पड़ोस की आंटी की प्यासी चूत लंड की भूखी-Aunty Ki Chudai

पड़ोस की आंटी की प्यासी चूत लंड की भूखी

Aunty ki Chudai कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी पड़ोसन आंटी की जवान बेटी की चुदाई की फिराक में था मगर कुछ ऐसा हुआ कि बेटी से पहले मैंने आंटी की ही चुदाई कर डाली।

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सोहन है मैं हिमाचल का रहने वाला हूं आज मैं आपको अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहा हूं।

ये पोर्न सेक्स हिंदी कहानी उन दिनों की है जब मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में था।

मेरे पड़ोस में एक आंटी जी रहती थीं आंटी विधवा थी उनकी एक बेटी (शालिनी) और एक बेटा था। उनका बेटा मुंबई में जॉब करता था।

आंटी और उनकी बेटी अकेली ही रहती थी। वो मुझे अक्सर शाम को घर पर शालिनी को पढ़ाने के लिए बुला लेती थी. शालिनी बाहरवीं में थी और जवान हो रही थी।

मेरी नजर हमेशा शालिनी के जिस्म पर टिकी रहती थी उसकी खिलती जवानी मुझे उसको चोदने के लिए प्रेरित करती रहती थी मैं उसकी जवानी के रस को पीने वाला पहला लड़का बनना चाहता था।

Antarvasna Sex Story

उसकी गोल गोल चूचियां ऐसी कसी रहती थीं कि उनको दबाकर चोदने के लिए किसी का भी लंड खड़ हो जाये।

एक दिन ऐसे ही मैं उसको पढ़ाने के लिए गया हुआ था. गलती से मेरा मोबाइल उन्हीं के घर पर छूट गया मैं अपने घर आ गया था।

कुछ देर के बाद मेरी मां के फोन पर आंटी का फोन आया आंटी मेरी मां से कहने लगी कि सोहन अपना फोन यहीं पर भूल गया है।

मेरी मां से आंटी की कई बार बात होती रहती थी आंटी ने मां से कहा- सोहन को घर भेज दीजिये, वो आकर अपना फोन ले जायेगा।

मां मुझे मेरी लापरवाही के लिए डांटने लगीं फिर मुझे शालिनी के घर से फोन लाने के लिए कहा।

जब मैं उनके घर पर अपना फोन वापस लेने के लिए पहुंचा तो शालिनी की मां अपने आप ही मुस्करा रही थी मेरे हाथ में फोन पकड़ाते हुए आंटी बोली- सोहन, तुमने अपने फोन में मूवी तो बहुत अच्छी रखी हुई हैं।

अब मेरी गांड फटने लगी मेरे फोन में बहुत सारी पोर्न फिल्में थीं पर साथ में साधारण फिल्में भी थीं लेकिन आंटी कौन सी फिल्मों की बात कर रही थी ये मुझे पता नहीं चल रहा था।

फिर इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं आंटी ने मोबाइल में पोर्न फिल्में तो नहीं देखी, मैंने अनजान बनकर उनसे पूछा- थैंक्यू आंटी, मगर आप कौन सी मूवी की बात कर रहे हो? मेरे फोन में तो बहुत सारी मूवी रखी हैं।

वो मुस्कराकर बोली- वो वाली! मैं- आंटी, मैं समझा नहीं वो तपाक से बोली- नंगी फिल्मों की बात कर रही हूं. ज्यादा भोला मत बन तेरी मां को बताऊंगी तो सब याद आ जायेगा तुझे।

मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गयी मैंने तुरंत बात को संभालने की कोशिश करते हुए कहा- नहीं आंटी, आप मां को कुछ मत कहना मैं ये सब डिलीट कर दूंगा फोन में से।

आंटी- डरो नहीं, कुछ नहीं कहूंगी तेरी मम्मी को, ये बताओ कि गर्लफ्रेंड है क्या तुम्हारी?
मैं- नहीं आंटी, अभी तक तो कोई नहीं है आप मोबाइल दे दो मेरा!

मोबाइल मेरे हाथ में देते हुए वो बोली- फोन में लॉक लगाकर रखा करो मैं- ठीक है आंटी फिर मैं अपना फोन लेकर घर आ गया रात का खाना खाने के बाद सोने लगा तो नींद नहीं आ रही थी।

मेरे दिमाग में आंटी की बातें ही घूम रही थीं आंटी के लिए मेरे मन में सेक्स के ख्याल आने लगे थे ये सोच रहा था कि कैसे बेबाकी उसने मेरे साथ पोर्न फिल्मों की बातें कीं. क्यों न आंटी चूत भी चुदवा ले?

ऐसे ही सोचते सोचते मैंने ठान लिया कि जो होगा देखा जायेगा. पहले आंटी की चुदाई ही करनी है गर्म चूत है और जल्दी ही चुदने के लिए तैयार भी हो जायेगी।

उस दिन के बाद से आंटी को मैंने घूरना शुरू कर दिया. कभी छत पर तो कभी गली में, कभी उसके घर बहाने से चला जाता था तो उसको छूने की कोशिश करता था।

वो भी मुस्करा देती थी. वो समझ रही थी कि मैं उसकी चूत चोदने की फिराक में हूं। ऐसे ही एक दिन जब मैं शाम को उनके घर ट्यूशन देने गया तो मैंने पाया कि आंटी अकेली थी।

मैंने पूछा- आंटी, शालिनी कहां है? आंटी- वो अपने नाना के यहां चली गयी मैंने हैरानी से पूछा- कब? आंटी- आज सुबह ही तो निकली है. रात में उसके मामा आ गये थे उसका भी मन कर गया और सुबह वो उनके साथ ही निकल गयी।

मैंने कहा- ठीक है आंटी, जब वो है ही नहीं तो फिर मैं जाऊं? वो बोली- आ ही गये हो तो बैठ जाओ चाय बनाऊंगी तुम भी पी लेना एक कप मेरे साथ? मैं बोला- ओके।

वो चाय बनाने चली गयी और मैं टीवी देखने लगा आंटी घर में अकेली थी तो मेरे शैतानी दिमाग में आंटी की चुदाई के खयाल आने लगे. मैंने सोच लिया कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा चौका मार दे सोहन।

फिर आंटी चाय बना लायी जब वो मुझे कप पकड़ाने लगी तो मैंने आंटी का हाथ भी पकड़ लिया मैं बोला- बहुत मुलायम हाथ हैं आंटी।

वो एक अदा से बोली- बस हाथ ही मुलायम हैं क्या? मैं भी समझ गया कि आंटी भी पूरे मूड में है तो मैं बोला- बाकी चीजें तो मैंने कभी छूकर देखी ही नहीं।

इस पर वो मुस्करा कर मेरे साथ बैठ गयी मेरे पास बैठकर बोलीं- तो क्या इरादा है फिर?

अब मैंने भी दिल की बात कह दी- आंटी, मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो मेरी तो हिम्मत नहीं हो रही सब कुछ कहने की उसने मेरी ओर देखा. उसकी आंखों में एक प्यास थी।

फिर उसने कप को नीचे रख दिया मैंने भी कप को नीचे रख दिया बस फिर तो देखते देखते दोनों के होंठ मिल गये. हम दोनों किस करने लगे वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी।

अब मैं उठकर उसकी गोद में आ बैठा और उसके चेहरे को हाथों में थामकर अच्छी तरह से किस करने लगा कभी उसके निचले होंठ को काट रहा था तो कभी ऊपर वाले को।

उसकी सांसें तेज हो गयी थीं और मेरी भी। ऐसे ही 4-5 मिनट तक किस करने के बाद मैं उनके उपर से हटा।

Devar Bhabhi Ki Chudai

अब मैंने उनके मम्मों को उनके ब्लाउज़ से आजाद कर दिया उनके दोनों मम्मे खुले आसमान में आजाद पंछी की तरह हो गए।

अब मैंने उनकी साड़ी को हटा कर उनके पेटीकोट को भी खोल दिया और उनकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा. उफ्फ कितनी गर्म चूत थी।

मैंने उनके एक मम्मे को अपने मुंह में लिया और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा।

मैं जीभ से उनके निप्पल को चाट रहा था. निप्पल के किनारों पर मेरी जीभ घूम रही थी और आंटी की सिसकारियां निकलना शुरू हो गयी थीं आंटी मेरे सिर को सहलाती जा रही थी।

दोनों को मजा आने लगा था. मुझे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी इतनी मुलायम मोटी चूची चूस कर मन कर रहा था इनको दबा दबा कर इनका दूध निचोड़ लूं।

मेरे हाथों की पकड़़ बहुत ज्यादा तेज होती जा रही थी और आंटी ने अब सिसकारियों के साथ कराहना भी शुरू कर दिया था- आह्ह सोहन आराम से उम्म्म ऊईई आह्ह ओह्ह सीसी उफ्फ आह्ह।

ऐसे करते हुए वो चूचियां दबवा रही थी. उसकी कामुक आवाजें मुझे पागल कर रही थी अब उनके हाथ मेरी पैंट पर पहुंच गये मैंने चूचियों से मुंह हटा लिया और वो मेरी पैंट को खोलने लगी।

मेरी पैंट में मेरा लौड़ा पूरा तना हुआ था मेरे लंड पर हाथ फेरकर बोली- आह्ह बहुत मोटा है तुम्हारे अंकल की याद आ गयी मुझे आज!

मैं बोला- कोई बात नहीं आंटी. आपको मैं उतना ही प्यार दूंगा. ये लौड़ा अब आपका हुआ.
फिर उसने मेरी पैंट को उतरवा दिया और मैं अंडरवियर में हो गया। वो मेरे लंड को ऊपर से ही सहलाने लगी और मैं उसकी चूची दबाने लगा।

मैंने उनका हाथ अंडरवियर में डाल दिया और वो मेरे लंड को आगे पीछे करते हुए हिलाने लगी मेरे हाथ उसकी चूत को सहलाने लगे जब मुझसे रहा न गया तो मैं बोला- आंटी, इसको मुंह में भी लिया जाता है।

ये बोलकर मैंने अंडरवियर निकाल दिया मेरा फड़फड़ाता लौड़ा आंटी के सामने था मैंने उनके सिर को झुकाया और लंड चूसने का इशारा किया। उसने मुंह खोला और लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी मैं लंड को गले तक घुसाने लगा।

उसका गला रुकने लगा मगर मेरा जोश बहुत ज्यादा था मैंने लंड को पूरा दबा दिया और आंटी की सांस बंद हो गयी।

फिर उसने झटके से मेरे हाथ हटाये और एकदम से लंड को बाहर निकाल दिया वो हांफने लगी फिर हांफते हुए बोली- सब्र कर ले ना कुत्ते, आराम से करने दे मुझे।

मैं बोला- सॉरी. आप अपने हिसाब से कर लो फिर वो मस्ती में मेरे लंड को चूसने लगी मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगा मस्त लौड़ा चूस रही थी आंटी अंकल ने शायद बहुत चुसवाया होगा।

काफी देर तक वो चूसती रही और मैं उनकी चूत में उंगली करता रहा उसके बाद मैंने उनको उठने को कहा। वो उठी और मैंने उनको सोफे पर बैठा लिया।

उनकी टांगें खुलवा लीं और खुद टांगों के बीच में आकर चूत को चाटने लगा आंटी पगला गयी जोर जोर से अपनी चूचियों को दबाते हुए सिसकारने लगी। मैं भी चूत में जीभ देकर अंदर तक मजा देने लगा।

दो-चार मिनट के बाद ही बोल पड़ी- बस अब डाल दे और नहीं रुका जा रहा मैंने दो चार बार और ज्यादा जोर से जीभ से उनकी चूत चोदी और वो मेरे मुंह को जोर से चूत पर दबाने लगी।

अब मैंने चुदाई का मन बना लिया क्योंकि मेरा लंड भी बहुत देर से तना हुआ था मैंने एक बार फिर से आंटी के मुंह में लंड डाल दिया ताकि वो थूक से पूरा चिकना हो जाये।

थोड़ी देर चूसने के बाद अपने मुंह से मेरा लौड़ा निकालते हुए वो बोली- बस सोहन, अब जल्दी से अपने इस लौड़े को मेरी चूत में डाल दे। मैं- थोड़ा सब्र करो आंटी आंटी- जब से तेरे फोन में पोर्न सेक्स विडियो देखी है तब से सब्र ही करती आ रही थी अब नहीं हो रहा डाल दे तू बस।

मैं- तो आंटी आपने बताया क्यों नहीं पहले? आंटी- मैं तो उसी दिन तुमसे चुदने के लिए तैयार थी तू ही भाग गया अब ज्यादा बकवास न कर, जल्दी से चोद।

अब मैंने आंटी को लेटा लिया फिर अपने लौड़े का सुपारा आंटी की चूत पर रख कर रगड़ने लगा।

आंटी जोर जोर से सिसकारने लगी- आह्ह अम्म डाल दे ना हरामी क्यों मेरी चूत को तड़पा रहा है इसको अंदर डाल दे जल्दी।

मैंने अब अपना लौड़ा सीध में टिकाया और घुसाने की कोशिश करने लगा लेकिन चूत टाइट हो गयी थी कई सालों से आंटी चुदी नहीं थी शायद।

फिर वो खुद ही बोली- बहुत समय हो गया है लंड लिये हुए. आसानी से नहीं जायेगा. जोर लगा.

अब मैंने आंटी की कमर को थाम लिया और एक जोर का झटका मारा मेरा सुपारा गचक करके अंदर घुस गया और आंटी के मुंह से चीख निकल गयी- आह्ह मर गयी।

मुझे मगर मजा आ गया दोस्तो, ये चूतें लंड के लिए ही बनी हैं जब भी लंड चूत में घुसता है तो ऐसा लगता है कि सारे संसार का आनंद इसी छेद में है।

मैं तो धन्य हो गया आंटी की चूत में लंड डालकर एकदम से गर्म चूत थी मुझसे रुका नहीं गया और मैं आंटी की चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा।

दो मिनट के बाद आंटी की चूत ने लंड को अच्छी तरह जगह देना शुरू कर दिया और हम दोनों को चुदाई का मजा आने लगा। अब आंटी और मेरे मुंह से आनंद भरी सिसकारी निकल रही थी- आह्ह आह आह ओह्ह आआ आह।

धीरे धीरे मेरी स्पीड अपने आप ही बढ़ने लगी आंटी की चूत में अब गचागच लंड अंदर बाहर होने लगा।

चूत काफी पानी छोड़ रही थी और अंदर से पूरी चिकनी हो चुकी थी। मैं और तेजी से चोदने लगा और फिर दो मिनट बाद ही आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

चूत का पानी पूरे लंड को गीला करता हुआ सोफे पर बाहर निकल आया सोफा भी काफी एरिया में से गीला हो गया बहुत सारा पानी निकला आंटी की चूत से।

तभी मैं उठा और आंटी को घोड़ी बनने को बोला आंटी सोफे से नीचे उतर कर फर्श पर दोनों हाथों को आगे झुकाकर घुटनों पर आ गई। वो अपनी गांड को मेरे लौड़े से स्पर्श करने लगी।

तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न आंटी की गांड भी मारी जाए? मैं अपनी उंगलियों से आंटी की गांड के छेद को सहलाने लगा।

आंटी समझ गई कि गांड चुदाई होने वाली है वो बोली- आज नहीं सोहन, गांड नहीं दूंगी आज.
उसने एकदम से अपनी गांड को आगे कर लिया। मैं बोला- कोई बात नहीं, मैं आज नहीं मारूंगा गांड।

मैंने अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को अपनी ओर खींचते हुए अपने लौड़े को उनकी चूत से सटाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया।

फिर मैं जोर जोर से झटके मारने लगा अब आंटी एकदम कुतिया की तरह चुद रही थी।

कुछ देर चोदने के बाद अब मैं थकने लगा था किन्तु आंटी अपनी गांड को जोर जोर से आगे पीछे करके मेरा साथ देती जा रही थी।

फिर दो मिनट बाद तेज तेज धक्के लगाते हुए मैं आंटी की चूत में ही झड़ गया मैं वहीं आंटी पर निढाल हो गया फिर मैं उठा और नंगा ही सोफे पर आकर लेट गया।

आंटी उठी और सब कुछ ठीक करने लगी. फिर वो साफ सफाई करने लगी सब दुरुस्त करके जब वो कपड़़े पहनने चली तो मैंने उसको पकड़ लिया मेरा लंड अब फिर से तनाव में आने लगा था।

मेरे तने हुए लंड पर आंटी की नजर गयी तो वो बोली- इसको नीचे बैठा ले और घर जा वर्ना तेरी मां फोन करती ही होगी अब! मैंने फोन में टाइम देखा तो घंटा भर बीत गया था।

अब मैंने सोचा कि ज्यादा देर रुका तो ठीक नहीं होगा मैंने अपने घर जाने का सोचा. मगर लंड बैठ नहीं रहा था।

मैंने लंड को हाथ में लेकर आंटी को कहा कि इसका कुछ करो वो बोली- चोद चोद कर तूने मेरी चूत तो सुजा दी. अब क्या करूं मैं इसका? जा अब, कल आना।

मैं बोला- मुंह में लेकर ही कर दो आंटी फिर वो जल्दी से नीचे बैठी और मेरे लंड को मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी अबकी बार वो पहले भी ज्यादा तेजी से चूस रही थी।

Bhai Bahan Ki Chudai

आंटी की मस्त चुसाई पर मैं बोला- आप तो एक्सपर्ट हो आंटी पूरी! वो बोली- एक्सपर्ट तो मैं पहले से ही थी बस बहुत दिनों से आदत छूट गयी थी।

फिर वो दोबारा से लंड को चूसने लगी थोड़ी देर में आंटी ने चूस चूस कर मेरे लंड का फिर से माल निकलवा दिया। आंटी ने माल को अंदर ही गटक लिया और पूरा पी गयी।

उसके बाद मैं पैंट पहन कर अपने घर आ गया उस दिन के बाद न जाने कितनी बार मैंने आंटी की चुदाई की अब तो आंटी शालिनी से छुपकर भी चुदवाने लगी थी।

फिर उसके बाद एक दिन शालिनी को हमारे बारे में पता चल गया उसके बाद क्या हुआ वो मैं आपको फिर कभी बताऊंगा अगर आप आगे की पोर्न सेक्स हिंदी कहानी पढ़ना चाहते हैं तो कमेंट करें। इस कहानी के बारे में आपका कोई सुझाव हो तो वो भी लिख भेजें।

Recommended Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *