माँ की चुत की खुजली बेटे ने मिटाई- Maa Ki Chudai   

मैं सूरज ठाकुर पाठक आप सभी का टॉप सिटी एस्कॉर्ट्स डॉट कॉम (topcityescort.com) में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ. आज मैं आपको अपनी सच्ची और सेक्सी कहानी सुना रहा हूँ. उस दिन मैं अपनी कपड़े की दुकान पर था. की इतनी में एक सप्लायर आ गया. उसको 3 लाख रुपये की पेमेंट करनी थी. मैं घर पर चेक बुक भूल गया था. मैं अपनी पल्सर स्टार्ट की और दोपहर के 2:30 बजे मैं घर पहुचा. आज तो दोस्तों, बड़ी धूप थी. चारो तरफ कोई भी नहीं दिखाई दे रहा था. कौन गधा इतनी गर्मी में बाहर निकल के अपना रंग काला करता. मैंने घर की घंटी बजाई. मेरी माँ जोति  देवी निकली ही नहीं |

माँ ?? माँ  ??’ मैं आवाज दी और दरवाजा पीटा|

पर कोई नही निकला. मैंने फिर से आवाज दी पर माँ नही निकली. मैंने सीढ़ियों के किनारे रखे गमले के नीचे से डुप्लीकेट चाबी निकाली और दरवाजा खोला. जब मैं अंदर गया तो माँ नहीं नजर आ रही थी. मैंने उसको हाल, किचेन, हर जगह ढूंढा. माँ कहीं नहीं दिखी. फिर मैं उसके कमरे में गया. जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मेरी गांड फट गयी. मेरी सगी हमारी कालोनी के सिक्यूरिटी गार्ड से चुद रही थी. यही वजह थी की वो दरवाजा खोलने नही आई थी. माँ और सिक्यूरिटी गार्ड चुदाई में इतना मस्त थे की मुझे भी वो नही देख पाए. मेरी सगी माँ पूरी तरह से नंगी थी. उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था. उस सिक्यूरिटी गार्ड के बच्चे ने माँ को दोनों पैर खोल रखे थे. गचा गच उसको पेल रहा था. ‘आह आह हा हाहा और जोर से चोदो!! मुझे और जोर से लो! और तेज ठोको!!’ माँ सिसक सिसक के कह रही थी|

रखैल बनी माँ की चुत- Maa Beta Ki Chudai

मैं किनारे दरवाजे के पास छिप गया. अपनी माँ को चुदते हुए देखने लगा. एक बार तो बड़ा गुस्सा आया की कैसे कोई आदमी मेरी माँ को दोपहर में आकर उनके ही घर और उनके ही कमरे में आकर चोद सकता है. ये सोचकर मुझे बहुत गुस्सा आया. पर फिर जब अपनी सगी माँ को चुदते देखा तो मुँह में पानी आ गया. कितनी खूबसूरत, कितनी गजब की माल थी मेरी माँ. मैं अपनी चेक बुक लेकर धीरे से दूकान पर आ गया. रात तक मेरी माँ के चुदने वाला दृश्य ही मेरी आँखों में तैरता रहा. अब मैं जान गया था की माँ सिक्यूरिटी गार्ड से फसी हुई है. मैं रात में ही उसके घर गया. मैंने उसका कॉलर पकड़ लिया और उसको चांटे ही चांटे मारने लगा|

चोदेगा?? साले मेरी माँ को मेरे ही घर में आकर चोदेगा?? तेरी हिम्मत कैसे पड़ी मेरी माँ की तरह गलत नजर से देखने की?? मैंने पूछा और सिक्यूरिटी गार्ड को चांटे ही चांटे मारे|

‘अरे मुझे क्या रोकता है!! अपनी माँ को सम्भाल!! एक नंबर की अल्टर है वो!! कालोनी के सारे मर्दों का लौड़ा वो खा चुकी है. तेरी ही माँ ने मुझे चोदने के लिए घर बुलाया था. समझा!! खबरदार मुझे गलत बताया तो!’ सिक्यूरिटी गार्ड बोला. उसने मुझे मेरे मुँह को कई घूसे मारे. मेरे होठ से खून बहने लगा. हम दोनों में कुछ देर हाथ पाई हुई. अब मैं जान गया था की वो सिक्यूरिटी गार्ड गलत नहीं है. बल्कि मेरी माँ की आवारा है. मैंने पड़ोस में पूछताछ की तो सबसे बताया की मेरी जवान और खूबसूरत माँ एक नम्बर की आवारा है. हर दोपहर वो किसी न किसी कालोनी के मर्द को घर में बुला लेती है और फिर खूब चुद्वाती है. ये सब सुनकर मेरी गाड़ फट गयी|

माँ !! ये सब क्या है?? तुमने क्यूँ उस सिक्यूरिटी गार्ड में उस दिन घर में बुलाया था. आखिर तुम उसके साथ क्या कर रही थी|

बेटा!! मेरी चूत में बहुत खुजली होती रहती है. जब किसी मर्द से 3 घंटे चुदवा लेती हूँ तो कुछ दिन के लिए शान्ति मिल जाती है. पर फिर 15 दिन बाद मेरी गीली गीली चूत में फिरसे खुजली शुरू हो जाती है. इसलिए मुझे फिर से किसी मर्द से चुदवाना पढ़ता है !! मेरी माँ बोली|

लंड की शौकीन बड़ी बहन को चुदते देखा – bhai bhan sex story

तो ठीक है माँ, आज से तुम्हारी खुजली दूर करने की जिम्मेदारी मेरी है. आज से मैं तुमको लूँगा, तुमको अगर चुदवाना है तो माँ मैं तुमको जरुर चोदूंगा!!’ मैंने माँ से कहा. अगले दिन मैं और मेरे चाचा मेरी कपड़े की दूकान पर थे. मेरे पिता जी 2साल पहले गुजर गए थे. सायद तभी मेरी माँ एक आवारा औरत बन गयी थी. अगर पिता जी जिन्दा होते तो माँ को किसी चीज की जरुरत नहीं होती. जब भी माँ को लौड़ा चाहिए होता पिता जी दे दिया करते. सायद तभी मेरी माँ एक बदचलन औरत बन गयी और कालोनी के मर्दों को बुलाकर अपनी चूत की प्यास भुझाने लगी|

चाचा जी! मुझे कुछ जरुरी काम पड़ गया है, मैं घर जा रहा हूँ!! मैंने चाचा से कहा|

विकास  बेटा!! ऐसा भी कौन सा जरुरी काम पड़ गया है. अभी तो सिर्फ 1:30 ही बजे है. अभी तो लंच करने का वक़्त भी नहीं हुआ’ चाचा जी बोले|

‘चाचा जी मेरा जाना बहुत जरुरी है. मैं बस 1 घंटे में आ रहा हूँ’ मैंने कहा. अपनी मोटर साइकिल स्टार्ट की और घर आ गया. मेरी माँ अच्छे से जानती थी की उनका बेटा आज जरुर आएगा. उनको चोद चोद के उनकी बुर की खुजली जरुर दूर करेगा. मैंने घर में आते ही माँ को पकड़ लिया. आज भी मेरी माँ जोति  देवी गजब की चोदने लायक सामान थी. उम्र 35 की थी पर माँ की जवानी बरकरार थी. माँ 25 की लगती थी. अच्छी खासी गोरी चिट्टी थी. मैंने माँ को बाहों में कस लिया और उनके होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए. हम माँ बेटे खड़े खड़े एक दुसरे के होठ पीने लगा|

‘बेटा विकास !! मैं जानती थी की तू जरुर आएगा. अगर टू नहीं आता तो मुझे फिर से किसी मर्द को बुलाना पढ़ता और चुदवाना पढ़ता’ माँ बोली|

नही माँ!! तेरा बेटा आ गया है. तुझे किसी और मर्द का लौड़ा खाने की जरुरत नहीं है!! चलो अपने बेडरूम में चलो. आज मैं तुमको वहीँ चोदूगा जहाँ ’ मैंने कहा. मैंने माँ को अपनी गोद में उठा लिया. और उनके कमरे में ले आया. उस दिन माँ इसी कमरे में उस सिक्यूरिटी गार्ड से चुदवा रही थी. मैं माँ को लाकर उनके बिस्तर पर पटक दिया. मैंने अपनी शर्ट निकाल दी. मेरी चौड़ी माँ की लौड़ी बड़ी सी छाती दिख रही थी. मेरे सीने पर बाल ही बाल थे. मैंने अपनी सगी माँ के उपर लेट गया. मैंने उनके दोनों हाथों को पकड़ लिया. माँ की उँगलियों में मैंने अपनी उँगलियाँ फसा दी. और मैं अपनी माँ के होठ पीने लगा|

