गरम चाची की चूत में जवानी का रस गिराया-Chachi Ki Chudai

गरम चाची की चूत में जवानी का रस गिराया

गरम चाची चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैं जवान हुआ तो मेरी एक चाची मेरे पीछे पड़ गयी वे मुझे छेड़ती रहती थी मैं समझ गया था कि वे मेरी जवानी का मजा लेना चाहती हैं सभी प्यारे दोस्तों को नमस्ते मेरा नाम जीतेश है मैं छत्तीसगढ़ राज्य के एक छोटे से जिले दुर्ग का निवासी हूं।

और मैं यहीं भिलाई के पास वाले गांव में रहता हूं मैं आपको एक सच्ची गरम चाची चुदाई कहानी बताने जा रहा हूं हो सकता है कि बिना लंड हिलाए आपका पानी भी निकल जाए या फिर बिना उंगली करे चूत छलक जाए।

यह बात उस वक्त की है जब मैं लगभग 19 साल का एक जवान स्टूडेंट था मैं रोज 10:00 बजे स्कूल जाता था और वापस आकर शाम को तकरीबन 7:00 बजे के आस पास पढ़ने बैठ जाता था यही मेरी रोज की दिनचर्या थी।

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एक दिन की बात है जब मुझे स्कूल जाने में देरी हो गई थी मुझे दस बजे स्कूल जाना होता है लेकिन उस दिन 9 बजे तो मैं सो कर ही उठा था जल्दी जल्दी नहाने के बाद मैं खाना खा रहा था खाना के बाद मुझे अपना स्कूल बैग भी ठीक से पैक करना था क्योंकि स्कूल बैग का पूरा सामान इधर उधर बिखरा पड़ा था।

जल्दी जल्दी सब करने के कारण मुझे अपनी विज्ञान की पुस्तक नहीं मिल रही थी उसे ही खोजते हुए मैंने काफी वक्त लगा दिया अब लगभग दस बज गए थे इसलिए मेरा स्कूल जाना कैंसल हो गया मैं भी अपने आपको कोसने लगा।

यूं ही समय निकलता गया दोपहर को मेरी चाची घर आईं उनका नाम नीलम था वे हमारे घर के थोड़े पास में ही रहती हैं उनकी तीन बेटियां हैं उस दिन मैं पढ़ने बैठा ही था कि वे आकर बोलने लगीं- जीतू (घर में सब मुझे प्यार से जीतू बुलाते हैं) आज स्कूल नहीं गए।

मैंने कहा- नहीं चाची आज सोकर उठने में ही काफी देर हो गई थी वे बोलीं- अच्छा कोई बात नहीं तब वे मेरे पास आकर मेरी खटिया (चारपाई) पर ही मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठ गईं मैंने उनसे दूर होते हुए कहा चाची आप यह क्या कर रही हो।

वे धीरे से बोलीं- जीतू तू जवान हो गया है शर्मा क्यों रहा है मेरे पास आ न मैं बोला- ये सब गलत है यह कह कर मैं वहां से उठकर चला गया मेरी चाची मुझे ऐसे ही परेशान किया करती थीं और मैं उन्हें झेल लेता था एक दिन की बात है मैंने उन्हें नहाती देख लिया।

मेरा लंड एकदम से खड़ा होने लगा था चाची एकदम दूध सी गोरी थीं और उनके बड़े बड़े बूब्स मस्त दिख रहे थे उन्होंने लाल रंग का पेटीकोट पहना हुआ था उन्हें ऊपर से पूरी नंगी देख कर मेरा भी मन मचलने लगा पर क्या कर सकता था।

हमारे परिवार में संस्कार ही कुछ ऐसे थे कि वे मुझे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दे रहे थे इसी प्रकार से चाची को मुझे लाइन मारते हुए तीन महीने हो गए मैं भी कम कमीना नहीं था हालांकि अब मैंने भी ठान लिया था कि जब चाची चुदने ही फिर रही हैं तो मुझे उनको चोदना ही है।

अगले महीने मेरी बुआ की बेटियों की शादी होने वाली थी मैं और मेरा पूरा परिवार वहां चला गया चाची की फैमिली भी गई थी उधर चाची ने खूब मस्ती की और उन्होंने रात को दारू पी ली थी शादी के बाद मुझे रात में ही घर वापिस आना था।

मैंने कहा- मैं घर जा रहा हूं किसी को आना है तो आ जाओ बाद में मत बोलना कि मैं नहीं रुका मेरे इतना बोलते ही मेरी चाची बोलीं- चल मैं तेरे साथ चल रही हूँ मैं बाहर आया और अपनी बाइक निकाली चाची मेरे पीछे बैठ गईं।

