिकनी चिकनी जांघे हाए वो क्या मस्त लगती है। 

साली यह कुँवारी कन्याएँ इनके मस्त भरे हुए कसे हुए कम उम्र के कच्चे बदन का रसपान करने का मौका किसे मिल सकता है? कई लड़कियाँ अपने बूब्स को उठा उठाकर चलती है, जिसको सभी लोग देखे और वो सभी उसको पसंद करके ललचाते रहे। एक बहुत ही मस्त और सेक्सी लड़की ने अपनी स्कर्ट को सभी की स्कर्ट से आकार में जानबूझ कर छोटा रखा था, जिसकी वजह से उसको देखने वालों को उसकी चिकनी गोरी आकर्षक जांघे नजर आती रहे। दोस्तों वो बस एक ही लड़की थी जो सही में बड़ी ही सेक्सी और आकर्षक लगती थी।

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दोस्तों उसी लड़की ने जिसने मुझे यह बताया था कि आजकल की लड़कियाँ सभी कामो बातों में कितनी आगे हो गयी है कि वो अपने स्कूल के दिनों में भी चुदने को पूरी तरह से तैयार है। दोस्तों वो लड़की दिखने में एकदम झक्कास माल लगती है और उसका गोरा भरा गदराया हुआ सेक्सी बदन उसके वो उभरे हुए गोल गोल बूब्स और उन पर लगे हुए। 

वो नुकीले तने हुए निप्पल उस स्कूल शर्ट से उसके निप्पल साफ साफ नज़र आते है। दोस्तों उस लड़की ने इसी साल क्लास 11th में अपना दाखिला लिया था और तभी कुछ दिनों के बाद उसके माता पिता ने मुझे मेरे ऑफिस में आकर बताया कि वो आजकल ठीक तरह से मन लगाकर पढ़ती नहीं है और वो आजकल बहुत जवाब देने लगी है। 

किसी की कोई भी बात सुनती नहीं है। फिर मैंने उसके घरवालों से कहा कि कोई बात नहीं है में उसका समझा दूंगा और वैसे इस उम्र में हर कोई ऐसा ही करता है आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है और वो मेरी बात सुनकर शांत हो गए। दोस्तों में सच कहूँ तो उस पर जवानी कुछ ज़्यादा ही मेहरबान है। 

वो सब उसकी टी-शर्ट से भी साफ साफ झलक रहा था और उसकी उस स्टाइल से भी मुझे पता चल रहा था। दोस्तों यह लड़की इतनी मस्त है कि में पिछले तीन महीने से लगातार उसके बारे में ही सोचकर मुठ मारता आ रहा हूँ, लेकिन स्कूल और में बस अपनी इज्जत के चक्कर में चुप रहा था, क्योंकि यह स्कूल मेरा अपना है।

दोस्तों उसकी मस्ती ने बता दिया था कि वो क्या चाहती है? फिर एक दिन मैंने उसको कहा कि मुझे तुम्हारे घरवालों से कुछ बातें पता चली है इसलिए मुझे तुमसे कुछ बात करनी है और मैंने उसको अपने घर पर बुलाया और वो मेरे कहे सही समय पर आ भी गई। मैंने उसको सोफे पर बैठने के लिए कहा और वो तुरंत बैठ गई। 

अब मैंने उसको पूछा मंजू तुम अब सबसे पहले मुझे यह बताओ कि तुम स्कर्ट इतनी छोटी क्यों पहनती हो? उसने जवाब देने से पहले ही मुस्कुराना शुरू कर दिया और अपने मुहं को नीचे झुका लिया और कुछ देर बाद मेरे दोबारा वही बात पूछने पर उसने अब मेरी आखों में देखा और वो मुस्कुराने लगी। 

अब मैंने उसके उस सुंदर बदन गोरे बूब्स की तारीफ करना शुरू किया, लेकिन उसकी तरफ से मुझे कोई भी विरोध जैसी बात नजर नहीं आई जिसकी वजह से मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई। दोस्तों मैंने देखा कि उसकी आखों में बड़ी मस्त शरारत थी और उसकी साँसे तेज चलने के साथ साथ भरी होने की वजह से उसके वो छोटे छोटे बूब्स लगातार ऊपर नीचे होने लगे थे। 

अब मैंने उसको कहा, मंजू तुम्हारी सारी पढ़ाई में फ्री कर दूँगा क्यों ठीक है और इतना ही नहीं तुम जब भी मेरे घर आओगी तब में तुम्हे 2000/- रुपये हर बार दे दिया करूँगा, क्यों अब तो तुम खुश हो ना उसको यह बात कहते हुए मैंने पहली बार उसको छुआ और फिर में उसके गालों को सहलाने लगा।

