मैथ्स टीचर ने मेरी गुलाबी चूत चोदी-Teacher Sex Story

मैथ्स टीचर ने मेरी गुलाबी चूत चोदी

हेल्लो दोस्तों, मैं आप सभी का topcityescort.com में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मेरा नाम प्रीती देशमुख है। मैं पिछले कई सालों से topcityescort.com की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ और मजे नही लेती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।

मैं आजमगढ़ की रहने वाली हूँ। इस समय मैं 12th में पढ़ रही हूँ। मेरे मैथ्स के तरुण सर मुझे रोज ही ताड़ा करते थे। मेरे बैच में 20 जवान लड़कियाँ थी पर मैं सबसे जादा हॉट और सेक्सी माल थी। धीरे धीरे तरुण सर मुझे घूर घूर कर देखने लगे। 

मैं समझ नही पा रही थी की आखिर वो ऐसा क्यूँ कर रहे है। एक दिन बहुत बारिश हो रही थी। ट्यूशन में सिर्फ मैं ही आई थी। बाहर तूफान भी आ गया था। तेज हवाएं चल रही थी। तरुण सर मेरे पास आकर बैठ गये और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और किस कर लिया। सर ये आप क्या कर रहे है मैंने हैरान होकर तरुण सर से पूछा।

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प्रीती तुम मुझे बहुत ही सुंदर और सेक्सी माल लगती हो। जिस दिन से मैंने तुमको देखा है बस मैं तुम्हारे लिए पागल हो गया हूँ। प्रीती आई लव यू तरुण सर बोले और मेरे पास आकर उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया। पर मुझे ये सब अच्छा नही लग रहा था।

सर आप जैसा सोच रहे है मैं उस तरह की लड़की नही हूँ मैंने कहा और मैं तुरंत वहां से घर चली आई। कई दिन तक मैं तरुण सर के पास ट्यूशन पढने नही गयी थी। रात में मुझे बार बार तरुण सर की बात याद आती थी। 

प्रीती तुम बहुत सुंदर हो। धीरे धीरे मुझे तरुण सर अच्छे लगने लगे। एक दिन जब शनिवार था मैंने सर को एक लव लेटर अपनी कॉपी में रखकर दे दिया। जब शाम के 7 बजे सारी लड़कियाँ अपने अपने घर चली गयी मैं तरुण सर के पास रुक गयी। प्रीती कहो तुम्हारे दिल में क्या है क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो सर बोले हाँ सर मैं आपसे प्यार करने लगी हूँ मैंने कहा।

उसके बाद हम लोगो की बातचीत बंद हो गयी थी। सर ने मुझे पकड़ लिया और गाल पर किस करने लगे। उन्होंने फोग का परफ्यूम लगा रखा था जो बहुत महक रहा था। धीरे धीरे सर मुझे अच्छे लगने लगे। हम दोनों ने एक दूसरे को बाहों में भर लिया और किस करने लगे। सच तो ये था की आज मैं कसके चुदवा लेना चाहती थी। 

मेरी रसीली चूत में कई दिन से खुजली हो रही थी। अगर आज तरुण सर मुझे चोद देते तो मुझे बहुत मजा मिल जाता। धीरे धीरे तरुण सर मेरे पास आ गये और मेरे गुलाबी होठों पर उन्होंने अपने गुलाबी होठ रख दिए। फिर वो चूसने लगे। 

हम दोनों एक दूसरे के लब पीने लगे। धीरे धीरे हम दोनों गर्म होने लगे। फिर तरुण सर ने मुझे पकड़ लिया और सीने से लगा लिया। मैं उसकी गर्लफ्रेंड की तरह उनसे चिपक गयी थी। वो मेरी पीठ सहला रहे थे। धीरे धीरे मैं भी तरुण सर को अपना मान चुकी थी।

हम दोनों फिर से किस करने लगे थे। सर के हाथ मेरे 36 के बूब्स पर चले गये। दोस्तों मैं 22 साल की एक जवान और बेहद खूबसूरत लड़की थी। मैं बहुत गोरी और सुंदर लड़की थी। मेरा बदन बहुत गोरा, भरा हुआ और सुडौल था। मेरा फिगर कमाल का था। 

मैं बहुत सेक्सी और हॉट माल लगती थी। 36, 30, 34 का फिगर था मेरा। छरहरा और बिलकुल फिट। मेरे घर के आसपास के लकड़े मुझे माल, सामान, आईटम बुलाते थे। जब मैं घर से बाहर निकलती थी तो वो चौराहे पर खड़े रहते थे। मेरा ही इन्तजार करते रहते थे।

मुझे बार बार पलट पलट कर देखते थे। मैं अच्छी तरह से जानती हूँ की वो मुझे बहुत पसंद करते है, मेरे मस्त मस्त मम्मे वो पीना चाहते है और मेरी रसीली बुर वो चोदना चाहते है। मेरी एक एक मुस्कान पर कितने लड़कों का क़त्ल हो जाता है। 

उनका दिल उछलकर बाहर आ जाता है। सब मुझसे बात करना चाहते है और बस मिलने का कोई बहाना ढूँढना चाहते है। वो मुझसे बार बार मेरा फोन और व्हाट्सअप नॉ मांगते थे, पर मैं मना कर देती थी। सभी मुझे बस एक बार जी भर के चोदना और खाना चाहते है। ये बात मुझे मालुम थी।

इसलिए कुल मिलाकर मैं बहुत ही झक्कास लड़की थी। तरुण सर तो मेरे पीछे बहुत दिनों से पागल थे। आज वो मेरी चूत [चूत] मारने वाले थे। धीरे धीरे सर के हाथ मेरी 36” की चूचियों पर जाने लगे। वो मेरे रसीले बूब्स दबाने लगे। मुझे भी अच्छा लग रहा था। 

कुछ देर बाद तरुण सर ने मेरे दुपट्टे को खीच कर मेरे लगे से निकाल दिया और किनारे मेज पर रख दिया। मैं गुलाबी रंग का बहुत खूबसूरत सलवार कमीज पहन रखा था। सर मेरे मम्मे दबाने लगे। मैं अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ अअअअअ आहा हा हा हा” की आवाज निकालने लगी।

दोस्तों आज मेरा भी चुदने का मन कर रहा था इसलिए मैं सर को नही रोका। मैंने उनको मना नही किया। फिर तरुण सर ने मुझे एक लम्बी बेंच पर लिटा दिया। इसी बेंच पर बैठ कर सब बच्चे पढ़ते थे। सर मेरे उपर लेट गये। मेरे बूब्स हाथ से दबाने लगे और मेरे रसीले होठ फिर से चूसने लगे। 

दोस्तों अब मुझे बहुत हॉट और सेक्सी फील हो रहा था। पता नही क्यों मैं तरुण सर को कुछ बोल ही नही पा रही थी। जो जो वो मेरे साथ कर रहे थे मैं उनको करने दे रही थी। इसी तरह से तरुण सर पूरे 20 मिनट तक मेरे साथ चुम्मा चाटी करते रहे। मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैं सर से चुदना चाहती थी।

सर क्या आज आप मेरी चूत में लौड़ा देंगे मैंने बड़े प्यार से पूछा प्रीती मेरी जान आज तक मैंने इस लौड़े से 5 लौंडियों को चोदा है। आज मैं इससे मोटे मूसल जैसे लौड़े से तुम्हारी मुलायम चूत को फाड़ दूंगा तरुण सर बोले।

उसके बाद उन्होंने मेरा सलवार का नारा खोल दिया और सलवार निकाल दी। मेरी कमीज, ब्रा और पेंटी भी सर से खोल दी। जब वो एक एक करके अपने शर्ट की बटन खोलने लग गये तो मेरा दिल धक धक कर रहा था। मैं डरी हुई थी। 

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आखिर में तरुण सर ने अपना कच्चा बनियान भी निकाल दिया। उनका लौड़ा 8 इंच मोटा था। उसे देखकर मैं भयभीत हो गयी थी। तरुण सर मेरे उपर आकर लेट गये और मुझे बाहों में भर लिया। दोस्तों मैं पूरी तरह से नंगी थी। 

तरुण सर मेरे गले गाल चेहरे, आँखों, कन्धो, मेरे जिस्म के हर अंग को चूम रहे थे। मुझे भी अच्छा लग रहा था। धीरे धीरे मैं सर की पीठ को अपने हाथ से सहलाने लगी। फिर तरुण सर ने मेरे 36 के बूब्स पर हाथ रख दिया। मैं सिसक गयी। सर मेरे खूबसूरत दूध को दबाने लगे। मैं अई अई अई अई इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आवाज निकालने लगी।

आज जिन्दगी में पहली बार कोई मर्द रसीली चूची को पी रहा था। मुझे तो बहुत सुख मिल रहा था। तरुण सर मेरे मम्मो को तेज तेज हाथ से दबाकर भरपूर मजा ले रहे थे। मेरे मम्मे बहुत ही गुलाबी और गोल मटोल थे। तरुण सर ने आजतक कई लौंडिया चोदी थी पर किसी के बूब्स मेरे इतने बड़े नही थे। 

आधे घंटे तक सर मेरे बूब्स को दबाते रहे और पीते रहे। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। धीरे धीरे मेरे जिस्म में चुदाई की आग जल चुकी थी। आज मैं कसके चुदवाना चाहती थी। सर का मोटा बेरहम लंड अपनी छोटी सी चूत में खाना चाहती थी। धीरे धीरे तरुण सर और तेज तेज मेरे बूब्स दबाने लगे। मैं ही ही ही ही ही अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह उ उ उ की आवाज निकाल रही थी।

प्रीती मेरी जान। सच में तुम बहुत सेक्सी माल हो सर बोले दोस्तों मेरी चूचियों की निपल्स उपर की तरफ उठी हुई थी जो बेहद सेक्सी लग रही थी। मेरी चूची के चारो तरह काले रंग के बड़े बड़े छल्ले थे जो बहुत सेक्सी लग रहे थे। मेरी जवानी रूप रंग और यौवन को देखकर मेरे मैथ्स के टीचर तरुण सर पूरी तरह से पागल हो गये थे। 

वो तो बस मेरी चूची चूसते ही जा रहे थे। एक सेकंड को भी रुकने का नाम नही ले रहे थे। कुछ देर बाद मैं इतनी गर्म हो गयी की खुद ही मैं अपनी चूत में ऊँगली करने लगी। ओह्ह तरुण सर मेरी जान अब मुझे और मत तड़पाओ और जल्दी से मेरी गर्म चूत में अपना लौड़ा डाल दो!!” मैं कह दिया।

उसके बाद तरुण सर ने मेरी चूचियों को चुसना बंद कर दिया। मेरे पैर उन्होंने खोल दिए और मेरी चूत में अपना मोटा 8 इंच का लंड डाल दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगे। दोस्तों सर का लंड तो मेरी चूत को कसके चोदने लगा। मैं जोर जोर से मराने लगी। 

मैंने खुद अपनी टाँगे खोल दी जिससे तरुण सर का लंड अंदर गहराई तक मेरी चूत में चला जाए। धीरे धीरे तरुण का लंड पूरा का पूरा 8 इंच अंदर मेरी चूत में घुस गया था। मुझे बहुत जोर का दर्द भी हो रहा था। पर साथ ही अच्छा भी लग रहा था। 

मेरा लगा सुख रहा था। सर तो जल्दी जल्दी मेरी चूत मार रहे थे। धीरे धीरे उनके धक्के तेज और जादा तेज होने लगे। जिस बेंच पर मैं चुदा रही थी वो हिलने लगे। मुझे डर लगा की कहीं मैं नीचे ना गिर जाए। तरुण सर ने अपने दोनों हाथ मेरे शानदार खूबसूरत 36” के बूब्स पर रख दिया और सहलाने लगे। 

मुझे एक नशा सा हो गया था। आज तो मैंने सारी हद पार कर दी थी। अपने सर का मोटा लंड मैं ट्यूशन में खा रही थी। धीरे धीरे तरुण सर को और जादा सेक्स का नशा चढ़ रहा था। वासना अब उनके दिमाग में बैठ गयी थी। वो मुझे और जादा समय तक लेना चाहते थे।

इसी बीच सर के ताबड़तोड़ धक्के से फिर से मेज हिलने लगे। तरुण सर ने मेरी चिकनी चूचियों को और तेज तेज दबाना शुरू कर दिया। मैं आई आई आई अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा की आवाज निकाल रही थी। आज मैं अपने सर से मराकर एक रंडी बन गयी थी। 

मेरे जिस्म में वासना की आग जल उठी थी। हाँ आज मैं सारी रात चुदाना चाहती थी। तरुण सर तो बस जल्दी जल्दी अपनी कमर घुमा रहे थे और मेरी रसीली चूत को फाड़ रहे थे। जैसे मैं कोई आवारा छिनाल थी। सर ने मेरी कमर और पेट को सहलाना शुरू कर दिया और जल्दी जल्दी मुझे पेलने लगे। 

मैं अपनी कमर और गांड हवा में उपर उठाने लगी। क्यूंकि मुझे बहुत जादा उत्तेजना महसूस हो रही थी। इस तरह तरुण सर ने मुझे 25 चोदा। अब तो जैसे मेरी चूत से आग की गर्म गर्म लपते निकल रही थी। मैं जानती थी ये मेरी कामवासना की अग्नि की धधकती लपटे थी।

