कामवाली की जवानी ने मेरा निकाला पानी-Nokrani Ki Chudai

कामवाली की जवानी ने मेरा निकाला पानी

हिंदी सेक्स स्टोरी किसी ने सच ही कहा है कि जो आदमी थकी होता है उसकी हर जगह सिर्फ चूत ही नजर आती है मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल है मुझे भी औरत को देखते ही उसकी गांड का साइज़ नज़र आता है। मेरी नज़र उसके चेहरे पर तो जाति ही नहीं है।

बल्कि सबसे पहले उसके बूब्स पर और उसके बाद उसकी गांड पर जाती है उसके बाद में मन ही मन उसकी गांड के छेद और चूत के छेद को महसूस करके अपने लंड को गरम कर देता हु मेरे और मेरे ठरकपन के बीच सिर्फ मेरा पैसा था

अब्बू के लंड पे चढ़ा बहन की जवानी का खुमार-Baap Beti Ki Chudai

क्योकी मैं एक सरकार टीचर था और मुझे ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे और ऊपर से मेरा ट्रांसफर एक गांव के स्कूल में हो गया था एक बार मेरा ट्रांसफर एक गांव में हुआ और मेरे रहने का इंतजाम भी स्कूल के पीछे एक कमरे में था।

मेरे इलावा जब उस स्कूल के चौकीदार अपने परिवार के साथ रहते थे परिवार क्या उसके घर में वो उसकी पत्नी रहती थी उनका कोई बच्चा नहीं था मेरा घर अच्छा बना हुआ था और हमारे चौकीदार का घर मेरे घर के पीछे बना हुआ था।

चौकीदार की पत्नी ही मेरे घर की सफ़ाई करती थी वो मेरे कपड़े भी धोती थी साथ ही वो मेरे लिए खाना भी बनाती थी। मेरी नज़र उसकी मटकती गांड और उसके हिलते हुए स्तन पर ही लगी रहती थी। अब स्कूल कुछ दिनों के लिए बंद हो गया था और मैंने स्कूल में ही रुकने का सोच लिया था।

मैं कभी अपने घर की छत पर नहीं गया था। तो एक दिन मैंने चौकीदार को अपने घर की छत की सफाई के लिए बुलाया फिर चौकीदार की सफाई के लिए चला गया और मैं कुछ देर ही रुका।

जब मैं छत पर पीछे गया तो मैंने देखा कि पीछे चौकीदार का बाथरूम बना हुआ था और उसकी छत भी नहीं थी। उस समय उसकी पत्नी जहां नहा रही थी वह पूरी नंगी हो कर नहा रही थी। उसका जिस्म हलाका सा काला था और उसके बड़े बड़े स्तन और भूरे निपल्स थे।

यूज़ देखते ही मेरा लंड एक दम से खड़ा हो गया वो जितनी देर तक नहा रही थी उतनी देर में यूज़ से चुप चुप कर देखता रहा। फिर मैंने छत का दरवाजा बंद किया और मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मुँह मारने लग गया।

मैं जान बूझ कर अपने लंड की मुँह ऐसा मारता था जिसके मेरे लंड का गरम पानी उस औरत के ऊपर गिर जायेगा फ़िर जेसे ही मेरा पानी उस पर तपाका तो उसने ऊपर देखा कि मुख्य उपयोग देख कर मुठ मार रहा हूँ तो वो मुझे देख कर मुस्कुराने लग गई।

अब मैं रोज उस समय गरम औरत को नहाते हुए मुंह मार कर अपना पानी उसके ऊपर गिराने लग गया चौकीदार की पत्नी भी अब मेरे सामने अपने कामुक कपड़े पहन कर काम करने लग गई थी वो अपने ब्लाउज के दो बटन खोल कर ही काम करती थी।

मैं दूसरे कमरे में बैठ कर उसकी गांड को देख कर मुँह मारता रहता था जब मैंने चौकीदार को थोड़ा व्यस्त कर दिया था तो वह अक्सर अपने घर से बाहर ही रहता था इसी बीच मैं उसकी पत्नी को पटाने के जुगाड़ में लगा रहता था।

