बहन है चुड़क्कड़ मेरा लंड लिया लपक कर-Bhai Behan Sex Story

बहन है चुड़क्कड़ मेरा लंड लिया लपक कर

भाई से चुदाई की बात की मेरी बहन ने मैं तो पहले से ही अपनी दीदी की चूत का मजा लेना चाहता था उसे देखकर मुठ मारा करता था एक दिन बहन ने ही ऐसे हालात बना दिए कि मैंने उसकी सलवार खोली दोस्तो मेरा नाम समर कोरा है मैं उत्तर प्रदेश के जिला रायबरेली का रहने वाला हूं मेरी उम्र 27 साल है मेरा लंड कुछ ज्यादा बड़ा है और मेरे लौड़े की मोटाई चूत का कचूमर बना देती है।

रंडियों को भी मेरे लौड़े को देख कर डर लगने लगता है लखनऊ की रंडियां मुझे पहचानने लगी हैं और मेरी शक्ल देख कर ही मुँह फेर लेती हैं मुझे दोगुने पैसे देने पर भी बड़ी मुश्किल में कोई रंडी मिलती है यह भाई से चुदाई की बात की कहानी 8 महीने पहले की है आज सुना रहा हूं आगे बढ़ने से पहले मैं आपका अपनी बड़ी बहन से परिचय करवा देता हूं।

उनका नाम करिश्मा है वे बेहद खूबसूरत हैं किसी राजकुमारी की तरह पूरी अप्सरा सी लगती हैं उनकी हाइट 5 फुट 6 इंच है कद काठी और बनावट एकदम जानदार है वे मुझसे पाँच साल बड़ी हैं और अभी अविवाहित हैं उनकी शादी तय हो गई है और दो महीने बाद उनकी शादी होनी है दीदी के बारे में सोचते ही लंड उफान मारने लगता है खुद को शांत करने के लिए मुझे मुठ मारनी पड़ जाती है।

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कोई भी भाई अपनी बहन के बारे में गलत नहीं सोचता परन्तु परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं जिससे चुदाई हो ही जाती है ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ उस दिन घर में मेहमान आए हुए थे मामा, मामी और उनकी बेटी आरती आए थे ठंड के दिन थे हमारे घर में जगह तो बहुत थी लेकिन बिस्तर कम थे इस वजह से मम्मी ने मेरी बहन को मेरे पास मेरे कमरे में सोने को बोला था।

उन्होंने कुछ गलत नहीं सोचा था खाना के बाद हम सभी लोग कुछ बात करने के बाद अपने अपने कमरे में चले गए दीदी के कमरे में मामा की फैमिली सैट हो गई थी मैं और दीदी मेरे कमरे की ओर चले दीदी- रुक मैं बाथरूम से चेंज करके अभी आती हूं तू ऊपर मत जाना मैं- ठीक है दीदी बाथरूम से निकलीं तो मेरे तोते उड़ गए दीदी का सुडौल सुगठित बदन देख कर मेरा मन मचलने लगा।

जांघों के ऊपर तक एक छोटी सी नाइटी में दीदी बेहद खूबसूरत लग रही थीं उनके आधे बूब्स खुले हुए बड़े ही मस्त दिख रहे थे हम दोनों कमरे में आ गए दीदी ने अपनी चूचियों की नुमाइश करते हुए मेरे लौड़े को कड़क कर दिया था उन्होंने मेरी लाइफ के बारे में मुझसे कुछ बात की और मेरी जीएफ वगैरह को लेकर बात करती रहीं यही सब बात करते करते दीदी सो चुकी थीं।

मैं उन्हें सिर्फ घूर ही पा रहा था और कर भी क्या सकता था कुछ देर बाद मैं भी सो गया तकरीबन 2 बजे आंख खुली तो मैंने देखा कि दीदी की नाइट ड्रेस उनके पेट पर चढ़ गई थी और जांघों का दूधिया रंग चमक रहा था दोनों जांघों के बीच के त्रिकोण में उनकी पैंटी के ऊपर से साफ साफ दीदी की चूत का आकार नजर आ रहा था।

उनकी चूत किसी कचौड़ी की तरह फ़ूली हुई थी और पेट की सांसों के चलते हौले हौले से ऊंची नीची हो रही थी चूत के ऊपर उनकी नाभि का इलाका था आह नाभि का मादक छेद देख कर ही मेरे लौड़े की जान निकलने की स्थिति हो गई थी लंड किसी भी वक्त पानी फेंकने की स्थिति में हो गया था मैंने दीदी के चेहरे की तरफ देखा वे टांगें चौड़ी करके बिल्कुल बेसुध सो रही थीं।

मैंने थोड़ा सा ऊपर की तरफ देखा तो मेरी धड़कने एकदम से तेज हो गईं उनकी गुलाबी नाइटी से आधे मम्मे झलक रहे थे और उस पर मेरी बहन के एक हाथ की उंगली उसकी दोनों चूचियों के बीच में थी मेरी तो लार सी टपक पड़ी थी खुद को संभालना मुश्किल होने लगा था दीदी की भरपूर गदरायी हुई जवानी को सोचते हुए मैं उठ कर बाथरूम में गया और मुझे उनके नाम की मुठ मारनी पड़ी।

यह काफी देर तक देखने की सजा थी मैं फिर से बेड पर गया तो उन्होंने करवट बदल ली थी जिस वजह से उनके बड़े बड़े गोल फुटबॉल जैसे कूल्हे मेरी आंखों के सामने थे उन पर एक कसी हुई पैंटी की लाइनें साफ नुमाया हो रही थीं मेरे विचारों में फिर से शैतानी हरकत हुई कि क्यों न ये जो मौका मिला है तो इसका कुछ फायदा उठा लिया जाए।

मैंने एक पल सोचा और अगले ही पल सरक कर बिल्कुल अपनी बहन की गांड से अपने लौड़े को चिपका कर लेट गया पहले लंड की नोक से उनकी गांड की दरार को घिसा फिर अपना एक पैर उनके कूल्हे के ऊपर रख दिया उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ उनके एक स्तन पर रख दिया एक पल रुका और कोई हरकत ना होने पर मैं उनकी चूची को दबाने लगा।

फिर हाथ नीचे करके दीदी की चूत पर उंगली फेरने लगा पीछे से मैं अपने लंड का दबाव चूतड़ों के मध्य की घाटी में देने लगा किसी खूबसूरत अप्सरा को सिर्फ एक छोटी सी नाइटी ने ढका हुआ था और बगल में लेटा हुआ एक जवान लड़का कितनी देर से संयम कर सकता है कुछ देर बाद मेरे लंड से अंडरवियर में ही रस निकल गया मैं ढीला हो गया और दीदी से चिपक कर सो गया।

फिर कब सुबह हुई कुछ पता ही नहीं चला सुबह उठा तो दीदी मेरे बाजू से उठ कर जा चुकी थीं इससे मैं डर गया कि कहीं उन्हें पता ना चल गया हो मैं नीचे आया तो मेहमान भी जाने की तैयारी में थे पापा को चंडीगढ़ जाना था वे सुबह जल्दी निकल गए थे मुझे भी जॉब पर जाना था लेकिन मैं नहीं गया मैं वापस रूम में आया और रात के बारे में सोचने लगा कि क्या ये सही था।

फिर मैंने विचार किया तो आंखों के सामने बहन का नंगा जिस्म याद आया मैं लेटा हुआ अपने लंड को सहला रहा था तभी दीदी दो कप में चाय लेकर आईं जब कोई किसी को ख्यालों में नंगी देख रहा हो तो लोअर में तंबू बनना तय होता है वही हुआ दीदी के सामने मेरे लोअर में लंड ने कड़क होकर एक तंबू बना दिया था फिर मैं उठा और स्पीड से सीधा बाथरूम की तरफ गया।

उधर काफी कोशिश करने के बाद जब लंड शांत ही नहीं हुआ तो पुनः मुठ मारने लगा तभी दीदी ने आवाज मारी- चाय ठंडी हो जाएगी क्या कर रहे हो मैं झट से उसी पोजीशन में बाहर निकल कर आ गया लोअर में लंड ने अपना खौफ जगाया हुआ था बहन- क्या हुआ मुझे देखते ही भागा क्यों मैं- वह बस ऐसे ही बाथरूम जाना था बहन- ओके ले चाय पी और बता कि आज जॉब पर क्यों नहीं गया।

मैं- आज मूड खराब था बहन- मूड ठीक हो जाए तो नीचे आ जाना मां भी मामा के साथ चली गईं वे एक हफ्ते तक वापस नहीं आएंगी मैं दीदी से नजरें नहीं मिला पा रहा था उन्होंने साड़ी पहनी थी ब्लाउज भी डोरी वाला पहना हुआ था आधे दूध साफ चमक रहे थे ऊपर से उनकी मटकती गांड मेरे लौड़े में फिर से आग लगा गई जैसे ही दीदी कमरे से बाहर आईं मैंने चाय छोड़ कर बाथरूम का रुख किया।

मेरा लंड टाइट था मैंने दीदी को सोच कर फिर से मुठ मारी पहले और अब में काफी फर्क था ऐसा लगने लगा था जैसे उससे बेहतर माल तो पूरी दुनिया में कोई बना ही नहीं है मैं नीचे गया मेरी बहन ने पूरा मेकअप कर रखा था जैसे चूत चुदवाने के लिए कोई रंडी ने पूरी तैयारी कर रखी हो होंठों पर लाल सुर्ख लाली आंखों पर मस्कारा गालों पर रूज बालों का जूड़ा बना कर चुदने के लिए अपनी टांगें फैलाने को एकदम तैयार रांड सी लग रही थीं।

मेरे मन में कई सवाल थे कि अब क्या करूं मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था तभी उन्होंने आवाज दी- इधर आ तुझसे कुछ बात करनी है मैं- हां दीदी आया दीदी ने मेरा हाल चाल पूछा- काम कैसा चल रहा है उन्होंने सब पूछा मैंने भी सर झुका कर उनके सवालों का जवाब दिया उन्होंने कहा- ऊपर देख कर बात कर ना मैंने उनकी चूचियों की तरफ देखा क्या बताऊं साला लौड़ा खड़ा हो गया।

दीदी ने चिपकने वाला ब्लाउज पहना हुआ था उनके आधे से ज्यादा मम्मे बाहर निकले हुए दिख रहे थे मैं सिर्फ दीदी के दूध देखता रह गया मेरी बहन मेरे ऊपर कयामत ढा रही थी तभी उनकी नजर मेरी लोअर पर गई मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने कहा- भाई मेरे लिए एक गिलास पानी ला दे मैंने किसी तरह से जाकर पानी दिया।

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अब कोई लड़की चुदक्कड़ हो तो लोअर के अन्दर का सीन बाहर से ही भांप जाती है कि लंड का साइज क्या है और कितना फूला हुआ है लौड़े को देखते हुए ही बोली- भाई एक बात बोलूं बुरा न लगे तो कहूँ मैं- हां दीदी बोलिए न बहन- मुझे देख और बता कि मैं कैसी दिख रही हूं मैं- दीदी आप काफी अच्छी लग रही हो बहन मुस्कुराती हुई बोली- और सच सच बता ना मैं- आप वाकयी में मस्त लग रही हो।

बहन ने मुस्कुरा कर कहा- तो आज मेरा एक काम कर दो मैं- हां बोलो न बहन- मुझे मेहंदी लगवानी है तो मार्केट में कहीं से लगवा दो मैं- चलो मैं तैयार होकर आता हूं बहन- तुम नहा कर आओ मैं तुम्हारे कपड़े निकाल देती हूं मैं नहा कर कमरे में जा ही रहा था कि बहन ने आवाज दी- इधर ही रख दिए हैं कपड़े पहन लो वे तेल लाईं और मेरे सर पर लगाने लगीं।

दीदी की हाइट मुझसे छोटी थी तो मैंने सर झुका दिया मेरी नाक उनकी चूचियों से रगड़ने लगी वे कुछ भी नहीं बोलीं मुझे हरा सिग्नल मिलने लगा लेकिन मैं अभी कुछ भी हरकत नहीं करना चाहता था क्योंकि वे मेरी बहन हैं और भाई बहन में इतने से तय नहीं किया जा सकता था कि उनका क्या मन है तेल डालने के बाद मैंने बाल बनाए और कपड़े पहन कर हम दोनों निकलने के लिए तैयार थे।

बहन- मैं एक मिनट में आती हूं वे अपने कमरे में गईं तभी उन्होंने आवाज दी- इधर आना भाई टांण पर से मेरी चूड़ी का डिब्बा उतार दो मैं अन्दर गया टांण तक तो मैं भी नहीं पहुंच पा रहा था इतने में दीदी बोलीं- तू मुझे ऊपर उठा मैंने बिना देर किए उनके चूतड़ पकड़ कर उन्हें ऊपर उठा दिया उस वक्त दीदी की चूत मेरे मुँह पर थी चूत की महक और स्पर्श का मजा एक साथ दोनों मिल रहे थे।

फिर मैंने दीदी को धीरे धीरे नीचे किया तो उनके बदन पर हाथ फेरने का सुख भी लिया और उनकी चूचियों के भी एकदम सूंघते हुए दर्शन कर लिए दीदी ने चूड़ी पहनी और हम दोनों चल दिए मैं- कार से चलें दीदी बोलीं- नहीं अपनी बाइक निकाल ले मेरे पास पल्सर थी हम दोनों बाइक पर बैठ कर चल दिए गली के नुक्कड़ तक तो वे मेरी बहन बनी हुई बैठी थीं।