दोस्तों उसकी वो गोरी नर्म चमड़ी को छूते ही मेरे अंदर करंट दौड़ गया और में यह सब करते हुए उसके बिल्कुल पास आ गया और अब उसके गालों को सहलाते हुए मैंने उसको किस कर लिया। दोस्तों में इतनी मुलायम गोरी सुंदर लड़की को पाकर पागल हो चुका था क्योंकि मुझे आज किस्मत से इतने मस्त कसे हुए बदन की लड़की मिली है। 

अब उसको कौन पागल छोड़ेगा वो एकदम फ्रेश है और में उसको पागलों की तरह इधर उधर छूने लगा और एकदम पागलों की तरह में उसको बोल पड़ा कि में तुम्हे चाहता हूँ बहुत प्यार करता हूँ मंजू। अब वो भी मुझे चूमने लगी और तेज गरम गरम साँसे लेते हुए हल्के हल्के आहें भरने लगी आह्ह्ह्ह सीईईईईइ हाँ सर हल्के से ऑंखें बंद करे हुए बोली उह्ह्ह्ह सर में भी आपको बहुत प्यार करती हूँ। 

फिर में उसके मुहं से यह सब सुनकर बहुत चकित हुआ, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो इतनी जल्दी मानकर हाँ करके मेरे साथ यह सब करने के लिए तैयार हो जाएगी। अब वो कहने लगी कि आप भी मुझे बहुत अच्छे लगते है। दोस्तों जब एक लड़की खुद ही किसी से चुदने को बेचैन हो जाए तो फिर क्या चाहिए। 

मैंने अपनी हथेलियों को उसकी दोनों जांघो के बीच में स्कर्ट के ऊपर से रख दिया और बोला तुम आज से पहले कहाँ थी? तुम्हारे बूब्स एकदम मस्त आकार के बहुत सुंदर है और तुम जैसी सुंदर लड़की में कब से इंतजार कर रहा था।

अब वो शरमाकर मुझसे बोली क्यों आप इन्हे देखते रहते है ना सर? तब मैंने कहा कि मंजू तुम्हारे बूब्स बहुत टाईट है और इनके निप्पल बड़े ही नुकीली है यह तुम्हारी स्कूल शर्ट से साफ साफ दिखते है कि इनके अंदर क्या बंद है और मुझे तुम्हारी गोरी चिकनी जांघे भी बहुत पसंद है और फिर धीरे से उसकी जांघ को स्कर्ट के ऊपर से सहलाते हुए। 

मैंने कहा कि तुम सही में बहुत सुंदर हो मंजू तुम जैसी कोई भी लड़की पूरे स्कूल में नहीं है। अब वो शरमाने लगी और में बोला कि इतना ही नहीं तुम बहुत सेक्सी भी हो वो दोबारा मुस्कुराने लगी और मेरे हाथों से अपनी जांघो को ऊपर से ही सहलाने की वजह से वो और ज़्यादा गरम हो गयी। 

अब धीरे धीरे उसकी स्कूल स्कर्ट के ऊपर से उसकी जांघ को सहलाते हुए मेरा हाथ अब उसकी स्कर्ट के अंदर चला गया और में अंदर से उसकी चिकनी जांघे को सहलाने लगा मुझे तब महसूस हुआ कि उसकी वो जांघ अंदर से बहुत ही चिकनी थी इसलिए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और बहुत देर तक यह सब चलता रहा और फिर में आगे बढ़ा। अब मैंने महसूस किया वाह क्या मस्त बूब्स थे उसके? कितने सख़्त और एकदम कसे हुए बूब्स, में उसके मस्त बूब्स को सहलाकर दबा दबाकर मसलता रहा और वो मज़े लेती रही।

दोस्तों अब मंजू बहुत गरम हो चुकी थी वो ह्म्‍म्म्म उहमम्म्म की आवाज़े निकालते हुए बार बार अपनी एक जांघ मेरी जांघ पर ला रही थी और अब मैंने उसकी एक जांघ को अपनी जांघ के ऊपर ले लिया और अब उसकी स्कर्ट ऊपर हो गयी। फिर उसको मैंने खड़े होने को कहा तो मंजू तुरंत खड़ी हो गई। 

अब मैंने उसको अपने पास खींच लिया और वो उल्टे होकर मेरी गोद में बैठ गयी और अब उसकी स्कूल की स्कर्ट उसकी जांघों से ऊपर थी और उसकी चूत वाला हिस्सा मेरे लंड वाले हिस्से पर चिपक गया वो जैसे ही बैठी तो मैंने सबसे पहले एक बार फिर से उसके नाज़ुक होंठों को किस किया और वो भी बुरी तरह मुझे चूमने लगी। 

अब में उसकी पीठ उसकी कमर उसके हर एक हिस्से को सहला रहा था। अब मैंने धीरे से उसकी टाई को उतारा और सोफे पर पटक दिया। में अब उसकी स्कूल शर्ट के बटन खोलने लगा और वो बड़ी ही बेचैनी से अपनी शर्ट को उतरवा रही थी। दोस्तों मुझे अब उसकी तरफ से कोई भी विरोध कोई भी शरम नजर नहीं आ रही थी।

उसके चेहरे को देखकर मुझे लगा, जैसे वो मुझसे कह रही हो प्लीज जल्दी से इसको उतार फेंको। फिर जैसे जैसे में उसके बटन खोलता गया और वैसे वैसे उसका गोरा चिकना चिकना बदन मेरे सामने आता गया और अब मैंने बड़ा चकित होकर देखा कि इतनी गोरी मस्त छाती पर उसके वो छोटे छोटे बूब्स कसे हुए थे।

दोस्तों उसने सफेद रंग के कपड़े पहने थे और उसकी ब्रा भी उसी रंग की थी। उसकी शर्ट को मैंने उतारकर फेंक दिया और फिर उसकी आखों में झांककर देखा वो बहुत सुंदर नजर आ रही थी। अब मैंने उसको कहा कि तुम बहुत सुंदर हो मंजू, तभी वो बोल पड़ी कि सर आप भी बहुत अच्छे हो और रात रात भर में सोचती थी कि आप कब मुझे प्यार करेंगे। 

अब मैंने उसको कहा कि में भी बहुत दिनों से तुम्हारी चुदाई के सपने देख रहा था और वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से मुस्कुराई और वो मेरी छाती में अपने मुँह को घुसाकर कहने लगी कि आप बहुत शरारती है, गंदी गंदी बातें करते है। 

फिर मैंने उसका सर उठाया और उसकी चिकनी पीठ को अपने एक हाथ से सहलाते हुए उसकी ब्रा को खोलकर उतार दिया और फिर में एकदम चकित रह गया। मुझे उसके बूब्स को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने पैंटिंग बनाई हो। 

दोस्तों वो इतने गोल और उसके निप्पल एकदम तने हुए थे जैसे वो मुझसे कह रहे हों कुछ हिम्मत तो करो और आगे बढ़कर पकड़ लो। अब उसके गोल छोटे छोटे बूब्स पर हथेलियों को रखते ही वो सिसकते हुए मस्त हो गयी और तुरंत मुझसे लिपट गयी, जिसकी वजह से मेरे पूरे बदन में झुरझुरी दौड़ गयी।

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अब में धीरे धीरे उसके कसे हुए टाइट बूब्स को दबाता रहा और वो मज़े लेती रही, वो बार बार मुझे चूम लेती और हल्के हल्के धक्के मारकर अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ लेती। फिर जब वो ज़्यादा ही बेचैन हो गयी तो उसने अपने बूब्स थोड़े ऊँचे उठा दिए। 

अब में उसकी इस हरकत की वजह से तुरंत समझ गया कि वो अपने निप्पल को चुसवाना चाहती है और में उसके बूब्स को चूमते हुए उसको और गरम करने लगा। अब वो जोश में आकर आहें भरती रही सीईई आह्ह्ह्ह हमम्म्म। फिर में एक हाथ से उसके एक बूब्स को दबाता तो दूसरे से उसके एक निप्पल को मसलता। 

उस समय मंजू की आखें बंद थी और वो बुरी तरह से तड़प रही थी और जोश मज़े की वजह से उसके निप्पल एकदम तनकर खड़े थे, क्योंकि वो पहली बार इतना प्यार पाकर बेचैन हो रही थी। तभी अचानक से उसने ऑंखें खोली और अपने एक निप्पल को मेरे मुँह की तरफ बढ़ा दिया। 

मैंने फट से उसका निप्पल अपने मुँह में भर लिया और में उसको चूसने लगा। उसके मुहं से अब सिसकियों की आवाज आने लगी और वो सीईईई आहह्ह्ह पहली बार किसी मर्द से अपने बूब्स को चूसवाकर मस्त हो गयी। अब वो मेरे सर को अपनी छाती में दबाते हुए ऑंखें बंद करके बोली, सर प्लीज़ धीरे धीरे करो।

