सगी भाभी की पलंगतोड़ चुदाई की-Bhabhi Ki Chudai

सगी भाभी की पलंगतोड़ चुदाई की

भाभी की चुदाई कहानी में मैंने अपनी भाभी को चुदाई के लिए तड़पती देखा तो मेरा मन भी भाभी की चूत में लंड पेल कर उनकी वासना शांत करके अपनी प्यास भी बुझाने का हो गया।

इन्सान को पेट की भूख लगती है, तो खाना खाकर ही भूख शांत होती है वैसे ही पेट के नीचे भी लगती है और उसे भी मिटानी पड़ती है यह भाभी की चुदाई कहानी अजमेर की एक भाभी की है जो मेरे सयुंक्त परिवार में रहती हैं।

बड़े भाई आर्मी में हैं और भाभी हमारे साथ घर पर रहती हैं अभी मैं 12वीं में हूँ मेरी भाभी हाउसवाइफ हैं भाभी की शादी के चार साल हो गए हैं अब आपको सब पता है कि लश्कर (सेना) वालों को छुट्टी कहां मिलती है रोज रोज।

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तो भाभी बेचारी अकेली पड़ गई थीं वैसे तो हमारे बीच में कुछ भी नहीं था लेकिन एक दिन मैंने भाभी को चूत में उंगली करते हुए देख लिया बस फिर क्या था खेल शुरू हो गया और वे ही सब इस कहानी में है।

भाभी का नाम प्रियंका है सयुंक्त परिवार में जीवन मशीन जैसा होता है. लोगों को शायद ही किसी पल यहां आराम ही मिलता है बेचारी प्रियंका भाभी, जो सिर्फ 25 साल की थीं घुँघराले बाल, उजला रंग, बड़ी सी आंखें, लाल लाल होंठ और खरबूजों के जैसे बोबे वाली जवान औरत हैं।

एक रात की बात है, मैं दो बजे जग गया और मुझे सुसू लगी तो मैं बाथरूम की ओर जाने लगा पेशाब करके वापस आने लगा तो भाभी के कमरे से अजीब सी हरकतों की परछाई दिखी।

मैंने कौतूहलवश वहां जाकर खिड़की से देखा, तो भाभी का घाघरा ऊपर उठा हुआ था उनके ब्लाउज के बटन खुले थे और चूचे बाहर लटक रहे थे वे पेर फैला कर पलंग पर लेटी थीं और अपने दोनों हाथों से चूत को रगड़ रही थीं उनकी आंखें बन्द थीं।

मैं देखता रहा भाभी बिना रुके चूत पर हाथ मार रही थीं मैंने सोचा कि बेचारी मेरी भाभी, देखो कितनी भूखी हैं मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगा क्योंकि मैं भी एक जवान लड़का हूँ और नहाते समय कभी कभी मुठ मार लिया करता हूँ।

भाभी ने अपना एक हाथ पूरा चूत में डाल दिया और वे उसे अन्दर बाहर कर रही थीं उनकी पांचों उंगलियां चूत में समाती हुई दिख रही थीं यह काफी मदहोश करने वाला दृश्य था अगर मैंने उन्हें पकड़ लिया तो वे घबरा जाएंगी।

इसी लिए मैंने सोचा क्यों ना ऐसा प्लान बनाऊं, जिससे वे खुद अपने शारीरिक सुख की पूर्ति के लिए मेरे पास आ जाएं कुछ देर बाद मैंने देखा तो वे सो गई थीं वे साइड में सो रही थीं इसलिए प्रियंका भाभी की नंगी चिकनी गांड मस्त दिख रही थी।

मैं वापस कमरे में आया और सो गया सुबह मैं अपनी योजना को कार्यान्वित करने के लिए नहाने गया तो दरवाजा यूं ही आधा खुला छोड़ दिया और लंड पर हाथ फेरने लगा।

बाथरूम के सामने थोड़े ही दूर घर का आंगन है, जिसमें तुलसी का गमला लगाया हुआ है मैं जानता था कि भाभी रोज सवेरे तुलसी को पानी चढ़ाने और पूजा करने आती हैं आज भी आईं भाभी ने मुझे देख लिया।

मैं यही चाहता था, लेकिन मैंने ऐसा दिखावा किया कि मैं अनजान हूँ और आह आह करके लंड पर हाथ घिस कर मुठ मार रहा था भाभी मुझे ताक ही रही थीं और मेरे लंड को भी।

कुछ पल बाद मैंने ऐसा दिखावा किया कि अचानक से मैंने भाभी को देख लिया है और मैं चौंक गया हूँ मैंने चौंक जाने का नाटक किया और दरवाजा बन्द कर दिया अब मैं दरवाजे के छोटे छेद से में बाहर देखने लगा।

भाभी अपने मुँह पर हाथ लगाकर हंसने लगी थीं और अपने बालों की लटों को सहलाने लगी थीं कुछ देर बाद भाभी वहां से चली गईं दोपहर को सब खाने बैठे, हम सब नीचे बैठ कर ही खाते हैं उधर मेरी एक तय की हुई जगह है, मैं रोज वहीं बैठता हूँ।

भाभी मां के पास बैठ कर ही खाती हैं लेकिन पता नहीं क्यों आज वे मेरे पास आकर बैठ गईं मुझे देख कर भाभी हल्का सा मुस्कुरा रही थीं हम दोनों एक दूसरे को देख लेते और हंस कर नजरें हटा लेते ये सब अब रोज होने लगा।

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हमारी आंखें मिलने लगीं मैं सब्र कर रहा था और सही मौके के इंतजार में था सही मौका तभी मिल सकता था, जब हम दोनों पूरे घर में अकेले हों और ऐसे दिन बहुत कम आते हैं।

खुशनसीबी से जल्दी ही ऐसा दिन आ गया उस दिन दूर के कोई रिश्तेदार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में दाखिल किया गया था उनका फ़ोन हमारे घर पर आया अब हम समाज में रहते हैं, उस वजह से रिश्तेदारी में खबर आदि पूछने जाना पड़ता है। अगर हम पूरे घर में ताला मार कर वहां जाएं, तो चोरी होने का भय रहेगा।

इसलिए पापा ने मुझसे कहा- तुम यहां प्रियंका भाभी के साथ रहो. मैं और तेरी मां वहां जाकर आ जाएंगे. थोड़ी देर लगेगी क्योंकि अहमदाबाद अजमेर से बहुत दूर है यदि कुछ गंभीर मामला हुआ तो शायद दो दिन भी लग सकते हैं।

मैंने कहा- आप चिन्ता मत करो मैं यहीं पर हूँ अब वे मौका आ गया था, जब हम दोनों घर में अकेले थे मैं और मेरी मक्खन जैसी भाभी पूरे घर में अकेले थे मेरे तो मन में लड्डू फूटने लगे मम्मी पापा बहुत सवेरे ही निकल गए थे।

प्रियंका भाभी किचन में शाक भाजी सुधारने लगीं मैं वहां जाकर खड़ा हो गया और बोला- लाओ भाभी, मैं आपकी कुछ मदद कर देता हूँ भाभी बोलीं- अरे रहने दीजिए, मैं कर लूँगी अब इसने कौन सी बड़ी बात है, लाओ दो भी।

ऐसा कह कर मैंने उनके हाथ से चाकू ले लिया और लेते वक्त उनके हाथ को दबा भी दिया भाभी मुझे देख रही थीं तभी चाकू मुझे लग गया और खून निकलने लगा भाभी घबरा गईं- मैंने कहा था ना देवर जी, आपसे ये सब काम नहीं हो सकता।

इतना कहकर भाभी ने मेरी उंगली अपने मुँह में ले ली आय हाय क्या गर्म होंठ थे प्रियंका भाभी के वे जिस तरह से मेरी उंगली मुँह में लेकर चूसने लगी थीं उसे देख कर ऐसा लग रहा था मानो भाभी लंड चूस रही हों।

फिर उन्होंने अपना रुमाल मेरी उंगली में लपेट दिया भाभी मुझे रसोड़े से बाहर निकालने लगीं- आप जाओ और वहां बैठो लेकिन बाहर आते ही उनका पैर फिसल गया और वे मेरे ऊपर आ गिरीं।

उनके एकदम से गिरने से मैं भी खुद को संभाल नहीं पाया और हम दोनों फर्श पर जा गिरे उनका मुँह मेरे बिल्कुल करीब आ गया भाभी की नाक मेरी नाक से टकराई और हमारे होंठ भी आमने सामने आ गए।

मेरी भाभी सच में बहुत ही क्यूट हैं उनकी छोटी सी नाक और उनकी सांसों की खुशबू ने मुझे पागल बना दिया था हम दोनों अभी भी गिरे हुए ही थे फिर हम दोनों खड़े होने लगे लेकिन यह क्या उनका गले में लगा मंगलसूत्र मेरी शर्ट के बटन से फंस गया था।

खड़े होने लगे, तो हमारा माथा एक-दूसरे से टकरा गया और वे फिर से संतुलन खोकर वापस मुझ पर गिर गईं फिर भाभी ने खुद अपने हाथों से मेरी शर्ट से उलझा हुआ अपना मंगलसूत्र खींचा उसी पल वे मेरी बालों से भरी छाती देखने लगीं।

