मौसेरी बहन की कुंवारी चूत का उद्घाटन-Bhai Behan Sex Story

मौसेरी बहन की कुंवारी चूत का उद्घाटन

हॉट दीदी वर्जिन पुसी सेक्स का मजा मैंने लिया अपनी मौसी की जवान कुंवारी बेटी के साथ वह मुझसे 1 साल बड़ी थी मैंने बड़ी कठिनाई से उसे पटाया था चुदाई के लिए तैयार किया था दोस्तो मैं आपको अपनी मौसेरी बहन की चुदाई की कहानी सुना रहा था।

अपनी बहन की कामुक भाषा को सुनकर पहले तो मैंने उन पर टूट पड़ने का सोचा पर अगले ही पल सोचा कि एक दो पल और रुक जाता हूँ. कहीं जल्दबाजी में मामला गड़बड़ न हो जाए मेरी तरफ से कुछ भी होता न देख कर दीदी बोलीं- अच्छा ये बता तेरी गर्लफ्रेंड बनने में मुझे क्या फायदा है।

मैंने दीदी को अपनी तरफ और खींचा और उनकी गर्दन पर किस करते हुए कहा- अरे दीदी फायदा ही फायदा है आपका भी तो मन करता होगा ना कि कोई आपका बॉयफ्रैंड हो जिससे आप अपना सब कुछ शेयर कर सको जो आपको प्यार करे आपके साथ वह सब कुछ करे जो आपका मन हो।

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मेरे एक चुम्बन ने दीदी के सारे सवाल का जवाब दे दिया था दीदी थोड़ी सी सिहरन के साथ बोलीं- बात तो तेरी सही है कि तुझे बॉयफ्रेंड बनाने में फायदा तो है फिर मैं दीदी के गाल पर एक जोरदार चुम्मा लेते हुए बोला- थोड़ा नहीं दीदी बहुत फायदा है और अगर आप अभी मेरी गर्ल फ्रेंड बनोगी तो आज की रात बहुत मज़ा आएगा।

दीदी थोड़ी डरती हुई बोलीं- हम कुछ गलत तो नहीं कर रहे ना मैं बोला- अरे दीदी ये सब तो कॉमन है दीदी- जैसा तू ठीक समझे बस फिर क्या दीदी के इतना बोलते ही मैं दीदी पर सवार हो गया और इससे पहले वे कुछ और बोलतीं मैंने दीदी के नर्म नर्म होंठों पर अपने होंठों से कब्ज़ा जमा लिया और उन्हें स्मूच करने लगा.

पहले तो दीदी ने मुझे हटाने की कोशिश की लेकिन जब मैं नहीं हटा तो दीदी भी मेरा साथ देने लगीं वे मेरे होंठों को चूसने लगीं हम दोनों का ये पहला स्मूच था इसलिए हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे स्मूच करते करते ना जाने कब मेरा हाथ दीदी के टॉप में चला गया।

लाइफ में पहली बार किसी लड़की के बूब्स को पकड़ा था और वह भी बिल्कुल अनछुए जैसे बूब्स मैंने दीदी के एक मम्मे को जैसे ही पकड़, मेरे अन्दर मानो एक अजीब सी लहर दौड़ गयी मेरे बूब्स पकड़ने से दीदी भी कराह उठीं और एकदम से मचल गईं।

वे वासना भरी आवाज में बोलीं- ये क्या कर रहे हो मैं बोला- अभी कहां कुछ किया है दीदी करूंगा तो अब ये बोलकर मैंने दीदी का टॉप निकाल दिया दीदी का टॉप निकलते ही मेरी आंखें चौंधियां गईं मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसी चूचियों के दर्शन होंगे।

उनके मम्मे एकदम दूध से गोरे और एकदम नुकीले एकदम फ्रेश माल गहरे गुलाबी रंग के मासूम से निप्पल तो उनके मम्मों पर चार चाँद लगा रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे मानो किसी ने बर्फ के गोलों पर चैरी चिपका दिए हों मैं तो बस दीदी के मम्मों को एकटक घूरे जा रहा था।

तभी दीदी ने अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को ढक लिया मैं बोला- दीदी ये क्या कर रही हो हाथ हटाओ ना मुझे जी भर कर देखने दो ना मैंने ये बोलकर दीदी के दोनों हाथों को मम्मों पर से हटा दिया और फिर से घूरने लगा तभी मुझे न जाने क्या हुआ। 

मैंने उनके एक मम्मे को हाथ से दबोचा और दूसरे को मुँह में भर लिया जैसे ही मैंने उनके दूध को मुँह में लिया दीदी के मुँह से सिसकारी निकली और वे बोलीं- आह आराम से करो ना दर्द होता है मैं बोला- इतने में दर्द हो गया दीदी अभी तो बहुत कुछ बाकी है।

दीदी नखरे दिखाती हुई बोलीं- अच्छा जी अभी और क्या बाकी है मैं उनके दूध को चूसता हुआ बोला- बस दीदी देखते जाओ कितना मज़ा आने वाला है आज आपका ये भाई आपको ऐसा मज़ा देगा कि आप मेरी दीवानी हो जाओगी।

ये कह कर मैं बारी बारी से दीदी के दोनों मम्मों को जोर जोर से पीने लगा कभी दाईं ओर के मम्मे को तो कभी बांई ओर के मम्मे को चूस रहा था बीच बीच में मैं उनके निप्पल को दांतों से पकड़ कर खींच देता था जिससे दीदी मदहोशी से कराहने लगती थीं।

अब दीदी अपनी सुध बुध खो चुकी थीं और बिल्कुल मदहोश होकर बड़बड़ाने लगी थीं इतने में मेरा एक हाथ सरक कर दीदी के लोअर में चला गया जैसे ही मैंने दीदी की बुर को हाथ लगाया वह ऐसे हिल गईं मानो किसी ने करंट का झटका दे दिया हो।

उन्होंने अपनी टांगें सिकोड़ कर अपनी बुर दबा ली उसी पल मेरे मन में न जाने क्या आया कि मैं दीदी से अलग हो गया और एक ही झटके में दीदी का लोवर निकाल कर बाहर कर दिया उन्होंने अन्दर पैंटी भी नहीं पहनी थी जैसे ही दीदी मेरे सामने नंगी हुईं। 

वे शर्म से एकदम लाल हो गईं और झट से सोफे का कुशन उठा कर अपनी चूत पर रख कर खुद को ढक लिया मैं बोला- अरे दीदी ये क्या कर रही हो चूत देखने दो ना दीदी बोलीं- कितना बेशर्म है तू साले अपनी दीदी को नंगी करके देख रहा है।

मैं बोला- सिर्फ देखना नहीं है दीदी आज तो आपकी सील तोड़नी है इस पर दीदी मुझे चिढ़ाती हुई बोलीं- अच्छा बच्चू अब इसके आगे कुछ नहीं करने दूंगी बस ये कह कर दीदी वहां से भागने लगीं यह देख कर मैंने भी दीदी का पीछा किया और उनको पकड़ कर बेड पर पटक दिया।

साथ ही मैंने दीदी की नंगी चूत से लगा कुशन पकड़ कर अलग कर दिया दीदी मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गयी थीं अब दीदी बोलीं- तू भी तो अपने कपड़े उतार साले कब से मेरे पीछे पड़ा हुआ है मैं भी तो देखूं कि मेरे भाई का सामान कैसा है।

यह बात सुनते ही मैं एक पल में नंगा हो गया नंगा होते ही मेरा लंड फनफनाता हुआ लहराने लगा मेरे लंबे और मोटे लौड़े को देखकर दीदी का मुँह खुला रह गया मैंने लंड सहलाते हुए और दीदी को दिखाते हुए कहा- क्या हुआ दीदी दीदी बोलीं- हाय कितना बड़ा है तेरा।

मैं बोला- अरे दीदी अभी बड़ा कहां है जब ये आपकी चूत में जाएगा तब देखना इसका साइज और बढ़ जाएगा दीदी बोलीं- ना बाबा ना मैं नहीं लूँगी मेरी चूत फट जाएगी मैं बोला- अरे यार दीदी सील टूटने के बाद तुम खुद नंगी होकर मेरे पास आओगी।

दीदी बोलीं- अभी मैं कौन से कपड़े में हूँ इस बात पर हम दोनों हंस पड़े तभी मैं दीदी के ऊपर सवार हो गया और उनको किस करने लगा इस बार दीदी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं, वे भी किस का जवाब किस से दे रही थीं मैं दीदी के हर एक अंग को चूम ही नहीं रहा था बल्कि चाट भी रहा था।

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दीदी की पूरी बॉडी इतनी चिकनी थी कि मेरी जीभ भी फिसल रही थी दीदी के चिकने गाल को चूमते हुए मैं गर्दन पर आया और गर्दन को चाटने लगा इससे दीदी और मदहोश होने लगीं उनके कंठ से मादक आवाजें निकलने लगीं वे भी मेरे चेहरे पर जोर से किस करने लगीं।

मैं धीरे धीरे बूब्स को चाटते हुए दीदी की सेक्सी नाभि पर आ गया और नाभि के चारों ओर अपनी जीभ को फेरने लगा दीदी बुरी तरह कसमसाने लगीं और उनके ऊपर अच्छे से चुदाई की खुमारी चढ़ गयी थी।

मैं सरकते हुए दीदी के खजाने के करीब आया और उनकी बिना चुदी सी बुर को अपने मुँह में रख लिया एकदम से ये होने से दीदी फड़फड़ा कर तड़प सी गईं और बड़बड़ाने लगीं- आह, ऐसे मत तड़पा जो करना है जल्दी कर आह मैं पागल हुई जा रही हूँ।

मुझे दीदी की चूत को चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था तभी दीदी ने बिना मेरे बोले 69 का आसन बनाया और मेरे लंड को अपने मुँह में रख लिया अपनी बहन के मुँह से लंड चुसवाने से मुझे एक अलग ही तरह की अनुभूति हो रही थी।

सच में लंड चुसवाना और वह भी अपनी बहन से एक ऐसा अनुभव है जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूँ अब मैं दीदी की चूत को चूसे जा रहा था और दीदी की गोरी गोरी जांघों को भी चाटता जा रहा था उधर वे मेरे लौड़े की मां चोदने में लगी हुई थीं।

करीब 10-15 मिनट ऐसे ही चलता रहा अब दीदी का शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने मेरे मुँह में अपनी चूत का पानी छोड़ दिया जिसे मैं पूरा चाट चाट कर पी गया फिर दीदी ने मुझे अपने आपसे अलग कर दिया लेकिन मेरा लंड तो अभी मूड में आया ही था।

दीदी बोलीं- अब रहने दो बाकी का काम कल करेंगे मैं बोला- दीदी ये क्या कह रही हो आप आपका काम हो गया तो अपने भाई को बीच रास्ते में छोड़ कर जा रही हो दीदी नखरे दिखाती हुई बोलीं- कैसा बीच रास्ता मैं अपने लंड को हिलाते हुए बोला- इसका तो कुछ करो।

यह देख कर दीदी हंसती हुई बोलीं- इसको ना अपनी बहन की चूत में डाल दो मैं बोला- वही तो कर रहा हूँ दीदी बोलीं- साले मैं रवीना के बारे में बोल रही हूँ रवीना का नाम सुनकर मुझे बड़ा अजीब सा लगा फिर मैं बात घुमाते हुए बोला- आज तो आपकी चूत में ही अपना लंड डालूंगा।

बस इतना बोलकर मैं फिर से दीदी की चूत पर जैसे ही जीभ लगाने लगा दीदी ने अपने हाथों से चूत ढक ली मैं हार ना मानते हुए दीदी की जांघों को मसलने लगा चाटने लगा बीच बीच में दांत भी चुभो देता था जिससे दीदी फिर से मूड में आने लगी थीं।

कुछ ही पलों में दीदी ने अपना हाथ अपनी चूत पर से हटा दिया और मैंने अपने हाथों से दीदी की चूत की दोनों फांकों को अलग करके चूत में जीभ को अन्दर घुसा दिया दीदी एकदम से चिहुँक गईं और फिर से बड़बड़ाने लगीं वे मेरे लंड को मसलने लगीं।

मेरा लंड भी और ज्यादा कड़क हो गया मैं तो बस दीदी की चूत को अपने जीभ से चोदे जा रहा था जिसमें मुझे बहुत मज़ा आ रहा था दीदी भी बेहद तड़प रही थीं लेकिन मैं दीदी की चूत में खोया हुआ था तब दीदी कराहती हुई बोलीं- आह तुझे जो भी करना है जल्दी कर। 

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है यह कह कर दीदी ने मुझे अपने से जबरदस्ती अलग कर दिया मैंने दीदी को पकड़ कर चित लिटाया और उनकी जांघों पर अपने घुटनों के बल बैठ गया इस आसन में मेरा लंड दीदी की चूत पर टच करने लगा था।

मैं हॉट दीदी वर्जिन पुसी के छेद में अपना लंड लगाने लगा दीदी बोलीं- साले बहन के लौड़े ऐसे ही डालेगा क्या कुछ लगा तो ले मैंने दीदी के मुँह से पहली बार गाली सुनी थी लेकिन इस वक़्त मुझे उस गाली से जोश आ रहा था।

तभी दीदी बोलीं- रुक उन्होंने बेड के बगल की दराज से एक क्रीम निकाल कर मुझे दी और बोलीं- कंडोम भी लगा ले सब मैं ही बताऊंगी क्या मैं बोला- कंडोम तो नहीं है दीदी बोलीं- पागल है क्या एक तो अपनी बहन को चोद रहा है और वह भी बिना कंडोम के।

मैं बोला- अरे दीदी कुछ नहीं होगा मैं अपना स्पर्म आपकी चूत में नहीं डालूंगा प्लीज़ अब मत रोको मुझे दीदी भी पूरी गर्म थीं इसलिए वह भी ज्यादा नहीं बोलीं और वापस लेट गईं मैंने दीदी की चूत पर ढेर सारी क्रीम लगा दी और अपने लंड पर भी खूब सारी लगा ली।

फिर मैंने दीदी की चूत पर अपना लंड टिकाया और हल्का सा धक्का लगा दिया लंड अन्दर नहीं गया क्रीम ज्यादा होने के कारण वह फिसल कर नीचे चला गया अगली बार मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़कर दीदी की चूत पर टिकाया और और जोरदार झटका दे मारा।

चूत टाइट होने के कारण सिर्फ लंड का टोपा अन्दर गया खाली टोपे ने दीदी की जान निकाल दी वे जोर से चिल्लाने लगीं- आह मर गयी मम्मी रे आह निकाल अपने लंड को बाहर साले मेरी चूत फट गयी मैंने दीदी के मुँह को अपने हाथों से दबा दिया और एक और जोर का धक्का दे मारा।

उनकी चूत इतनी ज्यादा टाइट थी कि पूरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था सिर्फ आधा लंड ही अन्दर जा पाया इतने लौड़े में ही दीदी जोर से चिल्लाने की कोशिश कर रही थीं मैं उनके मुँह को जोर से दबाए हुए था तब मैं भी एकदम जोश में था तो मैंने एक और झटका दे मारा।

