मेरी जवानी की चुदाई का मजा मेरे पड़ोसी लड़के ने दिया वह मेरा दोस्त था और अक्सर मेरे घर आता था एक बार उसने मुझे ब्रा पेंटी में सोती देख लिया तो वह मेरे बिस्तर पर आ गया।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम ख़ुशी है यह मेरी सच्ची घटना है जब मुझे मेरे एक दोस्त ने चोदा था मैं बहुत ही गोरी हूं मैं जब किशोरावस्था में थी, तब भी मैं किसी हसीना से कम नहीं थी और मेरे चूचे समोसे जैसे नुकीले हैं उन पर कड़क निप्पल हल्के भूरे रंग के हैं।
मेरे चूचे 28 इंच के हो गए थे और गांड भी मस्त थी मेरी चूत लाल है और एकदम जूसी, जिसे कोई भी पीना चाहे, चाटना चाहे और चोदना भी चाहे।
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मुझे न केवल मेरे मुहल्ले के लड़के अधेड़ बूढ़े सभी चोदना चाहते थे बल्कि मेरे परिवार के ही कुछ बड़े और युवा भी मेरी जवानी की चुदाई का मजा लेने के लिए उतावले रहते थे यह बात मैं अच्छे से जान चुकी थी।
मैं अभी आपको बताती हूं कि मुझे मेरे दोस्त ने मेरे घर में कैसे मेरी जवानी की चुदाई का मजा लिया और चोद चोद कर मुझे रांड बना दिया था मेरे दोस्त का नाम अंकुश था वह मुझसे उम्र में पांच साल बड़ा था वह मेरे बगल वाले घर में रहता था और मेरे साथ ही ज्यादातर रहता था।
हम दोनों आपस में खूब बातें करते थे उसका लंड छह इंच लंबा था और देखने में बहुत मोटा भी था एक दिन वह मेरे घर आया तो उसने मेरी मम्मी से मेरे बारे में पूछा कि ख़ुशी कहां हैं मेरी मम्मी ने कहा कि वह अपने कमरे में है।
इतना कह कर मेरी मम्मी अंकुश की मम्मी के साथ मार्केट चली गईं मैं अपने कमरे में सो रही थी उस समय मैंने पूरे कपड़े नहीं पहने थे बस चड्डी और ब्रा में सो रही थी क्योंकि घर पर कोई नहीं था वह मेरे कमरे में आया और मुझे ऐसे सोते देख कर दंग रह गया।
क्योंकि मेरी चड्डी से मेरी चूत झांक रही थी और मेरे चूचे ब्रा से निकल कर उसे निमंत्रण दे रहे थे वह एकदम से मेरे बेड पर आकर लेट गया और मेरी चूत में अपनी उंगली करने लगा और अपने लंड पर हाथ फेरने लगा।
उसका लंड देखते देखते छह इंच में तब्दील हो गया और उसने मेरे चड्डी को उतार दिया वह मेरे चूचों को अपने दोनों हाथ से दबाने लगा तब तक मैं जाग चुकी थी मैंने उसे अपने बिस्तर पर नंगे देख कर डर गई ताभी मेरी नजर अपने आप पर गई और मैंने खुद को नंगी देखा तो और भी ज्यादा सहम गई।
वह मुझे पकड़ कर दबा रहा था तब तक मेरे मन में भी कामना और वासना का असर हो चुका था लेकिन मैंने उससे खुद को छुड़ाने की कोशिश की, पर वह नहीं माना उसने अपना मूसल लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मेरे मुँह को अपने लंड से चोदने लगा।
मेरी चूत गीली हो चुकी थी और मुझको भी उसके लंड को चूसने में मज़ा आने लगा था फिर दो मिनट लंड चुसवाने के बाद उसने अपने लंड को मेरे मुँह से निकाल लिया और नीचे आकर मेरी चूत चाटने लगा वह अपनी जीभ से मेरी चूत को चोदने लगा चूत चाटते हुए मेरे चूचे दबाने लगा।
मुझे उस वक्त सुख की जो अनुभूति हो रही थी, उसे मैं कभी नहीं भूल सकती मेरी चूत को किसी मर्द का चूमना मुझे आनन्द के शिखर पर ले गया था मैं तो पागल हो रही थी और मेरे मुँह से आह आह आह ओह की आवाज आ रही थी।
फिर मैंने उससे कहा- डार्लिंग, अब तो अपना लंड मेरी चूत में डाल दो उसने बिना देरी किए मेरे पैर अपने कंधे पर रखे और अपने लंड को मेरी चूत पर सैट करने लगा तभी मैंने उससे कहा- अंकुश मैं पहले कभी नहीं चुदी हूँ प्लीज आराम से चोदना।
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उसने कहा- हां ख़ुशी, मैं तुम्हें आराम से चोदूंगा यह कह कर उसने अपने लंड को चूत पर रखा और धीरे धीरे मेरी चूत में घुसाने लगा सीलपैक चूत वाली लड़कियों को पता होगा कि चूत में पहली बार कोई उंगली भी डाले तो दर्द होता है।
इधर तो अंकुश मेरी चूत में सीधा लंड पेल रहा था उसके मोटे लंड के घुसने से मेरे मुँह से चीख निकली और मैं उससे कहने लगी- बस कर यार अब इसे मेरी चूत से निकाल लो मुझसे दर्द सहा नहीं जा रहा है।
वह थोड़ा रुका और मुझे चूमने सहलाने लगा मैं उसकी इस बात से थोड़ा शांत हो गई तभी अंकुश ने मौका देखा और उसने एकदम से मेरी चूत में एक जोरदार धक्का दे दिया उसका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।
मेरी आंखों में पानी आ गया और मैं बेहद कसमसाने लगी उसकी पकड़ मजबूत थी तो मैं कुछ कर ही ना सकी पूरा लंड चूत में ठाँसने के बाद वह थोड़ा रुक गया और वापस मुझे किस करने लगा, मेरे चूचे दबाने लगा, निप्पल चूसने लगा।
दो मिनट तक मुझे दर्द रहा फिर जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उसका साथ देने लगी मेरी चूत गीली होने से उसमें से फच फच की आवाज आ रही थी और पूरे कमरे में गूंज रही थी।
कुछ देर बाद मैं झड़ गई और शांत हो गई, पर वह अभी भी मेरी चूत में अपने लंड से वार कर रहा था कुछ देर बाद मैं फिर से गर्म हो गई और उसने मुझसे कहा कि वह मेरी गांड मारना चाहता है।
मैंने उसे हां बोल दिया मुझे लगा कि गांड में दर्द नहीं होता होगा उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड में वैसलीन लगाने लगा उसकी उंगली जब मेरी गांड में वैसलीन लगा रही थी तब मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही थी।
मैं उससे कहने लगी कि इधर तो बड़ा मजा आ रहा है तुमको पहले इधर ही करना चाहिए था वह हंसा और कहने लगा- आगे भी तो मजा आया था ना मैंने कहा- हां, पर बाद में आया था।
वह कहने लगा- मैं सिर्फ वह काम करता हूँ, जिससे मजा आए इधर भी तुमको बेहद मजा आने वाला है और इसके बाद से तुम दोनों तरफ से मजा ले सकोगी मैं अंकुश की बातें सुनकर बड़ी खुश हो रही थी कि अंकुश ने मुझे कितना मजा दिया है।
वह मेरी गांड में वैसलीन लगाता रहा और उसने एक उंगली के बाद अपनी दो उंगलियां भी मेरी गांड में चलाना शुरू कर दी थीं मेरी गांड में वैसलीन भरने के बाद थोड़ी वैसलीन उसने अपने लंड पर भी लगाई और लंड को अपनी मुट्ठी से आगे पीछे करके सहलाने लगा।
उस वक्त उसका लंड बेहद सुंदर लग रहा था उसने मेरे गांड पर एक थपकी दी और कहा- चलो बेबी अब छेद को फैला कर रखना और अपनी गांड को ढीली रखना मैंने ओके कहते हुए अपनी गांड अंकुश के लौड़े के लिए खोल दी।
उसने मेरी गांड में अपना लंड सैट करके एकदम से घुसा दिया और चोदने लगा मुझे एकदम से समझ में ही नहीं आया कि ये क्या हुआ बस ऐसा लगा मानो किसी ने गर्म चाकू मेरी गांड में घुसेड़ दिया हो मैं दर्द से कलप उठी।
मुझे सच में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन वह मेरी आवाज को सुन ही नहीं रहा था उसने मुझे चोदना जारी रखा जब गांड में दर्द होना कम हुआ, तो मैं भी उसका साथ देने लगी फिर हम दोनों ने खूब चुदायी की।