उनके चिपक कर बैठने से मुझे लगने लगा था कि आज कुछ रंगीन होने वाला है उन दिनों ठंड का मौसम था चाची ने कहा- मेरे जीतू को ठंड तो नहीं लग रही ना मैंने बोला- नहीं उन्होंने शॉल ओढ़ रखी थी वही मुझे भी अपने साथ उढ़ा दी।

इसके बाद चाची ने मुझे कसके पकड़ लिया और बोलीं- अब मेरे जीतू को ठंड नहीं लगेगी मैंने उनके मादक स्पर्श का अहसास किया और गाड़ी स्टार्ट कर दी वे भी मुझे अपनी चूचियों से दबाती हुई जोर से खींच कर जकड़ सी रही थीं।

अपने हाथ आगे करके चाची मेरी छाती को दबा रही थीं वे शराब के नशे में थीं तो मुझे भी अन्दर से कुछ गलत सा लग रहा था पर क्या करूँ मर्द हूँ तो मुझे भी सनसनी हो रही थी वे मेरे सीने की एक घुंडी को टटोलती हुई बोलीं- कैसा लग रहा है जीतू।

मैंने कहा- बहुत अच्छा यह सुनकर चाची अब मेरे गले को चूमने लगीं मुझे ऐसा लग रहा था कि गाड़ी को छोड़ कर चाची को घोड़ी बना कर इनकी सवारी करना शुरू कर दूँ रास्ते के बीच में आम का एक बड़ा सा बाग़ पड़ता था उधर रात को कोई आता जाता नहीं था।

बिल्कुल सुनसान कच्ची पगडंडी थी और हर तरफ झाड़ियां थीं रास्ता भी ऊबड़-खाबड़ था इसलिए बाइक भी हिचकोले खा रही थी उन हिचकोलों से जो धक्के लग रहे थे उससे हम दोनों एक दूसरे से और ज्यादा रगड़ रहे थे।

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चाची की चूचियां मेरे पीठ से रगड़ कर मेरे लौड़े को और ज्यादा तन्ना रही थीं धीरे धीरे मेरी चाची का हाथ मेरी छाती से नीचे सरक कर मेरे लंड तक आ गया लंड एकदम से कड़क होने लगा था चाची ने लौड़े को अपने हाथ से थोड़ा सा ही दबाया था कि मेरा लंड गुर्रा कर खड़ा हो गया।

मुझे ऐसा लग रहा था कि यदि मैंने बाइक रोक कर इसे सही नहीं किया तो शायद मेरी छूट हो जाएगी मैंने गाड़ी वहीं एक किनारे करके बाग़ में ही रोक दी आस पास कोई नहीं था चाची ने पूछा- क्या हुआ जीतू मैंने बोला- चाची आप यहीं रुको मैं पेशाब करके आता हूं।

उन्होंने कुछ कहा मैं चाची से थोड़ा दूर होकर पेशाब कर ही रहा था कि तभी वे पीछे से आकर मेरा लंड पकड़ने लगीं मैंने जल्दी से अपना लंड पैंट में डाल लिया वे बोलीं- क्या हुआ यार अब तुम जवान हो गए हो शर्माओ मत।

गरम चाची चुदाई के लिए आतुर थी पर मैंने कहा- चाची हम लोग अभी बाग़ के बीचों बीच हैं पता नहीं इधर कौन आ जाए मगर वह कहां कुछ सुनने वाली थीं उन्होंने मुझे कसके पकड़ लिया और मेरी छाती को चूमने लगीं।

वे सामने से मेरे साथ चिपक गई थीं तो उनके होंठ होंठों से लग गए मैंने कहा- चाची अब नहीं बचोगी उन्होंने भी लंड पकड़ते हुए कहा- बचना चाहता भी कौन है मेरे जीतू जान वे मेरे लौड़े को जोर जोर से हिलाने लगीं मैं उन्हें बाग़ के और अन्दर ले गया जहां कोई देख भी नहीं सकता था।

उन्होंने कहा- अब देर न कर जल्दी से मेरे सारे कपड़े उतार दे मैंने चाची को चूमते हुए उनके सारे कपड़े उतार दिए वे भी मेरे कपड़े उतारने लगी थीं ठंड में भी सर्दी नहीं लग रही थी कपड़े उतर जाने के बाद मैं नीचे झुका और उनकी चूत को देखा।

चूत देखते ही मैंने उस पर हाथ फेर दिया वे सिहर उठीं और मैं नीचे होकर चाची की चूत को चाटने लगा चाची आह आह करती हुई बोलीं- आह मेरा जीतू जवान तो हो गया अब तुझसे ही अपनी चूत का काम चलाऊंगी।

मैंने कहा- क्यों आपका वाला लंड काम नहीं करता है क्या वे हंस कर बोलीं- अगर वह लंड काम करता होता तो तेरे जवान लंड के चक्कर में क्यों पड़ती अब बस तू दम से चूत चाट आह चाट ले अपनी चाची की चूत तुझे पुण्य मिलेगा।

