बहन की चूत फाड़ के बना दिया भोसड़ा-Bhai Behan Sex Story

बहन की चूत फाड़ के बना दिया भोसड़ा

लॉकडाउन में में मैं अपनी बुआ के घर गया था वहां एक सुंदर लड़की मिली रिश्ते में दूर की बहन को केसे पटा कर चुदाई की आगे कहानी में पढ़िए नमस्कार दोस्तों आज में आपको अपने साथ हुए एक बहुत ही सुखद घटना के बारे में बताने वाला हूं। 

लंड वाले अपने लंड और चूत वाली अपनी चूत पर मालिश को तैयार रहे, आज मेरी इस कहानी के माध्यम से में आपको शब्दों के ज़रिए असीम सुख देने की कोशिश करूंगा मित्रों मैने इससे पहले कोई कहानी नहीं लिखी है तो मुझसे अगर कोई गलती हो तो माफ कीजिएगा और कहानी पढ़ने के बाद अपने सुझाव मुझे मेल करके जरूर दीजिएगा।

तो अब आते हैं मुद्दे की बात पर मेरा नाम राजीव है और में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का निवासी हूं। मेरे लंड की लंबाई 7+ इंच है और मोटाई 2.5+ इंच। मेरा शरीर एक धावक(athlete) का सा है। रंग गोरा लंड काफी स्मार्ट दिखता हूं। 

Beard थोड़ी कम है पर चेहरा सुंदर और किसी को भी मोहित करने के लिए पर्याप्त है । मैं स्वभाव से बहुत ही हंसमुख और मजाकिया व्यक्ति हूं।किसी को भी हंसाने में माहिर हूं। मेरे शरीर पर कम बाल होने की वजह से में और थोड़ा बढ़िया लगता हू एकदम बच्चा सा। मेरी उम्र 22 साल है। में बहुत ही सेक्सी और ठरकी लड़का हूं।

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यह घटना तब की है जब में 20 साल का था यानी 2020 की। बात उस समय की है जब देश में लॉकडाउन लगा हुआ था । दरअसल हुआ यह था कि मेरी बुआ का बड़ा लड़का मुझे लेने मेरे घर आया था। हम दोनो रक्षाबंधन के बाद उसके घर जाने वाले थे। 

प्लान के मुताबिक हम उसके घर पहुंच गए उसका घर मेरे घर से 80 km दूर है। तो जल्दी आना जाना हो जाता है। में उसके घर पर 15 साल बाद गया था। वहां सब मुझे देख कर खुश हुए और शाम को खाना खा कर हम बाते करने लगे। में छत पर सोने का आदि हूं तो वहां भी में छत पर ही सोता था। मेरे बुआ के लड़के ने उनके काफी बड़े परिवार के सदस्यों के बारे में बताया।

अगले दिन मैने घर के बाहर एक बहुत ही सुंदर लड़की को देखा, मैं उसे देखता ही रह गया। उसका रंग दूध सा गोरा, घने काले बाल जो उसकी कमर तक आ रहे थे। सागर से गहरी उसकी भूरी आंखे और उसकी कातिलाना मुस्कान मेरे दिल को पहले नजर में ही अपने दीवाना बना गई थी। 

उसकी लगभग लंबाई 5 फुट 4 इंच थी शरीर से बिल्कुल भरी पूरी ,एकदम काम की देवी लग रही थी उसकी उम्र यही कोई 19 साल की थी उसका फिगर लगभग 34 30 36 का रहा होगा। 

उसके 34 के चूचे एकदम सुडोल और कैसे हुए थे उसकी गदरायी गांड़ इतनी शानदार थी की उसको देख कर तो बूढ़े भी जवानी की दुआ मांगते होंगे मैं उसे देखते ही मोहित हो गया और मन ही मन सोचने लगा कि कैसे भी करके इसकी चुदाई करनी ही है।

मैने मेरे बुआ के लड़के से उस लड़की के बारे में पूछा तो पता चला कि वो उसके ही परिवार की है। दरअसल वो उसके दादा के छोटे भाई के सबसे बड़े लड़के की तीसरे नंबर की बेटी थी। उसकी दो बड़ी बहन थी। 