फिर कुछ देर बाद में उसके दूसरे निप्पल को अपने मुहं में भरकर चूसने लगा और वो मेरे साथ मज़े लेकर मोनिंग करने लगी आअहह ह्म्‍म्म्म ऊऊफफफ्फ़ और वो अब मेरे खड़े लंड के ऊपर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को दबा रही थी। मेरा लंड भी एकदम मस्त हो चुका था क्योंकि अब उसको एक सुंदर कुँवारी कली की कुँवारी चूत में मस्ती मज़े करने है। 

दोस्तों बड़ी देर तक अपने निप्पल को चूसवाकर और बूब्स को दबवाते हुए वो मस्त होती रही और में अपनी छात्र के कच्चे बदन का आनंद लेता रहा। फिर इधर मेरा लंड उसकी कसी हुई चूत में जाने को और धमा चोकड़ी करने को मरे जा रहा था और उधर मंजू की चूत भी मेरे लंड को अपने अंदर लेकर चुदने को तड़प रही थी। 

अब वो बार बार अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ रही थी, लेकिन मैंने अब उसको और ज़्यादा तड़पाना उचित नहीं समझा और उसको उसी तरह अपने से लिपटाए में खड़ा हो गया और वो मुझसे चिपकी रही। अब में उसको लेकर अपने रूम में गया और मैंने उसको अपने बेड पर लेटा दिया। 

मैंने उसकी सफेद रंग की स्कूल स्कर्ट को खींचकर उतारने लगा। फिर उसने ऑंखें खोलकर देखा और वो थोड़ा सा घबरा सी गयी। अब मेरी वो कच्ची कली मेरे बेड पर सिर्फ़ पेंटी पहने लेटी थी और उसका तराशा हुआ चिकना गोरा बदन देखकर मेरे हाथ अपने आप पेंट पर पहुँच गए।

फिर मैंने देखा कि उसकी चूत का चिकना चिकना पानी उसकी पेंटी को पूरा गीला कर चुका था, शायद अपने सर को अपनी चूत देखते हुए उसको शरम सी आ रही थी। अब में उस पर झुक गया और उससे बोला कि मंजू अभी तो इसको भी उतारना है।

यह कहते हुए मैंने उसके होंठो उसके गाल गर्दन और बूब्स को किस करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे में उसके नुकीले निप्पल को चूसने लगा और दूसरे बूब्स को अपने हाथों से मसलने लगा। अब वो एक बार फिर से आहें भरते हुए मज़े लेने लगी। में कभी उसके निप्पल को चूसता तो कभी उसके बूब्स को दबाते हुए मेरा एक हाथ उसकी जांघ को सहलाने लगा।

अब में धीरे धीरे नीचे की तरफ आ गया और धीरे धीरे उसकी चिकनी चिकनी जोश से भरी भरी जांघे सहलाते हुए चूमने लगा, वो और भी ज़्यादा ज़ोर से आहें भरने लगी और मेरे बालों को सहलाते हुए वो सीईईई आह्ह्ह्ह हमम्म्म ओह्ह्ह्ह ऐसे ही ना जाने क्या क्या कहे जा रही थी। फिर वो कभी कभी जोश में आकर अपने निप्पल को मसल देती और में इधर उसकी जांघ को चाटने लगा। 

मेरी गरम गरम जीभ के स्पर्श से वो और मस्त हो गयी। अब मैंने सही मौका देखकर धीरे से उसकी पेंटी को उतारना शुरू किया। फिर जैसे ही उसकी पेंटी चार पांच इंच नीचे हुई तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर बाल नाम मात्र के थे, एकदम जोश से भरी मक्खन जैसी गोरी चूत और नीचे चूत के दोनों होंठ एकदम चिपके हुए थे और उसने अपनी दोनों ऑंखें बंद की हुई थी।

अब मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी मज़ेदार कुँवारी चूत पर में अपने होंठ रखने से रोक ना सका। फिर जैसे ही मैंने अपने गरम होंठ उसकी चूत पर रखे वो बुरी तरह काँप गयी और आअहह करते हुए ऑंखें खोलकर मुझे धकेलने लगी। फिर उसकी रसीली कसी हुई चूत को चूम लिया। 

वो सीईईई ओह्ह्ह सर कहते हुए उसने मेरे सर को पकड़ लिया और में फिर उसकी नरम गरम चूत पर झुककर उसको चूमने लगा और वो भी यह सब काम पहले फिल्मो में देख चुकी है, इसलिए वो अब इन सबका मज़ा मेरे साथ ले रही थी। अब मैंने धीरे से उसकी चूत की फांको को अलग करना चाहा वो तड़पकर बोली ऑश माँ उसकी चूत के होंठ बहुत टाइट और एकदम चिपके हुए थे और फिर भी हल्के से चूत को फैलाकर। 

मैंने जैसे ही चूत को चाटना शुरू किया वो बुरी तरह से तड़पने लगी और सिसकियाँ भरते हुए ऊऊहह सीईईईईई करते हुए अपनी चूत चटवाने लगी और वो अपनी कच्ची कुँवारी चूत को चटवाते हुए बोली सर में इस पल के लिए और इस मज़े को पाने के लिए कब से सपने देखा करती थी। 

में इसके लिए हमेशा कितना तड़पती हूँ अब में अपनी कसी हुई गरमागरम चूत को चटा रहा था में और वो भी मेरे साथ मज़े लेकर अपनी चूत को चटवा रही थी। अब में सोच रहा था कि इतने कसे हुए बदन की इतनी मस्त कमसिन लड़की किस्मत से चोदने के लिए मिलती होगी?

अब मेरा लंड बहुत सख्त होकर सीधा खड़ा था। फिर में मंजू के पास गया और फिर उसने देखा वो बड़े लालच भरी नज़रों से मेरे लंड को बेझिझक हाथों में ले लेकर सहलाने लगी। अब अपनी छात्रा के हाथों में अपना लंड देकर मुझे बड़ा अजीब लग रहा था लेकिन में अब सिर्फ़ उसको चोदना चाहता था और वो भी अपने सर से चुदाई करवाने को बेचैन थी। 

फिर वो बहुत देर तक मेरे लंड को सहलाती रही और तब तक में उसके निप्पल को मसलता रहा और धीरे से मैंने उसकी भीगी हुई चूत को दबा दिया, जिसकी वजह से वो करंट का झटका खाकर तड़प उठी। अब मैंने उसको कहा कि मंजू क्या तुम जानती हो तुम्हारी चूत अंदर से बड़ी मुलायम आकर्षक है वो यह बात सुनकर शरमाने लगी और बोली मुझे कुछ नहीं पता। 

अब मैंने धीरे से अपना लंड उसकी भीगी हुई गरमागरम चूत पर रख दिया और जैसे ही मेरा लंड चूत पर लगा तो वो फिर से सिसकियाँ भरती हुई मस्त हो गयी। अब में उस पर झुक गया और रस से भीगी हुई गीली चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। 

मंजू अपनी कुँवारी चूत पर मेरे लंड की रगड़ से और बेताब होने लगी थी और वो भी अपने कंट्रोल से बाहर होती चली गई। दोस्तों में उसके निप्पल को चूसता और लंड को चूत पर रगड़ता इसलिए वो मचलकर बेकाबू हो रही थी और चुदने को बेचैन हो रही थी वो चुदाई करवाने के लिए मरे जा रही थी इसलिए मैंने अब उसको ज़्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा।

अब मैंने उससे कहा कि मंजू यह तुम्हारा पहली बार है इसलिए तुम्हे थोड़ा सा दर्द भी होगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस अपनी कमर को उचका उचकाकर समझाती रही कि वो अब सह नहीं सकती और चुदना चाहती है। दोस्तों मेरा लंड भी उस कुँवारी मस्त चूत में जाकर उधम मचाने को मरे जा रहा था। 

फिर में मन ही मन में सोचने लगा कि छोटी सी कसी हुई मज़ेदार रसदार चूत के छोटे छेद में मेरा इतना मोटा लंबा लंड कैसे जाएगा, लेकिन जैसे ही मैंने एक हल्का सा झटका मारा तो वो दर्द से चीख उठी क्योंकि उसकी कसी हुई चूत में मेरा मोटा लंड ज़रा सा घुस गया था। अब वो मेरे लंड को अपने चूत में लेकर बहुत मस्त हो गयी और नीचे से वो अपनी चूत को धक्के देने लगी। 

जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड चूत में चला जाए, लेकिन जब तक में धक्का ना दूँ वो कैसे अंदर जाएगा? फिर उसके तने हुए कड़क निप्पल को चूसते हुए धीरे से मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया और इस बार के धक्के से मंजू की चूत का परदा फट गया और मेरी प्यारी कुँवारी मंजू अब कन्या से खिलकर फूल बन गयी।

दोस्तों उसके कुंवारेपन की सील जैसे ही टूटी तो वो दर्द से छटपटा गयी और तड़पते हुए हल्के से चीख पड़ी ऊऊईईईइ ऊऊह्ह्ह्ह माँ कुछ देर तक में वैसे ही रहा मैंने देखा कि उसकी आखों में आँसू भी आ गये और मैंने नीचे देखा उसकी चूत से हल्का सा खून भी निकलकर बेडशीट पर गिर गया था। 

दोस्तों क्योंकि अब उसकी कुंवारेपन की सील टूट चुकी थी और अब बस उसकी चुदाई करनी थी। फिर वो कुछ नहीं बोली और तब मैंने उसको पूछा क्यों मंजू तुम ठीक तो हो ना? दोस्तों उसकी दोनों ऑंखें कसकर बंद थी और उसने बिना कुछ कहे हल्का सा मुस्कुरा दिया और में तुरंत समय गया कि अपनी चूत की सील तुड़वाना उसको अच्छा लगा। 

अब मैंने अपने लंड को हल्का सा उसकी चूत में आगे किया। वो एक बार फिर से हल्का सा तड़पी। फिर मैंने उसी समय उससे कहा कि क्यों तुम्हे ज़्यादा दर्द हो रहा हो तो में इसको अभी बाहर निकाल लूँ? अब वो सिसकियाँ लेकर बोली हमम्म् ओह्ह्ह्ह सर इसके लिए में कितना तड़पी हूँ आपको क्या पता? मैंने उसको पूछा किसके लिए? वो दर्द से निजात पाते हुए मेरी आखों में झांकते हुए मेरे लंड को हाथ लगते हुए बोली कि सर इसके लिए।

अब मैंने दोबारा उसको पूछा हाँ तो बोला ना मंजू किसके लिए एक बार कहो ना मंजू? अब वो बेशरम होकर बोली हाँ सर में आपके लंड के लिए बड़ी तड़पी हूँ आज आप मुझे इसका असली मज़े दे। दोस्तों अपनी छात्रा के मुहं से यह बात सुनकर में बहुत जोश में आ गया और उसके निप्पल को चूसते हुए। 

मैंने फिर से एक धक्का दे दिया और वो फिर तड़प उठी आअहह, उसकी चूत सही में बहुत कसी हुई थी। फिर वो बोली कि में यह सब दर्द सह लूँगी सर बस इसको अब आप मत निकालना आप इसको पूरा अंदर डाल दो। अब में पूरी तरह से मंजू के ऊपर था और वो मेरे नीचे मस्ती में दबी हुई थी और में दोबारा उसके बूब्स को सहलाने मसलने लगा था।

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फिर वो अपनी कुंवारी चूत में मेरा पूरा का पूरा लंड डलवा लेने के बाद मुझसे लिपट गयी, जिसकी वजह से में धक्के ना मार सकूँ। अब मैंने धीरे से अपना लंड बाहर खींचा और वो भी मज़े लेते हुए आहें भरने लगी हमम्म्म और जैसे ही मैंने लंड फिर से अंदर किया वो मचलकर चिल्ला पड़ी उऊईईईई माँ उसकी चूत बहुत टाइट थी और लंड एक बार ही बाहर और अंदर करने में पता चल गया।

फिर में कुछ देर वैसे ही रुका रहा और मंजू कुछ देर बाद अपनी चूत उचकाते हुए बोली कि सर अब आप इसको अंदर बाहर करो ना प्लीज। अब में उसके गुलाबी नरम होंठो को चूसते हुए उसके निप्पल को चूमते हुए धीरे धीरे अपने लंड को बाहर अंदर करने लगा और वो चुदाई के मज़े लेने लगी। 

दोस्तों मुझे अपनी कमसिन कुंवारी छात्रा की चुदाई में एक अलग ही मज़ा आ रहा था और मेरी छात्रा को भी अपने सर से चुदने में एक अलग ही मज़ा आ रहा था। अब वो मुझसे लिपटी हुई बस चुदाई के मज़े ले रही थी हाँ सर ऊऊऊह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह हाँ चोदो मुझे कहते कहते मंजू मेरे लंड को बार बार अपनी चूत में डलवाते हुए चुदाई के मज़े ले रही थी। 

अब मैंने उसको पूछा क्यों मंजू मज़ा आ रहा है ना? वो बोली हाँ सर मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा है में अब तक चुदने के लिए बहुत तड़प रही थी आज आप मुझे जमकर चोद लो। अब मैंने उसको पूछा क्या तुम्हे दर्द तो नहीं हो रहा है मंजू हाँ सर थोड़ा थोड़ा लेकिन यह मज़ा उस दर्द के सामने कुछ भी नहीं है। 

अब उसकी छोटी सी मस्त चूत बुरी तरह बेचैन मेरे लंड पर कसी हुई थी और लंड कसा होने की वजह से उसको चोदने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और वो भी चुदवाकर मज़े ले रही थी। अब में अपना मोटा लंड उसकी मस्त हुई चिकनी चूत में बार बार अंदर बाहर करता।

अब मैंने उससे पूछा कि मंजू इतनी कम उम्र में तुम्हे चुदाई का चस्का कैसे लगा वो बोली ऐसे ही बस सेक्सी देखते हुए सर मेरे मन में भी अपनी चुदाई का विचार एक दिन आ गया और आपको पहली बार देखकर बस में आप पर फिदा हो गयी और मुझे आज पता चला कि लंड को अंदर लेने में कितना मज़ा आता है। 

अब आप रोज़ मुझे चोदना। फिर मैंने उसको कहा कि हाँ सही है मंजू शादी हो ना हो और कब हो और हो भी तो पति ना जाने कैसा मिले? इसलिए जैसे ही कोई मौका मिले एक बार चुदाई का मज़ा जरुर ले लेना चाहिए। अब वो बोली हाँ सर आप सही कहते हो जब भी मौका मिले लड़कियों को चुदवा लेना चाहिए पता नहीं शादी से पहले मर ही जाओ। 

कम से कम चूत की चुदाई का मज़ा तो ले ही लो। अब मैंने कहा, मंजू तुम्हारी चूत बहुत टाइट है और ऐसी इतनी मस्त चूत सभी लड़कियों की नहीं होती। वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर खुश हो रही थी और सिसकियाँ लेते हुए कहने लगी ऊऊहह हाँ हमम् ज़ोर से और ज़ोर से सर जब से आपको देखा है। 

आअहह कई दिनों से में आपसे चुदाई करवाने के बारे में सोच रही थी, लेकिन मुझे डर लगता था और इसलिए तो में स्कूल में भी स्कर्ट इतनी छोटी सी पहनती हूँ कि आप मुझे कभी तो पकड़े, में कितना सोचती थी कि आप मेरे बूब्स को दबा रहे है, मेरे निप्पल को चूस रहे है और सपनों में देखती थी कि आप मुझे जमकर चोद रहे है आह्ह वाह सर आज मुझे हमम्म्ममम कितना मस्त मज़ा आ रहा है? में आपको बता नहीं सकती।

फिर मैंने उससे कहा कि जब मंजू तुम पहली बार मेरे सामने आई थी तभी से तुम्हारे स्टाइल से मुझे लग गया था कि तुम क्या चाहती हो तुम्हे चोदने के लिए में भी मरे जा रहा था। अब वो मुझसे पूछने लगी सर मैंने तो कब का दाखिला ले लिया है फिर अभी तक आप क्यों मुझसे इतना दूर रहे। 

अब तक आप मुझे कितनी ही बार चोद लेते ऊऊहह आपका लंड बहुत सेक्सी और मोटा है सर और अब तो में हमेशा आप ही से अपनी चुदाई के मज़े लूंगी। अब मैंने उससे पूछा मंजू अगर तुम्हे में नहीं चोद पता तो तुम क्या करती वो तुरंत बोल पड़ी रजत है ना सर सीईईईई आईईईई मेरे साथ पढ़ने वाला लड़का वो मेरे ऊपर बहुत फिदा है। 

लेकिन लड़कों का मुझे भरोसा नहीं वो मुसीबत में हिम्मत हार जाते है आप पकड़े जाने पर भी मुझे अकेला नहीं छोड़ सकते क्योंकि आप उम्र में मुझसे बड़े है ना इसलिए। अब मैंने एक बार फिर से ज़ोर से धक्का देकर अपने लंड को अंदर डाला वो सिसकते हुए बोली उुउऊहह हाँ सर ऐसे ही चोदो आप मुझे। 

अब मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर लेकर फिर से अंदर डाला मंजू फिर मस्त हो गयी ऊउईईइइ माँ सर आप कितनी अच्छी चुदाई आईईई करते है और मुझसे लिपटकर उसने अपनी जांघे मेरी कमर पर लपेटकर बोली, सर अब ज़ोर ज़ोर से आप मुझे चोदो ना बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करो ना आईईईई कब से में मरे जा रही हूँ।

अब में जोश में अपनी सेक्सी छात्रा को धक्के देकर चोदने लगा। में बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और मंजू एक सेक्सी इंडियन स्कूल गर्ल अपने सर से चुदाई करवाते हुए मस्त हुई जा रही थी और मज़े ले लेकर आहें भरकर मस्ती में मस्त हो रही थी। 

अब में ज़ोर ज़ोर से अपना लंड बाहर अंदर करते हुए उसके खड़े हुए, तने हुए निप्पल को चूस चूसकर उसको किस करते हुए चोदने लगा और वो भी मस्ती में सेक्सी आवाज़ें करते हुए मुझसे चुदती जा रही थी सीईईई हाँ ओहहह उऊईईइइ माँ कितना मज़ा आ रहा है। 

यह कहते कहते अचानक से उसने मेरी कमर को अपने दोनों पैरों से बुरी तरह जकड़ लिया अचानक ही उसने अपनी चूत से मेरे लंड को और ज़ोर से भींच लिया और वो बुरी तरह चिपककर बोली ऊऊओह्ह्ह माँ। अब में तुरंत समझ गया कि उसका रस टपकने वाला है इसलिए मैंने भी लंड को अंदर डालकर अंदर की तरफ धक्का मरता ही गया। 

मैंने अपना पूरा ज़ोर लगा दिया और उसकी मस्त कसी हुई चूत के अंदर मेरा लंड पूरा गीला हो गया। अब उसकी चूत से ढेर सारा रस बह निकला उसका यह पहली बार झड़ना उसका पूरा जोश था और इधर मैंने भी अपना लंड उसकी चूत में इतना ज़्यादा दबाया कि मेरा भी वीर्य पिचकारी मारता हुआ निकलने लगा। अब वो किसी छिपकली की तरह मुझसे चिपकी हुई आखरी मस्ती का मज़ा लेती रही और दोनों शांत होने के बाद भी बहुत देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे।

अब वो एकदम निढाल हो गयी थी। मैंने धीरे से उससे पूछा कि क्यों मंजू मज़ा आया ना? वो मुस्कुराते हुए बोली हाँ सर आप थे ना इसलिए मुझे इतना मज़ा मिला है। फिर में उसके ऊपर से हट गया और देखता रह गया कि मेरे स्कूल की छात्रा एकदम नंगी मेरे बेड पर पड़ी थी। 

वो एकदम नंगी भी अपने सर से चुदने के बाद शरमाते हुए उठी और मैंने उसकी चूत को साफ़ करके उसको पेंटी, ब्रा, शर्ट और स्कर्ट को पहना दिया। फिर वो बाथरूम में जाकर हाथ मुँह धोकर आई तो मैंने उसको पानी कॉफी और बिस्किट लाकर दिए और हल्का नाश्ता करके।

First Time Sex Story

उसको मैंने उसकी फ्रेंड आयशा के घर छोड़ दिया ताकि वो आयशा के साथ अपने घर जा सके। दोस्तों मैंने ध्यान से देखा कि उसको चलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी, क्योंकि यह उसकी आज पहली चुदाई थी उसके बाद कभी कभी ऐसा ही होता है।

दोस्तों मुझे सिर्फ़ आयशा का डर था कि कहीं वो अगर मुझसे नाराज हो गई तो क्या होगा? खैर ऐसा कुछ नहीं हुआ और मंजू भी अगर उसको कुछ बताती तो मंजू को भी मुझे वो बातें बतानी पड़ती इसलिए उसने आयशा से कुछ नहीं कहा लेकिन यह बात और है कि आयशा सब कुछ बहुत अच्छी तरह से समझ गई थी कि बार बार मंजू मेरे घर अकेले क्यों आती जाती है। 

दोस्तों इस घटना के कुछ दिनों के बाद मेरे स्कूल की टीचर्स के इंटरव्यू में एक सेक्सी लड़की आई फिर उसको भी पटाकर में आज भी मंजू और इस अध्यापिका की चुदाई करता हूँ लेकिन में सच कहता हूँ कि मंजू जैसी मस्त लड़की कोई नहीं है उसका कसा हुआ मस्त बदन छोटी सी कसी कसाई चूत और उठाते हुए बूब्स कड़क निप्पल किसी कॉलेज की लड़कियों के भी नहीं होते। दोस्तों मुझे उम्मीद है कि सभी  के पढ़ने वालों को यह कहानी जरुर पसंद आई होगी।

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