मैं बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी विधवा औरत हूँ। मेरा नाम शांति है , मेरी उम्र 40 साल, रंग गोरा, लम्बी 5 फीट 2 इंच ग्रेजुएट 36 साइज़ की ब्रा पहनती हु, ब्यूटी पारलर जाने का शौक रखती हु योगा करती हु सेक्स कहानी पढ़ती हु बहूत ही ज्यादा सेक्सी और हॉट हु पर किस्मत ने साथ नहीं दिया पति पहले ही चल दिया मुझे अकेली छोड़ के लव मैरिज की थी।
आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी जो की मेरे बेटे के साथ की है वो कहानी आज मैं आपको topcityescort.com पर सूना रही हूँ। मेरा पति भी बहूत चोदु था, रात रात भर टेबलेट खा खा के चुदाई करवाते थे, खूब मजे लेती थी।
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कभी गांड कभी चूत, चूचियां तो मसल मसल कर और भी कातिल कर दिया था मेरे पति ने, पर एक रात को सेक्स करते हुए ही उससे हार्ट अटैक आ गया था, जब तक हॉस्पिटल ले गयी तब तक वो चल बसा।
किसी तरह से मैं अपने जिंदगी को फिर से पटरी पर लाई और अपने बेटे कर्ण के साथ खुश रहने लगी. पहले बस ऊँगली से ही काम चला लेती थी, पर अपने आप को बिना चुदाई के रहना मुश्किल हो रहा था, मेरा बेटा बड़ा हो गया था, हम दोनों माँ बेटा साथ ही सोते हैं, कभी भी मैं उसको अपने आप से अलग नहीं की थी, बहूत प्यार और लाड करती थी।
सच पूछिए तो दोस्तों मुझे पता ही नहीं चला की मेरा जवान हो गया है, और मैं अपने बेटे की जवानी को बर्दाश्त नहीं कर पाई और लुटा दी अपना जिस्म, आज मैं आपको अपनी ये पूरी कहानी कहने जा रही हु, आशा करती हु की topcityescort.com के दोस्तों को मेरी ये कहानी पसंद आएगी।
दोस्तों पिछले महीने की बात है, मेरी नींद अचानक खुली तो मैं चौंक गई, मेरा बेटा जो की मेरे बगल में ही सोया हुआ था, वो अपना लंड आगे पीछे कर रहा था, और एक हाथ उसका मेरी चुचियों पर था।
पर मेरी हिम्मत नहीं हुई की मैं अपने बेटे का हाथ अपनी चूची पर से हटा दूँ क्यों की मुझे भी मजा आ रहा था, मेरी चूत में सुरसुराहट होने लगी थी, अनायास ही मेरे शरीर में विजली दौड़ने लगी, मुझे तो लग रहा था मैं अपने बेटे के ऊपर चढ़ जाऊं और फिर उसका जवान लंड को अपनी चूत में ले लूँ और फिर रगड़ दू।
तभी मेरा बेटा अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगा और आह आह आह आह करते हुए शांत हो गया तभी मैं महसूस की उसका वीर्य मेरे पेट पर आ गिरा मेरी नाभि पर गर्म गर्म वीर्य, मैं धीरे से ऊँगली से उसके वीर्य को छुई काफी चिपचिपा सा था।
मैं ऊँगली में लगा कर अपने जीभ पर रखी नमकीन स्वाद वो एक गजब का एहसास दे गया मैं अपने बेटे के तरफ मुह कर ली और चूचियां उसके पीठ पर सटा दी पर थोड़े देर में ही वो सो गया और मैं प्यासी ही रह गई।
दुसरे दिन मेरे बेटे का जन्म दिन था सुबह उठते ही मैं उसको विश किया और अपने सीने से लगा ली और इस वार मेरे अन्दर सिर्फ माँ का ही प्यार नहीं था मेरे अन्दर वासना की आग भी थी, उसको हग करते हुए मेरे अन्दर सेक्स जाग रहा था, और मैं महसूस की कि वो भी कुछ अलग मूड में था, क्यों की उसका लौड़ा खडा हो गया था और मेरे जांघ को टच कर रहा था।
मैं रह नहीं पाई और मैं अपना होठ उसके गाल पर रख दी और बोली “हैप्पी बर्थडे बेटा” और भी उसके होठ पर भी किस कर दी, वो अपनी आँख बंद कर दिया था, और फिर मैं उसके होठ को चूसने लगी और वो मुझे अपनी आगोश में ले लिया था और अपने सिने से चिपका लिया, धीरे धीरे वो मेरे चूतड पर हाथ रख दिया, मैं भी समा गई, तभी दूध बाले ने घंटी बजा दी, दोनों एक झटके से अलग हो गए।
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जब मैं दूध लेके आई दरवाजे पर से, वो सर झुकाए खड़ा था, मैं भी थोड़ी शर्म महसूस कर रही थी क्यों की ये पहली बार हो रहा था और वो भी ऐसे रिश्ते में जो की जायज नहीं था, मैं तुरंत ही नहाने चली गई, और वो टीवी देखने लगा. मैं नहा कर आई, बाहर निकली तो पेटीकोट को अपने ब्रेस्ट के ऊपर बाँधी हुयी थी, और मेरी पेटीकोट गीली होने की वजह से मेरी चूचियां और निप्पल साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था, ऊपर से मैं कामुक हो गई थी तो मेरी निप्पल काफी टाइट थी।