इसकी बड़ी बहन के साथ चुदाई का किस्सा मैं आपको अगली कहानी में सुनाऊंगा। इसकी बड़ी बहन भी एकदम जोरदार माल है इसी की तरह ।मेने अपने भाई से इसके बारे में पूछा तो उसने बताया की यह भी हमारे घर में से ही है । 

मेरे चाचा की लडकी है तो में खुश हो गया । मैनें उसके घर आना जाना शुरू कर दिया। उसकी मम्मी और पापा भी मेरे बुआ फुफा ही लगते थे भले ही दूर के सही। अब उसके घर वालो से और उससे मेरी बहुत अच्छे से बाते होने लगी। 

में रोज दिन में 3 4 चक्कर उनके घर में लगा ही देता था। मेरा स्वभाव मजाकिया है मेने आपको बताया ही है। में वह जा कर खूब मजाक करता था सबको हसाता था अब उसके घर वाले और वो मुझसे खूब ही घुल मिल गए थे मेरा ऐसा स्वभाव उसके जेहन में मेरे लिए प्यार पैदा करने में सफल रहा।

एक दिन मैने चेक करने की सोची की कहीं मेरी मेहनत गलत दिशा में तो नहीं जा रही। मैं एक दिन उनके घर नही गया पूरे दिन। जब ने शाम को गया तो उसने अकेले में मुझसे कहा की आज तुम नहीं आए तो मेरा मन नहीं लग रहा था । 

तुम्हारे आते ही दिन खुश हो गया दोस्तो ये बात उसके मुंह से सुन कर मेरा लंड हिलोरे देने लगा था शायद उसने भी मेरे लंड को हिलोरे लेते हुए पजामे के उपर से देख लिया था फिर वो शर्मा कर वहां से चली गई। 

मैं भी अपने बुआ के वहा चला गया उसका और मेरी बुआ का घर बस 10 मीटर की दूरी पर है। एसे ही में उसके घर आता जाता रहा और दिन गुजरते गए लगभग 2 महीने हो गए थे इस ही बाते करते हुए हमारा आना जाना इसे ही चलता रहा और मिलने के साथ ही हमारी प्यास बढ़ने लगी।

इसी बीच एक बार उसक सारे घर वालेेे उसकी बुआ के लड़के की शादी में गए थे तो वो ही घर और अकेली रह गई थी। उसके घर वाले उसे हमारे घर खाने खा लेने की कह कर 4 दिन के लिए चले गए थे। मैने मौके का फायदा उठाया और उसके घर चला गया दिन में। 

वो कपड़े धो रही थी घर के आंगन में मैने उसको सीधा पूछ लिया की मुझसे प्यार करती है क्या उसकी तरफ से भी साफ जवाब आया की ओर कितने hint दू तुम्हे समझाने के लिए की हां में तुमसे प्यार करती हूं। मेरा यह जवाब सुन कर कोई खुशी का ठिकाना न रहा। 

मैने तुरंत उसको भी कमरे में आने का बोला और उसके आते ही उसे खींच कर जोर से अपने गले से लगा लिया हम दोनो 3 4 मिनट तक एक दूसरे की बाहों में चिपके रहे फिर उसने बोला की मुझे किस करनी है।  

अब खुद चल कर आई चूत को कोई मना करे तो उससे बड़ा मूर्ख इस दुनिया में कोई नहीं है मैने उसके गुलाब की पंखुड़ियों से कोमल और सुर्ख लाल होंठों पर अपने हाथ रख दिए उसने अपने दोनो हाथ मेरी कमर से हटा कर मेरे बालो में फिराने चालू कर दिए।  

कभी वो मेरे ऊपर के होंठ को चूसती और में उसके निचले होठ को तो कभी वो मेरे निचले होठ को चूसने लग जाती हम दोनो एक जिस्म दो जान की तरह एक दूसरे में समा जाना चाहते थे लगभग 5 6 मिनट ही हुए होंगे की उसका हाथ मेरे लंड की तरह जाने लगा और मेरा एक हाथ उसकी कमर से होते हुए उसकी गांड़ पर और एक हाथ उसकी चूचियों को मसलने और प्यार करने लगा।

