पति की बेरुखी के चलते ससुर से चुदी-Antarvasna Sex Story

पति की बेरुखी के चलते ससुर से चुदी

मैं झारखंड गिरडीह की रहने वाली हूँ ये इलाका आदिवासियों का इलाका है दोस्तों शुरू से ही मुझे सेक्स बहुत पसंद था मुझे सेक्स और सम्भोग करने में चरम और परम सुख प्राप्त होता था जब मैंने ओशो की किताब सम्भोग से समाधि को पढ़ा तो मैंने जाना की सेक्स और सम्भोग करना कोई बुरी बात नही है। 

इस किताब का मुझपर इतना असर हुआ की मैंने 12वीं क्लास में 4 बॉयफ्रेंड्स बना लिए और दिन रात सम्भोग यानी चुदाई में मैं रत रहती धीरे धीरे मुझे लम्बे लम्बे लौड़े खाने की आदत हो गयी और कुछ दिन बात तो जबतक मैं दिन में चुदवा ना लूँ मुझे सकून नही मिलता था।

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अपने बॉयफ्रेंड्स से चुदवा चुदवाकर मैं 3 बार पेट से हो गयी मैं क्या करूँ दोस्तों मैं मजबूर थी मैं अपने बॉयफ्रेंड्स से बार बार रिक्वेस्ट करती थी की मुझे कंडोम लगाकर पेला करो पर हर बार वो लोग शुरू शुरू में मेरी ठुकाई कंडोम लगाकर करते.

पर कुछ देर में वो शिकायत करने लग जाते की कंडोम में मजा नही आ रहा है फीलिंग नही आ रही है और असली मजा तो बिना कंडोम के ही आता है मेरे दोस्त और बॉयफ्रेंड्स मुझसे बार बार कहते तो मैं उनको बिना कंडोम के ही चोदने की इजाजत दे देती और वो मुझे चोद चोदकर माल मेरी चूत में ही छोड़ देते।

इस तरह मैं 3 बार पेट से हो गयी और हर बार घर वालों से बचते हुए मुझे हॉस्पिटल जाकर अबोर्शन करवाना पड़ा मेरी चूत में हाथ डालकर लेडीज डॉक्टर ने मेरे पेट में पलने वाले भूर्ण को निकाला और मार दिया। इस तरह दोस्तों मेरे कॉलेज के दिन में बड़ा बवाल मचा रहा मेरी जिन्दगी में।

एक तो बिना चुदवाए मेरा दिल नही मानता था उधर पेट से होने का डर रहता था 3 बार अबोर्शन करवाने के बाद मेरी शादी कर दी गयी। पर मेरी किस्मत ने साथ नही दिया। मेरे पति तो सेक्स और चुदाई में जरा भी दिलचस्पी नही दिखाते थे।

पता नही क्यों वो सेक्स से डरते थे और मुझे बस 2 3 मिनट के लिए चोदते थे और माल निकालकर दूसरी तरह मुंह करकर बिस्तर पर सो जाते थे ऐसा नही था की वो नामर्द हो पर पता नही वो सक्स और ठुकाई को पवित्र चीज नही मानते थे और इसे बुरा गन्दा और निषेध चीज मानते थे।

पति हर बार मुझे चोदने के बाद मॉल मेरे भोसड़े में ही छोड़ देते थे इसलिए जल्दी जल्दी 2 साल में मेरे 2 बच्चे हो गये उसके बाद तो पति बेवफाई पर आ गये और मेरी तरफ देखना ही बंद कर दिया जब उन्होंने मेरे साथ लेटना ही बंद कर दिया तब वो मुझे चोदते कैसे।

अंजू चुदाई भगवान ने सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए दी है अब बच्चे हो गये इसलिए अब हम दोनों को सात्विक और पवित्र जीवन जीना चाहिए मेरे पति बोले.

अरे वो महात्मा जादा साधू बनने की जरूरत नही है अब बच्चे हो गये तो क्या कोई चुदाई का मजा नही लेगा। अपनी सात्विकता और पवित्रता वाली थिओरी अपने पास रखो। मेरा बिना चुद्वाए दिल नही लगता है मैं अपने पति से साफ़ साफ़ कह दिया तो अंजू तुम इश्वर की तरफ ध्यान लगाओ और व्रत और रोज पूजा किया करो पति बोले.

