देवर है कुंवारा भाभी की चूत में लंड दे मारा-Bhabhi Ki Chudai

देवर है कुंवारा भाभी की चूत में लंड दे मारा

भाभी लव हॉट स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी मौसी के घर रहने गया तो मेरी दोस्ती मेरे भाई की पत्नी से हो गयी मैंने अपनी भाभी को पटाया और उनकी देसी गर्म चूत का रसपान किया मेरी पहली सेक्स कहानी में आप सभी का स्वागत है।

यह सेक्स कहानी मेरे जीवन की एक सत्य घटना है जिसे मैं आप सभी के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ मेरा नाम सिद्धार्त कपूर है, मैं दिल्ली में अपने माता-पिता और भाई के साथ रहता हूँ मेरा बाकी परिवार यूपी में रहता है इस भाभी लव हॉट स्टोरी की नायिका यानि मेरी भाभी मेरी मौसी के दूसरे बेटे की पत्नी हैं।

मेरे मौसी के 4 बेटे हैं उन सबकी शादी हो चुकी है मौसी के दूसरे लड़के सरस और उनकी बीवी शिखा को छोड़ कर बाकी सभी भाई अपने परिवार के साथ कानपुर शहर में रहते हैं अब मैं आपको मेरी भाभी शिखा के बारे में बता दूं शिखा भाभी सांवले रंग की सुडौल शरीर वाली अप्सरा हैं।

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वह कर्मठ होने की वजह से काफी सेक्सी और भरे हुए बदन की मालकिन हैं उनका जिस्म 38-34-42 का एक चलता फिरता बम है उनके शरीर की खुशबू, उनकी नशीली आंखें, उनके रसीले होंठ उनके गोल सुडौल चूचे उनकी मटकती हुई विशाल गांड पर तो कई लोग लट्टू हैं।

बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं की परीक्षा के बाद अपनी मौसी के पास घूमने गांव आया था तब मेरी उम्र 19 वर्ष थी मौसी भैया और भाभी मेरे आने पर काफी खुश थे घर पर मेरी खूब खातिरदारी हुई पहले मुझे अपनी भाभी को लेकर मन में कोई गलत ख्याल नहीं थे परन्तु एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद से सब बदलने लगा।

मौसी के घर में 3 कमरे हैं जिसमें एक मौसी का कमरा है एक भैया-भाभी का कमरा है और एक कमरे में मैं रहता था गर्मी का समय था तो मैं सुबह जल्दी नहाकर आराम से कूलर की हवा में लेटा फ़ोन पर गेम्स खेल रहा था भैया काम पर निकल गए थे और मौसी पड़ोस में गयी थीं उस समय घर पर केवल मैं और भाभी थे।

भाभी किचन में खाना बना रही थीं तभी मुझे किचन से किसी के दर्द से कराहने की आवाज़ आयी मैं भाग कर गया तो मैंने देखा भाभी की उंगली से खून बह रहा है मैंने तुरंत भाभी को मलहम लगाई और बैठने को कहा फिर मैंने उनसे पूछा कि ये कैसे हुआ।

उन्होंने बताया कि किचन में गर्मी होने की वजह से उन्हें बेहोशी सी आयी और अनजाने में उंगली कट गई मैंने उन्हें पानी पिलाया और वहीं उनके साथ बैठ गया तभी लाइट चली गयी और गर्मी और बढ़ने लगी दिन का समय था और गर्मी ज़ोरों पर थी उसी पल मैंने एक मनोरम दृश्य देखा।

भाभी अपनी साड़ी के पल्लू से खुद पर हवा कर रही थीं और उनके शरीर का पसीना उनके माथे से होकर उनके चूचों की घाटी में जा रहा था ये सब होता देख कर मैं उत्तेजित हो रहा था उस पल में भाभी मुझे कितनी सेक्सी लग रही थीं क्या बताऊं उनके शरीर का अंग अंग पसीने से चमक रहा था।

उनकी कमर और वक्ष के हिस्से में वो पसीने की बूंदें कमाल लग रही थीं उसी पल से मैं भाभी की जवानी पर फिदा हो गया फिर जैसे ही लाइट आई मैंने टॉयलेट जाकर पहली बार उनके नाम की मुठ मारी उस दिन के बाद से मैं भाभी को पटाने और चोदने के तरीके खोजने लगा परन्तु मुझे क्या पता था कि वो पल मेरी किस्मत में बिना कुछ किए ही मुझे स्वयं प्राप्त हो जाएगा।

इस घटना के कुछ दिन बाद एक दोपहर में अपने रूम में लेटा ब्लूफिल्म देख रहा था और चादर के अन्दर से अपने लंड को हिला रहा था मैंने कानों में हैडफ़ोन लगाया हुआ था और आवाज़ फुल पर थी मुझे पता नहीं चला कि भाभी मुझे खाना खाने के लिए बुला रही हैं।

मेरे उत्तर न देने पर वो मेरे कमरे की ओर आ गईं और उन्होंने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया वो वहीं खड़ी चुपचाप देखने लगीं और यहां मैं अपनी धुन में मस्त आंखें बंद करके मुट्ठी मार रहा था मैंने जैसे ही अपनी आंखें खोलीं तो भाभी को वहां खड़ा देखा मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी।

मैं चौंक कर एकदम से बेड से खड़ा हो गया और उन्हें देख कर डरा हुआ सा भूत बन कर खड़ा था मेरा लंड मेरे पैंट में खड़ा तम्बू सा लग रहा था जिसे भाभी ने देख लिया था कुछ सेकंड तक किसी ने कुछ नहीं बोला फिर चुप्पी तोड़ते हुए भाभी बोलीं- सिद्धार्त अगर ज्यादा जवानी का जोश चढ़ गया हो तो तेरी मां को बोलकर तेरी शादी करा दूँ। 

ये क्या कर रहा था तू रुक तेरे भैया और मौसी को अभी तेरी करतूत बताती हूँ ऐसा बोलकर वो जाने लगीं तभी मैं उनके सामने आ गया और हाथ जोड़ कर सॉरी कहने लगा मैंने उनसे कहा- भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो प्लीज मैं क्या करूं मेरी ज़िंदगी में कोई लड़की नहीं है और ना ही मैंने कभी कुछ किया है। 

तो अपने अन्दर की इस आग को शांत करने का यही एक जरिया था मैं मानता हूँ कि मुझसे गलती हुई है प्लीज मुझे छोटा समझ कर माफ कर दो आप जो बोलेंगी मैं वो करूंगा बस ये बात हम दोनों तक ही रहने दो प्लीज इतना कह कर मैं रोनी सी शक्ल बना कर बैठ गया।

भाभी वहां से जाने लगीं और जैसे ही दरवाज़े के पास पहुंची उनकी हंसी छूट गयी और वो ठहाके मार कर हंसने लगीं अब भाभी बोलीं- क्यों निकल गयी सारी हवा देख कितना डराया तुझे मुझे पता है तुम्हारी उम्र के लड़के ये सब करते हैं पर तुझे आज ये करते देख मैं दंग रह गयी क्योंकि तू कॉफ़ी भोला टाइप का है इसलिए चल अब मूड मत सड़ा और चलकर खाना खा ले।

मुझे थोड़ी राहत मिली पर अभी भी मुझे डर ये लग रहा था कि कहीं भाभी ये सारी बातें किसी और को न बोल दें वरना बेइज़्ज़ती हो जाएगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि उस दिन के बाद से भाभी और मैं अच्छे दोस्तों की तरह काफी खुलकर बातें करने लगे फिर धीरे धीरे हम करीब आने लगे।

सब अच्छा चल रहा था लेकिन भाभी मुझे काफी बार थोड़ी उदास दिखती थीं और मेरे पूछने पर हंस कर बात टाल देती थीं एक दिन भैया भाभी में जबरदस्त लड़ाई हुई और भैया घर से गुस्से में निकल गए मौसी उस वक़्त कानपुर गयी हुई थीं और मैं और भाभी घर पर अकेले रह गए थे मैं भाभी के पास गया तो देखा कि भाभी रो रही थीं।

तो मैं उनके पास गया और उन्हें चुप कराने लगा भाभी मेरे सीने से लग कर रोने लगीं मेरे बहुत पूछने पर उन्होंने बताया कि भैया को शराब की बहुत गन्दी लत है और कल मुझे यह पता चला कि भैया का गांव की किसी और औरत से चक्कर है यह सुन मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं अनजाने में ये कह गया- भाभी अगर आप उनकी जगह मेरी पत्नी होतीं तो मैं आपको पलकों पर बिठा कर रखता और रात दिन जो करना होता वो आपके साथ ही करता।

ये सब सुन कर भाभी थोड़ा शांत हुईं और मुझसे अलग होकर कहने लगीं- अगर हमारा बच्चा होता तो ये ऐसे इधर उधर मुँह नहीं मारते पर इनकी शराब की वजह से मेरी कोख कभी हरी नहीं हो सकती यह कहकर वे वहां से चली गयीं और खाना बनाने लगीं शाम को भैया आए और सीधे कमरे में चले गए।

उधर से वो एक बैग लेकर बाहर आए और भाभी से सुबह के लिए माफी मांग कर कहने लगे- मुझे कंपनी के काम से 3 दिन के लिए जयपुर जाना है यह कहकर वो अपना बैग लेकर निकल गए अब घर पर सिर्फ मैं और भाभी थे हम दोनों ने रात का खाना खाया और साथ बैठ कर टीवी देखने लगे भाभी मेरी गोद में सर रखी हुई लेटी थीं।

तभी टीवी में चल रही मूवी में सुहागरात का सीन चलने लगा और मेरे अन्दर उत्तेजना होने लगी साथ ही भाभी के लेटे होने की वजह से उनके दोनों चूचे आधे दिख रहे थे जिन्हें देख मेरे लंड में तनाव आने लगा भाभी के कानों में मेरे लंड का कड़ापन लगने के कारण उन्हें भी आभास हो गया लेकिन उन्होंने हटने की या कुछ कहने की जरा भी कोशिश नहीं की।

बल्कि भाभी ने मेरे पूरे लंड पर अपना सर रख लिया और मेरे लंड की गर्मी महसूस करने लगीं यहां इस सबसे मेरी हालत खराब हो रही थी कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद भाभी उठ कर कमरे में जाने लगीं और मुझसे बोलीं- सिद्धार्त मुझे अकेले सोने में डर लगता है तो तुम आज रात मेरे कमरे में ही सो जाना।

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उन्होंने बस इतना कहा ही था कि बिजली चली गयी तो मुझे भी उनके साथ सोने के लिए जाना पड़ा रात में ठंडी हवा चल रही थी जो खिड़की से बेडरूम में आ रही थी इस कारण कमरे में ज्यादा गर्मी नहीं थी कुछ देर बाद मैं भाभी के बगल में लेट गया था भाभी ने तब तक अपने कपड़े बदल लिए थे और एक बहुत ही सेक्सी नाइटी पहन ली थी।

भाभी मेरी तरफ अपनी गांड करके लेटी हुई थीं मैं भाभी के सोने का इंतज़ार करने लगा करीब दो घंटा बाद मैंने ये देखने के लिए भाभी के पैरों पर अपना पैर रखा कि वह सो गयी हैं या नहीं मेरे पैर रखने से उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तब मैंने अपना एक हाथ सीधा उनके चूचों पर रख दिया इस पर भी उनकी तरफ से कोई हलचल नहीं हुई।

अब मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैंने उनके चूचों पर धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया तभी अचानक से भाभी ने मेरी ओर मुड़ कर देखा और मुझे एक जोरदार तमाचा लगा दिया मैं सहम गया और दूसरी तरफ करवट लेने लगा कि तभी भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए।

मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि ये क्या हुआ और इतना सोचने में ही भाभी की जीभ मेरे मुँह के अन्दर आ गई थी अभी मैं अपने मुँह में जीभ का अहसास कर ही रहा था था कि भाभी का हाथ मेरे लौड़े पर आ गया था अब इतना सब कुछ होने के चलते मैं भी मदहोश होने लगा और भाभी को बेतहाशा चूमने लगा।

हमारी सांसें बहुत तेज़ चल रही थीं तभी अचानक बिजली आ गई और हमारी नज़रें मिल गईं मैंने भाभी की खूबसूरती को देखा तो उन्होंने लाज से अपनी आंखें बन्द कर लीं मैं भाभी के कान की तरफ गया और उनके कानों में कहा- भाभी आई लव यू न जाने कबसे आपके साथ प्यार करने का मन था।

दोस्तो शिखा भाभी का मूड चुदाई का बन चुका था मैंने भाभी को सेक्स के लिए तैयार कर लिया था भाभी चूत में लंड डालने को कह रही थी पर मैंने जीभ रख दी चूत पर भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं शिखा भाभी मेरे साथ बिस्तर में मजा देने लगी थीं मैं उनके कान में मुँह ले जाकर उन्हें आई लव यू बोल रहा था।

मैं भाभी से आई लव यू कह कर उनके कान की लौ को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा इससे भाभी की मदभरी सिसकारियां निकलने लगीं आह उफ़्फ़ सीई आहह मैं धीरे धीरे भाभी की गर्दन को चूमने और चाटने लगा इसी के साथ मैं अपने एक हाथ से भाभी के कंधे से नाइटी की डोर नीचे कर रहा था एवं दूसरे हाथ से उनके स्तन नाइटी के ऊपर से ही दबा रहा था।

सच बता रहा हूँ दोस्तो अभी भी मुझे ये कहानी लिखते वक्त भी उनके चूचों का स्पर्श याद आ रहा है भाभी के चूचे काफी नर्म, गोल और किनारों पर सख्त थे, जिसकी वजह से अगर वो ब्रा न पहनें तब भी उनके स्तनों में उभार रहता था अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी नाइटी खोलने लगा उन्होंने भी मेरी टी-शर्ट उतार फैंकी।

उनकी नाइटी उतारने के बाद का नज़ारा होश उड़ाने वाला था काले रंग की ब्रा और पैंटी के अलावा उनका पूरा जिस्म मेरे सामने नंगा था यह सब कुछ देख कर मेरा लंड टाइट होकर लोअर के अन्दर तंबू सा बन गया मैंने झट से अपना लोअर उतारा और चड्डी में आ गया मैं भाभी के ऊपर टूट पड़ा पहले मैंने भाभी के चूचे मसले और दबा कर चूसे।

फिर मैंने भाभी की ब्रा उतार दी और उनके दोनों खरबूज आजाद कर दिए उनके निप्पल और उसके पास का काला भाग देख कर मैं ललचा गया और मैंने दोनों बूब्स को दस मिनट तक खूब दबा कर चूसा कमरे में पंखा चलने पर भी हम पसीने से तर थे और मैं भाभी के शरीर का पसीना भी चाट रहा था।

फिर मैंने अपनी लम्बी जीभ दोनों बूब्स के बीच डाली और दोनों बूब्स दबा कर जीभ आगे पीछे करने लगा जिससे भाभी जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी थीं उसके बाद मैं धीरे धीरे अपनी जीभ उनकी छाती से पेट पर ले आया और उनकी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा भाभी पागल होने लगीं और अपने बूब्स दबाते हुए होंठ काटने लगीं।

अब मैं धीरे धीरे उनकी पैंटी तक पहुंच गया और मैंने उसे सूँघा उसमें से मादक खुशबू आ रही थी भाभी की पूरी पैंटी भीगी हुई थी कुछ देर बाद भाभी से रहा नहीं गया और उन्होंने मुझसे कहा- सिद्धार्त अब और मत तड़पा जल्दी से चोद दे मुझे बुझा दे मेरी टपकती चूत की प्यास उनके मुँह से इतना कामुक सुनकर मैं थोड़ा आश्चर्य में आ गया और उत्तेजित भी हो गया।

मैंने अपने मुँह से भाभी की पैंटी की खींच कर निकाल दी और उनकी जाघें चाटने लगा फिर धीरे धीरे भाभी पुसी की तरफ बढ़ने लगा जैसे ही मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह रखा भाभी ने मेरा मुँह हटा दिया और बोलीं- ये क्या कर रहे हो अब इसे भी चाटोगे क्या मैंने बोला- हां आप आराम से लेटो और चूत चटाई के मज़े लो।

भाभी बोलीं- पर तेरे भैया तो सीधा चढ़ जाते हैं उन्होंने ये सब कभी नहीं किया मैंने बोला- भाभी एक बार करवा के देखो मज़ा न आए तो कभी नहीं करूंगा फिर मैं अपना मुँह उनके चूत पर ले जाकर चुत को पूरी शिद्दत से चाटने लगा भाभी तड़प कर आह उई इस्स  जैसी आवाज़ें निकालने लगीं।

अभी मैंने थोड़ी देर ही चाटा था कि भाभी ने मेरे बाल पकड़े और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगीं उन्होंने अपनी दोनों जांघों से मेरा सिर कस लिया मैं भाभी पुसी चाटने में लगा रहा और थोड़ी ही देर में भाभी ऊंह सिद्धार्त ऊम्म्म मर गई आंह बोलती हुई मेरे मुँह पर झड़ गईं।

मैंने उनकी चूत का पानी चाटा और मस्त हो गया अब भाभी भी मुझे मादक नजरों से देख रही थीं वो बोलीं- साले तू तो कह रहा था कि तेरी कोई सैटिंग नहीं है फिर ये सब किधर से सीखा मैंने हंस कर कहा- ब्लू फिल्म से सब सीख गया हूँ भाभी फिर मैंने उन्हें कुतिया बनने को बोला और उन्होंने वैसा ही किया।

यहां मैं सभी को बता देना चाहता हूँ कि मुझे औरतों की गांड सूंघना और चाटना बहुत पसंद है जैसे ही भाभी कुतिया बनी, मैंने उनकी गांड का छिद्र सूँघा उसमें से इतनी मदहोश करने वाली महक आ रही थी कि मैं एक मिनट तक महक लेता रहा फिर मैंने उनकी गांड चाटना शुरू कर दिया।

भाभी की हालत बिगड़ती जा रही थी बिना चोदे ही मेरे एक के बाद एक प्रहार से वो पागल हो रही थीं और कामुक आवाजें निकाल रही थीं- आह सिद्धार्त आह ऊम्म्म यस आह आह ऐसे ही चाटो मज़े से चाटो खा जाओ मेरी गांड को उम्म आह लगे रहो सिद्धार्त उफ्फ यह कहते हुए भाभी अपनी गांड मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं।

कुछ देर के बाद भाभी ने मेरी चड्डी निकाल फैंकी और मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं दोस्तो आप अपने हाथों से कितनी भी मुट्ठ मार लें किन्तु किसी औरत के हाथ की बात ही कुछ औऱ है भाभी के मेरे लंड को पकड़ते ही मेरा 6 इंच का गेहुंआ लंड फूल कर झटके मारने लगा.

मैं भाभी से बोला- भाभी अब मेरे इस कुंवारे लंड का भोग लगाओ, अपने मुँह से इसे चूस लो भाभी बोलीं- मैंने आज तक किसी का लंड मुँह में नहीं लिया लेकिन तूने मुझे अपना इतना दीवाना बना दिया है कि आज से मैं तेरी गुलाम हूँ अब तू जब जिस चीज़ के लिए कहेगा मैं करूंगी मेरे जानू उन्होंने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

मैं उन्हें बताता गया और वो उसी तरह से चूसने लगतीं कुछ ही देर की लंड चुसाई से मेरे झड़ने का वक़्त करीब आ गया मैंने भाभी से पूछा कि क्या मैं आपके मुँह में अपना वीर्य झाड़ दूँ उन्होंने आंख मारते हुए हां का इशारा किया और मैं 4-5 झटके मार कर लंड को उनके गले में फंसा दिया मैंने अपने लंड का पूरा माल उनके गले और मुँह में झाड़ दिया।

वो भी मेरा पूरा माल बिना उफ़ के पी गयीं अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और 5 मिनट तक एक दूसरे को दोबारा गर्म करने लगे अब मैंने भाभी को छेड़ने के लिए लंड को उनकी चूत पर घुमाया पर अन्दर नहीं डाला भाभी समझ गईं और बोलीं- सिद्धार्त बहुत दिन से नहीं चुदी हूँ और तू मुझे इतनी देर से तड़पा रहा है अब बस कर जल्दी से पहले एक बार चोद दे मुझे।

मैंने भी देर न करते हुए भाभी की दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं और चूत के छेद में लंड डालने लगा लंड का टोपा चूत के अन्दर गया तो ऐसा लगा जैसे मैंने किसी आग की भट्टी में लंड डाल दिया हो उनकी चूत काफी महीनों से न चुदी होने के कारण टाइट थी इसलिए चुदाई का आनन्द ही कुछ और था।

लेकिन मेरा ये पहली बार होने के कारण मैं 30-35 धक्कों में ही झड़ गया भाभी इस बात को जानती थीं तो उन्होंने मेरे लंड को चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया एक बार फिर से मैंने भाभी की चूत में लंड डाला इस बार लंड सीधा अन्दर चला गया और मैंने धीरे धीरे चुदाई का खेल शुरू कर दिया फिर मैं अपनी स्पीड बढ़ाता गया।

भाभी को भी चुदने में मज़ा आने लगा और वो गांड उछाल उछाल कर मुझसे चुदने लगीं भाभी उफ्फ यस आह आह आह उम्म सिद्धार्त या आह करती हुई चुद रही थीं पूरे कमरे में फच्च फच्च फच्च की आवाज़ आ रही थी भाभी को इस चरम सुख ने इतना मदहोश कर दिया था कि वो मेरे लंड से चुदते चुदते एक बार झड़ गईं।

इससे भाभी की चुत रसीली हो गई थी और मेरा लंड सटासट चलने लगा था पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मैंने भाभी को कुतिया बनने को कहा उनके कुतिया बनने पर मैंने उनकी गांड पर थप्पड़ बजाते हुए पीछे से उनकी चूत में लंड पेला और धक्के लगाने चालू कर दिए भाभी हर झटके के साथ मस्ती से चिल्ला रही थीं- उफ्फ हां ऐसे ही चोदो सिद्धार्त मजा आ रहा है।

उनकी इन आवाजों से मेरा जोश और बढ़ता गया मैं भी स्पीड बढ़ाता गया मेरे धक्कों के गांड पर लगने से पूरे कमरे में चट्ट चट्ट की आवाज़ आने लगी अचानक मुझे मस्ती सूझी मैंने उनकी गांड के छेद पर थूक टपकाया और चुत चोदते-चोदते उनकी गांड में अपना अंगूठा डालने लगा।

ये अचानक आए मज़े से भाभी की औईई निकल गयी और उन्हें बेहद मज़ा आने लगा वो मदहोशी में सराबोर होकर चिल्लाने लगीं- आंह सिद्धार्त तेरे नामर्द भैया से कुछ नहीं होता बस वो लंड डाल कर हिलाकर सो जाता है और एक तू है जो बिना मुझे चोदे एक बार और चोदने पर अब तक दूसरी बार झड़वाने जा रहा है आह आह अह सिद्धार्त ऐसे ही आह हां मेरा निकलने वाला है यआ आह।

ये सब कहती हुई भाभी ज़ोर से आह निकाल कर मेरे लंड पर झड़ गईं उनके इस तरह झड़ने से मेरा लंड और आसानी से फिसलने लगा मैंने अपना लंड निकाल कर भाभी के मुँह में डाल दिया और भाभी अपना चूत रस चाट गईं फिर मैंने उनकी चूत में लंड डालकर बिना रुके कम से कम 20 धक्के और मारे।

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अब मेरा वीर्य निकलने को हुआ तो मैंने भाभी से पूछा कि कहां निकालू उन्होंने कहा- मुझे तेरा बीज चाहिए मैं मां बनना चाहती हूँ प्लीज अपना माल मेरी चूत में ही झाड़ना मैंने वैसे ही किया और स्पीड बढ़ाते हुए उनकी चूत को अपने माल से भर दिया लंड झाड़ कर मैं निढाल हो गया और उन पर ही गिर पड़ा।

हम दोनों ने कुछ पल रुक कर अपनी सांसें बटोरीं फिर मैंने भाभी का चेहरा देखा उनकी आंखों का काजल फैल गया था और उनकी आंखों में आंसू थे इससे पहले मैं कुछ बोलता उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मेरे माथे को चूमा भाभी बोलीं- सिद्धार्त तू मेरी ज़िंदगी में पहले क्यों नहीं आया तू छोटा है पर बहुत समझदार है। 

तूने आज अनजाने में ही सही लेकिन मुझे औरत होने का सुख दिया थैंक्यू सो मच एंड आई लव यू मुझे भी बहुत खुशी हुई और मैंने भी उनको आई लव यू टू बोला, उनको एक स्मूच दी उस रात हमने एक और बार चुदाई की और सुबह तक नंगे एक दूसरे की बांहों में सोते रहे इसी प्रकार हमारा चुदाई का सफर चलता रहा।

मैं आगे आपको अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने भाभी की गांड मारी और कैसे वो मां बनी उन्होंने मुझे बड़ी भाभी की भी दिलवाई आप सभी को मेरी ज़िंदगी की ये भाभी पुसी लिक स्टोरी कैसी लगी कमेंट करके मुझे बताएं।

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