ठंड थी बहुत आंटी की चूत थी हॉट-Aunty Ki Chudai

ठंड थी बहुत आंटी की चूत थी हॉट

देसी आंटी की चूत चोदी मैंने होटल के कमरे में मैं आंटी के साथ शादी में गया था बारिश आने से हमने होटल में रुकना पडा सर्दी के कारण हमने रम मंगा ली मेरा नाम अजय है मैं दिल्ली से हूं यह सेक्स कहानी हमारे पड़ोस में रहने वाली आंटी और मेरी है जिसमें मैंने देसी आंटी की चूत चोदी।

आंटी का नाम गुलनूर है उनकी उम्र 38 साल थी और मेरी 22 साल की उनका फिगर कमाल का था मैं आंटी की सेक्सी फिगर से बहुत उत्तेजित था और उन्हें चोदना चाहता था एक दिन आंटी को शादी में जाना था शादी 24 किलोमीटर दूर के एक फार्म हाउस से थी।

उन्होंने मेरी मम्मी से कहा कि अजय को मेरे साथ शादी में भेज दो उसके अंकल को बुखार आ गया है और शादी में जाना जरूरी है मेरी मम्मी ने हां कर दी वह दिसंबर का महीना था मैं और आंटी बाइक पर चल दिए शाम 7 बजे तक हम दोनों शादी वाली जगह पर पहुँच गए थे।

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उधर एक डेढ़ घंटा रुकने के बाद हम वापस चल दिए जब मैं बाइक पर उन्हें पीछे बिठाए हुए बाइक चला रहा था तो उनके दूध मेरी पीठ को स्पर्श कर रहे थे पर जैकेट की वजह से मजा नहीं आ रहा था हम थोड़ी दूर ही चले थे कि बारिश आ गई; हम दोनों भीग गए।

मैंने आंटी से कहा- बाइक पर सर्दी बहुत लग रही है बारिश भी तेज हो गई है. इस वजह से घर नहीं जा सकते हैं किसी होटल में रुक जाते तो ठीक रहेगा गुलनूर आंटी ने कहा- ठीक है घर पर फोन कर देंगे हम दोनों एक होटल में आ गए।

मैंने काउंटर पर जाकर एक कमरे के लिए बात कही तो मैनेजर ने एक कमरा दे दिया मैंने औचरिकता पूरी की और हम दोनों कमरे में आ गए कमरे में आते ही मैंने आंटी से कहा- आप कपड़े बदल लो आंटी हंसने लगीं और बोलीं- इधर कपड़े कहां से आएंगे।

मैंने बाथरूम में जाकर देखा तो दो बाथरोब्स रखे हुए थे तो मैंने अपने कपड़े उतारे और एक बाथगाउन को पहन लिया उसके बाद मैंने आंटी को आवाज दी और उनसे कहा- आप अपने कपड़े उतार कर बाथरोब पहन लीजिए ये कहते हुए मैं बाहर आ गया।

आंटी ने मुझे बाथरोब पहने हुए देखा तो वे भी अन्दर चली गईं और दूसरा बाथरोब पहन कर बाहर आ गईं इधर मुझे ठंड लग रही थी तो मैंने फोन से रिसेप्शन पर व्हिस्की के लिए बोल दिया, साथ ही सिगरेट की डिब्बी के लिए भी कह दिया एक मिनट बाद आंटी भी कमरे में आ गईं।

वे गजब की माल लग रही थीं उनके दूध बिना ब्रा के बाथरोब में हिलते हुए बड़े मस्त लग रहे थे और बाथरोब का गला भी कुछ ज्यादा खुला था तो दूध घाटी भी लंड को खड़ा कर रही थी मैंने आंटी को देखा तो वे मुस्कुरा दीं और बोलीं- यार, मुझे तो बड़ी सर्दी लग रही है।

तो मैंने कहा- कुछ गर्म करने वाली चीज मँगवाई है यदि आपको चले तो ले लेना वे बोलीं- क्या मँगवाया है मैंने कहा- व्हिस्की आंटी बोलीं- अरे रम मँगवाते सर्दी में तो रम मजा देती है मैंने झट से फोन पर व्हिस्की की जगह रम लाने की कह दी।

साथ में कुछ भुने हुए काजू और नमकीन पिस्ता के लिए भी कह दिया अगले कुछ ही पलों में वेटर सामान ले आया मैंने दो गिलासों में पैग बनाए और आंटी से पूछा- क्या लेंगी पानी या सोडा आंटी बोलीं- जो तू ले वही मुझे भी बना कर दे दे।

मैंने कहा- मैं तो ऑन द रॉक्स लेता हूँ आंटी ने भी हंस कर कह दिया कि हां वही मेरे लिए बना दे सर्दी को बर्फ ही खत्म करेगी मैंने दो गिलासों में बर्फ डाली और रम के पैग बना दिए आंटी ने चीयर्स बोल कर जाम टकराए और मैं देखता ही रह गया।

आंटी ने एक बार में ही सारा पैग गले के नीचे उतार लिया उन्होंने एक अजीब सा मुँह बनाया और काजू उठाया कर स्वाद सही करने लगीं मैंने उनका गिलास वापस भर दिया उसी के साथ मैंने सिगरेट सुलगाई तो आंटी ने भी एक सिगरेट सुलगा ली।

दारू एक ऐसी चीज होती है जो सभी में झट से दोस्ती करवा देती है और बड़े छोटे का भेद खत्म हो जाता है कुछ ही देर में आंटी के तीन पैग खत्म हो गए थे और मेरे दो आंटी की सर्दी खत्म हो गई थी तो उन्होंने अपने बाथरोब की डोरी को ढीला कर दिया और उनके बड़े बड़े दूध अपनी छटा बिखेरने लगे।

मेरी आंखों में नशे के साथ वासना का सुरूर भी दिखने लगा था आंटी ने अपने पैर फैला कर टेबल पर रखे और दोनों टांगें मोड़ दीं उनकी उंगलियों में सिगरेट दबी हुई थी और मेरी आंखों में उनकी चूत बस गई थी जो सामने से साफ नंगी दिख रही थी।

मैंने उनकी चूत देख कर सीटी बजा दी आंटी ने धुआं के छल्ले हवा में उड़ाए और हल्की सी मुस्कान देते हुए अपनी चूत को थोड़ा और झलका दिया उनकी चूत देख कर मैंने होंठों पर जीभ फेरी और अपनी दोनों टांगों के बीच में अपना हाथ डाल कर लंड को सहलाया।

मेरा लंड सख्त होने लगा था और बाथरोब से दिखने लगा था आंटी ने कहा- तेरी लौकी दिख रही है मैंने कहा- थोड़ी थोड़ी दिख रही है या पूरी दिख रही है आंटी हंस कर बोलीं- जब पूरी दिखेगी, तो लौका कहूँगी मैंने कहा- अरे यार, उसे लौका नहीं कहते हैं, लौड़ा कहते हैं।

आंटी हंस दीं और अपनी चूत को अपने हाथ सहलाती हुई बोलीं- लौड़ा तो वह जब बनेगा जब उसे मेरी चूत बुलाएगी अब आंटी को रम सर चढ़ कर बोलने लगी थी और वे लंड चूत की भाषा बोलने लगी थीं उन्होंने एक पैग और बनाया और आधा गटक कर उठ खड़ी हुईं.

मेरे सामने उन्होंने अपने बाथरोब की डोर खोल दी थी और एक झलक अपनी चूत व चूचियों के दिखा कर उन्होंने फिर से बाथरोब को बिना डोरी बांधे समेट लिया मैंने सिगरेट फूंकते हुए कहा- अरे यार आंटी क्यों शर्मा रही हो इधर हम दोनों के अलावा और कौन है जो देखेगा। 

आप अपना बाथरोब उतार ही दो उन्होंने कहा- फिर तो मुझे ठंड लगेगी मैंने कहा- नहीं लगेगी मैं हूँ ना वे हंसी और बोलीं- लगेगी कोई और तरीका बता मैंने कहा- हां एक तरीका और है वे मेरी उंगली से सिगरेट लेती हुई बोलीं- क्या मैंने कहा आप अपना बाथरोब उतार कर बिस्तर में लेट जाओ और कंबल ओढ़ लो।

वे बोलीं- फिर मैंने कहा- आप इतना तो करो यार आंटी बड़ा तरसा रही हो आप आंटी ने अपने बाथरोब को उतारा और कम्बल में लेट गईं अब मैंने भी अपने लौड़े को बाथरोब से बाहर निकाला और आंटी के गिलास में बची दारू में डुबो कर बाहर निकाला।

आंटी देख रही थीं वे बोलीं- ये क्या कर रहा है तू मैंने कहा- अरे यार आंटी मेरे लौड़े को भी सर्दी लग रही थी न तो मैंने उसे भी रम चखा दी अब ये भी गर्म हो जाएगा आंटी हंसने लगीं और बोलीं- अबे तू चूतिया है लौड़े को गर्म करने के लिए इसे चूत में डालना पड़ता है दारू से इसे झांट असर नहीं होगा।

मैंने कहा- अब चूत में कैसे डाल दूँ वे बोलीं- क्यों दिक्कत क्या है तू भी उतार दे अपना गाउन और आ जा मेरे साथ मैंने झट से अपना गाउन उतारा और उनके सामने अपना लंड हिलाने लगा मेरा लंड खड़ा देख कर आंटी की चूत में आग लग गई और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ कंबल में खींच लिया।