फिर वे रसोड़े में चली गईं मुझे भूख बहुत लगी थी उन्होंने खाना बनाया और हम दोनों ने साथ में बैठ कर खा लिया फिर भाभी बर्तन मांजने चली गईं दोपहर के दो बज गए थे एकदम शांति का माहौल था हम दोनों सोफ़ा पर बैठे थे, कोई कुछ बोल नहीं रहा था।

मैंने कहा- चलो ना भाभी अंताक्षरी खेलते हैं वे राजी हो गईं हम दोनों ने बहुत सारे गीत गाए फिर मैंने एक गीत गाया- भीगे होंठ तेरे प्यासा दिल मेरा, लगे अब्र सा मुझे तन तेरा गीत गाते हुए मैं बस भाभी की ओर ही ताक रहा था वे शर्मा रही थीं।

मैंने उनको पकड़ कर किस कर ली भाभी हड़बड़ा गईं- देवर जी, ये क्या कर रहे हो भाभी उस रात मैंने आपको उंगली करते देख लिया था अब ज्यादा नौटंकी मत करो मैं समझता हूँ कि आपको किसी साथी की जरूरत है प्रियंका भाभी ये सुन कर उदास हो गईं।

मैंने कहा- भाभी, ये तो होता ही है, मैं भी करता हूँ लेकिन अगर आपकी मर्जी हो तो आप मेरे साथ मस्ती कर सकती हैं सच में? मैंने कहा- हां अब शर्माओ मत अपनी हवस मिटाने का अधिकार सबको है इतना कह कर मैं फिर से प्रियंका भाभी को किस करने के लिए आगे बढ़ा।

इस बार उन्होंने मुझे रोका नहीं मैं उनकी नाक से अपनी नाक रगड़ने लगा वे हंसने लगीं- क्या बच्चों जैसी हरकतें करते हो आप भी भाभी मुझे किस देने लगीं मैंने कहा- भाभी, मैं चाहता हूँ कि आप सब भूल जाओ और बेशर्म हो जाओ।

भाभी बोलीं- क्या तुम मेरी बेशर्मी बर्दाश्त कर पाओगे मैंने कहा- हां क्यों नहीं मेरे इतना कहते ही वे मुझ पर टूट पड़ीं और अपना असली रूप दिखाने लगीं मैं पहले तो डर गया कि एक तो ये प्यासी शेरनी सी हैं।

भाभी मेरा कॉलर पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गईं दरवाजा बन्द कर दिया और मुझे पलंग पर धकेल दिया भाभी के कमरे का पलंग काफी बड़ा है, जो भाभी अपने दहेज में लेकर आई थीं मैं पलंग पर लेट गया और वे मेरे ऊपर चढ़ गईं।

जल्दी ही उन्होंने अपना घाघरा खोल कर फेंक दिया और अपने दोनों पैर फैलाकर मेरी छाती पर बैठ गईं भाभी अपनी चूत मेरे मुँह पर आगे पीछे फेरने लगीं आह कितनी भूखी औरत थी ये अपने चूतड़ों को हिला हिला कर पूरी चूत मेरे मुँह में घुसा दी।

फिर अपनी गांड को गोल गोल घुमा कर चूत को मेरी नाक और पूरे चेहरे पर फेरने में लग गईं वे इतनी जोर जोर से हिल रही थीं कि समझो मेरा माथा फोड़ रही थीं भाभी मेरे बाल पकड़ कर कहने लगीं- चाट इसे चाट मेरी चूत को चाट ले खूब आह।

उनका पूरा वजन मेरे मुँह पर आ गया था मैं भी अपनी जीभ बाहर निकाल कर चूत को खाए जा रहा था उनकी चूत की फांकें बहुत ही बड़ी बड़ी थीं मैं उनकी चूत के दाने को भी चूस रहा था साथ ही मैं प्रियंका भाभी की गांड को दबोच दबोच कर सहलाने लगा था।

आह क्या गदराया हुआ जिस्म था प्रियंका भाभी का वे अपना पूरा मादक शरीर गोल गोल घुमाती हुई अपनी चूत को मेरे मुँह पर फेर कर फेस फ़क का मजा दे रही थीं कुछ ही देर में भाभी की चूत से ढेर सारा पानी किसी गर्म धार की तरह छूटा।

सब माल मेरे मुँह पर और छाती पर आ गिरा मैंने भाभी के पानी को चखा तो मस्ती सी छा गई क्या धांसू स्वाद था उनकी चूत के पानी का भाभी की चूत का रस नारियल पानी जैसा स्वादिष्ट था फिर भाभी उठीं और उन्होंने अपना ब्लाउज भी उतार दिया।