यह कहती हुई चाची सिसकारियां भरने लगीं- आह आआ ऊऊऊ आह आउच मैं- आह चाची आज तो बस आपकी चूत गांड दोनों छेद चोदना है वह भी इतनी ताकत से कि दोनों छेद फाड़ ही देना है यह कहते हुए मैंने चाची की गांड में उंगली घुसा दी।

आह आह यह क्या कर रहा है हरामजादे आज गांड भी नहीं छोड़ेगा क्या लगता है मैंने तुझे छूट देकर गलती कर दी आआह मैंने चाची को नीचे बिठा दिया और अपना लौड़ा उनकी नाक के ऊपर रगड़ने लगा वे बोलीं- सच में कितना बड़ा है तेरा लंड आज पहली बार पकड़ा है।

मैंने कहा- हां चाची आपको चोदने के लिए ही इसे बड़ा बनाया है वे हंस दीं और मेरा पूरा लौड़ा मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगीं मैंने कहा- हाय चाची कितना मजा दे रही हो उन्होंने कहा- अब तो चाची मत बोलो मैंने चाची ना बोल कर उनको रंडी बोलना शुरू कर दिया।

उन्हें अपने लिए रंडी कहलवाना अच्छा लग रहा था अब असली खेल का समय आ गया था वे उठ कर मुझे चाटने लगीं किस करने लगीं फिर मैंने गाली देते हुए उनकी कमर को पकड़ा- आ जा मेरी कुतिया रांड अब बहुत हुआ जल्दी से कुतिया बन जाओ।

वे झुक कर कुतिया बन गईं और मैं उनके ऊपर चढ़ गया चाची गांड हिलाती हुई बोलीं- जल्दी से डाल मेरी चूत को फाड़ दे आज मैंने अपने लौड़े पर थूक लगाया और एक ही धक्के में लंड अन्दर तक घुसा दिया वे चिल्ला रही थीं- आह मार दिया कमीने ने आह मेरी फट गई।

मैंने कहा- कितना भी चिल्ला ले रांड आज तुझे ऐसा चोदूंगा कि तुझे पूरा सुख मिल जाएगा मैं चाची के बाल पकड़ कर उनको धकापेल चोद रहा था और वे चिल्ला रही थीं मगर अफसोस उस बगीचा में कोई सुनने वाला नहीं था।

मैं आगे हाथ बढ़ा कर चाची की चूचियां पकड़ कर शॉट मारने लगा चाची को बेहद सुकून मिल रहा था कुछ देर बाद वे बोलीं- जीतू मुझे लंड की सवारी करनी है तू नीचे लेट जा नीचे जमीन ठंडी थी तो चाची ने अपने कपड़े डाल दिए और मैं लेट गया।

चाची मेरे लौड़े को पकड़ कर उसे अपनी चूत में सैट करने लगीं और लंड को चूत में लेकर बैठने लगीं पूरा लंड चाची की चूत की जड़ तक चला गया था तो मैं नीचे से ठुमका लगाने लगा चाची मदमस्त होकर मेरे लौड़े की सवारी करने लगीं।

उनकी चूचियां हवा मे लहरा रही थीं मैंने एक दूध पकड़ कर चाची को अपने करीब खींचा तो वे मुझे दूध पिलाती हुई चूत चुदाई का मजा लेने लगीं इसी तरह से मैंने चाची की दोनों चूचियों का रस चूसा फिर वे थक गईं तो मैंने उनसे नीचे आने का कहा।

वे मेरी जगह लेट गईं और मैं उनकी टांगों को अपने दोनों कंधों पर लेकर उन्हें चोदने लगा गरम चाची चुदाई के कुछ ही देर बाद झड़ने लगीं उनकी चूत का रस छूटने से चूत में एकदम गीला हो गया था मैंने धकापेल चूत फाड़ रहा था।

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ऐसे ही मैंने चाची को लगातार देर तक चोदा और उनकी चूत में ही झड़ने को था कि चाची ने मुझे चूत से बाहर वीर्य झाड़ने का कहा मैंने लंड बाहर निकाल कर उनकी चूचियों पर रस टपका दिया हम दोनों ही काफी थक गए थे।

वह चुदने के बाद बोलीं- तेरे लंड से चुद कर बहुत अच्छा लगा जीतू हम दोनों कुछ देर बातें करते रहे उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और घर की तरफ चल दिए अब मैंने ऐसे ही उन्हें रोज चोदता हूँ स्कूल का नागा कर देता हूँ और चाची के घर में जाकर उन्हें चोदने लगता हूँ।

वे खुद ही कंडोम खरीद कर रखती हैं और मेरे लौड़े को भरपूर मजा लेती हैं आपको मेरी गरम चाची चुदाई कहानी कैसी लगी प्लीज बताएं।

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