दोस्त की बीवी की होटल में चूत चुदाई-Hindi Sex Story

दोस्त की बीवी की होटल में चूत चुदाई

बिग पेनिस सेक्स कहानी में मैंने अपने दोस्त की शर्मीली बीवी को चोदा हमने ऑनलाइन चैट शुरू की और धीरे धीरे सेक्स पर आये मेरा बड़ा लंड देखने की तमन्ना थी उसकी नमस्कार दोस्तो मेरा नाम राहुल है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ।

मेरी उम्र 28 साल है यहां मैं कई सालों से कहानियां पढ़ रहा हूँ एक साल से मैं अपने साथ घटी एक सच्ची घटना को लिखने की सोच रहा था मैं नहीं जानता कि यहां लिखी हुई सभी कहानियां सच होती भी हैं या नहीं पर मैं आज अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूँ।

इधर इस बिग पेनिस सेक्स कहानी को लिखने की एक वजह भी है यह बात मैंने किसी से कभी कही नहीं इसलिए यहां लिखकर मैं अपना मन हल्का करना चाहता हूँ ये सेक्स कहानी मेरे दोस्त की बीवी और मेरी के बीच हुई चुदाई की है मेरे दोस्त का नाम राकेश है।

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वह एक बड़ी कंपनी में काम करता है और अपने काम की वजह से उसे महीनों शहर के बाहर रहना पड़ता है उसकी बीवी का नाम कोमल है वह मुझसे दो साल बड़ी है उसे तीन साल की एक लड़की भी है कोमल दिखने में बहुत ही खूबसूरत है उसकी आंखें नशीली हैं मुझे वह बहुत पसंद है।

इस घटना से पहले तक मैंने कभी उससे बात नहीं की थी बस हम कभी मिलते तो स्माईल करते हैं यह बात कुछ दो साल पुरानी हैं राकेश अपने काम से बाहर किसी शहर गया था और उधर उसे गए हुए छह महीने बीत गए थे एक दिन उसकी बीवी मुझे रास्ते में मिली तो मैंने उससे चलते चलते स्माईल किया।

इस पर उसने भी स्माईल दी और हम दोनों बिना रुके निकल गए उसी दिन मैंने कोमल को इंस्टाग्राम पर फॉलो किया उसने कुछ देर बाद उसने मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की फिर मैंने उसे हाय करके मैसेज किया तो उसने भी मुझे हाय किया हम दोनों ने सामान्य बातें की।

मैंने पूछा कि राकेश कब आएगा उसने बताया कि उन्हें आने में अभी और 4 महीने लगेंगे फिर हम दोनों कुछ देर इधर उधर की बातें करके ऑफलाइन हो गए कुछ दिन हम दोनों ऐसे ही बातें करते रहे इतने दिनों में हम दोनों काफी खुल गए थे और हम दोनों में एक दूसरे से सहज भाव से बात करने की आदत पड़ गई थी।

मुझे उसके साथ सेक्स करने की इच्छा होने लगी थी और मैं अपनी तरफ से यह कोशिश करने भी लगा था कि उसको अपनी तरफ आकर्षित कर सकूँ पर उन्हीं दिनों मुझे पता चला कि कोमल अपने पति राकेश से बहुत प्यार करती है।

यह जानकार मेरा मन कुछ अलग सोचने लगा कि जब तक कोमल खुद से मेरे साथ सेक्स करने की चाह जाहिर नहीं करेगी, तब तक मैं सेक्स की पहल नहीं करूंगा इसी के साथ मैंने यह भी सोचा कि सेक्स करने में तन की प्यास बुझती है जबकि प्यार करना एक अलग बात है।

एक दिन हम दोनों ऐसे ही बात करते करते नॉन वेज टॉपिक पर बात करने लगे टॉपिक लड़कों के लिंग के साईज का था मैं शरीर से कुछ पतला हूँ तो उसने कहा- तुम्हारा तो साईज छोटा ही होगा मैंने कहा- जी नहीं मेरा साइज़ सात इंच का है।

उसे यह झूठ लगा वह कहने लगी- इतना बिग पेनिस हो ही नहीं सकता मैंने फिर से कहा- अरे बाबा सही में इतना ही है क्या आपको देखना है उसने कहा- हां दिखाओ.

मैंने कहा- कैसे दिखाऊं वह बोली- फोटो निकालो और दिखा दो मुझे उसके साथ सेक्स करना था तो मैंने उससे कहा- नहीं फोटो नहीं भेज सकता सॉरी उसने पूछा- सॉरी क्यों मैंने कहा- नहीं भेज सकता सॉरी आपको देखना है तो सामने सामने से देखो।

उसने पूछा- अरे मैं सामने से कैसे देख सकती हूँ मैंने सुझाव दिया कि कहीं किसी बंद कमरे में मिल लो और देख लो उसने साफ मना कर दिया और कहा- नहीं बाबा मुझे नहीं देखना तुम्हारा सात इंच का सामान फिर मैंने कहा- ठीक है नहीं देखना तो मत देखो पर मेरी साईज सात इंच की ही है।

उसे ये बात झूठ लग रही थी वह कहती रही कि इतना हो ही नहीं सकता मैं नहीं मान सकती हूँ इसी तरह कुछ दिन तक हम दोनों बात करते रहे और अब हमारे बीच की बातों में सेक्स की बातों का शुमार हो गया वह मुझे सात इंच वाले बाबू कह कर संबोधित करने लगी थी।

पर मैं भी अपनी जिद पर अड़ा था कि कुछ भी हो मैं लंड की फोटो नहीं भेजूंगा फिर एक दिन उसने खुद ही मुझसे पूछा- क्या तुम्हारा सही में सात इंच का है मैंने कहा- हां बाबा हां उसने कहा- फिर दिखाओ ना एक फोटो ही तो भेजनी है मैंने कहा- नहीं तुम्हें देखना है तो सामने आकर देखो।

उसने कहा- सामने कैसे आ जाऊं कैसे संभव है मैंने उससे कहा- किसी होटल में चलो वह बोली- तुम्हें पता है ना मेरे घर में सास ससुर ननद मेरी बेटी सभी होते हैं मैं बाहर कैसे आ सकती हूँ मैंने उससे कहा- कुछ काम निकालो उसने कहा- ठीक है मैं कल बताती हूँ।

दूसरे दिन उसने बताया- तुम प्लान करो कि कहां जाना है मैं घर पर बोलूंगी कि मुझे कुछ काम से जाना हैं मैं मन ही मन खुश हुआ और बोला- ठीक है मैंने तुरंत ही इंटरनेट पर मुंबई में होटल सर्च करने चालू किए और कुछ घंटे के लिए एक होटल में रूम बुक कर लिया और उसे इस बारे में बता दिया।

वह बोली- ठीक है कल मिलते हैं दूसरे दिन मैं उसे एक निर्धारित स्थान से बाईक से पिक करके होटल ले गया वह चेहरे पर स्कार्फ बांधकर आयी थी हम दोनों रूम में गए उसने स्कार्फ निकाला मैंने उसे देखा तो वह मुस्कुरा रही थी।

तब मैंने उसे बेड पर बैठने के लिए कहा तो वह जाकर बेड पर बैठ गई मैं वाशरूम गया, वहां फ्रेश हुआ और लंड को अच्छे से धोकर बाहर आया मैं उसके लिए चॉकलेट लाया था, वह उसे दे दी वह चॉकलेट लेती हुई बोली- चॉकलेट नहीं चाहिए तुम अपना सात इंच वाला बिग पेनिस दिखाओ।

यह कह कर वह हंसने लगी मैंने कहा- ऐसे ही वह सात इंच का हो जाएगा क्या उसने कहा- तो मैंने कहा- रूको थोड़ा वक्त दो उसने कहा- ठीक है मैं तौलिया लेकर फिर से वाशरूम में चला गया और उससे कह गया कि मैं अभी आया।

वह ठीक है बोलकर बेड पर पैर झुलाती हुई बैठ गयी मैंने अन्दर जाकर दरवाजा बंद किया और सारे कपड़े उतार दिए फिर अपने लंड को सहला कर खड़ा किया मेरा लंड पहले से ज्यादा तना हुआ और कड़क हो गया था मैंने तौलिया लगाया और अन्दर से कोमल को आवाज दिया- तैयार हो।

उसने आवाज दी- हां मैंने वाशरूम का दरवाजा खोला और बाहर आ गया मैं सिर्फ तौलिया में था वह मुझे देख कर चौंक गई मेरा लंड खड़ा होने के कारण तौलिया में तंबू के बांस की तरह हो गया था वह बेड पर पैर नीचे करके बैठी सिर्फ मुस्कुरा रही थी।

मैं धीरे धीरे उसके नजदीक गया. मेरा लंड उसके मुँह के कुछ ही अंतर पर था फिर मैंने उससे कहा- तौलिया खोल कर खुद ही देख लो उसने तौलिया के अन्दर तने हुए लंड को देखा फिर आंखें ऊपर करके मुझे देखा मैंने कहा- क्या हुआ देखो तुम्हें मेरा सात इंच का लंड देखना था ना अपने हाथों से तौलिया खोलो और देख लो।

उसने तौलिया खोलने के लिए अपने दोनों हाथ धीरे धीरे आगे बढ़ाए और मेरा तौलिया खोल दिया मेरा तौलिया नीचे गिर गया मैं पूरा नंगा उसके सामने खड़ा था वह मेरे सामने बेड पर बैठी थी मेरा सात इंच का लंड उसके सामने तनकर खड़ा हुआ था।

मेरा लंड देख कर उसने कुछ पल के लिए आंखें बड़ी करके मुझे देखा उसके चेहरे पर कामुकता आ गई थी. वह मेरे लंड को वासना से देख रही थी मैंने कहा- छूकर देख लो उसने लंड नहीं छुआ तो मैंने नीचे झुककर उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और अपने लंड को पकड़ने को लंड के पास लाने लगा था।

वह अपने हाथ को हल्की सी ताकत से पीछे खींच रही थी पर उसकी ना में भी हां दिख रही थी मैंने उसके दोनों हाथों में अपना लंड पकड़ा दिया उसने भी दोनों हाथों से मेरे लंड को मुठ्ठी बांध कर पकड़ लिया।

फिर मैंने अपने हाथों से उसके लंड पकड़े हुए हाथ पकड़े और दो तीन बार आगे पीछे करके अपना हाथ छोड़ दिया उसने मेरे लौड़े से हाथ नहीं हटाए और मेरा लंड उसके कब्जे में दे दिया वह दोनों हाथों से धीरे धीरे मेरा लंड हिलाने लगी वह कभी मेरी आंखों में तो कभी लंड को देख रही थी।

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उसके मुँह से एक शब्द नहीं आ रहा था. चेहरे पर कामुकता के भाव थे आंखें नशीली हुई पड़ी थीं कुछ देर के बाद मैंने कहा- देख लिया है ना सात इंच का उसने कहा- हां वाकयी सात इंच का है राकेश का लगभग 5 इंच का ही होगा मैंने उससे फिर से पूछा- क्या तुम्हें पसंद आया।

उसने सिर्फ गर्दन हिलाकर हां में जवाब दिया हम दोनों की कामुकता बढ़ती जा रही थी मैंने धीरे से उसके हाथ मेरे लंड पर से निकाले वह आंखें ऊपर करके मुझे देख रही थी वैसे ही खड़े रहकर मैंने अपने हाथ से अपना लंड पकड़ा और दूसरा हाथ उसके सर के पीछे डालकर लंड को उसके होंठों के पास ले गया।

मैंने अपना लंड उसके होंठों को छुआ दिया वह मुझे बड़ी कामुकता से देख रही थी जैसे ही लंड उसके होंठों से छुआ उसने ना में सर हिलाया वह अभी भी मुझे ही देख रही थी दो तीन बार नहीं में सर हिलाने के बाद वह रुक गई मैं अपने हाथों से लंड को प्यार से उसके मुँह में डालने लगा।

वह मुझे देख रही थी मैंने भी आंखों से उससे लंड चूसने का इशारा किया इस बार उसने अपना मुँह खोल कर लंड को मुँह में ले लिया उसके मुँह में लंड गया, वैसे ही मेरी आंखें बंद होकर मेरा सर ऊपर को हो गया।

वह मेरे लंड को देखकर मुँह में लेकर चूस रही थी उसके मुँह की गर्माहट से मुझे मस्त लग रहा था वह मेरे लंड को मुँह में लेकर कभी बाहर निकालती तो कभी लंड के ऊपर किस करती उसका लंड चूसने का ये अंदाज मुझे पागल कर रहा था।