वह मुझे ऐसे चोद रहा था, जैसे मैं कोई सड़क छाप रांड हूं हालांकि मुझे भी गांड मरवाने में मजा आ रहा था तो मैंने उसकी रांड बनना मान लिया था वह अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों चूचे पकड़ कर दबादब गांड मार रहा था।
उसके पैर पूरी ताकत से आगे पीछे होते हुए मेरी पिछाड़ी से टकरा रहे थे हमारी 20 मिनट की चुदायी में गजब का मजा आया अब वह झड़ने को आया और बोला- यार मेरा लंड माल गिराने वाला है, बता कहां गिराऊं।
मैंने कहा- आगे आ जा और मेरी चूत में ही गिरा दे उसने मुझे झट से पलटा और अपने लंड को चूत पर रख कर अन्दर पेल दिया मैंने भी अपनी टांगें हवा में उठा दीं और उसने मुझे चोद चोद कर अपने माल को मेरी चूत के छेद में गिरा दिया।
उसके बाद वह मुझ पर निढाल होकर लेट गया और सो गया कुछ देर बाद वह उठा और मैंने सब कुछ साफ किया मेरा काफी खून निकला था फिर मैंने उसके लिए चाय बनाई और वह चाय पीकर चला गया उसके बाद हम दोनों ने कई बार चुदायी का खेल खेला।
कभी वह मेरे घर आकर मुझे चोद जाता, तो कभी मैं उसके घर चुदाने के लिए जाती ऐसे ही लंड चूत के मिलन का सिलसिला चलता रहता एक बार तो हमारी चुदाई अंकुश के पापा ने भी देख ली।
हुआ यह था कि मैं अंकुश के घर गई थी और वह मुझे चोद रहा था, उसका लंड मेरी चूत में खेल रहा था वह अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था जहां यह खेल चल रहा था वह उसका कमरा था।
उसके कमरे में मैं नंगी करके चोदी जा रही थी मेरी चूचियां दबाई जा रही थीं उसके रूम के बिल्कुल बगल में उसके पापा का कमरा था वे रूम के सामने से जा रहे थे।
पर मैं और अंकुश चूत चुदायी में इतना ज्यादा खोये हुए थे कि किसी का भी डर नहीं था बस वह धकापेल चोदे जा रहा था उसके कमरे का तो गेट बन्द था, पर खिड़की खुली थी।
उसके पापा उसे मेरी चुदायी करते हुए खिड़की से देखने लगे और अपने लंड को सहलाने लगे हमें तो पता भी नहीं था कि कौन देख रहा कौन नहीं हम दोनों तो एक दूसरे के जिस्म में खोकर चूत लंड का किस्सा लिख रहे थे।
उसके पापा हम दोनों को चुदाई करते देखते रहे और अपने लंड को आगे पीछे करते रहे बाद में वे खिड़की के बाहर अपना माल गिरा कर चले गए फिर हम दोनों का भी रस झड़ गया था।
मैंने अपने कपड़े पहने और अंकुश को किस करके घर आ गई उसके बाद अंकुश ने अपनी खिड़की के बाहर माल गिरा देखा और समझ गया कि किसी ने हम दोनों को चुदाई करते हुए देख लिया है।
उसने मुझे तुरंत बताया कि ऐसा ऐसा हुआ है हमें किसी ने देख लिया है मैं डर गई उसने मुझसे कहा- डरो नहीं, कुछ नहीं होगा मैं हूं ना मैं भी नार्मल हो गई।
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फिर दूसरे दिन उसके पापा मेरे घर आए मैं घर पर बहुत ही छोटे कपड़े पहनती हूं उस दिन मैंने सिर्फ शॉर्ट और क्रॉप टॉप पहना था टॉप के अन्दर कुछ नहीं पहना था।
मैं उन्हें चाय देने गई तो मैंने झुक कर चाय दी उन्होंने मेरे चूचे देखे और उनका लंड उफान मारने लगा मैंने यह बात नोटिस कर ली थी मैं जान गई थी कि अब अंकुश के पापा मुझे चोदना चाहते हैं।
उन्होंने मुझे मुस्कुरा कर देखा और अपना लंड अडजस्ट करने लगे यह देख कर मैंने भी एक मुस्कान दे दी फिर आगे क्या हुआ, इस बात को मैं अगली बार बताऊंगी।
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