में हु कामवाली बाई मालिक ने मेरी चूत बजाई-Nokrani Ki Chudai

में हु कामवाली बाई मालिक ने मेरी चूत बजाई

हॉट बाई सेक्स कहानी में मुझे एक बाबू पसंद आ गया भाग्य से उसे कामवाली की जरूरत थी मैंने उसका काम पकड़ लिया इस लालच से कि वह मेरी चूत का काम लगा देगा मेरा नाम रानी है दोस्तो मैं 22 साल की एक मदमस्त, चंचल और शरारती लड़की हूँ।

मैं सुन्दर हूँ, गोरी हूँ और दिखने में बड़ी हॉट हूँ यह बात मैं नहीं कहती हूँ बल्कि वे लोग कहते हैं जो मुझे रोज़ आते जाते हुए देखते हैं मैं कभी तो जींस और टॉप में रहती हूँ और कभी धोती और ब्लाउज़ में ब्लाउज़ मेरा स्लीवलेस और डीप नेक का होता है। 

जिसके अंदर से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ झांकती रहती हैं मेरी कमर पतली और चूतड़ थोड़ा उभरे हुए हैं मेरी बाँहों की गोलाई बड़ी मस्त और मनमोहक है मेरी जांघें मोटी मोटी हैं आगे से मेरे बड़े बड़े मम्मे और पीछे से मेरी मस्तानी गांड सबका मन मोह लेती है।

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मैं सबसे हंस कर बोलती हूँ कुछ लोग तो समझ लेते हैं कि रानी आज हंस कर बोली है तो कल मुझे अपनी फुद्दी दे देगी पर मैं फुद्दी किसी को भी नहीं देती हां चकमा जरूर दे देती हूँ लेकिन एक बात है जो मुझे पसंद आ जाता है मैं उसको अपनी फुद्दी देने में देर नहीं लगाती।

उसे तो खुल कर और ख़ुशी ख़ुशी देती हूँ अपनी फुद्दी इस तरह मैं कई लोगों को अपनी फुद्दी दे चुकी हूँ और लगातार देती रहती हूँ मुझे लण्ड पकड़ने का और चुदवाने का जबरदस्त शौक है यह बात जरूर है कि मैं पढ़ी लिखी नहीं हूँ और एक गरीब घर की लड़की हूँ।

मैं मेड सर्वेंट का काम करती हूँ और अपना जीवनयापन करती हूँ साथ साथ जवानी का मज़ा भी खूब लूटती हूँ मैं नये नये लौड़े की जबरदस्त दीवानी हूँ जिसके यहाँ काम करती हूँ उसका लण्ड पकड़ कर जरूर देखती हूँ।

मेरा कहना है कि जब मैं खूबसूरत हूँ मस्त जवान हूँ तो फिर जवानी का मज़ा क्यों न लूटूँ चाहे कोई जवान लड़का हो चाहे 60 / 70 साल का बुड्ढा हो लण्ड मैं सबके पकड़ कर देखती हूँ कभी कभी बड़े बूढ़े लोगों के लण्ड जो मज़ा देते हैं वो मज़ा बड़े बड़े जवान लोगों के लण्ड नहीं दे पाते।

मेरा यह चुदाई का सिलसिला आजकल बहुत तेजी से चल रहा है क्योंकि मुझे नये नये लण्ड से चुदवाने का चस्का लग गया है एक बार एक आरव बाबू फ्लैट में रहने के लिए आये मुझे मालूम हुआ कि वे किसी काम वाली बाई को ढूंढ रहे हैं।

यह हॉट बाई सेक्स कहानी इन्हीं के साथ की है एक दिन मेरी उससे भेंट हो गई आरव बाबू लगभग 30 /32 साल के मस्त जवान थे गोरे चिट्टे थे घुंघराले बाल वाले थे वे देखने में स्मार्ट और हैंडसम थे मेरा दिल उस पर आ गया मेरे मन में आया कि इसका लौड़ा भी बड़ा मस्त होगा।

वह मुझे देख कर बोला- अरे तुम क्या काम वाली बाई हो क्या तुम मेरे घर का काम करोगी मैंने कहा- हां करूंगी आपको क्या क्या करवाना है वह बोला- यही झाड़ू पोंछा चौका बर्तन सफाई वगैरह करवाना है मैंने कहा- हां मैं सब कुछ कर दूँगी लेकिन 4000/- महीने के लूंगी और रोज़ सवेरे 6 बजे आऊंगी।

वह बोला- ठीक है कल से आ जाना अगले दिन मैं उसके घर पहुँच गई मैं थोड़ा मेकअप करके गई थी मुझे देख कर वह बोला- रानी तुम काम वाली बाई लगती नहीं हो तुम तो बड़ी मस्त जवान खूबसूरत और बड़ी हॉट लगती हो।

मैंने कहा- अरे बाबू जी मैं ठहरी एक गाँव की लड़की मैं कहाँ हॉट हूँ मैं तो बिलकुल साधारण लड़की हूँ. पढ़ी लिखी नहीं हूँ पर हां बोल्ड बहुत हूँ बहनचोद हर तरह का काम कर लेती हूँ सबको खुश कर देती हूँ और किसी भोसड़ी वाले से डरती नहीं हूँ।

हॉट बाई सेक्स वाली हूँ मैं तो जानबूझ कर मैंने गालियां निकाली फिर मैंने कहा- बाबू जी बुरा मत मानना मुझे गाली देने की आदत है मेरे मुंह से अपने आप ही निकल जाती हैं गालियां वह बोला- मुझे तेरी गालियां बड़ी अच्छी लगी हैं रानी तुम रोज़ मुझे गालियां सुनाया करो।

मैंने तिरछी निगाहीं से बड़ी सेक्सी अदा से कहा- अरे बाबू जी मेरी सिर्फ गालियां ही अच्छी लगती हैं या और भी कुछ वह बोला- तुम मुझे पूरी की पूरी अच्छी लगती हो रानी मैं खिलखिलकर हंस पड़ी और काम पर जुट गयी।

जब मैं झुक कर झाड़ू लगा रही थी और पोंछा लगा रही थी तो वह मुझे बड़े गौर से देख रहा था उसकी नज़र मेरे बड़े बड़े मम्मों पर थी मेरे मम्मों की क्लीवेज पर थी मैं भी मन ही मन उसके लण्ड के बारे में सोच रही थी।

मैंने मन में कहा- अरे भोसड़ी के आरव पकड़ क्यों नहीं लेता मेरा हाथ मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी क्यों नहीं कर देता मेरे मम्मे पकड़ कर दबाता क्यों नहीं माँ के लौड़े मेरे सामने नंगा हो कर पेल क्यों नहीं देता अपना लण्ड मेरी चूत में मैं तुमसे ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूंगी। 

तू भोसड़ी का मर्द है तो हिम्मत क्यों नहीं करता तेरी माँ की चूत आरव बाबू तू पहल तो कर फिर मैं खुद खींच कर निकाल लूंगी तेरा लण्ड इस तरह कई दिन बीत गए इसी बीच मैंने कई बार उसका लण्ड देखने की कोशिश की पर देख नहीं पाई।

लेकिन हां थोड़ी थोड़ी झलक जरूर दिखी पर मन नहीं भरा एक दिन सवेरे जब मैं आई तो दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर घुस गयी मैंने देखा कि बर्तन तो एक भी गंदा नहीं है किचन बिलकुल साफ़ पड़ा है बाबू जी अंदर कमरे में पड़े सो रहे थे।

तो मैंने सोचा कि शायद कल रात को बाबू जी की कोई पार्टी होगी उसी में खाना खा कर आये होंगे मैं झाड़ू लगाने लगी और जब बाबू जी के कमरे में गयी तो देखा कि वह तो नंगे बदन लेटा हुआ है उसकी लुंगी पूरी तरह खुल हुई है उसका लण्ड साला टनटना रहा है पर पूरा दिख नहीं रहा है।

मैंने धीरे से लुंगी लण्ड से हटाई तो लण्ड बाबा के दर्शन हो गये मेरे बदन में आग लग गई मेरे मुंह में पानी आ गया उसका छोटी छोटी झाटों वाला लण्ड देख कर मैं ललचा गई मेरा मन हुआ कि मैं इसे अभी अपने मुंह में घुसेड़ लूँ।

मैंने अपनी धोती खोल कर फेंक दी ऊपर ब्लाउज़ और नीचे पेटीकोट पहने हुए मैं लण्ड के पास बैठ गयी तब मैंने आहिस्ते से लण्ड छुआ तो वह भोसड़ी का और भन्ना उठा आप तो जानते ही हैं दोस्तो कि सवेरे सवेरे लण्ड साला अपने आप खड़ा हो जाता है और बड़ा कड़क रहता है।

मैंने सोच लिया कि आज मैं बिना लण्ड पकड़े मानूंगी नहीं बाबू जी चाहे मुझे डांटें चाहे मुझे मारें पर मैं हटने वाली नहीं मैं मार खा लूंगी पर लण्ड मुंह में जरूर लूंगी आज बहुत दिनों के बाद मुझे मेरे मन का लण्ड दिख रहा है आज मैं लण्ड चूस चूस कर अपनी प्यास बुझाऊँगी।

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मैंने लण्ड धीरे से मुट्ठी में लिया और उसे थोड़ा नीचे खसकाया तो उसका टोपा पूरा खुल गया मुट्ठी में आते ही मैं समझ गयी कि लण्ड लम्बा और मोटा भी है क्या मस्त टोपा था लण्ड का मैंने बड़े प्यार से लण्ड का टोपा अपनी जबान से छुआ बार बार छुआ मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मेरे बदन में गज़ब का करंट लगा गया था मैंने लण्ड मजबूती से पकड़ा और उसे आगे पीछे ऊपर नीचे करने लगी मुझे लगा कि बाबू जी अभी तक जगे क्यों नहीं तब फिर मैं लण्ड जोर जोर से आगे पीछे करने लगी जैसे लण्ड का मुट्ठ मारा जाता है।

मैं सच में लण्ड का मुट्ठ मारने लगी तब बाबू जी की आँख खुली तो वह कुछ बोला नहीं बल्कि मुझे अपनी तरफ घसीट कर अपने बदन से चिपका लिया बोला- रानी तुम बड़ी सुन्दर हो बहुत प्यारी हो मुझे तुमसे प्यार हो गया है अब ठीक से पकड़ो मेरा लण्ड ये लण्ड अब तेरा ही है रानी।

ऐसा कह कर वह मेरा ब्लाउज़ खोलने लगा ब्लाउज़ खुला तो मेरी चूचियाँ उसके सामने नंगी हो गईं वह मस्ती से मसलने लगा मेरी चूचियाँ और फिराने लगा अपना हाथ मेरी नंगी पीठ पर तब तक मैं उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।

मैं मस्ती में बोली- बड़ा मोटा है भोसड़ी का तेरा लण्ड बाबू जी इतना मोटा लण्ड आज मैं पहली बार देख रही हूँ मुझे मोटे लण्ड बहुत पसंद हैं। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गई हूँ बाबू जी मुझे तेरे लण्ड से प्यार हो गया है बाबू जी मैं तेरे लण्ड की गुलाम हो गई हूँ बाबू जी।

मेरी इन बातों ने जादू का काम किया उसका लण्ड साला और ज्यादा तन खड़ा हो गया तब तक उसने मेरा पेटीकोट भी खोल डाला अब मैं मादरचोद उसके सामने एकदम नंगी हो गई मुझे मर्दों के आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है।

वह मेरी चूत पर उंगलियां फिराने लगा और मेरे चूतड़ पर हाथ फिराने लगा बोला- यार, तेरी चूत और तेरी गांड दोनों ही बड़ी मस्त हैं तू तो एकदम पटाका है रानी तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा फिर वह झुका और मेरी फुद्दी चाटने लगा।

मैं उसका लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ भी चाटने लगी मेरे मन की मुराद पूरी हो रही थी फिर जाने क्या हुआ उसने मुझे सोफा पर बैठा दिया और खुद मेरे सामने एकदम नंगा नंगा खड़ा हो गया बोला- रानी अब मैं तेरे मम्मे चोदूंगा। 

मैं जब किसी लड़की को देखता हूँ तो मन करता है कि मैं उसकी चूचियों में लण्ड घुसेड़ दूं इसलिए मैं सबसे पहले तेरी चूचियाँ चोदूंगा उसने लण्ड मेरे मम्मों के बीच में घुसा दिया मैंने भी दोनों हाथ से मम्मे पकड़ कर लण्ड के लिए रास्ता बना दिया।

वह मेरे मम्मे गचर गचर चोदने लगा और मैं बार बार जैसे ही लण्ड ऊपर आता तो उसका सुपारा चाटने लगी बार बार ऐसा करने से उसे भी मज़ा आ रहा था और मुझे भी मैं आज पहली बार अपने दूध चुदवा रही थी बड़ी खुश होकर चुदवा रही थी।

औरत का जिस्म ही ऐसा होता है कि चाहे जहाँ लण्ड पेल दो, मज़ा आने ही लगता है आरव बाबू मेरे बूब्स चोद चोद कर खूब मज़ा लेने लगा उसे जोश आ गया तो वह स्पीड बढ़ाता गया वह जल्दी जल्दी लण्ड पेलने लगा तो नतीजा यह हुआ कि वह चूचियों पर ही झड़ गया।

मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा और खूब एन्जॉय किया वह बोला- यार रानी मैं समय से पहले ही झड़ गया तुझे चोद नहीं सका मैंने कहा- नहीं बाबू जी ऐसा पहली बार हो ही जाता है अभी थोड़ी देर में चोद लेना मुझे तब तक मैं थोड़ा काम ख़त्म कर लेती हूँ।

वह अपना लण्ड धोने के लिए बाथरूम चला गया और मैं इधर पोंछा लगाने में जुट गयी मैंने अपने कपड़े तो उतार ही दिये थे तो मैं नंगी नंगी पोंछा लगा रही थी पोंछा का काम ख़त्म हो गया तो मैं रसोई साफ़ करने लगी इतने में बाबू जी आये और मुझे पीछे से पकड़ लिया।

वह मेरी कमर में हाथ डाल कर बोला- रानी, तेरा बदन बड़ा सेक्सी है यार तू नंगी बहुत ज्यादा ही खूबसूरत लग रही है कल से तू मेरे घर में नंगी होकर ही काम किया करेगी फिर मैं तुझे रोज़ अपना लण्ड पकड़ाऊंगा।

मैंने कहा- तो क्या तुम मुझे रोज़ चोदोगे बाबू जी वह बोला- हां रोज़ चोदूंगा और खूब चोदूँगा उसने मुझे गोद में उठा लिया और बेड पर पटक दिया फिर वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और मेरे पूरे बदन पर अपना बदन रगड़ने लगा, मेरे गाल, मेरे होंठ, मेरी गर्दन और मेरे कंधे सब चूमने चाटने लगा।

वह मेरी चूचियाँ मसलने लगा और उसका लण्ड मेरी जाँघों में चुभने लगा मैं समझ गयी कि बाबू जी बड़े ताव में हैं फिर उसने लण्ड गच्च से पेल दिया पूरा का पूरा मेरी चूत में मैं चुदी हुई थी तो मुझे कोई खास फर्क नहीं पड़ा बल्कि मैं भी झमाझम चुदवाने लगी।

लौड़ा जब मन का मिल जाता है तो हर औरत को चुदवाने में मज़ा भी खूब आता है चुदाई में मन भी खूब लगता है वह तो पागलों की मुझे चोदे चला जा रहा था; बिना रुके चोदे जा रहा था मैं भी उसके जोश का पूरा फायदा उठा रही थी।

मैंने मन में कहा मुझे चोदने वाले कई लोग हैं आज आरव बाबू का नाम भी मुझे चोदने वालों में जुड़ गया कुछ देर बाद वह अपनी टाँगें फैलाकर कुर्सी पर बैठ गया और मुझसे कहा- रानी, अब तुम मेरे लण्ड पर बैठ जाओ मैं भी जोश में थी तो उसके लण्ड पर बैठ गयी तो लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया।

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फिर उसने मुझे खूब जी भर के चोदा और जब उसका लण्ड झड़ने लगा तो मैंने उसे खूब मस्ती से चाटा काम करके मैं वापस आ गयी अगले दिन सवेरे सवेरे आरव बाबू के घर गई वह मेरे कपड़े उतारने लगा मैं जब नंगी हो गई तो मुझे नंगी देख कर उसके लण्ड में जबरदस्त उछाल आ गया।

मैं उसका लण्ड चाटने लगी फिर उसने जब लण्ड मेरी चूत में पेला तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा उसने कहा- रानी तू सच में बड़ी मस्त चुदक्कड़ लड़की है मैंने कहा- हां, मैं चुदक्कड़ हूँ हॉट बाई सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं।

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