धीरे धीरे माँ भी चुदासी और मेरे लौड़े की दासी होने लगी. वो गरम और गरम होने लगी. मैंने उसके होठ से होठ लगाकर पी रहा था. अपनी जीभ माँ के मुँह में डाल रहा था. वो भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल रही थी. मैं अपनी माँ को इमरान हाशमी की तरह चूस रहा था. वो सनी लिओन की तरह हो गयी थी. धीरे धीरे मेरे हाथ माँ के मम्मों पर जाने लगा. मैं उनको दबाने लगा. मैंने उनका ब्लौस भी निकाल दिया. उनकी ब्रा भी निकाल दी. बाप रे!!! मेरी माँ कितनी सुंदर, कितनी गजब की माल थी. मैं अब अच्छे से समझ गया था की हर मर्द मेरी माँ का दीवाना क्यूँ था. आखिर हर मर्द मेरा माँ को चोदने को क्यों तयार हो जाता था. क्यूंकि मेरी माँ थी ही इतना गजब का सामान. मुझसे रहा न गया. मैंने माँ की साड़ी भी खोल दी और निकाल दी. अब सामने माँ का पीले रंग का पेटीकोट था. मैंने पेटीकोट का नारा खोल दिया और निकाल दिया. मेरी माँ ने आज चड्ढी नहीं पहनी थी. अब मेरी माँ नंगी हो गयी थी. वो सम्पूर्ण रूप से नंगी हो गयी थी. मैं खुद को रोक न सका. अपनी सगी माँ की छातियों पर मैंने अपने हाथ रख दिए. उफ्फ्फ्फ़!! कितने मस्त, कितने बड़े बड़े दूध थे माँ के. मैं हाथ से उनके पके पके आमों को दबाने लगा|

माँ सिसकने लगी. मैं और जोर जोर से दबाने लगा. माँ और जोर जोर से सिसकने लगी. फिर मैं माँ के पके पके आमों को मुँह में भरके पीने लगा. मैं अपने नुकीले दांतों से माँ की मुलायम मुलायम छातियों को काट काटकर पी रहा था. दांतों से चबा चबा कर मैं माँ की मस्त मस्त उजली उजली छातियाँ पी रहा था. कसम से दोस्तों, ये दृश्य बहुत मजेदार था. मैं अपनी माँ की छातियों को भर भरके पी रहा था. मैं पूरे मजे मार रहा था. फिर मैंने अपनी माँ के बड़े से भोसड़े में अपनी 2 उँगलियाँ डाल दी. मेरी माँ की चूत बहुत फटी थी. सायद बहुत लोगों से उसको चोदा था. मैं अपनी माँ की चूत को अपनी 2 उँगलियों से जल्दी जल्दी फेटने लगा. मेरी माँ बहुत जादा गर्म और चुदासी हो गयी|

भाभी की चुत देवर ने थूक लगा के मारी- Devar Bhabhi Ki Chudai

चोद बेटा!! मुझे जल्दी चोद!! मेरी चूत में फिर से बड़ी जोर की खुजली हो रही है!! माँ बोली|

मैं तुरंत अपनी माँ की बुर में अपना लौड़ा डाल दिया. मैं अपनी माँ को लेने लगा.जिस तरह वो सिक्यूरिटी गार्ड मेरी माँ को चोद रहा था, बिलकुल उसी तरह मैं अपनी माँ को पेलने ला|

आह हाह ऊई उईइम्ममाआअ माँ माँ ! मेरी माँ इस तरह की गर्म गर्म सिसकी निकालने लगी. मैंने माँ को दोनों हाथों को पकड़ लिया और जोर जोर से चोदने लगा. इससे माँ की बुर में मैं गहराई तक मार कर पा रहा था. दोस्तों, कितनी कमाल की बात थी, जिस माँ के गुप्त छेद को सारे मोहल्ले के मर्द भोग लगाते थे, उस छेद में मैं भोग रहा था. मैं उनको चोद रहा था और बस माँ की चूत ही देख रहा था. मेरी माँ अभी तक बहुत लोगों से चुद चुकी थी. पहले तो मेरे बाप ने उसे चोद चोद के मुझे पैदा कर दिया था. फिर कालोनी के मर्दों ने माँ को चोदा था. मैं अपनी माँ को ठोक रहा था और उनके भोसड़े को ताड़ रहा था. उसका गहन अवलोकन और अध्ययन कर रहा था. माँ की चूत बहुत गहरी, मुलायम और नर्म थी|

चोद बेटा चोद!! हाँ हाँ बस यही पर!! बस यहीं पर बेटा चोदता रह!! रुक मत!! माँ बोली|

ये सुनकर मुझे बहुत जादा जोश चढ़ गया. ‘ले!! ले छिनार!! ले रंडी!! ले! रोज पाराए मर्दों का लौड़ा खाती थी आज अपने बेटे का लौड़ा खा’ मैंने कहा और घप घप करके मैं अपनी माँ को ठोकने लगा. इतनी जादा ताकत आ गयी की मै अपनी सगी माँ को किसी मशीन की तरह पेलने लगा. माँ के बड़े बड़े 30 साइज़ वाले मम्मे इधर उधर हिलने लगे. ‘ले रंडी!! ले कुतिया!! ले!’ मैं अपनी माँ को तरह तरह से गाली बक रहा था और उसके भोसड़े में अपना लौड़ा डाल के जल्दी जल्दी अंदर बाहर कर रहा था. माँ चुदवा रही थी. बेटा चोद रहा था. माँ ठुकवा रही थी. बेटा ठोक रहा था. माँ पेलवा रही थी. बेटा पेल रहा था. चोद खा लो भाई, रोज रोज कहाँ माँ की नर्म नर्म चूत मिलेगी. मैंने सोचा. मैंने माँ की दोनों टाँगे खोल दी. उनकी चूत पर बैठ और चोदने लगा. ये मिलन बहुत जादा सुखमय था. मुझे इस बात का पछतावा हो रहा था की मुझे बहुत देर में ये बात पता चली की मेरी माँ अल्टर है. बिना लौड़ा खाये वो नही रह सकती है ये बात मुझे बहुत देर में पता चली|

मैंने एक नजर नीचे फिर देखा. मेरा वफादार लौड़ा जो सिर्फ मेरी बात मानता और सुनता है मेरी सगी माँ को मेरे आदेश पर चोद रहा था. मैं खुश हुआ. उधर माँ आह आह ऊई ऊई’ चिल्ला रही थी. कुछ देर बाद मैं झड गया. फिर कपड़े पहन के मैं दूकान पर आ गया. जब रात हुई तो मैंने माँ को अपने कमरे में बुला लिया. मेरे चाचा जी और चाची अपने कमरे में सो रहे थी|

‘मेरे बेटे इस बार मेरी गाड़ में बहुत खुजली हो रही है’ माँ ने अपनी पीढ़ा बताई|

कपड़े उतार छिनाल!! मैं तेरी गाड़ का इलाज करता हूँ!! मैंने कहा|

माँ को मैंने पूरा का पूरा नंगा कर दिया और उसे कुतिया बना दिया. वाह! माँ के कितने मस्त मस्त गोल गोल चुतड थे. मैं चूम लिए. फिर मैंने अपनी माँ की गाड़ देखी. बाप रे!! कितनी फटी हुई गांड थी. मैंने लौड़ा उनकी गाड़ में डाल दिया और 1 घंटे कूटा और फिर झड गया. जब मैंने लौड़ा माँ के भोसड़े से निकाला तो उनका छेद 4 इंच चौड़ा हो गया था. मेरी माँ की खुजली शांत हो गयी थी. ये कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स टॉप सिटी एस्कॉर्ट्स डॉट कॉम(topcityescort.com) पर जरुर लिखें|

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Delhi Escorts Service