ओह्ह गॉड ओह्ह गॉड फक मी हार्डर कमाँन फक मी हार्डर फक माई पुसी मैं बड़बड़ाने लगी तरुण सर अब समझ गये थे की मैं पूरी तरह से चुदासी हो चुकी हूँ। इसलिए उन्होंने मेरी कमर को दोनों हाथ से कसके पकड़ लिया और तेज तेज धक्के मेरी रसीली चूत में मारने लगे।

वो मेरी बुर बेरहमी से फाड़ रहे थे। मैं बार बार अपना मुंह किसी मछली की तरह खोल दे रही थी। क्यूंकि मुझे बहुत बेचैनी हो रही थी और सेक्स टेंशन हो रही थी। मैं बार बार मुंह से गर्म हवा छोड़ रही थी। 

मैं चाहती थी की तरुण सर मेरी चूत को आज पूरी तरह से फाड़ दे की मेरा एक महीने का कोटा पूरा हो जाए। और मैं उनसे रोज रोज चोदने न ना बोलू। दोस्तों तरुण सर ने 45 मिनट नॉन स्टॉप मेरी चूत में लंड दिया, फिर झड गये। मेरी गुलाबी चूत में उन्होंने अपना पानी निकाल दिया।

वो मेरे उपर लेट गये थे। उसका चेहरा बता रहा था की वो बहुत थक गये थे। मुझे भी चुदवाने में काफी मेहनत खर्च करनी पड़ी थी। मैं भी थक गयी थी। मैंने तरुण सर को बाहों में भर लिया और किस करने लगे। मैं उसकी आँखों, गाल, होठो, गले पर किस कर रही थी। 

करीब आधा घंटे तक हम दोनों इसी तरह नंगे नंगे एक दूसरे के उपर लेटे रहे। आज मैं अपने मैथ्स के सर से चुद चुकी थी। आज मैंने उनके मोटे लंड से अपनी बुर फड़वा ली थी। हम दोनों काफी देर तक बाते करते रहे। क्यों प्रीती जान बोलो चुदाई में मजा आया की नही सर ने पूछा सर मजा तो मुझे बहुत आया मैंने कहा।

उसके बाद हम फिर से प्यार करने लगे। अब तरुण सर मेरी गांड चोदना चाहते थे। उन्होंने ट्यूशन वाली बेंच पर ही मुझे कुतिया बना दिया। और मेरे खूबसूरत पुट्ठो को चूमने लगे। दोस्तों मेरे पुट्ठे बहुत ही सेक्सी थे। फिर उन्होंने हाथ से मेरे पुट्ठों को खोल दिया और मेरी गांड चाटने लगे। 

मुझे गुदगुदी होने लगी। मैं उ उ उ उ ऊऊऊ ऊँ ऊँ ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा ओ हो हो की आवाज निकाल रही थी। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। आजतक मैंने किसी मर्द से अपनी गांड नही चटाई थी। साथ ही मुझे बड़ा गर्म लग रहा था। 

तरुण सर तो बहुत बड़े गांडू थे। मेरी गांड को चाटने और पीने में उनको पता नही कौन सा मजा मिल रहा था। वो जल्दी जल्दी मेरी कुवारी गांड को पी रहे थे। इधर मेरी चूत गीली हुई जा रही थी।

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आज वो मेरी गांड कसके चोदने वाले थे। मैं भी तैयार थी। फिर तरुण सर ने मेरी कुवारी गांड में थूक दिया और अपना मोटा अंगूठा उसमे डाल दिया। उई उई उई माँ ओह्ह्ह्ह माँ अहह्ह्ह्हह बोलकर मैं उछल पड़ी थी। क्यूंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था। 

तरुण सर की आँखों में सिर्फ और सिर्फ वासना की भूख थी। वो मेरी गांड चोदने के प्यासे थे। आज कसके वो मेरी गांड मारना चाहते थे। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। उन्होंने फिर से मेरी गांड में थूक दिया जिससे छेद चिकना हो गया। वो जल्दी जल्दी अपना अंगूठा चलाने लगे। 

मैं सिसक रही थी, कराह रही थी। मेरी आँखों में आंसू आ गया था। फिर उन्होंने मेरी गांड में लंड डालकर जोर से धक्का मारा जिससे उनका लंड भीतर घुस गया। दोस्तों उसके बाद तो मेरे तरुण सर ने करीब 30 मिनट कुतिया बनाकर मेरी गांड चोदी। 

ट्यूशन में जिस बेंच पर बैठ कर मैं रोज पढ़ती थी उसी पर आज मैं चुद गयी थी। उसी बेंच पर मैंने आज गांड मरा ली थी। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स topcityescort.com पर जरुर दे।

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