दोस्तो आज भी यह कहानी लिखते समय मेरे शरीर में वही सिहरन चलने लग गई है जो उस समय उसके मेरे लंड पर हाथ लगाने से होने लगी थी उसके हाथो में वो जादू है की अगर वो किसी मुर्दे के लंड को छुए तो उसका भी लंड खड़ा हो जाए।

खैर वापस आते है उसने इसे ही पैंट के उपर से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया और मैने उसके चूचों से खेलना उसके निप्पलस एक दम कड़क हो गए थे और उसके मूंह से सिसकारियां निकलने लगी थी हम किस करके करते एक आध सेकंड के लिए होठ दूर करते फिर चिपक जाते थे। 

उसी एक सेकंड की दूरी में वो ऐसी मनमोहक और उत्तेजित करने वाली सिसकारी लेती थी की मेरा लंड और कड़क हो जाता था मैने अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले जा कर उसको उपर से मसलना चालू किया। 

मेरे हाथो में जो जादू है की अगर किसी की चूत की मालिश कर दूं तो उसे मालिश से ही चरम सुख का एहसास दिला दूं ऐसे ही रोमांस चल रहा था की उसने अचानक से मुझे दूर धक्का दे कर कहां की यह हम आज रात को आगे बढ़ाएंगे।

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दोस्तो एक बार की लगा की उसको पकड़ कर वही पटक कर jam kr चुदाई करू फिर सोचा की ऐसी हसीन लड़की जब खुद कह रही है चुदने की तो जरा सा इंतजार करने में क्या परेशानी है।

अब में वहां से सावधानी से निकल कर अपने घर आ गया और रात होने का इंतजार करने लगा। दोस्तो एक एक पल काटना भारी पड़ रहा था अब जैसे तैसे करके रात भी हो गई थी सर्दी का समय था तो हमने घर के सबसे बाहर वाले कमरे में मिलना तय किया था। 

जहां पहले उसकी दादी सोती थी जिनके गुजर जाने के बाद वो कमरा खाली रहता था। गांव में रात को ठंड को सब जल्दी ही सो जाते लगभग 8 9 बजे तक हमने 11 30 बजे मिलना तय किया था अब प्लान के मुताबिक हम दोनो मिले। 

ठंड रात को ज्यादा थी और मौका भी था और मनचाही लड़की भी बाहों में। दोस्तो मेरे लंड में तो उसको आते देख कर ही हिलोरे चलने लग गए थे जैसे ही हम उस कमरे में घुसे उसने मुझे गले से लगाया और थोड़ा भावुक हो गई। 

मैने भी उसका पूरा साथ दिया और हम पूरे 10 मिनट एक दूसरे की बाहों में चिपके रहे अब धीरे धीरे चुदाई की खुमारी चढ़ने लगी थी और हमारे अंगों में भी वासना की भूख जागने लगी थी मैने उसके होंठो को चूमना चालू किया और उसने मेरा पूरा साथ दिया।

अब वो पल दूर नही था जिसका में बेसब्री से इंतजार कर रहा था। वो मेरे बालो में अपनी उंगलियां चला रही थी और में उसको चूमे जा रहा था मेरे दोनो हाथ उसके चूतड़ों पर थे जिनकी में हल्की हल्की मालिश कर रहा था। 

अब उसने अपने हाथ मेरे सीने से होते हुए मेरी t-shirt पर ले गई और उसको उतार कर मुझे उपर से नंगा कर दिया था। मैने भी उसकी कुर्ती उतार दी और उसको ब्रा में कर दिया अब उसके होंठो का रसपान करने के बाद मेने अपने होंठो से उसके कान की लॉ को खाने लगा और चूमने काटने लगा। 

उसकी उत्तेजना मेरी इन हरकतों से बढ़ती जा रही थी वो अब अपनी सिसकारियों को तेज करती जा रही थी में भी जोश में आ रहा था अब मेने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किया औरत को अगर गर्दन पर चूमते हैं तो उसकी उत्तेजना दुगनी रफ्तार से बढ़ती है। 

हुआ भी ऐसा ही अब वो एक भूखी शेरनी सी दिख रही थी जिसका मकसद था अपनी चूत से मेरे लंड को खाना आगे दोस्तो आपके लिए बोहोत ही बड़ा सरप्राइज है मैं उसकी गर्दन से होता हुआ अब उसकी ब्रा उतारने लगा उसने हाथ आगे करके ब्रा उतारने में मेरा साथ दिया।  

