विधवा आंटी सेक्स की प्यासी-Aunty Ki Chudai

विधवा आंटी सेक्स की प्यासी

विडो आंटी फक कहानी में मेरे पड़ोस की एक जवान लगाने वाली आंटी को मैंने चोदा वे खुद ही सेक्स की प्यासी थी. उन्होंने पहल करके मुझे अपनी ओर आकर्षित किया नमस्कार दोस्तो मेरा नाम राघव है मेरी उम्र 24 वर्ष है गोरा रंग और हाइट 5. 9 और फीट और सुडौल बदन।

मुझे शुरू से ही लड़कियों के मुकाबले भाभी और आंटी की चुदाई में दिलचस्पी है तो अब आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूं आज मैं इस  विडो आंटी फक कहानी के माध्यम से अपने अनुभव को शेयर कर रहा हूं।

मैं दिल्ली का रहने वाला हूं और घर में मम्मी पापा के अलावा एक छोटा भाई है हमारे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं, उनका नाम फरियाल है आंटी की उम्र करीब 40 वर्ष है वे दिखने में बहुत खूबसूरत हैं उनका रंग गोरा है और उनका बदन 34-32-38 है।

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मैं आंटी को शुरू से ही बहुत पसंद करता हूं आंटी के घर में उनका एक बेटा है और एक बेटी है. आंटी के पति की मौत 5 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में हो चुकी है तब से आंटी अपने बच्चों के साथ रहती है हमारे परिवार का आंटी के साथ अच्छा रिश्ता है।

अंकल की मौत के बाद हमारे परिवार ने आंटी को संभाला और उनका साथ दिया और उन्हें उस सदमे से निकलने में उनकी मदद की हाल ही में मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई खत्म की और अब गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर रहा हूं शाम को जिम मैं जाता हूं क्योंकि मुझे बॉडी बनाने का बहुत शोंक है।

और मैं अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखता हूं एक दिन आंटी ने मुझे दिन में बुलाया और उनके साथ मार्केट चलने को पूछा उन्हें वहाँ से कुछ सामान लेना था उस समय आंटी के दोनो बच्चे स्कूल गए थे मैं जाने के लिए तैयार हो गया मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि आंटी ने मुझे उनके साथ जाने का कहा।

मार्केट हमारे घर से थोड़ा दूर थी मैंने अपनी बाइक निकाली और आंटी मेरे पीछे बैठ गयी और उन्होंने एक हाथ मेरे कन्धे पर रख लिया आंटी को लेकर मार्किट की तरफ चल पड़ा उनके उस स्पर्श से मुझे बहुत मजा आया आंटी ने सफेद रंग का पजामी सूट पहना था। 

आंटी उसमें बहुत सेक्सी लग रही थी जैसे स्वर्ग की कोई अप्सरा वे दिखने में एकदम खूबसूरत माल हैं कुछ देर बाद हम मार्किट पहुंच गए और आंटी मुझे एक कपड़े के शोरूम में ले गयी आंटी को उनके लिए कुछ कपड़े लेने थे वहाँ जाकर आंटी ने कुछ कपड़े पसंद किए और उन्हें ट्रायल कमरा में पहनकर देखने लगी।

आंटी को समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे कपड़े लें तब उन्होंने मेरी मदद ली और उनके लिए कपड़े पसन्द करने को बोला मैंने उनके लिए कुछ कपड़े निकाले उन्हें भी वे पसन्द आये आंटी ने कपड़े लेने के बाद बोला कि उन्हें अंडरगारमेंट्स भी लेने हैं फिर हम एक दूसरी दुकान पर गए आंटी ने अपने लिए ब्रा और पैंटी पसन्द की।

अंडरगार्मेंट्स लेने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें भूख लगी है तब हम दोनों एक रेस्टोरेंट में गए और वहाँ जाकर खाने का आर्डर दिया वहाँ से खाना खाकर हम घर के लिए निकल पड़े मैं आंटी से रास्ते भर यहाँ वहाँ की बात करता रहा हम घर पहुंचे तो मैं आंटी को छोड़कर अपने घर जाने लगा तब आंटी ने मुझे रुकने को बोला और कहा- चाय पीकर जाना।

आंटी मुझे घर के अंदर ले गयी, मैं सोफे पर बैठ गया वे सामान रख कर अपने कमरे में कपड़े बदलने चली गयी कपड़े बदलने के बाद आंटी अपने कमरे से बाहर आयी तो मैं उन्हें देखता ही रह गया उन्होंने नाइटी पहनी थी, आंटी उसमें बहुत सेक्सी लग रही थी उनके बड़े बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड हरकत में आने लगा।

मैंने जैसे तैसे खुद पर काबू किया. फिर आंटी चाय बनाने किचन में चली गयी मैं आंटी की खूबसूरती को निहार रहा था वे बिल्कुल जवान दिखती हैं आंटी चाय बनाकर लायी और हम दोनों साथ बैठकर चाय पीने लगे मेरा ध्यान बार बार आंटी के बूब्स पर जा रहा था।

हम बात करने लगे मैं आंटी से अंकल के बारे में बात करने लगा तो आंटी थोड़ा इमोशनल हो गयी मैं आंटी को होंसला देने लगा और आंटी मेरे गले लग गयी आंटी के बूब्स मेरे सीने से सट गये और मेरे बदन में करंट सा महसूस हुआ फिर आंटी मुझसे अलग हुई और कहने लगी- समीर और फरहाना स्कूल से आने वाले हैं।

मैं अपने घर जाने लगा जाते जाते आंटी ने मुझे प्यार से थैंक यू बोला मैंने भी उन्हें बोला कि अगर उन्हें किसी भी काम की जररूत हो तो मुझे बतायें उन्होंने प्यारी सी स्माइल दी और फिर मैं अपने घर चला गया रात भर मैं आंटी के बारे में सोचता रहा और उन्हें याद करता रहा।

मैं मार्किट वाली बात को याद कर रहा था और मुझे नींद नहीं आ रही थी अब मैं आंटी को चोदना चाहता था मैं आंटी के बारे में सोच कर मुठ मारने लगा, फिर झड़ कर सो गया अगले दिन सुबह उठा नाश्ता करके मैं अपने कमरा में पढ़ाई कर रहा था तभी अचानक दरवाज़े पर घण्टी बजी और मम्मी ने दरवाजा खोला।

फरियाल आंटी को देखकर मम्मी ने उन्हें अंदर बुलाया आंटी मम्मी से कहने लगी कि आज उनके बच्चों के स्कूल में मीटिंग है और वे थोड़ा लेट हो गयी है तो मुझे साथ ले जाने के लिए पूछने लगी मम्मी ने मुझे आंटी के साथ जाने को बोला मैं आंटी को देखकर खुश हो गया और मैं उनको देखता ही रह गया।

जो कपड़े कल मैंने आंटी के लिए पसंद किए थे आंटी वही कपड़े पहनकर आयी थी आंटी उन कपड़ों में बहुत सुंदर लग रही थी आंटी को देख कर मन कर रहा था कि उन्हें अभी चोद लूं फिर आंटी ने बोला- थोड़ा जल्दी चलो मैंने अपनी बाइक निकाली और आंटी पीछे बैठ गयी मैं बोला- आंटी आप बहुत खूबसूरत लग रही हो।

आंटी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गयी और प्यार से मुझे थैंक यू बोला कुछ ही देर में हम स्कूल पहुंच गए आंटी मुझे अपने साथ अंदर ले गयी कुछ देर बाद मीटिंग खत्म हुई और हम घर निकलने लगे मैं आंटी को उनके घर छोड़कर अपने घर चला गया और अपने कमरे में जाकर सो गया।

शाम को उठ के मैं फ्रेश होकर जिम चला गया आज मेरा ध्यान जिम में न होकर आंटी में था मैं उन्हें प्यार करने लगा था आंटी का चेहरा मेरे दिमाग में घूम रहा था मैं उन्हें याद कर रहा था जिम खत्म करने के बाद मैं अपने घर चला गया और डिनर करने के बाद अपने कमरे में चला गया और गाने सुनने लगा।

कुछ देर बाद मैं सो गया ऐसे ही कुछ दिन बीत गए और ये सब चलता रहा कुछ दिन बाद हमारे परिवार को एक शादी में शहर से बाहर जाना था हमने ट्रेन से जाने का फ़ैसला किया लेकिन ट्रेन की सभी सीटों की एडवान्स बुकिंग की वजह से केवल तीन वेटिंग के टिकट ही मिले।

तब मैं घर पर रुक गया और बाकी सब लोग शादी में चले गए लेकिन जाने से पहले मम्मी ने फरियाल आंटी को मुझे खाना देने के लिए बोल दिया था उसके बाद मैं शाम को जिम चला गया जिम खत्म करने के बाद मैं घर आया तब तक रात हो चुकी थी।

तभी फरियाल आंटी का फ़ोन आया, उन्होंने मुझे अपने घर खाना खाने के लिए बुलाया मैं अपनी बाइक लेकर आंटी के घर गया और घण्टी बजाई आंटी ने दरवाज़ा खोला उन्होंने लाल रंग की नाइटी पहनी थी मैं आंटी को देखता ही रह गया आंटी उसमें बहुत सेक्सी लग रही थी।

उन्होंने मुझे अंदर आने को बोला मैं अंदर आया आंटी ने बोला- तुम बैठो, मैं खाना लगाती हूं हम सबने साथ में बैठकर खाना खाया मैं समीर के साथ बैठकर टीवी देखने लगा टाइम देखा तो रात के 10:30 हो चुके थे तब मैंने आंटी से बोला- मुझे घर चलना चाहिए।

आंटी बोली- राघव आज रात तुम यहीं रुक जाओ हमारे साथ ही तुम्हारे घर वाले शादी में शहर से बाहर गए हैं तुम अकेले घर पर क्या करोगे उनकी बात सुनकर मुझे अंदर से बहुत ख़ुशी हुई मानो मेरे दिल में लड्डू फूट रहे हों पर मैंने आंटी के सामने नाटक किया और बोला- आप लोगों को मेरी वजह से दिक्कत होगी।

आंटी- हमें कोई दिक्कत नहीं होगी तुम आराम से यहीं रुक जाओ मैं आंटी की बात मानकर उनके घर रुक गया एक कमरा समीर और फरहाना का था तब आंटी ने बोला- राघव तुम मेरे कमरे में सो जाओ उनके दोनों कमरों में ए-सी लगा है मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

मैं कब से इस पल का इंतजार कर रहा था तभी मैं आंटी के कमरे में सोने चला गया और बेड की एक साइड लेट गया थोड़ी देर बाद आंटी रसोई का काम खत्म करके कमरे में आई और लाइट बन्द करके मेरे साथ बेड पर लेट गयी मेरे साथ फरियाल आंटी सो रही हैं मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था।

मैं खुशी के मारे पागल हुआ जा रहा था इस मौके को मैं अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था कुछ देर बाद जब मैंने देखा कि आंटी सो रही हैं और उनका गाउन घुटनों तक सरक गया था. आंटी की गुलाबी पैंटी दिख रही थी उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था मैं आंटी की चुदाई करना चाहता था।

तब मैं आंटी के थोड़ा पास चला गया और अपना एक हाथ आंटी के ऊपर रख दिया और सोने का नाटक करने लगा कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि आंटी गहरी नींद में सो गई हैं तो मैं अपना दूसरा हाथ आंटी की टांगों पर फिराने लगा लेकिन आंटी आराम से सो रही थी।

मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गयी, मैंने आंटी का पूरा गाउन ऊपर कर दिया और उनकी पैंटी पूरी दिखने लगी मैंने अब ज्यादा देर न करते हुए अपना हाथ आंटी की पैंटी में डाल दिया उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और चूत बहुत मुलायम थी अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी थी। 

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आंटी को चोदने की हवस दिमाग में ऐसी हुई कि उस समय दिमाग काम करना भी बंद कर गया था मैंने अपनी उंगली आंटी की चूत में घुसा दी इस उम्र में भी आंटी की चूत काफी टाइट थी आंटी एकदम से जाग गयी मैं सोने का नाटक करने लगा डर के मारे मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।

कुछ देर बाद मैं सो गया जब सुबह आंख खुली तो आंटी किचन में नाश्ता बना रही थी मैं आंटी के सामने जाने से डर रहा था कि कहीं आंटी को कल रात वाली बात पता लग गयी तो आंटी मम्मी को बता देंगी जब मैं फ्रेश होकर बाहर आया तो आंटी ने मुझसे कहा- राघव, तुम उठ कर फ्रेश हो गए हो तो ब्रेकफास्ट कर लो।

मैं आंटी के बर्ताव को देखकर समझ गया कि आंटी को कल रात के बारे में कुछ नहीं पता तब तक आंटी के बच्चे भी स्कूल जा चुके थे मैं आंटी के घर ही टीवी देखने लगा आंटी भी अपना काम खत्म करके मेरे साथ आकर बैठ गयी आज आंटी के बूब्स कुछ ज्यादा ही बड़े दिख रहे थे।

आंटी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो उनके निप्पल का उभार नज़र आ रहा था अब आंटी का बर्ताव भी कुछ बदला हुआ लग रहा था मैं और आंटी यहाँ वहाँ की बात करने लगे आंटी ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है मैं अचानक आंटी के मुँह से ऐसी बात सुन कर चौंक गया।

मैंने आंटी से कहा- ऐसी कोई मिली ही नहीं अब तक आंटी ने पूछा- कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए तुम्हें तब मैंने कहा- बिल्कुल आप जैसी आंटी ने बोला- मुझमें ऐसा क्या अच्छा लगा जो मेरी जैसी गर्लफ्रेंड चाहिए मैं बोला- आप इतनी खूबसूरत हो आपका फिगर मस्त है।

आंटी हँसकर बोली- मुझे ही गर्लफ्रेंड बना ले फिर मेरे जैसी गर्लफ्रेंड कहीं नहीं मिलेगी तुझे मैं आंटी की बात सुन कर सातवें आसमान में था मैंने भी तुंरत हाँ कर दिया मैंने आंटी से अपने प्यार का इज़हार कर दिया फरियाल आंटी को मैं बोला- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको बहुत पसंद भी करता हूं।

आंटी ने भी बोला- मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूं बस आंटी के इतना कहते ही मैंने फरियाल आंटी को अपनी तरफ खींच कर उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये मैं आंटी को पागलों की तरह चूमने लगा आंटी भी मेरा साथ दे रही थी करीब 20 मिनट बाद हम अलग हुए।

फिर मैं आंटी के बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा और आंटी का गाउन निकालने लगा मैं उनके बड़े बड़े बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरा हाथ मैंने आंटी की पैंटी में डाल दिया आंटी की चूत गीली हो चुकी थी मैं आंटी को उठाकर उनके कमरे में ले गया और उनके कपड़े उतारने लगा।

आंटी को पहली बार बिना कपड़ों के देख कर मैं खुद पर क़ाबू नहीं कर पा रहा था मुझे ये सपने जैसा लग रहा था फिर अचानक आंटी बोली- कल रात तुमने जो किया, मुझे सब पता है मैं उनकी बात सुनकर हंस पड़ा और बोला- कल रात तुम्हें अपने साथ सोती देख खुद को रोक नहीं पाया. फिर तुम्हारे जागने के डर से सो गया।

आंटी भी हंसने लगी और गले लग गयी, बोली- जान मैं भी तुमसे कबसे चुदवाना चाहती थी उनके इतना कहते ही मैं आंटी पर टूट पड़ा और उन्हें किस करने लगा आंटी भी मेरा साथ दे रही थी उसके बाद मैं आंटी की चूत चाटने लगा आंटी सिसकारियां ले रही थी।

मैंने अपनी जीभ आंटी की चूत में घुसा दी आंटी की चूत की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी चूत में जीभ अंदर बाहर करने से आंटी भी तड़प रही थी कुछ देर बाद आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया उसका स्वाद नमकीन था अब आंटी ने मेरे कपड़े उतारे और मेरा लंड देखकर आंटी बोली- तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। 

मैं 5 साल से चुदी नहीं हूँ मैंने आंटी को बोला- फरियाल मेरी जान आज से हर रोज तेरी चुदाई होगी आंटी भी खुश हो गयी अब आंटी मेरा लंड मुख में लेकर चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था जैसे जन्नत में पहुंच गया हूं मैं आंटी के बाल पकड़ में उनके मुँह में झटके मारने लगा।

मेरा बड़ा लंड  आंटी के मुंह में ठीक से नहीं जा रहा था कुछ देर बाद मैं आंटी को नीचे लेटा कर उनकी चूत में उंगली डालने लगा आंटी भी तड़प उठी मैं उनकी चूत में जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करने लगा वे तड़प रही थी और कहने लगी- राघव मेरी जान अब मत तड़पाओ मेरी चूत में अपना लंड डाल दो अब और इंतज़ार नहीं होता।

फरियाल आंटी की बात सुनकर मुझे जोश आ गया मैं आंटी की गांड के नीचे तकिया लगा के उनके ऊपर आ गया और उनकी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ने लगा वे लंड अंदर लेने के लिए तड़प रही थी मैं अपना लंड फरियाल आंटी की चूत में डालने लगा तब एक झटके में आधा लंड उनकी चूत में घुसा दिया।

वे दर्द के मारे चिल्लाने लगी मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिये और एक जोरदार झटका मारा अब पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया वे दर्द से तड़पने लगी अब मैं धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा कुछ देर बाद वे नार्मल हो गयी और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी।

अब मैं भी विडो आंटी फक में अपने झटकों की स्पीड बढ़ा रहा था करीब 20 मिनट बाद उनका पानी निकल गया और वे झड़ गयी अब मैं उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदने लगा 10 मिनट बाद अब मैं भी झड़ने वाला था मैंने भी अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी और उनकी चूत में ही झड़ गया।

मैं उनके ऊपर गिर गया हम कुछ देर ऐसे रहे थोड़ी देर बाद आंटी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी उनकी इस हरकत से मेरा लंड फिर हरकत में आ गया और इस बार फिर उनकी चूत में जाने को तैयार था मैं नीचे लेट गया आंटी मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया।

मैंने एक झटके में पूरा लंड चूत में घुसा दिया अब फरियाल आंटी भी उछल उछल कर लंड लेने लगी मैं एक हाथ से उनके स्तन दबा रहा था कुछ देर बाद आंटी का निकलने वाला था अब आंटी नीचे आयी और मैं आंटी की दोनों टांगें खोल कर उनके बीच उनकी चूत में झटके देने लगा।

और कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया फिर आंटी उठकर बाथरूम में चली गयी और मैं भी अपने कपड़े पहनकर घर जाने लगा क्योंकि आंटी के बच्चों का स्कूल से आने का समय हो गया था मैं आंटी को किस करके अपने घर चला गया।

शाम को मैं मार्किट से उनके लिए एक सेक्सी ब्रा पैंटी सेट लाया और रात की चुदाई के लिये प्लान करने लगा जिम से आने के बाद मैं फटाफट अपने घर जाकर फ्रेश हुआ और फिर फरियाल आंटी के घर निकल गया आंटी ने दरवाजा खोलकर मुझे अंदर बुलाया फिर हम खाना खाकर सोने की तैयारी करने लगे।

मैं आंटी के कमरे में उनका इंतजार कर रहा था कुछ देर बाद आंटी कमरे में आयी मैं उन्हें देखकर उन पर टूट पड़ा और उनके होंठों को चूमने लगा मैंने आंटी को वह ब्रा पैंटी पहनने को बोला आंटी बाथरूम में चली गयी और कुछ देर बाद आंटी ब्रा और पैंटी में बाहर आयी।

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मैं उन्हें देखता रह गया वे हुस्न की मल्लिका लग रही थी मैंने उन्हें गोद में उठा कर बेड पर बिठाया और उन्हें प्यार से किस करने लगा आंटी भी मेरा साथ दे रही थी फिर आंटी उठकर सिंदूर की डिब्बी लाई और बोली- आई लव यू राघव तुम आज यह सिंदूर मेरी मांग में भर दो और मुझे अपनी पत्नी बना लो।

मैंने सिन्दूर लेकर आंटी की मांग में भर दिया और मैंने आंटी से बोला- फरियाल आज से तुम मेरी पत्नी हो और मैं तुम्हारा पति आंटी ने मेरे पैर छुए और मैंने उन्हें गले से लगा लिया फिर रात को हमने सुहागरात मनाई।

अब मैं हर रोज आंटी की चुदाई करता हूं मैं और आंटी खुश हैं आप मुझे मेल करके बताइयेगा कि आपको मेरी विडो आंटी फक कहानी कैसी लगी ताकि मैं आप लोगों के लिए ऐसी और कहानियां लाता रहूं।

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