उसके बाद तो उन्होंने अपने दोनों हाथ कंधे पर रख दिए दीदी की चूचियों का दबाव मैं अपनी पीठ पर महसूस कर रहा था हम दोनों मेहंदी डिजाइन वाली दुकान पर पहुंचे दीदी ने अपने दोनों हाथों में मेहंदी लगवा ली और बोलीं- अब सीधे घर चलना है वातावरण में ठंडी हवा तेज चल रही थी दीदी का पल्लू लहरा रहा था मैंने अपने हाथ से उनका पल्लू ठीक कर दिया और कमर में लपेट कर घुसा दिया।

फिर दीदी की तरफ देखा और मुस्करा भी दिया वे भी हंस दीं हम दोनों घर पहुंच गए दीदी को तेज सुसु लगी थी हाथ में मेहंदी लगी होने की वजह से वे परेशान थीं फिर वे मुझसे बोलीं- मुझे सुसु जाना है मेरे कपड़े चेंज करवा दे मैं- मैं कैसे मेरी निकल जाएगी भाई प्लीज यार जल्दी कर मैं- मैं नहीं कर सकता बहन- अच्छा अब नौटंकी बंद कर रात का मुझे सब पता है कि तूने क्या किया था।

मैं सकपका गया- क क्या किया था बहन- साले तूने मेरे तन बदन में आग की ज्वाला जला दी थी अब नौटंकी बंद कर और मेरी साड़ी खोल जल्दी से वर्ना मम्मी को सारी बात बता दूंगी मुझे उनके साथ सब कुछ करना तो था ही बस पता तो चले कि दीदी की आग कितनी भड़की है मैं धीरे धीरे करके साड़ी खोलने लगा मैं उनको धीरे धीरे से टच करने लगा।

फिर उनकी कमर पकड़ कर कहा- रात में ये ही तो मुझे सोने नहीं दे रही थी दीदी भाई से चुदाई की बात करती हुई बोली- बोलता तो रात ही तेरे हवाले कर देती अभी भी खोल दे अब 5 दिन तेरी ही हूं और तेरे लंड का साइज़ काफी बड़ा है ना मैंने रात में सहलाया था हाँ दीदी काफी बड़ा है हूँ मैं कई दिनों से तेरे चक्कर में हूं मामा मामी को मैंने ही बुलाया था बाकी अभी सब बताती हूं पहले मूत तो लूं।

मैं- पैंटी भी उतारूं हां बेटा हां पूरी नंगी ही कर दे साले मैं हंस कर बोला- दीदी मेरे सामने ही मूतना दीदी- ओके बेटा चड्डी तो उतार पहले मैंने दीदी की पैंटी में दोनों साइड अंगूठा डाल कर सारी उंगलियों को जांघ पर पकड़ बना कर हाथ फेरते हुए नीचे उतार दी दीदी- आ जा तेरे सामने ही धार निकालूँगी उनकी चूत को पहली बार देखा था सच कहूं तो नंगी लड़की को ही पहली बार देखा था वह भी अपनी बहन को।

दीदी मूतने को बैठी ही थीं कि छर्र छर्र की आवाज आने लगी दीदी- क्या देख रहा है मैं- आपकी चूत दीदी- क्यों पहले कभी नहीं देखी क्या मैं- एक बार मां की देखी थी वह भी गलती से पर ठीक से पहली बार है दीदी- मां को भी नहीं छोड़ा साले कैसे देखी थी मैं- वो वो दीदी- ठीक से बोल न मैं- मम्मी बाथरूम में शॉवर ले रही थीं मुझे लगा कि बाथरूम में कोई नहीं है मैं घुसता चला गया। 

अन्दर देखा तो मेरी नजर सीधे उनकी काली चूत पर जा पड़ी जिसमें वे नहाती हुई उंगली कर रही थीं दीदी हंसती हुई बोलीं- जल्दी ही मां भी तेरे बिस्तर पर होंगी आईडिया मैं बता दूंगी बुढ़िया को इतना चोदना कि वह तेरे लंड की गुलाम बन जाए मैं- हां पर ऐसा क्यों दीदी- जब मम्मी तुझसे चुदने लगेंगी तब इस बारे बताऊंगी मैं- ओके दीदी।

दीदी- बेटा अगर मैं पहल ना करती तो तू मुठ ही मारता रहता और मैं बाहर मुँह मारती रहती मैं- हां ये तो है पर आप बाहर किस से दीदी- एक है सुरेश नाम का साले का 5 इंच का साइज पतला सा लंड है बिल्कुल बेकार है भोसड़ी वाला 2-3 मिनट में झड़ जाता है बस जवानी की प्यास बुझती नहीं है तो उससे करवाना पड़ता है उधर मेरी जवानी देखते ही निकल जाता है सुरेश का कुछ कर भी नहीं पाता।

