भाभी को मिला कुंवारे लंड का मजा-Bhabhi Ki Chudai

भाभी को मिला कुंवारे लंड का मजा

कुंवारा लंड सील तोड़ चुदाई का मजा मेरी भाभी ने लिया. पराई औरत के चक्कर में मेरे भाई ने भाभी को चोदना बंद कर दिया था तो भाभी ने मुझे अपना चुदाई का मोहरा बनाया और मेरे कुंवारे लंड का मजा लिया।

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विनय चौधरी है मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ मेरे पिताजी अध्यापक थे, अब वो रिटायर हो गए हैं माता जी गृहणी हैं आज मैं आपको मेरे जीवन में घटी सत्य घटना के बारे में बताना चाहता हूँ।

यह कुंवारा लंड सील तोड़ चुदाई का मजा कहानी मेरी और मेरी सबसे बड़ी सगी भाभी के साथ की है मेरा सबसे बड़ा भाई मुझसे उम्र में बहुत बड़ा है मेरे बड़े वाले भाई की शादी जल्दी हो गई थी।

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जिस वक़्त भाई की शादी हुई थी, उस वक़्त मैं काफ़ी छोटा था भैया भाभी की शादी के कई साल बहुत ही अच्छे गुजरे और इस दौरान उनके तीन बच्चे भी हो गए लेकिन कहते है कि इंसान को कितनी भी सुंदर बीबी मिल जाए, फिर भी उसको पड़ोसन अच्छी लगती है।

भाई का गांव की ही किसी अन्य औरत के साथ चक्कर शुरू हो गया जैसे ही ये बात भाभी को पता चली, वैसे ही घर में झगड़ा शुरू हो गया भाभी ने भाई को खूब समझाया लेकिन भाई उस औरत को छोड़ने को तैयार ही नहीं था।

तो भाभी दुखी और उदास रहने लगीं अब भाभी हमेशा अपने में खोई रहती थीं जो भाभी पहले हमेशा हंसती और मुस्कराती रहती थीं वे अब नीरस रहने लगीं अब मैं आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ।

मेरी भाभी बहुत ही सुंदर और खूबसूरत महिला हैं, उनका रंग गोरा है भाभी के तीन बच्चे हो जाने के बाद भी वो एक कामुक माल जैसी लगती थीं एकदम सपाट पेट, तने हुए दूध और उठी हुई गांड, लचकती कमर और रसीली होंठ सच में भाभी कहीं से भी किसी अदाकारा से कम नहीं लगती थीं।

एक दिन भैया ओर भाभी में उस बात को लेकर बहुत बड़ा झगड़ा हो गया भैया घर छोड़कर चले गए और भाभी ने अपने आपको कमरे में बंद कर लिया घर वालों के कहने पर भाभी दरवाजा नहीं खोल रहीं थी।

तब मैं गया और भाभी से बहुत मिन्नतें की तब उन्होंने सिर्फ़ मेरे ही लिए दरवाजा खोला और मेरे कमरे के अन्दर आते ही फिर से दरवाजा बंद कर लिया भाभी मुझे बहुत मानती हैं।

बचपन में, मैं जब छोटा था, तब भाभी के साथ ही सोता था और अब मैंने अभी जवानी की अवस्था में कदम ही रखा था कमरे का दरवाजा बंद कर लेने पर घर वालों को मेरे ऊपर कोई शक भी इसी लिए नहीं था क्योंकि भाभी के लिए मैं उनका बेटा जैसा था।

ना ही मेरे दिमाग में इस तरह का कोई विचार था भाभी को बहुत समझाने पर भी भाभी कमरे से बाहर आने को तैयार नहीं हो रही थीं और ना ही घर वालों से कोई बात करना चाहती थीं।

वे बस एक ही बात कह रही थीं- समझाना है, तो अपने बेटे और अपने भाई को समझाओ मेरी क्या गलती है, जो आप लोग मुझे समझा रहे हो भाभी तो अब कोपभवन से बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रही थीं।

तभी घर वालों ने मुझे आवाज दी और मैं उनके पास बाहर आ गया मम्मी ने मुझसे कहा- तुम खाना खा लो और अपनी भाभी को भी खिला देना रात में इसके पास ही सो जाना, ये कहीं गुस्से में कुछ कर न ले मैं भाभी का खाना लेकर भाभी के पास आ गया।

मैंने उन्हें खाना खिला दिया और खुद भी खा लिया भाभी ने मुझसे पूछा- तुम कहां सोओगे मैंने कहा- मैं यहीं आपके पास सोऊंगा तो भाभी बोलीं- ठीक है मैंने कहा- मैं बाहर से बिस्तर ले आता हूँ और यहीं नीचे बिछाकर सो जाऊंगा।

भाभी बोलीं- मेरे लिए तो तुम अभी भी बच्चे हो, इसलिए तुम मेरी बगल में सो जाना मैंने भाभी की बात मान ली और अब हम दोनों सोने की तैयारी करने लगे मैं कपड़े पहने ही बिस्तर पर लेट गया तभी भाभी बोलीं- तुम कपड़े उतार कर नहीं सोते हो।

मैं बोला- नहीं भाभी, मैं तो ऐसे ही सोता हूँ भाभी बोलीं- ठीक है, ऐसे ही सो जाओ वे कमरे की लाइट बंद करके अपनी साड़ी उतारकर डबल बेड वाले बिस्तर पर आकर लेट गईं और मुझसे इधर उधर की बातें करने लगीं।

भाभी बिस्तर पर पेटीकोट और ब्लाउज में लेटी हुई थीं वे मेरे सिर के बालों में अपनी उंगलियां घुमाने लगीं तभी भाभी ने मुझसे एक सवाल पूछा- मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ मैंने हां में जवाब दिया और कहा- जब आप रोती हो तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है।

भाभी- तो तुम मुझे प्यार करते हो मैं- हां भाभी- मेरी बात मानोगे मैं- हां भाभी- किसी से कुछ तो नहीं कहोगे मैं- नहीं कहूँगा भाभी- सोच लो मैं- हां, सोच लिया भाभी- पक्का मैं- हां पक्का सोच लिया भाभी- ठीक है, तो मैं जो बोलूंगी, वही तुम्हें करना पड़ेगा।

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मैं बोला- हां आप जो कहोगी, मैं वही करूंगा अभी तक मेरे दिमाग में कोई ऐसा विचार नहीं था कि भाभी ऐसा क्यों बोल रही हैं मैं बोला- भाभी मैंने आपकी हर बात मानी है आपकी कभी कोई बात किसी को नहीं कही।

भाभी- हां सो तो है तभी तो मैं तुमसे प्यार करती हूँ और तुमको मानती हूँ मैं- हां भाभी, मैं भी आपको बहुत मानता हूँ भाभी- मैं एक बात पूछूँ तुमसे मैं- हां भाभी पूछो भाभी- कभी किसी के साथ कुछ किए हो।

मैं- क्या भाभी- सेक्स मैं- नहीं भाभी- मतलब अभी तुम्हें कुछ नहीं आता है मैं- नहीं, ऐसी बातें कौन किसे सिखाता है भाभी बोलीं- मैं तुम्हें सिखा सकती हूँ. अगर तुम किसी को कुछ न कहो तो। मैं आश्चर्य के साथ भाभी को देखते हुए बोला- भाभी आप आज आपको क्या हो गया है।

फिर भाभी ने मुझे बहुत देर तक समझाया और कहा- जिस औरत का मर्द अपनी औरत को छोड़कर दूसरी औरत के साथ सोता है और अपनी को पूछता भी नहीं है, तो उस औरत के पास सिवाय मरने के कोई और रास्ता है क्या? अगर मैं बाहर मुँह मारूं, तो तुमको अच्छा लगेगा।

मैं- भाभी आप जो भी बोलोगी, मैं वही करूंगा लेकिन आप मरोगी नहीं और बाहर किसी के साथ कुछ करोगी नहीं भाभी- ठीक है, अगर तुम मेरी बात मानोगे, तो मैं कुछ भी नहीं करूंगी मैं- मैं आपकी सारी बात मानूंगा।

भाभी- ठीक है अब तुम अपने पैंट शर्ट उतारकर बिस्तर पर लेट जाओ मैंने वैसा ही किया और मैं कपड़े उतार कर सिर्फ चड्डी बनियान में बिस्तर पर आकर लेट गया भाभी ने अपने पेटीकोट और ब्लाउज को उतार दिया।

मैं अपने जीवन में पहली बार किसी औरत को नंगी देख रहा था भाभी के गोरे ओर नंगे बदन को देखकर मेरे लंड में तनाव आने लगा मैं- भाभी, मुझे तो कुछ भी आता नहीं है।

भाभी- चिंता मत करो, मैं तुमको जो जैसा बोलूं, तुम वैसे ही करते चलना, सब सीख जाओगे भाभी ने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया मेरे हाथ भाभी के नंगे बदन पर घूमने लगे फिर भाभी ने मेरी जीभ को लेकर चूसना शुरू कर दिया।

भाभी का हाथ मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड का जायज़ा ले रहा था वे ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थीं दोस्तो, उस वक़्त मुझे जो मज़ा आ रहा था, उसे मैं आपको बता नहीं सकता हूँ।

उस वक़्त मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी ही जन्नत है मुझे होश तब आया जब भाभी ने मेरे होंठों को चूसना बंद कर दिया तब मेरी तंद्रा टूटी आंखें खोलकर मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी अपनी ब्रा खोल रही थीं मैंने उनकी तरफ देखा तो भाभी ने मुझसे मेरी बनियान उतारने को कहा।

मैंने अपनी बनियान उतार दी भाभी बिस्तर पर लेट गईं और मुझे अपनी चूची के निप्पल चूसने को कहा मैं भाभी की एक तरफ़ की चूची के निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा भाभी ने अपनी दूसरी तरफ की चूची के निप्पल को रगड़ने को कहा।

मैं अपने एक हाथ के अंगूठे और उंगली से उनके निप्पल को रगड़ने लगा मेरी इस हरकत से भाभी सिसकारी भरने लगीं- सस्स्स आहह म्म्म्म म ऐसे ही करो देवर जी उन्ह बहुत मज़ा आ रहा है अब मेरी भी हालत खराब होने लगी, मेरा लंड तन्नाने लगा।

मेरा लंड अंगार की तरह गर्म हो रहा था मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे सारे शरीर की गर्मी वहीं उतर आई हो तब मुझे ऐसा लगने लगा था कि कहीं मेरे लंड की नसें फट न जाएं।

अब मेरे लंड में अधिक तनाव होने की वजह से मुझे उसमें हल्का हल्का दर्द भी महसूस होने लगा मैंने भाभी के निप्पलों को चूसना बंद किया और कहा- भाभी, मुझे ऐसा लग रहा है कि कहीं मेरा लंड उत्तेजना की वजह से फट ना जाए, कहीं ये ब्लास्ट न कर दे।

भाभी ने देर ना करते हुए अपनी पैंटी उतार दी और मुझसे अंडरवियर उतारने को कहा मैंने जैसे ही अंडरवियर उतारा, वैसे ही भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ते हुए कहा- उम्र के हिसाब से सही है और कितना गर्म हो रहा है तुम्हारा।

भाभी ने मेरे लंड की खाल को टोपा से हटाकर चैक किया और कहा- अभी कुंवारे हो चलो आज तुम्हारी सील टूट जाएगी और आज मेरे साथ तुम्हारी सुहागरात भी मन जाएगी।

ये बोलकर भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया ओर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं मुझे बड़ा ही मज़ा आने लगा मुश्किल से भाभी ने मेरे लंड को 20-30 सेकेंड चूसा होगा कि उन्होंने अपने मुँह से लंड बाहर निकाल दिया। मैं- अरे भाभी ये क्या किया, निकाल क्यों दिया।

भाभी- देवर जी, ये नीचे पेलने की चीज है न कि ऊपर की मेरी भी तो नीचे आग लगी हुई है, अगर ये ऊपर ही झड़ जाएगा तो मेरी नीचे की आग को कौन ठंडी करेगा।

मैं- तो फिर मुँह में लिया ही क्यों था भाभी- कुंवारा लंड और कुंवारी चूत बड़े सौभाग्य से मिलते हैं, इसलिए मैं चूत में लेने से पहले मुँह में लेकर लंड सील का स्वाद चख रही थी।

मैं- भाभी, मेरे लंड की नसें फटी जा रही हैं, आप जल्दी कुछ करो मेरे इतना कहते ही भाभी बिस्तर पर जाकर लेट गईं और मुझे अपनी दोनों टांगों के बीच में आने का इशारा कर दिया।

मैं भाभी की दोनों टांगों की बीच में जाकर बैठ गया भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत के छेद पर रखा और कहा- तुम इसके अन्दर डालो और आगे पीछे करो मैं- भाभी नसें तन्ना रही हैं और लंड में हल्का हल्का दर्द हो रहा है।

भाभी- तुम इसे चूत के अन्दर डालो और आगे पीछे करो, सब ठीक हो जाएगा मैंने भाभी की बात मानकर अपना लंड भाभी की चूत में डाला और आगे पीछे करने लगा।

जब मैंने अपना लंड भाभी की चूत में डाला, तो भाभी आराम से मेरे लंड को निगल गईं और बड़ी मस्ती के साथ आंखें बंद करके चुदवाने लगीं, अपने दोनों हाथों से अपने दोनों मम्मों को मसलने लगीं।

भाभी- हह म्म्म्म मम ससस्स  ऐसे ही देवर जी बहुत अच्छे से कर रहे हो ऐसे ही करो मैं लंड पेले जा रहा था मगर शुरू में मुझे अपने लंड में हल्की सी जलन हुई थी पर अब कुछ नहीं हो रहा था, सिर्फ चूत में लंड की रगड़ का मजा आ रहा था।

भाभी- ऐसा लग रहा है देवर जी लंड की जगह तुमने जलता हुआ अंगारा मेरी चूत में डाल दिया हो. तुम्हारे इस लंड की गर्मी से मेरी चूत कई बार पानी छोड़ चुकी है इधर मुझे भाभी को लगातार चोदते हुए आधा घंटा होने को जा रहा था मैं ओर भाभी दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे।

मुझे भाभी को चोदने में दर्द और आनन्द की मिश्रित अनुभूति एक साथ हो रही थी भाभी को चोदने में जो मज़ा आ रहा था, उस मज़े को मैं लिख कर बता ही नहीं सकता हूँ।

अब मैं अपनी मंजिल के करीब आने वाला था और भाभी की चूत में मेरे लंड ने पिचकारी दे मारी मेरा पानी निकलते ही मैं भाभी के ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा. मेरे पूरे शरीर से जान सी निकल गई, मेरी सांसें तेज तेज चल रही थीं।

कुछ देर तक मैं ऐसे ही भाभी के ऊपर पड़ा रहा, फिर भाभी के बगल में बिस्तर पर लेट गया थोड़ी देर बाद मुझे अपने लंड में दर्द की अनुभूति हुई तो मैंने भाभी से कहा।

भाभी बिस्तर से खड़ी हुईं और कमरे की लाइट जलाई तो देखा कि मेरे लंड की सील टूट गई है इसलिए मुझे दर्द हो रहा है यह देखकर भाभी बहुत खुश हुईं और उन्होंने मुझे गले से लगा लिया। भाभी- देवर जी, इस खुशी में मुँह मीठा तो बनता है।

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तब भाभी ने अलमारी से एक गुड़ की ढेली निकालकर मुझे दी और एक पानी का गिलास मुझे देती हुई बोलीं- इस वक़्त यही है, इसे खा लो. कल मैं तुम्हें पकवान बनाकर खिलाऊंगी और तुम्हारी पसंद की मिठाई बना दूँगी।

मैंने आधा गुड खाकर आधा भाभी को खिला दिया और आधा गिलास पानी पीकर टेबल पर रख दिया भाभी ने वो पानी का गिलास लेकर पी लिया मैं- भाभी वो गिलास मेरा झूठा था भाभी- देवर जी अब झूठा बचा क्या है।

हम दोनों इस बात पर मुस्करा दिए सुबह तक मैंने भाभी के साथ दो और बार चुदाई का मजा ले लिया था भाभी को भी अब भैया से कोई गिला शिकवा नहीं रह गया था; उन्हें अपनी चूत के लिए मेरा जवान लंड मिल गया था।अब भाभी मेरे साथ सेक्स करने लगी हैं; उन्हें भाईसाब का लंड याद ही नहीं आता है तो दोस्तो, ये थी मेरी कुंवारा लंड सील तोड़ चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी मुझे बताईएगा जरूर।

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