फिर मैं अपने दोनों हाथों से उसके गालों को प्यार से पकड़ कर उसे लंड मुँह में लिए हुए देखने लगा था कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और नीचे झुककर उसके होंठों पर होंठ रख दिए हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे।

वह मेरा लंड हाथ में लेकर सहला रही थी मैंने उसे खड़ी कर दिया और पागलों की तरह उसे चूमे जा रहा था. कभी गर्दन पर, कभी गालों पर, कभी होंठों को चूस रहा था वह भी उतावली होकर मुझे चूम रही थी चूमते चूमते मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और उसे पूरी नंगी कर दिया।

वैसे ही खड़े खड़े मैं उसके मम्मों को और गांड को दबा रहा था वह काफी उत्तेजित हो गई थी मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत पर मुँह लगाकर उसकी चूत चाटने लगा उसने अपनी आंखें बंद करके मेरे बाल कसकर पकड़े और किसी नागिन की तरह बेड पर हिल हिल कर अपनी गांड उठाकर तड़प रही थी।

कोमल मुँह से आवाज निकाल रही थी- आहह आहह राहुल मैं मर जाऊंगी ऊँह ऊँह मेरी प्यास बुझा दे वह बेड पर फड़फड़ा रही थी मुझे उसकी ये तड़फ और पागल कर रही थी अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था मुझे लंड उसकी चूत में डालना था।

मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को किस करने लगा मैं अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा उसने मुझे झट से रोका और कहा- तुम यह नहीं कर सकते यह करने का अधिकार सिर्फ राकेश का है मैं राकेश से प्यार करती हूँ तुम चाहे मेरे साथ जो चाहे करो कर लो पर यहां नहीं डाल सकते।

मैं नाराज होते हुए उससे बोला- कोमल मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ तुम मुझे बहुत पसंद हो प्लीज करने दो उस पर उसने कहा- नहीं राहुल मुझे माफ कर दो मैं ये नहीं कर सकती मैं उसे मना रहा था पर वह मान ही नहीं रही थी।

फिर मैंने उससे कहा- चलो ठीक है नहीं करेंगे पर मेरी एक इच्छा है कि एक बार मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाए सिर्फ एक बार मैं अन्दर डालूंगा और बाहर निकाल लूंगा बस एक बार डालने दो वह थोड़ी देर सोच कर बोली- ठीक है पर एक ही बार डालकर निकालना उसके आगे मैं कुछ करने नहीं दूंगी।

मैंने कहा- ठीक है वह बोली- ठीक है डालो मैंने कहा- पहले मुझे फिर से तुम्हारी चूत चाटनी है फिर लंड डालूंगा मैं नीचे आ गया और उसकी चूत पर मुँह लगा कर उसकी चूत चाटने लगा वह फिर से तड़पने लगी कुछ देर बाद मैंने उसको देखा तो उसका चेहरा लाल हुआ था, आंखें वासना से भरी हुई थीं।

मैं ऊपर आया उसके पैर फैलाये और लंड को उसकी चूत के मुँह पर घिसने लगा था वह तड़प उठी मैंने उससे पूछा- डालूं वह बोली- हां डालो मैंने लंड चूत पर रखकर दबा दिया लंड धीरे धीरे उसकी चूत में घुसता चला जा रहा था उसकी चूत काफी टाईट थी।

मैं अपने दोनों हाथ कोमल की गर्दन में डालकर उसे किस कर रहा था लंड जैसे जैसे चूत में घुस रहा था कोमल वैसे वैसे दर्द से चिल्ला रही थी और मुझसे लिपट रही थी- आहह आहह उसकी ऐसी आवाजें मुझे मजे दे रही थीं मेरा लंड अब उसकी चूत में पूरा घुस गया था।

उसे दर्द हो रहा था मैंने लंड बाहर नहीं निकाला ऐसे ही अन्दर रखा और उससे पूछा- दर्द हो रहा है वह बोली- हां निकालो मैंने कहा- नहीं एक ही बार डालने की बात हुई थी तो थोड़ी देर अन्दर रहने दो ना वह बोली- नहीं राहुल ऐसे दर्द हो रहा है निकालो यार इतना बड़ा लेने की आदत नहीं है।

मैंने कहा- रूको जरा दर्द कम हो जाएगा मुझे तुम्हारी चूत के अन्दर की गर्मी अच्छी लग रही है वह मोटे लवड़े के कारण दर्द से कराह रही थी कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ लंड चूत में फिट बैठ गया मैंने उससे कहा- बस अब निकाल लेता हूँ।

उसने बस मुझे देखा मैंने धीरे धीरे लंड बाहर निकाला लंड बाहर आते समय उसे दर्द हो रहा था मैंने आधा लंड बाहर निकाला और रूक कर कोमल से पूछा- क्या हुआ वह बोली- दर्द हो रहा है मैंने फिर से लंड धीरे से अन्दर डाला।

वह फिर से चिल्लाई- आहह आहह राहुल अहहह मैंने कहा- क्या हुआ निकाला तो भी दर्द हो रहा है और डाला तो भी दर्द हो रहा है अभी निकाल लेता हूँ यह बोलकर मैंने फिर से लंड आधा बाहर निकाला आधा बाहर आया तो मैं फिर से रूक गया।

मैंने उससे पूछा- चूत में दर्द हो रहा है वह नशीले अंदाज में मुस्कुरा कर हां में सर हिलाने लगी मैंने उससे कहा- रूको मैं अन्दर ही रखता हूँ तब मैंने लंड अन्दर डाला उसने आंखें बंद करके इस्स की आवाज निकाली और सर ऊपर की ओर मोड़ दिया।

मैंने फिर से पूछा- दर्द हुआ उसने वैसे ही ऊपर सर उठाए हुए हां में सर हिलाया मैंने कहा- रूको, अब बाहर निकाल ही लेता हूँ मैंने फिर से आधा लंड बाहर निकाला और वह फिर से सिसकारने लगी उसका दर्द कम हुआ था मैंने दस बारह बार ऐसे ही उससे पूछ पूछ कर लंड अन्दर बाहर कर रहा था।

उसे अब मजा आ रहा था फिर इसी दौरान मैंने अचानक से अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरे जोश से बीस पच्चीस झटके दे मारे वह बेड पर फड़फड़ाने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी- आआहह आह ओह राहुल मैं मर गई।

बीस पच्चीस झटकों के बाद मैं रुक गया और उससे पूछा- क्या हुआ अब मैं निकाल लूं बाहर उसने एक हाथ मेरे गले में डालकर मुझे अपनी ओर खींचा और दूसरा हाथ चूतड़ पर रखकर मुझे अपनी चूत पर दबाती हुई बोली- नहीं अभी रूको मत बस करो और जोर जोर से चोदो मुझे।

यह बोलकर उसने मेरे होंठों को पागलों की तरह चूमना चालू कर दिया मैं अब उसे बिंदास चोदने लगा और जोर जोर से झटके मार कर मजा लेने लगा वह भी लंबे लंड का मजा लेती हुई नीचे से अपनी गांड उठाकर चुदवा रही थी कुछ देर बाद मैंने उससे अपने ऊपर आने को कहा।

वह तुरंत मेरे ऊपर आ गयी अब उसने खुद ही मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और पागलों की तरह अपनी गांड हिला कर मुझे चोदने लगी थी उसके मस्त चूचे मेरे सामने थिरक रहे थे. मैं उसके एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा।

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उसने मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ा और अपने सीने से मुझे दबाकर मेरी आंखों में देखकर मुझे चोदने लगी मैं भी बिना कुछ बोले उसे चोदने दे रहा था कुछ देर बाद उसने मुझे छोड़ा और मुझे अपने ऊपर आने को कहा।

मैं उसके ऊपर आ गया और उसे चोदने लगा अभी मेरा काम तमाम होने वाला था मैंने उसे जोर से गले लगाया और जोर जोर के झटके मारता हुआ झड़ गया कुछ देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को किस करते हुए पड़े रहे बाद में उसने मुझे बताया कि वह दो बार झड़ गई थी।

होटल में बिग पेनिस सेक्स का मजा लेने के बाद हम दोनों घर आ गए उसे मेरे लंड की जरूरत होती है, पर फैमिली के साथ रहने की वजह से उसे कहीं बाहर जाने को नहीं मिलता है. तब भी हम दोनों एक साल में सात से आठ बार होटल में जाकर सेक्स कर लेते हैं।

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