इस बार मेरे लंड ने विजय पताका लहरा दी और पूरा लंड दीदी के चूत में घुस गया कुछ पल में ही लौड़े ने चूत में अपना स्थान बना लिया और दीदी की चूत फट गई उस वक्त मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मैंने बहुत बड़ा काम कर लिया है।

लेकिन इधर दीदी की हालत ख़राब हो गई थी वह दर्द के कारण तिलमिला रही थीं और मुझे बार बार धक्का दे रही थीं लेकिन मैं दीदी की चूत को फाड़ चुका था दीदी की आंखों से आंसू की धारा निकल रही थी उनकी चूत से खून भी निकल रहा था।

दीदी दर्द से बहुत तड़फ रही थीं लेकिन मैं उनके मुँह को दबाए हुए था तो आवाज बाहर नहीं निकल पा रही थी अब मैं धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा था मेरे हर धक्के में दीदी दर्द का मुजाहिरा कर रही थीं यह उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था।

मैं धीरे धीरे लंड आगे पीछे करता रहा तकरीबन 20 मिनट तक ऐसे ही करता रहा अब शायद दीदी का दर्द कम हो रहा था मैंने उनके मुँह पर से अपना हाथ हटा लिया और अपने होंठों से दीदी को लिप लॉक कर दिया इधर मैंने अपने धक्कों की गति को भी तेज कर दिया।

साथ ही मैं दीदी के होंठों को चूसने लगा दीदी का भी दर्द अब मज़ा में बदलता जा रहा था वे हल्के हल्के से अपनी गांड को हिला रही थीं और बड़े प्यार से स्मूच कर रही थीं अब दीदी मेरे हर धक्के का जवाब धक्के से दे रही थीं।

हम दोनों एक दूसरे में बिल्कुल खो चुके थे तकरीबन 15 मिनट बाद दीदी का शरीर अकड़ने लगा और वे अपनी गांड को तेजी से उचकाती हुई बोलने लगीं- आह और तेज और तेज फाड़ दे मेरी चूत को आह बना दे आज अपनी दीदी की चूत का भोसड़ा।

ये सब सुनकर मैं भी जोश में आ गया और मैंने अपनी स्पीड को और तेज कर दिया मैं भी बोलने लगा- बिल्कुल मेरी दीदी आज मैं आपकी चूत को अच्छे से फाड़ दूंगा इस चूत को आज भोसड़ा बना दूंगा हम दोनों ऐसे ही बड़बड़ाते रहे और एक दूसरे को जोश दिलाते रहे।

मेरी स्पीड अपने आप बढ़ गई थी ऐसा लग रहा था कि आज दीदी की मैं चटनी बना दूंगा तकरीबन और दस मिनट तक मैं फुल स्पीड से दीदी की चूत फाड़ता रहा फिर मैं भी झड़ने के करीब आ गया और मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया।

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करीब एक मिनट बाद दोनों एक साथ ही झड़ गए और जोश जोश में मुझे ये याद ही नहीं रहा कि स्पर्म चूत के बाहर निकालना है मेरे लंड ने दीदी की चूत पर जोरदार पिचकारी मारी और दीदी की चूत ने मेरे वीर्य से स्नान कर लिया मैं निढाल हो गया और दीदी भी मेरे साथ झड़ गईं।

जोश जोश में दीदी की चूत में ही अपना स्पर्म छोड़ दिया था ना जाने कब हम दोनों सो गए बाकी की सेक्स कहानी मैं आगे बताऊंगा कि उठने के बाद क्या हुआ आपको मेरी ये सत्य घटना पर आधारित सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं।

अगर आप लोगों कुछ जानने की इच्छा हो या कुछ पूछना हो, तो मुझसे आप बात कर सकते हैं आप लोग इस हॉट दीदी वर्जिन पुसी सेक्स कहानी पर अपनी राय मुझे मेल भी कर सकते हैं।

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