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अब मैं भी उनके साथ कंबल के अन्दर पूरा नंगा घुस गया था आंटी भी मेरी बांहों में बिल्कुल नंगी थीं उन्होंने जिस्मों के मिलन की खुशी में एक पैग लेने की बात कही मैंने बिस्तर पर लेटे लेटे हुए ही व्हिस्की को गिलास में भरा और आंटी के मुँह से लगा दिया आंटी ने एक सिप लिया और मेरे मुँह से मुँह लगा कर मुझे भी शराब पिला दी।

अब हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना चालू कर दिया मैंने उनके स्तनों को मसलन और चूसना शुरू कर दिया कुछ ही देर में हमारी सर्दी दूर हो गई और आंटी ने कंबल दूर कर दिया हम दोनों एकदम नंगे एक दूसरे को देख रहे थे आंटी की नंगी चूत और चूचियां देखते ही मेरा लंड हाहाकार मचाने लगा।

मैंने उन्हें अपने नीचे लिया और उनके ऊपर चढ़ गया थोड़ी ही देर बाद हम दोनों में सेक्स शुरू हो गया मैंने आंटी के चूचों के बीच लंड फंसाया और मम्मों को चोदना चालू कर दिया मेरा लंड आंटी के मुँह तक जा रहा था और आंटी बड़े मजे से अपनी जीभ निकाल कर मेरे लौड़े के टोपे को चूसने में लगी थीं।

अब आंटी को लंड के टच से मजा आने लगा था मैंने अपना एक हाथ पीछे किया और आंटी की चूत पर रख दिया आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल चिकनी चूत थी उनके मुँह से आवाज आ रही थी- अब देर मत करो जल्दी से अन्दर पेल दो।

मैं आंटी की चूत चुदाई के लिए नीचे को सरक आया और उनकी चूत के ऊपर अपना लंड टिका कर सैट कर दिया ऐसा लग रहा था, जैसे मैं जन्नत में आ गया हूँ आंटी भी फुल गर्म हो गई थीं और बार बार गांड उठा कर चूत को लंड से घिस रही थीं।

तभी आंटी ने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे लंड को हाथ में ले लिया उस पर बहुत सारा थूक लगाया और लंड चूत के अन्दर तक ले लिया लंड अन्दर लिया और झट से उई मम्मी कह कर लंड से उतर गईं।

कुछ देर के बाद मैंने आंटी को कुतिया बना लिया और आधा लंड पेल कर उनकी चुदाई करने को हुआ लंड के घुसते ही वो एकदम से मुझसे दूर को हो गईं मैंने कहा- क्या हुआ वे बोलीं- दर्द हो रहा है तेरे अंकल की लुल्ली तेरे लौड़े के सामने कुछ नहीं है फिर पिछले दो साल से उन्हें शूगर की बीमारी हो गई है तो उनका खड़ा ही नहीं होता है।

मैंने कहा- आप चिंता मत करो आंटी जी मैं आराम आराम से करूँगा मैं आंटी को बेड के किनारे ले गया उनकी आधी गांड बेड से नीचे आ गई और पैरों को मैंने अपने कंधों पर ले लिया मैंने आंटी को कसके पकड़ लिया जिससे वो मुझसे अलग ना हो सकें।

फिर अपना लंड उनकी चूत के मुँह में लगाया और पूरी ताकत से लंड अन्दर पेल दिया आंटी की चूत की मां चुद गई लौड़े ने रॉकेट की तरह छलांग लगाई और उसने सीधा आंटी की बच्चेदानी से टच हो गया उनकी तेज चीख निकल गई- आह मार दिया मुझे बचाओ।

मैंने लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया दो मिनट में ही आंटी को मजा आने लगा उन्होंने गाली देनी शुरू कर दी- भोसड़ी के मादरचोद धीरे चोद कमीने रंडी की चूत समझ रहा है क्या साले बहन के लंड उनकी गाली सुनकर मैं भी उनको फुल स्पीड में चोदने लगा।

आंटी के मुँह से लगातार आआह आह की आवाज आ रही थी आह आज सही चुदाई का मजा मिला पहली बार और पेल मेरे राजा मैं भी पिल पड़ा और ताबड़तोड़ लंड अन्दर बाहर किया कुछ 20 मिनट बाद मेरा निकलने वाला था मैंने कहा- आंटी रस कहां निकालना है।

उन्होंने कहा- आज मुझे तू सिर्फ रंडी बोल साले और मेरे मुँह में निकाल दे सारा माल मैंने अपने लौड़े का सारा मुँह में ही निकाल दिया आंटी ने कहा- तू भी टेस्ट करेगा अपना माल मैंने कहा- हां मेरे हां करते ही आंटी मुझे स्मूच करने लगीं और उन्होंने आधा माल मेरे मुँह में दे दिया।

आंटी ने कहा- कैसा लगा मैंने कहा- थोड़ा अजीब था पर मजा आ गया इस तरह से मैंने देसी आंटी की चूत चोदी फिर हम दोनों लेट गए मैंने कहा- रंडी एक पैग और बनाऊं आंटी बोलीं- हां मादरचोद बना ले मैंने कहा- मां किधर चोदी है मैंने जो आप मादरचोद बोल रही हो।

वे बोलीं- मैं भी तेरी मां की तरह हूँ और तुझे अपनी मां चोदनी है तो बता उसकी रंडी की टांगें भी तेरे लौड़े के सामने खुलवा दूँगी आंटी के मुँह से ये सुना तो मेरा भेजा हिल गया मेरी मम्मी भी बहुत सेक्सी लगती हैं मगर मैंने कभी ये सोचा ही नहीं था कि आंटी और मेरी मम्मी एकदम रांड की तरह चूत खोलने को तैयार रहती हैं।

आंटी दारू पीती हुई बोलीं- बता न भोसड़ी के चुप क्यों हो गया? क्या गांड फट गई अपनी मम्मी की सुन कर मैंने कहा- मन तो बहुत है आंटी क्योंकि मेरी मम्मी भी बहुत सेक्सी और हॉट है आंटी- तू टेंशन मत ले तेरे लौड़े का काम मैं यूं चुटकियों में करा दूंगी। 

साली रांड की तरह मेरे सामने गैर मर्दों से चुदती है इस तरह से आंटी मेरी मम्मी की चुदाई की बात करने लगीं और मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा हम दोनों ने और एक एक पैग पी लिया मैंने आंटी को थोड़ी ज्यादा पिला दी थी अब मुझको उनकी गांड मारनी थी।

मैं उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा आंटी बोलीं- गांड नहीं मारने दूंगी तेरा लंड बहुत बड़ा है मैंने कहा- प्लीज आंटी बड़ा मन कर रहा है वे बोलीं- अच्छा ठीक है पर तू आधा ही घुसेड़ना मैंने हां कह दी अब आंटी मेरे लिए अपने बैग में से एक क्रीम ले आईं।

आंटी ने मेरे लंड के टोपे पर बहुत सारी क्रीम लगा दी और मुझसे अपनी गांड में भी लगाने का कह दिया वे कुतिया बन गई और बोलीं- पहले गांड पर ज्यादा सी क्रीम लगा दे मैंने लगा दी और गांड पर लंड लगा दिया ज्यादा क्रीम लगे होने की वजह से जरा से दाब में मेरा एक इंच लंड गांड के अन्दर घुस गया।

आंटी बहुत तेज दर्द हुआ और उन्होंने एक कराह निकाल दी- आह मर गई रुक भोसड़ी के मैं रुक गया और उनके दूध दबाने लगा थोड़ी देर बाद मैंने फिर जरा सा धक्का लगाया इस बार लंड और अन्दर चला गया उनकी चीख निकल गई।

वे बोलीं- आह निकाल ले कमीने मेरी फट गई आह अह मैं- बस आंटी हो गया. अब मैं उतना लंड ही आंटी की गांड में आगे पीछे करने लगा जितना उनकी गांड में घुसा हुआ था दो तीन मिनट में ही आंटी का दर्द कम हो गया और अब मैंने पूरा लंड अन्दर पेल दिया।

इस बार आंटी को दर्द तो हुआ मगर वे सहन कर गई हालांकि उनकी आंखों से आंसू आ गए थे तथा उनकी कुंवारी गांड से खून निकलने लगा था मेरा लंड भी उनकी गांड से निकले खून से लाल हो चुका था इस तरह से कुछ देर बाद आंटी गांड मरवाने का मजा लेने लगीं।

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मैं उनकी गांड में ही झड़ गया गांड मरवाने के बाद आंटी और मैंने एक एक पैग और लिया और सिगरेट फूंकी नशा बढ़ गया तो फिर से चुदाई चालू हो गई इस तरह पूरी रात मैंने आंटी की चुदाई की हम दोनों सुबह 4 बजे सोए।

दस बजे जागे और होटल से निकलने लगे आंटी ने मुझे अपने गले से लगाया और चूम कर कहा- जानू आई लव यू. आगे भी मुझे तुम्हारा प्यार से चाहिए मैंने आंटी से वादा किया और हम दोनों होटल से निकल कर घर की तरफ चल दिए।

सुबह भी आंटी से सही से नहीं चला जा रहा था मैंने आगे एक दवा की दुकान से आंटी को एक पेन किलर लेकर दी और कुछ देर बाद आंटी का दर्द खत्म हो गया दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी जिसमें मैंने देसी आंटी की चूत चोदी।

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