यह देसी फुद्दी की चुदाई कहानी सत्य घटना पर है जो कि मेरे और मेरी भाभी के बीच हुई थी ज्यादा पुरानी बात नहीं है 6-7 महीने पहले की घटना है आगे बढ़ने से पहले मैं आपको भाभी के बारे में थोड़ा बता देता हूं।
उनका नाम रानी है और उम्र 25 साल है रंग की थोड़ी सांवली है मगर फिगर ऐसा कि किसी भी हालत खराब कर सकता है गोल गोल चूचियां और बाहर की ओर उठी हुई गांड चलते हुए जब भाभी के दोनों कूल्हे आपस में रगड़ खाते हैं तो अच्छे अच्छे लंड आहें भरने लगते हैं भाभी की चूत चोद के चुदाई का दर्द मिटाया।
बात तब की है जब मैं बरेली से गांव गया था बड़े पापा के यहाँ उनके घर में बड़ी मम्मी और भैया-भाभी और उनके 2 बच्चे रहते हैं उनकी ननद यानि कि मेरी छोटी बहन पढ़ाई करने के लिए घर से बाहर शहर में रहती है।
Bhai Behan Sex Story
घर गया तो भैया और भाभी घर में थे बड़े पापा और बड़ी मम्मी कहीं काम से बाहर गए हुए थे और उनके बच्चे स्कूल गए हुए थे मैं रानी भाभी को बहुत पहले से ही चोदना चाहता था बहुत बार मैंने भाभी के नाम की मुठ भी मारी हुई थी।
मुझे कभी मुझे ऐसा मौका नहीं मिला था कि मैं भाभी को चुदाई के लिए मना सकूं उनकी मेरे साथ अच्छी बनती थी वो मेरे से बहुत घुल मिल गयी थी हम दोनों के बीच बहुत मस्ती मजाक होता रहता था वो मुझसे हमेशा ही खुश रहती थी मैं भी जैसे भाभी की हंसी का दीवाना था।
फिर वो दिन आ ही गया जिस दिन मैंने भाभी को जमकर चोदा उस दिन बड़े पापा और बड़ी मम्मी को किसी जरूरी काम से शहर जाना था संयोग से उसी दिन भैया को एक रिश्तेदार के यहां जाना पड़ा।
कहने मतलब कि उस दिन घर में केवल मैं और भाभी ही रहने वाले थे मेरे मन में पहले से ही गुदगुदी हो रही थी ये सोचकर कि भाभी पूरा दिन घर में अकेली रहेगी मैं भाभी की चुदाई के सपने देखने लगा था।
फिर उस दिन दोपहर में स्कूल से आने के बाद उनका बेटा अपने दादा-दादी के साथ चला गया उनकी बेटी हमारे साथ ही रह गयी वो अभी बहुत छोटी थी उसको दुनियादारी की फिक्र नहीं थी।
तो फिर सबके जाने के बाद घर में मैं, रानी भाभी और उनकी छोटी बेटी ही बच गये थे दिन बड़ी मुश्किल से गुजरा और किसी तरह शाम हुई फिर हमने रात का खाना खाया और रानी भाभी बच्ची को सुलाने के लिए अपने रूम में ले गयी।
अभी रात के 8 ही बजे थे और भाभी सारा काम खत्म करने के बाद टीवी सीरियल जरूर देखा करती थी मैं भी टीवी देख रहा था बच्ची को सुलाने के बाद भाभी भी टीवी देखने आई।
मुझे वो थोड़ी थकी थकी लगी तो मैंने उनसे पूछ ही लिया मैं- क्या हुआ भाभी? आप कुछ ठीक नहीं लग रही हो? तबियत तो ठीक है न आपकी भाभी- क्या बताऊँ दीपक बहुत थकान हो रही है घर का काम करते करते बहुत थक जाती हूं कल से तबियत भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है।