उनकी इस बकवास फिलोसफी पर मैं बहुत गुस्साई। पर मेरे पति को ना जाने क्या हो गया था मैं 25 साल की थी और अब मेरे पति ने मेरे पास लेटना और मुझे चोदना बंद कर दिया था। बस दिन रात पूजा पाठ करते रहते थे। 

क्या मैं अब किसी काम की नही रही। क्या बच्चे पैदा होने के बाद औरत का चुदवाने का दिल नही करता है क्या अब मैं 60 साल तक बिना चुद्वाए रहूंगी। इन सारी बातो को लेकर मेरा पति से कई बार झगड़ा हुआ। मेरे ससुरजी ने मेरे पति और अपने बेटे को बहुत समझाया।

बेटे! बहु अभी जवान है अगर अभी से तू महात्मा गाँधी बन जाएगा उसके साथ लेटेगा नहीं उसे रात में चोदेगा नही तो कैसे कोई लड़की रह पाएगी अभी बहू सिर्फ 25 साल की है उसे रोज रात में 4 5 बार पेला कर उसकी रसीली बुर में मोटा लंड दिया कर उसे मजा दिया कर वरना वो क्या कोई भी लड़की बिना चुदवाए तेरे साथ नही रह पाएगी मेरे ससुरजी ने अपने लड़के को बहुत समझाया।

पर वो भोसड़ी का ऐसा पगलाया था जैसे कोई बैल सुबह उठ पर वो 3 घंटे पूजा करता और जोर जोर से घंटी बजाता फिर शाम को पूजा करता इधर 3 महीने से वो ना तो मेरे कमरे में मेरे साथ सोया और ना ही मुझे चोदा ससुरजी की बात का उस पर कोई असर नही हुआ।

मेरे 2 बच्चे पैदा हो ही चुके थे मेरी जिन्दगी बस बच्चो तक सिमट गयी थी उनको नहलाना धुलाना कपड़े पहनाना और खाना खिलाना एक दिन मैं अपने ससुरजी से फूट फूट कर रोने लगी और अपना दर्द बताने लगी।

पापा जी आप ही बताइए की क्या मैं इस घर की नौकरनी हूँ सारा दिन चूल्हा चौका करती हूँ और बच्चों को पालती हूँ और रात में ये दूसरे कमरे में भाग जाते है 4 महीने में एक बार भी इन्होने मुझे नही चोदा है क्या मेरी औकात सिर्फ एक नौकरानी की ही रह गयी है मैं फूट फूट कर रोने लगी और अपना दर्द बताने लगी।

बहू मेरा लड़का तो साधू निकल गया है अब उसकी जिम्मेदारी मुझे ही उठानी पड़ेगी तुम ये बात प्लीज घर की चार दिवारी में ही रखना अब मैं रोज दोपहर में तेरी सेवा करूँगा और तेरी रात की जरूरतों को मैं पूरा करूँगा मेरे ससुरजी बोले.

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ये सुनकर मैं बहुत खुश हुई। जैसे ही पति अपने काम पर चले गये मैंने जल्दी से नहा धो लिया और दोपहर तक खाना बना दिया और अपने बच्चों और ससुरजी को मैंने खाना खिला दिया और सारे बर्तन मांज दिया।

फिर दोपहर में जब मेरे बच्चों सो गये तो मैं ससुरजी के कमरे में चली गयी आज मैं 4 महीने का बदला लेना चाहती थी मुझे ये कहने में कोई शर्म नही है की मैं अपने ससुरजी से जी कसकर और खोलकर चुदवाना चाहती थी जैसे ही मैं उनके कमरे में गयी वो बहुत खुश हो गये आ गयी बहू आ बेटी आ ससुरजी बोले और मैं उसके पास बिस्तर पर बैठ गयी.

इस वक़्त घर में कोई नही था मेरे पूजा पाठ करने वाले साधू टाइप पति अपने काम पर जा चुके थे और मेरे बच्चे खाना खाकर सो रहे थे। मैं बिना किसी शर्म और लिहाज के अपने ससुर जी से खुलकर चुदवा सकती थी। ससुरजी ने मेरा हाथ उठाकर मुंह पर लगा लिया और चूम लिया।

बहू तू इस घर की नौकरानी नही है बल्कि मेरी दिल की रानी है। आज मैं तुमको अपनी रानी बनाऊंगा और पूरा मजा दूंगा!! ससुरजी बोले.

उन्होंने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगे मेरी लाल साडी का पल्लू उन्होंने हटा दिया मेरे 36 के विशाल बड़े रसीले और जूसी स्तन ससुरजी का कबसे इंजतार कर रहे थे हाँ आज मैं अपने ससुर का मोटा लौड़ा मुंह में लेकर चूसना चाहती थी और उसने कसकर चुदवाना चाहती थी।

जिस तरह कॉलेज में मेरे कई बॉयफ्रेंड्स मुझे घंटो घंटो चोदते रहते थे ठीक उसी तरह मैं आज अपने ससुर जी से चुदवाना चाहती थी। मैं चाहती थी की आज वो मुझे किसी वेश्या या रंडी की तरह कसकर चोद दे जिससे मेरा 4 महीनो का बदला आज निकल जाए।

आओ बहू अब हम पति पत्नी की तरह प्यार करते है आज दोपहर के लिए तुम मेरी औरत हो ससुरजी बोले जैसा हुक्म पापा जी मैंने कहा.

ससुर जी ने मुझे अपने साथ बिस्तर पर लिटा लिया। अपने दोनों हाथ मेरे गोरे गोरे गाल पर रख दिए और मेरे रसीले होठ चूसने लगी। वो मेरे उपर लेट गये थे ससुर जी के सारे बाल गिर गये थे और नाम मात्र के बाल रह गये थे। वो हुबहू अनुपम खेर की तरह लगते थे।

हम दोनों एक दूसरे के रसीले होठ चूसने लगे। मैं लाल रंग का ब्लाउस और साड़ी पहन रखी थी। ससुरजी मेरे होठो को मजे से पी रहे थे। फिर उनकी नजर मेरे आम जैसे मीठे गदराए जिस्म पर पड़ी। वो मुझे कसकर चोदना चाहते थे।

मैं भी आज ससुर जी से चुदवाना चाहती थी। वो नीचे मेरे बड़े बड़े गोल और रसीले मम्मो पर आ गये और ब्लाउस के उपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा। उ उ उ उ ऊऊऊ ऊँ.. ऊँ.. ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो मैं आहे भरने लगी.

कुछ ही देर में ससुर जी ने मेरे होठ हाथ को उपर की तरह कर दिया और मेरे दोनों 36 के सुडौल मम्मो पर कब्जा कर लिया और तेज तेज दबाने लगे। मैं भी गर्म होने लगी। धीरे धीरे ससुरजी ने मेरे लाल कसे और बेहद चुस्त मम्मे का ब्लाउस खोल डाला और निकाल दिया।

मैं सफ़ेद कॉटन वाली चुस्त ब्रा पहन रखी थी। मेरे कसे दूध देखकर अनुपम खेर से दिखने वाले मेरे ससुरजी की आँखों में लालच और चुदाई की हवस मैं साफ़ साफ़ देख सकती थी। फिर ससुर ने मेरा ब्रा भी निकाल दी। 2 बड़े बड़े रासिले दूध ठीक उसके सामने थे।

ससुरजी अपना आपा खो बैठे और मेरे दूध पर उन्होंने अपने 55 साल वाले हाथ रख दिए। अअअअअ अउ उ उ उ मैं उछल पड़ी। उसके बाद तो ससुरजी बेकाबू हो गए और मेरे दोनों दूध अपने दोनों हाथो से कसकर दबाने लगी। फिर मुंह में लेकर पीने लगे।

मैं तड़पने लगी आप 4 महीने बाद कोई मर्द मेरी चूचियों को मुंह में लेकर चूस और पी रहा था। आज मुझे परम और चरम दोनों सुख की प्राप्ति हो गयी। मैंने कोई विरोध नही किया और मस्ती से ससुरजी को अपना दूध पिलाने लगी।

वो मेरे बड़े बड़े चकोतरे को मुंह में लेकर चूस रहे थे। अअअअअ आहा हा हा हाँ कितना परम आनंद मिल रहा था उनको। उन्होंने बड़ी फुर्ती से अपना सफ़ेद कुर्ता पजामा निकाल दिया और कच्छा निकाल दिया। उनका लौड़ा बहुत बड़ा था और बहुत मोटा 8 इंच का था।

मैंने देखा तो मेरे मुंह में पानी आ गया। ससुरजी 45 मिनट तक तो मेरे चकोतरे ही पीते रहे फिर मेरी साड़ी पेटीकोट और पेंटी निकालकर मेरे दोनों पैर खोल दिए। उनको स्वर्ग का द्वार साफ दिख रहा था। आज सुबह ही नहाते वक़्त मैंने अपनी झांटे साफ़ कर ली थी। 

मैं नही चाहती थी की ससुरजी का मन बदले मैं चाहती थी की मेरे यौवन और रूप पर वो पूरी तरह से आसक्त हो जाए और मुझे सारी दोपहर वो चोदे हाँ मैं यही चाहती थी। ससुरजी मेरी चूत की मजार पर झुक गए और उन्होंने अपना माथा मेरी चूत पर टेक दिया और जीभ लगाकर मेरी बुर चाटने लगे।

ओह्ह्ह्ह झांट बनाने के बाद मेरा भोसड़ा कितना सफ़ेद और गोरा लग रहा था। मेरी गुलाबी चूत ने ससुरजी पर अपना जादू कर दिया था। किसी बांके लौंडे की तरह वो मेरी बुर मजे से पी रहे थे मेरी हाथ की चूड़ियाँ और पायल खनक रही थी और आवाज कर रही थी।

ससुरजी किसी 28 साल के नौजवान लौंडे की तरह मेरा भोसड़ा पी रहे थे मैं सी सी सी सी ऊँ..ऊँ ऊँ कर रही थी उन्होंने 25 मिनट मेरी चूत मुंह लगाकर पी और चाटी वो मुझे चोदने जा रहे थे पापा जी पहले मुझे अपना लौड़ा चूसा दीजिये फिर चोद लेना मैंने कहा.

उसके बाद वो बेड पर सीधा पीठ के बल लेट गये मैं उसके पेट पर झुक गयी और लौड़े को लेकर फेटने लगा 8 इंच का मोटा लौड़ा मेरे सामने था कुछ ही देर में वो लौड़ा बिलकुल खड़ा हो गया और मैं झुककर मुंह में लेकर चूसने लगी उफ्फ्फ्फ़ कितना मोटा और रसीला था मेरे ससुर जी का लौड़ा मैं मुंह में लेकर चूसने लगी और 15 मिनट लंड चुसाई की।

फिर उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरे पैर खोल दिए और मेरी चूत में लौड़ा डाल दिया आआआआ अह्हह्हह अई अई ईईईईईईई मैं चिल्ला। मेरे ससुर मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे मुझे बहुत मजा आ रहा था। ओह्ह्ह्ह माँ अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह उ उ उ.. उ उ उ उ उ अअअअअ आआआआ.

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मैं बार बार किसी चुदासी कुतिया की तरह चिल्ला रही थी धीरे धीरे ससुरजी ने अपनी रफ्तार पकड़ ली और मुझे पकापक चोदने लगे मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं बार बार अपनी गांड उठा रही थी ससुरजी तेज रफ्तार ने मुझे चोदने लगे और मेरी चूत घिसने लगे मेरी 36 की बड़ी बड़ी चूचियां तेज तेज उपर नीचे किसी गेंद की तरह उछलने लगी।

ससुर जी हा हा हा करके गुर्राने लगे और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे मैं बेचैन होने लगी और अपनी कमर उठाने लगी तभी ससुर ने अपना हाथ मेरी चूत के दाने पर लगा दिया और जल्दी जल्दी घिसने लगे और चोदने लगे मेरे पेटचूत और गांड में कंपकंपी लगने लगी मीठी मीठी लहरे मेरे पूरे जिस्म में दौड़ने लगी ससुर ने सवा घंटे मुझे चोदा और चूत में ही माल गिरा दिया। अब मैं रोज उनसे चुदवाती हूँ।

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