अब उसके दो संगमरमर से भी सफेद मुलायम दूध सामने आ गए थे जिनको देखने से मेरी आंखे नहीं भर रही थी मैने उनका जी भर के दीदार किया और उसके गोरे गोरे स्तनों पर हल्का हल्का गुलाबीपन लिए उसके चुचुक मुझे और उत्तेजित कर रहे थे।

मैने एक दूध को मूंह में भरा और दुसरे को हाथ में ले कर मसलने लगा अब एक को पीता और दुसरे को दबाता कभी उसके निप्पल को उंगलियां से मींज देता कभी मूंह वाले को दातों से काटने लगता फिर मैने दुसरे दूध को मूंह से प्यार करना शुरू किया।

लगभग 10 मिनट तक उसके दूध को चुसता चाटता रहा वो मुझे अपनी छाती में समा लेना चाहती थी मेरे सर पर हाथ घूमती रही जैसे अपना दूध पिला रही हो उसके बाद मेने उसकी नाभी पर चुम्बनो की बारिश करते हुए उसके पेट को खूब चूमा और फिर उसकी पजामी को उसकी कच्छी (पैंटी) सहित एक झटके में उतार के नंगा कर दिया। 

अब वो काम की देवी मेरे सामने बिल्कुल नग्न थी उसने भी मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया कर मेरे शरीर को चूमने चाटने लगी जहां जहां मेने उसको चूमा उसने भी हर चुम्बन का कर्ज उतारने की पूर्ण कोशिश की लेकिन में चुदाई में माहिर और उसका आज पहला अनुभव बराबरी नहीं हो सकती थी। 

पर फिर भी उसने मुझे इस हद तक चूमा की मेरा औजार तन कर सलामी देने लगा था वो मुझ पर भरपूर प्यार लूटा रही थी दोस्तो अब मेने उसको नीचे लेटा कर उसकी चूत पर अपने होंठो से वार किया वो अचानक से हुए इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। 

उसकी सिसकारी निकल गई और मेने उसकी चूत को चूमना शुरू किया दोस्तो उसकी चूत पर बालो का नमो निशान नहीं था जैसे बाल आए ही नहीं हो एकदम चिकनी गोरी गुलाबी चूत फुली हुई उस पाव रोटी जैसी चूत को में चूसने चाटने लगा। 

उसके मूंह से आवाज आने लग गई थी आआह्ह मेरी जान और जोर से चाटो खा जाओ इस चूत को चाट चाट कर चूत का चबूतरा बना दो मैं भी पूरे जोश में उसकी चूत में जीभ डाल कर चोदे जा रहा था उसे मुंह से ही मेरी चूत चुसाई से वो ज्यादा देर न टिक सकी और उसकी चूत ने मेरी जीभ के सामने हथियार डाल दिए वो एक जोर की आह के साथ झड़ गई मैने पास ही पड़े कपड़े से उसकी चूत साफ की ओर फिर चाटने लगा।

2 मिनट बाद वो फिर से जोश में आ गई और उसने फिर से मेरा सिर अपनी चूत पर दबाना चालू कर दिया मैने बीच में रुक कर उसके ऊपर आ कर उसको होंठो पर चूमा और बोला की मेरा भी चूसो उसने पहले तो न नुकुर की पर फिर मान गई और मेरे पैरो के बीच आ कर। 

मेरा लंड हाथ में ले कर नापने लगा और बोलने लगी की यह इतना मोटा केसे अंदर लूंगी में अपनी चूत के , मेने उसको समझाया और बोला की अभी तू लंड चूस आगे की देख लेंगे बस तू आवाज मत करना। वो मेरा लंड हाथ से हिलाकर मूंह में लेने लगी। 

दोस्तो उसकी लंड चुसाई इतनी अच्छी थी उसके प्यारे कोमल होंठो के बीच मेरे लंड ने जो आनंद पाया उसको में शब्दों में नहीं बयान कर सकता हु। वह कभी मेरे लंड को पूरा गले तक ले जाती तो कभी पूरा बाहर निकाल कर उसके टॉप को चाटती। में उस समय जिस आनंद की अनुभूति कर रहा था उसका वर्णन करना मुश्किल है।  

उसने जिस प्यार और कला से मेरा लंड चूसा में ज्यादा देर टिक न सका और उसके मूंह में ही अपना माल गिराने लगा वो मेरे लंड से निकले अमृत की एक एक बूंद चूस कर साफ़ कर चुकी थी और अपने मूंह पर लगे रस को भी उसने चाट पोंछ कर साफ कर लिया था।  

अब मेने उसे वापस उठा कर अपने होठों से चिपका लिया और किस करने लगा था दोस्तो उसकी जवानी ऐसी थी की मेरा लंड वापस अपने आकार में आने लगा और इस बार वो मुझे और ज्यादा ही बड़ा होता दिख रहा था मैं उसके दूध चूसे जा रहा था उसे जम कर प्यार किए जा रहा था। उसकी वासना अपनी चरम सीमा पर थी।

अब उसकी चूत में जो खुजली थी वो बढ़ चुकी थी और मेने उसकी वासना जगा कर उसे एक भूखी शेरनी की तरह खूंखार बना दिया था अब उसका एक ही मकसद था मेरे लंड को अपनी चूत में ले कर खुजली को शांत करवाना उसने अब मुझे धक्का दे कर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और मेरे लंड को हाथ से सहलाते हुए मूंह से थूक गिरा कर गीला करने लगी। 

वह उसे अपनी चूत में बिना किसी रुकावट के लेने को तैयार कर रही थी हम जिस तरह से लगे हुए थे एक दूसरे के साथ, हमे आस पास की दुनियां का कोई खयाल नही था अगर उस टाइम कोई घर वाला आ कर हम पकड़ लेता तो हमारे बहुत बड़े वाले लोड़े लगते। 

पर कहते हैं ना जब खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान भी हमारे साथ हो रहा था खुदा की पूरी मेहरबानी थी हम पर हम दोनो यह चुदाई कमरे में पड़े एक गद्दे पर कर रहे थे कभी खड़े हो जाते तो कभी उस गद्दे से दूर हो जाते सर्दी की रात में हम दोनो ऐसे लगे हुए थे केसे ठंड हो ही नहीं हम दोनो के शरीर भरी ठंड में पसीना दे रहे थे हम दोनो की एक एक बार झड़ चुके थे और वापस से चालू हो गए थे चुदाई के लिए।

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उसने मुझे कहा की अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है अपना लंड मेरी चूत में डाल कर खूब जोर से चोदो और कर दो मेरी खुजली शांत इसे समय में दोस्तो लड़की को तड़पाने में जो मज़ा आता है उसका कोई जवाब नही मैने भी ऐसा ही किया अब में उसको चूमता उसके दूध चुस्त और फिर उसकी चूत पर चूम रहा था। 

मैने उसको नीचे लेटा कर दोनो पैरो को फैला लिया था और उसकी चूत के बिलकुल पास अपने लंड को ले आया था मेरा लंड उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था उसने मुझे कहा की जान मेरा पहली बार है आराम से डालना मेने कहा की चिंता मत करो जानू सील तोड़ने का खूब अनुभव है। 

मैने आज तक दोस्तो 3 सील तोड़ ली थी और चौथी सील इसकी तोड़ने जा रहा था इस घटना के बाद भी दोस्तो मैने इसकी बड़ी बहन की भी सील तोडी उसका भी किस्सा आपको अगली कहानी में सुनाऊंगा।

तो अब उसकी चूत बिल्कुल मेरे लंड के सामने थी और वो तड़पते हुए मुझसे जल्दी चोदने की गुहार लगा रही थी उसकी इस अदा और मासूमियत भरी शैतानी को देख कर मैने अपने लंड का टोपा उसकी चूत में मूंह पर रखा और अंदर डालने की कोशिश की तो लंड फिसल गया।  

उसकी चूत से बोहोत सारा पानी आ रहा था और मेरा भी लंड काफी गीला था जिससे हम चिकनाई की तो कमी नहीं होने वाली थी मैने फिर से उसकी चूत और लंड रखा और उसको बोला की एक हाथ से उसको पकड़ ले और में धक्का दूंगा जिससे बिना फिसले लंड चला जायेगा दोस्तो उसने ऐसा ही किया और इस बार मेने लंड का थोड़ा सा टोपा अंदर घुसा दिया।

