मौसेरी बहन को दिया पहली चुदाई का मजा-Bhai Behan Sex Story

मौसेरी बहन को दिया पहली चुदाई का मजा

देसी कजिन सेक्स कहानी में मुझे अपनी मौसी के घर रुकना था काफी दिन के लिए वहन मौसी की जवान बेटी मेरी हमउम्र थी उसके साथ मेरे यौन सम्बन्ध कैसे बन गए नमस्ते दोस्तो मैं पीयूष राजस्थान बाड़मेर से हूँ मैं राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं। 

मेरी पढ़ाई लिखाई गांव में ही दसवीं तक हुई और फिर में काम करने के लिए गुजरात चला गया था मेरी सेक्स कहानी में मैं आपको बता रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी सगी मौसी की बेटी को चोदा यह देसी कजिन सेक्स कहानी साल 2011 की उस वक्त की है जब मेरा एक्सीडेंट हो गया था।

इस बार गुजरात से आते वक्त बस का एक्सीडेंट हो गया और कुछ लोगों को गंभीर चोटें आई थीं उनमें मैं भी था मेरे एक पैर में फ्रेक्चर हो गया था कई दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद में घर गया जो कि जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर था।

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मुझे हर 4/5 दिन में हॉस्पिटल आना पड़ता था जिस कारण काफी परेशानी होती थी जहां मुझे आना पड़ता था उसी शहर में मेरी मौसी अपने बेटे व बेटी के साथ रहती थीं मौसा जी अब इस दुनिया में नहीं रहे थे तो वे तीन लोग ही घर में रहते थे।

बार बार होनी वाली मेरी परेशानी को देखते हुए मौसी ने मेरी मम्मी से कहा कि इसको यहीं रहने दो मैं देखभाल कर लूंगी आप लोग बार बार इतनी दूर से आते हो ये मेरा भानजा है मेरे बेटे के बराबर है मैं इसको सही से रखूंगी और हॉस्पिटल भी आना जाना आसान होगा

थोड़ी ना नकुर के बाद घर वाले मान गए डॉक्टर को दिखाने के बाद हम मौसी के घर चले गए सबने खाना खाया और पापा और चाचा हमारे घर चले गए मैं वहीं मौसी के घर रुक गया मौसी की बेटी मुझसे उम्र में थोड़ी बड़ी थी वह मुझे देखकर बहुत खुश हुई जो कि सामान्य सी बात है कि कोई रिश्ते का भाई आए और बहन खुश न हो ऐसा हो ही नहीं सकता।

शाम के खाने के बाद सब बातें करते हुए सो गए दूसरे दिन सुबह मेरी मौसेरी बहन ने मुझे सात बजे जगाया मौसी चाय लेकर आईं मैंने चाय पी और बात करने लगा तब मौसी ने ‘रात में नींद कैसी आई कोई दिक्कत तो नहीं हुई’ यह सब हाल चाल पूछे मैंने उन्हें सब बताया कि नींद भी अच्छे से आई थी और सब बढ़िया रहा।

तब तक घर से कॉल आया मैंने सबसे बात की फिर सब अपने अपने काम में व्यस्त हो गए मौसी खाना बनाकर पास की एक फैक्टरी में पापड़ बेलने चली गईं जहां मौसी रोज जाया करती थीं मौसी का लड़का स्कूल चला गया अब घर में मैं और मौसी की बेटी ममता ही रह गए थे।

मैंने अब तक अपनी मौसी की बेटी के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था मैं आपको भी अपनी बहन ममता के बारे में बता देता हूँ वह 19 साल की है और काफी दुबली पतली है उसकी फिगर 30-28-32 की ही रही होगी हम दोनों काफी देर तक बातें करते रहे।

फिर ममता ने कहा- चलो अब आप नहा लो मैंने कहा- ठीक है तुम पानी भरकर अन्दर रखो मैं नहा लेता हूँ ममता ने पानी भरा और मुझे सहारा देकर अन्दर तक छोड़ा उसके सहारे से पहली बार मुझे ममता के बारे में कुछ निगेटिव विचार आया पर मैंने कुछ नहीं कहा।

नहाने के बाद मैं जब बाहर आया तो ममता का अंदाज काफी बदला हुआ था मगर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया उसने मुझे सहारा देकर रूम में छोड़ दिया और बोली- मैं कपड़े धोकर आती हूँ फिर खाना खाते हैं मैंने कहा- ठीक है कपड़े धोने के बाद वह खाना लेकर आई और हम दोनों ने खाना खाया।

मैं कल जब अपने घर से हॉस्पिटल आया तब कपड़े साथ नहीं लाया था इसलिए चाचा जी ने एक हाफ लोवर और एक टी-शर्ट नई खरीद ली थी वही पहन कर मैं खाना खा रहा था मैंने अन्दर अंडरवियर नहीं पहना था हालांकि तब तक मेरे मन में ममता के लिए कोई ज्यादा गलत विचार नहीं आए थे।

हम दोनों ने साथ में खाना खाया काफी देर तक बातें की फिर मैं सो गया और ममता भी घर के काम में लग गई शाम को 5 बजे मौसी और उनका लड़का दोनों वापस आ गए तब चाय बनी और पीकर सब बातें करने लगे उसके बाद ममता खाना बनाने चली गई तो बातों बातों में मैंने पूछा- ममता की शादी नहीं करनी है क्या।

मौसी बोलीं- अभी दो साल बाद करेंगे यही सब बातें करते करते काफी टाइम हो गया था तब तक खाना भी बन गया था मैंने खाना और दवाई ली और बातें करते करते सो गए अगले 10 दिन तक यही रूटीन चला था अब तक ममता और मेरे बीच काफी बातें होने लगी थीं।

फिर मेरे नाना जी की तबियत खराब थी तो मौसी और उनका बेटा 3/4 दिन के लिए वहां जाने वाले थे उन्होंने मुझसे कहा- हम दोनों कुछ दिन में वापस आ जाएंगे दरअसल उनका वापसी आने का पक्का नहीं था कि मौसी कितने दिन में आ पाएंगी।

इस बार चूंकि मैं घर पर था तो मौसी को ममता के अकेले होने का डर नहीं था तब भी मौसी को अंदाजन पांच दिन का समय लगने वाला था मौसी ने ममता को भी बोला- भईया का अच्छे से ख्याल रखना यह कह कर वे दोनों चले गए अब घर में मैं और ममता ही थे।

शाम को ममता मेरे लिए चाय लेकर आई चाय पीते पीते मैंने मजाक में बोला- कुछ खाया पिया कर एकदम भिंडी की तरह सूखी हुई है तो वह मुँह बना कर बोली- मेरा शरीर ही ऐसा है सिंगल बॉडी अब क्या करूँ मैं कुछ नहीं बोला वह वापस बोली- क्यों मैं पतली हूँ इसलिए तुझे पसंद नहीं हूँ क्या।

मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं मैंने तो ऐसे ही कहा उसकी बात सुनकर कि मैं उसे पसंद नहीं हूँ मेरा लंड खड़ा हो गया था चूंकि बिना अंडरवियर के लोवर पहने होने से उसमें से लंड का जरा सा भी उभार साफ साफ दिखने लगता था अब लंड फूलने लगा तो मेरी खुद की नजर अपने फूलते लंड पर आ गई।

मैं कुछ ऐसी कोशिश करने लगा कि मेरा लंड दिखाई न दे जब भी ऐसा कुछ होता है तो स्वाभाविक रूप से नजरें सामने की तरफ भी चली जाती हैं उस वक्त भी यही हुआ मैंने नोटिस किया कि ममता बार बार मेरे फूलते हुए लोवर की तरफ देख रही थी।

वह डबल मीनिंग बातें भी कर रही थी जिससे मेरे लंड में काफी तनाव आ रहा था काफी देर बाद ममता बोली- अब तुम टीवी देखो मैं खाना बनाती हूं मैंने कहा- ठीक है ममता रसोड़े में चली गई तब मुझे पहली बार ममता को चोदने का ख्याल आने लगा।

रात को खाने के बाद ममता मेरे ही रूम में नीचे बिस्तर लगा कर सो गई तब मैंने उससे कहा- नीचे क्यों सो रही हो दूसरी खटिया लगा कर ऊपर सो जाओ वह बोली- मेरे सर में दर्द है और मुझे नींद आ रही है मैं यहीं ठीक हूँ मैंने कहा- सर में दर्द है तो बाम ले आओ मैं लगा देता हूं।