मैं- तो भईया को बताया क्यों नहीं वो बोली- अरे नहीं, वो पहले ही अपने काम में इतना व्यस्त रहते हैं वैसे मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन आज थकान ज्यादा हो रही है मैं- भाभी आप दवाई खाकर सो जाओ या आप अच्छे से पैर में मालिश करके सो जाओ इससे आपको आराम मिलेगा।
भाभी- दीपक तुम मेरी एक बात मानोगे मैं- हां भाभी, बोलो भाभी- क्या तुम मेरी मालिश कर दोगे यह बात सुनकर तो मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हो गया मन कर रहा था कि अभी उन पर टूट पड़ूं।
मगर मैंने कंट्रोल रखा मैं बोला- हां भाभी इसमें इतना पूछने की क्या बात है भाभी- ठीक है तो फिर तुम्हारे ही रूम में चलो मेरे रूम में तो गुड़िया सो रही है अगर आवाज से उठ गयी तो फिर और मुसीबत हो जायेगी।
मैं बोला- ठीक है तो फिर मेरे रूम में आ जाओ आप इतना बोलकर भाभी उठी और हम मेरे रूम में जाने लगे वो बोली- ठीक है दीपक तुम चलो मैं मालिश वाला तेल लेकर आती हूं जल्दी ही वो अपने रूम से तेल लेकर आ गयी।
मैंने भाभी को बेड पर लेटने को कहा भाभी बेड पर पेट के बल लेट गयी भाभी ने साड़ी पहनी थी तो मैंने उनको साड़ी पैरों पर ऊपर करने को कहा मेरे कहने पर उन्होंने साड़ी को घुटनों तक उठा लिया।
भाभी की चिकनी पिंडलियां मेरे सामने थीं मैं उनके पास बैठ गया और पैरों की मसाज करने लगा मालिश करवाते हुए भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था दस-पंद्रह मिनट तक मैंने उनके पैरों की मसाज की मगर वो आगे नहीं बढ़ रही थी फिर मैंने मसाज करना बंद कर दिया।
Chachi Ki Chudai
वो बोली- क्या हुआ? रुक क्यों गये मैंने कहा- पैरों की तो हो गयी है भाभी. कहीं और की मसाज भी करवानी है क्या वो बोली- दीपक, मेरा तो पूरा शरीर ही दर्द कर रहा है मगर तुम केवल कमर व पीठ की और कर दो उसके बाद मैं सोने चली जाऊंगी।
मैं- ठीक है भाभी लेकिन मैं आपके ब्लाउज के ऊपर से कैसे मालिश कर पाऊंगा भाभी- कोई बात नहीं तू हाथ अंदर डालकर कर देना।
फिर मैं भाभी की कमर व पीठ की मालिश करने लगा मगर हाथ अंदर नहीं जा पा रहा था
मैंने बोला- भाभी ऐसे नहीं हो पा रहा है मैं सही से नहीं बैठ पा रहा हूं आपकी जांघों पर बैठ कर सही से कर पाऊंगा।
इस पर भी भाभी ने हां में सिर हिला दिया मैं भाभी की जांघों पर बैठ कर पीठ और कमर की मालिश कर रहा था साथ में पीठ से नीचे आते समय मैं भाभी की गांड की दरार तक अपना हाथ ला रहा था।
भाभी को मजा सा आ रहा था और वो मुझे रोक भी नहीं रही थी उनकी गांड को बार बार छूकर जाने से मेरा लंड खड़ा हो चुका था मेरा लौड़ा उनकी गांड से टकरा रहा था साफ साफ महसूस करने के बाद भी भाभी मुझे रोक नहीं रही थी।
अब मैं आगे बढ़ना चाह रहा था क्योंकि यही सही समय था भाभी को गर्म करने का मैंने उनको बोला- भाभी, ब्लाउज खोल लो ताकि पीठ पर पूरी तरह से मालिश हो सके।
भाभी ने अपने ब्लाउज के दो बटन खोल दिये. अब उनकी ब्रा मुझे दिख रही थी मैं उसको भी उतरवाना चाहता था फिर मैंने खुद ही उनकी ब्रा के हुक खोल दिये।
वो बोली- ब्रा के हुक क्यों खोल दिये मैं बोला- ये हाथ में लग रहा था इसलिए खोल दिये इस पर फिर वो कुछ नहीं बोली अब मैं पीठ की मालिश करते करके अपने लंड को भी भाभी की गांड से रगड़ रहा था भाभी अब गांड को हल्का सा उठाने लगी थी मैं जान गया कि भाभी गर्म हो रही है।
मेरा हाथ उसकी गांड के अंदर तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भाभी की साड़ी को और ऊपर तक उठा दिया अब मुझे भाभी की पैंटी भी दिखने लगी थी अब मैं जांघों की मालिश करने लगा।
मालिश करते हुए मैंने भाभी की फुद्दी को एक बार हल्के से छू लिया मेरे लंड में एक जोर का झटका लगा भाभी की फुद्दी की गर्मी मुझे अपनी उंगलियों पर महसूस हुई फिर मैंने दोबारा भी ऐसा ही किया।
भाभी ने कुछ नहीं कहा मैं जान गया कि अब लाइन क्लियर है और भाभी चुदने के लिए आराम से तैयार हो जायेगी अब मैं भाभी को चुदाई के लिए उकसान चाहता था ताकि वो खुद ही लंड लेने के लिए कहने लगे।
मैं बोला- भाभी, आपकी बॉडी को और ज्यादा रिलेक्स करने का तरीका भी है मेरे पास वो बोली- क्या तरीका है मैं बोला- उसके लिए आपको मेरी एक बात माननी होगी वो बोली- कहो, क्या करना है।
भाभी से मैंने कहा- आपको अपने कपड़े थोड़े और उतारने होंगे ताकि मैं बॉडी के बाकी हिस्सों की भी मालिश कर सकूं वो बोली- ठीक है तुम खुद ही उतार लो जहां तक उतारने हैं ये सुनकर मैं खुश हो गया भाभी ने कंट्रोल मेरे हाथ में दे दिया था।
अब मैं उनकी साड़ी को खोलने लगा फिर मैंने पेटीकोट भी उतार दिया अब भाभी नीचे से केवल पैंटी में थी भाभी की गांड पर कसी हुई पैंटी बहुत मस्त लग रही थी मेरा मन कर रहा था उनकी गांड को जोर से दबा दूं।
मगर मैंने किसी तरह सब्र रखा फिर मैं उनके ऊपर लेट कर मालिश करने लगा मेरा लंड का सुपारा अब लोअर में से ही भाभी की पैंटी में घुसने की कोशिश करने लगा मेरे हाथ उनकी चूचियों के बगल से उनको दबाने लगे थे।
भाभी कसमसाते हुए हल्के से सिसकारने लगी थी फिर मैंने उनको पलटने के लिए कहा वो सामने की ओर घूमी तो उनका ब्लाउज और ब्रा भी उतर गये क्योंकि दोनों पहले से ही खुले हुए थे उनके मोटे बूब्स पूरे तनाव में लग रहे थे भाभी ने अपने बूब्स को हाथों से ढक लिया।
मेरी नजर पैंटी पर गयी तो देखा कि फुद्दी ने पानी छोड़ छोड़कर पैंटी को फुद्दी के मुंह के आसपास से गीली कर दिया था मैं भाभी की जांघों को मालिश देने लगा मेरे हाथ बार बार भाभी की फुद्दी की बगल में रगड़ कर आ रहे थे।
भाभी मदमस्त हो चुकी थी और जब उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी तो वो बोली- तू भी उतार ले मेरा तो सब कुछ देख लिया मैं ये सुनकर मुस्करा दिया अब तो भाभी ने साफ साफ कह दिया था मैंने झट से अपने टीशर्ट और लोअर को उतार फेंका और मैं भी अंडरवियर में आ गया।
मेरे अंडरवियर को भी मेरे लंड ने गीला कर दिया था मैं बोला- अब तो हाथों को हटा लो?
मेरे कहते ही भाभी ने बूब्स पर से हाथ हटा लिये अब मेरे हाथ भाभी के पेट से लेकर बूब्स तक की मालिश करने लगे।
मैं भाभी के बूब्स को दबाने लगा वो सिसकारने लगी धीरे धीरे करके मैं भाभी के ऊपर लेट ही गया हम दोनों के होंठ मिल गये और मुझसे अब रुका न गया भाभी ने भी मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया और मेरा हाथ सीधा उसकी पैंटी में चला गया।
मैंने होंठों को चूसते हुए उनकी फुद्दी में उंगली करना शुरू कर दिया दो-चार मिनट में ही भाभी पूरी चुदासी हो गयी. वो मेरे होंठों को काटने लगी और फुद्दी को लंड से टकराने लगी मैंने नीचे हाथ ले जाकर अपना अंडरवियर निकाल दिया।
भाभी ने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको हाथ से आगे पीछे करने लगी मैंने भाभी की पैंटी को उतारा और जोर से उसकी फुद्दी को हथेली से रगड़ने लगा उसकी फुद्दी ने पानी छोड़ छोड़कर मेरे हाथ को पूरा गीला कर दिया।
अब जब उससे रहा न गया तो बोली- अब देर मत कर दीपक मेरी बॉडी के साथ साथ मेरी फुद्दी का दर्द भी मिटा दे तूने आग लगा दी है इसमें भाभी ने फिर से मुझे अपने ऊपर खींच लिया और लंड को फुद्दी में रगड़ना चालू कर दिया।
मैं और पागल हो गया. जल्दी से मैं नीचे गया और फुद्दी को चाटने लगा भाभी मेरे सिर को फुद्दी में दबाने लगी इस बीच भाभी एकदम से झड़ गयी उसके बाद मैंने भाभी के मुंह में लंड दे दिया और उसको चुसवाने लगा।
थोड़ी ही देर में मेरा भी पानी निकल गया भाभी ने मेरे लंड के माल को अंदर ही गटक लिया फिर कुछ देर के लिए दोनों शांत हुए और मैंने एक बार फिर से भाभी के बूब्स के साथ खेलना शुरू कर दिया वो भी मेरे सोये हुए लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।
उसके बाद हम एक बार फिर से 69 की पोजीशन में आये और दस मिनट बाद फिर से मेरा लौड़ा तन गया फिर भाभी ने मेरा सिर पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मुझे किस करने लगी वो अपनी जीभ को मेरे मुंह में डाल कर जोर जोर से किस करने लगी।
उसके बाद भाभी ने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उसको फुद्दी में सेट किया फिर कमर से मुझे खींचते हुए लंड को फुद्दी पर दबाने की कोशिश करने लगी मैं समझ गया कि अब वो नहीं रुक पायेगी।
मैंने थोड़ा सा धक्का दिया तो पूरा लंड फुद्दी में घुस गया और मैं जोर जोर से भाभी की चुदाई करने लगा वो मस्त होकर सिसकारियां लेने लगी- आह्ह दीपक आह्ह जोर से आह्ह चोद और चोद आआ आहह आईई ओह्ह।
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को मेरे ऊपर आने को कहा वो भी तुरंत ऊपर आ गयी उसने फुद्दी में लंड लिया और उस पर कूदने लगी मैं उसकी चूचियों दबाते हुए नीचे से धक्के देने लगा थोड़ी देर में भाभी का पानी निकल गया और भाभी मेरे से चिपक गयी।
मैंने भाभी को नीचे लेटा लिया और धक्के मरना चालू रखा क्योंकि मेरा नहीं निकला था थोड़ी ही देर के बाद मुझे भी लगने लगा कि मेरा निकलने वाला है उनसे मैंने कहा- मेरा होने वाला है क्या करूं वो बोली- अंदर ही निकाल दे. ऑपरेशन करवा रखा है।
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फिर मैंने झटके लगाते हुए भाभी की फुद्दी में माल गिरा दिया हांफते हुए मैं भी उनके ऊपर ही लेट गया मैं उनसे चिपका रहा और कुछ देर में मेरा लंड सिकुड़ कर फुद्दी से बाहर आ गया पता नहीं कब हम दोनों को नींद आ गयी।
फिर रात में जब आंख खुली तो मैंने फिर से उनकी फुद्दी को सहलाना शुरू कर दिया उसके बाद रात में चुदाई के तीन राउंड हुए बीच बीच में वो उठकर अपनी बेटी को देखकर आ जाती थी और वापस आकर फिर मुझसे लिपट जाती थी।
इस तरह से हमने रात भर मजे लिये दोस्तो, उसके बाद मैंने भाभी की गांड चुदाई भी की उनकी गांड मारने की कहानी मैं आपको अगली बार बताऊंगा।