प्रमोशन के चक्कर में बॉस से चुदी-Office Sex Story

प्रमोशन के चक्कर में बॉस से चुदी

दोस्तो मेरा नाम उज्ज्वला है मैं महाराष्ट्र की मराठिन मुलगी हूँ मेरी हिन्दी थोड़ी कमजोर है इसलिए मुझसे कुछ गलत टाइप हो जाए तो माफ़ कीजिएगा मैं शादीशुदा हूँ मेरी उम्र 32 साल की है मेरा रंग सांवला है ऊंची पूरी हूँ मेरा 36-32-36 का फिगर साइज़ है।

मैंने जब से अन्तर्वासना की हॉट सेक्सी स्टोरीज पढ़ना शुरू किया है मेरी तो समझो चाहत ही पूरी हो गई मैं खुद भी अपनी प्रेम कहानी को नेट के एक ऐसे पटल पर रहना चाह रही थी जहां लोग मेरी कहानी को पढ़ सकें और मुझे अपनी राय दे सकें हालांकि मैंने कभी कोई सेक्स कहानी नहीं लिखी है पर आज आप सभी से जुड़ने के लिए और आपके मनोरंजन के लिए आज में ये सब लिख रही हूँ।

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शादी से पहले मेरा एक ब्वॉयफ्रेंड था पहले मैं पढ़ाई पूरी होने के बाद घर पर ही रहा करती थी पर अब जॉब करने लगी हूँ जॉब के लिए मुझे रोज सुबह कभी ऑटो से कभी बस से सफर करना पड़ता था कभी कभी मेरे पति भी मुझे ऑफिस लाते ले जाते थे।

मैं जब भी ऑटो में बैठती थी तब कई बार मेरे पैर बाजू वाले के साथ टच हो जाते थे और बस में तो पूछो ही मत भरी हुई बस की भीड़ में खड़े खड़े कितना घर्षण होता था इस सबसे मुझे एक अजीब सी मस्ती मिलती थी लेकिन मैं बस चुप रह जाती थी।

शुरुआत में मुझे ये सब अजीब लगता था पर अब मैं इस सबका आनन्द लेने लगी हूँ मैं गाँव से हूँ इसलिए पहले मुझमें ज्यादा हिम्मत नहीं थी पर अब शहर में आने से इधर के हिसाब से रहने की धीरे धीरे आदत हो गई है।

ऑफिस में मेरे काफी अच्छे दोस्त बन गए थे मैं ज्यादातर ऑफिस में साड़ी ब्लाउज़ या फिर टॉप लैगीज पहनती हूँ मेरे बॉस 45 की उम्र के हैं पर एकदम फिट हैं वो शुरू से ही मुझे देखते रहे हैं उनकी नजर से मैं पहले दिन से ही समझ गयी थी कि बॉस की वासना भरी नजर मुझ पर है पर मैंने ऐसे दिखाया जैसे मुझे कुछ पता नहीं है पता नहीं मुझे कुछ कुछ इस सब में अच्छा सा लगता था।

मेरा ऑफिस टाइम सुबह दस से शाम पांच बजे तक का है पर शाम को कभी कभी बॉस मुझे छह या सात बजे तक रुका रहने को कह देते थे वो मुझे बार बार अपने केबिन में बुला कर मुझे देखने की नीयत से पूछते रहते कि उस फाइल का क्या हुआ इस फाइल का क्या हुआ? वो ऐसे सवाल करके मुझे तंग करते थे।

मैं ऑफिस में नई नई थी जिस कारण मुझे ऑफिस का काम ज्यादा नहीं आता था इसलिए उनको मुझे डांटने का मौका मिल जाता था वो मुझे डांटते हुए मेरे जिस्म को ऐसे देखते थे जैसे उन्होंने मुझे खरीद लिया हो।

शुरू शुरू में मुझे थोड़ा अजीब सा लगता था पर अब मैं उनकी नजर को समझ गई हूँ तो इस बात को एन्जॉय करने लगी हूँ एक बार बॉस ने मुझे देर तक के लिए रुका रहने को बोल दिया सब लोग चले गए थे बस वो और मैं ही ऑफिस में रह गए थे।

बॉस मुझे अपने केबिन में बुला कर मुझसे पर्सनल बातें करने लगे वे कहने लगे कि तुम काम अच्छे से करो मैं तुम्हारी सैलरी बढ़वा दूंगा तुम्हारी फैमिली में कौन कौन है तुमको किसी चीज़ की जरूरत हो तो मुझे बताना।

उनकी ये हमदर्दी भरी बातें सुनकर मुझे भी अच्छा लगने लगा हालांकि मैं उनकी ठरक समझ गई थी इसी लिए मैं उनसे तुरंत कहने वाली थी कि गले वाला रानी हार दिला दो हाहाहह क्योंकि फ्री के गिफ्ट्स मुझे बहुत पसंद हैं।

उस दिन के बाद बॉस के प्रति मेरा थोड़ा सा व्यवहार बदल गया क्योंकि वो भी मुझसे अब अच्छे से बात करने लगे थे और मुझे मेरी गलती पर भी डांटते भी नहीं थे मैं उनसे मुस्कुरा कर बात करने लगी थी मैं समझ गई थी कि इनको चूतिया बनाने से मेरे लिए सब कुछ सरल हो जाएगा अधिक से अधिक ये मेरे जिस्म को ही तो देखेगा या भोगेगा और क्या करेगा कोई खा थोड़ी जाएगा।

मेरी इसी सोच के चलते वो भी मुझसे नर्म होते चले गए अब धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे से खुलने लगे थे रोज़ जब भी मैं बॉस केबिन में जाती तब वो मुझे देखते और मैं स्माइल पास कर देती उनसे मेरा ऑफिस के काम को लेकर भी बातचीत होती पर उनका अंदाज़ मेरे लिए अब पहले जैसा नहीं था मेरे अलावा बाकी सबको वो इतना डांटते कि कोई कोई तो रोने लग जाता।

फिर बॉस एक दिन एक स्टेप आगे हो गए उस दिन वो मेरी साड़ी ब्लाउज़ की तारीफ करने लगे- उज्ज्वला आज तुम्हारी साड़ी बहुत अच्छी जंच रही है मैं- थैंक्यू सर बॉस- और ये ब्लाउज़ भी बड़ा सेक्सी सा है मैं- थैंक्यू सर हालांकि ब्लाउज को सेक्सी कहने से मैं जरा गर्म हो गई थी मुझे लगने लगा था कि जल्दी से जाकर बॉस की गोद में बैठ जाऊं उनकी तारीफ सुनकर मैं भी उन पर मोहित हो गयी थी।

महिलाओं में अपनी ड्रेस को लेकर तारीफ़ सुनने की चुल्ल होती ही है उनकी तारीफ़ सुनकर मुझे बड़ा मस्त सा लगा और मैंने सोच लिया कि अब मैं और भी हॉट से दिखने वाली ड्रेस पहन कर आया करूंगी अगले दिन से मैं और भी अच्छी अच्छी साड़ी और ब्लाउज़ पहन कर आने लगी और धीरे धीरे मैं अपने ब्लाउज़ का साइज़ छोटा करने लगी जिससे उन्हें मेरे मम्मों की झांकी में कुछ दिखाई दे सके।

एक दिन जब मैं बॉस के केबिन में गयी तब मैंने साड़ी की सेफ्टी पिन नहीं लगाई थी बात करते करते मेरे साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया मैंने जानबूझ कर इस बात पर ध्यान नहीं दिया लगभग दस सेकंड तक मैंने उनको अपने वक्षस्थल को देखने दिया मेरे दोनों उभारों को उन्होंने साफ साफ देख लिया फिर मैंने ड्रामा करते हुए तुरंत अपना पल्लू ठीक किया और उनकी तरफ देखा।

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तब उनके होंठों पर उनकी जुबान प्यासे कुत्ते सी फिर रही थी उस दिन मैंने नीले रंग की साड़ी काले रंग का ब्लाउज़ पहना हुआ था शाम को उन्होंने मुझे रुकने का कह दिया क्योंकि एक कस्टमर के साथ मीटिंग थी मीटिंग काफी देर तक चली अब तक शाम के साढ़े सात बज गए थे सब होने के बाद बॉस ने मुझसे कहा कि देर हो गई चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ।

मैंने भी हाँ कह दिया फिर हम दोनों उनकी कार में बैठ कर मेरे घर की तरफ निकल गए अपार्टमेंट की पार्किंग में आने के बाद उन्होंने कार रोक दी मैं- सर आइए ना घर पर कॉफी ले लेते बॉस- नहीं फिर कभी आऊँगा मैंने अपनापन जताते हुए कहा- नहीं सर अभी चलिये ना वैसे भी मेरे पति आपसे मिलना चाहेंगे।

ऐसा सुनते ही वो बोले- ओके चलो फिर लिफ्ट से होते हुए हम दोनों मेरे घर पर आ गए मेरे घर का दरवाजा लॉक था तो मैंने चाभी लगा कर खोला और बॉस को अन्दर बिठाया फिर मैंने पति को कॉल किया तो जवाब मिला कि वो किसी काम की वजह से बाहर चले गए हैं आने में थोड़ा ज्यादा टाइम लगेगा।

अब मुझे बॉस को ये बताना था कि मेरे पति घर पर नहीं है और जिनसे मिलवाने के लिए मैं बॉस को घर लेकर आई थी वो घर पर नहीं हैं मैंने बॉस को बताया कि मेरे पति किसी काम से बाहर निकल गए है उनको आने में कुछ ज्यादा टाइम लगेगा तब तक मैं कॉफी बनाती हूँ।

मैंने देखा कि ये सुनकर उनके चेहरे पर एकदम से खुशी छा गयी थी और मेरे अन्दर भी थोड़ी सी हलचल मचने लगी थी आज मौका अच्छा था घर पर कोई नहीं था मैंने अपनी गांड मटकाते हुए मेन दरवाजा बंद किया और रसोई में आ गयी मुझे खुश होते और गेट बंद करते देख कर बॉस भी कुछ समझ गए शायद उनको ये हरी झंडी जैसी लगी। 

मेरे रसोई में जाते ही वो भी मेरे पीछे पीछे रसोई में आ गए मैं पीछे मुड़ी तो वो मेरे पीछे ही खड़े थे बॉस ने मुझे मेरी आंखों में देखा और मैंने भी उनकी आंखों में देखा हम दोनों एक अजीब सी खुमारी लिए एक दूसरे को देख रहे थे।

आज मौका था इस बात को मैं भी बॉस के नजरिये से ही देख रही थी मेरे दिल में आज बॉस को लेकर कोई घबराहट नहीं थी मैं उनको प्यार से देख रही थी मेरे होंठों पर हल्की से मुस्कान थी मेरी स्माइल देख कर वो धीरे से मेरी तरफ बढ़े मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गयी थीं। 

बॉस ने मेरे करीब आकर मेरी कमर पकड़ ली और मेरे होंठों पर किस करने लगे मैं भी उनका साथ देने लगी मेरे साथ देते ही बॉस मुझसे एकदम से चिपक गए और अब धीरे धीरे उनका हाथ मेरी गांड पर आ गया वो मेरी गांड दबाते हुए मुझे अपने सीने में भींचने लगे।

मेरी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया वो मेरे मम्मों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही दबाने लगे फिर दांतों से मेरे गाल काटने लगे और नाक से मेरी बगलों को सूंघने लगे मैं- सर बस कीजिये मेरे पति आ जाएंगे बॉस- जब तक नहीं आते तब तक मुझे अपनी गांड में उंगली करने दे ना।

उनके ऐसे लफ्ज से मैं अपने होश खो बैठी और उनसे लिपट गई उन्होंने मेरी साड़ी उठा दी और पेंटी नीचे करके मेरी चुत में उंगली डाल दी मुझे भी पराए मर्द के साथ ऐसा करके मजा आने लगा मैं अपनी टांगें खोल दीं और उनकी उंगली को अपनी चूत में चलने दी।

अब बॉस मेरे पीछे आ गए और मुझे उन्होंने मुझे रसोई की पट्टी पर टिकाते हुए घोड़ी बना दिया मैं मस्त होने लगी थी बॉस ने मेरी पेंटी निकाल दी और साड़ी को मेरी कमर तक उठा दिया मेरी चूत बॉस के सामने खुल गई थी बॉस ने भी अपना लंड पैंट की जिप खोल कर बाहर निकाला। 

और पीछे से मेरी गर्म चुत से सटा दिया मेरी चूत ने लंड का स्पर्श पाते ही पानी छोड़ना शुरू कर दिया था बॉस ने एक मिनट ताल मेरी चूत की फांकों में लंड का सुपारा घिसा तो मैं मस्त हो गई और मैंने अपने पैर फैला दिए।

बॉस ने मेरी चुदास भड़कते हुए समझ ली और मेरी चूत में अपना खड़ा लंड एकदम से डाल दिया एकदम से बॉस का लंड मेरी चूत में गया तो मेरी सिसकारी निकल गई उनका लंड काफी बड़ा था मुझे मजा गया अब बॉस ने मेरी कमर पकड़ ली और धक्के मारने शुरू कर दिए दो चार धक्के में ही लंड चूत में सैट हो गया और चुदाई की सरगम बजने लगी मुझे भी बहुत मजा आने लगा मैं मराठी में बोले जा रही थी और वो मुझे चोदे जा रहे थे।

दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद उन्होंने लंड बाहर निकाला और पूरे रसोई में फव्वारा मार दिया मैं मुस्कुरा उठी थी बॉस का वीर्य रसोई में फर्श पर फ़ैल गया था मैंने साड़ी नीचे की और पलट कर बॉस को देख कर मुस्कुरा दी।

बॉस ने मुझे आंख मारी और अपनी पेंट की जिप बंद करते हुए बाहर हॉल में आ गए मैंने भी साड़ी ठीक की और रसोई की सफाई करके कॉफी लेकर हॉल में आ गयी कॉफी पीते हुए हम दोनों ने बात की मैं बॉस को स्माइल देती रही।

अब तक काफी देर हो गयी थी पर मेरे पति नहीं आए थे मैंने पति के न आने की बात कही तो बॉस बोले- कोई बात नहीं ये तो मेरे लिए अच्छा ही रहा उससे मैं अगली बार मिल लूँगा अब बॉस जाने लगे जाते जाते उन्होंने मुझे स्मूच किया और फिर से मेरे मम्मों और गांड को दबाया।

मेरा उनसे चुदवाने का कोई कारण नहीं था बस मेरा दिल किया और मैंने खेल कर दिया इस चुदाई के बाद मैं बॉस की चहेती बन गई थी मैंने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि ऑफिस में मेरी बदनामी न होने पाए बॉस के साथ ऑफिस घर और होटल ऐसी कोई जगह नहीं बची जहां हम दोनों ने चुदाई का मजा ना लिया हो।

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मैं ऑफिस में शाम को उनके केबिन में आ कर चुदती थी उसके लिए मैं सबके सामने छुट्टी के समय निकल जाती थी और फिर सबके जाने के बाद फिर से केबिन में आकर बॉस से चुद लेती थी अपने घर में भी मैंने कई बार चुदाई का मजा लिया बॉस ने मुझे कई बार अपनी कार में भी चोदा कार में मैंने सबसे ज्यादा बार उनका लंड चूसा था।

मतलब जहां भी हम दोनों को मौका मिलता वो मुझे थोड़ी देर के लिए ही सही पर चोद देते थे मुझे जब प्रमोशन मिला तब मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं उनकी रखी हुई रंडी हूँ पर अब तक उस रंडी शब्द के लिए मेरा माइंड भी सैट हो चुका था मेरी ऑफिस सेक्स की कहानी आपको कैसी लगी मुझे ईमेल करके जरूर बताना आपके ईमेल के इंतज़ार में आपकी उज्ज्वला।

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