चाची ने लिया जवान लंड का मजा-Chachi Ki Chudai

चाची ने लिया जवान लंड का मजा

मैं दिल्ली में अपनी चाची और उनके दो बच्चों के साथ रहता हूं मेरे चाचा का बहुत बड़ा बिजनेस है तो वो साल में कुछ ही बार इंडिया आते हैं और चाची को ज्यादा अकेला ना महसूस हो रहा है इसलिए मैं उनके साथ पिछले 6 महीने से रहने लगा था। 

लेकिन दोस्तो मैंने अपनी जिंदगी में चाची से ज्यादा खूबसूरत कोई भी नहीं देखी उनकी उमर मुझसे थोड़ी सी ही जादा है पर उनका गोरा बदन ये बतलाता है कि उनकी उम्र अभी 25-26 साल की है और उनके काले बाल उनका हसमुख चेहरा उनकी नीली आंखें लाल होथ उनकी सुंदरता को और निखार देते हैं।

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सुंदर तो वो है हाय पर चंचल भी है पर यार ये सब तो है हाय सबसे ज्यादा तो मुझे उनके बोबे पसंद हैं सिर्फ उनकी चुचियों के साइज़ से ही आप कह सकते हैं कि वो कोई लड़की नहीं और उनकी गांड का तो क्या कहने और मेरी चाची घर में जदातार सलवार कुर्ता या साडी पहनती है और जब भी ऐसा होता है।

तो उनके स्तन और गांड दोनों इम्तिहान बड़े नजर आते हैं और मेरी चाची वेसे तो बहुत प्यारी है पर चंचल भी है वो हमेशा मेरे साथ हंसी मज़ाक करती है और कभी-कभी तो हम लोग एक दूसरे से दोस्ताना कुश्ती भी लड़ते हैं।

जबसे मैं आया हूं चाची मेरा बहुत ख्याल भी रखती है और मेरी चाची किसी से भी नाराज रहती थी पर मुझे प्यार से सब बता देती थी पर दोस्तो मैं तो उनके बड़े-बड़े चूचे देख कर ही खुश रहता था और मुझे तो बस उन्हें ही चोदना था।

एक रात को मेरी ठरक बहुत बढ़ गई तो मैं उनके कमरे में चला गया और उनके बच्चे दूसरे कमरे में सोते हैं इसलिए चाची अकेली थी और दिन भर की थकी हुई वो तो रही थी मैंने उनके बदन को निहारा और फिर धीरे से उनके बोबों को दबाया और दोस्तो।

उनके बोबे इतने मोटे और गरम थे कि मेरी ठरक दुगनी हो गई फिर मैंने उनकी गांड को भी दबाया और वो उम्ह की आवाज निकाल कर थोड़ी हिली तो मेरा लंड तन गया पर मैं उस दिन वापस चला गया। उस दिन से मैं जबरदस्ती उनके शरीर को चुनूं कि कोशिश करता रहा पर उन्हें कभी मन ना किया और ना ही डेटा।

और एक दिन मैंने मजाक मजाक में उनके स्तनों पर हाथ फेर दिया पर उन्हें कुछ ना कहा मेरी ठरक बढ़ती रही और एक दिन बच्चे स्कूल गए हुए थे तो मेरी चाची मुझसे कुछ बातें कर रही थीं।

उन्होंने हरे रंग का कुर्ता और सलवार पहनना हुआ था जिस्मे उनके निपल साफ दिख रहे थे और उनके गले के नीचे उनके बोबों के उभार भी साफ दिख रहे थे मैंने तब तक उनसे ना जाने क्यों कहा कि मैं आपके सर की मालिश कर देता हूं तो उन्होंने भी हमी भर दी।

तो मैं तेल लेकर सोफ़े पर बैठ गया और वो मेरे नीचे बैठ गई और मैंने धीरे-धीरे उनके बालों की मल्लिश की और मेरी धीमी मल्लिश से उनको बहुत मजा आया और वो बोली तुम्हारे हाथों में तो जादू है।

दोस्तो मेरा लैंड तो ये बात सुन कर खड़ा होने लग गया और मुझे इस उचाई पर उनके कुर्ते के अंदर भी दिखने लग गया। मैंने उनको गर्दन नीची करने को कहा तो उन्होंने कर दी और मैंने डायन करने को कहा तो उन्होंने कर दी।

वो मेरी बात मानती रही और ये देखकर मुझे लगा कि उनको अब मालिश अच्छी लग ही रही है। वो मेरे हाथों के कहने पर अपना सिर हिलाने लगी और मुझसे रहा नहीं गया। तो मैंने अब अपना लंड पजामे से बाहर निकाल लिया।

और अब मैंने उनकी आँखों को धीरे से बंद कर दिया और उनकी गर्मी को महसूस किया। वो भी इसका आनंद लेने लग गई तो अब मैंने धीरे-धीरे उनकी ऊपर चाटी को सहलाया तो उन्हें कुछ ना कहा तो अब मेरा साहस बहुत बढ़ गया था तो मैंने उनके दोनों बोबे धीरे से दबा दिए।

उन्हें उम्म्ह की आवाज़ निकली तो मैंने और कस के दबा दिए और उनके मोटे बोबे अब मेरे हाथों से मसले जा रहे थे। और वो उम्म्ह-उम्म्ह की आवाज निकलने लग गई पर जब उनकी अगली आवाज निकली तो उसने मेरी जिंदगी ही बदल दी।

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उन्होंने कहा क्या मैं अपना कुर्ता और सलवार उतार दूं ताकि तुम अच्छे से मालिश कर सको। मैं अब पूरे जोश में था और मेरा लंड भी तन गया था तो मैंने कह ही दिया अब उतार ही दो चाची वो मेरे सामने पीठ करके खड़ी हो गई।

और उन्हें अपना कुर्ता उतार दिया और अब उनकी सलवार में छुपी गांड मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब थी और मैंने उसके गोलपने को देखा और अपने होठों से एक रेखा खींची और धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़ते हुए उनकी नंगी पीठ को चूमा।

खड़ा होने पर मैं हाथ आगे ले गया और उनके स्तन और चूत को सहलाने लगा और उनकी उम्ह-उम्ह की आवाज रुक ही नहीं रही थी मेरा लंड उनकी सलवार में घुसा तो उन्हें उम्ह करके हमी भर दी।

और फिर मैंने उनकी सलवार को भी उतार दिया और सच मानिए दोस्तो ना तो उनकी नीली ब्रा में उनके बड़े बोबे समा रहे थे और ना ही उनकी काली पैंटी में उनका गोल गोल गांड मुझसे रहा ना गया तो मैंने उनकी ब्रा के नीचे जाके स्तनों को दबाया और दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबोचा।

फिर धीरे से एक उंगली उनकी चूत के दोनो होठों के बीच में रगड़ दी तो वो चिल्ला उठी और उन्हें अपने हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया और थोड़ा और सहलाने पर वो और खुश हुई पर मुझे आज कुछ और ही करना था।

तो मैंने उन्हें उठा के सोफ़े पर पीठ के बल लिटा दिया और बोला कि आज सिर्फ मालिश होगी मैंने उनकी पैंटी उतार दी और ब्रा भी खोल दी और धीरे-धीरे उनके स्तनों को दबाने लगा और उनकी चूत को मसलने लगा और उनके निपल तो गहरे भूरे थे और उनके गोरे बदन से बिल्कुल अलग थे।

तो मैंने उन्हें मुंह में रख कर चूसा और दूसरा हाथ उनके होठों में डाल दिया और उनके स्तनों में से दूध तो ना निकला पर एक अजीब सा मीठापन जरूर था और धीरे-धीरे उनकी भी कामवासना बढ़ रही थी तो उन्हें कहा जल्दी कुछ करो ना तो मैंने जवाब दिया अभी दो मिनट रुको।

तो मैंने फिर उनको उल्टा कर दिया और अब उनकी गोल गांड और बीच में झुकी हुई पीठ और उनका मदमस्त चेहरा ही दिख रहा था। तो मैंने अब उनकी गांड को धीरे-धीरे मसला और एक दम से एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और वो कराह उठी।

तो अब मैंने दो उंगली डाल दी और थोड़ी तेजी से उनकी चूत में उंगली करने लगा और साथ ही मैंने उनके स्तन के नीचे हाथ डाल कर दबाना शुरू कर दिया उनकी गालियां बढ़ती चली गईं और थोड़ी देर बाद उन्हें रस निकल ही दिया।

और अब वो तयार थी पर मैं नहीं तो मैंने अब कहा उठो और वो उठ गई और अब मैंने उनको रसीले होठों में अपना लंड डाल दिया तो उन्हें जोर से इस्तेमाल करने के लिए चूसना शुरू कर दिया और मैंने उनके बालों से उनका सर पकड़ा और अपना लैंड कि तरफ़ ढकेला कभी धीरे धीरे और कभी तेज़ तेज़ और थोड़ी ही देर में वो बहुत मोटा हो गया।

अब मैंने उन्हें दोबारा वैसे ही जाने दिया जाने के लिए कहा और मेरा तन हुआ लैंड उनकी चूत में जाने के लिए भबक रहा था और अब मुझसे भी इंतज़ार ना हुआ और मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके ऊपर बैठ उनको पीछे से जोर जोर से चोदने लगा।

उनकी गालियां बिगड़ गईं और मेरा लंड उनकी कैसी चूत की गहराइयां नपने लगा और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था उनके स्तन भी सोफ़े पर रगड़ रहे थे और ये देख कर मैं और जोर से उन्हें चोदने लगा पर थोड़ी देर बाद रुक गया। 

पूछने के लिए क्यों रुक गए? तो मैंने उनकी गांड को सहलाया और खोला और इस चीज से वो समझ गई कि मैं क्या करने वाला हूं पर उन्हें मन ना किया और उल्टा कहा कि डालना पर धीरे से।

तो मैंने अब उनकी गांड पर तेल डाला और धीरे धीरे उसे चोद चोद के खोला शुरू किया और उनको दर्द तो हुआ पर वो चुदती रही और मजे में हम लोग खो गए अब मैं तेजी से उनकी गांड को पेलने लग गया।

और कुछ देर बाद फिर से मैंने उनकी चूत में लंड डाल दिया और वो इस बात से बिल्कुल भी अंजान थी और ऐसा होते ही उन्हें मजा ही आ गया फिर मैंने धक्का लगाना शुरू कर दिया और उनकी आवाज से पूरा कमरा गुंजने लगा पर दोस्तों हर अच्छी चीज़ का अंत तो लिखा है।

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और इसी तरह मेरे लैंड ने भी मुंह को रोकने का प्रबंध बंद कर दिया मैंने तुरंट उनकी चूत से लैंड हटा लिया तो चाची समझ गई और उन्हें छूने के बाद उनका लंड अपने मुंह में ले लिया और मुझे आज भी याद है अपने लाल लाल होठों से कैसे अनहोने सारा रस पी लिया और उनकी खुशी कितनी झलक रही थी।

उन्हें पीने के बाद फिर मेरा लंड चूसा और मेरा लंड कुछ देर बाद से तन गया और हम लोगों ने फिर से चुदाई की और चुदाई करके पूरा घर भर दिया और उस दिन के बाद जब भी चाची मेरे साथ अकेली होती है कुछ ना कुछ तो जरूर होता है।

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