दोस्त की बहन की चूत फाड़ी-Hindi Sex Story

दोस्त की बहन की चूत फाड़ी

हेलो दोस्तों! कैसे हो आप सब? आज मै आपके लिए एक और सेक्सी चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ। ये स्टोरी मेरे दोस्त और उसकी बहन की चुदाई की है। आपको इस कहानी मे बताऊँगा कि कैसे मैंने अपने दोस्त की बहन की चुदाई की और उसकी सील तोड़कर उसको कली से फूल बनाया । तो दोस्तों चलो कहानी पर चलते है।

ज़िंदगी मे क्या चाहिए अगर अच्छे दोस्त आपकी लाइफ मे है ऐसे ही अच्छे फ्रेंड्स बन गए थे मेरी भी लाइफ मे। मेरी लाइफ सही जा रही थी, एक ऐसी जिंदगी जिससे मैं काफी हद तक सेटीस्फाइड था। मैं अपने दोस्तों और दोस्ती की बहुत कदर करता जिससे मेरे दोस्त मुझपे बहुत भरोसा करते लेकिन अभी कुछ दिनों पहले ऐसा टाइम आया की मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूँ आपसे सुझाव भी चाहता हूँ की क्या जो हुआ और जो हो रहा है उसे कंटिन्यू करू या मैं गलत कर रहा हूँ।

Chachi Ki Chudai

मेरा एक खास दोस्त था उसका नाम था रिज़वान! वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त था और हम दोनों के घर भी पास में थे, तो आना जाना लगा रहता था। जैसे जैसे टाइम निकला उसके घर वाले अच्छे से जानने लगे। अंकल, आंटी और उसकी सिस्टर भी। मै भी उसकी फॅमिली में एक फॅमिली मेंबर की तरह हो गया था स्टोरी की शुरुआत हुई जुलाई 2015 से जब रिज़वान को डेंगू हो गया था। मै हॉस्पिटल गया और पता चला उसकी प्लेटलेट्स बहुत कम हो गयी है, मेरा और उसका ब्लड ग्रुप और सेम है तो मैंने उसे प्लेटलेट्स डोनेट करी तब अंकल बोले।

अंकल – बेटा कल फरीन का एडमिशन होना है, मैं तो यहाँ हॉस्पिटल में रिज़वान के पास रहूँगा, अगर तुम टाइम निकाल के इसका एडमिशन करने इसके साथ चले जाओ तो मेहरबानी होगी।

मैं – आप किसी बात कर रहे है अंकल इसमें महेरबानी की क्या बात है मैं चला जाऊंगा नेक्स्ट डे सुबह मुझे फरीन की कॉल आयी।

फरीन – हेलो

मैं – हेलो कौन?

फरीन – फरीन बोल रही हूँ आप तैयार हो गए क्या?

मैं – बस आधे घंटे में आ रहा हूँ।

फरीन – बाइक से चलोगे या स्कूटी से?

मैं – स्कूटी से।

1 घंटे के बाद मैं उसके पास उनके घर पर पहुंचा, दोनों बहने थी, बस क्या लग रही थी दोनों बहने, जबकि अभी तक मैंने उन्हें ऐसी नजरो से नहीं देखा था फरीन के बारे में आपको बता दूँ तो हाइट उसकी 5 फुट 2 इंच होगी, रंग बिलकुल गोरा, आँखे ब्रोनिश वाइट, राउंड फेस, बड़ी बड़ी आँखे पतले से होंठ, लेकिन थी वो पतली सी फिगर 32 यही रहा होगा मेरे अंदाजे से।

फरीन – जल्दी आ गए

मैं – थोड़ा लेट हो गया, शाहीन अकेली रहेगी घर?

शाहीन – नहीं मुमानी आ रही है.

मैं – ओके.

फिर हम कॉलेज के लिए निकल गए स्कूटी पर थे, मै शांत था तो उसने पूछा फरीन अच्छा आप बताओ कॉलेज लाइफ अच्छी होती है या स्कूल मैं – स्कूल लाइफ, तुमने एन्जॉय की स्कूल लाइफ फरीन – कहाँ बस स्कूल से घर और घर से स्कूल।

मैं – मस्ती तो स्कूल में होती है, तुम्हे कहा करनी थी फरीन – कभी बंक भी नहीं किया फ्रेंड्स के साथ मन होता था बहार घूमने का मैं – चलो कोई ना ये तो अब भी कर लोगी फरीन – वैसे आप कैसी मस्ती करते थे।

मैं – बहुत मस्ती की हमने तुम्हे नहीं बता सकता फरीन – ऐसा क्या किया था मैं – छोडो रहने दो।

फिर हम शांत हो गए! कॉलेज पहुँच के एडमिशन कराया। मुझे उसके साथ चलते हुए अजीब सा लग रहा था। बाकि कॉलेज में आये लोग हमे कपल की तरह देख रहे थे. लगभग शाम हो गयी थी उसके एडमिशन का प्रोसेस पूरा करते करते और भूख बहुत जोर से लगी थी।

मैं – भूख लगी है फरीन – हाँ बहुत भूख लगी है मैं – चलो खाना खाते है इस बार वो पूरी तरह कम्फर्टेबल होकर स्कूटी पर बैठी थी मेरे बैक को पकड़ के। लेकिन मैंने उसके पीछे बैठे होने का कोई फायदा नहीं उठाया।

फरीन – अच्छा एक सवाल पूछूं? बुरा ना मानो तो मैं – हाँ बिलकुल फरीन – आपकी गर्लफ्रेंड है कोई मै – नहीं वो थोड़ा आगे की तरफ हो गयी थी जिससे उसके शरीर के अंग मेरी कमर को छू रहे थे।

फरीन – झूट बोल रहे हो आप मैं – मैं क्यों झूठ बोलूंगा बताओ फरीन – रिज़वान भाई की है कोई मैं – नहीं उसकी भी नहीं है फरीन – ओके मैं – ऐसे सवाल एक दम से कैसे उठे तुम्हारे दिमाग में।

फरीन – आप कैसे कह सकते हो की एक दम से आये, ऐसा भी तो हो सकता है काफी टाइम से हो पूछने का टाइम आज मिला तो आज पूछ लिया मैं – हाँ ये तो है।

इतने में हम रेस्टोरेंट पहुँच गए और वहाँ खाना खाया और मैंने घर के लिए चलने को कहा तो वो बोली फरीन – थोड़ा टाइम रुक नहीं सकते मै – हाँ क्यों नहीं थोड़ी देर ऐसे ही बात करते हुए फिर वो बोली।

फरीन – मैं कुछ कहु तुम बुरा तो नहीं मानोगे न मैं – कहो जो कहना है फ्री होके फरीन – काफी टाइम से कहना चाहती हूँ लेकिन मौका नहीं मिला मैं – ऐसा क्या कहना है तुम्हे फरीन – तुम डरा रहे हो मुझे।

मैं – अच्छा कहो जो कहना है मैं कुछ नहीं कहूंगा तुम्हे फरीन – वो मैं अम्मम्म मैं – हम्म्म फरीन – मैं तुम्हे पसंद करती हूँ।

मेरे पास बोलने को कुछ नहीं था, मैंने इतना सोचा नहीं था की ऐसा भी हो सकता है ऊपर से दोस्त की बहन थी। मैं वैसे बुरी नजर से उसे देख नहीं सकता था। ऐसा नहीं के मैं दूध का धुला हूँ। कई बार मैंने उसे वैसी नजरो से देखा लेकिन दोस्ती आड़े आयी हमेशा, तो ज्यादा सोचा नहीं और ना चाहते हुए भी मुझे उसे ना बोलना था। अच्छी लड़की हाथ में आकर निकल रही थी। 

मैं – देखो तुम मेरे दोस्त की बहन हो तो भी तुम्हे अपनी फरीन – प्लीज आगे कुछ मत बोलना आपको नहीं करना तो ठीक है लेकिन मुझे अपनी बहन तो मत बोलना। कम से कम इतना तो कर ही सकते हो मेरे लिए।

इतना सब उसने रियूड होकर कहा था। उसकी आवाज में नाराजगी साफ़ समझ आ रही थी।

मैं – फरीन देखो ऐसा नहीं की तुम मुझे पसंद नहीं हो, तुम्हारे जैसी लड़की को कौन होगा जो अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाना चाहेगा। मेरी तो किस्मत ही ख़राब है की तुम मेरे दोस्त की बहन हो नहीं तो शायद मेरी गर्लफ्रेंड होती।

फरीन – घर पर किसी को पता नहीं चलेगा मैं – मैं अपने दोस्त को धोखा नहीं दे सकता यार समझ फरीन – ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी।

फिर मैंने उसे घर छोड़ दिया और रात भर सो नहीं सका ये सोच कर। फिर मेरी और मेरे दोस्त की फॅमिली के ऊपर दुखो का पहाड़ टूटा, मेरा दोस्त जो मेरे लिए बहुत कुछ था दुनिया छोड़ के चला गया था। इतनी सी उम्र में. डेंगू में हुई मौत में उसका नाम भी जुड़ गया था कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। मैं सदमे से निकला उसके घर जाना भी छूट गया था इस साल मार्च में फरीन मिली।

फरीन – भाई क्या गए आपने तो घर आना ही छोड़ दिया। चलो घर चलो अम्मी अब्बू कितना याद करते है तुम्हे अपने बेटे से ज्यादा तुम्हे याद करते है।

मैं – ठीक है आऊंगा टाइम निकाल के फरीन – टाइम निकाल के नहीं अभी के अभी चलो वो मानी नहीं मुझे जिद करके घर ले गयी फरीन के पापा – बेटा तुम तो भूल ही गए हमे।

मैं – नहीं अंकल ऐसी बात नहीं है बस कॉलेज में बिजी हूँ काफी फरीन के पापा – बेटा 10-15 मिनट के लिए ही आ जाया कर फरीन – अब्बू इनसे बोलो हर वीक यहाँ आया करेंगे अंकल – हाँ बेटा मैं – कोशिश करूँगा की हर वीक आ सकू।

उसके बाद वहाँ मैंने पर वीक जाना शुरू किया और कई बार वीक में दो बार भी चला जाता था अंकल कम मिलते घर पर। एक बार सिर्फ फरीन और आंटी ही घर पर थी। फरीन मेरे साथ बात करते हुए एक दम उदास हो गयी।

मैं – क्या हुआ फरीन – कुछ नहीं मैं – उदास क्यों हो मुझसे तो शेयर कर सकती हो फरीन – चाहती तो थी की सब टाइम शेयर करू लेकिन तुमने ही मना कर दिया मैं – अब तो कोई मिल गया होगा फरीन – नहीं मैं – उदास ना हो फरीन – इस उदासी की वजह आप हो।

यहाँ उसने मुझे इतना इमोशनल कर दिया की मुझे ना चाहते हुए भी हाँ बोलना पड़ा मैं – ठीक है जैसा तुम चाहती हो मै तैयार हूँ किस चीज के लिए तैयार हो? ये आवाज आंटी की थी, मै बिलकुल घबरा गया था।

Threesome sex

मैं – कुछ नहीं आंटी बस स्कूटी सिखाने को बोल रही थी आंटी – मैं सब जानती हूँ बेटा. मेरे पास कहने को कुछ नहीं था।

आंटी – काफी टाइम से फरीन उदास थी, कभी खाना ठीक से नहीं खाती। कभी किसी से बात नहीं करती। कल जब मैंने जोर देकर पूछा तब इसने पूरी बात बताई। मैं थोड़ी ओपन माइंडेड हूँ इसलिए कुछ नहीं कहूँगी। इस उम्र मे ही ऐसा होता है, अगर इसके अब्बू को ये पता चला तो सब कुछ खत्म समझो। 

मैं – आंटी मैं नहीं चाहता की ऐसा हो, मैंने काफी समझाया इसको लेकिन ये समझने को तैयार ही नहीं है आंटी – जो करना है करो मै इन सब से अनजान रहना चाहती हूँ। बस मुझे पता नहीं चलना चाहिए जो भी तुम करोगे।

इतना कह कर आंटी चली गयी और फरीन मुझसे गले लग के रोने लगी। मै अब बेहद लाचार था कुछ भी समझ के परे था। फरीन को चुप कराया मैं – बताओ तुम क्या चाहती हो फरीन – आपको पता है मैं – ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी।

अब हमरा रिलेशन शुरू हुआ इस बीच मैं उनके घर भी जाता, खूब हंसी मजाक चलता. जब हम मिलते तो सब कुछ चलता, जैसे गालो को किस करना, थोड़ा बहुत इधर उधर टच करना. एक दिन मैं उसके घर गया तो वो अकेली थी घर पर! मैंने पूछा बाकि कहा है तो वो बोली अम्मी की तबियत ख़राब है दूसरे रूम में लेटी है और बाकी अपने काम पर।

मैं – देखु तो सही आंटी कैसी है फरीन – नहीं रात भर से सोई नहीं अभी 1 घंटा हुआ होगा सोये हुए मैं – ओके मतलब तुम और मैं और तन्हाई फरीन – चुप करो।

फरीन खड़ी हुई थी तो मै मैंने उसको पकड़ के दीवार से सटा लिया और एक पल उसे देखा और उसकी गर्दन को किस करनी शुरू की और कभी उसके क्लीवेज को किस करता तो कभी गर्दन की दूसरी तरफ। फिर हट के उसे देखा तो वो भी गर्म हो गयी थी। 

उसके आँखे बता रही थी। मैंने जैसे ही उसे किस करने आगे बढ़ा उसने आँखे बंद कर ली। फिर हमारे होंठ एक दूसरे से इस कदर मिले जैसे के बरसो के प्यासे हो। जैसे मानो बंजर धरती पर कई बरसो बाद बरसात हुई हो। 

ये किस करीब 8-10 मिनट चली. 10 मिनट किसी को किस करना मुश्किल होता है होंठ दर्द करने लगते है। जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारने की कोशिश करि तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और मेरी तरफ देखने लगी। उसकी आँखे जैसे मुझे पूछ रही हो की क्या ये सही है।

मैंने सिर्फ गर्दन हिलाई और उसने अपने हाथ को नीचे कर लिया. अगले पल मैंने उसका टॉप उतार दिया उसका पेट क्या गोरा था एक तो पहले से ही वो गोरी और ऊपर से पेट और ज्यादा गोरा। उसने लाइट ब्लू कलर की ब्रा पहनी हुई थी जिसमे उसके खड़े हुए बूब्स मुझे कण्ट्रोल से बाहर कर रहे थे। 

वैसे भी अब कण्ट्रोल तो करना ही नहीं था. जैसे ही मैंने उसके बूब्स को हाथ मे लिया उसके मुँह से सिसकारी निकली आह्ह्हआआ। उसकी सांसे तेज़ हो रही थी और आँखे बंद थी। मै उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था। उस पल मै आनंद के सागर मे गोते लगा रहा था। 

हर गुज़रता पल असीम सुख की अनुभूति करा रहा था और आने वाले पल मे मज़ा दुगना होने वाला था फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी। क़यामत मानो साक्षात मेरे सामने थी। उफ्फ्फ क्या बूब्स थे, ऐसा लगता ही नहीं था उसे देख कर के इतने मस्त बूब्स होंगे उसके। वो पतली सी थी और उसके निप्पल का कलर भी लाइट पिंक था और बाकि पूरे सफ़ेद।

मैंने उसके बूब्स को डायरेक्ट मुँह मे ले लिया जैसे ही मैंने बूब्स को मुँह मे लिया, अगले ही पल उसने अपने दोनों हाथो में मेरे सर को जोर से पकड़ लिया था। उसकी कही बात के मुताबित, पहली बार था उसके लिए ये सब करना। 

उसके साथ मुझे भी ऐसा ही लग रहा था मानो जैसे मैं पहली बार सेक्स कर रहा हूँ। वही पहले वाला मजा. मैंने उसके बूब्स खूब दबाये और चूसे बारी बारी कर के। उसके बूब्स बिलकुल लाल हो गए थे लकिन फिर भी मन नहीं भरा था। हमारे पास जयादा टाइम नहीं था तो आगे बढ़ना पड़ा। 

अब मै किस करते हुए नीचे की तरफ बढ़ा। उसकी सिसकिरिया चालू थी। उसकी सिसकिरिया मेरा जोश दुगना कर रही थी जैसे आग मे पेट्रोल. मैं उसके लोअर तक पहुँच गया था। वो मचल रही थी। फिर मैंने एक दम से लोवर को झटके से नीचे कर दिया तो उसने एक दम से लोवर पकड़ लिया और ऊपर खींच लिया।

मै – क्या हुआ फरीन – प्लीज आहिस्ता आहिस्ता करो फर्स्ट टाइम है मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा. अजीब सा फील ही रहा है उसकी आवाज मे चढ़ा वासना का नशा साफ़ महसूस किया जा सकता था। मै – बेबी सब के साथ होता है थोड़ा कोऑपरेट करो फरीन – और कितना करू।

सही बात थी उसकी भी काफी हद तक कोऑपरेट कर रही थी खैर मै आगे बढ़ा और उसका लोवर भी उतार दिया उसकी पतली पतली सी टांगे गोरी थी काफी। मुझे अब इस बात का डर था की वो मेरा ले भी पायेगी या नहीं। सच मे उसका ये पहली बार था। 

क्यूंकि उसने मेरा लंड नहीं पकड़ा था अभी तक मैंने अपना शॉर्ट्स नीचे किया और जो मेरा नाग था काफी देर से अंदर मचल रहा था, मैंने बाहर निकाल लिया और उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पर रखा तो उसने तुरत पीछे खींच लिया। जैसे उसे करंट मार दिया हो मेरे लंड ने। मेरा लंड देखकर वह घबरा गयी।

फरीन- इतना बड़ा! मै – कुछ नहीं होगा मेरी जान सहलाओ इसे फरीन – मर जाउंगी मै मेरी इत्ती सी ऊँगली चूत मे नहीं जाती तो ये इत्ता बड़ा कैसे जायेगा मैं – भरोसा करती हो मुझपे फरीन- आप पर है लकिन इस पर नहीं है मैं – मेरा ही है ये भी.

फरीन- मुझे डर लग रहा मैं – डरो मत मै हूँ ना अब सहलाओ इसे। पकड़ के ऊपर नीचे करो खैर उसने मेरा लंड सहलाना शुरू किया बड़ा मजा आ रहा था मैं – अब मुँह में लो इसे फरीन – मुँह मे जायेगा ही नहीं इत्ता बड़ा है मैं – ट्राई करो पूरा अंदर भी चला जायेगा।

उसने लंड के आगे वाले पार्ट को किस करि उफ्फ्फ उसके नरम होंटो के स्पर्श ने तो मुझे अंदर तक हिला दिया। धीरे धीरे मैंने लंड को अंदर डाला वो ठीक से चूस नहीं कर पा रही थी फर्स्ट टाइम होने की वजह से। फिर भी मजा अपने चरम सीमा पर था. लेकिन ये मजा ज्यादा देर नहीं चला और उसका दाँत मेरे लंड के नीचे और पीछे वाले हिस्से मे लगा। आह्हः सारा मजा किरकिरा हो गया। 

अब बारी थी चुदाई की मैंने उसे बेड पे डॉगी पोजीशन मे खड़ा किया। इतने मै फरीन बोली फरीन – कंडोम यूस नहीं करोगे क्या मैं – नहीं फरीन – कुछ हुआ तो मैं – डोंट वरी बेबी आई गिव यू आई पिल फरीन – ठीक है जैसा आप चाहो आराम से करना मैं – ओके।

मैंने फिर उसे डॉगी पोजीशन मे खड़ा किया और लंड को सेट किया चूत पे। उसकी चूत हद से ज्यादा टाइट थी, तो मैंने ऊँगली को थूक लगाया और एक दम से उसकी चूत मे घुसा दी। फरीन – आह ऊई माँ मर गयी प्लीज इसे बहार निकालो मैं – बहुत टाइट है इसे थोड़ा खोल तो लू. फरीन जान थोड़ा तो सहना होगा।

फिर मैंने उसकी एक न सुनी और ऊँगली एक एक बाद एक 3 घुसेड़ दी। जब तक चूत थोड़ी ढीली नहीं हुई निकाली ही नहीं। फिर अपना लंड सेट किया और धक्का मारा लेकिन लंड फिसल गया. मैंने फिर लंड सेट किया, उसकी कमर को पकड़ा और फिर जोर का धक्का मारा। अबकी बार लंड 4-5 इंच अंदर तक उसकी चूत मे घुस गया। उसने जोर की चीख मारी।

अल्लाह ऊई मै मर गयी। मैंने तुरंत उसका मुँह पकड़ के उसे चुप किया और शांत रहने को कहा। थोड़ी देर रुकने के बाद मै बोला थोड़ा दर्द सहन नहीं कर सकती हो क्या फरीन – मै मर जाउंगी प्लीज इसे निकाल लो।

मैं – अभी मजा आना बाकि है बेबी बस थोड़ा सबर करो अभी आधा लंड अंदर गया है फरीन – आधा प्लीज इतने से कर लो और मत घुसाना बहुत दर्द हो रहा है मर जाउंगी।

Maa Ki Chudai

मैंने फिर हलके हलके झटके मारने शुरू करे। हर झटके से उसके मुँह से दर्द भरी आअह्ह्ह निकलती। अब मै हलके हलके लंड को और अंदर घुसाता गया। मेरे लंड मे भी जलन होने लगी थी क्यूंकी उसकी चूत बहुत टाइट थी. खैर दर्द को अब वो सहन कर रही थी। मै उसे चोदता रहा। अब ये मेरे ऊपर डिपेंड कर रहा था कि मै कितनी देर मे झाड़ू, क्यूंकि सुबह मै मुठ मार चुका था।

फरीन – कितनी देर और करोगे मैं – थोड़ी देर और फरीन- मुझसे बर्दाश नहीं हो रहा अब मैं – कोशिश करता हूँ स्पीड तेज कर रहा हूँ संभाल लेना।

मैंने स्पीड तेज कर दी 1 मिनट मे ही चुदाई ने फुल स्पीड पकड़ ली लेकिन ये मेरे लिए ज्यादा दर्द भरा था। लंड जोर से जलन कर रहा था खासकर वहाँ जहा उसका दाँत लगा था। फिर भी मै धक्के मारता रहा और उसकी दर्द भरी सिसकिरिया निकलती रही और थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकल के उसके बूब्स पर झाड़ दिया. लंड अब भी उसके खून मे थोड़ा सा सना हुआ बहार आया और मेरे पानी मे भी मिक्स हो गया था. फिर उसने खुद को साफ़ किया और कपडे पहने। मैंने टाइम देखा तो लगभग 2 घंटे बीत गए थे।

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *