मेरी सौतेली मम्मी खुले आंगन में नहाती हैं. मैं उन्हें नहाते हुए देखता हूँ और उनकी चूत मारने का मन होता है. तो मैंने क्या किया?
हाय, मेरा नाम सचिन है. मैं मध्य प्रदेशके एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ|
यह बात अभी से लगभग 4 साल पहले की उस वक्त की है जब मैंने पहली बार अपनी सौतेली मम्मी की चुदाई की थी|
उसके बाद तो मैं उन्हें बहुत बार चोद चुका हूँ|
मेरी सगी मम्मी का देहांत अठारह साल पहले किसी बीमारी की वजह से हो गया था|
मेरे परिवार में हम 2 भाई हैं. दूसरा भाई मुझसे बड़ा है|
हम दोनों भाइयों को पालने के लिए पापा ने दूसरी शादी कर ली थी|
मगर पापा की मृत्य भी आज से 10 साल पहले हो गई थी|
मेरी सौतेली मम्मी की उम्र अभी 40 साल की है. बड़े भाई की 25 और मेरी 19 साल है|
आज से कुछ साल पहले हमारे घर में बाथरूम नहीं था तो मम्मी खुले में ही नहाती थीं|
उस टाइम मैं उन्हें नहाते हुए देखता था. मेरी मम्मी का गोरा शरीर बड़ा मस्त लगता था. वो मुझे हमेशा से ही एक माल लगती थीं|
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लेकिन जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरा मन उनको चोदने को होने लगा था|
पापा के देहांत के बाद उनको किसी ने नहीं चोदा था|
उनका रंग एकदम गोरा है, शरीर एकदम पतला सा और चूचियां भी मोटी मोटी हैं|
ये बात तब की है जब मेरे भाई की शादी होने के बाद भाई भाभी एक रूम में सोते थे और मैं और मम्मी एक रूम में|
मैं रात में उठ उठ कर उनकी जांघों को देख कर मुठ मारता था पर कभी हिम्मत नहीं होती थी कि कुछ कर पाऊं|
फिर एक दिन मेरा एक दोस्त मुझे एक मज़ार पे ले गया, मैं भी उसके साथ चला गया|
वहां हमें एक मौलवी जी मिले|
मेरा दोस्त उनके पास कुछ काम से गया था|
उसका काम होने के बाद हम दोनों आ गए|
मैंने दोस्त से पूछा- क्या काम था?
उसने बताया- ये मौलवी जी कोई भी काम करवा सकते हैं. इनकी मदद से किसी को भी तू अपने वश में कर सकता है|
मैंने पूछा- कैसे मदद?
उसने बताया- मौलवी जी कुछ ताबीज वगैरह देते हैं|
मैंने उसको बोला- चल छोड़ … मैं नहीं मानता|
उसने कुछ नहीं कहा|
हम दोनों अपने अपने घर आ गए|
घर आने के बाद जब रात में मैंने मम्मी को देखा, तो वो गहरी नींद में सोई हुई थीं और उनका पेटीकोट जांघों तक उठा हुआ था|
लाइट बंद होने के बाद भी मम्मी की गोरी जांघें चमक रही थीं|
मैंने मन बना लिया कि एक बार मम्मी को तो चोदना ही है|
मगर मैं बिना मम्मी की राजी के उन्हें नहीं चोदना चाहता था|
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मैं अगले दिन अपने उसी दोस्त से मिला और मैंने उससे मौलवी जी का फोन नंबर ले लिया|
दोस्त ने पूछा- क्या काम है मौलवी जी से?
मैंने उसको बोला- कुछ ख़ास नहीं यार, ऐसे ही अपनी जॉब के बारे में बात करनी है|
शाम को मैंने मौलवी जी को कॉल किया|
मैंने उनको अपना नाम ग़लत बताया और कहा कि एक औरत को अपने वश में करना है|
पहले तो वो मना करते रहे लेकिन काफ़ी बार कहने के बाद वो मान गए|
उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया|
मैं गया तो उन्होंने मुझे पहचान लिया, पर मैंने उनसे कहा- आप मेरे दोस्त को नहीं बताना|
वो मान गए|
फिर जो भी जानकारी उन्होंने मांगी, मैंने उन्हें दे दी|
उन्होंने मुझसे कहा- जाओ कोई भी मिठाई लेकर आ जाओ|
मैं बर्फी ले आया|
मेरी मम्मी को बर्फी बहुत पसन्द थी|
मौलवी जी ने उस बर्फी के डिब्बे में से एक पीस लिया और उसपर कुछ मंत्र बोलने के बाद मुझे देकर बोले- ले … उसको खिला देना|
मैं घर आ गया और रात में अपने कमरे में चला गया|
जब भाई और भाभी सो गए, तब मैं मिठाई लाया और वो पीस मम्मी को खाने को दे दिया|
उन्होंने पूछा- ये कहां से लाया है?
मैंने बोला- एक दोस्त के साथ था, तो वहां ले ली थी. दोनों ने खाई मगर ये दो पीस बच गए थे|
मम्मी ने बड़े प्यार से बर्फी खा ली|
मौलवी जी ने बताया था कि असर 5 दिन बाद होना शुरू हो जाएगा और 9 दिन में काम पूरा हो जाएगा|
दोस्तो, 2 दिन बाद ही असर दिखना शुरू हो गया था. अब मम्मी मुझसे रात में देर तक बात करने लगी थीं और जानबूझ कर पेटीकोट को ऊपर करने लगी थीं|
लेकिन मौलवी जी ने बोला था कि 9 दिन से पहले तू कोई अपनी तरफ से कोई हरकत नहीं करना इसलिए मैंने कुछ नहीं किया|
फिर इस दौरान मेरे मामा के घर में एक फंक्शन आ गया तो मैं 4 दिन के लिए वहां चला गया|
लेकिन जिस दिन मैं वापस आया, मम्मी के चहरे पर उस दिन अलग ही ख़ुशी नजर आ रही थी|
उन्होंने बड़े प्यार से मुझसे बात की और रात को हम दोनों सोने चले गए|
उन्होंने मुझसे कहा- कल तू मेरे साथ खेत में चलना|
ये कहते समय मम्मी के चेहरे में एक विशेष ख़ुशी सी झलक रही थी|
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मैं बोला- ठीक है मम्मी|
हम दोनों रात में देर तक बातें करते रहे|
सुबह उठने से पहले ही वो मेरे लिए चाय लेकर आईं और बोलीं- जल्दी से खड़ा हो ज़ा, आज हमें खेतों के चलना है|
हमारे खेत गांव से थोड़े दूर हैं, हमने अपने खेत एक बंदे को बटाई पर दे रखे हैं. हम दोनों कभी कभी ही खेत पर जाते हैं|
हम दोनों तैयार हुए. भाई के काम पर जाने के बाद हम दोनों बाइक पर बैठ कर खेत के लिए निकल गए|
रास्ते में मैंने कई बार ब्रेक मारे और वो भी हंस हंस कर बात करती जा रही थीं|
वहां पहुचने के बाद हम दोनों हमारे खेत पर बने कमरे में आ गए|
वहां एक चारपाई पड़ी है. उस पर जाकर मम्मी बैठ गईं|
कुछ देर बाद आराम करने के बाद वो बाहर आईं और खेती करने वाले आदमी को बुला कर उससे बात करने लगीं|
मैं कमरे की छत में ऊपर चढ़ गया और चारों ओर इधर उधर देखने लगा|
मैंने देखा दूर दूर तक बाजरे के खेतों में फसल लहलहा रही थी|
मम्मी उस आदमी और उसकी बीवी से बात करती रहीं|
फिर उस आदमी को कहीं काम से जाना था, उसने मम्मी से कहा- मालकिन मुझे बाजार जाना है, कुछ सामान लाने के लिए
मम्मी ने उसे जाने के लिए हां कह दिया|
वो चला गया|
उसकी बीवी और मम्मी बातें करती रहीं|
थोड़ी देर बाद मम्मी ने मुझे आवाज़ दी- बेटा, नीचे आ जाओ, चलते हैं|
मैं नीचे आ गया|
मम्मी ने उस औरत से पूछा- खरबूजे कहां लगे हैं?
उसने इशारा करके बताया- मालकिन उस वाले खेत में लगे हैं|
मम्मी ने मुझसे कहा- घर जाने से पहले कुछ तोड़ लाते हैं|
मैंने बोला- ठीक है चलो|
मम्मी आगे आगे चल रही थीं और मैं उनके पीछे पीछे|
वो बहुत सेक्सी लग रही थीं|
खेतों के काफ़ी अन्दर जाने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा- क्या हम लोग बहुत अन्दर आ गए हैं?
मैंने कहा- हां मम्मी|
वो बोलीं- एक बात बोलूँ?
मैं समझ गया कि असर हो गया|
उनकी नज़रों से साफ़ लग रहा था|
वो बोलीं- तेरी कोई दोस्त लड़की है?
मैंने कहा- नहीं|
वो बोलीं- शर्मा मत, सच बता|
मैंने कहा- नहीं है, आपकी कसम|
वो बोलीं- क्यों नहीं बनाई?
मैंने कहा- कोई बनती ही नहीं|
मम्मी हंसने लगीं|
मैंने कहा- आप बन जाओ|
वो बोलीं- तू पागल है, मैं मम्मी हूँ तेरी, किसी को पता चल गया तो?
मैंने कहा- कौन बताएगा. ना आप किसी से कहोगी और ना मैं|
यही सब बातें करते करते हम बहुत अन्दर चले गए|
वहां जाकर वो रुक गईं और मेरी तरफ देख कर हंसने लगीं|
मैं समझ गया कि मम्मी मेरे वश में आ गई हैं|
मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनका हाथ पकड़ लिया|
वो बोलीं- कोई आ जाएगा पागल … छोड़|
मैंने कहा- यहां कौन आएगा?
वो मुस्कुराती हुई बोलीं- कोई नहीं आएगा तो तू क्या करेगा?
मैंने थोड़ी हिम्मत करके मम्मी के दोनों कंधे पकड़ लिए. वो मेरी तरफ़ देखती रहीं और मुस्कुराती रहीं|
मेरी हिम्मत और बढ़ गई|
मैं उन्हें गले लगाने के लिए आगे को बढ़ा और वो शर्माते हुए मेरे सीने से लग गईं|
उनको गले से लगाते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था|
मैंने सबसे पहले मम्मी के माथे पर एक किस किया|
वो बोलीं- लेकिन कभी किसी को पता नहीं चलना चाहिए|
मैंने कहा- आपकी कसम कभी किसी को पता नहीं चलेगा|
अब मैंने मम्मी को अपने गले से जोर से चिपका लिया और उनकी पतली कमर पर हाथ फेरने लगा|
उन्होंने इतने साल से किसी के साथ सेक्स नहीं किया था तो वो कांप रही थीं|
मैंने उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया|
उन्होंने आंखें बंद कर लीं|
मैंने पूरी साड़ी खोल दी|
मेरे दिल की धड़कन भी तेज हो गई थी|
मैंने उनकी साड़ी को नीचे बिछा लिया और उनको पकड़ कर नीचे लेटा दिया|
मम्मी आंखें बंद करके लेट गईं|
मैं सबसे पहले उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया|
मम्मी ने भी अपना मुँह खोल दिया ओर पूरा साथ देने लगीं|
मैंने किस करते करते मम्मी के ब्लाउज के हुक खोल दिए|
मेरे सामने उनकी बिल्कुल मोटी मोटी चूचियां ब्रा में दिख रही थीं|
मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और उनकी एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा|
मम्मी ने कामुक सिसकारियां भरनी शुरू कर दीं|
मैंने अपना एक हाथ नीचे उनके पेटीकोट में डाल दिया. उनकी चूत पानी छोड़ रही थी, लेकिन एकदम मस्त थी|
मैंने अपनी लाइफ में मम्मी के जैसी चकाचक चूत नहीं देखी थी|
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उनका पेटीकोट निकाल दिया और उनकी टांगों के बीच में हाथ ले आया|
फिर मम्मी की दोनों टांगों को चौड़ा करके उनकी चूत पर अपना हाथ रख दिया|
मम्मी के मुँह से एक तेज आह की आवाज़ आई और मैंने उनकी चूत को मींजना शुरू कर दिया|
उन्होंने अपने हाथ मेरे सर पर रख दिए और दबाने लगीं|
मम्मी सिसयाती हुई बोलीं- आह बस कर … क्या कर रहा है … रहने दे|
मैंने कहा- क्यों पहले किसी ने नहीं किया?
वो बोलीं- सच में तेरी कसम आज … पहली बार तूने ही नीचे किस की है. तेरे पापा ने भी कभी नहीं की|
मैंने कहा- मजा नहीं आया क्या?
मम्मी बोलीं- बहुत ज्यादा मजा आ रहा है यार|
मैंने अपना लोवर निकाल दिया और देखा वो मेरा लंड देखने की कोशिश कर रही थीं|
तो मैंने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए|
मेरा कड़क लंड देख कर मम्मी की आंखें फटी की फटी रह गईं|
लंड को देख कर मेरी मम्मी घबरा गई थीं, वो बोलीं- ये इतना बड़ा … मैं नहीं ले पाऊंगी. तेरे पापा का तो इससे बहुत छोटा था|
मैं आपको बताऊं, मैंने अपना लंड मालिश कर कर कर बहुत बड़ा कर रखा है. मेरे लंड का साइज़ काफी बड़ा है, ये मोटा भी बहुत है|
मैंने उनका हाथ पकड़ कर लंड पर रखा|
वो बोलीं- बेटा मैं इसे नहीं ले पाऊंगी. इससे मेरी फ़ट जाएगी|
मैंने कहा- सब हो जाएगा, प्यार से करूंगा मैं!
ये कह कर मैंने मम्मी की चूत के मुँह पर हाथ से दबा दिया और चूत के अन्दर एक उंगली डाल दी|
वो सिसकारी लेने लगीं|
उनकी पतली पतली टांगों को मैंने ऊपर उठा लिया|
उनकी आंखों में डर दिखाई दे रखा था|
इधर मुझसे रुका नहीं जा रहा था|
मैं मम्मी की टांगों के बीच में आ गया और अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया|
मम्मी ने आंखें बंद कर लीं और मैं उनके ऊपर लेट गया|
मैंने मम्मी के होंठों को अपने मुँह में ले लिया और एक जोर का झटका दे दिया|
एक ही धक्के में मेरा आधा लंड मम्मी की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया|
मम्मी के होंठ मेरे मुँह के अन्दर होने की वजह से वो चिल्ला नहीं पाईं, पर वो छटपटाने लगीं और उनकी आंखों से आंसू निकल आए|
मैंने उनकी टांगें थोड़ी सी ऊपर की और फिर से एक जोर का धक्का दे दिया|
इस बार मेरा पूरा लंड, छूट को फाड़ता हुआ जड़ तक घुसता चला गया|
मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा|
थोड़ी देर में वो नॉर्मल हो गईं|
मैंने उनके होंठों से मुँह हटा लिया|
वो बोलीं- बेटा निकाल ले, मर जाऊंगी|
मैंने कहा- नहीं मरेगी मेरी जान|
मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए|
पहले तो मम्मी को दर्द हुआ, लेकिन फिर वो भी साथ देने लगीं|
मैंने मम्मी की टांगें उठा कर कंधों पर रख लीं और उन्हें जोर जोर से चोदने लगा|
अब वो भी मस्ती में बोल रही थीं- आह ऐसे ही चोद दे … ऐसे तो पहले कभी किसी ने नहीं चोदा|
मैंने थोड़ी देर चोदने के बाद मम्मी को घोड़ी बनने के लिए कहा|
पर वो बोलीं- अभी ऐसे ही पेल ले. रात में घर में कुतिया बना कर चोद लेना. अभी बहुत दर्द हो रहा है|
मैं लग गया और 10 मिनट तक मम्मी को ताबड़तोड़ चोदने के बाद मेरा माल निकलने वाला था|
मेरी सौतेली मम्मी का अब तक 3 बार पानी निकल चुका था|
वो हाथ जोड़ने लगीं और बोलीं- छोड़ दे यार आज ही मार देगा क्या?
मैं बोला- मेरी जान माल निकलने वाला है, क्या करूं?\
वो बोलीं- अन्दर ही निकाल दे जानू|
मैंने अपने लंड का पूरा माल मम्मी की चूत के अन्दर ही निकाल दिया|
फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और घर आ गए|
ऐसे मौलवी जी की मदद से मेरा मॉम सेक्स का सपना पूरा हुआ|
रात में मैंने मम्मी को दबा कर चोदा और 3 दिन बाद उनकी गांड भी मारी|
आपको मेरी मॉम सेक्स कहानी में मजा आया होगा| मुझे कमेंट्स में बताएं|