मैं- दीदी आप इतनी तेज हो कि चुदवा भी लिया आपने दीदी- उसे चुदवाना नहीं कहते मैं- फिर चुदवाना किसे कहते हैं दीदी- अभी जब तेरा मोटा लंड मेरी चूत में जाएगा तो पता चल जाएगा कि चुदवाना किसे कहते हैं मैं उनकी चूत देखने लगा जिसमें से मूत निकलना बंद हो गया था मैंने कहा- दीदी आपकी चूत से धार निकलना बंद हो गई दीदी- चल बकचोदी ही करेगा या कुछ अन्दर बाहर वाला काम भी करेगा।

मैं- दीदी वह आपकी मेहंदी दीदी- ये तुझे पटाने का तरीका था इसका कोई काम नहीं है दीदी ने हाथ धो लिए और मेरे होंठों पर होंठ धर दिए मैंने उनकी कमर में हाथ डाल कर कसके अपनी पकड़ बनाई और होंठों को चूसने लगा दस मिनट तक होंठों की चुसाई होने के बाद मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गया था मैंने बाथरूम में ही दीदी का ब्लाउज उतार दिया और चूची को दबाने लगा।

दीदी- साले इधर ही सब कर लेगा क्या मुझे अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले चल और मेरी जवानी का मजा लूट कर मेरी तड़प मिटा दे मैं- दीदी आज आप रो दोगी मैं आपको इतना चोदूंगा कि आपकी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा दीदी- अच्छा बेटा इतना कॉन्फिडेंस मैं- हां मेरी जान मैंने दीदी को बांहों में जकड़ कर उठा लिया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा।

दीदी के पैर हवा में थे और उनकी रस भरी चूचियां मेरे सीने से रगड़ रही थीं उसी अवस्था में दीदी को लटकाए हुए मैं उन्हें चूसते चूसते लाया और बेड पर पटक कर उनके ऊपर चढ़ गया मैंने दीदी के होंठों को चूस चूस कर लाल कर दिया था जब चुंबन टूटा, तो दीदी मुस्कुराती हुई बोलीं- वाकयी आज बहुत मजा आने वाला है दीदी के सफेद मम्मे बड़े बड़े और एकदम गोल किसी फिल्म एक्ट्रेस के जैसे चमक मार रहे थे।

मुझसे रहा नहीं गया और मैं उनके एक दूध को मुँह में भर कर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से तेज तेज मसलने लगा दीदी के मुँह से निकलती आई मम्मी उई मम्मी आह ओह हां सीईईई की आवाज मेरा जोश बढ़ाने लगी दस मिनट में दीदी के मम्मों को मसल कर मैंने उन्हें लाल टमाटर बना दिया था उनके दोनों मम्मों में दांत से काटने के निशान बन गए थे।

अब मैं दीदी के सामने से उनके बाजू में आ गया और एक हाथ से दीदी की चूत को सहलाने लगा मेरा दूसरा हाथ दीदी की मस्त गोल चूचियों को दबा रहा था होंठों की चुसाई चालू थी होंठों में जंग सी हो रही थी उनकी जीभ मेरे मुँह में थी और मेरी जीभ उनकी जीभ को चूस कर उनके मुँह की लार को पिए जा रही थी उधर नीचे मैं दीदी की चूत में उंगली तेजी से अन्दर बाहर करने लगा था।

दीदी के मुँह से आह सी ऊऊओ सी आह की तेज आवाज निकल रही थी तभी दीदी एकदम से अकड़ने लगीं और उन्होंने ने मुझे जोर से पकड़ कर अपना सारा पानी गिरा दिया मेरी उंगलियों के जरिए उनकी चूत का पानी बाहर आने लगा कुछ पल तक चूत से माल झाड़ने के बाद दीदी निढाल स्वर में बोलीं- आह मजा आ गया साले अब तक तू कहां था तेरी दीदी किसी और से चुदवा कर कभी शांत नहीं हुई। 

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तू अभी सिर्फ शुरू ही हुआ है और मैं एक बार में निकल भी गई ला अब तेरा लंड चूस देती हूँ अपना लंड मेरे मुँह में डाल दे दीदी ने मुझे नंगा किया और मेरा विशाल लंड देख कर उनकी आंखें चमक उठीं वे मेरे लंड को पकड़ कर बोलीं- मैं ऐसे ही लंड को ढूंढ रही थी ऐसे लौड़े के चक्कर में मैं 3 लंड ले चुकी हूं और ये मेरे घर में ही मेरे पास था और अब जाकर मिला है।

मैं- दीदी आप क्या बिल्कुल रंडी बन गई हो आप अपनी चूत में अब तक 3 लंड ले चुकी हो दीदी- बहनचोद तुझे अभी पता चल जाएगा कि मैं रंडी हूं या नहीं यह कहती हुई दीदी अपने घुटनों के बल बैठ गईं और मेरे लबे मोटे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में भर कर चूसने लगीं दीदी बिल्कुल सड़क छाप रंडियों की तरह मेरे लंड को चूस रही थीं।

उनकी कोशिश थी कि पूरा लंड मुँह में ले लें पर बड़ा होने के कारण पूरा लौड़ा उनके मुँह में नहीं जा रहा था लगभग आधा लौड़ा अभी भी बाहर ही था बाहर रह गए लौड़े को दीदी हाथ से मरोड़ती हुई सहला रही थीं मैंने भी अब दीदी के बाल पकड़ लिए और उनके मुँह में धक्के देने लगा उत्तेजना के चलते मुझसे एक धक्का तेज लग गया और लंड दीदी के गले तक पहुंच गया।

इससे दीदी की आंखें बाहर निकलने लगी थीं दीदी ने मेरी कमर पर चुटकी काटी और मुझे रोका मैं समझ गया कि लौड़ा ज्यादा अन्दर घुस गया मुझे पहली बार कोई लड़की की चुदाई का मौका मिला था वह भी मेरी बहन ने मुझे चोदने का ऑफर दिया था मैंने दीदी से कहा- अब आप पेट के बल लेट कर लंड चूसो दीदी ने मुँह से लंड निकाला और बोलीं- साले अब मुझे चोदना सिखाएगा बता क्या करेगा भोसड़ी के।

मैंने कहा- लेट तो मेरी जान दीदी लेट गईं और लौड़ा चूसने लगीं मैंने झुकाव बनाते हुए दीदी के मुँह में लंड पेला और उनके चूतड़ों को पीटने लगा कभी मैं नीचे हाथ डाल कर बूब्स दबाने लगता कभी कमर सहलाने लगता मैं अब चरम सीमा पर आ गया था दीदी मेरे दोनों आंडों को सहला रही थीं और लंड को चूस रही थीं इस वजह से लंड चुसवाने में मस्त मजा मिल रहा था।

मैंने झड़ना चालू कर दिया और सारा माल दीदी के मुँह में भर दिया दीदी पक्की रांड थीं उन्होंने लंड रस को खा लिया और चाट कर लंड साफ कर दिया फिर वे नशीली आंखों से लंड को चूमती हुई बोलीं- ऐसा लंड ब्लू फिल्म के अलावा कभी नहीं देखा मैं हांफता हुआ उन्हें मादक नजरों से देख रहा था दीदी- चल अब तू मेरी चूत चाट मैं- ओके दीदी दीदी- भोसड़ी के दीदी मत बोल साले अब तेरी जीएफ हूं।

मैं- ओके जान मैं दीदी की चूत चाटने लगा चूत चाटते हुए दो उंगलियां भी दीदी की चूत में तेजी से अन्दर बाहर करने लगा उनकी सिसकारियों भरी आवाज तेज निकलने लगी- उह आह आह ओह माई गॉड आई मर गई कुछ मिनट के बाद लौड़े ने फिर से उफान मारना शुरू कर दिया दीदी का पानी भी निकल गया वे मेरा सर तेजी से अपनी चूत पर दबा कर बोलीं- मैं तेरी हूं मेरी जान आह चूस ले कमीने आह।

यह कहते हुए दीदी ने सारा पानी मेरे मुँह में निकाल दिया मैंने उनकी चूत से निकला सारा पानी चाट कर साफ़ कर दिया दीदी आज तो मैं जन्नत में हूं जैसे अब मुझे भी ले चल जन्नत की सैर पर चल मेरी जान अब लंड तेरी चूत में जाने को तैयार है अब बारी थी दीदी की चुदाई की दीदी- साले कुत्ते की तरह चूत को चोद कर अपनी और मेरी जवानी की ज्वाला बुझा दे।

दीदी ने टांग उठा कर घुटने से मोड़ ली और मुझे अपनी ओर खींच कर बोलीं- पेल दे अपनी बहन को चोद चोद कर चूत का भोसड़ा बना दे अपना दस इंची लौड़ा पेल दे जल्दी से मैं उनकी चूत पर लंड रगड़ रहा था बहन तड़प रही थी और कहे जा रही थी कि जल्दी से पेल दे भाई ओह अब नहीं रुका जाता उनके मुँह से ये शब्द सुनकर मजा ही आ गया।

मैं जानबूझ कर उन्हें और तड़पा रहा था दीदी ने लंड को पकड़ कर चूत पर सैट किया और नीचे से गांड उठाते हुए एक जोरदार झटका मार दिया मेरे लंड का टोपा उनकी चूत के अन्दर घुस गया तभी दूसरा झटका मैंने दे दिया जिससे आधा लंड चूत में घुसता चला गया ब्रो फक सिस दीदी की एक जोरदार चीख से घर गूंज गया।

घर में किसी के ना होने से आवाज पर मैंने ध्यान नहीं दिया और एक और झटका लगा दिया इस बार लंड ने चूत की मां चोद दी और दीदी की दर्द भरी चीख निकल पड़ी वे तड़पते हुए शब्दों से कहने लगीं- आह रुक जा थोड़ा आह भाई सांस तो ले लेने दे जरा मैं कोई रंडी नहीं हूं तेरी सगी बहन हूं लेकिन अब तेरी रंडी भी हूं में पाँचों दिनों तक रात दिन चोद लेना मुझे पर अभी जरा सा रुक जा।

मैं रुक गया और दीदी को किस करने लगा अपने एक हाथ से मैं उनकी चूची को पकड़ कर पीने लगा और जोर जोर से दबाने लगा, सहलाने लगा एक मिनट के बाद दीदी ने नीचे से गांड हिला कर इशारा किया मैंने धकापेल चुदाई शुरू कर दी नीचे स्पंज वाला गद्दा था और ऊपर से मेरे परमाणु बम के फटने वाले जैसे धक्के चालू थे दीदी सेक्सी आवाज के साथ तेज स्वर में चिल्ला रही थीं- आह आह मर गई भाई चूत फट जाएगी मेरी आह धीमे चो आह आह उई मम्मी आई मर गई।

पूरे कमरे में ब्रो फक सिस की आवाजें खचा खच खचा खच चल रही थीं दस मिनट के बाद मैंने चुदाई की पोजीशन बदली मैं नीचे हो गया और दीदी लंड पर बैठ गईं अब दीदी उछल उछल कर चुदवाने लगी थीं उनकी दोनों चूचियां भी हवा में गजब उछलने लगी थीं पूरी तरह से बिखरे बाल वाली करिश्मा दीदी मेरे लंबे लंड पर गजब उछल रही थीं।

मैं भी नीचे से झटके दिए जा रहा था दीदी की सिसकारियां मेरा जोश बढ़ा रही थीं वे अपने ही हाथों से अपनी चूचियों को मसल रही थीं मुझे और दीदी दोनों को बहुत मजा आ रहा था एक परी जैसी खूबसूरत बला मेरे लौड़े पर उछल उछल कर चूत की बैंड बजवा रही थी मैंने अपने हाथों को प्रयोग में लिया और उनके दोनों चूतड़ों पर जोर जोर से चमाट मारने लगा।

मेरे हर थप्पड़ पर जोर जोर से धक्का लगाती हुई दीदी आह आह करती जा रही थीं इसी आसन में दस मिनट तक चुदवाने के बाद दीदी की चूत ने पानी छोड़ दियावे हांफती हुई बोलीं- अब तो रुक जा और चूत चाट कर साफ कर दे … तुझे भी टाइम मिल जाएगा, जिससे तेरा भी पानी जल्दी नहीं निकलेगा मैं समझ गया कि ये बहुत प्यासी रांड हैं।

मैंने वैसा ही किया; उन्हें लौड़े से उतार कर उनकी टांगों के बीच में आ गया और चूत को चाट कर साफ करने लगा कुछ देर तक दीदी की चूत को चाटता रहा और उनकी चूत के दाने को अपने होंठों में पकड़ कर खींचता रहा तो दीदी फिर से चुदासी हो उठीं मेरा लंड भी फनफनाने लगा था तो अब मैंने उनको घोड़ी बनाया।

दीदी अपनी गांड हिलाती हुई बोलीं- आज सारा दिन सिर्फ तेरे लौड़े के नीचे ही रहना है भाई डाल दे अपना मोटा लंड मेरी प्यासी चूत में और चूत को फाड़ दे ध्यान रखना बेटा एक ही झटके में लौड़ा छेद के अन्दर जाना चाहिए मैंने एक जोरदार थप्पड़ दीदी के चूतड़ पर दे मारा और उनकी कमर को हाथ की मुट्ठी से भरते हुए नोच सा लिया।

इससे दीदी चीख पड़ीं- आई मम्मी मर गई आह आह ईईईईई भैन के लंड ऐसा क्यों कर रहा है मादरचोद आह अभी उनकी चीख बंद भी नहीं हुई थी कि मैंने उसी वक्त उनकी लपलपाती चूत पर लंड सैट कर दिया और दीदी की कमर पकड़ कर एक बमपिलाट झटका लगा दिया एक ही शॉट में लगभग आधा लंड दीदी की चूत में घुसता चला गया।

दीदी- उई माँ मार दिया रे भैन के लौड़े ने आह आज तो मुझे लगता है तू मुझे अपनी परमानेंट रंडी ही बना कर छोड़ेगा क्या आह बहनचोद साले ने चूत का भोसड़ा बना दिया मैं- अभी आधा ही गया है मेरी जान अभी आधा अन्दर जाना बाकी है साली कुतिया अभी तेरी चूत का चबूतरा बनाना है भोसड़ा तो किसी से बनवा लेना आह ले मादरचोदी लंड का मजा चख।

यह कहते हुए मैं अपनी दीदी की रसभरी चूचियों को सहला और मसल रहा था दीदी- आह कमीने तेरी तो भाषा ही बदल गई मादरचोद ऐसे ही तो मैं चुदवाना चाहती थी मेरे लंड राजा पेल दे पूरा हथियार और फाड़ दे मेरी चूत को बना दे स्टेडियम इसका मैंने कहा- हां साली, तेरी चूत का स्टेडियम ही बना दूंगा ले साली दूसरा झटका ले कमीनी रांड आह।

फिर से मैंने एक शॉट लगा दिया इस बार पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत में जड़ तक पेल दिया था दीदी- हाय रे मेरी चूत आह फट गई आई ईईई उई इस्स्स आह रुक जा मेरे मादरचोद सैंया आह रुक जा भोसड़ी वाले मैं दीदी की गांड को मसलते हुए बोला- वाकयी आप भले ही तीन लंड से चुदाई करवा चुकी हो, लेकिन दीदी आपकी चूत मेरे लौड़े से ही फटी है बस इसमें से खून नहीं आया बाकी सब करम हो गए आपके।

दीदी- साले तेरा आदमी का लंड थोड़ी है भोसड़ी वाले घोड़े का लंड मिला है तुझे पेल साले यह कह कर दीदी नीचे से गांड हिलाने लगीं मैंने उनकी कमर पकड़ कर दे दनादन धक्के देने शुरू कर दिए दीदी का पूरा होल लौड़े की चोट से फैलने लगा उनकी कामुक सिसकारियों से कमरा गूंजने लगा मैं पूरा लंड बाहर निकाल कर तेज तेज झटका मारने लगा।

दीदी की उई उई मर गई आह माई गॉड ओह आवाज तेज और सेक्सी होने लगी इस बीच मैंने फिर से पोजीशन चेंज की मैं नीचे लेट गया दीदी को अपने ऊपर पीट के बल लेटने को बोला दीदी ने वैसा ही किया उन्होंने नीचे हाथ डाल कर लंड को पकड़ा और चूत के मुँह पर सैट करके नीचे खिसक गईं लंड सटाक से उनकी चूत में घुसता चला गया और दीदी किसी पॉर्न एक्ट्रेस की तरह अपने हाथ पीछे करके चूत में लंड लेने लगीं।

विधवा भांजी की कसी चूत में मोटा लंड-Hindi Sex Story

उनकी पीठ मेरे सीने से कुछ ऊपर थी मेरे दोनों हाथ खाली थे तो मैंने अपना एक हाथ उनकी एक चूची पर रखा और दूसरा हाथ चूत पर लगा दिया जिससे लंड को अन्दर बाहर होने में मदद मिलने लगी मैं दीदी की चूत का दाना मींजने लगा और नीचे से लंड उठा उठा कर उन्हें चोदने लगा मैं कहने लगा- वाह दीदी क्या मजा दे रही हो आप अब लगता है आप लंड के बिना बिल्कुल नहीं रह सकती हो।

दीदी आंखों को बंद करके लंड पर अपनी चूत रगड़ रही थीं और चुदाई का मजा ले रही थीं उन्होंने हुम्म कहा और बस चुप होकर चूत की रगड़ाई का सुख लेने लगीं अब मैं दीदी के दोनों दूध पकड़ कर उनकी चुदाई करने लगा दीदी की चूचियां हिलती हुई बड़ी मस्त लग रही थीं।

कुछ मिनट तक धक्का पेल चुदाई के बाद मैंने कहा- दीदी मेरा निकलने वाला है दीदी- आखिर तक पेलता जा और चूत के अन्दर ही झड़ जा आआ दीदी आह आह आई लव यू दीदी ये बोल कर मैंने लंड से रस फेंकना शुरू कर दिया और अपनी दीदी की चूत को भर दिया आपको न्यूड सिस्टर चुदाई कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।

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