उसका एक हाथ मेरे लंड को थामे हुए दिशा दे रहा था और दूसरा हाथ मेरी छाती पर था वह उस हाथ से मुझे पीछे धकेल चाह रही थी पर मेने उसे ऐसा नहीं करने दिया और इसी बीच एक और जोरदार झटका दिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत चीरता हुआ 4 इंच अंदर चला गया। 

उसके मूंह से आवाज न निकल सकी क्योंकि मेने उसके होंठो को अपने होंठो में कैद कर रखा था फिर भी उसने अपनी पूरी ताकत से मुझे पीछे धकेलना चाहा पर मैने अपने दोनो हाथो से उसे कंधो पर से पकड़ा हुआ था जिसके कारण उसकी कोशिश नाकाम रही अब मेने थोड़ा रुक कर उसको किस करना चालू किया और उसके चूचे मसलना चालू किया जिससे उसका दर्द से ध्यान हटे और वो चुदाई का आनंद लेने लगे।

वो लगातार मुझसे कहे जा रही थी की निकालो बाहर बहूत दर्द हो रहा है लेकिन मेने उसकी एक न सुनी और उसको कहा की baby बस थोड़ी देर होगा दर्द फिर पूरी उम्र भर मजा ही मजा है उसने अब अपने हाथ मेरी छाती से हटा कर मेरी कमर पर रख लिए थे। 

और मुझे अपनी तरह खींचने लगी थी केसे खुद मेरा लंड चूत में अब पूरा सामना चाहती हो उसका दर्द अब खत्म हो गया था और उसकी आंखो में अब दर्द और आंसू की जगह वासना और प्यार दिखने लगा था। 

मैने उसको कहा की एक और धक्के ले लिए तैयार हो उसने सिर हिला कर हां कहा तो मेने बड़ी ही सावधानी से हल्का सा लंड बाहर निकाल कर एक जोर का झटका लगाया और मेरा मेरा 7+ इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड उसकी चूत में पूरा घुस कर उसकी बच्चे दानी से जा टकराया। 

उसने वन नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए और मुझे अपने और करीब खींच लिया मेरे लंड पर भी ऐसा महसूस हो रहा था केसे कट गया हो हल्का सा पर उसका दर्द मुझसे ज्यादा था यह में जानता था।

में आपको बताना चाहूंगा की में प्यार से और फील करके चुदाई करना ज्यादा पसंद करता हु में उसको प्यार किए जा रहा था और लंड उसकी चूत में डाल कर रुका हुआ था ताकि जब उसका दर्द खत्म हो जाए और में धक्के लगाना शुरू करू। 

में उसको लगातार चूमता जा रहा था और अब मेने दोनो हाथ उसके दोनो चूची को मसल रहे थे मैने उससे पूछा की दर्द खत्म हो गया जान उसने हां में सिर हिलाया तो मेने अब उसके पेट के पास हाथ गद्दे पर रख कर चुदाई करनी शुरू की में लगातार हल्के हल्के धक्के मार रहा था अब उसका दर्द जाता रहा और और वो भी खुल कर एक रण्डी की तरह आनंद लेने लगी थी चुदाई का।

मैं जिस नजारे की कल्पना कर रहा था पिछले 2 महीने से आज वो हकीकत बन गया था एक खूबसूरत दूध से भी सफेद गुलाबी चूत की मल्लिका मेरे लंड से चूद रही थी में यह सोच कर और जोश में आ गया और धक्के तेज करने लगा। 

अब उसके मूंह से आवाज आ रही थी आह आह ऑररर जोर से चोदो मेरी जान फाड़ दो आज मेरी चूत को बहुत तड़पाया है इसमें मुझे आज खूब जी भर के चोदो बना लो मुझे अपनी रखैल सारी उमर इस ही चोदना उसकी आह आह की आवाज से में और उत्तेजित हो रहा था।

फिर 8 10 मिनट ऐसे ही चुदाई के बाद मेने उसको घोड़ी बनने को बोला और वो झट से बन गई मेने पीछे से आ कर उसकी चूत में लंड डाला और फिर से चोदने लगा उसे अब वो मेरे हर धक्के पर आआह आह आह कर रही थी उसके बालो को पकड़ कर मेने लगाम की तरह खीच लिया था और उसको धक्के लगा रहा था साथ ही एक हाथ से उसकी गांड़ पर थप्पड़ भी मारे जा रहा था वो पूरी तरह से काम का आनंद ले रही थी।

ऐसे ही धकापेल चुदाई चल रही थी लगभग 5 7 मिनट बाद अचानक से उसका शरीर अकड़ने लगा और वो एक लंबी आह के साथ झड़ गई उसकी चूत का पानी मेरे लंड पर महसूस हो रहा था दोस्तो उसकी चूत अंदर से एक भट्टी से भी ज्यादा गरम थी। 

वो अब निढाल हो कर अपने चेहरे को गद्दे पर टिकाए झुकी हुई मुझसे चुद रही थी मेरा अभी हुआ नही था और वो कहने लगी की जल्दी करो जान दर्द हो रहा है मेने भी अब धक्के तेज कर दिए थे और में भी अगले 15 20 धक्कों के बाद झड़ने ही वाला था।  

मैने उससे पूछा कहां निकालू उसने कहा अंदर ही निकाल दो मैं तुम्हारे रस को अंदर महसूस करना चाहती हू मैने 5 6 जोर के लंबे लंबे धक्के मारे और अंदर ही झड़ गया मेरे झड़ते ही उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव था जैसे हजारों साल से वो बस मेरे रस को अपनी चूत में लेने को तड़प रही हो। 

मैने लंड बाहर निकले बिना उसके ऊपर उसकी पीठ पर लेट गया उसने भी अब अपने पैर सीधे कर लिए थे और पेट के बल लेट गई थी मैने उसे सीधा करके अपने फोन की लाइट जला कर उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत से मेरा रस खून से मिल कर टपक रहा था।  

वो बोहोत थक चुकी थी तो उसे कुछ होश नही था लगभग आधा घंटा आराम करने के बाद हम दोनो कुछ सामान्य हुए उसकी चूत को जब उसने देखा तो डर गई मेने उसको समझाया की पहली बार में ऐसा होता है उसने बड़े प्यार से कहा की आज से में पूरी तरह से तुम्हारी हो गई हु मुझे कभी मत छोड़ना इस ही साथ रहना और खूब चोदना।  

दोस्तो वो मेरी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट थी उसे मुझ पर बहुत प्यार आ रहा था अब हम दोनो बैठ गए थे मैं अपने दोनो पर मोड कर बैठा था और वो मेरी गोद में मेरे दोनो तरफ पैर निकाल कर मेरी तरफ मूंह करके बैठी थी मेरे और उसके होठ चिपके हुए थे और किस की जा रहे थे और मेरा लंड वापस खड़ा हो कर उसकी चूत छूने लगा था।

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उस रात हमने एक बार और चुदाई की रात के दो ढाई बजे हम एक दूसरे से अलग हुए और अपने अपने कपड़े पहन कर वापस अपने अपने घर जा कर सो गए अगले 4 दिन तक जब तक उसके घर वाले वापस नही आए हमने उसके घर में भी दिन में खूब चुदाई की।  

वो मेरे एक बार कहने पर ही झट से चुदाई के लिए मन जाति थी और आस पास माहोल देख कर चुदाई के लिए कमरे में आ जाति थी फिर हम बिना किसी की सोचे खूब चुदाई करते थे मैने उसको porn दिखा कर भी चोदा था यहां तक की हम फोन पर भी चुदाई की ही बाते करते थे। 

उस दिन के बाद से हम जब भी मौका मिलता हम खूब चुदाई करते थे आज भी हम इसे ही साथ है और में उससे और वो मुझसे बहुत प्यार करते है अगली कहानी में बताऊंगा केसे मेने उसकी बड़ी बहन को भी चोदा और कैसे एक साथ दोनो बहनों की चुदाई की।

यह कहानी एकदम सत्य है अगर मुझे कोई कहानी लिखने में कोई गलती हुई तो मुझे माफ करें और अपने कीमती सुझाव मुझे मेल करके जरूर बताएं। लिखे की आपको मेरी कहानी पढ़ कर कैसा लगा ताकि में आगे और अच्छी कहानी ले कर आऊ।

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