वे बोलीं- अब तू भी अपने कपड़े उतार दे और पलंगतोड़ चुदाई कर दे आज अपनी भाभी की ले मेरी तेरी यारी हो गई पक्की, अब कर ले जो करना है मत तड़पाया कर अब मेरे लाड़ले देवर आज चोद दो मुझे पलंगतोड़ चुदाई कर दो मेरी।

इतना कह कर वे अपने पूरे बदन पर हाथ फेरने लगीं और कामुक अदाएं दिखाने लगीं उनका माल जैसा सेक्सी बदन देख कर लंड फुंफकार मारकर एकदम लोहा हो गया मैंने भाभी को पकड़ा और उनकी चूत में लंड एक झटके में ही पेल दिया।

लंड सरसराता हुआ अन्दर घुस गया था मैं बिना उन्हें कोई मौका दिए धक्के मारने लगा मैं भाभी के ऊपर था और भाभी नीचे दबी कराह रही थीं उनका बदन बहुत ही नाजुक था मैं धक्का मारता तो उनके दोनों बड़े बड़े चूचे हवा में इतनी तेज उछलते कि उनके मुँह से जा टकराते।

मैं भाभी को बहुत जोर जोर से चोदने लगा था नाजुक सी भाभी चादर पकड़ कर पागलों की तरह टांगें हवा में उठाए कमर उठा उठा कर लंड लेने लगी थीं उनकी कामुक आवाजें मेरा जोश चौगुना कर रही थीं- आह हां ऐसे ही चोद आह और जोर से चोद मेरी बुर को फाड़ दे।

मैं भी इतनी तेज धक्के मार रहा था कि भाभी ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं अब वे बस ‘उई इह आह किए जा रही थीं हम दोनों अकेले कमरे में खतरनाक वाइल्ड सेक्स कर रहे थे, पलंग भी हिलने लगा था मैंने प्रियंका भाभी के दोनों पैर पकड़ लिए थे और लगातार पेलने लगा।

हम दोनों के शरीर पसीने से तरबतर हो गए थे भाभी बहुत ही ज्यादा सहयोग दे रही थीं और अब तो वे गाली भी देने लगी थीं- चोद साले चुदने के लिए ही तो बेताब हो रही थी भोसड़ी के पिछले कई महीनों से लंड नहीं मिला।

इससे मुझे और गर्मी चढ़ गई कमरे में एसी चालू था लेकिन तब भी भाभी वाकई में इतनी ज्यादा गर्म हो गई थीं कि उनकी चिकनी कमर से पसीना बहता हुआ दिख रहा था वे हांफती हुई बोलीं- आह रुक जा थोड़ी देर साले कितनी तेज धक्के मारता है तू मेरी धड़कन देख क्या हाल कर दिया तूने मेरा।

मैंने कहा- भाभी, अभी आपने भी तो मेरे मुँह पर अपनी चूत मार मार कर मुझे चोदा था तब तो मैंने कुछ नहीं कहा था।

साले हरामी वो तो मैं प्यार जता रही थी कोई मेरी चूत चाटे तो मुझे बहुत ही आनन्द मिलता है तू तो सच में पलंगतोड़ मर्द है बहुत आवाज आ रही है इसकी मुझको नीचे ले ले और फर्श पर चोद मुझे।

मैंने उन्हें नीचे ले लिया और वे कुतिया बन गईं मैं भाभी को नीचे चोदने लगा काफी देर तक मैं उन्हें चोदता रहा. फिर मेरा वीर्य निकल गया और वे मेरी मलाई चट कर गईं।

इतने में छह बज गए हम दोनों ने कपड़े पहन लिए वे अब रात का खाना बनाने लगीं बाद में वे मेरी गोद में बैठ गईं और भाभी ने बड़े प्यार से अपने हाथों से मुझे खाना खिलाया मैं उनकी उंगलियां चूसता रहा।

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कुछ ही देर में रात हो गई फिर से खेल शुरू हुआ प्रियंका भाभी नंगी होकर मेरे पास आईं और फिर पूरी रात हम एक दूसरे के तन से खेलते रहे वे मेरी बांहों में सो गईं दूसरे दिन सुबह मम्मी पापा आ गए।

अब भाभी के संग चुदाई का मौका नहीं मिलता मैंने भाभी के साथ किए गए सब सीन रिकॉर्ड कर लिए थे उसकी एक क्लिप मैंने भाभी को भी फ़ॉरवर्ड कर दी थी अब हम दोनों ने साथ मिलकर हमारी अपनी ही वीडियो देखी।

उस वक्त भाभी कह रही थीं- देख कैसे तू मुझे चोद रहा है हम दोनों देखते हुए हंसने लगे थे अब जब अगली बार मौका मिलेगा तब भाभी की गांड मारने का विचार है वे सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूँगा।

आप मुझे बताएं कि आपको भाभी की चुदाई कहानी कैसी लगी।

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