वो जब मेरी चूची को पेटीकोट के ऊपर से देखा तो देखता ही रह गया, और मैं अपना होठ दांत में पीसकर फिर दुसरे कमरे में चली गई, अब हम दोनों को बराबर आग लगी हुई थी, फिर थोड़े देर में मैं तैयार होकर आई टॉप और जीन्स पहनकर, तब तक वो भी नहा कर तैयार हो गया था, उसके बाद हम दोनों पास के माल में घुमने चले गए।
दोस्तों उस दिन का घूमना थोड़ा अलग था क्यों की दोनों के बिच वासना धधक रही थी, हम दोनों बाहों में बाह डाल कर घूम रहे थे, लोगो को लग रहा था की कितना प्यार है इस माँ बेटा में पर वो प्यार तो अब वासना में बदल चुका था, इसलिए अब दोनों का प्यार थोडा अलग हो गया था, फिर हम दोनों ने मोवी देखि लिपस्टिक अंडर बुर्का, वह पर भी कुछ कुछ सिन ऐसा था की मेरी चूत में पानी और उसका लैंड खडा हो रहा था।
एक दुसरे को कातिल निगाहों से देख रहे थे, फिर फिल्म ख़तम हुई, शौपिंग किये, अपने लिये एक सेक्सी नाईटी ली, ऊपर कंधे पर सिर्फ डोरी थी, और चुचियों को ढकने के पारदर्शी कपड़ा वो भी पिंक कलर का, उसके लिए भी जीन्स और टी शर्ट, घर आये, खाना खाया, और मैं बाल खुली और वही नाईटी पहनकर, आ गई वो बेड पर लेटा हुआ था, मैं ब्रा नहीं पहनी थी ना तो पेंटी बस सेक्सी नाईटी में थी, उसने देखा तो देखते ही रह गया था।
मैंने उसके बगल में बैठ गई और उसके होठ को ऊँगली से छूने लगी, वो धीरे धीरे मेरे हाथ को सहलाने लगा, और फिर मैं उसको बाहों में भर ली और वो भी मुझे बाहों में भर लिया, अब हम एक दुसरे को सहलाने लगे और फिर मैं तो खिलाडी थी एक नंबर की चुदक्कड थी, पर वो नया खिलाडी था, उसके होठ को चूसने लगी, वो माँ माँ माँ कर रहा था।
और मैं उसके जिस्मो से खेलने लगी. फिर क्या था उसके सारे कपड़े मैंने उतार दिए, और अपनी नाईटी उतार दी, और मैं उसके ऊपर चढ़ गई, और उसके होठ को बुरी तरीके से चूसने लगी. वो पागल सा हो गया था, उसके बाद मैंने अपनी चूचियां उसके मुह में दे दी और बोली ले बेटा पि ले फिर से पि ले।
वो भी मेरी चुचिओं को पिने लगा, मैंने आह आह कर रही थी और फिर मैंने उसका लंड पकड़ ली और हिलाने लगी. मैं बोली बेटा तुम वीर्य को बर्बाद क्यों कर रहे हो, मैं हु ना तेरे वीर्य को पिने के लिए, मैं तुम्हे रात में देखि तुम अपने लैंड को हिला रहा थे, मुझे तो लगा की मैं तुम्हारी वीर्य पि लू पर नहीं हो सका आज मुझे तुम अपना वीर्य पिला दो. ये कहानी आप नॉनवेज स्टोर डॉट कॉम पर पढ़ रहे है, अगर कही और पढ़ रहे है तो इसने ये कहानी चोरी की है, नॉन वेज स्टोरी पर से।
फिर दोस्तों मैंने उसके लंड को चुसना शुरू की बहूत मजा आ रहा था, मैं चाभ रही थी तभी मेरा बेटा बोला खुद ही मजे लोगी की मुझे भी मजे दोगी मैंने कहा मैंने कहा मना किया बेटा तुम जैसे चाहों वैसे मुझे कर सकते हो. और मैं ऊपर चली गई और उसके मुह के पास बैठ गई दोनों पैर दोनों तरह कर के और अपनी चूत को चटवाने लगी, तब तक मेरी चूत काफी गीली हो गई थी वो मेरे चूत की पानी को चाट रहा था, मैं भी रगड़ रगड़ कर चटवाने लगी थी।
उसके बाद फिर क्या था दोस्तों मैं थोड़ी निचे हुई और उसका लौड़ा पकड़ कर अपने चूत पर सेट की और बैठ गई, मेरे बेटे के मुह से एक आह निकली क्यों की वो पहली बार किसी को चोद रहा था, और मेरे को भी शकुन आया क्यों की बहूत दिन बाद मेरे चूत में कोई लंड गया था, फिर क्या था दोस्तों, फिर जोर जोर से उचल उचल कर चुदवाने लगी।
फिर मैं निचे चली गई और वो ऊपर आ गया, पहले वो जम कर मेरे चूत और गांड के छेद को चाटा और फिर अपना लंड मेरे चूत के ऊपर रख कर पेलने लगा, अपने कंधे पर मेरा दोनों पैर रख दिया और फिर चोदने लगा. मैं पूछी की कहा से सिखा है ये सब तो बोला इन्टरनेट से, और फिर जोर जोर से पेलने लगा।
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दोस्तों हम दोनों रात भर सेक्स करते रहे, मेरा बेटा बोला की माँ आज मेरा जन्मदिन बहूत अच्छा रहा, मैं बोली अब तेरे जन्मदिन रोज मनेगा तुम चिंता नहीं कर, और फिर क्या दोस्तों अब तो उसका रोज रोज जन्मदिन मनाति हु रोज चुदाई होती है।
घर का माल घर में ही रह गया है अब माँ बेटे की रिश्ता एक चुदाई में बदल गई है अब मैं बहूत खुश हु मेरा बेटा भी बहूत खुश है आपको ये कहानी कैसी लगी जरुर बताएं और topcityescort.com पर दूसरी कहानी भी जल्द ही लेके आने वाली हु इसलिए रोज पढ़े कहानी इस वेबसाइट पर और मन को सेक्सी बनायें धन्यवाद।