वह हंस कर बोली- तुम सो जाओ खुद तुम्हारे पैर में फ्रेक्चर है मैंने कहा- अरे यार फ्रेक्चर पैर में है हाथ में नहीं है मैं बाम हाथ से लगाऊंगा वह बोली- ठीक है भैया वैसे उसने मुझे हमेशा नाम से ही बुलाया था आज पहली बार वह भैया बोली थी मैं यह सुनकर थोड़ा अपसैट हो गया कि अब कुछ नहीं होने वाला।

तब तक ममता बाम लेकर आई और उसने लाइट ऑफ कर दी मैंने कहा- लाइट क्यों ऑफ की वह बोली- बाम लगाने के बाद मुझे नींद आ जाएगी फिर कौन उठेगा मैंने कहा- ठीक है उसने बाम मुझे पकड़ा दी और खुद नीचे बिस्तर में लेट गई मैंने करवट बदली और ममता के सर में बाम लगाने लगा।

बाम लगाते लगाते कब हम दोनों को नींद आ गई पता ही नहीं चला आधी रात को मुझे पेशाब लगी तो मैं धीरे धीरे उठा और एक बैसाखी के सहारे बाथरूम की तरफ जाने लगा ममता जाग गई और बोली- पागल हो क्या अंधेरे में इस तरह जा रहे हो गिर गए तो मुझे जगा देना था न मैं साथ चली चलती।

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मैंने कहा- अरे तेरे सर में दर्द था और तू गहरी नींद में थी वह बोली- कोई बात नहीं अब मुझे आराम है उसने उठ कर लाइट चालू की और बैसाखी लेकर साइड में रख दी वह अपने सहारे से मुझे बाथरूम तक ले गई जब मैं मूत्र त्याग कर रहा था तो वह बिल्कुल मेरे पास खड़ी थी।

इस प्रकार से उसका मेरे पास खड़ा रहना मुझे अचंभित कर रहा था कुछ देर पहले उसने मुझे भईया कहा था और अब ये खैर बाथरूम के बाद वह मुझे लेकर रूम की तरफ चलने लगी इसी बीच मेरा हाथ उसकी कमर से नीचे चला गया और मैंने उसकी गांड को 2 बार टच कर दिया।

वह कुछ नहीं बोली और मुझे बिस्तर में लिटा कर खुद पेशाब करने चली गई जब वह वापिस आई तो मैंने मजाक में बोला कि तुझे भी अभी लगी थी वह बोली- हां तुम्हारे पास खड़ी थी तो मुझे भी लग आई मैंने बोला- ऐसा क्यों वह बोली- तुझे कुछ पता नहीं या अनजान बन रहा है।

मैं हंस दिया वह बोली- तू 10 दिनों में ही काफी बदमाश हो गया है मैं बोला- मैंने कौन सी बदमाशी की वह बोली- अभी तूने अपना हाथ कहां लगाया था मैं बोला- हां यार वह गलती से लग गया था वह बोली- मैं तुझसे बड़ी हूँ सब समझती हूं।

ऐसा बोलते ही वह मेरे बिस्तर पर मेरे पास बैठ गई और बोली- मैं रोज मम्मी के साथ सोती हूँ अकेले नींद नहीं आती है मैं बोला कि मेरे पास सो जाओ वह बोली- मैं सो तो रही हूँ मगर तुम सीधे रहना क्योंकि तुम मेरे भाई हो मैंने कहा- ठीक है वह मेरे बगल में सो गई मैं भी सो गया।

रिश्ते चाहे कितने भी सगे हों मगर जिस्म की आग सब कुछ जला कर राख कर देती है लगभग एक घंटे बाद ममता ने मेरे ऊपर अपना एक पैर रखा जिससे मेरे फ्रेक्चर वाले पैर में दर्द उठा मैंने ममता से कहा- थोड़ी सीधी होकर लेट जा मेरे पैर में दर्द हो रहा है।

वह मुँह घुमाकर सो गई अब उसकी गांड मेरी तरफ थी जिससे मेरे लंड ने करवट लेनी शुरू कर दी मैं खुद पर काबू रखना चाह रहा था मगर न रह पा रहा था बड़ी मुश्किल से खुद पर कंट्रोल किया फिर मुझे नींद आ गई लगभग 4 बजे के करीब ममता ने करवट बदली और अपना एक हाथ मेरे पेट पर रखा।

यह उसने नींद में किया था या जानबूझ कर पर ममता का हाथ मेरे लंड को टच करने लगा था थोड़ी देर तो मैं चुपचाप लेटा रहा मगर जिस्म की आग कब तक कंट्रोल करता मैंने धीरे से अपना लोवर नीचे कर दिया जिससे मेरे लंड को आजादी मिल गई और अब ममता मेरे लंड को टच कर रही थी।

फिर ममता धीरे धीरे नीचे सरकने लगी अब ममता का मुँह मेरे लंड के करीब था ममता अब लंड को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी थी उससे पहले उसने मेरी तरफ देखा तो मैं एकदम सामान्य था ममता को लगा कि मैं सो रहा हूं वह लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगी।

इतने में मैंने अपना एक हाथ ममता के बूब्स पर रख दिया ममता चौंक गई मैंने कहा- कोई बात नहीं घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं है ममता थोड़ी सामान्य हो गई और मुझे किस करने लगी धीरे धीरे उसने मेरी टी-शर्ट और लोवर भी निकाल दी फिर खुद भी कपड़े निकाल दिए।

अब हम दोनों भाई बहन एकदम नंगे थे वह मुझे किस करती हुई मेरे लंड से खेल रही थी और मैं उसके बूब्स के साथ धीरे धीरे मैंने उसको अपने ऊपर बिठा दिया और चूत चाटने लगा जो काफी छोटी सी थी और एकदम साफ़ चिकनी थी बहुत देर तक हम दोनों 69 पोजिशन में करते रहे।

फिर ममता बोली- अब मुझसे रहा नहीं जाता तुम मेरी चूत में अपना लंड डाल दो मैंने कहा- मैं कर नहीं पाऊंगा मेरे पैर में दर्द होगा तुम ऊपर बैठ कर करो वह ऊपर बैठकर करने की कोशिश करने लगी मगर लंड अन्दर जा ही नहीं पा रहा था क्योंकि ममता अभी तक वर्जिन थी।

मैं उससे बोला- तेल लगा लो वह वैसलीन ले आई और उसने लंड और चूत दोनों पर लगा दी अब वह वापस लंड के ऊपर बैठने लगी काफी देर की कोशिश के बाद लंड धीरे धीरे मेरी मौसेरी बहन की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस चुका था ममता की नथ आज उतर चुकी थी जिसकी वजह से उसकी चूत और मेरा लंड दोनों खून से सन चुके थे।

हमारी चुदाई धीरे धीरे चालू थी दस मिनट बाद ममता झड़ गई वह मेरे ऊपर लेट गई और मुझे किस करने लगी थोड़ी देर बाद ममता फिर ऊपर नीचे होने लगी करीब 15/20 मिनट बाद में झड़ने वाला था तो मैंने ममता से कहा कि अब लंड से उतर जाओ मगर उसको मजा आ रहा था तो वह नहीं उतरी।

अब हमारी चुदाई ने स्पीड पकड़ ली थीआखिर में मैं ममता की चूत के अन्दर ही झड़ गया और साथ में ममता भी झड़ गई वह मेरे ऊपर ही लेट गई मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में फंसा हुआ था कुछ मिनट बाद ममता उठने को हुई तो रस धारा बहने लगी ममता मेरे पेट पर घोड़ी की पोजिशन में आ गई।

दो मिनट तक ममता की चूत से रस टपकता रहा फिर ममता ने उठ कर पूरा माल चाट कर साफ कर दिया वह बाथरूम चली गई तो लगभग 15 मिनट तक नहीं आई मैं धीरे धीरे पीछे गया तो ममता बाथरूम में पानी के टब में बैठी थी मैंने पूछा- क्या हुआ वह बोली- पेशाब नहीं आ रही है और बहुत जलन हो रही है।

मैंने कहा- पहली बार में ऐसा होता है मैं वहीं खड़े होकर ममता के सामने पेशाब करने लगा ममता बोली- मेरे मुँह में करो अब ममता आगे आ गई जिससे थोड़ी सी धार उसके मुँह में भी गई उसे वह पी गई अब मैं जाकर सो गया पता ही नहीं चला कि ममता कब आई और कब उठी।

मैं सुबह 8 बजे जागा तो ममता ने घर में सब काम निपटा दिया था मैंने आवाज लगाई तो ममता ने बोला कि हां अभी चाय लेकर आई ममता ने परांठे बनाए थे वह लेकर आई और बोली- भैया लो चाय पी लो वह भैया कह कर खुद ही हंस पड़ी मैं भी हंस पड़ा चाय पीते पीते वह सिंदूर लेकर आई और बोली- लो मेरे भइया।

मैं तो घबरा गया वह बोली- आज से हम पति पत्नी हैं मगर किसी को बताना मत मैंने कहा- ठीक है मैंने उसके बालों के बीच सिंदूर भर दिया चाय नाश्ते के बाद मुझे नहाना होता था तो वह बोली- आज मैं तुम्हें खुद नहलाऊंगी वह मुझे बाथरूम लेकर गई और मैं फ्रेश हुआ।

तब तक वह गर्म पानी लेकर आई और मेरे कपड़े निकाल दिए फिर उसने कहा- कितने महीने से नीचे के बाल शेव नहीं किए हैं मैं बोला- दो महीने हो गए वह अपनी वीट क्रीम लेकर आई और मेरे लंड के आस पास लगा दी दस मिनट बाद उसने सब साफ चिकना कर दिया और मुझे नहलाने लगी।

उसी वक्त ममता ने अपने कपड़े भी निकाल दिए और साथ में नहाई फिर खुद कपड़े पहने और मुझे सिर्फ तौलिए में रूम में लेकर आ गई मैंने कहा- मेरे कपड़े तो ला मैं पहन लूँ वह बोली- अभी कुछ नहीं पहनना है वह मुझे लिटाकर खुद खाना बनाने चली गई दो घंटे बाद वह खाना लेकर आई और मुझे अपने हाथों से खिलाने लगी।

मैंने बोला- तू रहने दे मैं खा लूंगा इस पर वह बोली- बकरे को हलाल करने से पहले अच्छे से तैयार किया जाता है यह कह कर वह हंसने लगी हम दोनों ने साथ में खाना खाया और वह बर्तन धोने चली गई कुछ देर बाद पड़ोस में अपनी सहेली के घर चली गई करीब 4 बजे वह चाय लेकर मेरे पास आई और मुझे उठाया।

हम दोनों ने चाय पी फिर ममता मेरे करीब बैठकर मेरी छाती पर हाथ फिराने लगी और धक्का देकर मुझे सुला दिया वह मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी उसने धीरे से अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी मैं भी अपनी बहन की चुत चाटने काटने लगा।

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उसको इतनी मस्ती आई कि उसने मेरे मुँह पर ही मूत दिया मगर पहली धार के बाद मैंने उसको साइड में कर दिया तो मैं बच गय अब उसके कंट्रोल से बाहर था तो वह घूम कर मेरे लंड पर बैठ गई धीरे धीरे मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगी दो तीन बार के प्रयास के बाद लंड उसकी चूत में गोते लगा रहा था।

अब वह सिसकारियों के साथ जबरदस्त चुदाई का मजा लेने लगी दस मिनट बाद वह झड़ गई और घूम कर मेरी तरफ मुँह करके ऊपर बैठने लगी वह मेरे ऊपर लेटकर खुद चुदने लगी देसी कजिन सेक्स का ऐसा खेला 5 दिन चलता रहा पांच दिन में हमने 13 बार जमकर चुदाई की फिर मौसी आ गईं तब तक स्कूल में दीपावली की छुट्टियां भी हो गई थीं।

अब मौसी का लड़का पूरा दिन घर में रहता था तो चुदाई संभव नहीं थी करीब एक महीने बाद मैं वहां से ठीक होकर अपने गांव वापस लौट आया मैं अपने साथ ममता और उसकी चुदाई की यादें साथ लेकर आया था अब वापस जब उसके साथ सेक्स का अवसर मिलेगा तो आगे लिखूँगा आपको देसी कजिन सेक्स कहानी पर क्या कहना है प्लीज कमेंट्स में बताएं।

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