उसकी पत्नी भी अब मुझे अपना जिस्म दिखा कर पागल करती रहती थी वो कभी अपनी साड़ी उठा कर अपनी चिकनी टांगे मुझे दिखाती थी तोह अपने ब्लाउज में से अपने स्तनों को खुजालती थी मैं जब हमें झांके की कोशिश करती थी तो मुझे काफी बार उसके भूरे निपल्स साफ दिख जाते थे।

प्रमोशन के चक्कर में बॉस से चुदी-Office Sex Story

अब मेरी वासना का सब्र टूटने लग गया था एक दिन जब वो सफाई कर रही थी। तो मैंने चौकीदार को किसी काम से दूर भेज दिया और मैं खुद बिस्तर पर आ कर लेट गया। मैं अब उस औरत से अपनी तांगे दबाने के लिए खा तो वो येसे ही मेरे कमरे में आई।

तो मैंने दरवाजे को बंद कर लिया और उसको पीछे से मैंने पकड़ लिया। उस समय उसके ब्लाउज के बटन भी खुले थे तो उसके स्तन बाहर आने को पहले से ही बेताब हो रहे थे। मेरे पकड़ते ही वो गरम हो गई और वो बोली – बाबू जी आप क्या कर रहे हो कोई आ जाएगा मैं- कोई नहीं आएगा।

फिर मैंने उसको अपने भगवान में उठा कर बिस्तर पर ले लिया फिर एक ही बार में मैंने उसकी साड़ी को खींच दिया और उसके पेटीकोट ना नाडा मैंने खोल दिया मैंने जल्दी ही अपने कपड़े उतारे और मैं खुद ही नंगा हो गया और मैं उसके नंगे जिस्म से जा कर लिपट गया।

अब वो गरम हो गयी है और वो बोली – आप तो बड़े बेचैन हो बाबू जी उसने खुद को मुझसे लिपट कर मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर मेरी मुठ मारी वो – तुम्हारा लंड तो मुझे तभी पसंद आ गया था तब तुमने पहली बार छत से मेरे ऊपर अपने लंड का पानी गिराया था उसी दिन से मैं तुम्हें देख रही थी कि कब तुम मुझे अपने लंड से मिलाओगे।

उसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और उसने अपनी टैंगो को इस तरह से मेरी गर्दन में फंसाया कि मेरा मुंह सीधा उसकी चूत से चिपक गया अब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया। अब वो मेरा लंड मस्ती से चूसने लग गई मेरी गांड भी वो खुद हिला रही थी।

उसने अपनी टैंगो को हिला कर मुझे भी अपनी चूत चाटने को बोला तो मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत को चटाना शुरू कर दिया। उसकी चूत बहुत ही नमकीन थी और मेरी जेब की गरमी पर उसने अपनी तांगे ऊपर उठा ली।

अब मैं आराम से उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था मेरा लंड अब टाइट हो चुका था। मैंने उसको घुमा कर सीधा किया और उसकी टैंगो को मैंने खोल दिया फिर अपने लंड को मैंने उसकी चूत पर लगा दिया और अपने हाथ से निशाना लगा कर मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।

लंड लगता ही वो बिस्तर पर मचलने लग गया मैंने अब उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया अब उसके मुँह से सिस्की भारी गाल निकल पड़ी मैंने उसकी टैंगो को पकड़ा और अपनी गांड से जोर जोर से धक्के मारने लग गया मेरे हर धक्के के साथ उसकी गांड भी हिल रही थी।

विधवा चाची की चूत की आग को शांत किया-Chachi Ki Chudai

अब वो मस्ती में कामुक आवाजें भी निकल रही थी चुदाई के धक्के अब तेज़ होने लग गए और उसने बिस्तर को कस कर पकड़ लिया फिर हम दोनों एक साथ बिस्तर पर गिर गए मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में निकल दिया था वो मुझसे लिपट कर बोली – बाबू जी शादी के बाद आज पहली बार मेरी चूत की प्यास बुझाई है।

वर्ना मेरा मर्द तो एक दम बेकार है इसलिए मुझे अभी तक बच्चा नहीं हुआ है पर अब आप हो तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है इस तरह से मैंने उसे चोद कर एक बच्चा दे दिया और मैं जितने साल जहां रहा मैं उसे मोका देख कर चोदता रहा अब मेरा फिर से ट्रांसफर हो गया है और अब मैं एक और चूत के जुगाड़ में लगा हुआ हूं।

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *